एक तरफ श्री अमरनाथ यात्रा चल रही है, बड़ा पवित्र माहौल है दूसरी तरफ रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और तीसरी तरफ आज माता वैष्णों देवी के चरणों में भारत भर से भक्तों को लाने की सुविधा प्रदान करने का एक मंगल प्रारंभ हो रहा है। एक प्रकार से सब ओरएक पवित्रता का माहौल हैऔर पवित्रता के माहौल में इस मंगल कार्य का आरंभ हो रहा है। प्रदेश के माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले करोड़ों-करोड़ों भक्तों को शुभकामनाएं देता हूँ और आज ये सुविधा सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए सुविधा नहीं है और न ही यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर को भेंट है, यह भेंट पूरे हिन्दुस्तान को है,सवा सौ करोड़ देशवासियों को है जो जम्मू-कश्मीर आने के लिए लालायित रहते हैं, जो माता वैष्णों देवी के चरणों में आने के लिए आतुर रहते हैं। ऐसे कोटि-कोटिजनों के लिए ये सुविधा है और उनके चरणों में ये समर्पित करते हुए मैं गर्व महसूस कर रहा हूँ और उनको मंगल कामनाएं देता हूँ। ये रेल सुविधा आज प्रारंभ हो रही है।
मैंने रेल मंत्री को सुझाया था किदिल्ली से कटरा तक की जो सुविधा है और आगे चलकर और स्थानों से भी जुड़करकेदेश के भिन्न-भिन्न कोने से यात्रियों को कटरा तक लाने का जो प्रबंध हो रहा है। इस ट्रेन को “श्री शक्तिएक्सप्रेस” के रूप में जाना जाए ताकिमाता वैष्णों देवी के चरणों में हम जा रहे हैं इसकी अनुभूतियात्रियों को लगातार होती रहे। मैं ‘माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड’ का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ। गवर्नर साहब का भी अभिनंदन करना चाहता हूँ कियहां रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों के लिए आवश्यक आई-कार्ड निकालने की सुविधाओं का प्रबंध हुआ है। टैक्नोलॉजी का प्रबंध हुआ है और इसीलिए हिन्दुस्तान के किसी भी कोने से आने वाले यात्री के लिए ये बहुत सुनिश्चित हो जाएगा कियात्री का समय न खराब होते हुए उसके आगे की यात्रा के लिए जो भी प्रबंध होना चाहिए उसके लिए पूरी व्यवस्था मिलेगी, पूरा मार्गदर्शन मिलेगा।
जब विकास होता है तो कभी-कभार ऐसा लगता है किवहां पर ये हुआ तो मेरा क्या होगा जैसे मुख्यमंत्री जी ने जम्मू के लोगों की चिंता का जिक्र किया। मैं अनुभव से कह सकता हूँ किजम्मू के विकास को कभी कोई रूकावट नहीं आएगी। जब सुविधाएं बढ़ती है तो लोग भी अपने समय का सदुपयोग और जगह पर जाने के लिए करते हैं और इसीलिए जो सीधा कटरा आएगा वो जम्मू गए बिना जाएगा नहीं ऐसा मैं नहीं मानता और इसलिए जम्मू की विकास यात्रा और अधिक क्वालिटी की बन पाएगी, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है और साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में कटरा का जुड़ना, कटरा का सेंटर स्टेज पर आना, आने वाले 10 साल की आप कल्पना कीजिए कटरा इतनी तेजी से विकास करेगा, इतनी तेजी से विकास करेगा जो पूरे जम्मू-कश्मीर के विकास के अंदर एक नया योगदान करने वाला एक आर्थिक प्रभुत्तिका केन्द्र बन जाएगा। जब व्यवस्था विकसित होती है और विकास के केन्द्र बिंदु में हमेशा इनफ्रास्ट्रक्चर का सबसे बड़ा महत्व होता है। जैसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर बना आप मानके चलिए किउसके अगल-बगल में व्यवस्थाएं विकसित होना शुरू हो जाएगी। मुझे अभी बताया जा रहा था किट्रेन तो अभी आज शुरू हो रही है लेकिन स्टेशन के अगल-बगल व्यापारियों ने अपनी-अपनी जगह बना ली है और काम शुरू कर दिया है। अगर उनको समय दे किविकास के अंदर कैसे फायदा उठाना, विकास को कैसे भागीदार बनाना है और इसलिए ये सिर्फ एक रेलवे है, एक यात्रा करने की सुविधा है ऐसा नहीं है।
ये एक प्रकार से विकास की जननी बन जाती है और मेरे हिसाब से जम्मू-कश्मीर को रेल से जोड़ने का अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जो शुभारंभ किया है उसको हमें और आगे बढ़ाना है और आने वाले दिनों में बनिहाल तक जाने की जो व्यवस्था है उसको भी आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इतना ही नहीं, हिन्दुस्तान में पहली बार राज्य और केन्द्र मिल करके एक नवीन व्यवस्था को आज प्रारंभ कर रहे हैं। एक प्रकार से हाइब्रिड व्यवस्था है। रेल और बस की कनेक्टिविटी को कॉम्बिनेशन बनाया गया है। अब जो लोग श्रीनगर जाना चाहते होंगे उनको रेलवे से ही रेलवे की भी टिकट मिलेगी और कटरा से बनिहाल तक जो किजहां रेल-मार्ग नहीं है वहां बस की भी टिकट मिलेगी, कटरा वो उतरेगा, बस उपलब्ध होगी, बनिहाल पहुंचेगा, रेल उपलब्ध होगी और तुरंत वो आगे श्रीनगर पहुंचेगा। एक ही टिकट में रेल और बस दोनों का ट्रेवलिंग हो और पैसेंजर को कठिनाई न हो, यात्री को कठिनाई न हो ऐसी सुविधा का आरंभ राज्य और केन्द्र की रेल मिल करके ये दे रहे हैं और भविष्य में भी रेलवे का विकास करने के लिए केन्द्र और राज्य की पार्टनरशिप का मॉडल जितना ज्यादा विकसित होगा उतना फायदा होने वाला है।
मैं मुख्यमंत्री जी की इस बात से सहमत हूँ किहमारे रेलवे स्टेशन ऐसे पुराने क्या होने की जरूरत है,क्यों न हिन्दुस्तान के महत्वपूर्ण स्थानों के रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट से भी बढ़िया क्यों न हो और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ,सिर्फ जम्मू वासियों को नहीं, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूँ किहम रेलवे के विकास में, प्राथमिकता मेट्रो सिटीज़ में जम्मू जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को और उसके जैसे रेलवे स्टेशनों को अतिआधुनिक बनाना, एयरपोर्ट से भी रेलवे स्टेशन ज्यादा अधिक सुविधाजनक हो, ये बनाने का हमारा सपना है और ये बन सकता है। ये कोई कठिन काम नहीं है और ये इकनॉमिकली वाइबल प्रोजेक्ट बन सकता है। मैंने पिछले दिनों रेलवे के मित्रों के साथ बड़े विस्तार से समय निकालकर चर्चा की है और मैंने इसके विषय पर उनको डिटेल में प्रारूप दिया है और अब देखिए देखते ही देखते आपको बदलाव नजर आएगा और इसमें प्राइवेट पार्टी भी इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हो जाएगी क्योंकिये आर्थिक रूप से एक अच्छी योजना होगी। जो सबको लाभ पहुंचाने वाली होगी एक विन-विन सिचुएशन वाला प्रोजेक्ट होगा। उस दिशा में हम आने वाले दिनों में जरूर आगे बढ़ना चाहते हैं, आज जब हम इस रेल सुविधा को दे रहे हैं यह भी मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है। भारत के विभिन्न राज्यों से कटरा तक छह जोड़ी रेल गाड़ियाँ तुरंत चलाई जाएगी। यानि उसका विस्तार और जगहों पर भी किया जाएगा। उसके अतिरिक्त जम्मू और उधमपुर तक चलने वाली तीनजोड़ी डेमू रेलगाड़ियों का कटरा तक, आज से विस्तार भी किया जा रहा है। जो जम्मू से चलने वाली उधमपुर वाली जो डेमू ट्रेन्स है उसको भी कटरा से जोड़ने का काम हो रहा है।
आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में विकास एक नयी ताकत कैसे बनेगी, देखिए आज का दिन एक प्रकारसे महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इसलिए है किआज का दिवस जम्मू कश्मीर को नयी गतिभी देने जा रहा है और आज का दिन जम्मू कश्मीर को नयी ऊर्जा भी देने जा रहा है। आज मुझे दो कार्यक्रम करने का अवसर मिला है एक इस रेल कनेक्टिविटी, जो जम्मू कश्मीर को गतिदेगा और उरी में जा करके पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन जो जम्मू कश्मीर को ऊर्जा देगा, विकास की ऊर्जा देगा और जम्मू कश्मीर को विकास की ऊर्जा चाहिए, जम्मू कश्मीर को विकास की गतिचाहिए और एक प्रकार से आज के ये दोनों कार्यक्रम उस निमित्त बड़े महत्वपूर्ण हैं।
मैं मानता हूँ किहमारे देश के जो हिमालयन स्टेट्स हैं, उन हिमालयन् स्टेट्स के विकास के लिए एक अलग से रूप-रेखा की आवश्यकता है। सारे हिमालयन् रेजिंग स्टेटस की कई एक समान कठिनाइयां है कई प्रकार की एक समान अवसर भी हैं अगर उनका एक कॉमन मॉडल विकसित किया जाएगा तो समस्याओं का समाधान भी बहुत जल्दी होगा। केंद्र के पास भी स्पष्ट विज़न होगा। राज्यों की अपेक्षाओं को समझने में केन्द्र सामर्थ बनेगा और हिमालयन स्टेट्स जो है उसके विकास में इस नयी परिधिमें हम जाना चाहते हैं और जिसका लाभ जम्मू कश्मीर को भी मिलेगा और उधर नार्थ-ईस्ट तक हिमालयन रेंज की विकास की यात्रा का लाभ उन सभी राज्यों को मिलेगा और उस दिशा में भी हम आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज मैं जम्मू कश्मीर की धरती पर आया हूँ माता वैष्णोदेवी के चरणों में आया हूँ और जब चुनाव अभियान प्रारंभ किया था तब भी माता वैष्णोदेवी का आशीर्वाद ले करके गया था और आज विकास यात्रा का आरंभ कर रहा हूँ वो भी माता वैष्णोदेवी के आशीर्वाद से कर रहा हूँ और इसलिए मुझे विश्वास है किभारत की विकास यात्रा को और अधिक शक्तिमिलेगी, और अधिक ताकत मिलेगी और अधिक सामर्थ्यवान विस्तार के साथ हम इस विकास यात्रा को आगे बढ़ाएंगे।
टूरिज्म में यात्रियों की सुविधा के साथ रेलवे एक प्रकार से Environment Friendly व्यवस्था होती है और जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly Transportation, वो दुनिया को आकर्षित करने का कारण बनता है। हम इस मार्ग के माध्यम से विश्व के अंदर जम्मू-कश्मीर में Environment Friendly यातायात को भी बल दे रहे हैं यह अपने आप में एक अच्छे प्रयोग के रूप में हम दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।
और हिमालयन में जितना विकास हम करना चाहेंगे, वो Environment Friendly विकास हो सकता है। उसको हम बल भी दे सकते है, उसकी सुरक्षा करते हुए यात्रियों की सुविधा भी बढ़ा सकते हैं, Environment की सुरक्षा भी हो, यात्रियों की सुविधा भी बढ़े, उस दिशा में हम प्रयास करते हैं, मैं जब यहां रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने गया, वहां का जो मैंने द़श्य ऐसा, ऐसा रेलवे स्टेशन देखने को मिलता बहुत कम है, क्योंकि ऊपर पहाड़ से नीचे स्टेशन पर जाना होता है, तो छोटी पहाड़ी पर से पूरा स्टेशन दिख रहा है, तो कितना बड़ा तामझाम है उसका दर्शन होता है। मैंने तुरंत कहा-हिंदुस्तान का ये ऐसा रेलवे स्टेशन बन सकता है कि जिसको पूरा हम सोलर रेलवे स्टेशन के रूप में कनवर्ट कर सकते हैं। इतनी संभावनाएं पड़ी है। रेलवे चेयमैन ने मुझे कहा मैं साहब, तुरंत इस काम को हाथ में लूंगा और मैं कटरा का पूरा रेलवे स्टेशन, देश का एक रेलवे स्टेशन, Environment Friendly Movement का एक हिस्सा... और बहुत संभावना पड़ी है, उसको जब करेंगे तो जब यात्री आएंगे और ऊपर स्टेशन पे जब जाते होंगे तो उसको देखकर कोर्ठ भी जान लेगा कि सोलर एा उपयोग कैसे और कहां हो सकता है और मुझे विश्वास है कि बहुत जल्दी रेलवे विभाग पूरे रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल का उपयोग करके एक-एक इंच की जगह का उपयोग कर करके उस ऊर्जा का भी उपयोग आने वाले दिनों में कैसे कर सके उस पर प्रयास होगाऔर ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।
जम्मू-कश्मीर अनेक समस्याओं से गुजरा है, अनेक कठिनाईयों से गुजरा है और एक भारत के हर नागरिक की इच्छा है, भारत के हर नागरिक का दायित्व है किहमारा जम्मू-कश्मीर सुखी हो, समृद्ध हो। हर एक की इच्छा है और इसको पूरा करना हम सबका दायित्व है। चाहे हम शासन व्यवस्था में हो तो भी, हम शासन व्यवस्था में न हो तो भी। यह हम सबका दायित्व है। यहां के नौजवानों को रोजगार मिले, रोजगार के नए अवसर मिले। उनको नई जिंदगी जीने का अवसर मिले। मैं अभी जब कटरा स्टेशन पर बच्चे ट्रेन में जा रहे थे तो उनको मैंने पूछा किआपमें से कितने लोग है जिन्होंने पहले कभी ट्रेन देखी है, कितने है जो ट्रेन में बैठे है। 21वीं सदी का पहला दशक चला गया उन बच्चों में 80 प्रसेंट बच्चों ने हाथ ऊपर किया किहमने पहली बार ट्रेन में बैठे है आज। उन बच्चों के लिए आनंद का विषय है। लेकिन हमारे लिए सोचने का विषय है किहमविकास यात्रा को कैसे चलाया कि कटरा, इतने निकट के भी बच्चों को जीवन में पहली बार रेल को देखने का 21वीं सदी आने के बाद अवसर मिला है। हमारा दायित्व बनता है किहमारे देश के दूर-सूदूर कोने में बैठे हुए लोगों को भी विकास का लाभ मिलना चाहिए। विकास से प्राप्त सुविधाएं सामान्य मानव तक पहुंचनी चाहिए, आखिरी छोर पर बैठे हुए मानव तक पहुंचनी चाहिए। हम लोगों का प्रयास यही है और मुझे विश्वास है देश की जनता ने जो आशीर्वाद दिए हैं उस आर्शीवाद के बलबूते पर अंतिम छोर पर बैठे हुए गरीब से गरीब व्यक्तिके कल्याण में ये विकास की यात्रा आगे बढ़ेगी, विकास के नए मार्ग स्थापित होंगे और सामान्य व्यक्तिके जीवन को.. उसकी Quality of life में चेंज आएगा।
उसकी आशा अपेक्षा के अनुकूल जीवन व्यवस्था विकसित हो, उस दिशा में हम प्रयास करेंगे। मैं जम्मू कश्मीर के नागरिकों को यही संदेश देना चाहता हूं, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जिस यात्रा को प्रारंभ किया है, उस यात्रा को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं और हमारा मकसद राजनीतिक जय-पराजय वाला नहीं होता है। हमारा मकसद होता है जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक का दिल जीतना है और मैं जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का दिल जीतना यही मेरी प्राथमिकता है और यह प्राथमिकता उसी को विकास के माध्यम से करना है यहां के लोगों के कल्याण के माध्यम से करना है। यहां के लोगों की भलाई के माध्यम से करना है और मुझे विश्वास है इस स्वप्न को हम बहुत ही जल्द, बहुत तेजी गतिसे पूरा करते जाएंगे। इसी सद्भावना के साथ फिर एक बार यह श्री शक्तिएक्सप्रेस राष्ट्र को समर्पित कर रहा हूँ। माता वैष्णों देवी के चरणों में आने वाले कोटिकोटिभक्तों को समर्पित करता हूँ और जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म के विकास के लिए यह यात्रा अहम भूमिका अदा करेगी। जम्मू–कश्मीर के टूरिज्म को बहुत बल मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के विकास को बहुत बल मिलेगा। इस शुभकामनाओं के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद।








ভারতমাতার জয়!
ভারতমাতার জয়!
ভারতমাতার জয়!
সারা বিশ্ব এই স্লোগানের শক্তি উপলব্ধি করেছে। ভারতমাতার জয়, নিছক এক স্লোগান নয়, এটি দেশের প্রত্যেক সৈনিকের শপথবাক্য যাঁরা ভারতমাতার সম্মান ও মর্যাদা রক্ষার্থে তাঁদের জীবনকে বাজি রেখেছেন। যেসব নাগরিক দেশের জন্য বাঁচতে চান, কোনকিছু অর্জন করতে চান, তাঁদের প্রত্যেকের মধ্যে এটি ধ্বনিত হচ্ছে। ভারতমাতার জয় আকাশে-বাতাসে সর্বত্র অনুরণিত হচ্ছে। যখন ভারতের সৈনিকরা মা ভারতী কি জয় বলে স্লোগান দেন, তখন শত্রুর বুক কাঁপে। যখন আমাদের ড্রোন শত্রুর দুর্গের দেওয়ালে আঘাত হেনে তাকে ধ্বংস করে, যখন আমাদের ক্ষেপণাস্ত্র নির্দিষ্ট লক্ষ্যবস্তুতে আঘাত হানে, তখন শত্রুরা শুনতে পায় – ভারতমাতার জয়! যখন রাতের অন্ধকারে আমরা সূর্যের উদয় ঘটাই, তখন শত্রুরা দেখে ভারতমাতার জয়! যখন আমাদের বাহিনী পারমাণবিক অস্ত্রের যুযুর ভয়কে অগ্রাহ্য করে, তখন আকাশ থেকে পাতাল পর্যন্ত একই ধ্বনি অনুরণিত হয় – ভারতমাতার জয়!
বন্ধুগণ,
বাস্তবিকই আপনারা সকলে কোটি কোটি ভারতবাসীকে গর্বিত করেছেন। নতুন ইতিহাস গড়েছেন। আজ এই সকালে আমি আপনাদের কাছে এসেছি। যখন মাটিকে সাহসী পা স্পর্শ করে, তখন সেই মাটি আশীর্বাদধন্য হয়। আর যখন কেউ সেই সাহসীদের দেখার সুযোগ পায়, তখন তাঁর জীবনও আশীর্বাদধন্য হয়ে ওঠে। আর তাই আমি এখানে এত সকালে আপনাদের দেখতে এসেছি। আজ থেকে বহু দশক পরেও যখন ভারতের এই শৌর্য নিয়ে আলোচনা হবে, তখন সবথেকে গুরুত্বপূর্ণ অধ্যায়ের সাক্ষী থাকবেন আপনি এবং আপনার সঙ্গীরা। বর্তমান এই সময়কাল থেকে ভবিষ্যৎ প্রজন্মের কাছে আপনারা সকলে অনুপ্রেরণার নতুন উৎস হিসেবে বিবেচিত হবেন। নায়কদের এই দেশে আজ আমি বিমানবাহিনী, নৌ-বাহিনী এবং সেনাবাহিনী ও বিএসএফ-এর প্রত্যেক সাহসী যোদ্ধাকে প্রণাম জানাই। আপনাদের শৌর্যের কারণেই প্রতিটি প্রান্তে ‘অপারেশন সিন্দুর’-এর আওতায় পৌঁছেছে। পুরো এই অভিযানে প্রত্যেক ভারতবাসী আপনাদের সঙ্গে ছিলেন, প্রত্যেক ভারতবাসী আপনাদের জন্য প্রার্থনা করেছেন। আজ দেশের প্রত্যেক নাগরিক, সৈনিক এবং তাঁদের পরিবারের প্রতি কৃতজ্ঞ এবং চিরঋণী।
বন্ধুগণ,
‘অপারেশন সিন্দুর’ কোনো সাধারণ সামরিক অভিযান নয়। এটি ভারতের নীতি ও সিদ্ধান্তের এক প্রতিফলন। ভারত ভগবান বুদ্ধের যেমন দেশ, একইসঙ্গে গুরু গোবিন্দ সিং-জিরও। গুরু গোবিন্দ সিং-জি বলেছিলেন, “সওয়া লাখ সেবক লড়াই, চি রি ইয়ন তেন বাজ তড়াউ, তবোগু গোবিন্দ সিং নাম কহঁ”। অশুভকে ধ্বংস করে সত্যকে প্রতিষ্ঠা করার জন্য অস্ত্র হাতে তুলে নেওয়া আমাদের ঐতিহ্য। আর তাই, যখন আমাদের মেয়ে এবং বোনেদের সিঁদুর মুছে ফেলা হয়েছিল, আমরা তখন জঙ্গিদের ঘরে ঢুকে তাদের নির্মূল করেছি। কাপুরুষের মতো তারা লুকিয়ে ছিল, কিন্তু তারা ভুলে গেছে যে তারা ভারতীয় সেনাবাহিনীকে চ্যালেঞ্জ জানিয়েছে। আপনারা সামনে থেকে তাদেরকে আক্রমণ করেছেন এবং হত্যা করেছেন, আপনারা জঙ্গিদের সব ঘাঁটি ধ্বংস করেছেন, জঙ্গিদের ন’টি গোপন আস্তানাকে গুঁড়িয়ে দিয়েছেন, ১০০ জনেরও বেশি জঙ্গিকে হত্যা করেছেন, জঙ্গিদের মূল মাথা এখন বুঝেছে যে ভারতের দিকে চোখ রাঙালে ফল একটাই – ধ্বংস! ভারতের নিরপরাধ লোকের রক্তক্ষয়ের পরিণতি একটিই – ধ্বংস, মহাধ্বংস! ভারতীয় সেনাবাহিনী, ভারতীয় বিমানবাহিনী এবং ভারতীয় নৌ-বাহিনী পাকিস্তানের সেনাবাহিনীকে পরাজিত করেছে, এদের ওপরই এই জঙ্গিরা ভরসা করত। আপনারা পাকিস্তানি সেনাবাহিনীকে এই বার্তা দিয়েছেন যে পাকিস্তানে জঙ্গিরা শান্তিতে কোথাও বসে শ্বাস ফেলতে পারবে না। আমরা তাদের বাড়িতে ঢুকব, হত্যা করব এবং পালানোর কোনো সুযোগ দেব না। আমাদের ড্রোন, আমাদের ক্ষেপণাস্ত্রের কারণে পাকিস্তান দীর্ঘদিন ঘুমোতে পারবে না। এগুলির কথা শুধু ভাববে। মহারানা প্রতাপ তাঁর বিখ্যাত ঘোড়া চেতক-এ বসে লিখেছিলেন, “কৌশল দি খলায়া চল ম, উড় গয়া ভয়ানক ভাল ম। নি ভি ক গয়া ওয়াহ দাল ম সরপট দৌড়া করবাল ম”। কিন্তু এই কথাগুলি আজও ভারতের আধুনিক যুদ্ধাস্ত্রের ক্ষেত্রে সমানভাবে প্রযোজ্য।
আমার সাহসী বন্ধুরা,
আপনারা ‘অপারেশন সিন্দুর’-এর মাধ্যমে দেশের আত্মপ্রত্যয় কয়েকগুণ বৃদ্ধি করেছেন। দেশের একতাকে একসূত্রে গেঁথে আপনারা ভারতের সীমান্তকে রক্ষা করেছেন, ভারতের আত্মবিশ্বাসকে নতুন এক উচ্চতায় পৌঁছে দিয়েছেন।
বন্ধুগণ,
আপনারা অভূতপূর্ব, অকল্পনীয়, দুর্দান্ত কিছু কাজ করেছেন। আমাদের বিমানবাহিনী পাকিস্তানে জঙ্গি ঘাঁটিগুলিকে এত নিখুঁতভাবে নিশানা করেছে যা আধুনিক প্রযুক্তি সম্বলিত পেশাদার বাহিনীর পক্ষেই সম্ভব। সীমান্ত জুড়ে বিভিন্ন লক্ষ্যবস্তুকে আঘাত হেনেছেন মাত্র ২০-২৫ মিনিটের মধ্যে। যে দ্রুততার সঙ্গে অব্যর্থভাবে আপনারা এই আঘাত হেনেছেন, তাতে শত্রুপক্ষ বিহ্বল হয়ে পড়েছিল। তারা বুঝতে পারেনি যে তাদের বুক ফুঁড়ে যাচ্ছে।
বন্ধুগণ,
পাকিস্তানের মধ্যে জঙ্গিদের সদর ঘাঁটিতে আমরা আঘাত হেনেছি, জঙ্গিদের ওপরও আক্রমণ শানিয়েছি। কিন্তু, পাকিস্তান যাত্রীবাহী বিমানগুলিকে ব্যবহার করে নতুন এক চক্রান্ত করেছিল। যখন অসামরিক নাগরিকদের নিয়ে বিমান উড়ছে, আপনারা সেটা দেখতে পাচ্ছেন, তার মধ্য দিয়ে কত সতর্কভাবে লক্ষ্যবস্তুকে আঘাত হেনে তাকে ধ্বংস করা হয়েছে, সেই কঠিন মুহূর্তটি আমি বুঝতে পারছি। অসামরিক নাগরিকদের বিমানে আঘাত না হেনে যেভাবে আপনারা যথাযথ জবাব দিয়েছেন, তার জন্য আমি গর্বিত। আমি বলতে পারি, যেভাবে আপনারা আপনাদের নিশানাকে স্থির করেছেন, তার জন্য আমরা গর্বিত। পাকিস্তানে জঙ্গিদের আত্মগোপন করে থাকার জায়গাগুলি এবং বিভিন্ন বিমানঘাঁটিকেই আপনারা ধ্বংস করেননি, তাদের কাপুরুষোচিত নানা উদ্দেশ্য এবং আস্পর্ধাকে চূর্ণ করে দিয়েছেন।
বন্ধুগণ,
‘অপারেশন সিন্দুর’-এর ফলে শত্রুরা আজ হতাশায় ভুগছে। তারা এই বিমানঘাঁটি সহ আমাদের অনেকগুলি বিমানঘাঁটিকে লক্ষ্য করে হামলা চালানোর চেষ্টা চালিয়েছে। বারবার হামলা চালানোর চেষ্টা সত্ত্বেও পাকিস্তানের অসৎ উদ্দেশ্য প্রত্যেকবারই ব্যর্থ হয়েছে। আমাদের শক্তিশালী বিমানবাহিনীর প্রতিরোধ ব্যবস্থার কারণে পাকিস্তানের ড্রোন, ইউএভি, যুদ্ধবিমান এবং ক্ষেপণাস্ত্র ধ্বংস হয়েছে। দেশের প্রতিটি বিমানঘাঁটির সঙ্গে যুক্ত নেতৃবৃন্দকে আমি আন্তরিকভাবে অভিনন্দন জানাই। আন্তরিকভাবে অভিনন্দন জানাই ভারতীয় বিমানবাহিনীর প্রত্যেক যোদ্ধাকে। আপনারা চমৎকার এক কাজ করেছেন।
বন্ধুগণ,
সন্ত্রাসবাদের বিরুদ্ধে ভারতের লক্ষ্মণরেখা এখন অত্যন্ত স্পষ্ট। যদি আবারও জঙ্গি হানা হয় ভারত তার যথাযথ জবাব দেবে। সার্জিকাল স্ট্রাইক, বিমান আক্রমণ এবং এখন অপারেশন সিন্দুর আপনারা দেখেছেন। আমি গতকাল যেমনটা বলেছিলাম, ভারত এখন তিনটি নীতিকে মেনে চলে। যদি ভারতে জঙ্গি হানা হয়, আমরা আমাদের মতো করে তার জবাব দেব, আমরা সেই সময় বাছাই করব। দ্বিতীয়ত, পারমাণবিক বোমার যুযুতে ভারত আর ভয় পাবে না। তৃতীয়ত, জঙ্গি এবং জঙ্গিদের মদতদাতাদের আলাদা করে দেখা হবে না। সারা বিশ্ব ভারতের এই নতুন ব্যবস্থাকে উপলব্ধি করতে পেরেছে।
বন্ধুগণ,
‘অপারেশন সিন্দুর’-এর প্রতিটি মুহূর্তেই ভারতীয় বাহিনীর ক্ষমতা প্রদর্শিত হয়েছে। এই সময়কালে আমাদের বাহিনীগুলির মধ্যে যে সমন্বয় ঘটানো হয়েছে তা অসাধারণ। সেনাবাহিনী, নৌ-বাহিনী অথবা বিমানবাহিনী – প্রত্যেকের মধ্যে চমৎকার সমন্বয় কাজ করেছে। নৌ-বাহিনী সমুদ্রে তার কতৃত্ব প্রতিষ্ঠা করেছে, সেনাবাহিনী সীমান্তে তার শক্তিশালী উপস্থিতিকে বুঝিয়েছে আর ভারতীয় বিমানবাহিনী সমানভাবে আক্রমণ চালিয়েছে। সীমান্ত সুরক্ষা বাহিনী – বিএসএফ সহ অন্যান্য বাহিনীগুলি তাদের দক্ষতা দেখিয়েছে। সুসংহত বিমান ও সেনাবাহিনীর যৌথ ব্যবস্থাপনা দারুণ কাজ করেছে। আর একেই বলে একতা, যা ভারতীয় বাহিনীগুলির সবথেকে বড় শক্তি হিসেবে বিবেচিত হচ্ছে।
বন্ধুগণ,
‘অপারেশন সিন্দুর’-এ মানবসম্পদের সঙ্গে যন্ত্রের সমন্বয় ঘটানো দারুণ এক কাজ ছিল। ভারতের বিমানবাহিনীর চিরায়ত প্রতিরোধ ব্যবস্থাপনা, এস-৪০০-র মতো শক্তিশালী প্রতিরক্ষা ব্যবস্থাপনা এ দেশকে অপ্রতিরোধ্য শক্তি যুগিয়েছে। আমাদের দেশে তৈরি ‘আকাশ’ সহ অন্যান্য আধুনিক প্রতিরক্ষা ব্যবস্থাপনাও এই প্রক্রিয়ায় সামিল ছিল। বর্তমানে একটি শক্তিশালী সুরক্ষা বলয় ভারতকে রক্ষা করছে। পাকিস্তানের বহু চেষ্টা সত্ত্বেও আমাদের বিমানঘাঁটি সহ প্রতিরক্ষা সংক্রান্ত অন্যান্য ব্যবস্থাপনায় আঘাত হানতে পারেনি। আর এর জন্য সব কৃতিত্ব আপনাদের। আমি আপনাদের প্রত্যেকের জন্য গর্বিত। সীমান্ত অঞ্চলে যে সৈনিকরা মোতায়েন রয়েছেন, যাঁরা এই অভিযানের সঙ্গে যুক্ত ছিলেন – তাঁরা সকলেই এই সাফল্যের দাবিদার।
বন্ধুগণ,
আজ নতুন এবং অত্যাধুনিক প্রযুক্তির কারণে আমাদের দক্ষতা বৃদ্ধি হয়েছে। এই প্রতিযোগিতায় পাকিস্তান সামিল হতে পারবে না। গত এক দশকে বিমানবাহিনী সহ আমাদের প্রতিটি বাহিনীই বিশ্বের শ্রেষ্ঠ প্রযুক্তিগুলি গ্রহণ করেছে। কিন্তু আমরা সকলেই জানি, নতুন প্রযুক্তিগুলির কারণে আরও বড় চ্যালেঞ্জের সম্মুখীন হতে হয়। জটিল এবং অত্যাধুনিক ব্যবস্থাপনাকে দক্ষতার সঙ্গে পরিচালনা করা একটি বড় কৃতিত্ব। আপনারা প্রযুক্তির সঙ্গে বিভিন্ন কৌশলকে যুক্ত করেছেন। আর এই পৃথিবীতে আপনারা যে শ্রেষ্ঠ, তা প্রমাণ করেছেন। ভারতীয় বিমানবাহিনী এখন শত্রুকে পরাজিত করতে শুধু অস্ত্রশস্ত্রকেই কাজে লাগায় না, তথ্য এবং ড্রোনকেও ব্যবহার করে।
বন্ধুগণ,
পাকিস্তান অনুরোধ করার পরই ভারত সামরিক অভিযান স্থগিত করে। পাকিস্তান যদি আবারও জঙ্গিদের কার্যকলাপে মদত দেয় অথবা তার সামরিক বাহিনীর আস্পর্ধা আমরা দেখতে পাই, তাহলে যথাযথ জবাব দেব। আমরা আমাদের মতো করে এই প্রত্যুত্তর দেব। আপনাদের ধৈর্য্য, সাহস্ এবং সতর্ক থাকার কারণেই এই সিদ্ধান্তগুলি নেওয়া সম্ভব হয়েছে। আপনারা এই সাহস, মনোভাব বজায় রেখে চলেছেন। আপনাদের সদা সতর্ক থাকতে হবে, সব সময় প্রস্তুত থাকতে হবে। আমরা শত্রুদেরকে মনে করিয়ে দিচ্ছি, এটি নতুন ভারত। এই ভারত শান্তির পক্ষে, কিন্তু যদি মানবজাতি হামলার সম্মুখীন হয়, তাহলে এই ভারত জানে কিভাবে শত্রুকে ধ্বংস করতে হয়। আর এই সঙ্কল্প নিয়ে আসুন আমরা একযোগে বলি -
ভারতমাতার জয়!
ভারতমাতার জয়!
ভারতমাতার জয়!
বন্দে মাতরম। বন্দে মাতরম।
বন্দে মাতরম। বন্দে মাতরম।
বন্দে মাতরম। বন্দে মাতরম।
বন্দে মাতরম। বন্দে মাতরম।
বন্দে মাতরম।
অনেক অনেক ধন্যবাদ।
প্রধানমন্ত্রী মূল ভাষণটি হিন্দিতে দিয়েছিলেন