Quote“আমাদের অবশ্যই পরবর্তী স্বাস্থ্য সংক্রান্ত জরুরি সঙ্কট মোকাবিলায় প্রস্তুত থাকতে হবে”
Quote“বিশ্বজুড়ে আন্তর্জাতিক যোগ দিবসের উদযাপন সার্বিক সুস্বাস্থ্যের বিষয়ে সকলের অগ্রাধিকারকেই তুলে ধরে”
Quote“২০৩০ সালে বিশ্বের লক্ষ্যমাত্রাকে সামনে রেখে আমরা যক্ষ্মা নির্মূল করার পথে কাজ করে চলেছি”
Quote“আমাদের উদ্ভাবনগুলি জনগণের ভালোর জন্য উন্মুক্ত করা হোক। আসুন একইকাজে বারংবার তহবিল গঠন থেকে বিরত থাকা যাক। প্রযুক্তি সকলের কাছে সমানভিত্তিতে পৌঁছে দেওয়া যাক।”

সুধীবৃন্দ, 
নমস্কার! 
এদেশের ১৪০ কোটি মানুষের পক্ষ থেকে আমি আপনাদের ভারতে, আমার নিজের রাজ্য গুজরাটে উষ্ণ অভ্যর্থনা জানাই। আমার সঙ্গে আপনাদের স্বাগত জানাচ্ছেন ২৪ লক্ষ চিকিৎসক, ৩৫ লক্ষ নার্স, ১৩ লক্ষ প্যারামেডিক্স, ১৬ লক্ষ ফার্মাসিস্ট এবং স্বাস্থ্য পরিষেবা ক্ষেত্রের সঙ্গে যুক্ত লক্ষ লক্ষ মানুষ। 

বন্ধুগণ,
গান্ধীজি স্বাস্থ্যের ওপর এতটাই গুরুত্ব দিতেন যে এবিষয়ে ‘কী টু হেল্থ’ নামে একটি বইও লিখেছিলেন। তিনি বলতেন, স্বাস্থ্যবান থাকার অর্থই হল শরীর ও মনের মধ্যে সাযুজ্য এবং ভারসাম্য তৈরি করা। বস্তুত, স্বাস্থ্য হল জীবনের মূল ভিত্তি। ভারতে একটি সংস্কৃত বাক্যবন্ধ চালু আছে :  ''आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्''  
অর্থাৎ “স্বাস্থ্য হল চূড়ান্ত সম্পদ, এবং সুস্বাস্থ্যের অধিকারী হলে যেকোনও কাজই সম্পন্ন করা সম্ভব।” 
বন্ধুগণ, 
কোভিড ১৯ অতিমারী আমাদের মনে করিয়ে দিয়েছে যে, স্বাস্থ্যের বিষয়টি অগ্রাধিকারের কেন্দ্রে থাকা উচিত। আরও বোঝা গেছে যে, এক্ষেত্রে আন্তর্জাতিক সহযোগিতা অত্যন্ত মূল্যবান- তা সে ওষুধ কিংবা প্রতিষেধক প্রদানই হোক, বা মানুষকে ঘরে ফেরানোই হোক। ভ্যাক্সিন মৈত্রী উদ্যোগের আওতায় ভারত দক্ষিণ-বিশ্ব সহ ১০০টিরও বেশি দেশে প্রতিষেধক পাঠিয়েছে। ওই সংকটকালে যেকোনও পরিস্থিতির জন্য তৈরি থাকার মূল্যবান শিক্ষা পেয়েছি আমরা। বিশ্বের স্বাস্থ্য ব্যবস্থাপনা এই ধাঁচেরই হওয়া উচিত। পরবর্তীতে স্বাস্থ্য সংক্রান্ত আপদকালীন পরিস্থিতি দেখা দিলে তার মোকাবিলায় আমাদের যথাযথভাবে প্রস্তুত থাকা দরকার। আজকের সংযুক্ত বিশ্বে বিষয়টি আরও গুরুত্বপূর্ণ। অতিমারীর সময় আমরা দেখেছি বিশ্বের একপ্রান্তের স্বাস্থ্য সংক্রান্ত পরিস্থিতি কীভাবে অন্য অঞ্চলগুলিতেও খুব কম সময়ের মধ্যে প্রভাব ফেলতে পারে। 

বন্ধুগণ, 
ভারতে আমরা সার্বিক এবং অন্তর্ভুক্তিমূলক পন্থায় এগোচ্ছি। আমরা স্বাস্থ্য পরিকাঠামো প্রসারিত করেছি, চিরাচরিত চিকিৎসা প্রণালীকে কাজে লাগিয়ে সুলভে স্বাস্থ্য পরিষেবা পৌঁছে দিচ্ছি সকলের কাছে। বিশ্বজুড়ে আন্তর্জাতিক যোগ দিবসের উদযাপন সার্বিক সুস্বাস্থ্যের লক্ষ্যে এগোনোয় সকলের ঐকান্তিক প্রয়াসকেই তুলে ধরে। এবছর, অর্থাৎ ২০২৩, আন্তর্জাতিক মিলেট বর্ষ হিসেবে চিহ্নিত। মিলেট, ভারতে যা পরিচিত শ্রী অন্ন হিসেবে, বিবিধ স্বাস্থ্যগুণে ভরপুর। আমরা বিশ্বাস করি, সার্বিক সুস্বাস্থ্য যেকোনও মানুষকেই পরিস্থিতির সঙ্গে খাপ খাইয়ে নিতে সাহায্য করে। গুজরাটের জামনগরে বিশ্ব স্বাস্থ্য সংস্থার চিরাচরিত ঔষধ সংক্রান্ত কেন্দ্রের স্থাপনা ওই ধারণারই প্রতিফলন। জি-২০ স্বাস্থ্যমন্ত্রীদের সঙ্গে নিয়ে চিরাচরিত চিকিৎসা প্রণালী সংক্রান্ত শিখর সম্মেলন সংশ্লিষ্ট ক্ষেত্রের সম্ভাবনাকে কাজে লাগানোর উদ্যোগ জোরদার করবে। চিরাচরিত ঔষধ সংক্রান্ত একটি বৈশ্বিক তথ্যভাণ্ডার গড়ে তোলায় যৌথ উদ্যোগ প্রয়োজন।

বন্ধুগণ, 
স্বাস্থ্য এবং পরিবেশ অঙ্গাঙ্গীভাবে জড়িত। পরিচ্ছন্ন বাতাস, নিরাপদ পানীয় জল, পর্যাপ্ত পুষ্টি এবং সুরক্ষিত আশ্রয় সু-স্বাস্থ্যের প্রাথমিক শর্ত। জলবায়ু এবং স্বাস্থ্য উদ্যোগের সূচনার লক্ষ্যে গৃহীত পদক্ষেপের জন্য আমি আপনাদের অভিনন্দন জানাই। অ্যান্টি-মাইক্রোবিয়াল রেজিসটেন্স (এএমআর)-এর বিপদ মোকাবিলায়  সচেষ্ট হওয়াও প্রশংসার দাবি রাখে। এএমআর এমন একটি বিপদ যা বিশ্বের জনস্বাস্থ্য এবং ওষুধ সংক্রান্ত ক্ষেত্রে এযাবৎ অর্জিত যাবতীয় সাফল্যকে প্রশ্নের সামনে দাঁড় করাতে পারে। আমি খুশি যে জি-২০ স্বাস্থ্য কর্মী গোষ্ঠী ‘অভিন্ন স্বাস্থ্য’-এর ধারণাকে অগ্রাধিকার দিয়েছে। ‘এক বিশ্ব এক স্বাস্থ্য’-এর প্রশ্নে আমাদের মনোভাব সমগ্র বাস্তুতন্ত্রের সুস্বাস্থ্যের সঙ্গে সংশ্লিষ্ট-যার মধ্যে রয়েছে মানুষ, প্রাণী, উদ্ভিদ ও পরিবেশ। এই সমন্বিত দৃষ্টিভঙ্গি কাউকেই পেছনে ফেলে না রাখার জন্য গান্ধীজির বার্তাকেই তুলে ধরে। 

বন্ধুগণ,
স্বাস্থ্য সংক্রান্ত যাবতীয় উদ্যোগের সাফল্যের মূল চাবিকাঠি হল সাধারণের অংশগ্রহণ। আমাদের কুষ্ঠ নির্মূল অভিযানের সাফল্য নিহিত রয়েছে এরইমধ্যে। যক্ষা নির্মূলে আমাদের কর্মসূচিও সাধারণ মানুষের অংশগ্রহণ দাবি করে। দেশের মানুষের প্রতি আমরা नि-क्षय मित्र, বা “যক্ষা নির্মূল কর্মসূচির বন্ধু” হয়ে ওঠার আবেদন রেখেছি। এর আওতায় প্রায় ১০ লক্ষ রোগীকে দত্তক নিয়েছেন দেশের নাগরিকরা। ২০৩০-এ যক্ষা নির্মূল করার আন্তর্জাতিক লক্ষ্যমাত্রার অনেক আগেই আমরা এই কাজ সম্পন্ন করার দিকে এগিয়ে চলেছি। 
বন্ধুগণ,
আমাদের যাবতীয় উদ্যোগকে সমতাধর্মী এবং অন্তর্ভুক্তিমূলক করে তোলায় ডিজিটাল সমাধান সূত্র এবং উদ্ভাবন এক কার্যকর হাতিয়ার। টেলি-মেডিসিনের মাধ্যমে প্রান্তিকতম স্থানে থাকা রোগীরাও উন্নতমানের স্বাস্থ্যপরিষেবা পেতে পারেন। ভারতের জাতীয় মঞ্চ ই-সঞ্জীবনী-র মাধ্যমে এখনও পর্যন্ত ১৪ কোটি রোগীকে টেলি স্বাস্থ্য পরিষেবা প্রদান সম্ভব হয়েছে। ভারতের কো-উইন মঞ্চের মাধ্যমে সাধিত হয়েছে মানব ইতিহাসের বৃহত্তম টিকাকরণ কর্মসূচি-যেখানে ২৪০ কোটিরও বেশি প্রতিষেধকের ডোজ দেওয়া হয়েছে প্রাপকদের এবং তাঁরা তাৎক্ষণিক ভিত্তিতে সারাবিশ্বে যাচাইযোগ্য শংসাপত্র পেয়ে গেছেন। ডিজিটাল স্বাস্থ্য সম্পর্কিত আন্তর্জাতিক উদ্যোগ এসংক্রান্ত যাবতীয় কর্মসূচিকে একটি মঞ্চের আওতায় নিয়ে আসবে।  আমাদের যাবতীয় উদ্ভাবনপ্রসূত সাফল্যকে সাধারণ মানুষের কল্যাণে ব্যবহার করা উচিত। একই কাজে বারংবার অর্থের সংস্থান এড়ানো দরকার। প্রযুক্তির সুবিধা সকলের কাছে সমান ভিত্তিতে পৌঁছে যাওয়া জরুরি। এই উদ্যোগ স্বাস্থ্য পরিচর্যা ক্ষেত্রে দক্ষিণ বিশ্বের দেশগুলির খামতি দূর করতে সহায়ক হবে। এরই সঙ্গে আমরা সার্বিক স্বাস্থ্য নিরাপত্তা বলয় লক্ষ্যপূরণে এগিয়ে যাবো আরও এক কদম। 
বন্ধুগণ, 
মানবতার প্রতি সনাতন ভারতের একটি বার্তা দিয়ে আমি আমার বক্তব্য শেষ করছি :    सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः - অর্থাৎ ‘সকলে সুখী হোক, রোগমুক্ত হোক’। আমি আপনাদের আলোচনার সাফল্য কামনা করি। 
ধন্যবাদ ! 

 

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Vaishali Tangsale February 12, 2024

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 11, 2024

    जय हो
  • Shyam Mohan Singh Chauhan mandal adhayksh January 11, 2024

    जय हो
  • Alok Dixit (कन्हैया दीक्षित) December 27, 2023

    जय हो
  • Nisha Kushwaha Media social Media pharbhi October 03, 2023

    Jai shree Ram 🙏
  • Ambikesh Pandey August 25, 2023

    👍
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৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।