কর্ণাটকের জনগণকে অবশ্যই জেডি(এস) এবং কংগ্রেস উভয়ের থেকে সতর্ক থাকতে হবে। তারা ভিন্ন নয়। তারা একই। দু'জনেই দুর্নীতিগ্রস্ত, বংশবাদী রাজনীতির প্রচার করে এবং সমাজে বিভাজন বপন করে: চিত্রদুর্গায় প্রধানমন্ত্রী
অনুষ্ঠানে বিপুল সংখ্যক মানুষ উপস্থিত হয়েছেন, এটা কর্ণাটকের জনগণের সিদ্ধান্তকে প্রতিফলিত করে: ই বারিয়া সরকার, বহুমতদা বিজেপি সরকার: চিত্রদুর্গায় প্রধানমন্ত্রী মোদী এবং এখন যারা "জয় বজরংবলী" স্লোগান দেয়, তাঁদের নিয়েও সমস্যা: হোসাপেটে প্রধানমন্ত্রী মোদী

2 मई की पहली रैली: चित्रदुर्गा
भारत माता की...
दोनों हाथ ऊपर करके ऐसी तेज आवाज में बोलिए की सारे कर्नाटका में सुनाई दे।
इसका मतलब है कि आपको हिंदी समझ आती है।
मदकरी नायक मत्तु ओनके ओबव्वा आवारा चित्रदुर्गदा वीरा जनतेगे नन्ना नमस्कारगलु !
मैं इस भूमि के विभिन्न मठों को, सभी संतजनों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं।
आज इतनी बड़ी संख्या में आप सभी लोग बीजेपी को आशीर्वाद देने के लिए आए हैं।
ये नजारा...दूर दूर तक लोग खड़े हैं,
कर्नाटका की जनता का निर्णय साफ है-
ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा...बहुमतदा बीजेपी सरकारा!
भाइयों और बहनों,
ये आज़ादी के अमृतकाल में कर्नाटका का पहला चुनाव है।
ये कर्नाटका का चुनाव, कर्नाटका को नंबर वन राज्य बनाने का चुनाव है। ये चुनाव तय करेगा कि आने वाले 25 वर्ष में कर्नाटका विकास की किस ऊंचाई पर होगा।
कर्नाटका को हमें विकसित भारत की ड्राइविंग फोर्स बनाना है, ग्रोथ इंजन बनाना है। और इसलिए हमारे सामने भारतीय जनता पार्टी है, बीजेपी सरकार दुबारा बनाना है, डबल इंजन की सरकार लाना है।


साथियों,
मैं कर्नाटका प्रदेश बीजेपी की टीम को, कर्नाटका बीजेपी के नेतृत्व को आज सार्वजनिक रूप से बहुत-बहुत बधाई दूंगा। कल जो उन्होंने संकल्प पत्र घोषित किया है , ये बहुत ही अच्छा संकल्प पत्र लेकर आए हैं।
इसमें कर्नाटक को देश का नंबर वन स्टेट बनने का रोडमैप है।
इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का ब्लूप्रिंट है।
इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर है।
इसमें युवाओं के उज्जवल भविष्य और रोजगार की मजबूत नींव है।
इसमें गरीब, दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी, पिछड़े, सभी के कल्याण का विश्वास है।
इसमें कोस्टल इकोनामी को मजबूत करने की बात है।
इसमें सुरक्षित, समृद्ध और सशक्त कर्नाटका का संकल्प है
और,
इसमें सबका साथ सबका विकास की दृढ़ प्रतिज्ञा है।


साथियों,
मैं आपको अलर्ट करना चाहता हूं। सावधान करना चाहता हूं। क्या आप मेरी बात मानोगे। पूरी ताकत से बताइए मेरी बात मानोगे। पक्का मानोगे।
देखिए, कर्नाटका के लोगों को कांग्रेस और जेडीएस दोनों से सावधान रहना है। कांग्रेस-जेडीएस दिखावे के लिए दो दल हैं, लेकिन दिल से और अपनी करतूतों से ये दोनों एक ही हैं।
ये दोनों परिवारवादी हैं, दोनों करप्शन को बढ़ावा देते हैं और दोनों समाज को बांटने की राजनीति करते हैं।
इन दोनों दलों की प्राथमिकता कभी भी कर्नाटका का विकास नहीं है। आपके बच्चों का भविष्य उनकी चिंता का विषय नहीं है।

साथियों,
कांग्रेस-जेडीएस के कुशासन का प्रमाण है, अपर भद्रा इरीगेशन प्रोजेक्ट।
इनको किसानों की चिंता नहीं थी, इसलिए इस प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया।
बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने अपर भद्रा प्रोजेक्ट को पूरा करने का संकल्प लिया है।
इसके लिए साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है।
इस सिंचाई परियोजना से चित्रदुर्ग सहित इस पूरे क्षेत्र के लाखों किसानों का जीवन बदल जाएगा।
बीजेपी सरकार ने ‘वाणी विलास सागरा’ नहरों के आधुनिकीकरण के लिए भी सैकड़ों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

भाइयों और बहनों,
जब तक कर्नाटका में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार रही, तब तक हर प्रोजेक्ट पर काम धीमी गति से होता रहा, रिवर्स गियर में ही चला।
डबल इंजन सरकार बनते ही इसमें नई गति आई है।
कर्नाटका में हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट के लिए बीजेपी सरकार ने बजट में कई गुना वृद्धि की है।
अकेले चित्रदुर्ग जिले में ही साढ़े 3 हज़ार करोड़ रुपए के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
तुमकुरू-चित्रदुर्ग-दावणगेरे रेल लाइन पर भी काम शुरु हो चुका है।
डबल इंजन सरकार कर्नाटका के औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
बीजेपी सरकार ने जिन 9 इंडस्ट्रियल क्लस्टर की योजना बनाई है, उसमें से एक चित्रदुर्ग में भी बनेगा।
इससे युवाओं के लिए रोज़गार के अनेक अवसर बनेंगे।

साथियों,
ये एलु सुत्तिना कोटे यानि सुरक्षा के 7 घेरों का क्षेत्र है।
बीजेपी सरकार ने भी योजनाओं का एलु सुत्तिना कोटे तैयार किया है।
पहला सुरक्षा घेरा जिसे आप सुरक्षा कोटे बोलते हैं- पीएम आवास योजना के पक्के घर का है, मुफ्त गैस कनेक्शन, हर घर जल का है।
दूसरा सुरक्षा घेरा यानि सुरक्षा कोटे, गरीबों को मुफ्त राशन का है, भुखमरी से बचाव का है, पोषण का है।
तीसरा सुरक्षा घेरा, यानि सुरक्षा कोटे, आरोग्य का है, आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज का है, मुफ्त टीकाकरण का है।
चौथा सुरक्षा घेरा या सुरक्षा कोटे, जनधन बैंक खातों और मुद्रा योजना के तहत दी गई लाखों करोड़ रुपए की मदद का है।
पांचवां सुरक्षा घेरा, संकट के समय मदद का है। जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना औऱ अटल पेंशन जैसे कवच का है।
छठा सुरक्षा घेरा, सुरक्षा कोटे, बेहतर कानून व्यवस्था का है, माता-बहन-बेटियों को पूरी सुरक्षा का है।
सुरक्षा का सातवां घेरा, सुरक्षा कोटे, हर समाज के हक को सुरक्षित रखने का है, उन्हें उनका हक देने का है।

भाइयों और बहनों,
हमारे SC/ST/OBC भाई-बहनों को भी डबल इंजन सरकार का डबल लाभ मिला है।
ये अटल जी की सरकार थी जिसने हमारे ST भाइयों-बहनों के लिए, ट्राइबल मिनिस्ट्री बनाई थी।
यहां की बीजेपी सरकार ने भी आदिवासी भाई-बहनों के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं।
हमने बंजारा-लंबानी, समाज के साथियों को पहली बार प्रॉपर्टी का हक दिया है, उनकी बस्तियों को गांव का दर्जा दिया है।
हमने भूमिहीनों को भूमि के पट्टे दिए हैं, बच्चों को स्कॉलरशिप की सुविधा दी है।
ऐसे हर कदम से इनके लिए भविष्य में पक्के घर और दूसरी सुविधाएं मिलना और आसान हो जाएगा।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस, कभी बीजेपी के विकास कार्यों का मुकाबला कर ही नहीं सकती।
कांग्रेस ने 2014 से पहले के 10 सालों में जितने मेडिकल कॉलेज बनाए, बीजेपी सरकार ने उससे दोगुने सिर्फ 9 वर्ष में बना लिए हैं।
यहां चित्रदुर्ग में भी नया मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुआ है।
इससे स्वास्थ्य सुविधाएं तो बढ़ेंगी ही, यहां के जो नैजवान हैं न, उन्हें डॉक्टर, पैरामेडिक्स बनने का अवसर मिलेगा।
कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने डेढ़ सौ से अधिक नर्सिंग कॉलेज स्वीकृत किए हैं।
इससे कर्नाटका के भी सैकड़ों युवाओं को युवतियों को इस क्षेत्र में अवसर मिलेंगी और दुनिया के देशों में जाने की एक नई ताकत खड़ी हो जाएगी।

साथियों,
बीजेपी सरकार ने गरीबों की एक और चिंता का समाधान किया है।
हमरी सरकार, मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई, स्थानीय भाषा में कराने पर जोर दे रही है।
इससे गांव-गरीब के युवाओं को विशेष लाभ होगा।
बीजेपी ने ही किसानों के बच्चों की पढाई के लिए रैता विद्यानिधि की शुरुआत की है।
आदिवासी साथियों के लिए 400 से ज्यादा एकलव्य म़ॉडल स्कूल भी बीजेपी ने बनाए हैं।
कांग्रेस की सरकार ने तो यहां बच्चों की यूनिफॉर्म में ही घोटाला कर दिया था।
आदिवासी विकास के लिए कांग्रेस की सरकार का बजट लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपए था।
बीजेपी ने इसमें 5 गुणा वृद्धि करके, आदिवासियों के विकास के लिए लगभग सवा लाख करोड़ रुपए कर दिए हैं।

साथियों,
कर्नाटका के लोगों को, कांग्रेस का इतिहास और उसकी सोच कभी भी भूलनी नहीं है।
कांग्रेस का इतिहास आतंक और आतंकवादियों के तुष्टिकरण का है।
जब दिल्ली में बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ तो कांग्रेस की सबसे बड़े नेता की आंखों में, आतंकियों के मारे जाने की खबर सुनकर आंसू आ गये थे।
जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई, जब एयर स्ट्राइक हुई, तो कांग्रेस ने देश की सेनाओं के सामर्थ्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया।
यहां कर्नाटक में तो आप लोगों ने देखा ही है कांग्रेस कैसे आतंक को बढ़ावा देती रही है।
कांग्रेस ने कर्नाटक को आतंकियों के रहमोकरम पर छोड़ दिया था।
ये बीजेपी ही है जिसने आतंकवाद की कमर तोड़ी है, तुष्टिकरण का खेल बंद किया है।
समृद्ध कर्नाटका के लिए, कर्नाटका को नंबर वन बनाने के लिए, कर्नाटका का सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है।
आतंक को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-जेडीएस, यहां कभी निवेश नहीं बढ़ा सकतीं।
आतंक को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-जेडीएस, यहां कभी नौजवानों के लिए नए अवसर नहीं बना सकती।

साथियों,
अक्सर कोई कंपनी बाजार में अपना कोई सामान लाती है तो साथ ही वो एक वारंटी भी देती है।
और कंपनी ये भी कहती है कि वारंटी खत्म होने के बाद कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
कांग्रेस भी अपनी वारंटी खो दी है, विश्वसनीयता खो दी है।
ऐसे में बिना वारंटी वाली कांग्रेस की गारंटी भी उतनी ही झूठी है।
और ये झूठी गारंटियों का कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत पुराना है।
मुझे याद है कि बरसों तक सत्ता से बाहर रहने के बाद 2012 में गुजरात में भी कांग्रेस ऐसी ही झूठी गारंटी लेकर आई थी।
कांग्रेस ने कार्ड-बोर्ड के मकान बनाए और लोगों को ले जाते थे दिखाने के लिए कि देखो हम ऐसा बनाकर मकान देंगे और फिर वे फार्म भरवाते थे, मकान के लिए और पीछे से कुछ लोग फार्म के नाम पर गरीबों से 200-200, 500-500 रूपया मार लेते थे, रिश्वत ले लेते थे।
एक वो समय है और आज का समय है- गुजरात में कांग्रेस का झंडा उठाने के लिए दूसरे राज्यों से लोगों को लाना पड़ रहा है।
पिछले, कुछ सालों से यही फर्ज़ीवाड़ा कांग्रेस हर राज्य में कर रही है।
मैंने सुना है कर्नाटका में भी ये अपनी गारंटियों का फॉर्म भरवाने लगे हैं।
और अब तो जांच इस बात की होनी चाहिए कि झूठी गारंटी के फॉर्म को दिखाकर, कांग्रेस कितनी रिश्वत ले रही है।
कांग्रेस को पक्का पता है कि कर्नाटक के लोग उसे सत्ता में नहीं ला रहे हैं।
इसलिए वो बड़े-बड़े झूठे वायदे कर रही है।
जितनी बड़ी राशि और गारंटी की बात कांग्रेस कर रही है, उसमें तो कर्नाटका का खजाना भी खाली हो जाएगा। फिर भी गारंटी अधूरी रह जाएगी।
इसलिए ऐसी गारंटी सिर्फ बोलने के लिए ही बोली जा रही है।
ये गारंटी अगर पूरी करनी है तो राज्य के विकास के सारे काम बंद करने होंगे।
आपके बच्चों के भविष्य के लिए जो पैसे हैं, वो खा जाएंगे, खर्च कर देंगे।
इसके लिए एक काम कांग्रेस और करेगी।
कांग्रेस, भाजपा की सारी योजनाओं को रिवर्स गीयर में डाल देगी।
गरीब कल्याण की जो योजनाएं, बीजेपी ने शूरू की हैं, कांग्रेस उन्हें बंद करने की तैयारी में है।

भाइयों और बहनों,
बीजेपी, विकसित कर्नाटका का रोडमैप लेकर आपसे आशीर्वाद मांग रही है।
लेकिन कांग्रेस के पास दो ही मुद्दे हैं।
एक तो वो रिटायरमेंट के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
आखिरी बार सीएम बना दो, ये उनका घोषणा पत्र है।
कांग्रेस का दूसरा एजेंडा है- गाली देकर लोगों को भड़काओ।
कभी कांग्रेस ओबीसी समाज को गाली दे रही है, कभी लिंगायत समुदाय को गाली दे रही है।
मुझे तो ये 90 से ज्यादा गालियां दे चुके हैं और सेंचुरी की तरफ बढ़ रहे हैं।
इस क्षेत्र के लोगों ने तो एस निजलिंगप्पा जी का काम करीब से देखा है।
कांग्रेस ने तो एस निजलिंगप्पा जी को भी नहीं छोड़ा था।
उनका अपमान करने वाली कांग्रेस, गालियों की सेंचुरी ही बना सकती है।

भाइयों और बहनों,
हिंदुस्तान के हर कोने में से कांग्रेस के भ्रष्टाचार काल को जड़-मूल से उखाड़ कर फेंकना है और विकसित भारत के अमृतकाल को हिंदुस्तान के हर कोने में लाना है। कर्नाटका से भी भ्रष्टाचार काल जाना चाहिए और कर्नाटका में अमृतकाल लाना है। आजादी के 100 वर्ष होंगे तब विकसित भारत बनाना, ये हमारा संकल्प है।
ये संकल्प तभी सिद्ध होगा, जब कर्नाटका में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार होगी।
आपको 10 मई को कमल के निशान पर बटन दबाना है।
आपको याद रखना है- ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा...
आपको बूथ-बूथ, घर-घर जाना है, जाएंगे हरेक बूथ में जाएंगे, हाथ ऊपर कर बताइए जाएंगे, घर-घर जाएंगे, हर मतदाता को मिलेंगे, बीजेपी को वोट देने के लिए कहेंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। बूथ को जीतकर के लाएंगे, एक भी बूथ हारेंगे नहीं ना। पक्का जीतेंगे। अच्छा एक मेरा काम करेंगे। जरा जोर से बताइए मेरा काम करेंगे। जरा जोर से बताइए हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। अच्छा..अपनी मोबाइल की फलैश लाइट लगा कर बताइए, मेरा काम करेंगे। अपनी मोबाइल की फलैश लाइट जला कर बताइए, एक मेरा काम करेंगे। मेरा पर्सनल काम करेंगे, पक्का करेंगे, तो जरा ध्यान से सुन लीजिए, क्या काम करीएगा, घर-घर जाइएगा सभी मतदाताओं को नमस्कार कीजिएगा और उनको कहिएगा, उनको बताना है सुन लीजिए, हर मतदाता को कहना है कि आपके सेवक, दिल्ली से मोदी जी आए थे। और मोदी जी ने आकर के आपको नमस्कार भेजा है। आपको प्रणाम कहा है, क्या कहेंगे, घर-घर जाकर मेरा नमस्कार कहेंगे। घर-घर जाकर के मेरा प्रमाण कहेंगे। आप सबको जब मेरा नमस्कार कहेंगे, आप सबको मेरा जब प्रमाण कहेंगे, तो लोग मुझे आशीर्वाद देंगे, वो आशीर्वाद मेरी ताकत बन जाता है और उस ताकत से मैं दिन रात लोगों की सेवा कर सकता हूं, कर्नाटका की सेवा कर सकता हूं, इसलिए लोगों के घर -घर जाएंगे, जोर से बोलिए जाएंगे। हाथ ऊपर करके बोलिए जाएंगे, मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे।
बोलो भारत माता की...
भारत माता की...
भारत माता की...
धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!