Published By : Admin | August 26, 2023 | 10:15 IST
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“Kashi is known to be a treasure chest of knowledge, duty and truth and it is indeed the cultural and spiritual capital of India”
“We in India are very proud of our eternal and diverse culture. We also attach great value to our intangible cultural heritage”
“‘Yuge Yugeen Bharat’ National Museum upon completion will stand as world's largest museum showcasing India's history and culture spanning over 5,000 years”
“Tangible heritage is not only of material value but it is also the history and identity of a nation”
“Heritage is a vital asset for economic growth and diversification, and it is echoed in India’s mantra of ‘Vikas Bhi Virasat Bhi’”
“India’s National Digital District Repository is helping rediscover the stories of freedom struggle”
“Working group reflects the importance of the four Cs - Culture, Creativity, Commerce and Collaboration”
নমস্কার!
বারাণসীতে আপনাদের সকলকে স্বাগত। এই স্থানটি আবার কাশী নামেও সুপরিচিত। বারাণসীতে আজ আপনারা বৈঠকে মিলিত হচ্ছেন জেনে আমি আনন্দিত কারণ, ঘটনাক্রমে এটি আমার সংসদীয় নির্বাচনী ক্ষেত্র। কাশী শুধুমাত্র বিশ্বের একটি প্রাচীনতম শহরই নয়, এরই অদূরে রয়েছে সারনাথ যেখানে ভগবান বুদ্ধ তাঁর প্রথম উপদেশটি প্রচার করেছিলেন। সুচিন্তিত জ্ঞান, ধর্ম এবং সত্যরাশির শহর হল এই কাশী। অর্থাৎ, জ্ঞান, কর্তব্য ও সত্যের মতো সম্পদগুলির এক বিশেষ ভাণ্ডার হল এই শহরটি। সেই অর্থে কাশী হল ভারতের সাংস্কৃতিক তথা আধ্যাত্মিক রাজধানী। আশা করি, আপনারা আপনাদের কর্মসূচির মধ্যেও সময় বের করে নিয়ে গঙ্গা আরতি দর্শন করবেন, সারনাথ পরিদর্শনে যাবেন এবং স্বাদ অনুভব করবেন কাশীর বিশেষ বিশেষ খাদ্যসম্ভারের।
মাননীয় অতিথিবৃন্দ,
দেশবাসীকে ঐক্যবদ্ধ করার এক অন্তর্নিহিত সুযোগ ও সম্ভাবনার বীজ প্রোথিত রয়েছে সংস্কৃতির মধ্যে যা আমাদের পরিবেশ, পরিস্থিতি ও প্রেক্ষিতের বৈচিত্র্যকে উপলব্ধি করতে সাহায্য করে। সুতরাং, আপনাদের কাজের মধ্যে সমগ্র মানবজাতির জন্যই এক বিশেষ তাৎপর্য নিহিত রয়েছে। আমরা, অর্থাৎ ভারতবাসীরা আমাদের শাশ্বত ও বৈচিত্র্যপূর্ণ সংস্কৃতির জন্য গর্ব অনুভব করি। শুধু তাই নয়, আমাদের এই স্পর্শাতীত সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যকে আমরা বিশেষ মূল্যবান বলেও মনে করি। ঐতিহ্যের স্বাক্ষর বহনকারী স্থানগুলির সংরক্ষণ এবং সেগুলির পুনরুজ্জীবন প্রচেষ্টায় আমরা নিরলস পরিশ্রম করে চলেছি। দেশের সাংস্কৃতিক সম্পদ ও শিল্পীদের আমরা চিহ্নিত করেছি শুধুমাত্র জাতীয় পর্যায়েই নয়, গ্রাম ভারতের আঞ্চলিক তথা স্থানীয় পর্যায়েও। সংস্কৃতির উদযাপনে আমরা বেশ কিছু কেন্দ্রও গড়ে তুলেছি। তাদের মধ্যে কয়েকটি উজ্জ্বল দৃষ্টান্ত হল দেশের বিভিন্ন প্রান্তে নির্মিত আদিবাসী সংগ্রহশালা। এগুলির মাধ্যমে আদিবাসী সম্প্রদায়গুলির প্রাণময় সংস্কৃতিকে আমরা তুলে ধরব। নয়াদিল্লিতে রয়েছে আমাদের প্রধানমন্ত্রী সংগ্রহশালা যা দেশের সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যের সাক্ষ্য বহন করে। ‘যুগে যুগে ভারত’ নামে একটি জাতীয় সংগ্রহশালাও আমরা গঠন করছি। এটির নির্মাণ সম্পূর্ণ হলে তা হয়ে উঠবে বিশ্বের বৃহত্তম একটি সংগ্রহশালা। ভারতের ৫ হাজার বছরের সুপ্রাচীন ইতিহাস ও সংস্কৃতিকে এর মাধ্যমে সকলের সামনে তুলে ধরা হবে।
মাননীয় অতিথিবৃন্দ,
দেশের সাংস্কৃতিক সম্পদের পুনরুদ্ধার ও পুনঃপ্রতিষ্ঠা একটি গুরুত্বপূর্ণ কাজের মধ্যেই পড়ে। তাই, আপনাদের সকলের মিলিত প্রচেষ্টাকে আমরা এক্ষেত্রে স্বাগত জানাই। একথা সত্য যে ইন্দ্রিয়াতীত ঐতিহ্য শুধু তার পার্থিব মূল্যের জন্যই মূল্যবান নয়, এর মধ্য দিয়ে একটি জাতির ইতিহাস ও পরিচয় প্রতিফলিত হয়। নিজস্ব সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যকে উপভোগ করার অধিকার রয়েছে প্রত্যেকেরই। ২০১৪ সাল থেকে আমাদের সুপ্রাচীন সভ্যতার এমন কিছু শিল্প নিদর্শন আমরা ফিরিয়ে আনতে পেরেছি যার মধ্য দিয়ে আমাদের সভ্যতার গর্বই প্রতিফলিত হয়। ‘প্রাণময় ঐতিহ্য’ তথা ‘জীবনের জন্য সংস্কৃতি’ প্রচেষ্টায় আপনাদের অবদানেরও আমি বিশেষ প্রশংসা করি। সাংস্কৃতিক ঐতিহ্য শুধু পাথরে খোদাই করা একটি নিদর্শন মাত্র নয়, এ হল পরম্পরা ও রীতিনীতি এবং উৎসবের এক বিশেষ ধারাবাহিকতা যা বহু প্রজন্ম ধরেই প্রচলিত রয়েছে। আপনাদের প্রচেষ্টা মানুষের জীবনশৈলী এবং আচার তথা রীতিনীতিকে আরও উৎসাহিত করবে বলেই আমার স্থির প্রত্যয়।
মাননীয় অতিথিবৃন্দ,
আমি বিশ্বাস করি যে ঐতিহ্য হল অর্থনৈতিক অগ্রগতি এবং তার বৈচিত্র্যকরণের ক্ষেত্রে একটি মূল্যবান সম্পদবিশেষ যা প্রতিধ্বনিত হয় আমাদের ‘বিকাশ ভি, বিরাসত ভি’ – এই মন্ত্রের মধ্যে। এর অর্থ হল উন্নয়ন তথা ঐতিহ্য – এই হল আমদের কর্মযজ্ঞের মূলমন্ত্র। ভারত তার দু’হাজার বছরের সুপ্রাচীন শিল্পকলার ঐতিহ্যের জন্য গর্ব অনুভব করে। আমাদের রয়েছে ৩ হাজারটির মতো অনুপম শিল্প নিদর্শন। ‘একটি জেলা, একটিই উৎপাদন’ – আমাদের এই উদ্যোগ ভারতে চারু ও কারুশিল্পের অনুপম বৈশিষ্ট্যকে তুলে ধরে। একইসঙ্গে স্বনির্ভরতার লক্ষ্য কিভাবে পূরণ করা সম্ভব তারও প্রতিফলন ঘটেছে এই শিল্পকর্মগুলির মধ্যে। সাংস্কৃতিক তথা সৃজনশীল শিল্প প্রচেষ্টার প্রসারে আপনাদের উদ্যোগের গভীর তাৎপর্য রয়েছে কারণ, তার মাধ্যমে অন্তর্ভুক্তিমূলক অর্থনৈতিক বিকাশ এবং সৃজনশীলতা ও উদ্ভাবন প্রচেষ্টাকে উৎসাহদানের এক বিশেষ অঙ্গীকার রয়েছে। আগামী মাসে ভারতে ‘প্রধানমন্ত্রী বিশ্বকর্মা যোজনা’র সূচনা হচ্ছে। ১.১ বিলিয়ন ডলার প্রাথমিক বিনিয়োগের মাধ্যমে প্রথাগত শিল্পী ও কারিগরদের জন্য তা এক অনুকূল পরিবেশ ও পরিস্থিতি গড়ে তুলবে। তাঁরা যাতে তাঁদের শিল্প প্রচেষ্টায় মনোনিবেশ করতে পারেন এবং দেশের সমৃদ্ধ সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যে তাঁদের অবদানের নজির রাখতে পারেন, তা সম্ভব করে তুলতেই আমাদের এই উদ্যোগ।
বন্ধুগণ,
সংস্কৃতির উদযাপনে প্রযুক্তির প্রয়োগ বিশেষভাবে গুরুত্বপূর্ণ। ভারতে আমাদের রয়েছে একটি জাতীয় ডিজিটাল জেলা রিপোজিটরি যার মাধ্যমে আমাদের স্বাধীনতা সংগ্রামের কাহিনীগুলির পুনরাবিষ্কার প্রচেষ্টা অব্যাহত রয়েছে। আমাদের সাংস্কৃতিক স্থান ও ঐতিহ্যগুলির সংরক্ষণ নিশ্চিত করতে আমরা প্রযুক্তিকে ব্যবহার করছি। আমাদের সাংস্কৃতিক স্থানগুলি যাতে আরও পর্যটন অনুকূল হয়ে উঠতে পারে সেই লক্ষ্যে প্রযুক্তিকে আমরা কাজে লাগিয়েছি।
মাননীয় অতিথিবৃন্দ,
সংস্কৃতির পথ ধরে সকলের মধ্যে ঐক্য গঠনের লক্ষ্যে যে অভিযান আপনারা শুরু করেছেন তা আমাকে বিশেষভাবে আনন্দ দেয় কারণ, ‘বসুধৈব কুটুম্বকম’, অর্থাৎ, ‘একটিই পৃথিবী, এক অভিন্ন পরিবার তথা এক অভিন্ন ভবিষ্যৎ’ গঠনের শক্তি ও অঙ্গীকার রয়েছে তার মধ্যে। জি-২০-র কার্যসূচিকে নিশ্চিতভাবেই সফল করে তুলতে আপনাদের এই বিশেষ ভূমিকারও আমি প্রশংসা করি। সংস্কৃতি, সৃজনশীলতা, বাণিজ্য এবং সমন্বয় প্রচেষ্টা – এই চারটি বিশেষ দিক প্রতিফলিত হয়েছে আপনাদের কাজের মধ্য দিয়ে যা এক সহমর্মী, অন্তর্ভুক্তিমূলক এবং শান্তিপূর্ণ ভবিষ্যৎ গড়ে তোলার কাজে আমাদের সাহায্য করবে। আপনাদের আলাপ-আলোচনা সফল ও ফলপ্রসূ হয়ে উঠুক, এই প্রার্থনা জানাই।
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।