ওড়িশায় প্রধানমন্ত্রী মোদীর প্রশ্ন, আপনি কি কখনও কল্পনা করেছেন যে আদিবাসী সম্প্রদায়ের কোনও কন্যা আমাদের দেশের রাষ্ট্রপতি হবেন?
এসসি/এসটি/ওবিসি সম্প্রদায়ের অধিকার যে কোনও মূল্যে রক্ষা করা হবে, তা আমরা সুনিশ্চিত করব: বারগড়ে প্রধানমন্ত্রী মোদী

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

जय जगन्नाथ..

जय जगन्नाथ..

जय मां समलेश्वरी।

एथि उपस्थति समस्त मान्यगण्य व्यक्ति नकु मोरा नमस्कार, जोहार। इस पवित्र भूमि के इष्टदेव नरसिंहनाथ को नमन करता हूं। माधो सिंह जी और गंगाधर मेहर जी की इस पावन धरती ने मुझे बहुत प्यार दिया है। आज भी इतना विराट जनसागर हमें आशीर्वाद देने आया है। यहां धनुजात्रा का उत्सव तो सदियों में होता है, लेकिन आज भी उत्साह उससे कम नहीं है।

भाइयों और बहनों,

25 साल में एक पूरी पीढ़ी जवान हो जाती है। वो अपना नया जीवन शुरू कर देती है। लेकिन BJD की सरकार इन 25 सालों में ओडिशा को गरीबी से बाहर नहीं निकाल पायी। आज पूरे ओडिशा में BJD के नेताओं के खिलाफ बहुत गुस्सा है। लोग एक ही बात कहते हैं- केते दिन सहिबो ओडिशा? केते दिन सहिबो ओडिशा? केते दिन सहिबो ओडिशा?

साथियों,

आज मैं यहां आपसे डबल आशीर्वाद मांगने आया हूं। डबल आशीर्वाद चाहिए, मिलेगा न? जरा पूरी ताकत से बताओ, तो पता चले। मिलेगा? डबल आशीर्वाद मिलेगा? बरगढ़ से श्री प्रदीप पुरोहित जी और संबलपुर से धर्मेंद्र प्रधान जी को भारी बहुमत से जिताकर लोकसभा भेजना है और दूसरा आशीर्वाद हमारे तमाम साथी विधायक (सारे विधायक और संसद के कैडिंडेट दोनों आगे आ जायें) ये जो बाकी जो हमारे विधानसभा के उम्मीदवार हैं उन सबको जिताकर भुवनेश्वर में सरकार बनानी है। ( मैं एक- दो मिनट इनके बीच जाकर के फिर वापस आता हूं) और आप जब इन सबको जिताएंगे तो ओडिशा में डबल इंजन सरकार बनेगी।

भाइयों-बहनों,

देश के कई भागों में तीन चरण में मतदान हुआ है और मैं आज बड़ी जिम्मेवारी के साथ और बहुत ही विश्वास के साथ और जनता- जनार्दन ने जो विश्वास दिए हैं, उस आशीर्वाद के ताकत के भरोसे साफ- साफ देख रहा हूं कि 4 जून को एनडीए का चार सौ पार करना पक्का हो चुका है। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी मान्य विपक्ष भी नहीं बन पाएगी। उसके लिए उनके शहजादे की उम्र से भी कम सीटें मिलने वाली हैं।

साथियों,

आप सभी जानते हैं कि BJD सरकार यहां कैसे विकास कार्यों में नाकाम हो चुकी है? आप मुझे बताइये, ये बीजेडी सरकार कौन चला रहा है भाई? ये बीजेडी सरकार कौन चला रहा है? कौन चला रहा है? आपको मालूम है न? पूरी सरकार आउटसोर्स कर दी है। यहां पर डेमोक्रेटिकली चुने हुए विधायक और विधायकों ने चुने हुए मुख्यमंत्री इन सबके ऊपर एक सुपर सीएम बन गए हैं। क्या आप चाहते हैं कि जिसको ओडिशा की समझ नहीं है ऐसे हाथों में ओडिशा जाना चाहिए? ऐसे हाथों में ओडिशा जाना चाहिए? ओडिशा को बचाने की जिम्मेवारी किसकी? ओडिशा को बचाने की जिम्मेवारी किसकी? ओडिशा को बचाने की जिम्मेवारी किसकी?

भाइयों-बहनों,

मैं आपके पास भाजपा के स्वार्थ के लिए नहीं आया हूं मैं आपके पास गिड़गिड़ा रहा हूं हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं कि मेरे ओडिशा को बचाइये ओडिशा बर्बाद हो रहा है। इतना महान राज्य, इतनी महान संस्कृति, इतनी महान परंपरा, 25 साल बर्बाद हो गए और पिछले पांच साल में तो पूरी तरह ओडिशा पर बाहरी लोगों ने कब्जा किया है और इसलिए आप मुझे बताइए भाइयों ओडिशा के बेटे- बेटी, ओडिशा का नेतृत्व करने योग्य है कि नहीं है? ओडिशा की धरती पर जन्में हुए लोग ओडिशा का भला कर सकते हैं कि नहीं कर सकते हैं? ओडिशा की परंपरा को जानने वाले, ओडिशा का भला कर सकते हैं कि नही कर सकते हैं?

भाइयो-बहनों,

मैं तो गुजरात में रहता हूं मेरे वहां बहुत ओडिशा के लोग हैं उनका जो सामर्थ्य मैंने देखा है न, उनकी जो क्षमता देखी है, उनकी जो प्रतिभा देखी है मैं कभी- कभी सोचता हूं कि ऐसे प्रतिभावान लोग जिस ओडिशा के पास हों, धन संपदा अपार हो, प्राकृत संपदा अपार हो, वो मेरा ओडिशा गरीब क्यों है? यहां के लोग सामान्य सुविधाओं के लिए तड़प क्यों रहे हैं? और उसका एक ही कारण है, अब सरकार चुने हुए लोग नहीं चलाते हैं, आज सरकार चलाने का काम और लोगों के हाथ में आउटसोर्स हो गया है। अगर आप चाहते हैं कि ओडिशा की बागडोर, यहां की मिट्टी के बेटे या बेटी के पास रहे, तो आपको भाजपा के सभी विधायकों को, सभी कैडिंडेट को आपको चुनाव जिताना होगा। जितायेंगे?

साथियों,

मैंने पहले ही घोषणा की है 4 जून बीजेडी सरकार की एक्सपायरी डेट है और 10 जून को आपको भुवनेश्वर आने का निमंत्रण देने आया हूं। 10 जून को आप सब को भुवनेश्वर आने का निमंत्रण देने आया हूं, क्यों मालूम है? क्यों? भुवनेश्वर में क्या काम है? भुवनेश्वर में 10 जून को भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री का शपथ समारोह होने वाला है और मेरी गारंटी है भाजपा ओडिशा की मिट्टी में रमा हुआ, ओडिशा की मिट्टी में पैदा हुआ, ओडिशा की मिट्टी में पला- बढ़ा, ओडिशा की संस्कृति को जीने वाला उड़िया बेटा या बेटी ही मुख्यमंत्री बनेगी।

भाइयों और बहनों,

हमारा ये क्षेत्र किसानों की, कुशल बुनकरों की धरती है। प्रकृति ने भी यहां सबकुछ दिया है, जो समृद्धि के लिए ज़रूरी होता है, वो सब मेरे ओडिशा के पास है। लेकिन BJD की सरकार ने भातहांडी को खाली कर दिया है। सबकुछ BJD के नेताओं की तिजोरी में चला गया है। यहां कानून- व्यवस्था चरमराई हुई है। दिन- दहाड़े मंत्री तक की हत्या हो जाती है। नशे के तस्करों ने, ड्रग माफियाओं ने हमारे नौजवानों को बर्बाद कर दिया है। आप मुझे बताइये? ओडिशा को बर्बाद करने वाली ऐसी BJD सरकार को एक पल भी ओडिशा में राज करने का हक है क्या? हक है क्या? उनको हटाना चाहिए कि नहीं हटाना चाहिए? कौन हटाएगा? कौन हटाएगा? कौन हटाएगा? ये आपका संकल्प है? ये आपका संकल्प है? अगर ओडिशा के लोग संकल्प करेंगे एक मिनट ये सरकार नहीं रह सकती है और इसलिए मैं कहता हूं, ओडिशा में जहां- जहां गया हूं लोगों के संकल्प को देखा है तब जाकर मैं कहता हूं कि BJD सरकार की एक्सपायरी डेट आ चुकी है।

साथियों,

आज सुबह ही मैंने श्री जगन्नाथ मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा एक संवेदनशील मसला, एक संवेदनशील विषय, देश के सामने और ओडिशा के नागरिकों के सामने रखा है। जगन्नाथ जी मंदिर के श्रीरत्न भंडार की चाबियां, पिछले 6 साल से गायब है। श्रीरत्न भंडार में अकूत धन-दौलत है, लेकिन उसकी सही स्थिति सामने नहीं आ रही है। ओडिशा सरकार, श्रीरत्न भंडार की जांच रिपोर्ट को सामने नहीं आने दे रही है। आखिर ओडिशा सरकार किसका हित साध रही है?

भाइयों और बहनों,

गांव का, किसानों का जीवन बेहतर करने के लिए मोदी दिन-रात परिश्रम करता है। आपने तो देखा है, 10 साल पहले किसानों को यूरिया के लिए कितनी परेशानी होती थी। आज यूरिया और दूसरी खाद के लिए कोई परेशानी नहीं होती। पुरानी सरकारों की नीतियों के कारण, तालचेर सहित अनेक खाद कारखाने बंद हो गए थे। भाजपा सरकार ने ऐसे यूरिया कारखाने फिर से शुरू किये हैं। तालचेर में भी तेज़ गति से काम चल रहा है। दुनिया में यूरिया की जो बोरी 3 हज़ार रुपए में बिकती है, वो आपको मोदी सरकार 300 रुपए से भी कम कीमत में देती है। किसानों को सस्ती खाद मिले, सिर्फ इसके लिए ही मोदी सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपए किसानों के लिए खर्च किए हैं।

साथियों,

मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शुरू की है। ( बेटी आप बैठिए, आपलोग कब तक खड़े रहोगे, बैठो, बैठो बेटा। आपने बढ़िया चित्र बनाया है, मैं आपका आभारी हूं, आप बैठिए। आप लोग बैठिए। अच्छा एसपीजी के लोग जरा ये चित्र ले लीजिए इन बच्चों से, आप लोग कब से मैं आया हूं तब से ऐसे ही हाथ करके खड़े हैं। थक जायेंगे। पीछे अपना नाम, पता लिख देना। नाम, पता लिख देना। आपका इतना आशीर्वाद, प्यार परमात्मा आपको शक्ति दें। भगवान जगन्नाथ आपको शक्ति दें।)

साथियों,

छोटे किसानों को अपना धान रखने के लिए गोदाम मिले। जब बाज़ार में सही कीमत मिले, तब वो अपना धान बेच सके, ये सुविधा हम बना रहे हैं। ( आपका प्यार, आपके प्यार के लिए मैं आपका आभारी हूं जी। वो दूर वाला भी चाहता है वहां से वो नीचे रखो भाइयों ये मैं ये कहां करता रहूंगा। फिर तो सभा में कुछ बोल ही नहीं पाऊंगा। आपका प्यार मेरे सर आंखों पर। लेकिन आप हाथ नीचे करिये आप थक जाओगे भाई मुझे मन में चिंता होती है। ये छोटे- छोटे बच्चे ये अपना हाथ ऐसे खड़ा करके, आप हाथ नीचे कीजिए मैंने देख लिया है भाई। अपने शरीर को कष्ट क्यों देते हो जी।)

 

साथियों,

यहां बड़गढ़ में किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के भी 400 करोड़ रुपए पहुंचे हैं। भाइयों और बहनों, लेकिन दुर्भाग्य है कि BJD सरकार आपको धोखा देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। यहां 2 हजार 200 रुपए के आसपास धान का समर्थन मूल्य है। लेकिन किसान को 1हजार 600 या 1 हजार 700 रुपए तक ही मिलते हैं बाकी का पैसा कहां जाता है भाई? कोई न कोई तो मारता है ना? कोई-कोई तो पैसे चोरी करता है ना। BJD के बिचौलियों की जेब में ये पैसा चला जाता है। ये भ्रष्टाचार जरा मुझे बताइये, ये भ्रष्टाचार रुकना चाहिए कि नहीं रूकना चाहिए? ये भ्रष्टाचार रुकना चाहिए कि नहीं रूकना चाहिए? ओडिशा भाजपा ने घोषणा की है कि धान का समर्थन मूल्य 3 हजार 100 रुपए किया जाएगा। इतना ही नहीं, धान खरीदने के 48 घंटे में उसके खाते में पैसा भी पहुंच जाएगा। अब ये सुनकर आप लोग खुश तो हो गए, मेरा एक काम करोगे? ऐसा नहीं, बोलो करोगे? ये मातायें- बहनें मेरा एक काम करेंगी? जरा हाथ ऊपर करके बताइये, सब करेंगे? आपके इस इलाके में, दोनों लोकसभा सीट के इलाके में और सभी एमएलए के इलाके में जितने भी किसान हैं उन सबको जा करके बताओगे कि मोदी जी ने कहा है कि 3 हजार 100 रूपया मिलेगा। बताओगे? यहां आनंद करने से काम नहीं चलेगा भाई, मुझे किसान के घर में आनंद चाहिए और यही गारंटी, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने दी थी। वहां छत्तीसगढ़ के धान किसानों की खरीद इसी एमएसपी पर हुई और पैसा उनके खाते में जमा भी हो गया।

भाइयों और बहनों,

यहां अनेक साथी टेक्सटाइल के काम से जुड़े हैं। हमारे बुनकर भाई- बहन मेड इन इंडिया के भी शिल्पकार हैं। संबलपुरी साड़ियां, ये तो नाम दुनियाभर में है। हम हथकरघा को, हमारे टेक्सटाइल सेक्टर पर विशेष बल दे रहे हैं। भाजपा सरकार, टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाई के लिए बुनकरों के बच्चों को 2 लाख रुपए तक की स्कॉलरशिप दे रही है। पिछले 10 वर्षों में 600 से अधिक हैंडलूम क्लस्टर विकसित किए गए हैं। इनमें अब तक हज़ारों बुनकरों की ट्रेनिंग हो चुकी है। बुनकरों को नई मशीनें, नए उपकरण दिए जा रहे हैं। हथकरघा बुनकरों को रियायती दरों पर कच्चा माल यानी धागा दिया जाता है। कच्चे माल को लाने का खर्च भी सरकार वहन करती है। इसके अलावा श्रमिकों को करघे और वर्कशेड भी दिया जा रहा है। मुद्रा योजना के माध्यम से भी बुनकरों को बिना गारंटी का ऋण मिलता है। ओडिशा भाजपा ने 3 इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। बुनकरों और हथकरघा श्रमिकों को सम्मान निधि देने की भी घोषणा की है। ये सब मैं आपके लिए क्यों कर रहा हूं? क्योंकि मैं आप ही की तरह गरीबी से निकलकर आया हूं। गरीब की जरूरतों को मैं समझ पाता हूं। आपका दुख-दर्द, आपकी जरूरतें अगर मोदी नहीं समझेगा तो कौन समझेगा?

भाइयों और बहनों,

आज़ादी के अनेक दशकों तक आदिवासी क्षेत्रों को विकास से वंचित रखा गया। आदिवासियों को आर्थिक और राजनीतिक सिस्टम से दूर रखा गया। लेकिन 10 वर्षों में हमने आदिवासी बच्चों उनके सच्चे सशक्तिकरण पर बल दिया है। 10 सालों में जनजातीय कल्याण का बजट 5 गुणा बढ़ाया है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को भाजपा सरकार ने ही जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। सबसे पिछड़ी जनजातियों के लिए 24 हज़ार करोड़ रुपए की योजना भी मोदी ने ही बनाई है।

साथियों,

क्या आपने कभी कल्पना भी की थी कि आदिवासी समाज की एक बेटी, देश की राष्ट्रपति होगी? ओडिशा की आदिवासी बेटी आज देश की तीनों सेनाओं को कमान करती है। राष्ट्र का नाम बढ़ा रही है। राष्ट्रपति पद की शोभा बढ़ा रही है। ये काम किसने किया? ये काम किसने किया? द्रौपदी जी को राष्ट्रपति बनाने का काम किसने किया? किसने किया? किसने किया? अरे, मोदी ने नहीं किया, ये आपके एक वोट ने किया है। आपने वोट दिया, मोदी को सेवा करने का मौका मिला और तब जा करके द्रौपदी मूर्मू जी देश की राष्ट्रपति बनीं। ये आपके वोट की ताकत है, जब द्रौपदी मूर्मू जी ओडिशा की हैं, इसी मिट्टी से निकली है जब वो राष्ट्रपति बनीं तो आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? ओडिशा का मान- सम्मान बढ़ा कि नहीं बढ़ा? माताओं- बहनों का मान- सम्मान बढ़ा कि नहीं बढ़ा। लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी आज तक इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, वो लगातार आदिवासी बेटी का अपमान कर रहे हैं। आपको पता होगा अभी चार- छह दिन पहले हमारी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी, अयोध्या में प्रभु रामलला के दर्शन करने गई थीं। उन्होंने प्रभु रामलला के गर्भ गृह में जाकर के पूजा- अर्चना की और उन्होंने देश के कल्याण के लिए राम लला से आशीर्वाद मांगें, लेकिन उनका अपमान करना, प्रभु राम का अपमान करना, राम मंदिर का अपमान करना, ये जिन्होंने ठान कर रखी है ये कांग्रेस के नेता क्या कह रहे हैं, ये कांग्रेस के नेता कह रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा द्रौपदी मूर्मू जी का राम लला के दर्शन करने के लिए जाना, मंदिर में पूजा- अर्चना करना, एक आदिवासी बेटी और देश की राष्ट्रपति राम लला के दर्शन करके आयीं उसके दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता ने घोषणा की कि अब हम राम मंदिर को गंगा जल से धो करके राम मंदिर का शुद्धिकरण करेंगे। मुझे बताइये ये देश का अपमान है कि नहीं है। ये देश का अपमान है कि नहीं है? ये आदिवासी समाज का अपमान है कि नहीं है? ये माताओं- बहनों का अपमान है कि नहीं है? मेरे देश की आदिवासी की बेटी, मेरे देश की राष्ट्रपति रामलला के दर्शन करने जाए, मंदिर में पूजा- अर्चना करे और दूसरे दिन कांग्रेस घोषणा करें कि अब हम राम मंदिर का शुद्धिकरण करेंगे। भाइयों-बहनों, ऐसे लोगों को भारत की राजनीति में रहने का हक है क्या? मैं ओडिशा के लोगों से पूछूंगा, क्या ऐसी कांग्रेस और उसके साथियों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैं चाहता हूं राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू जी का अपमान करने वाली कांग्रेस को चाहे अंसबेली की सीट हो या चाहे लोकसभा की, इतना बड़ा पाप उन्होंने किया है, सभी सीटों पर उनकी जमानत जब्त होनी चाहिए, इसके बिना ये सुधरेंगे नहीं।

और साथियों,

आपको कांग्रेस से लगातार सावधान रहना है। कांग्रेस संविधान बदलना चाहती है, SC/ST/OBC का आरक्षण छीनना चाहती है और छीन करके अपने वोट बैंक को देना चाहती है, लेकिन आज जब संविधान के सर्वोच्च पद पर एक आदिवासी बेटी बैठी है और पिछड़े परिवार में पैदा हुआ ये प्रधानसेवक आपका ये बेटा बैठा है तो किसी की ताकत नहीं है कि संविधान की पीठ में छुरा भोंक सके। किसी की ताकत नहीं है संविधान को हाथ लगा सके, SC/ST/OBC का हक मोदी किसी को भी उसे नहीं छीनने देगा, ये मोदी की गांरटी है। और कांग्रेस और उसके सारे चट्टे- बट्टे, ये कांग्रेस और उसके सारे चट्टे- बट्टे, उनके शहजादे जरा कान खोलकर के सुन लो, (33.16-33.35 ओडिशा) और ये शहजादे अभी संविधान को माथे पर रखके नाच रहे हैं न, जरा देश जानना चाहता है क्या भारत की सरकार संविधान के कोख से जन्म लेती है कि नहीं लेती है? जब भारत की सरकार संविधान के कोख से जन्म लेती है तो भारत सरकार की कैबिनेट इस संविधान की कोख से पैदा होती है कि नहीं होती है? भारत सरकार की कैबिनेट को संविधान के द्वारा अधिकार मिले हैं कि नहीं मिले हैं? भारत सरकार की कैबिनेट डॉ. मनमोहन सिंह जी की कैबिनेट, जो संविधान ने बनायी है उस कैबिनेट ने एक फैसला लिया और ये शाहजादे ने पत्रकार परिषद बुला करके उस कैबिनेट के फैसले के टुकड़े- टुकड़े कर दिए थे। ये टुकड़े कागज के नहीं थे, ये टुकड़े संविधान के थे। ये टुकड़े भारत के संविधान की भावना के थे। ये देश संविधान के टुकड़े- टुकड़े करने वाले, ये शहजादे को कभी माफ नहीं कर सकती है।

साथियों,

रेल हो, रोड हो, एयरपोर्ट हो या अस्पताल, भाजपा विकास के लिए दिन- रात मेहनत करती है। झारसुगुड़ा के वीर सुरेंद्र साई एयरपोर्ट से कितनी सुविधा हुई है, ये हम देख रहे हैं। रोड और रेल के ऐसे तमाम प्रोजेक्ट 4 जून के बाद तेज़ी से पूरे होंगे।

साथियों,

आपको भारी संख्या में मतदान करना है। हर बूथ पर कमल के निशान पर बटन दबाना है और जब आप इन सबको कमल से वोट देंगे, जब कमल के निशान पर बटन दबायेंगे न, तो आपका वोट सीधा- सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी, तो आप ज्यादा से ज्यादा मतदान करायेंगे? सारे पोलिंग बूथ जीतेंगे? अच्छा मेरा एक काम करेंगे ? जरा हाथ ऊपर करके बताइये तो बताऊं, मेरा काम करेंगे? सब लोग मेरा काम करेंगे? हर कोई करेगा? अच्छा यहां से फिर ज्यादा से ज्यादा परिवारों से मिलने जाइये और सबको जाकर के कहना मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको जय जगन्नाथ कहा है, मोदी जी ने आपको नमस्कार कहा है। मोदी जी ने आपको जोहार कहा है। इतना करोगे? मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की,

भारत माता की,

भारत माता की,

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!