কর্ণাটকের জনগণকে অবশ্যই জেডি(এস) এবং কংগ্রেস উভয়ের থেকে সতর্ক থাকতে হবে। তারা ভিন্ন নয়। তারা একই। দু'জনেই দুর্নীতিগ্রস্ত, বংশবাদী রাজনীতির প্রচার করে এবং সমাজে বিভাজন বপন করে: চিত্রদুর্গায় প্রধানমন্ত্রী
অনুষ্ঠানে বিপুল সংখ্যক মানুষ উপস্থিত হয়েছেন, এটা কর্ণাটকের জনগণের সিদ্ধান্তকে প্রতিফলিত করে: ই বারিয়া সরকার, বহুমতদা বিজেপি সরকার: চিত্রদুর্গায় প্রধানমন্ত্রী মোদী এবং এখন যারা "জয় বজরংবলী" স্লোগান দেয়, তাঁদের নিয়েও সমস্যা: হোসাপেটে প্রধানমন্ত্রী মোদী

2 मई की पहली रैली: चित्रदुर्गा
भारत माता की...
दोनों हाथ ऊपर करके ऐसी तेज आवाज में बोलिए की सारे कर्नाटका में सुनाई दे।
इसका मतलब है कि आपको हिंदी समझ आती है।
मदकरी नायक मत्तु ओनके ओबव्वा आवारा चित्रदुर्गदा वीरा जनतेगे नन्ना नमस्कारगलु !
मैं इस भूमि के विभिन्न मठों को, सभी संतजनों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं।
आज इतनी बड़ी संख्या में आप सभी लोग बीजेपी को आशीर्वाद देने के लिए आए हैं।
ये नजारा...दूर दूर तक लोग खड़े हैं,
कर्नाटका की जनता का निर्णय साफ है-
ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा...बहुमतदा बीजेपी सरकारा!
भाइयों और बहनों,
ये आज़ादी के अमृतकाल में कर्नाटका का पहला चुनाव है।
ये कर्नाटका का चुनाव, कर्नाटका को नंबर वन राज्य बनाने का चुनाव है। ये चुनाव तय करेगा कि आने वाले 25 वर्ष में कर्नाटका विकास की किस ऊंचाई पर होगा।
कर्नाटका को हमें विकसित भारत की ड्राइविंग फोर्स बनाना है, ग्रोथ इंजन बनाना है। और इसलिए हमारे सामने भारतीय जनता पार्टी है, बीजेपी सरकार दुबारा बनाना है, डबल इंजन की सरकार लाना है।


साथियों,
मैं कर्नाटका प्रदेश बीजेपी की टीम को, कर्नाटका बीजेपी के नेतृत्व को आज सार्वजनिक रूप से बहुत-बहुत बधाई दूंगा। कल जो उन्होंने संकल्प पत्र घोषित किया है , ये बहुत ही अच्छा संकल्प पत्र लेकर आए हैं।
इसमें कर्नाटक को देश का नंबर वन स्टेट बनने का रोडमैप है।
इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का ब्लूप्रिंट है।
इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर है।
इसमें युवाओं के उज्जवल भविष्य और रोजगार की मजबूत नींव है।
इसमें गरीब, दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी, पिछड़े, सभी के कल्याण का विश्वास है।
इसमें कोस्टल इकोनामी को मजबूत करने की बात है।
इसमें सुरक्षित, समृद्ध और सशक्त कर्नाटका का संकल्प है
और,
इसमें सबका साथ सबका विकास की दृढ़ प्रतिज्ञा है।


साथियों,
मैं आपको अलर्ट करना चाहता हूं। सावधान करना चाहता हूं। क्या आप मेरी बात मानोगे। पूरी ताकत से बताइए मेरी बात मानोगे। पक्का मानोगे।
देखिए, कर्नाटका के लोगों को कांग्रेस और जेडीएस दोनों से सावधान रहना है। कांग्रेस-जेडीएस दिखावे के लिए दो दल हैं, लेकिन दिल से और अपनी करतूतों से ये दोनों एक ही हैं।
ये दोनों परिवारवादी हैं, दोनों करप्शन को बढ़ावा देते हैं और दोनों समाज को बांटने की राजनीति करते हैं।
इन दोनों दलों की प्राथमिकता कभी भी कर्नाटका का विकास नहीं है। आपके बच्चों का भविष्य उनकी चिंता का विषय नहीं है।

साथियों,
कांग्रेस-जेडीएस के कुशासन का प्रमाण है, अपर भद्रा इरीगेशन प्रोजेक्ट।
इनको किसानों की चिंता नहीं थी, इसलिए इस प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया।
बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने अपर भद्रा प्रोजेक्ट को पूरा करने का संकल्प लिया है।
इसके लिए साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है।
इस सिंचाई परियोजना से चित्रदुर्ग सहित इस पूरे क्षेत्र के लाखों किसानों का जीवन बदल जाएगा।
बीजेपी सरकार ने ‘वाणी विलास सागरा’ नहरों के आधुनिकीकरण के लिए भी सैकड़ों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

भाइयों और बहनों,
जब तक कर्नाटका में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार रही, तब तक हर प्रोजेक्ट पर काम धीमी गति से होता रहा, रिवर्स गियर में ही चला।
डबल इंजन सरकार बनते ही इसमें नई गति आई है।
कर्नाटका में हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट के लिए बीजेपी सरकार ने बजट में कई गुना वृद्धि की है।
अकेले चित्रदुर्ग जिले में ही साढ़े 3 हज़ार करोड़ रुपए के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
तुमकुरू-चित्रदुर्ग-दावणगेरे रेल लाइन पर भी काम शुरु हो चुका है।
डबल इंजन सरकार कर्नाटका के औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
बीजेपी सरकार ने जिन 9 इंडस्ट्रियल क्लस्टर की योजना बनाई है, उसमें से एक चित्रदुर्ग में भी बनेगा।
इससे युवाओं के लिए रोज़गार के अनेक अवसर बनेंगे।

साथियों,
ये एलु सुत्तिना कोटे यानि सुरक्षा के 7 घेरों का क्षेत्र है।
बीजेपी सरकार ने भी योजनाओं का एलु सुत्तिना कोटे तैयार किया है।
पहला सुरक्षा घेरा जिसे आप सुरक्षा कोटे बोलते हैं- पीएम आवास योजना के पक्के घर का है, मुफ्त गैस कनेक्शन, हर घर जल का है।
दूसरा सुरक्षा घेरा यानि सुरक्षा कोटे, गरीबों को मुफ्त राशन का है, भुखमरी से बचाव का है, पोषण का है।
तीसरा सुरक्षा घेरा, यानि सुरक्षा कोटे, आरोग्य का है, आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज का है, मुफ्त टीकाकरण का है।
चौथा सुरक्षा घेरा या सुरक्षा कोटे, जनधन बैंक खातों और मुद्रा योजना के तहत दी गई लाखों करोड़ रुपए की मदद का है।
पांचवां सुरक्षा घेरा, संकट के समय मदद का है। जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना औऱ अटल पेंशन जैसे कवच का है।
छठा सुरक्षा घेरा, सुरक्षा कोटे, बेहतर कानून व्यवस्था का है, माता-बहन-बेटियों को पूरी सुरक्षा का है।
सुरक्षा का सातवां घेरा, सुरक्षा कोटे, हर समाज के हक को सुरक्षित रखने का है, उन्हें उनका हक देने का है।

भाइयों और बहनों,
हमारे SC/ST/OBC भाई-बहनों को भी डबल इंजन सरकार का डबल लाभ मिला है।
ये अटल जी की सरकार थी जिसने हमारे ST भाइयों-बहनों के लिए, ट्राइबल मिनिस्ट्री बनाई थी।
यहां की बीजेपी सरकार ने भी आदिवासी भाई-बहनों के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं।
हमने बंजारा-लंबानी, समाज के साथियों को पहली बार प्रॉपर्टी का हक दिया है, उनकी बस्तियों को गांव का दर्जा दिया है।
हमने भूमिहीनों को भूमि के पट्टे दिए हैं, बच्चों को स्कॉलरशिप की सुविधा दी है।
ऐसे हर कदम से इनके लिए भविष्य में पक्के घर और दूसरी सुविधाएं मिलना और आसान हो जाएगा।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस, कभी बीजेपी के विकास कार्यों का मुकाबला कर ही नहीं सकती।
कांग्रेस ने 2014 से पहले के 10 सालों में जितने मेडिकल कॉलेज बनाए, बीजेपी सरकार ने उससे दोगुने सिर्फ 9 वर्ष में बना लिए हैं।
यहां चित्रदुर्ग में भी नया मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुआ है।
इससे स्वास्थ्य सुविधाएं तो बढ़ेंगी ही, यहां के जो नैजवान हैं न, उन्हें डॉक्टर, पैरामेडिक्स बनने का अवसर मिलेगा।
कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने डेढ़ सौ से अधिक नर्सिंग कॉलेज स्वीकृत किए हैं।
इससे कर्नाटका के भी सैकड़ों युवाओं को युवतियों को इस क्षेत्र में अवसर मिलेंगी और दुनिया के देशों में जाने की एक नई ताकत खड़ी हो जाएगी।

साथियों,
बीजेपी सरकार ने गरीबों की एक और चिंता का समाधान किया है।
हमरी सरकार, मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई, स्थानीय भाषा में कराने पर जोर दे रही है।
इससे गांव-गरीब के युवाओं को विशेष लाभ होगा।
बीजेपी ने ही किसानों के बच्चों की पढाई के लिए रैता विद्यानिधि की शुरुआत की है।
आदिवासी साथियों के लिए 400 से ज्यादा एकलव्य म़ॉडल स्कूल भी बीजेपी ने बनाए हैं।
कांग्रेस की सरकार ने तो यहां बच्चों की यूनिफॉर्म में ही घोटाला कर दिया था।
आदिवासी विकास के लिए कांग्रेस की सरकार का बजट लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपए था।
बीजेपी ने इसमें 5 गुणा वृद्धि करके, आदिवासियों के विकास के लिए लगभग सवा लाख करोड़ रुपए कर दिए हैं।

साथियों,
कर्नाटका के लोगों को, कांग्रेस का इतिहास और उसकी सोच कभी भी भूलनी नहीं है।
कांग्रेस का इतिहास आतंक और आतंकवादियों के तुष्टिकरण का है।
जब दिल्ली में बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ तो कांग्रेस की सबसे बड़े नेता की आंखों में, आतंकियों के मारे जाने की खबर सुनकर आंसू आ गये थे।
जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई, जब एयर स्ट्राइक हुई, तो कांग्रेस ने देश की सेनाओं के सामर्थ्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया।
यहां कर्नाटक में तो आप लोगों ने देखा ही है कांग्रेस कैसे आतंक को बढ़ावा देती रही है।
कांग्रेस ने कर्नाटक को आतंकियों के रहमोकरम पर छोड़ दिया था।
ये बीजेपी ही है जिसने आतंकवाद की कमर तोड़ी है, तुष्टिकरण का खेल बंद किया है।
समृद्ध कर्नाटका के लिए, कर्नाटका को नंबर वन बनाने के लिए, कर्नाटका का सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है।
आतंक को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-जेडीएस, यहां कभी निवेश नहीं बढ़ा सकतीं।
आतंक को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-जेडीएस, यहां कभी नौजवानों के लिए नए अवसर नहीं बना सकती।

साथियों,
अक्सर कोई कंपनी बाजार में अपना कोई सामान लाती है तो साथ ही वो एक वारंटी भी देती है।
और कंपनी ये भी कहती है कि वारंटी खत्म होने के बाद कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
कांग्रेस भी अपनी वारंटी खो दी है, विश्वसनीयता खो दी है।
ऐसे में बिना वारंटी वाली कांग्रेस की गारंटी भी उतनी ही झूठी है।
और ये झूठी गारंटियों का कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत पुराना है।
मुझे याद है कि बरसों तक सत्ता से बाहर रहने के बाद 2012 में गुजरात में भी कांग्रेस ऐसी ही झूठी गारंटी लेकर आई थी।
कांग्रेस ने कार्ड-बोर्ड के मकान बनाए और लोगों को ले जाते थे दिखाने के लिए कि देखो हम ऐसा बनाकर मकान देंगे और फिर वे फार्म भरवाते थे, मकान के लिए और पीछे से कुछ लोग फार्म के नाम पर गरीबों से 200-200, 500-500 रूपया मार लेते थे, रिश्वत ले लेते थे।
एक वो समय है और आज का समय है- गुजरात में कांग्रेस का झंडा उठाने के लिए दूसरे राज्यों से लोगों को लाना पड़ रहा है।
पिछले, कुछ सालों से यही फर्ज़ीवाड़ा कांग्रेस हर राज्य में कर रही है।
मैंने सुना है कर्नाटका में भी ये अपनी गारंटियों का फॉर्म भरवाने लगे हैं।
और अब तो जांच इस बात की होनी चाहिए कि झूठी गारंटी के फॉर्म को दिखाकर, कांग्रेस कितनी रिश्वत ले रही है।
कांग्रेस को पक्का पता है कि कर्नाटक के लोग उसे सत्ता में नहीं ला रहे हैं।
इसलिए वो बड़े-बड़े झूठे वायदे कर रही है।
जितनी बड़ी राशि और गारंटी की बात कांग्रेस कर रही है, उसमें तो कर्नाटका का खजाना भी खाली हो जाएगा। फिर भी गारंटी अधूरी रह जाएगी।
इसलिए ऐसी गारंटी सिर्फ बोलने के लिए ही बोली जा रही है।
ये गारंटी अगर पूरी करनी है तो राज्य के विकास के सारे काम बंद करने होंगे।
आपके बच्चों के भविष्य के लिए जो पैसे हैं, वो खा जाएंगे, खर्च कर देंगे।
इसके लिए एक काम कांग्रेस और करेगी।
कांग्रेस, भाजपा की सारी योजनाओं को रिवर्स गीयर में डाल देगी।
गरीब कल्याण की जो योजनाएं, बीजेपी ने शूरू की हैं, कांग्रेस उन्हें बंद करने की तैयारी में है।

भाइयों और बहनों,
बीजेपी, विकसित कर्नाटका का रोडमैप लेकर आपसे आशीर्वाद मांग रही है।
लेकिन कांग्रेस के पास दो ही मुद्दे हैं।
एक तो वो रिटायरमेंट के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
आखिरी बार सीएम बना दो, ये उनका घोषणा पत्र है।
कांग्रेस का दूसरा एजेंडा है- गाली देकर लोगों को भड़काओ।
कभी कांग्रेस ओबीसी समाज को गाली दे रही है, कभी लिंगायत समुदाय को गाली दे रही है।
मुझे तो ये 90 से ज्यादा गालियां दे चुके हैं और सेंचुरी की तरफ बढ़ रहे हैं।
इस क्षेत्र के लोगों ने तो एस निजलिंगप्पा जी का काम करीब से देखा है।
कांग्रेस ने तो एस निजलिंगप्पा जी को भी नहीं छोड़ा था।
उनका अपमान करने वाली कांग्रेस, गालियों की सेंचुरी ही बना सकती है।

भाइयों और बहनों,
हिंदुस्तान के हर कोने में से कांग्रेस के भ्रष्टाचार काल को जड़-मूल से उखाड़ कर फेंकना है और विकसित भारत के अमृतकाल को हिंदुस्तान के हर कोने में लाना है। कर्नाटका से भी भ्रष्टाचार काल जाना चाहिए और कर्नाटका में अमृतकाल लाना है। आजादी के 100 वर्ष होंगे तब विकसित भारत बनाना, ये हमारा संकल्प है।
ये संकल्प तभी सिद्ध होगा, जब कर्नाटका में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार होगी।
आपको 10 मई को कमल के निशान पर बटन दबाना है।
आपको याद रखना है- ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा...
आपको बूथ-बूथ, घर-घर जाना है, जाएंगे हरेक बूथ में जाएंगे, हाथ ऊपर कर बताइए जाएंगे, घर-घर जाएंगे, हर मतदाता को मिलेंगे, बीजेपी को वोट देने के लिए कहेंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। बूथ को जीतकर के लाएंगे, एक भी बूथ हारेंगे नहीं ना। पक्का जीतेंगे। अच्छा एक मेरा काम करेंगे। जरा जोर से बताइए मेरा काम करेंगे। जरा जोर से बताइए हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। अच्छा..अपनी मोबाइल की फलैश लाइट लगा कर बताइए, मेरा काम करेंगे। अपनी मोबाइल की फलैश लाइट जला कर बताइए, एक मेरा काम करेंगे। मेरा पर्सनल काम करेंगे, पक्का करेंगे, तो जरा ध्यान से सुन लीजिए, क्या काम करीएगा, घर-घर जाइएगा सभी मतदाताओं को नमस्कार कीजिएगा और उनको कहिएगा, उनको बताना है सुन लीजिए, हर मतदाता को कहना है कि आपके सेवक, दिल्ली से मोदी जी आए थे। और मोदी जी ने आकर के आपको नमस्कार भेजा है। आपको प्रणाम कहा है, क्या कहेंगे, घर-घर जाकर मेरा नमस्कार कहेंगे। घर-घर जाकर के मेरा प्रमाण कहेंगे। आप सबको जब मेरा नमस्कार कहेंगे, आप सबको मेरा जब प्रमाण कहेंगे, तो लोग मुझे आशीर्वाद देंगे, वो आशीर्वाद मेरी ताकत बन जाता है और उस ताकत से मैं दिन रात लोगों की सेवा कर सकता हूं, कर्नाटका की सेवा कर सकता हूं, इसलिए लोगों के घर -घर जाएंगे, जोर से बोलिए जाएंगे। हाथ ऊपर करके बोलिए जाएंगे, मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे।
बोलो भारत माता की...
भारत माता की...
भारत माता की...
धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।