বিহারের জঙ্গলরাজের সবচেয়ে বড় মুখ আরজেডি। আরজেডি বিহারকে কেবল দুটি জিনিস দিয়েছে-জঙ্গলরাজ এবং দুর্নীতি: প্রধানমন্ত্রী মোদী
দু'দিন আগে বিজেপি তাদের 'সংকল্প পত্র' প্রকাশ করেছে। এই প্রথম কোনও দলের 'সংকল্প পত্র'-কে গ্যারান্টি কার্ড বলা হচ্ছে" প্রধানমন্ত্রী মোদী
বিজেপির সংকল্প পত্র নিয়ে প্রধানমন্ত্রী মোদী: দরিদ্রদের জন্য তিন কোটি বাড়ি, পাঁচ বছরের জন্য বিনামূল্যে রেশন এবং ৭০ বছরের বেশি বয়সীদের জন্য ৫ লক্ষ টাকা পর্যন্ত বিনামূল্যে চিকিৎসা

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।

मुझे क्षमा करना, मुझे आज आसाम तक पहुंचना है। पांच रैलियां करनी हैं। और इसलिए मैं सारे प्रोटोकॉल छोड़ करके यहां पहुंच गया।

विश्व विख्यात ज्ञान और मोक्ष के पवित्र नगरी गया जी के हम प्रणाम कर अ ही। भगवान विष्णु, भगवान बुद्ध के इ तपस्थली के हम नमन कर अ ही। ये वो धरती है, जिसने मगध का ऐश्वर्य देखा है, जिसने बिहार का वैभव देखा है। संयोग से, आज जब मैं गया जी आया हूं तो नवरात्रि भी है, और आज ही सम्राट अशोक की जयंती भी है।

भाइयों बहनों,

सदियों बाद आज एक बार फिर भारत और बिहार अपने उस प्राचीन गौरव को लौटाने के लिए आगे बढ़ रहा है। ये चुनाव, विकसित-भारत, विकसित-बिहार के उसी संकल्प का चुनाव है। गया की धरती पर उमड़ा ये जनसैलाब, अपार जनसमर्थन, आपका ये उत्साह, साफ बता रहा है कि- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! 4 जून, 400 पार! 4 जून, 400 पार! 4 जून, 400 पार! मैं अभी यहां जब आ रहा था एयरपोर्ट से, लोग पैदल यहां तक पहुंचने के लिए चल रहे हैं। हो सकता है मेरा भाषण पूरा होने तक वो पहुंच पाएंगे या नहीं। बहुत बड़ी मात्रा में लोग हाथ में झंडे लेकर के चल रहे हैं। ये प्यार, ये आशीर्वाद मैं कभी भी भूल नहीं सकता हूं जी। गया और औरंगाबाद ने आज घोषणा कर दी है। कल मैं तमिलनाडु में था जो बात मैं तमिलनाडु में सुन रहा था। परसों मैं कर्नाटका में था, जो बात मैं कर्नाटका में सुन रहा था, वो आज मैं गया और औरंगाबाद में सुन रहा हूं, फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार!

साथियों,

अभी दो दिन पहले बीजेपी ने अपना संकल्प-पत्र जारी किया है। ऐसा पहली बार है, जब किसी पार्टी के संकल्प पत्र को गारंटी कार्ड बोला जा रहा है। क्योंकि 10 वर्षों में सबने देखा है, मोदी की गारंटी, यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी!

साथियों,

मोदी गरीब घर से निकलकर आप सबके आशीर्वाद से यहां तक पहुंचा है। आपका ये उत्साह, ये आपका उमंग, ये प्यार, मेरे सर आंखों पर। आपका ये प्यार जीवनभर कानों में गूंजता रहेगा। अगर आप इजाजत दें तो मैं आगे बोलना शुरू करें। ये ऊर्जा बचाए रखिए, 4 जून को भी जरूरत होगी। साथियों, आपके आशीर्वाद से, आपने मुझे सेवा करने का अवसर दिया है। मोदी को देश के संविधान ने ये पद दिया है। डॉ. राजेंद्र बाबू और बाबा साहेब आंबेडकर उनका दिया हुआ ये संविधान न होता, तो कभी ऐसे पिछड़े परिवार में पैदा हुआ गरीब का बेटा देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता था। भाइयों-बहनों हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है। (आप बैठिए, आप जरा ज्यादा कर रहे हैं, आप बैठिए।) हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ देश है, अनेक भाषाएं, अनेक बोलियां, अनेक रीति-रिवाज, अनेक परंपराएं, अनेक प्रकार के पहनाव, अनेक प्रकार की जीवनशैलियां, अनेक प्रकार के खान-पान। एक प्रकार से हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ देश है। वैविध्य से भरा हुआ देश है। हर प्रकार की मत-मान्यता वाला देश है। हर प्रकार के पंथ-संप्रदाय वाला देश है। ऐसे में देश के उज्ज्वल भविष्य को चलाने के लिए, नियमों के अंतर्गत आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास एक ही पवित्र व्यवस्था हमारा संविधान है। हमारा संविधान हम सब के लिए पवित्र ग्रंथ है। संविधान निर्माताओं का सपना था कि भारत समृद्ध बने। लेकिन दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस ने मौका गंवा दिया, देश का समय गंवा दिया। 25 करोड़ देशवासियों को गरीबी से बाहर निकाला है आपके सेवक ने, मोदी ने। दशकों तक गरीबों को रोटी, मकान के सपने दिखाये कांग्रेस और उसके साथियों ने। 4 करोड़ गरीबों को पक्के मकान दिये NDA सरकार ने। हमारे साथी जीतन राम मांझी जी अभी यहीं बैठे हैं। वो साक्षी हैं कि कैसे दलितों, वंचितों, पिछड़ों को अधिकार और सम्मानपूर्ण जीवन NDA ने दिया है।

साथियों,

अब अगले 5 वर्षों के लिए मोदी का गारंटी कार्ड अपडेट हो गया है। गरीबों के लिए 3 करोड़ और पक्के घर बनाए जाएंगे- ये मोदी की गारंटी है। गरीबों को अगले 5 साल तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा- ये मोदी की गारंटी है। 70 वर्ष की आयु से ऊपर के हर बुजुर्ग को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा- ये मोदी की गारंटी है। किसान सम्मान निधि जारी रहेगी- ये मोदी की गारंटी है। बीजेपी के संकल्प-पत्र में समाज के हर वर्ग, हर क्षेत्र के लिए विकास का ठोस रोडमैप बनाया गया है। यहां डोभी क्षेत्र की तस्वीर भी औद्योगिक कॉरिडॉर से बदलने वाली है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

साथियों,

बीते 10 साल में देश में एक ऐसी क्रांति आई है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती। ये क्रांति देश के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा की गई है। पिछले 10 साल में 10 करोड़ महिलाएं, सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं। बिहार में भी सवा करोड़ बहनें इस मुहिम से जुड़ी हैं। गया जी में भी सवा पांच लाख बहनें, इन समूहों से जुड़ी हैं। जब कांग्रेस की सरकार थी तो महिला स्वयं सहायता समूहों को बिहार में 150 करोड़ रुपए से भी कम मदद दी जाती थी। NDA सरकार के 10 साल में इन्हीं महिला समूहों को 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा दिए गए हैं। इसी प्रयास से अकेले बिहार में 12 लाख से ज्यादा महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। अब मोदी ने देश की 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का अभियान शुरू किया है। इसका बहुत बड़ा लाभ बिहार की महिलाओं को होगा।

साथियों,

हमारे एजेंडे में विकास भी है, और विरासत भी है। यहां नार्थ कोयल प्रोजेक्ट कितने लंबे अरसे से लटका हुआ था, ये आप भी जानते हैं। ये NDA सरकार है जो इसे पटरी पर लाई है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से गया और औरंगाबाद के किसानों को सिंचाई की बहुत बड़ी सुविधा मिलेगी। हमारी ही सरकार में- प्रसाद योजना के तहत देश के 12 प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों में गया जी को भी शामिल किया गया है। गया पितृ श्राद्ध स्थल है, यहां भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी, वैसे कम लोगों को पता है कि गुजरात में भी पाटन जिले में सिद्धपुर को मातृ श्राद्ध स्थल माना जाता है। इसे मातृ गया भी कहते हैं। जैसे यहां पितृ गया है गुजरात के सिद्धपुर में मातृ गया है। हमारी सरकार इन सभी स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अभी बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में भी कहा है कि वो भारत की विरासत को वर्ल्ड हैरिटेज मैप पर लेकर जाएगी। हमारे गया जी को भी हम उस ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं। और इससे बड़ी संख्या में ग्लोबल टूरिस्ट भारत आएंगे और इसका लाभ इन सभी क्षेत्रों को होगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत गया का तेजी से विकास सुनिश्चित किया गया है। अमृत स्टेशन योजना के तहत गया स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है। विकास का ये स्केल, विकास की ये रफ्तार, इतने सारे काम हुए, आपके उत्साह में भी नजर आ रहा है कि मोदी सरकार ने कितने काम किए हैं। लेकिन साथियों, मैं जो संकल्प लेकर चला हूं। मैं जो सपने देखता हूं और दुनिया में भारत का जो स्थान मेरे मन में है, उस हिसाब से तो इतना सारा करने के बाद भी मैं तो यही कहता हूं, ये तो ट्रेलर है ट्रेलर। अभी तो मुझे देश के लिए बहुत कुछ करना है। बिहार के लिए बहुत कुछ करना है।

साथियों,

बिहार के लोग जानते हैं, ये चुनाव दल का नहीं, देश का चुनाव है। आज एक ओर देश की संस्कृति पर गर्व करने वाले हम लोग हैं, तो दूसरी ओर हमारी आस्था को नीचा दिखाने वाले लोग हैं। कल रामनवमी का पावन पर्व है।... बोलो सियावर रामचंद्र की...साथियों, कल रामनवमी का पावन पर्व है। सूर्य की किरणें कल अयोध्या में रामलला के मस्तक का विशेष अभिषेक करेगी। लेकिन घमंडिया गठबंधन के लोगों को राम मंदिर से भी परेशानी है। जो लोग कभी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे वो आज राम मंदिर पर कैसी-कैसी भाषा बोल रहे हैं। एक समुदाय के तुष्टिकरण के लिए इन लोगों ने प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया। ये हमारे देश के संस्कार नहीं हैं। ये हमारे देश की परंपरा नहीं है। इस घमंडिया गठबंधन के एक नेता, कांग्रेस के युवराज तो खुलेआम कहते हैं, कि वो हिंदू धर्म की शक्ति का विनाश कर देंगे। आज नवरात्रि का पावन पर्व है। हम शक्ति के उपासक हैं। क्या इस शक्ति का कोई विनाश कर सकता है क्या? ये शक्ति का कोई विनाश कर सकता है क्या? और जो शक्ति का विनाश करने निकले हैं, उनका क्या होगा, उनका क्या होगा।

साथियों,

ये ऐसा कुनबा इकट्ठा हुआ है, भांति-भांति के उनके साथी, उनके एक दूसरे साथी, वो कहते हैं, ये हमारा जो सनातन है न, इस सनातन को वो डेंगू-मलेरिया कहते हैं। क्या ये सनातन का अपमान है कि नहीं है। आपको मानना, न मानना आपकी मर्जी, आप पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन उसको डेंगू मलेरिया कहना ये सनातन का अपमान है कि नहीं है। हमारे ऋषि-मुनियों का अपमान है कि नहीं है? हमारे पूर्वजों का अपमान है कि नहीं है। आप मुझे बताइए, ये ये लोग क्या एक भी सीट जीतने के योग्य हैं? इनको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? पूरे बिहार में से एक-एक को साफ करना चाहिए की नहीं करना चाहिए?

साथियों,

घमंडिया अलायंस के पास न कोई विज़न है, न कोई विश्वास है। ये लोग जब वोट मांगने जाते हैं, तो भी नितीश जी के कामों पर वोट मांगते हैं। तो भी नीतीश जी के कामों पर वोट मांगते हैं। ये लोग क्यों नीतीश जी के कामों का, केंद्र सरकार के कामों का क्रेडिट खाते हैं, वो पूरा बिहार जानता है। RJD ने भी इतने वर्षों तक बिहार पर राज किया है। लेकिन इनकी हिम्मत नहीं है कि ये अपनी सरकारों ने क्या काम किए उसकी चर्चा कर लें। बिहार में जंगलराज का सबसे बड़ा चेहरा RJD है। बिहार में भ्रष्टाचार का दूसरा नाम RJD. बिहार की बर्बादी की सबसे गुनहगार RJD. चारा घोटाले के नाम पर वोट मांगने वाले क्योंकि उस पर तो अदालत से चारा चोरी की है, गरीबों को लूटा है, अदालत ने मुहर लगा दी है भाई।

साथियों,


RJD ने बिहार को केवल दो ही चीजें दी हैं- जंगलराज, और भ्रष्टाचार! इन्हीं का दौर था, जब बिहार में अपहरण और फिरौती एक उद्योग बन गया था। हमारी बहन-बेटियां घर से बाहर नहीं निकल पाती थीं। हमारे गया जैसे इलाके नक्सली हिंसा की आग में जलते रहते थे। जो जगह भगवान बुद्ध के नाम से जुड़ी हो, वहां नक्सली गोलियां चलती हो, ये हालत करके छोड़ दिया था। RJD ने बिहार के कितने ही परिवारों को बिहार छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया था।

साथियों,

आज लूट का वही खेल ये लोग देश के साथ खेलना चाहते हैं। मैं भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करता हूं, तो ये लोग मोदी के खिलाफ लामबंदी करते हैं। मैं कहता हूँ, भ्रष्टाचार हटाओ, तो ये कहते हैं, भ्रष्टाचारी बचाओ। इन्हें लगता है कि, बिहार के लोग, बिहार के युवा इनकी बातों में आ जाएंगे! स्मार्ट फोन के जमाने में बिहार के स्मार्ट युवा, कभी जंगलराज वालों के साथ नहीं जाएंगे। आप सब मुझे बताइए, आप सब मोबाइल रखते हैं कि नहीं रखते हैं। क्या लालटेन से मोबाइल चार्ज होगा क्या। लालटेन से मोबाइल भी चार्ज हो सकता है क्या। ये लालटेन के जमाने वाले लोग आपको आधुनिक युग में नहीं जाने देंगे दोस्तों। ये RJD का राज होता तो आपके मोबाइल की बैटरी तक नहीं चार्ज हो पाती!

साथियों,

पूरी दुनिया में इस समय अस्थिरता है। देश को आज एक मजबूत और बड़े फैसले लेने वाली सरकार की जरूरत है। और इसके लिए, NDA की गया लोकसभा सीट से हमारे वरिष्ठ नेता जीतन राम मांझी जी और औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह जी को विजय जरूर बनाइए। जीतनराम मांझी जी बिहार में दलित समाज का चेहरा रहे हैं। सुशील जी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। संसद में मेरे वरिष्ठ साथी हैं। साथियों, जो उत्साह आज मैं यहां देख रहा हूं, आपको 19 अप्रैल को इतने ही प्रचंड उत्साह से मतदान करना है और बहुमत से इनको विजयी बनाना है।

भाइयों-बहनों,

मेरे भाषण की शुरुआत में मैंने संविधान का जिक्र किया था। जो लोग संविधान को राजनीतिक हथियार के नाते उपयोग करना चाहते हैं। वे जरा कान खोलकर सुन लें। पिछले तीन दशक से आपने लोगों को डराए रखने के लिए, लोगों भयभीत रखने के लिए भांति-भांति की विकृत नैरेटिव्स, विकृत कथाएं प्रचलित की है। कभी आप कहते थे कि आरएसएस-बीजेपी आएगी, तो देश जल जाएगा, बच नहीं पाएगा। पिछले 30 साल से हम अनेक राज्यों में सरकार चला रहे हैं। अटल जी के समय से हम देश की सत्ता में आते-जाते रहे हैं लेकिन इस देश को सबसे ज्यादा शांति का समय हमारे कालखंड में मिला है। ये लोग कभी कहा करते हैं अगर आरएसएस-बीजेपी वाला आए तो लघुमतियों को देश छोड़कर भागना पड़ेगा। आज भी वो आन-बान-शान के साथ सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेकरके गुजारा कर रहे हैं, प्रगति कर रहे हैं। पहले कहते रहते थे कि ये लोग पुरानपंथी हैं, ये प्रगतिशील लोग नहीं हैं, हमने दिखा दिया चंद्रयान...चंद्रमा पर जाने की ताकत किसमें है। वैसे ही अब वे पिछले 25-30 साल से पुराना रिकॉर्ड़ घुमा रहे हैं, जब भी बीजेपी आगे बढ़ती है, तो संविधान का राजनीतिक शस्त्र के लिए उपयोग करते हैं, और झूठ फैलाते हैं, संविधान बदल देंगे।

भाइयों-बहनों,

लिख के रखिए, मोदी तो क्या, बीजेपी तो क्या, स्वयं बाबा साहब आंबेडकर भी इस संविधान को नहीं बदल सकते हैं। और इसीलिए झूठ फैलाना बंद करो। इनको पता होना चाहिए, ये जो संविधान सभा थी, डॉ. राजेंद्र बाबू नेतृत्व करते थे। बाबा साहब आंबेडकर का दिल, दिमाग और कलम उसको शब्दों में ढाल रहा था और देश के गणमान्य लोग अनेक महीनों तक बैठकर विचार-विमर्श करके, देश की भावनाओं को समझ करके, देश की सामाजिक परिस्थितियों को समझ करके हमारे संविधान का निर्माण किया है। और जो लोग सनातन को गाली देते हैं न, वो भी कान खोलकर सुन लो ये जो संविधान इतना महान बना है, ये जो संविधान हमें देश को आगे ले जाने की ताकत देता है, इस संविधान को बनाने के लिए जो संविधान सभा थी, उसमें 80-90 परसेंट से भी ज्यादा, सब के सब सनातनी थे। और उन सनातनियों ने इतना उत्तम संविधान बनाने में बाबा साहब आंबेडकर का साथ दिया है। और इसलिए, हकीकत तो ये है कि देश की आजादी के बाद संविधान को राजनीति का हथियार नहीं, संविधान को श्रद्धा के रूप में जन-मन में प्रस्थापित करना चाहिए था। और हमारा देश ऐसा है जो रामायण में आस्था रखता है, महाभारत में आस्था रखता है, गीता में आस्था रखता है वो आज के युग में संविधान के प्रति भी उतनी ही आस्था रखता है। लेकिन आपने संविधान का राजनीतिकरण करने की कोशिश की है।

हमने संविधान के प्रति आस्था पैदा करने के लिए लगातार कोशिश की है। जब पार्लियामेंट में मैं ये प्रस्ताव लेकर आया कि हमने देश में संविधान दिवस मनाना चाहिए, तब कांग्रेस पार्टी के नेता श्रीमान खड़गे जी ने पार्लियामेंट में उसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था अरे 26 जनवरी तो है, संविधान दिवस की क्या जरूरत है। उनको ये समझ नहीं आया कि भारत के संविधान के प्रति निरंतर श्रद्धा पैदा करते रहना चाहिए, संस्कार बनना चाहिए। हमने संविधान दिवस को हर स्कूल में बच्चों के सामने संविधान का पाठ हो, प्रिएंबल का पाठ हो, वचनबद्धता आए, इसके लिए परंपरा प्रारंभ की है। और आज भी संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट दो दिन का सेमिनार करती है, पार्लियामेंट में चर्चा होती है, इतना ही नहीं, संविधान को 75 साल हो रहे हैं। संविधान के 75 साल मनाने का सबसे बड़ा कार्यक्रम हमने प्रारंभ किया है। इतना ही नहीं, हम चाहते हैं कि ये संविधान सिर्फ अदालतों में दलील के लिए काम आए, इतना पूर्ता नहीं है, संविधान हमारे जीवन को, हमारे संस्कारों को, हमारी भावनाओं को नई ताकत देने वाला संविधान वो ताकत है जिसे हमें दिलों तक पहुंचाना है। आपके लिए संविधान राजनीतिक का हथकंडा होगा, हमारे संविधान श्रद्धा का केंद्र है, हमारे लिए संविधान आस्था का केंद्र है, हमारे लिए संविधान आने वाले 2047 के सपनों को पूरा करने का हमारा मार्गदर्शक है।

हम आजाद भारत को विकसित भारत की ऊंचाई तक ले जाने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। इसलिए भाइयों बहनों, भारत के संविधान को इस प्रकार से गली-मोहल्ले में ठोकरे मारने वाले लोगों को भारत के सार्वजनिक जीवन में कोई जगह नहीं है। अगर सामाजिक न्याय लाने की ताकत है तो हमारे संविधान में है। बिन संप्रदाय की सच्ची भावना को उजागर करने की ताकत है तो हमारे संविधान में है और हम बड़ी श्रद्धा के साथ... इतना ही नहीं बाबा साहेब आंबेडकर को जो सम्मान हमने दिया है। आपको बोलने का अधिकार तक नहीं है। बाबा साहेब आंबेडकर के जन्म से लेकर के जिन पांच महत्त्वपूर्ण स्थान पर बाबा साहब जी के जीवन का टर्निंग पॉइंट रहा है उसको पंच तीर्थ बनाने का काम हमने किया है। और इसलिए भाइयों बहनों इन लोगों को जान के समझ के, ये झूठी बातें बताने वालों को हमेशा हमेशा के लिए चुप करना बहुत जरूरी है। और इस बार आपका वोट हमेशा के लिए उनको चुप कर देगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

भाइयों-बहनों,

ये लोग कहते हैं 400 पार क्यों, मैं बताता हूं 400 पार क्यों। देश की जनता ने तय किया है 400 पार। क्योंकि देश की जनता 2047 में हिंदुस्तान को विकसित देखना चाहती है। लेकिन साथ-साथ एनडीए को 400 पार देकर के देश लूटने वालों, भ्रष्टाचारियों को, संविधान के साथ खिलवाड़ करने वालों को सजा देने के लिए वो हमें 400 पार देना चाहते हैं। ये चुनाव एनडीए को जिताने का भी है, ये देश में तबाही करने की आदत रखने वालों को सजा देने का है और इसलिए हिसाब 400 के पार जाने वाला है।

भाइयों-बहनों,

19 अप्रैल को गर्मी कितनी ही क्यों न हो। हमें सुबह-सुबह मतदान करना है, ज्यादा-ज्यादा मतदान करना है करोगे। हमें हर मतदाता को मिलना है, मिलोगे। हमें हर पोलिंग बूथ जीतना है जीतोगे। मेरा एक काम करोगे। ये जीतनराम मांझी का काम नहीं है, मेरा है, करोगे। घर-घर जाना और लोगों को कहना कि मोदी जी आए थे। और मोदी जी ने अपना प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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