বিজেপি কৃষকদের জন্য ১০০০ ফার্মার প্রোডিউসার অর্গানাইজেশন (এফপিও) গঠনের সিদ্ধান্ত নিয়েছে: প্রধানমন্ত্রী
কেন্দ্র সরকার কৃষি পরিকাঠামোর জন্য ১ লক্ষ কোটি টাকার তহবিল গঠনের সিদ্ধান্ত নিয়েছে: প্রধানমন্ত্রী
একদিকে এনডিএ গণতন্ত্রের প্রতি বদ্ধপরিকর, অন্যদিকে ব্যক্তিগত সুবিধার্থে 'পরিবার তন্ত্র গঠবন্ধন': প্রধানমন্ত্রী মোদী

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
महाकवि विद्यापति के मुक्ति स्थल, जननायक कर्पूरी ठाकुर के कर्मस्थल, गलवान घाटी के शहीद अमन कुमार सिंह के पावन भूमि पर हम अहं सबके प्रणाम करई छी !

बिहार के मुख्यमंत्री, मेरे मित्र और बिहार के भावी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी गिरिराज सिंह जी, नित्यानंद राय जी, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्रीमान विजय कुमार चौधरी जी, संसद में हमारे साथी श्रीमान मारनाथ ठाकुर जी, विधानपरिषद और मंत्रि भाई संजय झा जी, एनडीए के सभी नेतागण, प्रतिनिधिगण, सभी मेरे उम्मीदवार भाइयो-बहनो, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो,

यहां खगड़िया, बेगुसराय और दूसरे जिलों से भी अनेक साथी हमें आशीर्वाद देने पहुंचे हैं। हजारों साथी दूर-दूर ऑनलाइन टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस जनसभा से जुड़े हैं।
आप सभी को भी मेरा प्रणाम !

कोरोना की बंदिशों के बीच भी इतनी भारी संख्या में आपका आना, आपका ये जोश, आपका ये उत्साह, बता रहा है कि 10 नवंबर को क्या होने वाला है। जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है, मुझे लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। हर कोने में विजय का विश्वास है, उमंग है, उत्साह है। बिहार के उज्जवल भविष्य का संकल्प मैं देख रहा हूं।

जो प्रथम राउंड के चुनाव हुए, बड़े-बड़े पॉलीटिकल पंडितों ने घोषणाएं की थीं कि मतदान नहीं होगा, बहुत कम होगा लेकिन बड़े-बड़े पंडितों का बातों को बिहार के नागरिकों ने गलत सिद्ध कर दिया, बिहार बधाई का पात्र है।

उसी प्रकार से कुछ पत्रकार मित्रों से बात हुई, कुछ पॉलीटिकल पंडितों से बात हुई, धरती पर काम करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं से बात की और जो बड़े सटीक तरीके से सर्वेक्षण करते हैं उनसे बात की। पहले राउंड में जो मतदान हुआ है, चारों तरफ से एक ही संदेश आ रहा है कि प्रथम राउंड में एनडीए ने बाजी मार ली है। जनता ने भरपूर आशीर्वाद बरसाए हैं। 
भाइयो और बहनो, जनता के इस विश्वास के लिए, उनके आशीर्वाद के लिए हम सब की तरफ से मैं बिहार की जनता का प्रथम राउंड में मतदान करने वाले सभी जागरूक भाइयो-बहनो का आज हृदय से धन्यवाद करता हूं, उनका आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयो और बहनो, आज अगर हर आकलन, हर सर्वे, NDA की जीत का दावा कर रहा है तो उसके पीछे ठोस और मजबूत कारण हैं।
आज एनडीए की फिर से सरकार वो हमारी माताएं- बहनें बना रही हैं, जिनको हमारी सरकार ने, नितीश बाबू की सरकार ने सुविधाओं से जोड़ा है, अवसरों से जोड़ा है।
वो बेटियां जो आज बिना किसी डर से पढ़ाई कर रही हैं, अपने सपनों को पूरा कर रही हैं, वो बेटियां आज NDA में बढ़ चढ़ कर के साथ दे रही हैं। 
वो जीविका दीदियां, जो आज आत्मनिर्भर परिवार और आत्मनिर्भर बिहार की प्रेरणा बन रही हैं, वो NDA को ताकत दे रही हैं।

घर-घर, स्कूल-स्कूल बने शौचालयों ने जिन बहनों-बेटियों को गरिमा दी, अंधेरे के इंतजार से मुक्ति दी, वो हमारी बहनें NDA की सरकार दोबारा बना रही हैं।
जिन बहनों को पीने के पानी के संघर्ष से मुक्ति मिली वो NDA के पक्ष में वोट डालने के लिए उत्साहित हैं।
जीवन भर धुएं में उलझती उन बहनों का वोट अब धुएं से मुक्ति मिली है, उनका वोट NDA के लिए है, जिनके घर में उज्जवला का सिलेंडर पहुंच चुका है।

साथियो, बिहार के बेटे-बेटियां, जिन्हें आज मुद्रा लोन मिल रहा है, बैंकों ने जिनके लिए दरवाजे खोल दिए हैं, जिन्हें IIT-IIM-एम्स मिल रहा है, वो आज अपने उज्जवल भविष्य के लिए NDA पर भरोसा कर रहे हैं।
बिहार का मध्यम वर्ग, जिसकी Ease of Living बढ़ी है, नए हाईवे, नए रेल रूट बनने से जिसकी सहूलियत बढ़ी है, जिसके घर की EMI कम हुई है, जिसे शांति का माहौल मिला है, वो आज बढ़चढ़ कर के NDA का झंडा लेकर के दौड़ रहे हैं।

साथियो, जिसको आज अपना पक्का घर मिल रहा है, आयुष्मान भारत योजना से मुफ्त इलाज मिल रहा है, दीवाली और छठी मइया की पूजा तक जिनको मुफ्त राशन मिल रहा है, जो कभी जरूरी सुविधाओं के लिए भटकने पर मजबूर थे, आज जिनके पास सरकार खुद पहुंच रही है, बिहार का ऐसा एक-एक परिवार, हर कोई परिवार आज NDA की जीत का आधार बन रहा है।

साथियो, NDA सरकार ने आज समाज के उस वर्ग के सपनों को, उसकी आकांक्षाओं को नई उड़ान दी है, जो कभी वंचित था, जो दशकों से मूलभूत सुविधाओं का इंतजार कर रहा था। क्या गरीब से गरीब भी कभी सोच सकता था कि उसके पास मोबाइल फोन पहुंचेगा, बैंक में खाता होगा, बैंक से कभी उसको लोन मिलेगा?
क्या किसान कभी सोच सकता था कि उसके बैंक खाते में भी कभी नियमित रूप से सरकार पैसे जमा करेगी?

किसान हो, खेत मजदूर हो, श्रमिक हो, छोटा दुकानदार हो, इन सबने क्या कभी सोचा था कि उनको 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा मिलेगी? वो बुढ़ापा सम्मानपूर्वक जी पाएगा। ये सबकुछ आज हो चुका है और NDA सरकार ने ये कर के दिखाया है।
साथियो, बिहार ने पूरा हिंदुस्तान भी गर्व से कह रहा है और हर बिहारी तो गर्व से कहने का हकदार है, वो बात क्या है? बिहार ने, यही वो पवित्र धरती है जिसने पूरे विश्व को, मानव जाति को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है। इसी बिहार की पवित्र धरती से ही दुनिया में लोकतंत्र की कोपल निकली थी।

जब जनता के हित में फैसले होते हैं, जब फैसलों में जनता की सहभागिता होती है, तभी लोकतंत्र भी मजबूत होता है। आज देश में, देश का चित्र देखिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक जरा नजर दौड़ाइए, आज देश में एक तरफ लोकतंत्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित, एनडीए का गठबंधन है। वहीं दूसरी तरफ अपने निहित स्वार्थ को, अपने परिवार के स्वार्थ को, सिर्फ उन्हीं कामों को समर्पित पारिवारिक गठबंधन हैं।

आप सोचिए, एक तरफ लोकतंत्र का गठबंधन दूसरी तरफ परिवार तंत्र का गठबंधन। यहां जंगलराज के युवराज को तो आप बराबर देख रहे हो। कांग्रेस पार्टी का दायरा भी धीरे-धीरे सिकुड़ कर अब सिर्फ अपने परिवार तक ही सीमित होकर रह गया है।

मेरे भाइयो-बहनो, एक सवाल पूछता हूं, जबाव देंगे आप?

सरदार वल्लभ भाई पटेल इस देश के महान देशभक्त नेता थे कि नहीं थे। सरदार साहब ने देश को एक किया कि नहीं किया। सरदार साहब देश के लिए जिए कि नहीं जिए। सरदार साहब ने पूरा जीवन देश के लिए लगाया कि नहीं लगाया। सरदार साहब कांग्रेस पार्टी के थे कि नहीं थे। फिर भी कांग्रेस पार्टी एक परिवार मे ऐसी सिमट गई है कि कल सरदार साहब जैसे महापुरुष की जन्म जयंती थी, लेकिन इस परिवार ने, उन्हीं के कांग्रेस के नेता रहे देश के महापुरुष सरदार साहब को स्मरण करने में भी उनके पेट में चूहे दौड़ने लगे। सरदार साहब न भाजपा के थे, न आरएसएस के थे, न जनसंघ के थे, लेकिन वो मां के लाल थे, मां भारती के लाल थे, उनका गौरवगान करना 130 करोड़ देशवासियों का कर्तव्य बनता है।

साथियो, सिर्फ अपने-अपने परिवार के लिए काम कर रही इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया? बड़े-बड़े बंगले बने, महल बने, किसके बने सिर्फ और सिर्फ ये परिवार पार्टियों के मुखियाओं के बने। बड़ी-बड़ी करोड़ों की गाड़ियां आईं, गाड़ियों को काफिला बना, गाड़ियां पार्क करने की जगह नहीं बची उनके घरों में, उनका बना। सिर्फ अपने परिवार के लोगों को हर बार टिकट दिया, क्या नीतीश भाई के कोई भाई राज्यसभा में पहुंचे हैं क्या, उनका कोई बेटा-बेटी पहुंचे हैं क्या, उनके चाचा-मामा पहुंचे हैं क्या।

लोक तंत्र के लिए काम करने वाले लोग जनता को अवसर देते हैं। क्या मोदी का कहीं कोई रिश्तेदार पहुंचा है क्या भाई, आपने कहीं देखा है क्या? क्योंकि हम आपके लिए जिंदा हैं, आपके लिए जान लगाते हैं। हम, हमारे लिए पैदा नहीं हुए हैं। इन परिवार में तो पता ही होता है, जहां-जहां इन परिवार वाले सरकारों में बैठे हैं वो करते क्या हैं, अगर तीन बेटे हैं तो उससे कहते हैं कि ये पांच जिले तेरा, ये पांच जिले तेरे, जाओ मौज करो। ऐसे ही बांट देते हैं, जैसे पर्सनल प्रॉपर्टी हो। वो ही उन पांच जिलों का एक बेटा मालिक हो जाता है। दूसरे पांच जिलों का दूसरा हो जाता है। कभी दामाद आवाज उठाए तो उसको दो जिले दे देते हैं। कभी बेटी आवाज उठाए तो उसके एक जिला दे देते हैं।

राज्यसभा भेजों तो उन्हीं परिवार के, असेंबली में भेजो तो एक ही परिवार तो फिर आपके बच्चे कहां जाएंगे। आपके लिए निर्णय कौन करेगा। इन लोगों को आपकी चिंता नहीं, आपके क्षेत्र की चिंता नहीं, सिर्फ अपने विकास की चिंता है।

भाइयो और बहनो, वहीं, NDA का मंत्र है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। एनडीए सरकार का निरंतर ये प्रयास रहा है कि कोई व्यक्ति, कोई भी क्षेत्र विकास के लाभ से छूट ना जाए। सुविधा, सम्मान और सुअवसर में किसी के साथ भी कोई भेद नहीं होना चाहिए। यही तो सुशासन का भी लक्ष्य है।
नीतीश जी के नेतृत्व में इसी लक्ष्य को पाने के लिए बिहार में एनडीए ने लगातार काम किया है।

आत्मनिर्भर बिहार का जो संकल्प लिया गया है, ये इसी सुशासन का, युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर दिलाने का यही तो रोडमैप है। ये बिहार के गांव-गांव के सामर्थ्य को देश का सामर्थ्य बनाने का अभियान है। ये बिहार की औद्योगिक क्षमता, यहां के युवाओं की उद्यमशीलता को पंख लगाने का मिशन है।

भाइयो और बहनो, आज समस्तीपुर हो, बेगुसराय हो, खगड़िया हो, ये पूरा क्षेत्र आत्मनिर्भरता के इसी संकल्प का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
पीएम पैकेज के तहत आज यहां ग्रामीण सड़कों, नेशनल हाईवे और रेलवे से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष काम किया जा रहा है।
आने वाले समय में ये क्षेत्र रेलवे से जुड़ी सुविधाओं और रेलवे निर्माण में आत्मनिर्भरता के हमारे मिशन का भी बड़ा अहम केंद्र बने, इसके लिए काम चल रहा है। 
साथियो, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी, यमुना कारजी और स्वामी सहजानंद सरस्वती जैसे विजनरी सपूतों ने जो सपना इस क्षेत्र के लिए देखा था वो आज साकार हो रहा है। यहां ‘केवल’ है, ‘शिवारा’ है, ‘बाबा निरंजन’ का स्थान है।

सभी के आशीर्वाद से कृषि, पशुपालन, मछलीपालन से जुड़ी रिसर्च का एक बड़ा सेंटर समस्तीपुर बन चुका है। पूसा यूनिवर्सिटी अब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद यूनिवर्सिटी बनने के साथ-साथ सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी बन गई है। 
इस क्षेत्र में मछली पालन- मत्स्य संपदा, इस योजना से जुड़ा बड़ा केंद्र भी अब खुल चुका है। एक प्रकार से कृषि आधारित उद्योगों, स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए जो जरूरी विशेषज्ञता चाहिए उसमें समस्तीपुर की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है।

भाइयो और बहनो, यहां का आलू, यहां का मक्का, ऐसे तमाम उत्पादों से जुड़े उद्योगों के लिए यहां अनेक अवसर हैं।
हाल में जो कृषि सुधार किए गए हैं, उनसे अब आलू, मक्का और दूसरी फसलों से जुड़े किसानों को भी बहुत लाभ होगा।
अब चिप्स, पॉपकॉर्न, पोल्ट्री फीड, फल-सब्जी से जुड़े फूड प्रोसेसिंग उदयोगों के लिए रास्ता आसान हुआ है।

बिहार भाजपा ने इसके लिए किसानों के 1000 एफपीओज बनाने का भी संकल्प लिया है। वहीं केंद्र सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपए का नया फंड बनाया है। किसानों के काम के लिए। इससे यहां के किसानों, मछुवारों, पशुपालकों को भी बहुत लाभ होगा।

लेकिन साथियो, जिनकी नीयत खराब हो, 
जिनकी नीति सिर्फ गरीबों का धन लूटने की हो, 
जो निर्णय सिर्फ अपने स्वार्थ को ध्यान में रखते हुए लेते हों, वो ऐसे हर प्रयास का विरोध ही करेंगे।

आज देश में कृषि क्षेत्र हो या देश की सुरक्षा से जुड़े काम, ये हर बात का विरोध कर रहे हैं। आज देश के गरीब को एहसास है कि एनडीए सरकार ने उसके लिए जितनी योजनाएं शुरू कीं, उसका कितना बड़ा लाभ उन्हें मिला है। लेकिन स्वच्छ भारत हो, जन-धन हो, आयुष्मान हो, हर योजना का इन लोगों ने डगर-डगर पर विरोध किया है, मजाक उड़ाया। 
इन्हें गरीब की तकलीफों से, उसकी परेशानी से, उसकी मुसीबतों से कोई फर्क नहीं पड़ता। बस फोटो खिंचवाने के लिए सोचते रहते हैं और कोई लेना-देना नहीं। इन्हें गरीब सिर्फ चुनाव में याद आते हैं। जब चुनाव आते हैं तो माला जपना शुरू कर देते हैं, गरीब-गरीब-गरीब-गरीब-गरीब … यही करते रहते हैं। चुनाव पूरा हुआ तो बस अपने परिवार का कुनबा लेकर बैठ जाते हैं।

भाइयो और बहनो, याद रखिए, जब कोरोना का संकट सबसे ज्यादा था, जब पूरा बिहार कोरोना से लड़ रहा था, तब ये लोग कहां थे? इन्हें आपके विकास से नहीं, सिर्फ अपने विकास से लेना-देना है। यही इनकी सच्चाई है, यही इनका इतिहास है, यही इनका तौर-तरीका है, यही इनकी ट्रेनिंग है। इससे बाहर सोच ही नहीं सकते।

साथियो, ये लोग न बिहार की अपेक्षाओं को समझते हैं और न ही बिहार की आकांक्षाओं को। केंद्र सरकार और बिहार सरकार जो हजारों करोड़ रुपए बिहार पर निवेश कर रही है, उससे यहां के नौजवानों के लिए नए अवसर भी बन रहे हैं। रोजगार बढ़ाने के लिए उद्योग भी ज़रूरी हैं, आधुनिकीकरण भी जरूरी है।
ये तब होगा जब बिहार में प्रगतिशील, लोकतांत्रिक स्थिर सरकार रहेगी, बिहार में निवेश आएगा। ये तब होगा जब बिहार में निवेश के लिए उचित माहौल होगा।

अब आप मुझे बताइए, जंगलराज की विरासत, जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं क्या? 
जो वामपंथी, नक्सलवाद को हवा देते हैं, जिनका उद्योगों और फैक्ट्रियों को बंद कराने का इतिहास रहा है, क्या वो निवेश का माहौल बना सकते हैं क्या?

साथियो, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी इमरजेंसी के दिनों के बाद जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था। और बड़ा सटीक इंटरव्यू था, एक दूरदर्शी नेता, जो देश के लिए सोचता है, गरीब के लिए सोचता है, बिहार के लिए सोचता है उस समय मुख्यमंत्री थे, सत्ता की गाड़ी पर बैठे हुए थे, लेकिन कर्पूरी साहब ने क्या इंटरव्यू दिया था।

इंटरव्यू में कर्पूरी ठाकुर ने कहा था- सत्ता के आसपास अवसरवादियों को शरण या तरजीह बिल्कुल नहीं मिलनी चाहिए। वर्ना वो मुझे नहीं तो मेरे बेटे या संबंधियों को भ्रष्ट करेंगे।
ये कर्पूरी ठाकुर जी ने कहा था...कर्पूरी ठाकुर जी के बाद, बिहार के लोगों ने इस बात को 100 फीसदी सच होते देखा, डेढ़ दशक तक देखा था।
कर्पूरी ठाकुर जी की ये बात जंगलराज वालों ने सुनी होती, कर्पूरी ठाकुर की बात को समझी होती, तो बिहार के हालात इतने नहीं बिगड़ते।
जंगलराज वालों ने बिहार में भ्रष्टाचार को हर मंत्रालय, हर विभाग, हर जगह परिवार को भी पहुंचाया, पाप को भी पहुंचाया, भ्रष्टाचार को भी पहुंचाया।

भाइयो और बहनो, यहां इस सभा में, बेगूसराय के काफी लोग भी जुड़े हुए हैं। बेगुसराय को बिहार की औद्योगिक राजधानी तक कहा जाता है। बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री बाबू ने कितने बड़े सपनों के साथ यहां काम किया था। लेकिन जंगलराज, अराजकता और नक्सली मानसिकता वालों ने बिहार को क्या कर दिया?
बरौनी का खाद कारखाना, ये अपने आप बंद नहीं हुआ था। ये उनकी गलत नीतियों के कारण बंद हुआ था, जो आज बड़ी-बड़ी बातें करके लोक लुभावनी कर रहे हैं।
आज आपके आशीर्वाद से बरौनी के खाद कारखाने को भी नया जीवन मिल रहा है और दूसरे नए कारखानों के लिए रास्ते बन रहे हैं।

बरौनी रिफाइनरी के विस्तारीकरण, इससे यहां अन्य उदयोगों को भी बल मिलेगा, सैकड़ों नए रोज़गार मिलेंगे। 
भाइयो और बहनो, विकास के ये सारे काम इसलिए हो पा रहे हैं, क्योंकि एनडीए सरकार ने इस क्षेत्र को सबसे बड़ी गैस पाइपलाइन से भी जोड़ दिया है। जंगलराज और सुशासन-स्वराज का यही तो फर्क है जो बिहार का एक-एक नागरिक और युवा भली-भांति जानते हैं।

इसलिए वो बिहार को फिर बीमार नहीं पड़ने देंगे। NDA यानि भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी, VIP पार्टी, के सभी उम्मीदवारों को पड़ा आपका हर वोट बिहार को फिर बीमार होने से बचाएगा।
मेरे बिहार के भाइयो-बहनो, मैं एक छोटी सी अपने घर की बात बताता हूं, हर परिवार की बात बताता हूं और उससे आप समझ जाएंगे कि हमें सोचना कैसे चाहिए। आप मुझे बताइए, जीवन में कभी कोई अच्छी चीज दिखने में बड़ी अच्छी हो, स्वादिष्ट लगती हो और मन कर जाए कि यो तो बढ़िया है चलो आज खा लें और मानो खाया और खाने के बाद रात में पेट में दर्द होना शुरू हो गया। दस्त हो गए, वॉमिटिंग शुरू हो गया, बीपी ऊपर-नीचे होने लग गया, परिवार के सबका पसीना छूट गया, डर लगने लगा पता नहीं क्या हो गया, अगर कुछ खाने से ऐसी बीमारी आ गई, मुझे बताइए जिंदगी में दोबारा कभी भी 10, 20, 30, साल के बाद कितना भी मन कर जाए, उस चीज को कोई फिर से खाएगा क्या? देखते ही लगेगा उसने तो मेरा उस दिन सब बर्बाद कर दिया था इससे दूर रहो।

मेरे भाइयो-बहनो, जिन्होंने बिहार को बीमार बना दिया था, क्या उनको फिर से ला सकते हैं क्या। आपमें से कोई बिहार को बीमार देखना चाहता है क्या, बिहार को बीमार बनने देना चाहता है क्या? फिर जो बीमारी लाते हैं उनको आने देना चाहिए क्या। और इसलिए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, मैं आज बड़े आत्मविश्वास के साथ, पूरे समर्पण भाव के साथ मेरे बिहार के भाइयो-बहनो से हमारे सभी साथियों के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। पहले चरण में जो आशीर्वाद दिए हैं वो सिलसिला बढ़ते चला जाना चाहिए। 
मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।