Quoteকংগ্রেস বরাবরই মধ্যবিত্ত বিরোধী দল: হায়দ্রাবাদে প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteবিআরএস হোক বা কংগ্রেস, কেউই আপনাদের সমস্যা বোঝে না: হায়দ্রাবাদে প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteবর্ণবাদের বিষ কংগ্রেসের শিরায় ভরা: হায়দ্রাবাদে প্রধানমন্ত্রী মোদী

भारत माता की..

भारत माता की…।

हैदराबाद, सिकंदराबाद, मलकाजगिरी, चेवल्ला और भोंगिर को अंदरकी नमस्कारम। आप सभी को (ये पर्दा नीचे रखो प्लीज), आप सभी को अक्षय तृतीया की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आपके जीवन में सुख रहे, समृद्धि रहे, लक्ष्मी जी का आशीर्वाद रहे, आपका भाग्य बना रहे, सौभाग्य बना रहे, ईश्वर से यही कामना है। तेलंगाना अक्षय तृतीया एक बड़ा त्योहार होता है इसके बावजूद भी आज मैं ये दूसरा कार्यक्रम तेलंगाना में कर रहा हूं और जिस प्रकार से लोग उत्साह-उमंग के साथ जुड़ रहे हैं, भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये आपका कमिटमेंट दिखाता है।

साथियों,

हैदराबाद तो स्पेशल है ही ये वेन्यू भी और स्पेशल है। आपमें से बहुत लोगों को याद होगा 10 साल पहले यहीं एक विराट सभा हुई थी और एंट्री के लिए पैसे देकर के टिकट लेना पड़ता था और वो एक ऐसा टर्निंग प्वाइंट था जो इस धरती से पूरे देश में निराशा को आशा में बदलने की आंधी चली थी, और आज फिर ये दृश्य, ये माहौल साफ दिखाता है कि तेलंगाना का मूड क्या है? तेलंगाना कह रहा है कांग्रेस नक्को, बीआरस नक्को, MIM नक्को..बीजेपी को इच वोट देंगे, बीजेपी को जिताएंगे। साथियों, मैं तेलंगाना में जहां-जहां गया हूं, एक अभूतपूर्व क्रांति मैं देख रहा हूं। तेलंगाना के परिणाम पूरे देश में उत्साह भरने वाले परिणाम आने वाले हैं।

साथियों,

4 जून के नतीजे अब बिल्कुल स्पष्ट है। 4 जून को देश जीतेगा, कौन जीतेगा? कौन जीतेगा? 4 जून को 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प जीतेगा और 4 जून को भारत के विरोधी हारेंगे। 4 जून को आत्मनिर्भर भारत अभियान के विरोधी हारेंगे। 4 जून को CAA कानून के विरोधी हारेंगे। 4 जून को यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोधी हारेंगे। 4 जून को वोट जिहाद की बात करने वाले हारेंगे। 4 जून को आर्टिकल 370 के समर्थक हारेंगे। 4 जून को ट्रिपल तलाक के समर्थक हारेंगे। 4 जून को भ्रष्टाचार के समर्थक हारेंगे। 4 जून को तुष्टिकरण के समर्थक हारेंगे।

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साथियों,

हैदराबाद, सॉल्यूशन सिटी है। यहां हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढा जाता है। आप मुझे बताइये क्या भारत, करप्शन जैसी प्रॉब्लम के साथ आगे बढ़ सकता है क्या? पूरी ताकत से बताइये बढ़ सकता है क्या? बढ़ सकता है क्या? क्या भारत को लाखों करोड़ के स्कैम करने वाली पार्टियां आगे बढ़ा सकती है क्या? क्या यूथ की एस्पिरेशन को इग्नोर करने वाली पार्टियां देश का भविष्य बना सकती है? क्या मीडिल क्लास के ड्रीम्स को कुचलने वाली पोलिटिकल पार्टियां, आपका भला कर सकती है? क्या हर प्रोजेक्ट में पहले करप्शन का पोटेंशियल खोजने वाली पार्टियां मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकती हैं? तो ये काम कौन कर सकता है? ये काम कौन कर सकता है? ये काम कौन कर सकता है? ये काम कौन कर सकता है? ये काम कौन कर सकता है? मोदी नहीं, ये आपका एक वोट कर सकता है। ये आपके वोट की ताकत है, जो इन सारी समस्याओं का समाधान है। आपने बीजेपी को वोट, NDA को वोट दिया, भारत भी अपनी दशकों पुरानी प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशंस पर काम करने लगा। आज इसका परिणाम हम चारों तरफ देख रहे हैं। भारत आज डिजिटल पावर है। भारत आज फिनटेक पावर है। भारत आज स्टार्टअप पावर है। भारत आज 5वीं दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है, भारत आज स्पेस पावर है।

साथियों,

ये तो मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड है, लेकिन कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड क्या है? कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड है, लूट..लूट..लूट। कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड है, अपिजमेंट। कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड है, डायनेस्टी फर्स्ट। कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड है, आतंकवादियों पर नरमी। हमारे जो फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं, मैं तो चाहूंगा कि हर परिवार अपने 18-20-22 साल के बच्चों के साथ बैठें और दस साल पहले क्या हाल थे उसकी जरा चर्चा करें। शायद इन फर्स्ट टाइम वोटर जो आज से 10 साल पहले, 8 साल 10 साल 12 साल के थे उन्हें तो याद भी नहीं होगा, 10- 11 साल पहले यहां दिलसुखनगर में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। कांग्रेस की सरकार में पहले पूरे देश में ऐसी की खबरें आती रहती थीं। कोई परिवार रेस्टोरेंट में खाना खाने गया है, ब्लास्ट हो जाता है। कोई परिवार थिएटर में मूवी देखने गया है, ब्लास्ट हो जाता था। कोई परिवार बस से ट्रैवल कर रहा है, ब्लास्ट हो जाता था। आज कहीं से भी ऐसी खबरें आती हैं क्या? जरा इस तरफ से मुझे जवाब चाहिए, क्या ऐसी खबरें आती हैं क्या? उधर से जरा बताइये, ऐसी खबरें आती हैं क्या? ये बम ब्लास्ट किसने रोके? ये बम ब्लास्ट किसने रोके? ये बम ब्लास्ट किसने रोके? ये बम ब्लास्ट रोकने का काम आपने दिल्ली में एक मजबूत सरकार बनाई मोदी को उसकी सेवा का अवसर दिया, तब जाकर के ये रुका है। लेकिन ये बात कांग्रेस और इंडी गठबंधन को पसंद नहीं आ रही है। देश में ये खून-खराबा फिर से शुरू हो इसके लिए कुछ ताकतें मोदी को हटाने में जुटी है। इसलिए मैं हैदराबाद से पूरे देश को सतर्क करना चाहता हूं कांग्रेस को वोट देना मतलब, वो पुराने दिन जो कोई अनजान ‘पंजा’ आतंक को उसके साये में जीने के लिए देश को मजबूर कर दिया था, देश को मजबूर बना देता था और इसलिए फिर से एक बार देश आतंक की लपट में आना नहीं चाहता है।

साथियों,

कांग्रेस हमेशा से एंटी मिडिल क्लास पार्टी रही है। आप याद कीजिए, जब ये सरकार में थे, तो कैसी-कैसी बातें करते थे? इनके एक नेता कहते थे कि मिडिल क्लास केयरलेस है। ये उनके नेता कहते थे कांग्रेस के, वो कहते थे कि जो आइसक्रीम पर पैसा खर्च करते हैं, वो महंगाई की शिकायत क्यों करते हैं? याद है ना ये पुराने बयान ये कांग्रेस के नेता सरकार में रहते ऐसे बयान देते थे।

साथियों,

इस बार भी कांग्रेस के मेनिफेस्टो में मिडिल क्लास के लिए जरा सा भी विचार नहीं किया गया है। लेकिन ये लोग मिडिल क्लास की कमाई का एक्स-रे करके, उसे अपने वोट बैंक की और उनको बांटने की घोषणाएं डंके की चोट पर कर रहे हैं।

साथियों,

आप मुझे बताइये आपकी जो संपत्ति है उस पर आपके संतानों का अधिकार है कि नहीं है, जरा मुझे सब के सब लोग बताइये क्या आपकी संपत्ति पर आपके संतानों का अधिकार है कि नहीं है? क्या कोई सरकार आपकी संपत्ति छीनकर के आपके संतानों का अधिकार छीन ले, ऐसी सरकार आपको मंजूर है। साथियों, कांग्रेस ये विचार करके चल रही है। साथियों, कांग्रेस की नस-नस में रेसिज्म का जहर भी भरा है। ये शहजादे के उस्ताद अपने ही देश के लोगों को चीन का, अफ्रीका का बता रहे हैं। शहजादे के उस्ताद की मानें तो आप सभी भारतीय नहीं, बल्कि अफ्रीकी हैं। कांग्रेस देश को टुकड़ों- टुकड़ों में तोड़ने वाली मानसिकता के साथ बोल रही है। ये लोग भारत को एक राष्ट्र ही नहीं मानते, इसलिए आपको कांग्रेस से, इंडी अलायंस से बहुत सतर्क रहना है।

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साथियों,

आप सभी जानते हैं कि शहजादे को ऐसे खतरनाक आइडिया, ट्यूशन करके सिखाए जाते हैं और शहजादे को ट्यूशन पढ़ाने वाले ने एक और बात कही है, वो कहते हैं कि राम मंदिर और राम नवमी मनाना गलत है। वो कहते हैं कि भगवान राम की पूजा, आइडिया ऑफ इंडिया के खिलाफ है। मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं क्या भगवान राम का अपमान आपको मंजूर है? क्या पूजा करना गलत है क्या? क्या पूजा करना देशद्रोह है क्या? भारत को हमेशा विदेशी चश्मे से देखने वाली कांग्रेस को आइडिया ऑफ इंडिया का अंदाजा ही नहीं है। आखिर क्या है आइडिया ऑफ इंडिया? आइडिया ऑफ इंडिया भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति का प्रतिबिंब है। आइडिया ऑफ इंडिया यानी सत्यमेव जयते, आइडिया ऑफ इंडिया यानी अहिंसा परमो धर्मः, आइडिया ऑफ इंडिया यानी आचारः परमो धर्मः, आइडिया ऑफ इंडिया यानी नहि सत्यात् परो धर्मः, आइडिया ऑफ इंडिया- एकम सत् विप्रा बहुधा वदन्ति, आइडिया ऑफ इंडिया- वसुधैव कुटुम्बकम्, आइडिया ऑफ इंडिया- सर्व पंथ समभाव, आइडिया ऑफ इंडिया- अप्प दीपो भव, आइडिया ऑफ इंडिया- बुद्धम् शरणम् गच्छामि, आइडिया ऑफ इंडिया- सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्, आइडिया ऑफ इंडिया- परोपकाराय सतां विभूतय:, आइडिया ऑफ इंडिया- जन सेवा ही, प्रभु सेवा, आइडिया ऑफ इंडिया- ईश्वरः सर्वभूतानां, आइडिया ऑफ इंडिया- सरब जोति के बीच समाना, आइडिया ऑफ इंडिया- गोड इज ग्रेट, आइडिया ऑफ इंडिया- नर में नारायण, जीव में शिव, आइडिया ऑफ इंडिया- या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता, आइडिया ऑफ इंडिया- नारी तू नारायणी, आइडिया ऑफ इंडिया- मा विद्विषावहै, आइडिया ऑफ इंडिया- मिच्छामी दुक्कड़म और आइडिया ऑफ इंडिया- अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। हमें जन्म देने वाली ये धरती मुझे स्वर्ग से भी ज्यादा प्रिय है, ये भगवान श्री राम के ही तो बोल थे, ये आइडिया ऑफ इंडिया आज केवल मान्यताओं तक सीमित नहीं है। ये आइडिया ऑफ इंडिया आज भारत की एक सशक्त पहचान है। ये आइडिया ऑफ इंडिया आज भारत की बुलंद आवाज़ है और इसलिए आज आइडिया ऑफ इंडिया यानी, इंटरनेशनल योग दिवस, आइडिया ऑफ इंडिया यानी वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का विज़न, आइडिया ऑफ इंडिया यानी विश्व के लिए वन सन, वन अर्थ, वन ग्रिड का विचार, आइडिया ऑफ इंडिया यानी चंद्रमा पर शिवशक्ति प्वाइंट, आइडिया ऑफ इंडिया मतलब मदर ऑफ डेमोक्रेसी, आइडिया ऑफ इंडिया- जस्टिस टू ऑल, अपीजमेंट टू नन, जिन श्रीराम से हमें ये प्रेरणा मिलती है, उन्हीं प्रभु राम की पूजा को कांग्रेस आइडिया ऑफ इंडिया के खिलाफ बता रही है।

साथियों,

तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस और उसकी जैसी सोच वाली पार्टियां कुछ भी कर सकती है। यहां हैदराबाद में भी MIM को इसलिए ही खुली छूट दी गई है। वोट बैंक ना नाराज हो जाए इसी डर से ना तो कांग्रेस और ना ही BRS हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाना चाहती है। लेकिन अब बीजेपी ने हैदराबाद को इस खौफ से मुक्ति दिलाने की ठानी है। केंद्र सरकार ने तय कर दिया है कि हर साल 17 सेप्टेम्बर को, 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाया जाएगा।

भाइयों- बहनों,

हिंदुओं को बांटो और अपने वोट बैंक को खुश करो, ये कांग्रेस की रणनीति है। इसलिए, कांग्रेस SC/ST/BC से रिजर्वेशन छीनकर रिलिजन के आधार पर बांटना चाहती है। आपने सुना होगा कि शहज़ादे के करीबी और चारा घोटाले के दोषी नेता ने क्या कहा? जेल से बाहर आये हैं और क्या बोल रहे हैं वो कहते हैं मुसलमानों को रिजर्वेशन देना ही चाहिए और फिर इतना ही नहीं वो कहते हैं पूरा का पूरा रिजर्वेशन मुसलमान को देना चाहिए। ये लोग BC कोटा के रिजर्वेशन को खत्म करके रिलिजन के नाम पर रिजर्वेशन देना चाहते हैं। इसका बहुत बड़ा प्रभाव जो GHMC चुनाव में पड़ा था वो हम सबने देखा है। जिन सीटों पर BC समाज का हक था वो उनसे छीन ली गई। कांग्रेस यही मॉडल पूरे देश में लागू करना चाहती है।

साथियों,

तेलंगाना में जब से कांग्रेस सरकार बनी है, तब से ‘डबल आर टैक्स’ की भी बहुत चर्चा है। ‘एक आर’ तेलंगाना का और ‘एक आर’ दिल्ली का, इन्होंने मिलकर हैदराबाद को, तेलंगाना को ATM बना दिया है। मैंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ‘डबल आर टैक्स’ पर यहां के मुख्यमंत्री खुद सफाई दे रहे हैं। साथियों, यहां हैदराबाद में तो ‘ट्रिपल आर टैक्स’ का बोझ आपको उठाना पड़ता है। यहां ‘एक आर’, रज़ाकार का भी है। ये रज़ाकार टैक्स कैसे काम करता है, ये ओल्ड हैदराबाद में दिखता है। कांग्रेस-BRS के समर्थन वाली मजलिस के सांसद वहां लंबे अरसे से हैं, लेकिन वहां बेसिक सुविधाएं तक नहीं है। साथियों, हैदराबाद में हर साल बारिश में चारों तरफ पानी भर जाता है। लेकिन BRS हो या कांग्रेस, किसी ने भी आपकी परेशानियों को नहीं समझा। हर साल पब्लिक परेशान रहती है। इससे हेल्थ और एजुकेशन, हर सर्विस उस पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यहां पावर कट से लोग परेशान हैं।

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साथियों,

बीजेपी तेलंगाना के तेज विकास के लिए प्रतिबद्ध है। तेलंगाना को, पहला एम्स किसने दिया? तेलंगाना को 4 वंदे भारत ट्रेन किसने दी? तेलंगाना को सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी किसने दी? तेलंगाना में बंद पड़ी फर्टिलाइज़र फैक्ट्री किसने चालू की? टर्मेरिक बोर्ड किसने बनाया? NTPC का बड़ा बिजली कारखाना किसने बनाया? ये सारे काम बीजेपी की सरकार ने किए हैं। हमारी सरकार तेलंगाना को ग्लोबल कैपेबिलिटी के बड़े सेंटर के रूप में भी विकसित कर रही है। यहां एविएशन हब बन रहा है। ये एयरक्राफ्ट इंजन की दुनिया की सबसे बड़ी एमआरओ फैसिलिटी होगी। आत्मनिर्भर अभियान का लाभ भी तेलंगाना को मिलने जा रहा है। डिफेंस से लेकर बायो टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेलंगाना के लिए आने वाले 5 साल तेज विकास के होंगे। हसन चेरापल्ली LPG पाइपलाइन से भी इस क्षेत्र को काफी फायदा हुआ है। यहां युवाओं के लिए जॉब के, रोजगार के अनगिनत अवसर बन रहे हैं।

साथियों,

बीजेपी सरकार, सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास- सबका प्रयास इस मंत्र पर चलती है। ये बीजेपी सरकार है जिसने ट्रिपल तलाक के बहाने मुस्लिम बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को खत्म किया है। ये बीजेपी की सरकार है जिसने स्कूलों में बेटियों के लिए अलग से लाखों शौचालय बनवाएं। इससे मुस्लिम समाज की बेटियों को भी लाभ हुआ। 10 साल में बहनों को पहली बार, टॉयलेट, गैस, पानी जैसी सुविधाएं मिली हैं। पहली बार उनको भी पक्का घर, मुफ्त राशन मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इसलिए हर मां-बहन कह रही है, मातृशक्ति कह रही है फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार।

साथियों,

BRS को दिया आपका वोट, कांग्रेस को ही मदद करेगा और कांग्रेस को दिया आपका वोट भी केंद्र में सरकार नहीं बना सकता। इसलिए आपको भारी संख्या में भाजपा के पक्ष में, कमल के निशान पर बटन दबाकर के मतदान करना है और भाइयों-बहनों, क्या मेरा तेलंगाना मतदान के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है? सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ सकता है? ज्यादा से ज्यादा मतदान करा सकता है, इस चुनाव में भाजपा सभी लोकसभा सीट तो जीतने वाली ही है लेकिन मुझे ज्यादा से ज्यादा पोलिंग बूथ जीतने हैं, क्या पोलिंग बूथ जिता सकते हैं? पोलिंग बूथ जिताएंगे, पूरी ताकत पोलिंग बूथ जिताने में लगाएंगे।

भाइयों- बहनों,

इस चुनाव में सिकंदराबाद से मेरे साथी जी. किशन रेड्डी जी, हैदराबाद से बहन माधवी लता, मलकाजगिरी से श्री इटेला राजेंदर, चेवल्ला से श्री कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी और भुवनगिरी से डॉ. बूरा नरसैया गौड़, इन सभी साथियों को विजयी बनाना है। बनाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। अच्छा मेरा एक काम करोगे, ये चुनाव वाला काम नहीं है, मेरा पर्सनल काम है.. करोगे, ये मोदी का पर्सनल काम है करोगे। इनमें से किसी का काम नहीं है..मेरा है करोगे? जरा हाथ ऊपर करके बताओ..करोगे? अच्छा, तो मेरा काम बहुत सरल है ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाइये उन सबको मिलिए और उनको कहिए मोदी जी हैदराबाद आये थे, आप सबको नमस्कार कहा है, परिवार में सबको जय श्री राम कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचाएंगे, मेरा जय श्री राम पहुंचाएंगे, जब परिवार के सब लोगों को मेरा नमस्कार पहुंचेगा, मेरा जय श्री राम पहुंचेगा, तो परिवार के हर कोई मुझे आशीर्वाद देंगे और जब परिवार का हर व्यक्ति मुझे आशीर्वाद देता है तो मेरी ऊर्जा अनेक गुना बढ़ जाती है और मैं उसे आपकी सेवा अधिक क्षमता के साथ कर सकता हूं।

बोलिए, भारत माता की..

भारत माता की।

बहुत- बहुत धन्यवाद।

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Vimlesh Mishra July 22, 2024

    jai mata di
  • Pradhuman Singh Tomar July 15, 2024

    BJP
  • krishangopal sharma Bjp July 09, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 09, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • krishangopal sharma Bjp July 09, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏
  • Pradhuman Singh Tomar July 03, 2024

    BJP
  • Pradhuman Singh Tomar July 03, 2024

    BJP 103
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In future leadership, SOUL's objective should be to instill both the Steel and Spirit in every sector to build Viksit Bharat: PM
February 21, 2025
QuoteThe School of Ultimate Leadership (SOUL) will shape leaders who excel nationally and globally: PM
QuoteToday, India is emerging as a global powerhouse: PM
QuoteLeaders must set trends: PM
QuoteIn future leadership, SOUL's objective should be to instill both the Steel and Spirit in every sector to build Viksit Bharat: PM
QuoteIndia needs leaders who can develop new institutions of global excellence: PM
QuoteThe bond forged by a shared purpose is stronger than blood: PM

His Excellency,

भूटान के प्रधानमंत्री, मेरे Brother दाशो शेरिंग तोबगे जी, सोल बोर्ड के चेयरमैन सुधीर मेहता, वाइस चेयरमैन हंसमुख अढ़िया, उद्योग जगत के दिग्गज, जो अपने जीवन में, अपने-अपने क्षेत्र में लीडरशिप देने में सफल रहे हैं, ऐसे अनेक महानुभावों को मैं यहां देख रहा हूं, और भविष्य जिनका इंतजार कर रहा है, ऐसे मेरे युवा साथियों को भी यहां देख रहा हूं।

साथियों,

कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, जो हृदय के बहुत करीब होते हैं, और आज का ये कार्यक्रम भी ऐसा ही है। नेशन बिल्डिंग के लिए, बेहतर सिटिजन्स का डेवलपमेंट ज़रूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत, जन से जग, ये किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, विशालता को पाना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का डेवलपमेंट बहुत जरूरी है, और समय की मांग है। और इसलिए The School of Ultimate Leadership की स्थापना, विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा कदम है। इस संस्थान के नाम में ही ‘सोल’ है, ऐसा नहीं है, ये भारत की सोशल लाइफ की soul बनने वाला है, और हम लोग जिससे भली-भांति परिचित हैं, बार-बार सुनने को मिलता है- आत्मा, अगर इस सोल को उस भाव से देखें, तो ये आत्मा की अनुभूति कराता है। मैं इस मिशन से जुड़े सभी साथियों का, इस संस्थान से जुड़े सभी महानुभावों का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। बहुत जल्द ही गिफ्ट सिटी के पास The School of Ultimate Leadership का एक विशाल कैंपस भी बनकर तैयार होने वाला है। और अभी जब मैं आपके बीच आ रहा था, तो चेयरमैन श्री ने मुझे उसका पूरा मॉडल दिखाया, प्लान दिखाया, वाकई मुझे लगता है कि आर्किटेक्चर की दृष्टि से भी ये लीडरशिप लेगा।

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साथियों,

आज जब The School of Ultimate Leadership- सोल, अपने सफर का पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको ये याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है? स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Give me a hundred energetic young men and women and I shall transform India.” स्वामी विवेकानंद जी, भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे। और उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर्स उनके पास हों, तो वो भारत को आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी इच्छा-शक्ति के साथ, इसी मंत्र को लेकर हम सबको और विशेषकर आपको आगे बढ़ना है। आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में, हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। सिर्फ पॉलीटिकल लीडरशिप नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में School of Ultimate Leadership के पास भी 21st सेंचुरी की लीडरशिप तैयार करने का बहुत बड़ा स्कोप है। मुझे विश्वास है, School of Ultimate Leadership से ऐसे लीडर निकलेंगे, जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की संस्थाओं में, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराएंगे। और हो सकता है, यहां से ट्रेनिंग लेकर निकला कोई युवा, शायद पॉलिटिक्स में नया मुकाम हासिल करे।

साथियों,

कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे भी ज्यादा ह्यूमेन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे याद है, जब महाराष्ट्र और गुजरात के अलग होने का आंदोलन चल रहा था, तब तो हम बहुत बच्चे थे, लेकिन उस समय एक चर्चा ये भी होती थी, कि गुजरात अलग होकर के क्या करेगा? उसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं है, कोई खदान नहीं है, ना कोयला है, कुछ नहीं है, ये करेगा क्या? पानी भी नहीं है, रेगिस्तान है और उधर पाकिस्तान है, ये करेगा क्या? और ज्यादा से ज्यादा इन गुजरात वालों के पास नमक है, और है क्या? लेकिन लीडरशिप की ताकत देखिए, आज वही गुजरात सब कुछ है। वहां के जन सामान्य में ये जो सामर्थ्य था, रोते नहीं बैठें, कि ये नहीं है, वो नहीं है, ढ़िकना नहीं, फलाना नहीं, अरे जो है सो वो। गुजरात में डायमंड की एक भी खदान नहीं है, लेकिन दुनिया में 10 में से 9 डायमंड वो है, जो किसी न किसी गुजराती का हाथ लगा हुआ होता है। मेरे कहने का तात्पर्य ये है कि सिर्फ संसाधन ही नहीं, सबसे बड़ा सामर्थ्य होता है- ह्यूमन रिसोर्स में, मानवीय सामर्थ्य में, जनशक्ति में और जिसको आपकी भाषा में लीडरशिप कहा जाता है।

21st सेंचुरी में तो ऐसे रिसोर्स की ज़रूरत है, जो इनोवेशन को लीड कर सकें, जो स्किल को चैनेलाइज कर सकें। आज हम देखते हैं कि हर क्षेत्र में स्किल का कितना बड़ा महत्व है। इसलिए जो लीडरशिप डेवलपमेंट का क्षेत्र है, उसे भी नई स्किल्स चाहिए। हमें बहुत साइंटिफिक तरीके से लीडरशिप डेवलपमेंट के इस काम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। इस दिशा में सोल की, आपके संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि आपने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है। विधिवत भले आज आपका ये पहला कार्यक्रम दिखता हो, मुझे बताया गया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के effective implementation के लिए, State Education Secretaries, State Project Directors और अन्य अधिकारियों के लिए वर्क-शॉप्स हुई हैं। गुजरात के चीफ मिनिस्टर ऑफिस के स्टाफ में लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए चिंतन शिविर लगाया गया है। और मैं कह सकता हूं, ये तो अभी शुरुआत है। अभी तो सोल को दुनिया का सबसे बेहतरीन लीडरशिप डेवलपमेंट संस्थान बनते देखना है। और इसके लिए परिश्रम करके दिखाना भी है।

साथियों,

आज भारत एक ग्लोबल पावर हाउस के रूप में Emerge हो रहा है। ये Momentum, ये Speed और तेज हो, हर क्षेत्र में हो, इसके लिए हमें वर्ल्ड क्लास लीडर्स की, इंटरनेशनल लीडरशिप की जरूरत है। SOUL जैसे Leadership Institutions, इसमें Game Changer साबित हो सकते हैं। ऐसे International Institutions हमारी Choice ही नहीं, हमारी Necessity हैं। आज भारत को हर सेक्टर में Energetic Leaders की भी जरूरत है, जो Global Complexities का, Global Needs का Solution ढूंढ पाएं। जो Problems को Solve करते समय, देश के Interest को Global Stage पर सबसे आगे रखें। जिनकी अप्रोच ग्लोबल हो, लेकिन सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा Local भी हो। हमें ऐसे Individuals तैयार करने होंगे, जो Indian Mind के साथ, International Mind-set को समझते हुए आगे बढ़ें। जो Strategic Decision Making, Crisis Management और Futuristic Thinking के लिए हर पल तैयार हों। अगर हमें International Markets में, Global Institutions में Compete करना है, तो हमें ऐसे Leaders चाहिए जो International Business Dynamics की समझ रखते हों। SOUL का काम यही है, आपकी स्केल बड़ी है, स्कोप बड़ा है, और आपसे उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा हैं।

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साथियों,

आप सभी को एक बात हमेशा- हमेशा उपयोगी होगी, आने वाले समय में Leadership सिर्फ Power तक सीमित नहीं होगी। Leadership के Roles में वही होगा, जिसमें Innovation और Impact की Capabilities हों। देश के Individuals को इस Need के हिसाब से Emerge होना पड़ेगा। SOUL इन Individuals में Critical Thinking, Risk Taking और Solution Driven Mindset develop करने वाला Institution होगा। आने वाले समय में, इस संस्थान से ऐसे लीडर्स निकलेंगे, जो Disruptive Changes के बीच काम करने को तैयार होंगे।

साथियों,

हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो ट्रेंड बनाने में नहीं, ट्रेंड सेट करने के लिए काम करने वाले हों। आने वाले समय में जब हम Diplomacy से Tech Innovation तक, एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे। तो इन सारे Sectors में भारत का Influence और impact, दोनों कई गुणा बढ़ेंगे। यानि एक तरह से भारत का पूरा विजन, पूरा फ्यूचर एक Strong Leadership Generation पर निर्भर होगा। इसलिए हमें Global Thinking और Local Upbringing के साथ आगे बढ़ना है। हमारी Governance को, हमारी Policy Making को हमने World Class बनाना होगा। ये तभी हो पाएगा, जब हमारे Policy Makers, Bureaucrats, Entrepreneurs, अपनी पॉलिसीज़ को Global Best Practices के साथ जोड़कर Frame कर पाएंगे। और इसमें सोल जैसे संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होगी।

साथियों,

मैंने पहले भी कहा कि अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-

यत् यत् आचरति श्रेष्ठः, तत् तत् एव इतरः जनः।।

यानि श्रेष्ठ मनुष्य जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसे ही फॉलो करते हैं। इसलिए, ऐसी लीडरशिप ज़रूरी है, जो हर aspect में वैसी हो, जो भारत के नेशनल विजन को रिफ्लेक्ट करे, उसके हिसाब से conduct करे। फ्यूचर लीडरशिप में, विकसित भारत के निर्माण के लिए ज़रूरी स्टील और ज़रूरी स्पिरिट, दोनों पैदा करना है, SOUL का उद्देश्य वही होना चाहिए। उसके बाद जरूरी change और रिफॉर्म अपने आप आते रहेंगे।

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साथियों,

ये स्टील और स्पिरिट, हमें पब्लिक पॉलिसी और सोशल सेक्टर्स में भी पैदा करनी है। हमें Deep-Tech, Space, Biotech, Renewable Energy जैसे अनेक Emerging Sectors के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। Sports, Agriculture, Manufacturing और Social Service जैसे Conventional Sectors के लिए भी नेतृत्व बनाना है। हमें हर सेक्टर्स में excellence को aspire ही नहीं, अचीव भी करना है। इसलिए, भारत को ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी, जो Global Excellence के नए Institutions को डेवलप करें। हमारा इतिहास तो ऐसे Institutions की Glorious Stories से भरा पड़ा है। हमें उस Spirit को revive करना है और ये मुश्किल भी नहीं है। दुनिया में ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने ये करके दिखाया है। मैं समझता हूं, यहां इस हॉल में बैठे साथी और बाहर जो हमें सुन रहे हैं, देख रहे हैं, ऐसे लाखों-लाख साथी हैं, सब के सब सामर्थ्यवान हैं। ये इंस्टीट्यूट, आपके सपनों, आपके विजन की भी प्रयोगशाला होनी चाहिए। ताकि आज से 25-50 साल बाद की पीढ़ी आपको गर्व के साथ याद करें। आप आज जो ये नींव रख रहे हैं, उसका गौरवगान कर सके।

साथियों,

एक institute के रूप में आपके सामने करोड़ों भारतीयों का संकल्प और सपना, दोनों एकदम स्पष्ट होना चाहिए। आपके सामने वो सेक्टर्स और फैक्टर्स भी स्पष्ट होने चाहिए, जो हमारे लिए चैलेंज भी हैं और opportunity भी हैं। जब हम एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हैं, मिलकर प्रयास करते हैं, तो नतीजे भी अद्भुत मिलते हैं। The bond forged by a shared purpose is stronger than blood. ये माइंड्स को unite करता है, ये passion को fuel करता है और ये समय की कसौटी पर खरा उतरता है। जब Common goal बड़ा होता है, जब आपका purpose बड़ा होता है, ऐसे में leadership भी विकसित होती है, Team spirit भी विकसित होती है, लोग खुद को अपने Goals के लिए dedicate कर देते हैं। जब Common goal होता है, एक shared purpose होता है, तो हर individual की best capacity भी बाहर आती है। और इतना ही नहीं, वो बड़े संकल्प के अनुसार अपनी capabilities बढ़ाता भी है। और इस process में एक लीडर डेवलप होता है। उसमें जो क्षमता नहीं है, उसे वो acquire करने की कोशिश करता है, ताकि औऱ ऊपर पहुंच सकें।

साथियों,

जब shared purpose होता है तो team spirit की अभूतपूर्व भावना हमें गाइड करती है। जब सारे लोग एक shared purpose के co-traveller के तौर पर एक साथ चलते हैं, तो एक bonding विकसित होती है। ये team building का प्रोसेस भी leadership को जन्म देता है। हमारी आज़ादी की लड़ाई से बेहतर Shared purpose का क्या उदाहरण हो सकता है? हमारे freedom struggle से सिर्फ पॉलिटिक्स ही नहीं, दूसरे सेक्टर्स में भी लीडर्स बने। आज हमें आज़ादी के आंदोलन के उसी भाव को वापस जीना है। उसी से प्रेरणा लेते हुए, आगे बढ़ना है।

साथियों,

संस्कृत में एक बहुत ही सुंदर सुभाषित है:

अमन्त्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधम्। अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकाः तत्र दुर्लभः।।

यानि ऐसा कोई शब्द नहीं, जिसमें मंत्र ना बन सके। ऐसी कोई जड़ी-बूटी नहीं, जिससे औषधि ना बन सके। कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जो अयोग्य हो। लेकिन सभी को जरूरत सिर्फ ऐसे योजनाकार की है, जो उनका सही जगह इस्तेमाल करे, उन्हें सही दिशा दे। SOUL का रोल भी उस योजनाकार का ही है। आपको भी शब्दों को मंत्र में बदलना है, जड़ी-बूटी को औषधि में बदलना है। यहां भी कई लीडर्स बैठे हैं। आपने लीडरशिप के ये गुर सीखे हैं, तराशे हैं। मैंने कहीं पढ़ा था- If you develop yourself, you can experience personal success. If you develop a team, your organization can experience growth. If you develop leaders, your organization can achieve explosive growth. इन तीन वाक्यों से हमें हमेशा याद रहेगा कि हमें करना क्या है, हमें contribute करना है।

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साथियों,

आज देश में एक नई सामाजिक व्यवस्था बन रही है, जिसको वो युवा पीढी गढ़ रही है, जो 21वीं सदी में पैदा हुई है, जो बीते दशक में पैदा हुई है। ये सही मायने में विकसित भारत की पहली पीढ़ी होने जा रही है, अमृत पीढ़ी होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि ये नया संस्थान, ऐसी इस अमृत पीढ़ी की लीडरशिप तैयार करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक बार फिर से आप सभी को मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भूटान के राजा का आज जन्मदिन होना, और हमारे यहां यह अवसर होना, ये अपने आप में बहुत ही सुखद संयोग है। और भूटान के प्रधानमंत्री जी का इतने महत्वपूर्ण दिवस में यहां आना और भूटान के राजा का उनको यहां भेजने में बहुत बड़ा रोल है, तो मैं उनका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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साथियों,

ये दो दिन, अगर मेरे पास समय होता तो मैं ये दो दिन यहीं रह जाता, क्योंकि मैं कुछ समय पहले विकसित भारत का एक कार्यक्रम था आप में से कई नौजवान थे उसमें, तो लगभग पूरा दिन यहां रहा था, सबसे मिला, गप्पे मार रहा था, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ जानने को मिला, और आज तो मेरा सौभाग्य है, मैं देख रहा हूं कि फर्स्ट रो में सारे लीडर्स वो बैठे हैं जो अपने जीवन में सफलता की नई-नई ऊंचाइयां प्राप्त कर चुके हैं। ये आपके लिए बड़ा अवसर है, इन सबके साथ मिलना, बैठना, बातें करना। मुझे ये सौभाग्य नहीं मिलता है, क्योंकि मुझे जब ये मिलते हैं तब वो कुछ ना कुछ काम लेकर आते हैं। लेकिन आपको उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, जानने को मिलेगा। ये स्वयं में, अपने-अपने क्षेत्र में, बड़े अचीवर्स हैं। और उन्होंने इतना समय आप लोगों के लिए दिया है, इसी में मन लगता है कि इस सोल नाम की इंस्टीट्यूशन का मैं एक बहुत उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं, जब ऐसे सफल लोग बीज बोते हैं तो वो वट वृक्ष भी सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले लीडर्स को पैदा करके रहेगा, ये पूरे विश्वास के साथ मैं फिर एक बार इस समय देने वाले, सामर्थ्य बढ़ाने वाले, शक्ति देने वाले हर किसी का आभार व्यक्त करते हुए, मेरे नौजवानों के लिए मेरे बहुत सपने हैं, मेरी बहुत उम्मीदें हैं और मैं हर पल, मैं मेरे देश के नौजवानों के लिए कुछ ना कुछ करता रहूं, ये भाव मेरे भीतर हमेशा पड़ा रहता है, मौका ढूंढता रहता हूँ और आज फिर एक बार वो अवसर मिला है, मेरी तरफ से नौजवानों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।