QuoteInaugurates 8th edition of India Mobile Congress 2024
QuoteIn India, we have made telecom not just a medium of connectivity, but also a medium of equity and opportunity: PM
QuoteWe identified four pillars of Digital India and started working on all four pillars simultaneously and we got results: PM
QuoteWe are working towards giving the world a complete Made in India phone, from chip to finished product: PM
QuoteThe length of optical fiber that India has laid in just 10 years is eight times the distance between the Earth and the Moon: PM
QuoteIndia democratized digital technology: PM
QuoteToday India has such a digital bouquet which can take welfare schemes to new heights in the world: PM
QuoteIndia is working towards the goal of making technology sector inclusive, empowering women through technology platforms: PM
QuoteThe time has come for global institutions to accept importance of Global framework for digital technology, global guidelines for global governance: PM
QuoteWe have to ensure that our future is both technically strong and ethically sound, Our future should have innovation as well as inclusion: PM

मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, चंद्रशेखर जी, ITU की Secretary-General, विभिन्न देशों के मंत्रिगण, भारत के भिन्‍न-भिन्‍न राज्यों से आए हुए सब मंत्रिगण, industry leaders, telecom experts, startups की दुनिया के मेरे प्रिय नौजवान, देश-दुनिया से आए अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में देश और दुनिया के आप सभी साथियों का बहुत-बहुत अभिनंदन! मैं International Telecom Union- ITU के साथियों का भी विशेष स्वागत करता हूं। आपने WTSA के लिए पहली बार भारत चुना है। मैं आपका आभारी भी हूं और आपकी सराहना भी करता हूं।

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साथियों,

आज भारत, टेलीकॉम और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया के सबसे happening देशों में से एक है। भारत, जहां 120 करोड़ यानी 1200 million मोबाइल फोन यूजर्स हैं। भारत, जहां 95 करोड़ यानी 950 मिलियन internet Users हैं। भारत, जहां दुनिया का 40 परसेंट से अधिक का रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है। भारत, जिसने डिजिटल कनेक्टिविटी को last mile delivery का effective tool बनाकर दिखाया है। वहां Global Telecommunication के स्टैंडर्ड और future पर चर्चा Global Good का भी माध्यम बनेगी। मैं आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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Friends,

WTSA और India Mobile Congress का एक साथ होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। WTSA का लक्ष्य ग्लोबल स्टैंडर्ड्स पर काम करना है। वहीं India Mobile Congress की बड़ी भूमिका सर्विसेज के साथ जुड़ी हुई है। इसलिए आज का ये आयोजन, Standards और services, दोनों को एक ही मंच पर ले आया है। आज भारत quality services पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहा है। हम अपने standards पर भी विशेष बल दे रहे हैं। ऐसे में WTSA का अनुभव, भारत को एक नई ऊर्जा देने वाला होगा।

साथियों,

WTSA पूरी दुनिया को consensus के जरिए empower करने की बात करता है।India Mobile Congress, पूरी दुनिया को कनेक्टिविटी के ज़रिए सशक्त करने की बात करती है। यानी इस इवेंट में consensus और connectivity भी एक साथ जुड़ी हैं। आप जानते हैं कि आज की conflicts से भरी दुनिया के लिए इन दोनों का होना कितना जरूरी है। भारत हजारों वर्षों से वसुधैव कुटुंबकम के अमर संदेश को जीता रहा है। हमें G-20 का नेतृत्व करने का अवसर मिला, तब भी हमने one earth, one family, one future का ही संदेश दिया। भारत दुनिया को conflicts से बाहर निकालकर, connect करने में ही जुटा है। प्राचीन सिल्क रूट से लेकर आज के टेक्नोलॉजी रूट तक, भारत का हमेशा एक ही मिशन रहा है- दुनिया को कनेक्ट करना और प्रगति के नए रास्ते खोलना। ऐसे में WTSA और IMC की ये साझेदारी भी एक प्रेरक और शानदार मैसेज है। जब लोकल और ग्लोबल का मेल होता है, तब न केवल एक देश बल्कि पूरी दुनिया को इसका लाभ मिलता है और यही हमारा लक्ष्य है।

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Friends,

21वीं सदी में भारत की मोबाइल और टेलीकॉम यात्रा पूरे विश्व के लिए स्टडी का विषय है। दुनिया में मोबाइल और टेलीकॉम को एक सुविधा के रूप में देखा गया। लेकिन भारत का मॉडल कुछ अलग रहा है। भारत में हमने टेलीकॉम को सिर्फ कनेक्टिविटी का नहीं, बल्कि equity और opportunity का माध्यम बनाया। ये माध्यम आज गांव और शहर, अमीर और गरीब के बीच की दूरी को मिटाने में मदद कर रहा है। मुझे याद है, जब मैं 10 साल पहले डिजिटल इंडिया का विजन देश के सामने रख रहा था। तो मैंने कहा था कि हमें टुकड़ों में नहीं बल्कि holistic अप्रोच के साथ चलना होगा। तब हमने डिजिटल इंडिया के चार पिलर्स की पहचान की थी। पहला- डिवाइस की कीमत कम होनी चाहिए। दूसरा- डिजिटल कनेक्टिविटी देश के कोने-कोने तक पहुंचे तीसरा- डेटा सबकी पहुंच में होना है। और चौथा, ‘Digital first’ ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। हमने इन चारों पिलर्स पर एक साथ काम करना शुरू किया और हमें इसके नतीजे भी मिले।

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Friends,

हमारे यहां फोन तब तक सस्ते नहीं हो सकते थे जब तक हम भारत में ही उनको मैन्युफैक्चर न करते। 2014 में भारत में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं, आज 200 से ज़्यादा हैं। पहले हम ज्यादातर फोन बाहर से इंपोर्ट करते थे। आज हम पहले से 6 गुना ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बना रहे हैं, हमारी पहचान एक मोबाइल एक्सपोर्टर देश की है। और हम इतने पर ही नहीं रुके हैं। अब हम चिप से लेकर finished product तक, दुनिया को एक कंप्लीट मेड इन इंडिया फोन देने में जुटे हैं। हम भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर भी बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।

Friends,

कनेक्टिविटी के पिलर पर काम करते हुए भारत में हमने ये सुनिश्चित किया है कि हर घर कनेक्ट हो। हमने देश के कोने-कोने में मोबाइल टावर्स का एक सशक्त नेटवर्क बनाया। जो हमारे tribal areas हैं, hilly areas हैं, border areas हैं, वहां बहुत कम समय में ही हज़ारों मोबाइल टावर्स लगाए गए। हमने रेलवे स्टेशन्स और दूसरे पब्लिक प्लेसेज़ पर वाई-फाई की सुविधाएं दीं। हमने अपने अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे आइलैंड्स को अंडर-सी केबल्स के माध्यम से कनेक्ट किया। भारत ने सिर्फ 10 साल में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से भी आठ गुना है! मैं भारत की स्पीड का आपको एक उदाहरण देता हूं। दो साल पहले मोबाइल कांग्रेस में ही हमने 5G लॉन्च किया था। आज भारत का करीब-करीब हर जिला 5G सर्विस से जुड़ चुका है। आज भारत दुनिया का दूसरा बड़ा 5G मार्केट बन चुका है। और अब हम 6G टेक्नॉलॉजी पर भी तेज़ी से काम कर रहे हैं।

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साथियों,

भारत ने टेलीकॉम सेक्टर में जो रिफॉर्म्स किए, जो इनोवेशन किए, वो अकल्पनीय हैं, अभूतपूर्व हैं। इससे डेटा की कीमत बहुत कम हुईं। आज भारत में इंटरनेट डेटा की कीमत, लगभग 12 सेंट प्रति GB है। जबकि दुनिया के कितने ही देशों में एक GB डेटा, इससे 10 गुना से 20 गुना ज्यादा महंगा है। हर भारतीय, आज हर महीने औसतन करीब 30 GB डेटा कंज्यूम करते हैं।

साथियों,

इन सारे प्रयासों को हमारे चौथे पिलर यानि digital first की भावना ने नई स्केल पर पहुंचाया है। भारत ने डिजिटल टेक्नॉलॉजी को डेमोक्रेटाइज़ किया। भारत ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाए, और इस प्लेटफॉर्म्स पर हुए इनोवेशन ने लाखों नए अवसर पैदा किए। जनधन, आधार और मोबाइल की JAM ट्रिनिटी कितने ही नए इनोवेशन का आधार बनी है। Unified Payments Interface-UPI ने कितनी ही नई कंपनियों को नए मौके दिए हैं। अब आजकल ONDC की भी ऐसी ही चर्चा हो रही है। ONDC से भी डिजिटल कॉमर्स में नई क्रांति आने वाली है। हमने कोरोना के दौरान भी देखा है कि कैसे हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने हर काम आसान किया है। ज़रूरतमंदों तक पैसा भेजना हो, कोरोना से निपटने में जुटे कर्मचारियों तक रियल टाइम गाइडलाइंस भेजनी हो, वैक्सीनेशन का प्रोसेस स्ट्रीमलाइन करना हो, वैक्सीन का डिजिटल सर्टिफिकेट देना हो, भारत में सब कुछ बहुत Smoothly हुआ। आज भारत के पास एक ऐसा डिजिटल बुके है, जो दुनिया में वेलफेयर स्कीम्स को एक नई ऊंचाई दे सकता है। इसलिए G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दिया। और आज मैं फिर दोहराऊंगा, भारत को DPI से संबंधित अपना अनुभव और जानकारी सभी देशों के साथ शेयर करने में खुशी होगी।

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साथियों,

यहां WTSA में Network of Women initiative पर भी चर्चा होनी है। ये बहुत ही Important विषय है। भारत, वीमेन लेड डवलपमेंट को लेकर बहुत ही गंभीरता से काम कर रहा है। G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी हमने अपने इस कमिटमेंट को आगे बढ़ाया। Technology सेक्टर को inclusive बनाना, Technology प्लेटफॉर्म्स से महिलाओं को Empower करना, भारत इस लक्ष्य को लेकर चल रहा है। आपने देखा है कि हमारे स्पेस मिशन्स में, हमारी वीमेन साइंटिस्ट्स का कितना बड़ा रोल है। हमारे स्टार्टअप्स में women co-founders की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज भारत की STEM एजुकेशन में 40 परसेंट से अधिक हिस्सेदारी हमारी बेटियों की है। भारत आज technology लीडरशिप में महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर बना रहा है। आपने सरकार के नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम के बारे में ज़रूर सुना होगा। ये खेती में ड्रोन क्रांति को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम है। इस अभियान को भारत के गांवों की महिलाएं लीड कर रही हैं। डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट्स को घर-घर पहुंचाने के लिए भी हमने बैंक सखी प्रोग्राम चलाया। यानि महिलाओं ने digital awareness प्रोग्राम को भी लीड किया है। हमारे प्राइमरी हेल्थकेयर, maternity और child care में भी आशा और आंगनबाड़ी workers का बहुत बड़ा रोल है। आज ये workers, tabs और apps के माध्यम से इस पूरे काम को ट्रैक करती हैं। महिलाओं के लिए हम महिला ई-हाट कार्यक्रम भी चला रहे हैं। ये women entrepreneurs के लिए एक ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है। यानि आज गांव-गांव में भारत की महिलाएं ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं, जो अकल्पनीय है। आने वाले समय में हम इसका दायरा और बढ़ाने वाले हैं। मैं उस भारत की कल्पना कर रहा हूं जहां हर बेटी एक टेक लीडर हो।

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Friends,

भारत ने अपनी जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान एक गंभीर विषय दुनिया के सामने रखा था। इस विषय को मैं WTSA जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म के सामने भी रखना चाहता हूं। ये विषय है- डिजिटल टेक्नोलॉजी के ग्लोबल फ्रेमवर्क का, ग्लोबल गाइडलाइंस का, अब समय आ गया है कि ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स को ग्लोबल गवर्नेंस के लिए इसके महत्व को स्वीकारना होगा। टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर Do’s and don’ts बनाने होंगे। आज जितने भी डिजिटल टूल्स और एप्लीकेशंस हैं, वो बंधनों से परे हैं, किसी भी देश की बाउंड्री से परे हैं। इसलिए कोई भी देश अकेले साइबर थ्रेट्स से अपने नागरिकों की रक्षा नहीं कर सकता। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा, ग्लोबल संस्थाओं को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठानी होगी। हम जानते हैं हमारा अनुभव, जैसे हमने एविएशन सेक्टर के लिए एक ग्‍लोबल Rules and Regulation का फ्रेम वर्क बनाए हैं, वैसे ही फ्रेम वर्क की जरूरत डिजिटल वर्ल्ड को भी है। और इसके लिए WTSA को और अधिक सक्रियता से काम करना होगा। मैं WTSA से जुड़े हर सदस्य से कहूंगा कि वो इस दिशा में सोचें कि कैसे Tele-communications को सभी के लिए सेफ बनाया जाए। इस इंटरकनेक्टेड दुनिया में Security किसी भी तरह से After-thought नहीं हो सकती। भारत के Data Protection एक्ट और National Cyber Security Strategy, एक Safe Digital Ecosystem बनाने के प्रति हमारे कमिटमेंट को दिखाते हैं। मैं इस असेंबली के सदस्यों से कहूंगा, आप ऐसे standards बनाएं, जो Inclusive हों, Secure हों और भविष्य के हर चैलेंज के लिए Adaptable हों। आप Ethical AI और Data Privacy के ऐसे Global Standards बनाएं, जो अलग-अलग देशों की Diversity का भी सम्मान करें।

साथियों,

ये बहुत जरूरी है कि आज के इस technological revolution में हम टेक्नॉलजी को Human Centric Dimensions देने का निरंतर प्रयास करें। हम पर ये जिम्मेदारी है कि ये Revolution, responsible और sustainable हो। आज हम जो भी Standards सेट करेंगे, उससे हमारे भविष्य की दिशा तय होगी। इसलिए security, dignity और equity के Principles हमारी चर्चा के केंद्र में होने चाहिए। हमारा मकसद होना चाहिए कि कोई देश, कोई रीजन और कोई Community इस डिजिटल युग में पीछे ना रह जाए। हमें सुनिश्चित करना होगा, हमारा भविष्य technically strong भी हो और ethically sound भी हो, हमारे भविष्य में Innovation भी हो, Inclusion भी हो।

साथियों,

WTSA की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं, मेरा सपोर्ट आपके साथ है। आप सबको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं! बहुत-बहुत धन्यवाद !

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The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
QuoteBest wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
QuoteToday India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
QuoteThe government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
QuoteThe sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
QuoteWe have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM

बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनसुख भाई, बहन रक्षा खड़से, श्रीमान राम नाथ ठाकुर जी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य महानुभाव, सभी खिलाड़ी, कोच, अन्य स्टाफ और मेरे प्यारे युवा साथियों!

देश के कोना-कोना से आइल,, एक से बढ़ के एक, एक से नीमन एक, रउआ खिलाड़ी लोगन के हम अभिनंदन करत बानी।

साथियों,

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रतियोगिताएं होंगी। पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक, आने वाले कुछ दिनों में छह हज़ार से अधिक युवा एथलीट, छह हजार से ज्यादा सपनों औऱ संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में स्पोर्ट्स अब एक कल्चर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। और जितना ज्यादा भारत में स्पोर्टिंग कल्चर बढ़ेगा, उतना ही भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में, देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।

साथियों,

किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी साल भर, अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। मैं आपको क्रिकेट की दुनिया से एक उदाहरण देता हूं। अभी हमने IPL में बिहार के ही बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा। इतनी कम आयु में वैभव ने इतना जबरदस्त रिकॉर्ड बना दिया। वैभव के इस अच्छे खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, उनके टैलेंट को सामने लाने में, अलग-अलग लेवल पर ज्यादा से ज्यादा मैचों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यानी, जो जितना खेलेगा, वो उतना खिलेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे।

साथियों,

ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था।

साथियों,

सरकार का जोर, भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि की गई है। इस वर्ष स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हज़ार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से अधिक हमारे बिहार में ही हैं। बिहार को तो, NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, अनेक योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। राजगीर में खेलो इंडिया State centre of excellence की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे। 

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साथियों,

स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है। 

मेरे युवा साथियों, 

हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा।

साथियों, 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो, इसी भावना के साथ मैं सातवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।