Quoteআরজেডি ও কংগ্রেসের জোট দেশের সংবিধান বা গণতন্ত্রের পরোয়া করে না: আরারিয়ায় প্রধানমন্ত্রী
Quoteইভিএম নিয়ে মানুষের মনে সন্দেহ তৈরি করে ইন্ডি জোটের নেতারা পাপ করেছেন: আরারিয়ায় প্রধানমন্ত্রী
Quoteইন্ডি জোটের প্রত্যেক নেতার উচিত দেশের মানুষের কাছে ক্ষমা চাওয়া: আরারিয়ায় প্রধানমন্ত্রী

भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!

अररिया के इ पावन धरती मा, अहाँ सब के प्रणाम करे छी !
अररिया, फणीश्वर नाथ रेणु जी की भूमि है। और जब-जब भी मुझे यहां आपके बीच आने का अवसर मिला है। हर बार, बाबा मदनेश्वर और मां काली की कृपा और आप जनता-जनार्दन आपका भरपूर आशीर्वाद मिला है। आज भी अररिया और सुपौल का ये स्नेह मेरे लिए बहुत बड़ी ऊर्जा है। बहुत बड़ी शक्ति है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। आपके इस कर्ज को उतारने के लिए मैं और ज्यादा मेहनत करूंगा। और तीसरे कार्यकाल में आपके हित में, देश के हित में और ज्यादा बड़े फैसले देश लेने वाला है।

साथियों,

मैं हिंदुस्तान के कोने-कोने में इन दिनों जनता के आशीर्वाद मांगने के लिए जा रहा हूं। और देश के कोने-कोने में जहां -जहां गया। शहर हो, गांव हो, पुरुष हो, स्त्री हो, युवा हो, युवती हो पूरे देश एक ही बात कह रहा है- फिर एक बार- मोदी सरकार। फिर एक बार- मोदी सरकार। फिर एक बार- मोदी सरकार।

भाइयों और बहनों,

आज दूसरे चरण का मतदान भी चल रहा है। ये लोकतंत्र का महापर्व है। मेरी सभी मतदाताओं से, विशेषकर युवा वोटर्स से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने के लिए जाएं। मैं जानता हूं गर्मी का समय है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी हमें देश के हित में, लोकतंत्र की मजबूती के लिए वोट देने का अपना कर्तव्य निभाना ही चाहिए। हमें एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहिए। और मेरा तो आपसे भी आग्रह है। जब आप यहां पर मतदान का दिवस हो, हर पोलिंग बूथ में यात्रा निकाल करके बीस-बीस, पच्चीस-पच्चीस लोग गीत गाते-गाते, थाली बजाते-बजाते, उत्सव मनाते-मनाते पोलिंग स्टेशन पर वोट देने के लिए जाना चाहिए। पोलिंग बूथ पर उत्सव का वातावरण होना चाहिए। ये लोकतंत्र है, प्रचार में कितनी ही तू-तू, मैं-मैं चलती रहे, लेकिन मतदान का दिन पूरे इलाके का उत्सव का दिन होना चाहिए।

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साथियों,

2024 का ये चुनाव भारत को आर्थिक और सामरिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए चुनाव है। और इसमें बिहार के आप सभी मेरे जागरुक भाई-बहनों की बड़ी भूमिका है। गुलामी के लंबे कालखंड से पहले जब बिहार समृद्ध था, तब भारत एक महाशक्ति था। आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए चल पड़ा है, तो बिहार की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। बिहार के लोगों की प्रतिभा, यहां के लोगों की बौद्धिकता, यहां के लोगों की परिश्रम की पराकाष्ठा करके दिखाने का जो जज्बा है ना, ऐसा जज्बा कहीं और देखने को नहीं मिलता है। बिहार के इस सामर्थ्य को और बढ़ाने के लिए दिल्ली में आपका ये सेवक और यहां बिहार में हमारे नीतीश जी और उनकी पूरी टीम पूरी शक्ति से काम कर रहे हैं।

साथियों

आरजेडी-कांग्रेस के इंडी गठबंधन को ना देश के संविधान की परवाह है और ना ही लोकतंत्र की परवाह है। ये वो लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने लोगों का, गरीबों का अधिकार छीना। पोलिंग बूथ लूट लिए जाते थे। बैलेट पेपर लूट लिए जाते थे। बिहार के लोग साक्षी हैं कि कैसे RJD-कांग्रेस के शासन में चुनावों में मतदान पत्र, बैलेट पेपर लूटे जाते थे। इतना ही नहीं गरीबों को तो वोट नहीं डालने के लिए घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था। मेरे दलित भाई-बहन, मेरे पिछड़े भाई-बहन उनको तो डंडे के जोर पे घर के बाहर निकलना मना कर दिया जाता था। अब जब गरीबों को, देश के ईमानदार मतदाता को EVM की ताकत मिली है, ये जो चुनाव के दिन के लूट चलाते थे। वोट हड़प करने के खेल खेल खेलते थे। तो इन लोगों से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अभी भी वो परेशान हैं। और इसलिए उनका दिन-रात यही काम रहता है, कैसे भी करके इवीएम हटना चाहिए। ये बटन दबाने वाला खेल बंद होना चाहिए। यही उनका खेल चल रहा है। इंडी गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। लेकिन आज देश के लोकतंत्र की ताकत देखिए। बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए। आज सुप्रीम कोर्ट ने, अभी एक-दो घंटे पहले ही मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है। ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं। आज उच्चतम न्यायालय ने, सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौट करके नहीं आएगा। आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, भारत के चुनावों में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तारीफ करती है। तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ से, बदनीयती से EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है। लेकिन आज इन्हीं लोगों को देश की सर्वोच्च अदालत ने, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करारा तमाचा मारा है। ऐसा करारा तमाचा मारा है। ये अब मुंह ऊंची करके देख नहीं पाएंगे जी।

भाइयों और बहनों,

आज का दिन लोकतंत्र के लिए शुभ दिन है। आज का दिन लोकतंत्र के लिए विजय का दिन है। मेरे साथ मैं नारा बुलवाता हूं, बोलिए। मैं कहूंगा लोकतंत्र, आप कहेंगे जिंदाबाद। लोकतंत्र जिंदाबाद! लोकतंत्र जिंदाबाद! लोकतंत्र जिंदाबाद! मैं दूसरा नारा बुलाता हूं। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। बाबासाहेब अंबेडकर अमर रहे-अमर रहे। इंडी गठबंधन के हर नेता को, देश की जनता की माफी मांगनी चाहिए। माफी मांगनी चाहिए कि नहीं मांगनी चाहिए। माफी मांगनी चाहिए कि नहीं मांगनी चाहिए।

साथियों,

आज देश में राजनीति की दो मुख्य धाराएं बन गई हैं। एक धारा BJP और NDA की है, जिसका मकसद है देश के लोगों को सशक्त करना। हर लाभार्थी के दरवाजे तक खुद जाकर उसे लाभ पहुंचे। इसके विपरीत एक और धारा है- कांग्रेस और आरजेडी की। इंडी गठबंधन वालों का मकसद है, देश के लोगों से छीनना, उन्हें तरसाकर रखना और खुद की तिजोरी भरना। जैसे कांग्रेस हो या आरजेडी, इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को विकास के लिए तरसाकर रखा। इन दोनों पार्टियों ने मिलकर बिहार के करोड़ों लोगों को दाने-दाने का मोहताज बना दिया था। किसी के पास खेत-खलिहान है, तो नौकरी के बदले उसकी जमीन छीन लो। किसी के पास नौकरी है, तो तनख्वाह छीन लो। किसी के पास गाड़ी है, तो गाड़ी छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है, तो उसका अपहरण करवा लो। यही जंगलराज के दिनों का हाल था। यही आरजेडी और कांग्रेस के शासन का तरीका था। नीतीश जी ने और बीजेपी के लोगों ने और एनडीए के सब साथियों ने बड़ी मेहनत करके बिहार को उस जंगलराज से बाहर निकाला है। अब NDA की सरकार मिलकर प्रयास कर रही है कि हर लाभार्थी के दरवाजे पर पहुंचे, उन्हें अपनी योजनाओं से जोड़ें। पिछले 10 साल में बिहार के लोगों को 50 हजार करोड़ रुपये, ये आंकड़ा याद रखोगे। मेरे बिहार के लोग तो बहुत जागरूक है। मैं जो आंकड़ा बोल रहा हूं वो याद रखोगे। जरा आप जवाब दें तो मैं बोलूं। जो मैं आंकड़ा बोल रहा हूं बोल रहा हूं, याद रखोगे। जो आंकड़ा मैं कह रहा हूं, याद रखोगे। 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा से ज्यादा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत सीधा दिल्ली से आप सब लोगों के खाते में भेजे गए हैं। 50 हजार करोड़ रुपया। अररिया और सुपौल के किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 1600 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। कोई बिचौलिया नहीं, कोई रिश्वत नहीं, कोई कट नहीं, कोई चोरी नहीं। सीधा किसान के खाते में मोदी ने भेजा है। यहां अररिया और सुपौल, दोनों जिलों में गरीबों को 3 लाख पक्के घर मिले हैं। 3 लाख पक्के घर।

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साथियों,

बहनों-बेटियों के जीवन को आसान बनाना, ये NDA की प्राथमिकता है। बहनों को उनकी सुविधा के लिए नल से जल मिला है, शौचालय मिला है। मुफ्त बिजली कनेक्शन मिले हैं। NDA सरकार की मुफ्त राशन की योजना ने हमारी माताओं-बहनों-बेटियों की बहुत बड़ी चिंता समाप्त की है। 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज वाली आयुष्मान योजना, बहनों-बेटियों के लिए नई संजीवनी बन आई है।

भाइयों और बहनों,

हम लोग तो जानते हैं, अपने परिवारों में। क्योंकि मैं भी तो आप ही तरह बिल्कुल सामान्य परिवार से, गरीब परिवार में पैदा होकर के आया हूं। और इसलिए मैंने, मैंने वो दुखदर्द क्या होता है ना, वो जीकर आया हूं। आपने भी वो ही देखा है। हमारी यहां परिवार में कोई मां बीमार हो जाए ना। गंभीर बीमारी हो, लेकिन वो घर में किसी को पता ही नहीं चलने देती। वो दुख सहन करती है। काम करती रहती है, लेकिन घर में किसी को पता नहीं चलते देती है कि उसे इतनी बड़ी मुसीबत हो रही है। क्यों कि मां के मन में विचार रहता है अगर बच्चों को, परिवार को पता चल जाएगा कि मुझे बीमारी है, तो वो मुझे अस्पताल ले जाएंगे। बहुत खर्चा होगा। ये बच्चे कर्ज कर देंगे और मेरे मरने के बाद बच्चों को कर्ज में जीना पड़ेगा। मैं अपने बच्चों को कर्ज नहीं करने दूंगी। मैं बीमारी सहन कर लूंगी, अगर मौत जल्दी आएगा तो स्वीकार कर लूंगी, लेकिन मेरे बच्चों पर मैं कभी भी कर्ज नहीं होने दूंगी। और हमारे देश की माताएं-बहनें कितना ही ज्यादा दर्द क्यों ना हो, कितनी ही बड़ी बीमारी क्यों न हो। वो सहन करती रहती है। तब मेरे मन में विचार आया कि फिर इस बेटे का दिल्ली में बैठने का क्या मतलब है। अगर गरीब का बेटा दिल्ली में बेठा है। आपका बेटा दिल्ली में बैठा है। तो हर मां मेरी मां है। उसका दर्द, उसके स्वास्थ्य की चिंता दिल्ली में उसका बेटा करेगा। और उसका इलाज का पूरा खर्चा ये आपका बेटा करेगा।

और अब मैं एक नई योजना आपके पास लेकर आया हूं। किसी भी जाति बिरादरी में पैदा हुआ हो, कुछ भी कमाता हो, शहर में रहता हो, गांव में रहता हो। अब हर परिवार में बुजुर्ग होते ही होते हैं। 70 साल की उम्र के माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची हमारे परिवार में होते ही हैं। और वह कमा-धमा तो सकते नहीं है और जब कमा-धमा सकते नहीं और बीमारी तो आ ही जाती है इस उम्र में। और बीमारी आती है तो जो बच्चे कमाते हैं उन पर खर्च आ जाता है। अब बच्चों के लिए चिंता होती है कि मां-बाप की बीमारी में पैसा खर्च करूं कि बच्चों की पढ़ाई में खर्चा करुं। और इसलिए जो 40, 50, 55 साल का बेटा जो मेहनत करके कमा रहा है, उसको एक बोझ रहता है। अब आपका यह बोझ भी मोदी उठाएगा। 70 साल की ऊपर के आपके पर किसी भी परिवार में बुजुर्ग माता-पिता हैं। अब उनका इलाज का खर्चा उनके संतानों को नहीं करना पड़ेगा, यह उनका बेटा करेगा।

साथियों,

कांग्रेस और आरजेडी, आपका हक छीनने की प्रवृत्ति से बाज नहीं आ रहे। अब कांग्रेस ने दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। और ये मैं बहुत जिम्मेवारीपूर्वक करता हूं। देश के संविधान ने, बाबासाहेब अंबेडकर ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस, पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटका का आरक्षण को जो मॉडल पूरे देश में लागू हो। और ये कर्नाटका का आरक्षण का मॉडल क्या है। ये कर्नाटका का रिजर्वेशन मॉडल क्या है? आप सब बिहार के मेरे भाईयों और बहनों को मैं ध्यान से समझाना चाहता हूं। और जो लोग नहीं हैं ना, उनके भी जरा मेरा ये वीडियो जरूर भेज देना। पूरे बिहार के घर-घर में पहुंचा देना। मैं जरा बड़े दर्द और दुख के साथ और आपकी चिंता है ना इसलिए मैं बात कहना चाहता हूं। कर्नाटका का मॉडल क्या है? कर्नाटका में कांग्रेस ने ये जो OBC समाज को आरक्षण मिलता है, जो 27 परसेंट का कोटा है। उसमें से चोरी करने का बहुत बड़ा खेल खेला है। उसमें से काट करके, धर्म के आधार पर मुसलमानों को देने का षडयंत्र किया है। अब सुप्रीम कोर्ट मना करे, संविधान मना करे तो उन्होंने एक नई चालाकी की है। और सभी की आंखों में धूल झोंककर के, OBC समाज की आंख में धूल झोंककर के, पर्दे के पीछे उन्होंने एक खेल खेला है। उन्होंने क्या किया रातों-रात कर्नाटका में जितने भी मुसलमान समाज के लोग थे। कितने ही अमीर क्यों ना हों। कितने ही पढ़े-लिखे क्यों ना हों। भले ही कोर्ट में जज बनकर के बैठे हों। कोई भी हो, रातों-रात उन्होंने एक कागज पे ठप्पा मार करके उनको ओबीसी बना दिया। सबको ओबीसी बना दिया। अब परिणाम क्या हुआ, जो ओबीसी समाज के लिए 27 परसेंट आरक्षण था, उसका बहुत बड़ा हिस्सा इनके खाते में चला गया। और जिस ओबीसी समाज को आरक्षण मिला था, उनका हक सवालिया निशान में फंस गया।

इन्होंने OBC के हक पर डाका डाला है। और अब यही काम कांग्रेस यहां बिहार में, देश के और हिस्सों में करना चाहती है। और यहां तो आरजेडी पूरी तरह उनका समर्थन कर रही है। आप मुझे बताइये, आरजेडी ने कांग्रेस के इस पाप के विरुद्ध में एक शब्द भी बोला है। एक शब्द भी बोला है क्या। यानि यहां बिहार के जो कुर्मी भाई-बहन हैं। कुशवाहा भाई-बहन हैं। मंडल है, यादव है निषाद है, कई सारी हमारी जातियां OBC समाज में आती हैं। और मैं खुद उसमें से आता हूं, इसलिए मुझे पता है, कि हम लोगों की जिंदगी क्या है। ओबीसी जातियों का आरक्षण छीनकर कांग्रेस- अपने चहेते वोटबैंक को देना चाहता है। मैं जरा मेरे बिहार के जागरूक नागरिकों के पूछना चाहता हूं। आप मुझे पूरी ताकत से जवाब देंगे। आप सब मुझे जवाब देंगे। जो पीछे खड़े हैं, वो भी जवाब देंगे। जो इधर बैठे हैं, वो भी जवाब देंगे। जो इतने दूर से मुझे देख नहीं पा रहे हैं, वो भी जवाब देंगे। क्या आप ओबीसी के आरक्षण को लूटने देंगे? क्या आप ओबीसी के आरक्षण पर डाका डालने देंगे। क्या आप अपना हक जाने देंगे। आज इनकी नजर OBC के हक पर है, कल कांग्रेस-आरजेडी इसी तरीके से SC-ST का हक भी छीनने का पाप करेगी, ये मैं आपको चेताना चाहता हूं।

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साथियों,

तुष्टिकरण के दलदल में कांग्रेस-आरजेडी जैसी पार्टियां इतनी धंस गई हैं कि उनके लिए संविधान कोई मायने नहीं रखता। संविधान की भावना मायने नहीं रखती। बाबासाहेब की बात मायने नहीं रखती। 2011 में जब दिल्ली में RJD और कांग्रेस की सरकार थी। ये RJD वाले सरकार में थे। तब उस समय के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी की कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण का हिस्सा छीनकर, डाका डालकर, धर्म के आधार पर वोट बैंक को आरक्षण देने की मंज़ूरी दे दी थी। उस समय जागरूक कोर्ट ने इन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। बावजूद इसके OBC कोटे से अपने वोटबैंक को आरक्षण देना, सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बाद भी इन्होंने घोषणापत्र में रखा।

साथियों,

जब मैं कांग्रेस द्वारा सिर्फ मुसलमानों को प्राथमिकता दिए जाने की बात करता हूं। इंडी गठबंधन का भेदभाव पूर्ण रवैया देश के सामने रखता हूं, तो कुछ लोग आग-बगूला हो जाते हैं। उनकी पूरी इकोसिस्टम पिछले एक सप्ताह से मेरे बाल की खाल उधेड़ रही है। मेरे बाल नोंच रही है। आज मैं इन सबको चुनौती देता हूं। पहले तो ये समझ लें, 25 साल हो गए आपने मुझे बहुत डराने की कोशिश की। अभी तक नहीं डरा पाए हो। अब ये कोशिश बंद कर दो।

साथियों,

इन्होंने यहां तक झूठ फैलाया गया कि कभी मनमोहन सिंह जी ने ऐसा कहा ही नहीं था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। लेकिन साथियों, आज डा. मनमोहन सिंह जी का एक और पुराना वीडियो सामने आया है, जिसमें फिर से वो वही कह रहे हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। और ये वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम जो आए दिन मोदी को गालियां देता था, आज उनको जैसे सांप सूंघ गया है। सांप सूंघ गया है। जो मीडिया पहले के बयान को गलत ठहरा रही थी, उसने भी चुप्पी साध ली है। और मैं दिल्ली में उन मीडिया के लोगों को रात देर जाकर देखा था। मैं आज उनकी व्यक्तिगत रूप से आलोचना करना नहीं चाहता। और न ही ऐसे लोगों के लिए कुछ कहना चाहता हूं। लेकिन मैं देख रहा था, बिना सबूत, बिना जानकारी, बिना फेक्ट के एकदम से मोदी पर हमला बोलने के लिए नए-नए शब्दों का श्रृंगार कर रहे थे। आज वीडियो सामने आ गया है। मेरा तो मीडिया से आग्रह है कि वो इस वीडियो, मनमोहन सिंह जी के वीडियो को देश को दिखाने की हिम्मत करें। जरा देश की जनता को जागरूक करें। नहीं करेंगे, ये इनका इकोसिस्टम है। देखना आप, शाम तक गोल-मोल करके डिब्बे में बंद कर देंगे। देश को भी जानना चाहिए कि इंडी गठबंधन ने 10 वर्षों तक किस मानसिकता से सरकार चलाई है।

भाइयों और बहनों,

मैं खुलकर कह रहा हूं। पहले दिन से कह रहा हूं। इस देश के जो संसाधन है। इस देश की जो भी संपत्ति है। इस देश की जॉब की जो संभावनाएं हैं, अगर उसपर पहला किसी का हक है तो मेरे देश के गरीबों का है। मेरे देश के मजदूरों का है। मेरे देश के खेत में मजदूरी करने वाले किसानों का है। मेरे देश में गरीबी में जीने वाली मेरी माताओं-बहनों का हक है। किसी भी धर्म के क्यों न हों, लेकिन अगर वो गरीब है, तो पहला हक उस गरीब का है। ये मोदी की सोच है। कांग्रेस ने जिस तरह अपनी वोटबैंक पॉलिटिक्स के लिए देश के हिंदुओं के साथ भेदभाव किया, पक्षपात किया, आज कांग्रेस की कलई खुल गई है।

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साथियों,

इस बार भी जो मुस्लिम लीगी घोषणापत्र कांग्रेस ने जारी किया है, और मैने पहले दिन कहा था, ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो पर मुस्लिम लीग की छाप है। और उसका भी सार यही, सत्ता के लिए छटपटा रहे ये लोग, संविधान तक बदलने की हद तक जा सकते हैं।

भाइयों और बहनों,

यहां नीतीश जी के नेतृत्व में इतने सालों से हम मिलकर सरकार चला रहे हैं। हर जाति, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के विकास के लिए काम कर रहा है। हमने किसी से कुछ नहीं छीना। संविधान के हिसाब से सबको ध्यान रखा। लेकिन कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां अपने स्वार्थ में संविधान की मूल भावना के खिलाफ जा रही हैं।

भाइयों और बहनों,

जब कोई भी देश आगे बढ़ता है, तो उसके नागरिकों की संपत्ति भी बढ़ती है। उनकी कमाई भी बढ़ती है। उनके अवसर भी बढ़ते हैं। बीते 10 वर्षों में भारत की भी संपदा, भारत के संसाधन कई गुणा बढ़े हैं। अब आप मुझे बताइए, ये जो देश के संसाधन हैं। इन पर पहला हक गरीबों का है कि नहीं है। मेहनतकश लोगों का है कि नहीं है? जो देश को बनाते हैं, उनका हक है कि नहीं है। ये हक आपका है और मोदी आपका है। ये हक गरीब का, दलित का, पिछड़े का, आदिवासी का है। लेकिन RJD और कांग्रेस का कहना है कि इन संसाधनों पर पहला हक उनके वोटबैंक का, खास लोगों का है। कांग्रेस ने कहा है कि वो आप लोगों की संपत्ति का, आपकी जमीन का, आपके खेत का, महिलाओं के गहनों का, स्त्री धन का, अरे मंगलसूत्र की भी जांच करवाएंगे। उन्होंने घोषणा की है कि वो एक्सरे लेकर आए, एक्सरे। एक्सरे निकालेंगे, अगर सरकार उनकी बनी। और आपके घर में क्या पड़ा है। कहीं गहना दबाके छुपा के तो नहीं रखा। ये सारा हिसाब-किताब निकालेंगे। और फिर आपके पास जो भी थोड़ी-बहुत संपत्ति होगी, वो छीनकर उसे ये लोग अपने वोटबैंक को दे देंगे। मुझे बताइये, आपकी हक का, आपकी आपकी मेहनत को कोई भी चीज ये अगर छीनना चाहते हैं। ये खुली लूट होगी की नहीं होगी? ये खुली लूट होगी की नहीं होगी?

साथियों,

हमारे गांवों में सामान्य परिवार के पास कच्चा-पक्का छोटा सा घर होता है। खेत-खलिहान होता है। कई बार खेत-घर अपने पुरखों से, माता-पिता से मिलते हैं और कई बार वो खुद भी खरीद लेता है। आप सोचते हैं कि आपके जाने के बाद ये संपत्ति आपके बच्चों के काम आएगी। लेकिन कांग्रेस ने एक नई योजना बनाई है कि आपकी इस संपत्ति को भी, आप अपने बच्चों को भी पूरी-पूरी नहीं दे पाएंगे, वो कहते हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा, आधे से अधिक संपत्ति ये कांग्रेस वाले कहते हैं कि आरजेडी वाले उनकी सरकार बनेगी तो जप्त कर लेंगे। सब छीन लेंगे। आप अपने बच्चों को जो संपत्ति देना चाहते हैं, आपके गुजर जाने के बाद कांग्रेस उस पर 55 प्रतिशत टैक्स लगाना चाहती है। और इसलिए ही आज देश में नया नारा गांव-गांव से सुनाई दे रहा है। हर गरीब के घर से सुनाई दे रहा है और नारा कह रहा है- कांग्रेस की लूट- जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी।

साथियों,

इंडी-गठबंधन की इस सोच को NDA को दिया आपका वोट रोक सकता है। उनको रोकने की ताकत आपके वोट में है। आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, मैं जी-जान से लड़ूंगा। लेकिन उनके ऐसे मंसूबे पार नहीं होने दूंगा। साथियों, इस क्षेत्र में नए हाईवे हो, नई रेल लाइनें हों, नई ट्रेने हों, ऐसे काम हो रहे हैं। पूर्णिया में इथेनॉल प्लांट से किसानों का कितना फायदा हो रहा है। ऐसा ही काम बिहार में नया निवेश लाएगा और निवेश से नौकरी मिलेगी। इसलिए 7 मई को कमल के फूल और तीर चुनाव चिन्ह पर हर बूथ पर भारी मतदान होना चाहिए। अररिया से मेरे साथी भाई प्रदीप कुमार सिंह जी और सुपौल से हमारे JDU के साथी दिलेश्वर कामैत जी को आप जो वोट देंगे ना, वो वोट सीधा-सीधा मोदी को भी मिलने वाला है। तो घर-घर जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा वोट करवाएंगे। मेरा एक और काम करिएगा- घर-घर जाइएगा और कहिएगा मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम हर घर पहुंचा देना। मेरे साथ बोलिए
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद!

  • Jitendra Kumar May 05, 2025

    ❤️🇮🇳🙏
  • Dheeraj Thakur February 04, 2025

    , जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur February 04, 2025

    , जय श्री राम
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Vivek Kumar Gupta July 08, 2024

    नमो ............🙏🙏🙏🙏🙏
  • Vivek Kumar Gupta July 08, 2024

    नमो ...........….......🙏🙏🙏🙏🙏
  • Dr Mukesh Ludanan July 02, 2024

    Jai ho
  • Pradhuman Singh Tomar June 24, 2024

    BJP 1200
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Our government is making the vision of women-led development the axis of development: PM Modi in Bhopal, Madhya Pradesh
May 31, 2025
QuotePM inaugurates, lays foundation stone of multiple development projects in Bhopal
QuoteThe name of Lokmata Devi Ahilyabai Holkar fills us with reverence, Words fall short to speak about her great personality: PM
QuoteDevi Ahilyabai was a great guardian of India's heritage: PM
QuoteMata Ahilyabai is a symbol of invaluable contribution of our women power in nation building: PM
QuoteOur government is making the vision of women-led development the axis of development: PM
QuoteThe Namo Drone Didi campaign is encouraging the rural women, increasing their income: PM
QuoteToday, a large number of women scientists are working in all our major space missions: PM
QuoteOperation Sindoor has also become a symbol of the strength of our women power: PM

मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्रीमान मंगुभाई पटेल, हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन यादव जी, टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमारे साथ जुड़े हुए केंद्रीय मंत्री, इंदौर से तोखन साहू जी, दतिया से राम मोहन नायडू जी, सतना से मुरलीधर मोहोल जी, यहां मंच पर उपस्थित राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा जी, राजेंद्र शुक्ला जी, लोकसभा में मेरे साथी वी डी शर्मा जी, अन्य मंत्रिगण, जनप्रतिनिधिगण और विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

सबसे पहले मैं मां भारती को भारत की मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं। आज यहां इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें-बेटियां हमें आशीर्वाद देने आई हैं। मैं आप सभी बहनों के दर्शन पाकर धन्य हो गया हूं।

भाइयों और बहनों,

आज लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर जी की तीन सौवीं जन्म जयंती है।140 करोड़ भारतीयों के लिए ये अवसर प्रेरणा का है, राष्ट्र निर्माण के लिए हो रहे भागीरथ प्रयासों में अपना योगदान देने का है। देवी अहिल्याबाई कहती थीं, कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन में सुधार लाना होता है। आज का कार्यक्रम, उनकी इस सोच को आगे बढ़ाता है। आज इंदौर मेट्रो की शुरुआत हुई है। दतिया और सतना भी अब हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। ये सभी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे और रोजगार के अनेक नए अवसर बनाएंगे। मैं आज इस पवित्र दिवस पर विकास के इन सारे कामों के लिए आप सबको, पूरे मध्य प्रदेश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर, ये नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। देवी अहिल्याबाई प्रतीक हैं, कि जब इच्छाशक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है, तो परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। ढाई-तीन सौ साल पहले, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना, कि आने वाली अनेक पीढ़ियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है, करना आसान नहीं था।

साथियों,

लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभु सेवा और जन सेवा, इसे कभी अलग नहीं माना। कहते हैं, वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व कांटों से भरा ताज, कोई कल्पना कर सकता है, कांटों से भरा ताज पहनने जैसा वो काम, लेकिन लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी। उन्होंने गरीब से गरीब को समर्थ बनाने के लिए काम किया। देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया, उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण किया। औऱ ये मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे, तो वहां आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी वहाँ पर मिलेगी।

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साथियों,

माता अहिल्याबाई ने गवर्नेंस का एक ऐसा उत्तम मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई। रोजगार के लिए, उद्यम बढ़ाने के लिए उन्होंने अनेक योजनाओं को शुरू किया। उन्होंने कृषि और वन-उपज आधारित कुटीर उद्योग और हस्तकला को प्रोत्साहित किया। खेती को बढ़ावा देने के लिए, छोटी-छोटी नहरों की जाल बिछाई, उसे विकसित किया, उस जमाने में आप सोचिए 300 साल पहले। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कितने ही तालाब बनवाए और आज तो हम लोग भी लगातार कह रहे हैं, catch the rain, बारिश के एक एक बूंद पानी को बचाओ। देवी अहिल्या जी ने ढाई सौ-तीन सौ साल पहले हमें ये काम बताया था। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया। आज ढाई सौ-तीन सौ साल के बाद भी हमें बार बार किसानों को कहना पड़ता है, कि crop diversification बहुत जरूरी है। हम सिर्फ धान की खेती करके या गन्ने की खेती करके अटक नहीं सकते, देश की जरूरतों को, सारी चीजों को हमें diversify करके उत्पादित करना चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज के लिए, घुमन्तु टोलियों के लिए, खाली पड़ी जमीन पर खेती की योजना बनाई। ये मेरा सौभाग्य है, कि मुझे एक आदिवासी बेटी, आज जो भारत के राष्ट्रपति पद पर विराजमान है, उनके मार्गदर्शन में मेरे आदिवासी भाई-बहनों की सेवा करने का मौका मिला है। देवी अहिल्या ने विश्व प्रसिद्ध माहेश्वरी साड़ी के लिए नए उद्योग लगाए और बहुत कम लोगों को पता होगा, कि देवी अहिल्या जी हूनर की पारखी थी और वो जूनागढ़ से गुजरात में, जूनागढ़ से कुछ परिवारों को माहेश्वर लाईं और उनको साथ जोड़कर के, आज से ढाई सौ-तीन सौ साल पहले ये माहेश्वरी साड़ी का काम आगे बढ़ाया, जो आज भी अनेक परिवारों को वो गहना बन गया है, और जिससे हमारे बुनकरों को बहुत फायदा हुआ।

साथियों,

देवी अहिल्याबाई को कई बड़े सामाजिक सुधारों के लिए भी हमेशा याद रखा जाएगा। आज अगर बेटियों की शादी की उम्र की चर्चा करें, तो हमारे देश में कुछ लोगों को सेक्यूलरिज्म खतरे में दिखता है, उनको लगता है ये हमारे धर्म के खिलाफ है। ये देवी अहिल्या जी देखिए, मातृशक्ति के गौरव के लिए उस जमाने में बेटियों की शादी की उम्र के विषय में सोचती थीं। उनकी खुद की शादी छोटी उम्र में हुई थी, लेकिन उनको सब पता था, बेटियों के विकास के लिए कौन सा रास्ता होना चाहिए। ये देवी अहिल्या जी थीं, उन्होंने महिलाओं का भी संपत्ति में अधिकार हो, जिन स्त्रियों के पति की असमय मृत्यु हो गई हो, वो फिर विवाह कर सकें, उस कालखंड में ये बातें करना भी बहुत मुश्किल होता था। लेकिन देवी अहिल्याबाई ने इन समाज सुधारों को भरपूर समर्थन दिया। उन्होंने मालवा की सेना में महिलाओं की एक विशेष टुकड़ी भी बनाई थी। ये पश्चिम की दुनिया के लोगों को पता नहीं है। हमें कोसते रहते हैं, हमारी माताओं बहनों के अधिकारों के नाम पर हमें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। ढाई सौ-तीन सौ साल पहले हमारे देश में सेना में महिलाओं का होना, साथियों महिला सुरक्षा के लिए उन्होंने गांवों में नारी सुरक्षा टोलियां, ये भी बनाने का काम किया था। यानी माता अहिल्याबाई, राष्ट्र निर्माण में हमारी नारीशक्ति के अमूल्य योगदान का प्रतीक हैं। मैं, समाज में इतना बड़ा परिवर्तन लाने वाली देवी अहिल्या जी को आज श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं, उनके चरणों में प्रणाम करता हूं और मैं उनसे प्रार्थना करता हूं, कि आप जहां भी हों, हम सभी पर अपना आशीर्वाद बरसाए।

साथियों,

देवी अहिल्या का एक प्रेरक कथन है, जो हम कभी भूल नहीं सकते। और उस कथन का अगर मोटे-मोटे शब्दों में मैं कहूं, उसका भाव यही था, कि जो कुछ भी हमें मिला है, वो जनता द्वारा दिया ऋण है, जिसे हमें चुकाना है। आज हमारी सरकार लोकमाता अहिल्याबाई के इन्हीं मूल्यों पर चलते हुए काम कर रही है। नागरिक देवो भव:- ये आज गवर्नेंस का मंत्र है। हमारी सरकार, वीमेन लेड डवलपमेंट के विजन को विकास की धुरी बना रही है। सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं-बहनें-बेटियां हैं। आप भी जानती हैं, गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं और इनमें से अधिकतर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम पर हैं, मालिकाना हक मेरी माताओं-बहनों को दिया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं ऐसी हैं, जिनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई है। यानी देश की करोड़ों बहनें पहली बार घर की मालकिन बनी हैं।

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साथियों,

आज सरकार, हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं-बहनों को असुविधा न हो, बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें। करोड़ों बहनों के पास पहले, बिजली, एलपीजी गैस और टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं। ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं। और ये सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं, ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से एक नम्र प्रयास है। इससे गांव की, गरीब परिवारों की माताओं-बहनों के जीवन से अनेक मुश्किलें कम हुईं हैं।

साथियों,

पहले माताएं-बहनें अपनी बीमारियां छुपाने पर मजबूर थीं। गर्भावस्था के दौरान अस्पताल जाने से बचती थीं। उनको लगता था, कि इससे परिवार पर बोझ पड़ेगा और इसलिए दर्द सहती थीं, लेकिन परिवार में किसी को बताती नहीं थीं। आयुष्मान भारत योजना ने उनकी इस चिंता को भी खत्म किया है। अब वो भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करा सकती हैं।

साथियों,

महिलाओं के लिए पढ़ाई और दवाई के साथ ही जो बहुत जरूरी चीज है, वो कमाई भी है। जब महिला की अपनी आय होती है, तो घर में उसका स्वाभिमान और बढ़ जाता है, घर के निर्णयों में उसकी सहभागिता और बढ़ जाती है। बीते 11 वर्षों में हमारी सरकार ने देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया है। आप कल्पना कर सकते है, 2014 से पहले, आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया उसके पहले, 30 करोड़ से ज्यादा बहनें ऐसी थीं, जिनका कोई बैंक खाता तक नहीं था। हमारी सरकार ने इन सभी के बैंक में जनधन खाते खुलवाए, इन्हीं खातों में अब सरकार अलग-अलग योजनाओं का पैसा सीधा उनके खाते में भेज रही है। अब वे गांव हो या शहर अपना कुछ ना कुछ काम कर रही हैं, आर्थिक उपार्जन कर रही हैं, स्वरोजगार कर रही हैं। उन्हें मुद्रा योजना से बिना गारंटी का लोन मिल रहा है। मुद्रा योजना की 75 प्रतिशत से ज्यादा लाभार्थी, ये हमारी माताएं-बहनें-बेटियां हैं।

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साथियों,

आज देश में 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं, जो कोई न कोई आर्थिक गतिविधि करती हैं। ये बहनें अपनी कमाई के नए साधन बनाएं, इसके लिए सरकार लाखों रुपयों की मदद कर रही है। हमने ऐसी 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है। मुझे संतोष है कि अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा बहनें, लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। अब गांव-गांव में बैंक सखियां लोगों को बैंकिंग से जोड़ रही हैं। सरकार ने बीमा सखियां बनाने का अभियान भी शुरु किया है। हमारी बहनें-बेटियां अब देश को बीमा की सुरक्षा देने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं।

साथियों,

एक समय था, जब नई टेक्नोलॉजी आती थी, तो उससे महिलाओं को दूर रखा जाता था। हमारा देश आज उस दौर को भी पीछे छोड़ रहा है। आज सरकार का प्रयास है कि आधुनिक टेक्नॉलॉजी में भी हमारी बहनें, हमारी बेटियां आगे बढ़कर के नेतृत्व दें। अब जैसे आज खेती में ड्रोन क्रांति आ रही है। इसको हमारी गांव की बहनें ही नेतृत्व दे रही हैं। नमो ड्रोन दीदी अभियान से गांव की बहनों का हौसला बढ़ रहा है, उनकी कमाई बढ़ रही है और गांव में उनकी एक नई पहचान बन रही है।

साथियों,

आज बहुत बड़ी संख्या में हमारी बेटियां वैज्ञानिक बन रही हैं, डॉक्टर-इंजीनियर और पायलट बन रही हैं। हमारे यहां साइंस और मैथ्स पढ़ने वाली बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज जितने भी हमारे बड़े स्पेस मिशन हैं, उनमें बड़ी संख्या में वैज्ञानिक के नाते हमारी माताएं-बहनें-बेटियां काम कर रही हैं। चंद्रयान थ्री मिशन, पूरा देश गौरव कर रहा है। चंद्रयान थ्री मिशन में तो 100 से अधिक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थीं। ऐसे ही जमाना स्टार्ट अप्स का है, स्टार्ट अप्स के क्षेत्र में भी हमारी बेटियां अदभुत काम कर रही हैं। देश में लगभग पैंतालीस परसेंट स्टार्ट अप्स की, उसमे कम से कम एक डायरेक्टर कोई न कोई हमारी बहन है, कोई न कोई हमारी बेटी है, महिला है। और ये संख्या लगातार बढ़ रही है।

साथियों,

हमारा प्रयास है, कि नीति निर्माण में बेटियों की भागीदारी लगातार बढ़े। बीते एक दशक में इसके लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं। हमारी सरकार में पहली बार पूर्ण कालिक महिला रक्षामंत्री बनीं। पहली बार देश की वित्तमंत्री, एक महिला बनीं। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बार 75 सांसद महिलाएं हैं। लेकिन हमारा प्रयास है कि ये भागीदारी और बढ़े। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के पीछे भी यही भावना है। सालों तक इस कानून को रोका गया, लेकिन हमारी सरकार ने इसे पारित करके दिखाया। अब संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण पक्का हो गया है। कहने का अर्थ ये है कि भाजपा सरकार, बहनों-बेटियों को हर स्तर पर, हर क्षेत्र में सशक्त कर रही है।

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साथियों,

भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है। और सिंदूर, ये हमारी परंपरा में नारीशक्ति का प्रतीक है। राम भक्ति में रंगे हनुमान जी भी सिंदूर को ही धारण किए हुए हैं। शक्ति पूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं। और यही सिंदूर अब भारत के शौर्य का प्रतीक बना है।

साथियों,

पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया है। उन्होंने हमारे समाज को बांटने की कोशिश की है। और सबसे बड़ी बात, आतंकवादियों ने भारत की नारीशक्ति को चुनौती दी है। ये चुनौती, आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है काल। ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है। जहां पाकिस्तान की सेना ने सोचा तक नहीं था, वहां आतंकी ठिकानों को हमारी सेनाओं ने मिट्टी में मिला दिया। सैंकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर के मिट्टी में मिला दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है, कि आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध, proxy war नहीं चलेगा। अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा, उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अब भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है, 140 करोड़ देशवासियों की बुलंद आवाज कह रही है- अगर, अगर तुम गोली चलाओगे, तो मानकर चलों गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।

साथियों,

ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक बना है। हम सभी जानते हैं, कि BSF का इस ऑपरेशन में कितना बड़ा रोल रहा है। जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमा तक बड़ी संख्या में BSF की हमारी बेटियां मोर्चे पर रही थीं, मोर्चा संभाल रही थीं। उन्होंने सीमापार से होने वाली फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स से लेकर दुश्मन की पोस्टों को ध्वस्त करने तक, BSF की वीर बेटियों ने अद्भुत शौर्य दिखाया है।

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साथियों,

आज दुनिया, राष्ट्ररक्षा में भारत की बेटियों का सामर्थ्य देख रही है। इसके लिए भी बीते दशक में सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक, आज देश अपनी बेटियों के शौर्य पर अभूतपूर्व भरोसा कर रहा है। हमारी सेना ने पहली बार सैनिक स्कूलों के दरवाज़े बेटियों के लिए खोले हैं। 2014 से पहले एनसीसी में सिर्फ 25 प्रतिशत कैडेट्स ही बेटियां होती थीं, आज उनकी संख्या 50 प्रतिशत की तरफ आगे बढ़ रही है। कल के दिन देश में एक औऱ नया इतिहास बना है। आज अखबार में देखा होगा आपने, नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी NDA से महिला कैडेट्स का पहला बैच पास आउट हुआ है। आज सेना, नौसेना और वायुसेना में बेटियां अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं। आज फाइटर प्लेन से लेकर INS विक्रांत युद्धपोत तक, वीमेन ऑफीसर्स अपनी जांबाजी दिखा रही हैं।

साथियों,

हमारी नौसेना की वीर बेटियों के साहस का ताज़ा उदाहरण भी देश के सामने है। आपको मैं नाविका सागर परिक्रमा के बारे में बताना चाहता हूं। नेवी की दो वीर बेटियों ने करीब ढाई सौ दिनों की समुद्री यात्रा पूरी की है, धरती का चक्कर लगाया है। हज़ारों किलोमीटर की ये यात्रा, उन्होंने ऐसी नाव से की जो मोटर से नहीं बल्कि हवा से चलती है। सोचिए, ढाई सौ दिन समंदर में, इतने दिनों तक समंदर में रहना, कई कई हफ्ते तक जमीन के दर्शन तक नहीं होना और ऊपर से समंदर का तूफान कितना तेज होता है, हमें पता है, खराब मौसम, भयानक तूफान, उन्होंने हर मुसीबत को हराया है। ये दिखाता है, कि चुनौती कितनी भी बड़ी हो, भारत की बेटियां उस पर विजय पा सकती हैं।

साथियों,

नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन हों या फिर सीमापार का आतंक हो, आज हमारी बेटियां भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं। मैं आज देवी अहिल्या की इस पवित्र भूमि से, देश की नारीशक्ति को फिर से सैल्यूट करता हूं

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साथियों,

देवी अहिल्या ने अपने शासनकाल में विकास के कार्यों के साथ साथ विरासत को भी सहेजा। आज का भारत भी विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चल रहा है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को देश कैसे गति दे रहे है, आज का कार्यक्रम इसका उदाहरण है। आज मध्य प्रदेश को पहली मेट्रो सुविधा मिली है। इंदौर पहले ही स्वच्छता के लिए दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है। यहां भोपाल में भी मेट्रो का काम तेज़ी से चल रहा है। मध्य प्रदेश में, रेलवे के क्षेत्र में व्यापक काम हो रहा है। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने रतलाम-नागदा रूट को चार लाइनों में बदलने के लिए स्वीकृति दे दी है। इससे इस क्षेत्र में और ज्यादा ट्रेनें चल पाएंगी, भीड़भाड़ कम होगी। केंद्र सरकार ने इंदौर–मनमाड रेल परियोजना को भी मंजूरी दे दी है।

साथियों,

आज मध्य प्रदेश के दतिया और सतना भी हवाई यात्रा के नेटवर्क से जुड़ गए हैं। इन दोनों हवाई अड्डों से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी। अब माँ पीतांबरा, मां शारदा देवी और पवित्र चित्रकूट धाम के दर्शन करना और सुलभ हो जाएगा।

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साथियों,

आज भारत, इतिहास के उस मोड़ पर है, जहां हमें अपनी सुरक्षा, अपने सामर्थ्य और अपनी संस्कृति, हर स्तर पर काम करना है। हमें अपना परिश्रम बढ़ाना है। इसमें हमारी मातृशक्ति, हमारी माताओं-बहनों-बेटियों की भूमिका बहुत बड़ी है। हमारे सामने लोकमाता देवी अहिल्याबाई जी की प्रेरणा है। रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, अवंतीबाई लोधी, कित्तूर की रानी चेनम्मा, रानी गाइडिन्ल्यू, वेलु नाचियार, सावित्री बाई फुले, ऐसे हर नाम हमें गौरव से भर देते हैं। लोकमाता अहिल्याबाई की ये तीन सौवीं जन्मजयंती, हमें निरंतर प्रेरित करती रहे, आने वाली सदियों के लिए हम एक सशक्त भारत की नींव मजबूत करें, इसी कामना के साथ आप सभी को फिर से एक बार बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। अपना तिरंगा ऊपर उठाकर के मेरे साथ बालिए –

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!

वंदे मातरम!