এই নির্বাচন ভারতের ভবিষ্যৎ নির্ধারণের জন্য এবং দেশ দুর্বল ও অস্থিতিশীল কংগ্রেস সরকার মোটেই চায় না: মুজাফফরপুরে প্রধানমন্ত্রী মোদী
জঙ্গলরাজের সময়কার জীবন ছিল ভয়ঙ্কর। আরজেডি-এর জঙ্গলরাজ বিহারকে কয়েক দশক পিছিয়ে দিয়েছে: মুজাফফরপুরে প্রধানমন্ত্রী মোদী

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की।

बाबा गरीबनाथ के ई पावन धरती पर अपने सब के अभिनंदन करई छी। खुदीराम बोस, जुब्बा सहनी और पंडित सहदेव झा के ई वीर भूमि के गोर लगे छी। आज चौथे चरण का मतदान चल रहा है। आप सभी जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से बीजेपी और NDA के पक्ष में आंधी चल रही है, आंधी। यहां बिहार में भी जंगलराज वाली पार्टी चारों खाने चित होने जा रही है और मैं हिंदुस्तान में जहां-जहां गया, बिहार में जहां-जहां गया एक ही आवाज आ रही है, एक ही स्वर सुनाई दे रहा है फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार..।

भाइयों और बहनों,

ये देश का चुनाव है, ये हिंदुस्तान का भविष्य तय करने का चुनाव है, ये चुनाव देश का नेतृत्व चुनने का चुनाव है। कौन है जिसके हाथों में हम ये देश की बागडोर दें, इसका निर्णय करने का चुनाव है। देश कांग्रेस वाली कमज़ोर, डरपोक और अस्थिर सरकार बिल्कुल नहीं चाहता। आप अपने मोहल्ले में भी ढीला- ढाला पुलिस वाला पसंद करते हैं क्या? ढीला- ढाला टीचर पसंद करते हैं क्या? टीचर भी मजबूत चाहिए कि नहीं चाहिए? जरा जवाब दीजिए ना टीचर भी तो मजबूत चाहिए ना, मोहल्ले में पुलिस वाला भी मजबूत चाहिए ना तो फिर देश का प्रधानमंत्री मजबूत होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, डरपोक प्रधानमंत्री देश चला सकता है क्या? आप कल्पना कर सकते हैं ये लोग इतने डरे हुए हैं, इतने डरे हुए हैं, इनको रात में सपने में भी पाकिस्तान का परमाणु बम दिखाई देता है। अब ऐसी पार्टियां, ऐसे नेता जिनको रात में भी सोते-सोते पाकिस्तान का परमाणु बम दिखाई दे, क्या इनको देश दे सकते हैं क्या? ऐसे लोगों को देश दे सकते हैं क्या? ये कांग्रेस के नेताओं के, इंडी-गठबंधन के नेताओं के कैसे-कैसे बयान आ रहे हैं? कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं, अरे भाई पहना देंगे। अब उनको आटा भी चाहिए, उनके पास बिजली भी नहीं है, अब हमें मालूम नहीं है कि उनके पास चूड़ियां भी नहीं है। कोई मुंबई हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है, कोई सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहा है, ये लेफ्ट वाले तो भारत के परमाणु हथियारों को ही खत्म करना चाहते हैं। ऐसा लगता है जैसे इंडी गठबंधन वालों ने भारत के खिलाफ ही किसी से सुपारी ले ली है। आप मुझे बताइये ऐसे स्वार्थी लोग क्या राष्ट्र रक्षा के लिए कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? जरा पूरी ताकत से बताइये कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? कड़े फैसले ले सकते हैं क्या? ऐसे दल जिनके अंदर कोई ठिकाना नहीं वो भारत को मजबूत बना सकते हैं क्या? मजबूत बना सकते हैं क्या? वो तो मजबूर बनाकर छोड़ेंगे।

साथियों,

मोदी पूर्वी भारत के राज्यों को अगर हिंदुस्तान के नक्शा को देखें और सीधी लाइन बनायें तो जो पूर्वी भारत है जिसमें हमारा बिहार है, हमारा झारखंड है, हमारा बंगाल है, हमारा ओडिशा है ये जो पूर्वी भारत के राज्य हैं ऐसे राज्यों को विकसित भारत के विकास का ग्रोथ इंजन मानता है। इसलिए मैं विकसित बिहार- विकसित भारत के मंत्र पर काम कर रहा हूं। बिहार में आधुनिक कनेक्टिविटी हो, लोगों का जीवन आसान बनाने का काम हो, युवाओं के लिए नए अवसर बनाने हो, कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाना हो, NDA सरकार हर दिशा में काम कर रही है। मोदी चारों दिशाओं में एक साथ काम करने का स्वभाव रखता है। मुजफ्फरपुर और बिहार के लोगों ने दशकों तक नक्सलवाद का जख्म सहा है। पहले की सरकारों ने नक्सलवाद को पाला-पोसा और उसका आपके खिलाफ इस्तेमाल भी किया। अपराध हो, नक्सलवाद हो, इसकी वजह से बिहार में उद्योग-धंधे सब चौपट हो गए। आपको वो दिन याद हैं ना जब शाम होते ही घर में छिपना पड़ता था, बाहर निकलना बंद हो जाता था, ये जो फर्स्ट टाइम वोटर हैं ना वो तो उस समय पैदा भी नहीं हुए होंगे उनको तो पता ही नहीं होगा कि क्या मुसीबत थी अपने जरा दादा-दादी, पिता-माता को पूछिए जंगलराज की जिंदगी कितनी भयानक थी? कितनी डरावनी थी? आरजेडी के जंगलराज ने बिहार को कई दशक पीछे धकेल दिया था। ये एनडीए की सरकार है जो बिहार में कानून- व्यवस्था को पटरी पर लाई है। अब नक्सलवाद प्रभावित जिले भी तेजी से कम हो रहे हैं। जब शांति स्थापित हो रही है तो उद्योग भी लौट रहे हैं, निवेश भी आ रहा है और आप जानते हैं जब निवेश आता है तो रोजगार के भी मौके बढ़ाता है।

साथियों,

कांग्रेस और RJD का इंडी-गठबंधन, भारत को बांटने में ही जुटा है। ये समाज को आपस में लड़ाकर अपने वोट बैंक के तुष्टिकरण में लगा है। आप लोग जानते हैं ना कर्नाटक कांग्रेस सरकार ने क्या किया? ये समझने जैसा है, कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है उन्होंने क्या किया रातों-रात वहां जितने भी मुस्लिम जातियां हैं सबके-सब 100 परसेंट, सबके सब मुसलमानों को एक रात में हुक्म निकालकर के, ऑर्डर निकालकर के ओबीसी बना दिया। इसके कारण क्या हुआ ओबीसी को जो आरक्षण मिला था उसमें उन्होंने डाका डाला ओबीसी जो हैं पहले वाले उनके पास कुछ बचा ही नहीं अब मुझे बताइये क्या ये मॉडल हम बिहार में लागू होने देंगे क्या? आपके आरक्षण में कोई डाका डाले आपको मंजूर है क्या? आपका आरक्षण कोई लूट ले आपको मंजूर है क्या? और यहां बिहार में जो चारा वाले हैं उन्होंने और भी खतरनाक बात कही है वो तो कहते हैं दलित, महादलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी इन लोगों को जो आरक्षण मिलता है वो उनसे लेकर के पूरा का पूरा वो मुसलमानों को देना चाहते हैं। साथियों, ये देश ऐसी कोई भी हरकत नहीं चलने देगा और जो ये दलित, पीड़ित, आदिवासी, वंचित, ओबीसी इनका आरक्षण लूटना चाहते हैं ना वो जरा लिख लो ये मोदी है जान की बाजी लगा दूंगा लेकिन आपको ना ही संविधान को हाथ लगाने दूंगा, ना धर्म के आधार पर आरक्षण करने दूंगा और ना ही एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण छीनने दूंगा और इसलिए मोदी किसी को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देने देगा और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

हमारी प्रतिबद्धता- बिहार के युवाओं के सपनों को पूरा करना है। यहां नीतीश जी के नेतृत्व में लाखों सरकारी नौकरियां बिहार सरकार ने दी है, एनडीए सरकार ने दी है। केंद्र सरकार ने भी रोज़गार मेलों के ज़रिए, लाखों भर्तियों की योजना को और हमने तो इतने सुधार किए पहले नौकरी भर्ती में दो-दो साल तो कागजी काम चलता था, मैंने इसको कम कर करके एक साल में 10 लाख लोगों की भर्ती करने की ताकत पैदा कर दी है। बिहार में 8 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए हैं, बिहार में 10 हजार से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं, बिहार में 400 से ज्यादा जन औषधि केंद्र खुले हैं। राज्य के गांवों में 60 हजार से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर खोले गए हैं, मुझे बताइये ये सारा इतना हो रहा है इनमें कौन काम कर रहा है? नौजवान को रोजगार मिले बिना ये काम होता होगा क्या? आज देश में लाखों कॉमन सर्विस सेंटर गांव-गांव चल रहे हैं, ये मेरे नौजवान नहीं चला रहा है तो कौन चला रहा है? रोजगार नहीं होता तो कैसे चलता?

भाइयों और बहनों,

यहां बड़ी संख्या में हमारी मातायें- बहनें आई हैं। आप ज़रा याद कीजिए 10 साल पहले महंगाई की स्थिति क्या थी? तब एक ही गाना चलता था और बिहार में तो बहुत चलता था, महंगाई डायन खाए जात है, महंगाई डायन खाए जात है। तब महीने की 20 हजार की आमदनी पर कांग्रेस सरकार आके कहती थी कि टैक्स दो। आज मोदी ने ऐसा सुधार किया है कि 50-60 हजार रुपए की आय तक आपको एक नया पैसा भी टैक्स नहीं देना होगा। अब ये बचत हुई है कि नहीं हुई। तब गरीब तो फोन भी नहीं रख सकता था। फोन करना भी महंगा था। आज तो हर किसी के पास यहां जितने भी लोग बैठे हैं ना 80 परसेंट लोगों के हाथ में मोबाइल होगा और बिल भी बहुत कम आता है।

साथियों,

कांग्रेस सरकार में गरीब परिवारों की बहनों के लिए तो रसोई चलाना और भी मुश्किल था। तब मोदी नहीं था तो आपको मुफ्त अनाज और मुफ्त इलाज भी नहीं मिलता था। मुफ्त राशन की योजना ने गरीबों के 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बचाए हैं। वरना ये पैसे उनके अनाज खरीदने में जाते हैं, 10 लाख करोड़ रुपये इस देश के लोगों के जेब में बचे हैं। हमने जो मुफ्त योजनाएं चलाई हैं उस मुफ्त इलाज के आयुष्मान योजना ने गरीबों के सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बीमारी के समय होने वाले खर्चे मोदी कर रहा है इसलिए आपके पैसे बच गए। जन औषधि केंद्रों में 80 परसेंट डिस्काउंट से दवाई बेचते हैं हम। 100 रुपये की दवाई 20 रुपये, 15 रुपये, 8 रुपये ऐसे मिलती है। ये सस्ती दवाई के कारण आज देशवासियों के गरीब दवाई में दो खर्चा होता था उसमें 30 हजार रुपये कम होकर के, 30 हजार रुपये की बचत हुई है।

साथियों,

हर परिवार की बचत बढ़ाने वाली एक और गारंटी मोदी ने दी है। अब बिहार के हर परिवार में जितने भी बुजुर्ग हैं, जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर है, 70 साल से ऊपर जो भी है आपके घर में कुछ ना कुछ दवाई तो लगती ही लगती है, हजार- दो हजार रुपये की दवाई तो लग ही जाती है और जो बेटा मेहनत करता है, बेटी मेहनत करती हैं उसी को खर्चा भोगना पड़ता है वो अपने बच्चों के लिए खर्च नहीं कर पाता है, बुजुर्ग मां-बाप के लिए करना होता है अब मैं आपको कहता हूं आपको वो खर्चा नहीं करना पड़ेगा दिल्ली में आपका बेटा बैठा है, वो खर्चा मोदी करेगा। 5 लाख रुपए तक 70 साल से ऊपर के लोगों का इलाज का खर्चा मोदी करेगा। मैं बिहार के सारे युवाओं को कहूंगा अब ये चिंता छोड़ दीजिए कि बुजुर्ग माई-बाबू के इलाज के लिए पैसे कहां से आएंगे? अब उनका मुफ्त इलाज होगा और इसका इंतजाम अपने तीसरे कार्यकाल, तीसरी बार जब मैं सरकार बनाऊंगा, मोदी खुद इस काम को करेगा।

साथियों,

कांग्रेस के समय में ये बल्ब आता है ना लट्टू, एक एलईडी बल्ब 400 रुपये में आता था मोदी ने इसकी कीमत घटाकर 40-50 रुपये कर दी, घर-घर में सस्ता एलईडी बल्ब पहुंचा कर भी सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग की बिजली बिल में 20,000 करोड़ रुपए बचाए हैं। साथियों, मोदी ने आपका डबल मुनाफा करने वाली भी एक और योजना बनाई है। डबल मुनाफा, इस योजना से आपकी बिजली का बिल हो जाएगा जीरो, बिजली का बिल जरा- बोलो ना, बिजली का बिल, बिजली का बिल, जीरो। इतना ही नहीं आप घर में बिजली पैदा करके आप हीरो बन जाएंगे इस योजना का नाम है पीएम सूर्यगढ़ मुफ्त बिजली योजना और उसका रजिस्ट्रेशन चालू है सरकार ने ये योजना लॉन्च कर दी है। आपको भी मैं कहूंगा ऑनलाइन जाकर के अप्लाई कर दीजिए। इसके तहत छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार आपको 75 हजार रुपये देगी, 75 हजार रुपये। जितनी बिजली चाहिए मुफ्त उपयोग करो और बाकी बिजली सरकार को बेच दो। यानी आपके घर के बिजली का बिल जीरो और ऊपर से बिजली बेचकर के कमाई। ये योजना मोदी लाया है।

भाइयों और बहनों,

किसानों का हित, एनडीए की प्राथमिकता है। बिहार के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के 22 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। 22 हजार करोड़ आंकड़ा छोटा नहीं है जी उसकी जेब में 22 हजार करोड़ रुपये गया है। बिहार के गांव में 22 हजार करोड़ रुपया जाता है ना तो बिहार की इकोनॉमी दौड़ने लगती है। इससे यहां लीची, आम और दूसरी फसल उगाने वाले किसानों को बहुत फायदा हुआ है। ये हमारी सरकार है जिसने मुजफ्फरपुर की लीची को जीआई टैग दिया है, अब बीजेपी ने एक और बड़ी घोषणा की है आने वाले 5 साल में हम फल- सब्जियों के लिए विशेष स्टोरेज क्लस्टर बनाने वाले हैं। यही नहीं आने वाले पांच साल में फूड प्रोसेसिंग के लिए भी हम तेजी से काम करेंगे।

साथियों,

हमारी सरकार की प्राथमिकता मछली पालन से जुड़े भाई- बहन भी है इन्हें मत्स्य संपदा योजना से हजारों करोड़ रुपए की मदद दी गई है। ये हमारी ही सरकार है जिसने किसान क्रेडिट कार्ड से मछुआरों को भी जोड़ा है और देश में पहली बार मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय बनाया। 75 साल हुआ किसी ने नहीं बनाया, मोदी ने बनाया। मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट, अलग योजना सिर्फ और सिर्फ मछुआरों के लिए।

साथियों,

बिहार में रेल, रोड, एयरपोर्ट जितने भी काम यहां चल रहे हैं, वो तेज़ी से पूरे हों। विकसित बिहार विकसित होने के रास्ते पर तेजी से चले इसके लिए मुजफ्फरपुर से हमारे साथी राजभूषण चौधरी निषाद जी और वैशाली से वीणा देवी जी को भारी वोटों से विजयी बनाना है और जब आप इनको वोट देंगे ना तो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा, तो आप ज्यादा से ज्यादा वोट करवाएंगे, पोलिंग बूथ जीतेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि हमारे मोदी जी आए थे और मोदी जी ने परिवार के सबको जय श्री राम कहा है, मेरा जय श्री राम पहुंचा दोगे, हर परिवार में पहुंचा दोगे, बोलिए भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।