2 May, Didi jacche, Ashol Poriborton asche' can be heard across Bengal, says PM Narendra Modi in public rally
The development of Bengal is BJP's commitment. We will work very hard for Bengal's future: PM Modi in Kanthi
BJP's Bengal manifesto made keeping in mind the development and aspirations of people of Bengal, says PM Modi
'Didi' talking about 'Duare Sarkar' but she will be shown door on May 2: PM Narendra Modi in West Bengal
I see a sea of people everywhere I go in Bengal, the state's women will punish TMC for misgovernance, says PM Modi in Kanthi

भारत माता की... जय!

भारत माता की... जय!

नमोष्कार !!!

शक्तिपीठ, देवी बर्गाभिमा माता के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं! क्रांति की धरती मेदिनीपुर, जहां शायद ही कोई गांव हो जहां से स्वतंत्रता सेनानी ना निकला हो, ऐसी धरती को मैं आदरपूर्वक वंदन करता हूं। संथाल आंदोलन हो, चुआड़ आंदोलन हो, ताम्रलिप्त जातीय सरकार का गठन हो, हर क्रांति के समय मेदिनीपुर अग्रणी रहा है, लीडर रहा है। देशप्राण वीरेंद्र नाथ शासमल, मां मातंगिनी हाजरा, शहीद खुदीराम बोस, क्रांतिकारी हेमचन्द्र कानूनगो, सुशील कुमार धारा जैसे अनगिनत-अनेक क्रांतिवीर इस धरती ने दिए हैं। 

भाइयो और बहनो,

आजादी के लिए लड़ने वाले हर नायक-नायिकाओं को सम्मान देने के लिए पूरा देश आजादी के 75 साल, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75 साल के उत्सव में पश्चिम बंगाल का विशेष महत्व है। आजादी की लड़ाई में दिए गए हर योगदान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए, पश्चिम बंगाल बीजेपी के संकल्पों का भी अहम केंद्र है। आज जो युवा 25 साल की उमर के हैं, और वो युवा जो आज इस चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटर हैं, पहली बार अपने पवित्र मत का योगदान देने वाले हैं, उनके लिए भी ये समय बहुत अहम है। यहां के युवाओं के सामने आने वाले 25 साल के पश्चिम बंगाल के निर्माण का दायित्व है। और इसलिए, आशोल पॉरिबोर्तोन आज पश्चिम बंगाल की जरूरत है। शोनार बांग्ला का शंखनाद होता हुआ हर कोई यहां सुन रहा है। बंगाल के कोने-कोने से अब एक ही आवाज आ रही है, बंगाल के हर घर से एक ही आवाज आ रही है, बंगाल के हर मुख से एक ही आवाज आ रही है- 2 मई, दीदी जाच्छे, आशोल पॉरिबोर्तोन आस्छे!

साथियो,

दीदी आजकल मेदिनीपुर में आकर बार-बार बहाने बना रही हैं। दीदी उन बहनों, उन परिवारों को जवाब नहीं दे पाईं, जिनको पहले अम्फान ने तबाह किया और फिर तृणमूल के टोलाबाजों ने लूट लिया। यहां केंद्र सरकार ने जो राहत भेजी थी, वो भाइपो विंडो में फंस गई! दीदी, ओ दीदी, दीदी- आज पश्चिम बंगाल पूछ रहा है कि अम्फान की राहत किसने लूटी? गरीब का चावल का किसने लूटा? अम्फान के सताए लोग आज भी टूटी हुई छत के नीचे जीने को मजबूर क्यों हैं? जब जरूरत होती है, तब तो दीदी दिखती नहीं हैं, जब चुनाव आता है तो कहती हैं- सरकार दुआरे-दुआरे, सरकार दुआरे-दुआरे। यही इनका खैला है! यही इनका खैला है !  पश्चिम बंगाल, यहां का बच्चा-बच्चा,  दीदी यहां का बच्चा-बच्चा आपका ये खैला समझ गया है। इसलिए, 2 मई को पश्चिम बंगाल दीदी को दुआर दिखाएगा- लोकेरा आपनाके दोरजा देखाबे! लोकेरा आपनाके दोरजा देखाबे! दीदी, ओ दीदी!! अरे दीदी, तृणमूल के पाप का घड़ा भर चुका है। पूरणचंद्र दास, मदन घड़ाई, शेख लियाकत अली, वसुदेव माइली और गोकुलचंद्र जना, मेदिनीपुर की ऐसी अनेक संतानों को तृणमूल ने शहीद किया है। इसकी सजा भाजपा सरकार तो देगी ही, लेकिन उससे पहले पोलिंग बूथ पर हमारी माताएं-बहनें आपके कुशासन को सजा देने का तय करके बैठी हैं। आमादेर मायेरा पाये हेंटे बेरिये आशबे! माताएं-बहनें टीएमसी को इस चुनाव में सजा देने के लिए बहुत बड़ी संख्या में बाहर निकल चुकी हैं। मैं जहां देख रहा हूं, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं, मैदान छोटा पड़ गया, मैं हैलीपैड पर देख रहा था, हजारों की तादाद में लोग वहां खड़े हैं। ये तस्वीर, दीदी, आप सुनती भी नहीं हो, अगर देख सकती हो तो देख लो, ये तस्वीर इसकी गवाह है। बंगाल की स्वाभिमानी महिलाओं ने तय कर दिया है- 

टीएमसीर का खैला शेष होबे, बिकाश आरंभो होबे!! बिकाश आरंभो होबे

भाइयो और बहनो,

बंगाल का विकास, यहां के लोगों का विकास, ये बीजेपी का कमिटमेंट है। ये बीजेपी का संकल्प है। बंगाल का उज्ज्वल भविष्य, इसके लिए हम जी-जान से जुट जाएंगे, ये वादा करने मैं आया हूं। 

भाइयो और बहनो,

बांग्ला चाय शिक्खा, शिल्पो, कोर्म-सोस्थान!

बांग्ला चाय नारी शुरोक्खा!

बांग्ला चाय, कृशोक सम्मान!

बांग्ला चाय, कर्मचारी सम्मान !

बांग्ला चाय, बीजेपी सरकार!

बांग्लाय दोरकार, बीजेपी सोरकार!

बीजेपी का संकल्प, बंगाल के गरीब से गरीब तक, हर क्षेत्र तक विकास पहुंचाने का संकल्प है। बीजेपी, हर स्कीम को स्कैम से मुक्त करेगी। कट, कमीशन पर रोक लगाएगी। बीजेपी, लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधा लाभ देने के लिए, डीबीटी देने के लिए कदम उठाएगी। कोई बिचौलिया नहीं, कोई तोलाबाज नहीं।

साथियो,

ये बीजेपी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड है कि उसकी हर योजना के केंद्र में नारीशक्ति है- माताएं, बहनें-बेटियां हैं। बीजेपी की केंद्र सरकार ने बहनों के लिए शौचालय-इज्जतघर बनवाए, बीजेपी की सरकार ने बिजली का कनेक्शन दिया, एलपीजी गैस कनेक्शन दिया, पक्के घर की रजिस्ट्री बहनों के नाम की। कोरोना काल में सैकड़ों करोड़ रुपए की सीधी मदद बहनों के जनधन खातों में पहुंचाई। अब बीजेपी की केंद्र सरकार पूरे देश में बहनों की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए घर-घर जल पहुंचाने की योजना चला रही है। लेकिन तृणमूल की सरकार ने यहां ये भी नहीं होने दिया। टीएमसी सरकार को आपकी परेशानियों की चिंता नहीं है, आपकी मुश्किलों की चिंता नहीं है।

साथियो, 

बहनों-बेटियों के लिए जो काम केंद्र की भाजपा सरकार कर रही है, उसको डबल इंजन की सरकार कई गुणा बढ़ाने वाली है। बंगाल में बीजेपी का संकल्प पत्र भी सामने आ चुका है। मैं बंगाल बीजेपी के सभी नेताओं, बंगाल बीजेपी की टीम को इसके लिए बधाई देता हूं। उन्होंने जो संकल्प पत्र बनाया है, जनता की आवाज को सुनकर के बनाया है, लोगों की मुसीबतों को समझकर के बनाया है, बंगाल के उज्ज्वल भविष्य के लिए बनाया है। बंगाल के लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए, यहां के नौजवानों, यहां की महिलाओं, यहां के किसानों के विकास को ध्यान में रखते हुए ये संकल्प पत्र बंगाल बीजेपी ने तैयार किया है।

भाइयो और बहनो,

मेदिनीपुर, भारत की कृषि आत्मनिर्भरता का भी बहुत बड़ा केंद्र है। खेती में फसलों को लेकर यहां नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। यहां अनेक जगह हमारे किसान Prawn Farming में जुटे हैं। लेकिन दीदी की सरकार ने यहां के किसानों को आधुनिक मंडी की सुविधा, कोल्ड स्टोरेज की सुविधा, फूड प्रोसेसिंग उद्योगों की सुविधा से वंचित रखा है। अब ये स्थिति नहीं रहेगी। भाजपा लोकल के लिए वोकल है। लोकल के लिए वोकल- ये हमारा कमिटमेंट है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत हर जिले के अहम उत्पादों को विकसित करने के लिए काम कर रही है।

यहां के काजू किसान हों, पान किसान हों, जूट किसान हों, आलू और नारियल किसान हों, हर किसी को आत्मनिर्भर भारत अभियान का लाभ मिलेगा। जूट किसानों के लिए तो केंद्र सरकार निरंतर कदम उठा रही है। हमने जो सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में एक के बाद एक कदम उठाए, इसका सीधा लाभ जूट किसान को होने वाला है। जूट किसान का जयजयकार हिन्दुस्तान के हर कोने में होने वाला है। गेहूं की पैकेजिंग शत-प्रतिशत जूट से हो रही है। प्लास्टिक की पैकेजिंग की जगह अब जूट के पैकेट देश में उपयोग हो रहे हैं। 

भाइयो और बहनो, 

बंगाल का किसान भूल नहीं सकता कि कैसे दीदी ने उसके साथ निर्ममता दिखाई है। दीदी ने आपको पीएम किसान सम्मान निधि से वंचित रखा। ये पैसे टीएमसी सरकार को नहीं देने थे। ये पैसे दिल्ली से भारत सरकार किसानों के खातों में जमा करना चाहती थी, लेकिन दीदी किसानों से दुश्मनी लेकर बैठ गई। किसानों के खाते में भारत सरकार के पैसे नहीं जाने दिए। भाइयो-बहनो, बंगाल के किसान, ये मोदी के शब्द लिखकर रखिए, 2 मई को, बंगाल के विकास के बीच आ रही दीवारें टूट जाएंगी। बीजेपी की सरकार बनेगी, और यहां के किसानों के हक के 3 साल के पैसे भी उन खातों में जमा करके रहूंगा मैं। सरकार बनते ही बंगाल के हर किसान के खाते में पिछले तीन साल के जो पैसे दीदी ने जो नहीं देने दिया, मैं आपको देकर रहूंगा, भाइयो-बहनो, मैं वादा पूरा करके रहूंगा। भूमिहीन किसानों, मछुआरे साथियों के लिए भी बंगाल बीजेपी ने हजापों रुपए की सीधी सहायता तय की है। यही डबल इंजन की सरकार की ताकत है, जो अब बंगाल में दिखेगी भाइयो और बहनो। 

भाइयो और बहनो,

पश्चिम बंगाल की तटीय अर्थव्यवस्था को तृणमूल की तोलाबाज और सिंडिकेट की सरकार ने बर्बाद कर दिया है। हल्दिया की क्या स्थिति बनाकर रख दी है, ये आप बेहतर तरीके से जानते हैं। कहां तो मेदिनीपुर को हल्दिया की तर्ज पर विकसित करना था और कहां हल्दिया के गौरव को सिंडिकेट ने तहस-नहस कर दिया। अब इस समुद्री किनारे को, हमारे मछुआरों को कट, कमीशन और टोलाबाजी के कल्चर से मुक्त करने का समय आ गया है। आपके एक वोट की ताकत है के ये कट-कल्चर, ये कमीशन-कल्चर, ये टोलाबाजी रातों-रात खत्म हो जाएगी। आत्मनिर्भर भारत के लिए भाजपा ब्लू इकॉनॉमी पर बल दे रही है। ऐसा विकास जिसमें समुद्री किनारे बसे, हर परिवार की, हर मछुआरे साथी की भागीदारी हो। इसी सिलसिले में कुछ दिन पहले ही हल्दिया पोर्ट के विकास के लिए अनेक परियोजनाएं शुरू की गई थीं। भाजपा की डबल इंजन की सरकार हल्दिया को नदी जलमार्गों से कनेक्ट कर रही है। पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के स्टील प्लांट्स और अन्य उद्योगों के लिए जो आयात और निर्यात होगा, उसका हल्दिया अहम सेंटर बनने वाला है। सिर्फ हल्दिया ही नहीं, बल्कि डबल इंजन की सरकार इस पूरे क्षेत्र को, मेदिनीपुर को पोर्ट लेड डेवलपमेंट के लाभ से जोड़ रही है। केंद्र सरकार पेटुआघाट फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण के लिए भी कदम उठा रही है। ये सारे प्रयास यहां के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर बनाएंगे।

भाइयो और बहनो, 

आपके पास जो ये विस्तृत समुद्री किनारा है, इसमें टूरिज्म आधारित रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। यहां तीर्थाटन से लेकर क्रूज टूरिज्म तक की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। आपके पास दीघा बीच जैसी एक अनमोल प्राकृतिक विरासत है, बहुत बड़ी ताकत है। केंद्र सरकार अलग-अलग सर्किट के माध्यम से देश में टूरिज्म को प्रमोट कर रही है। अब डबल इंजन की सरकार पश्चिम बंगाल में बनेगी, और इसका लाभ मेदिनीपुर को भी होने वाला है, यहां के हर परिवार को होने वाला है, हर मछुआरे को होने वाला है, हर किसान को होने वाला है, हर माता-बहन को होने वाला है, हर नौजवान को होने वाला है।  

भाइयो और बहनो,

जिस बंगाल ने पूरे भारत को बंदे मातरम की भावना में बांधा है, उस बंगाल में ममता दीदी बोहिरागोतो की बात कर रही हैं। एइ भूमी बोंकीम बाबूर, रोबी ठाकूरेर, शुभाश बोशेर, मातोंगिनी हाजरार, श्यामाप्रोशाद मुखार्जीर बोंगो-भूमी आर भारोत-भूमी। 

आमरा शोबाइ एइ भारोत-भूमीर शोन्तान।

एइ भूमीते कोनो भारोतबाशी बोहिरागोतो नोय।

बोलून भारत माता की... जय!

बंदे...मातरम!

दीदी,  ओ दीदी, एखाने कोनो भारोतबाशी बोहिरागोतो नोय। शोब भारोत-मातार शोन्तान। साथियो, जिस बंगाल से गुरुदेव ने हर भारतवासी को एक माला में पिरोया और इसी धरती से गुरुदेव ने कहा और जो हम रोज कहते हैं-

पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग

विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग

उस बंगाल में, गुरुदेव की धरती से, उस बंगाल में दीदी बोहिरागोतो की बात कर रही हैं। टूरिस्ट कहा जा रहा है, मजाक उड़ाया जा रहा है, अपमान किया जा रहा है। दीदी, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की बंग-भूमि के लोग किसी को, ये गुरुदेव की मिट्टी की आवाज है, किसी को बोहिरागोतो नहीं मानते। बंगाल में बीजेपी की जो राज्य सरकार आप बनाने जा रहे हैं, उसमें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी इसी मिट्टी के संतान की होगी, यही बंगाल की भूमि से होगी।  

साथियो,

लोकतंत्र में हार-जीत जनता के लिए किए गए सेवा कार्यों से तय होती है। आप सभी ने ममता दीदी को 10 साल काम करने का मौका दिया। आपके बीच आकर ममता  दीदी की जिम्मेवारी थी, वो आकर के 10 साल के काम का हिसाब दें, पल-पल का हिसाब दें, पाई-पाई का हिसाब दें। ये चुनाव में उनकी जिम्मेवारी है। लेकिन दीदी आपको हिसाब नहीं दे रही हैं, इतना ही नहीं अगर कोई हिसाब मांगे तो उसको गालियां दे रही हैं, उन पर गुस्सा कर रही हैं। अरे, जरा अपने पड़ोस में देखिए। असम में भी चुनाव चल रहा है। असम में एनडीए की सरकार है। इन 5 वर्षों में वहां तेजी से विकास के काम हुए हैं। पहले असम से लगातार हिंसा की खबरें आती थीं, तनाव की खबरें आती थीं। इन 5 वर्षों में असम में शांति आई है, स्थिरता आई है। जिन्होंने अलगाववाद का रास्ता चुना था, वो मुख्यधारा में लौट आए हैं। जबकि दीदी के राज में यहां हिंसा, बम, बंदूक उसी के  धमाके सुनाई दे रहे हैं। उसी की खबरें आती हैं। पूरे-पूरे घर उड़ जाते हैं धमाकों से घर के घर, छत की छत उड़ रही है और दीदी की सरकार सिर्फ देख रही है। इस स्थिति को हमें मिलकर बदलना होगा।

बंगाल को शांति चाहिए, बंगाल को स्थिरता चाहिए, बंगाल को बम-बंदूकों और हिंसा से मुक्ति चाहिए। और ये काम, ये काम सिर्फ बीजेपी कर सकती है। और बीजीपी कर के दिखाएगी।  दीदी, ओ दीदी, मुझे बार-बार इसलिए कहना पड़ता है कि वो सुनती नहीं हैं किसी की। दीदी, ओ दीदी-   

आपनी खैला खेलेन, आपनी खैला खेलेन, आमरा शेबा कॉरबो, आमरा शेबा कॉरबो

खैला नॉय, शेबा हौबे,

बीजेपीर एकटाई मॉन्त्रो - गरीबेर रोजगार, गरीबेर बाड़ी, गरीबेर शॉम्मान!

साथियो,

दीदी इस बात से बौखलाई हुई हैं कि बंगाल के लोग उनका खैला समझ गए हैं। इसलिए, तृणमूल वाले आजकल झूठ और प्रपंच पर उतर आए हैं। आप भी यहां देख रहे हैं कैसे नंदीग्राम को बदनाम करने के लिए एक के बाद एक झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं, झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। दीदी, आपको नंदीग्राम ने बहुत कुछ दिया, मान दिया, सम्मान दिया। अब आप नंदीग्राम के लोगों को बदनाम कर रही हो, नंदीग्राम के लोगों पर झूठे आरोप लगा रही हो, आप नंदीग्राम के लोगों को पूरे हिन्दुस्तान भर में बदनाम कर रही हो, ये नंदीग्राम के लोग, दीदी ये नंदीग्राम के लोग ये अपमान नहीं सहेंगे और दीदी  तुम्हारा जवाब मांगेंगे। नंदीग्राम के स्वाभिमानी लोग, आपको इस अपमान की सजा देंगे और इस चुनाव में जरूर देंगे।

भाइयो और बहनो,

तृणमूल का सरोकार है- कट, कमीशन, तोलाबाजी और सिंडिकेट के ओंधोकार से!

तृणमूल का सरोकार है-  अराजकता का ओंधोकार से!

तृणमूल का सरोकार है- हिंसा और अत्याचार के ओंधोकार से!

दीदी की सरकार ने ओंधोकार दिया, डबल इंजन की भाजपा सरकार शोनार बांग्ला देगी ! 

हमारा सपना- शोनार बांग्ला !

हमारा संकल्प- शोनार बांग्ला !

हमारा सिद्धांत- शोनार बांग्ला !

और इसलिए बार-बार बीजेपी सरकार  !

इसलिए इस बार भी बीजेपी सरकार, इस बार जोर से छाप, कमल छाप!

जोर से छाप, कमल छाप !  

आप यहां भारी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए, मैं आपका बहुत आभारी हूं। और मैं देख सकता हूं आपकी आंखों में, 2 मई का चुनाव नतीजा आपकी आंखों में नजर आ रहा है। भाइयो-बहनो, मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की... जय!!

भारत माता की... जय!!

बहुत-बहुत धन्यवाद!!

 

Explore More
৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

জনপ্রিয় ভাষণ

৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।