Published By : Admin | January 2, 2024 | 11:30 IST
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“Happy to have the first public engagement among youth of India”
“Bharathidasan University started on a strong and mature foundation”
“Universities play a crucial role in giving direction to any nation”
“Our nation and its civilization has always been centered around knowledge”
“I am confident in the ability of young people to make the years till 2047 the most important in our history”
“Youth means energy. It means the ability to work with speed, skill and scale”
“India is being welcomed as a part of every global solution”
“In many ways, due to local and global factors, this is the best time to be young in India”
তামিলনাড়ুর রাজ্যপাল শ্রী আর এম রবিজি, তামিলনাড়ুর মুখ্যমন্ত্রী শ্রী এম কে স্ট্যালিনজি, ভারতীদাসন বিশ্ববিদ্যালয়ের উপাচার্য শ্রী এম সেলভামজি, আমার তরুণ বন্ধুরা এবং বিশ্ববিদ্যালয়ের শিক্ষক ও কর্মীবৃন্দ,
আপনাদের স্বাগত জানাই! এন্ডু মানব কুডুম্বামে, ভারতীদাসন বিশ্ববিদ্যালয়ের ৩৮তম সমাবর্তন অনুষ্ঠান আমার কাছে একটি বিশেষ দিন। ২০২৪ সালে জনসমক্ষে এটাই আমার প্রথম অনুষ্ঠান। তামিলনাড়ু এবং এখানকার তরুণদের মুখোমুখি হতে পেরে আমি খুশি। আমি জেনে আনন্দিত হয়েছি যে, এই প্রথম এই সমাবর্তন অনুষ্ঠানে কোনো প্রধানমন্ত্রী যোগ দিয়েছেন। আমি স্নাতক উত্তীর্ণ সমস্ত পড়ুয়া, তাঁদের অভিভাবক এবং শিক্ষকদের অভিনন্দন জানাচ্ছি।
এন্ডু মানব কুডুম্বামে, একটি বিশ্ববিদ্যালয় তৈরির ক্ষেত্রে আইনি প্রক্রিয়ার মধ্যে দিয়ে যেতে হয়। আইন পাশ হয় এবং তারপর বিশ্ববিদ্যালয় তৈরি হয়। এরপর এর অধীনে কলেজ চালু করা হয়। তবে, ভারতীদাসন বিশ্ববিদ্যালয়ের ক্ষেত্রে বিষয়টি একটু আলাদা। ১৯৮২ সালে যখন এই বিশ্ববিদ্যালয় তৈরি হয়েছিল, তখন এখনকার বহু মর্যাদাপূর্ণ কলেজকে এর অধীনে আনা হয়েছিল। এর মধ্যে অনেকগুলি কলেজের দেশকে বহু সুসন্তান উপহার দেওয়ার নজির রয়েছে। এক শক্ত ভিতের ওপর দাঁড়িয়ে যাত্রা শুরু করেছিল এই বিশ্ববিদ্যালয়। মানববিদ্যা, ভাষা, বিজ্ঞান কিংবা উপগ্রহের ক্ষেত্রে এই বিশ্ববিদ্যালয়ের পড়ুয়াদের অনন্য ভূমিকা রয়েছে।
এন্ডু মানব কুডুম্বামে, আমাদের দেশ এবং সভ্যতা বরাবরই জ্ঞানের পথ ধরে এগিয়েছে। নালন্দা এবং বিক্রমশীলার মতো বেশ কিছু প্রাচীন বিশ্ববিদ্যালয়ের বিশেষ খ্যাতি রয়েছে। গঙ্গোই-কোণ্ড-চোলপুরম এবং মাদুরাই হল, জ্ঞানার্জনের বড় কেন্দ্র। বিশ্বের বিভিন্ন প্রান্তের পড়ুয়ারা এইসব জায়গায় শিক্ষার জন্য আসেন।
এন্ডু মানব কুডুম্বামে, একইভাবে সমাবর্তনের ধারণা অনেক পুরনো এবং আমাদের কাছে অত্যন্ত পরিচিত। উদাহরণ হিসেবে, প্রাচীন তামিল সঙ্গমে কবি এবং বুদ্ধিজীবীদের সমাগমের কথা বলা যেতে পারে। অতএব, আমার তরুণ বন্ধুরা আপনারা হলেন, জ্ঞানের এক মহান ঐতিহাসিক ঐতিহ্যের অংশীদার।
এন্ডু মানব কুডুম্বামে, বিশ্ববিদ্যালয়গুলি যে কোনো দেশকে দিশা দেখানোর ক্ষেত্রে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করে থাকে। আমাদের বিশ্ববিদ্যালয়গুলি প্রাণবন্ত, আমাদের দেশ এবং সভ্যতাও অত্যন্ত প্রাণবন্ত। যখন আমাদের দেশকে আক্রমণ করা হয়েছিল, তখন আমাদের শিক্ষা ব্যবস্থাকেও নিশানা করা হয়েছিল।
আজকের ভারতের উত্থানের পিছনে অন্যতম কারণ হিসেবে কাজ করেছে, আমাদের বিশ্ববিদ্যালয়গুলির উত্থান। আর্থিক বিকাশের ক্ষেত্রে ভারত রেকর্ড সৃষ্টি করে চলেছে। অর্থনীতির ক্ষেত্রে দ্রুততম বিকাশশীল দেশ হিসেবে আত্মপ্রকাশ করেছে ভারত। সেইসঙ্গে আমাদের বিশ্ববিদ্যালয়গুলিও রেকর্ড সংখ্যায় আন্তর্জাতিক তালিকায় স্থান করে নিয়েছে।
গুরুদেব রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর বলেছিলেন, উচ্চশিক্ষা আমাদের শুধুমাত্র তথ্য প্রদান করে না। এটি আমাদের সবার সঙ্গে মিলেমিশে বাঁচতে শেখায়। আপনার জীবনে এই বিশেষ দিনটি নিয়ে আসার ক্ষেত্রে সমাজ, এমনকি দরিদ্রদের মধ্যে দরিদ্রতম মানুষেরও ভূমিকা রয়েছে। অতএব, উন্নত সমাজ এবং দেশ গড়ে তোলাই হল, শিক্ষার মূল লক্ষ্য। আজকে যাঁরা এখানে স্নাতক হলেন, ২০৪৭ সালের মধ্যে উন্নত ভারত গড়ার ক্ষেত্রে তাঁরা সাহায্য করতে পারেন।
এন্ডু মানব কুডুম্বামে, আমার দৃঢ় বিশ্বাস, ২০৪৭ সাল পর্যন্ত তরুণ প্রজন্মের সক্ষমতাই আমাদের দেশের ইতিহাসে অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ হতে চলেছে। আসুন, আমরা এক সাহসী দুনিয়া গড়ে তুলি। কোভিডের সময় আমাদের তরুণ বিজ্ঞানীরা বিশ্বের কাছে টিকা পৌঁছে দেওয়ার ক্ষেত্রে সহায়তা করেছিলেন। চন্দ্রযানের মতো মিশনের মাধ্যমে বিশ্ব মানচিত্রে জায়গা করে নিয়েছেন ভারতীয় বিজ্ঞানীরা। আমাদের বিজ্ঞানীরা পেটেন্টের সংখ্যা ২০১৪ সালের ৪০০০ থেকে বাড়িয়ে বর্তমানে ৫০,০০০ হাজারে নিয়ে এসেছেন। আমাদের সঙ্গীত শিল্পীরা দেশের জন্য ধারাবাহিকভাবে আন্তর্জাতিক পুরস্কার নিয়ে আসছেন। এশিয়ান গেমস, এশিয়ান প্যারা গেমস এবং অন্যান্য প্রতিযোগিতায় আমাদের অ্যাথলিটরা রেকর্ড সংখ্যক পদক জিতেছেন। আপনারা এমন একটা সময়ে নতুন বিশ্বে পা রাখছেন, যখন প্রত্যেকে প্রতিটি ক্ষেত্রে নতুন আশা নিয়ে আপনাদের দিকে তাকিয়ে রয়েছে।
গত ১০ বছরে বিমানবন্দরের সংখ্যা দ্বিগুণ বেড়ে ৭৪ থেকে ১৫০ হয়েছে। তামিলনাড়ুর একটা প্রাণবন্ত উপকূলরেখা রয়েছে। আপনারা জেনে খুশি হবেন যে, ২০১৪ থেকে এ পর্যন্ত দেশের প্রধান বন্দরগুলিতে মোট পণ্য পরিবহনের ক্ষমতা বেড়ে দ্বিগুণ হয়েছে। গত ১০ বছরে দেশে সড়ক ও মহাসড়ক তৈরির সংখ্যা দ্বিগুণ হয়েছে। দেশে বর্তমানে স্টার্টআপের সংখ্যা প্রায় ১ লক্ষে পৌঁছে গিয়েছে, ২০১৪ সালে যা ছিল ১০০-রও কম। ভারত বেশকিছু গুরুত্বপূর্ণ বাণিজ্য চুক্তি করেছে। এই চুক্তিগুলি আমাদের পণ্য ও পরিষেবার ক্ষেত্রে নতুন বাজার সৃষ্টি করবে। সেইসঙ্গে তরুণদের সামনেও অসংখ্য সুযোগ সৃষ্টি করবে। বিভিন্ন দিক থেকে বলতে গেলে, দেশীয় এবং আন্তর্জাতিক ক্ষেত্রে ভারতীয় তরুণদের সামনে এটাই হল সেরা সময়। এই সুযোগকে কাজে লাগিয়ে আমাদের দেশকে এক নতুন উচ্চাতায় পৌঁছে দিন।
এন্ডু মানব কুডুম্বামে, আপনাদের অনেকে মনে করতে পারেন, আজকের দিনটির মধ্যে দিয়ে আপনাদের বিশ্ববিদ্যালয় জীবনের সমাপ্তি ঘটছে। সেটা এক অর্থে সত্যি হলেও, শেখার কিন্তু শেষ নেই। আপনাদের অধ্যাপকরা হয়তো আর শিক্ষা দেবেন না, কিন্তু জীবনই হবে আপনাদের শিক্ষক। বর্তমানের দ্রুত পরিবর্তনশীল বিশ্বে হয় আপনি পরিবর্তন আনবেন, অথবা পরিবর্তনই আপনাকে চালিত করবে। আজ যাঁরা এখানে স্নাতক হলেন, তাঁদের সবাইকে আমি আবার অভিনন্দন জানাচ্ছি।
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।