Sanctions credit support to 1 lakh entrepreneurs of disadvantaged sections
Distributes Ayushman Health Cards and PPE kits to Safai Mitras under NAMASTE scheme
“Today’s occasion provides a glimpse of the government’s commitment to prioritize the underprivileged”
“Seeing the benefits reaching the deprived makes me emotional as I am not separate from them and you are my family”
“Goal of Viksit Bharat by 2047 can not be achieved without the development of the deprived segments”
“Modi gives you guarantee that this campaign of development and respect of the deprived class will intensify in the coming 5 years. With your development, we will fulfill the dream of Viksit Bharat”
নমস্কার!
সামাজিক ন্যায় মন্ত্রী শ্রী বীরেন্দ্র কুমারজি, দেশের নানা প্রান্তে থাকা সরকারি বিভিন্ন কর্মসূচির সুবিধাপ্রাপকরা, আমাদের সাফাই কর্মী ভাই ও বোনেরা! এই অনুষ্ঠানে যোগ দিয়েছেন দেশের প্রায় ৪৭০টি জেলার ৩ লক্ষ মানুষ। সকলকে শুভেচ্ছা।
বন্ধুরা,
দলিত, অনগ্রসর ও প্রান্তিক গোষ্ঠীর কল্যাণের কর্মসূচিতে আজ আরও একটি গুরুত্বপূর্ণ অধ্যায়ের সাক্ষী হচ্ছে দেশ। ৫০০টি জেলায় বসবাসকারী প্রান্তিক জনগোষ্ঠীর প্রায় ১ লক্ষ মানুষের কাছে সরাসরি হস্তান্তরিত হচ্ছে ৭২০ কোটি টাকার আর্থিক সহায়তা।
আগের সরকারের আমলে একবার মাত্র বোতাম টিপে দরিদ্র মানুষের ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্টে টাকা পাঠানো কল্পনাও করা যেতো না। কিন্তু এটা মোদীর সরকার! আমি সুরাজ পোর্টালেরও উদ্বোধন করলাম। অন্য নানা সরকারি প্রকল্পের মতো এর মাধ্যমেও প্রান্তিক মানুষজনের কাছে সরাসরি আর্থিক সহায়তা পৌঁছে দেওয়া সম্ভব হবে। দালাল বা কমিশনের দৌরাত্মের কোনো প্রশ্ন নেই!
আমাদের সাফাই কর্মীদের হাতে আজ তুলে দেওয়া হচ্ছে পিপিই কিট এবং আয়ুষ্মান স্বাস্থ্য কার্ড। তাঁরা এবং তাঁদের পরিবার নিখরচায় ৫ লক্ষ টাকা পর্যন্ত চিকিৎসার সুযোগ পাবেন। তপশিলি জাতি, উপজাতি এবং অন্যান্য শ্রেণীর কল্যাণের জন্য বিগত ১০ বছরে যে কাজ হয়েছে এ তারই আরেকটি ধাপ।
বন্ধুরা,
কিছুক্ষণ আগে কয়েকজন সুবিধাপ্রাপকের সঙ্গে আমার কথা বলার সুযোগ হয়েছে। প্রান্তিক গোষ্ঠীর কাছে যেভাবে সরকারের বিভিন্ন প্রকল্পের সুবিধা পৌঁছে যাচ্ছে এবং তাঁদের জীবনযাত্রায় যে পরিবর্তন আসছে তা ব্যক্তিগতভাবে আমায় আনন্দিত করে। বিরোধিরা যখন পরিবার তুলে আমার প্রতি অবমাননাকর মন্তব্য করে তখন আমার মনে পরে আপনাদেরই কথা। আমার পরিবার-পরিজন নেই কে বললো? লক্ষ লক্ষ দলিত ও প্রান্তিক মানুষ আমার পরিবারের সদস্য।
বন্ধুরা,
২০৪৭ নাগাদ ভারতকে উন্নত দেশ করে তোলার সংকল্প গ্রহণ করেছি আমরা। দশকের পর দশক ধরে যাঁরা বঞ্চিত রয়েছেন, তাঁদের উন্নয়ন ব্যাতীত তা সম্ভব নয়। কংগ্রেস সরকার এদিকে কোনো গুরুত্বই দেয়নি। এমন একটা মানসিকতা গড়ে উঠেছিল যেন এইসব প্রান্তিক মানুষজন বঞ্চিত থাকবেন এটাই স্বাভাবিক। ওই মানসিকতা দূর করেছি আমি। ধনীর বাড়ির মতো দরিদ্রেরও থাকতে হবে গ্যাস স্টোভ, ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্ট – সব কিছুই।
বন্ধুরা,
বঞ্চিত এই সব গোষ্ঠীর মানুষ প্রজন্মের পর প্রজন্ম কাটিয়েছেন ন্যূনতম সুযোগ-সুবিধাও না পেয়ে। ২০১৪-য় আমাদের সরকার গ্রহণ করে ‘সকলের সঙ্গে সকলের বিকাশ’ মন্ত্র। যাঁরা আশা ভরসাটুকুও হারিয়ে ছিলেন, তাঁদের দেশের উন্নয়ন কর্মসূচিতে সামিল করেছে এই সরকার।
মনে আছে বন্ধুরা, আগে রেশনের দোকান থেকে রেশন তুলতে কতটা অসুবিধা পোহাতে হতো? আজ ৮০ কোটি অভাবী মানুষকে আমরা বিনামূল্যে রেশন দিচ্ছি।
নিখরচায় ৫ লক্ষ টাকা পর্যন্ত চিকিৎসার সুযোগ আমূল বদলে দিচ্ছে দরিদ্র ভাই বোনেদের জীবন। আগে প্রান্তিক মানুষজনের ঠিকানা ছিল বস্তি, ঝুপড়ি কিংবা খোলা মাঠ। বিগত ১০ বছরে এঁদের জন্য মোদী তৈরি করে দিয়েছে পাকি বাড়ি, হয়েছে শৌচালয়ের ব্যবস্থা। সম্মান নিয়ে বাঁচতে পারছেন এঁরা।
বন্ধুরা,
দরিদ্র মানুষের ঘরে ঘরে নিখরচায় রান্নার গ্যাসের সংযোগ পৌঁছে দিতে হাতে নেওয়া হয়েছে উজ্জ্বলা যোজনা। জ্বালানির জন্য দরিদ্র মহিলাদের কাঠ কুড়োতে যেতে হচ্ছে না এখন। এই সব প্রকল্পের ১০০ শতাংশ রূপায়নে আমরা এখন উদ্যোগী।
এই দেশে বহু যাযাবর এবং অর্ধ-যাযাবর গোষ্ঠীর বসবাস। তাঁদের কল্যাণেও হাতে নেওয়া হয়েছে নানান কর্মসূচি। মানুষের মাধ্যমে বর্জ্য সংগ্রহের অমানবিক প্রথা দূর করতে এবং আমাদের সাফাই কর্মী ভাই বোনেদের জীবনযাত্রার উন্নয়নে সরকার হাতে নিয়েছে নমস্তে প্রকল্প (ন্যাশনাল অ্যাকশন ফর মেকানাইডজ স্যানিটেশন ইকো সিস্টেম)। এর অঙ্গ হিসেবে প্রায় ৬০ হাজার মানুষকে দেওয়া হয়েছে আর্থিক সহায়তা।
বন্ধুগণ,
শুধুমাত্র এই বছরে তপশিলি গোষ্ঠীভুক্তদের কল্যাণে সরকার ১ লক্ষ ৬০ হাজার কোটি টাকা বরাদ্দ করেছে। আগের সরকারের আমলে কোটি কোটি টাকা নয়-ছয় হোত। এখন টাকা খরচ করা হচ্ছে দরিদ্র এবং প্রান্তিক জনগোষ্ঠীর আর্থসামাজিক উন্নয়নের লক্ষ্যে।
তপশিলি জাতি, উপজাতি এবং অন্যান্য অনগ্রসর শ্রেণীর যুবক যুবতীদের পড়াশোনার ক্ষেত্রে বৃত্তিও বাড়ানো হয়েছে। সারা ভারতে মেডিকেল কলেজগুলিতে অন্যান্য অনগ্রসর শ্রেণীভুক্তদের জন্য ২৭ শতাংশ সংরক্ষণের ব্যবস্থা করা হয়েছে। উচ্চশিক্ষার জন্য চালু হয়েছে ন্যাশনাল ওভারসিস স্কলারশিপ। জাতীয় অনগ্রসর শ্রেণী কমিশনকে দেওয়া হয়েছে সাংবিধানিক মর্যাদা। বাবাসাহেব আম্বেদকরের সঙ্গে জড়িত স্থানগুলিকে নিয়ে গড়ে উঠছে পঞ্চতীর্থ।
বন্ধুরা,
বিজেপি সরকার প্রান্তিক জনগোষ্ঠীর যুবক যুবতীদের সামনে এনে দিয়েছে স্বনিযুক্তির সুযোগ। এসেছে মুদ্রা যোজনা – যার মাধ্যমে দরিদ্র মানুষের কাছে পৌঁছে গেছে ৩০ লক্ষ কোটি টাকার আর্থিক সহায়তা। প্রাপকদের বেশিরভাগই তপশিলি জাতি, উপজাতি কিংবা অনগ্রসর শ্রেণীভুক্ত। প্রান্তিক জনগোষ্ঠীর মধ্যে ব্যবসায়িক উদ্যোগ বাড়াতে হাতে নেওয়া হয়েছে স্ট্যান্ড আপ ইন্ডিয়া কর্মসূচি ইত্যাদি। আমাদের সরকার চালু করেছে আম্বেদকর স্যোশাল ইনোভেশন অ্যান্ড ইনকিউবেশন মিশন।
বন্ধুরা,
বঞ্চিত মানুষের কল্যাণে আমাদের সরকারের এইসব উদ্যোগে মোটেও খুশি নন ইন্ডি জোটের লোকজন। কংগ্রেস আসলে চায়, দলিত এবং আদিবাসীরা পিছিয়েই থাকুন। এঁরা মুখে সামাজিক ন্যায়ের কথা বলেন, কিন্তু সমাজে বর্ণভেদকে আরও জোরদার করে তোলেন। ডঃ বাবাসাহেব আম্বেদকর, লোহিয়ার মতো মানুষের বিরুদ্ধাচরণ করেছে কংগ্রেস। সম্মান দেয়নি কর্পুরি ঠাকুরকে। তাঁকে ভারতরত্ন দেওয়াও কংগ্রেসের পছন্দ নয়। তারা চায় শুধু তাদের পরিবারের সদস্যরাই ভারতরত্নে ভূষিত হতে থাকুন। রামনাথ কোবিন্দের মতো দলিদ শ্রেণীভুক্ত কিংবা দ্রৌপদী মুর্মুর মতো আদিবাসী গোষ্ঠীভুক্ত কেউ দেশের রাষ্ট্রপতি হোন – এমনটা কখনই চায়নি কংগ্রেস। অন্যদিকে, বিজেপি চায় এযাবৎ বঞ্চিত জনগোষ্ঠীর মানুষ আসুন নেতৃস্থানীয় ভূমিকায়।
আগামী ৫ বছরেও প্রান্তিক জনগোষ্ঠীর কল্যাণে প্রয়াস অব্যাহত থাকবে বলে মোদী আপনাদের কথা দিচ্ছে। এভাবেই আমরা গড়ে তুলবো ‘বিকশিত ভারত’। ভিডিও কনফারেন্সের মাধ্যমে দেশের বিভিন্ন প্রান্তে থাকা এত বেশি সংখ্যায় মানুষের সঙ্গে মিলিত হওয়া সৌভাগ্যের বিষয়। সকলকে শুভেচ্ছা।
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।