QuoteFrom where hope from Congress ends, from there Modi's guarantees start, says PM Modi in Sagwara
QuoteCongress never helped crores of Adivasis in our country... the BJP made a separate ministry for them and increased the budget for the welfare of Adivasis: PM Modi
QuoteIn Sagwara, PM Modi says it is important to send away Congress so that all the central government schemes can be implemented faster in Rajasthan

भारत माता की। (पहले यहां सुनने की तकलीफ हो रही थी, अभी ठीक है। सुनाई दे रहा है, उधर पीछे भी सुनाई दे रहा है।)
भारत माता की। भारत माता की।
गोविंद गुरू महाराज की जय! गोविंद गुरू महाराज की जय!
बेणेश्वर धाम की जय!
मावजी महाराज की जय!
श्रीनाथजी की जय
माँ त्रिपुरा सुंदरी की जय!
क्षेत्रपाल दादा की जय!
रघुनाथ दादा सरकार की जय!
राम राम !

केम छो बदा, आपने त साख पड़ोसी एटले। आपके बीच आना तो ऐसा लग रहा है जैसे घर आया हूं। ये वो मिट्टी है जिसने ऐसे वीर पैदा किए हैं, जिन वीरों ने महाराणा प्रताप की कीर्ति बढ़ाने में अपने खून-पसीने का योगदान दिया था। मैं काली बाई के बलिदान को, मानगढ़ धाम में बलिदान देने वाले गोविंद गुरू के अनुयायियों को भी आज श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

मेरे परिवारजनों,
डुंगरपुर और बांसवाड़ा इलाके में कई बार आया हूं। शायद मेरे पास हिसाब नहीं होगा, इतनी बार आया हूं। आपलोगों के साथ मेरा नाता भी उतना तगड़ा रहा है। लेकिन आज जो मैं यहां जनसागर देख रहा हूं और वहां पीछे तक लोग खड़े हैं। मैं सबसे पहले तो आदिवासी क्षेत्र हो, दूर-दूर गांवों से आना हो, मैं आप सबको सचमुच में प्रणाम करता हूं क्योंकि आप में कई लोग सुबह पांच-पांच छह-छह बजे चले होंगे। ये प्यार ये आशीर्वाद शायद ही किसी को ऐसा सौभाग्य मिलता होगा, जो आशीर्वाद आप मुझे दे रहे हैं। साथियों, डुंगरपुर और बांसवाड़ा यानि वागड़ की इस पावन धरा पर मुझे अनेक बार आने का अवसर तो मिला है। कई बार ये पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है कि हम राजस्थान में हैं कि गुजरात में हैं। यहां तो सैकड़ों सालों से मावजी महाराज का चोपड़ा खुलता रहा है। जिस धरती को सटीक भविष्यवाणी के लिए मावजी महाराज का आशीर्वाद मिला है, वहां ये साफ-साफ दिख रहा है कि भाजपा आ रही है। और ये भूमि मावजी महाराज की तपस्या की भूमि है। यहां से निकली हर भविष्यवाणी शत-प्रतिशत सही निकलती है। ऐसा ही है न। ऐसा ही है न। तो मैं मावजी महाराज को प्रणाम करते हुए उनके आशीर्वाद लेते हुए आज एक भविष्यवाणी करने की हिम्मत कर रहा हूं। करूं? मेरी ये भविष्यवाणी ये मेरी नहीं है, इस पवित्र धरती की ताकत है कि मेरे मन में ये विचार आया है। और इसीलिए बोलने की हिम्मत कर रहा हूं। और मावजी महाराज से क्षमा मांगकर बोलने की हिम्मत कर रहा हूं। पूरे राजस्थान के लोग लिखकर के रखें इस बार तो नहीं, अब राजस्थान में कभी भी अशोक गहलोत की सरकार नहीं बनेगी। कभी भी नहीं, ये मावजी महाराज की धरती पर से बोले गए शब्द हैं। और ये मावजी महाराज की धरती से बोला गया शब्द कभी गलत नहीं हो सकता है। कांग्रेस के लोग जहां भी वोट मांगने जा रहे हैं, वहां उनको एक ही जवाब मिल रहा है, एक ही जवाब मिल रहा है। लोग कहते हैं, बच्चे-बच्चे बोलते हैं, बूढ़े बोलते हैं, बुजुर्ग बोलते हैं, वृद्ध माताएं बोल रही हैं, महिलाएं कह रही हैं- गहलोत जी...गहलोत जी...कोनी मिले वोट जी !!! गहलोत जी...कोनी मिले वोट जी !!! और अब तो ये बात राजस्थान में सोशल मीडिया में बच्चों में जैसे स्पर्धा चल पड़ी है। हर घर से बच्चे वीडियो पर ये वाक्य रखकर के सोशल मीडिया में डाल रहे हैं। बच्चे भी बोल रहे हैं...गहलोत जी...कोनी मिले वोट जी !!!

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मेरे परिवारजनों,
वागड़ क्षेत्र तो कांग्रेस के कुशासन का बहुत बड़ा भुक्तभोगी रहा है। कांग्रेस के कुशासन से कैसे युवाओं के सपने चकनाचूर हुए हैं, ये डुंगरपुर के लोग अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में हर सरकारी भर्ती में घोटाला किया है। किया है कि नहीं किया है? घोटाला ही घोटाला किया है न। कांग्रेस के नेताओं और उनके करीबियों के बीच ऐसा कारोबार, ऐसा कारोबार कि उनके बच्चे तो अफसर बन गए और आपके बच्चे, चुन-चुन कर बाहर कर दिए गए। ये आपके साथ जुल्म है कि नहीं है? आपके बच्चों के साथ अन्याय है कि नहीं है? आपके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है कि नहीं है? ऐसे लोगों को राजस्थान की धरती पर से चुन-चुन करके साफ करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? जिन्होंने चुन-चुन कर आपके बच्चों के भविष्य को तबाह किया है उनको भी चुन-चुनकर साफ करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? करोगे? जरा पीछे से हाथ ऊपर करके जवाब दीजिए करोगे? शाबाश! कांग्रेस के पाले हुए पेपरलीक माफिया ने राजस्थान के युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। आज जो कांग्रेस नेताओं के यहां छापे में निकल रहा है... आज जो लॉकरों से सोने की ईंटें निकल रही हैं, काले कारनामों की लाल डायरी...ये लाल डायरी के जो पन्ने खुल रहे हैं...वो कांग्रेस की सरकार की लाल डायरी में काली सच्चाई है।

मेरे परिवारजनों,
लोकतंत्र ने आपको कुशासन वाली इस कांग्रेस सरकार को बदलने का मौका दिया है। ये मौका हाथ से जाने नहीं देंगे न। कभी-कभार एक छोटी गलती पांच साल भुगतने के लिए मजबूर कर देती है। आपका एक वोट भी कमल के फूल के अलावा किसी दूसरे-तीसरे दल को मिला, तो वो सीधा कांग्रेस को ही जाएगा। ये जो दूसरे लोग खड़े हैं न वो उनकी योजना से खड़े हैं। तो ऐसी गलती नहीं करोगे न? ये जरा घर-घर जाकर समझाना। ये पिछली बार भी पाप कर गए, आपकी आंखों में धूल झोंक गए। और इस बार नया नाम लेकर कर रहे हैं। और इसलिए आपको याद रखना है...कांग्रेस का सूपड़ा साफ करो...। राजस्थान को दंगों, अपराधों, बहनों-बेटियों पर अत्याचार और भ्रष्टाचार से मुक्त करो। राजस्थान से कांग्रेस की विदाई इसलिए भी जरूरी है, ताकि यहां केंद्र सरकार की हर योजना तेजी से लागू हो। मोदी कितना ही चाहे, आपको कितना ही प्यार करे, सबकुछ करने के लिए पैसे भेजे लेकिन जयपुर में अगर ऐसे लोग बैठ जाएं कि पहुंचेगा ही नहीं तो मोदी भी क्या करेगा? तो मोदी को भी तो काम करने का मौका मिलना चाहिए न? आपके सपने मेरे संकल्प हैं, मैं उसे पूरा करना चाहता हूं। और इसीलिए सारी रुकावटें दूर करिए। 21वीं सदी के राजस्थान को विकास के लिए निवेश और नौकरी बहुत जरूरी है। और ये सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है। आप लोग तो गुजरात के हर गली-मोहल्ले को जानते हो। आप में से कोई ऐसा नहीं होगा जो गुजरात में गया न हो या उसके रिश्तेदार गुजरात में रहते न हो। इतनी प्रगति वहां दिख रही है, राजस्थान में क्यों नहीं दिख रही है भई? वहां की जनता ने कमल पर भरोसा किया, भाजपा पर भरोसा किया और तेज गति से आगे बढ़ते चले गए और यहां उनके घर भरते गए, उनके बंगले बनते गए, आपके बच्चों के लिए कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस चाहे वादों की पूरी लाल डायरी, उसी को लेकर क्यों न घूमती फिरे, मोदी की गारंटी, इनके हर झूठे वायदों पर भारी है। गरीब कल्याण, जन कल्याण को लेकर जहां कांग्रेस से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है।

साथियों,
कांग्रेस ने दशकों के अपने शासनकाल में जो सोचा तक नहीं, वो बीते 10 साल में आपके सेवक ने देशवासियों के चरणों में समर्पित कर दिया है। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि कभी भारत के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलेगा। क्या कभी सोचा था? 80 करोड़ लोगों को तीन साल से मुफ्त राशन। ये कांग्रेस सरकार थी, जिसके राज में अनाज सड़ जाता था, लेकिन इन्होंने गरीबों को अनाज देने से मना कर दिया था। गरीब की मां के कोख से पैदा हुआ ये बेटा, वो आपकी चिंताएं, मुसीबतें समझता है और इसीलिए आपके इस सेवक ने संकल्प लिया है कि मुफ्त राशन की ये योजना आने वाले 5 साल तक चालू रहेगी।

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साथियों,
कभी गरीब को मुफ्त इलाज मिलेगा, दवाएं 80 प्रतिशत सस्ती होंगी, ये भी किसी ने नहीं सोचा था। मोदी ने आयुष्मान भारत योजना और जन औषधि केंद्रों से ये भी संभव कर दिखाया। कांग्रेस ने तो गरीब को, आदिवासी को, झुग्गियों में रखा, खुले में शौच के लिए मजूबर किया। कांग्रेस ने गरीब को धुएं में जीने के लिए मजबूर रखा, पानी के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया। देश की करोड़ों बहनों ने कांग्रेस से कभी उम्मीद भी नहीं की थी, उन्हें इन मुश्किलों से मुक्ति मिलेगी। इसलिए मैं कहता हूं...जहां से कांग्रेस से उम्मीद बंद होती है...जहां से कांग्रेस से उम्मीद बंद होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है। आज इन सारी मुश्किलों से देश की, राजस्थान की मेरी बहनों को मुक्ति मिलने लगी है।

मेरे परिवारजनों,
हमारे देश के करोड़ों आदिवासियों को कांग्रेस ने कभी नहीं पूछा। ये भाजपा है जिसने आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया। ये भाजपा है जिसने आदिवासी कल्याण का बजट भी कई गुना बढ़ा दिया। कांग्रेस के समय में 8 या 10 वन उपज पर ही MSP मिला करती थी। भाजपा सरकार में अब करीब-करीब 90 वन उपजों पर MSP मिला करती है। आपका पशुधन सुरक्षित रहे, इसके लिए भाजपा सरकार 15 हजार करोड़ रुपए से पशुओं के टीकाकरण का अभियान चला रही है। जैसे हमने कोविड में लोगों को मुफ्त वैक्सीन दिया था न। आपको वैक्सीन मिला था न, मुफ्त में टीका लगा था न। अब मोदी पशुओं के लिए भी मुफ्त टीकाकरण कर रहा है, हजारों करोड़ रुपये लगा रहा है। आपको याद है ना कि इसी गहलोत सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में वन क्षेत्र में मवेशी चराने पर, आपको याद होना चाहिए, भूलना मत। मवेशी चराने पर, घास काटने पर जुर्माने को 500 रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया था। ये तो बाद में जब भाजपा सरकार आई तो उसने गहलोत के पापी निर्णयों को खत्म किया था और आपको बचा लिया था, भूलना मत।

कांग्रेस गरीब आदिवासियों से पुराने जमाने के अंग्रेज जैसे दिमाग रखते थे न, वैसे ही अंग्रेज जैसे हिंदुस्तान के लोगों को गुलाम मानते थे न, आजादी के बाद भी कांग्रेस आदिवासियों के साथ वैसा ही व्यवहार करती है। सहज, सच्चे और वफादार मेरे आदिवासी भाई – बहनों के स्वाभिमान को कांग्रेस ने हमेशा चोट पहुंचाई है। हमें आदिवासी भाइयों बहनों की, उनके सम्मान, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य की चिंता है। इसलिए डूंगरपुर में केन्द्रीय सहायता से मेडिकल कॉलेज खोला गया। बांसवाड़ा में गोविन्द गुरू जनजाति विश्वविद्यालय भाजपा सरकार ने प्रारम्भ किया। प्रतापगढ़ में महाराणा प्रताप के नाम पर आर्म्स बटालियन के गठन के लिये भूमि का आवंटन कर दिया गया है। आदिवासी क्षेत्र की वर्तमान में चल रही रिक्तियां भी सरकार बनते ही जल्द से जल्द भरी जाएंगी। मानगढ़ धाम के विकास को पूरा करने के लिए भी भाजपा सरकार यहां पूरी शक्ति से काम करेगी। जिस प्रकार पूरे देश में अपने तीर्थों का भाजपा सरकार कायाकल्प कर रही है, वैसे ही मानगढ़ और बेणेश्वर धाम का विकास होगा। डूंगर बरंडा और बांसिया चरपोटा जैसे हमारे आदिवासी नायकों को भी उचित सम्मान भाजपा ही दे सकती है।

साथियों,
कांग्रेस कभी अपने एक परिवार के आगे किसी को नहीं देखती। जो कांग्रेस के परिवार की ओर आंख उठाकर भी देख लेता है, कांग्रेस उसे नीचा दिखाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ती। कांग्रेस ने बाबा साहब के साथ भी यही किया। कांग्रेस ने सरदार पटेल को भी इसी तरह अपमानित किया। भाजपा ने बाबा साहब अंबेडकर से जुड़े प्रमुख जिलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कराया है। आप सभी के सहयोग से आज गुजरात में केवडिया में एकता नगर में विश्व की सबसे ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा...और मैं आप डूंगरपुर के लोगों को कहूंगा कोई परिवार ऐसा नहीं होना चाहिए जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न देखा हो। सरदार पटेल का ये भव्य स्मारक न देखा हो। आप कार्यक्रम बनाइए, जाइए, आप देखेंगे कैसा बड़ा सम्मान सरदार पटेल को हमने दिया है। ये तो कोई भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे। लेकिन जो देश के लिए करते हैं न हम उनके लिए जीते हैं। हर रोज हजारों लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए वहां जाते हैं। लेकिन आजतक कांग्रेस का एक भी नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया। और यही कांग्रेस की सच्चाई है। और इसीलिए ये कांग्रेस से बहुत सावधान रहना। कांग्रेस न दलितों की है, न पिछड़ों की, न आदिवासियों की, न गरीब की। कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ एक परिवार की गुलाम होकर रह गई है।

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कल मैं जयपुर में रोडशो कर रहा था तो वहां बड़े-बड़े होर्डिंग लगे थे कांग्रेस के चुनाव के। यहां के मुख्यमंत्री की तस्वीर थी लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर नहीं थी। उसमें कांग्रेस के एक एमपी की तस्वीर थी लेकिन कांग्रेस के अध्यक्ष जो दलित है, और 40-50 साल का संसदीय जीवन का अनुभव है, कांग्रेस में सबसे सीनियर कुनबे में से एक है, उनकी फोटो नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस में दलितों के साथ क्या होता है, ये आप जयपुर में जाकर के... मैंने तो कल देखा तो चौंक गया। अरे भई कम से कम इतने बड़े दलित नेता है खड़गे जी, उनकी एक फोटो लगा देते तो तुम्हारी नौकरी नहीं चली जाती। लेकिन सिर्फ एक परिवार की भक्ति, सिर्फ एक परिवार की भक्ति।

कुछ दिन पहले ही आदिवासी समाज के लिए पीएम जनजाति आदिवासी न्याय...सामाजिक न्याय तो हमने बहुत सुना है...मोदी ने उससे भी आगे बढ़कर के आदिवासी न्याय महा अभियान...आदिवासी समाज को न्याय मिले, आदिवासी समाज में सबसे आखिरी हैं, उनको न्याय मिले...इसीलिए पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान शुरु किया गया है। 24 हज़ार करोड़ की ये योजना आदिवासी समाज का जीवन बदलने वाली है।

मेरे परिवारजनों,
जब तक इस देश का एक भी गरीब चिंता में है, तब तक मोदी निश्चिंत नहीं हो सकता। जब तक आप सभी तक ये गारंटियां पहुंच नहीं जातीं, तब तक मोदी चैन से नहीं बैठ सकता। और इसीलिए जनजातीय गौरव दिवस पर, भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस पर, 15 नवंबर को मोदी की गारंटी वाली सैकड़ों गाड़ियां निकल पड़ी है, सैकड़ों गाड़ियां चल पड़ी है पूरे देश में, ये मोदी की गारंटी की गाड़ी है। जिस-जिस लाभार्थी को अभी ये सुविधाएं नहीं मिली हैं, आने वाले दिनों में उनके गांव में ये गारंटी वाली गाड़ी गांव-गांव जाएगी, अफसर सब लोग लिखेंगे, और जो बाकी रह गया है उनकी सूची बनेगी, और मोदी ये गारंटी भी पूरी करेगा।

जो युवा साथी यहां हैं, जो पेपरलीक के पीड़ित हैं, उनको बता देना कि भाजपा आपके लिए लाखों नौकरियां लेकर आ रही है। और यहां के गरीब...यहां के मध्यम वर्ग को भी मैं एक बात याद दिला दूं- भाजपा आने वाली है, भाजपा आने वाली है, और मोदी की गारंटी है, आपको राहत मिलने वाली है। कांग्रेस ने राजस्थान को देश का बहुत महंगा प्रदेश बना दिया है। यहां डूंगरपुर और आसपास के क्षेत्र में तो दोपहिया वाहनों की, मोटरसाइकिलों की खूब बिक्री होती है। हरेक का सपना रहता है। वो शादी के पहले भी सोचता है ले आऊं। लेकिन आप तो मोटरसाइकिल तो लाते हैं, बढ़िया सेल्फी भी निकाल देते हैं। लेकिन आपको पता है ये राजस्थान सरकार ने आपसे रोज-रोज कैसे लूटती है। देखिए हरियाणा में भाजपा सरकार है, यूपी में भाजपा सरकार है, यहां आपके पड़ोस में भाजपा सरकार है, वहां जो एक लीटर पेट्रोल का खर्चा होता है, आपके राजस्थान में एक लीटर पर 12-13 रुपया ज्यादा मार लेने का काम गहलोत करते हैं। अगर एक दिन में दो लीटर, तीन लीटर, पांच लीटर पेट्रोल डलवाते हो तो वो आपका 25 रुपया, 50 रुपया, 100 रुपया जेब से निकाल देते हैं। आपको मैं गारंटी देता है राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही पेट्रोल-डीजल दामों की समीक्षा होगी और जनहित में फैसले भी होंगे।

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राजस्थान भाजपा ने हमारी बहनों-बेटियों को गैस सिलेंडर भी बहुत सस्ता करने की गारंटी दी है। मैं आज राजस्थान के सभी सरकारी कर्मचारियों से भी एक बात कहूंगा। यहां कांग्रेस ने आपके साथ जो विश्वासघात किया है, उसका दुख मैं समझ सकता हूं। कांग्रेस की लूट की वजह से यहां सरकारी खजाना खाली हो चुका है। महीनों-महीनों सरकारी कर्मचारियों के पैसे सरकार के पास अटके रहते हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। यहां ग्रैचुइटी और पीएफ के पैसे तक मिलना मुश्किल हो गया है। कांग्रेस ने यहां व्यवस्था में जितनी बीमारियां लगाई हैं...भाजपा हर बीमारी का इलाज करेगी।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा की केंद्र सरकार, इस क्षेत्र में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी जोर दे रही है। आपने मुझे अवसर दिया, इसलिए अमदाबाद बांसवाड़ा डूंगरपुर रेल परियोजना शुरू हुई। डूंगरपुर से नई ट्रेन चली। डूंगरपुर और बांसबाड़ा शहर में पाइप से सस्ती गैस देने का काम भी शुरु होने जा रहा है। इससे आप लोगों का जीवन आसान होगा और व्यापार-कारोबार भी बढ़ेगा।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस ने राजस्थान को अपराधों में अग्रणी बनाया। कांग्रेस ने राजस्थान को किस-किस जगह पर अग्रणी बना दिया है, आपका माथा शर्म से झुक जाएगा। कांग्रेस ने राजस्थान को दंगों में अग्रणी बना दिया। कांग्रेस ने राजस्थान को पेपरलीक में अग्रणी बना दिया। कांग्रेस ने राजस्थान में तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर अग्रणी बना दिया। ये है कांग्रेस का चेहरा, ये है कांग्रेस का चरित्र, ये है कांग्रेस के कारनामे। और हम भाजपा के लोग कीचड़ में भी कमल खिलाने वाले लोग हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, हम राजस्थान की एक ऐसी पहचान बनाएंगे। भाजपा, विकास में राजस्थान को अग्रणी बनाएगी। भाजपा, राजस्थान में महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। भाजपा, राजस्थान को पर्यटन में टॉप पर लाएगी। भाजपा, राजस्थान को स्टार्ट अप का नया हब बनाएगी। भाजपा, राजस्थान में रिकॉर्ड निवेश लाएगी। लेकिन इसके लिए 25 नवंबर को सिर्फ और सिर्फ कमल के फूल पर बटन दबना है। करेंगे काम, पक्का करेंगे। देखिए अभी-अभी दिवाली गई है। और दिवाली में ये हमारी माताएं-बहनें जो हैं न वो घर में स्पेशल सफाई अभियान करती है। हर कोने में सफाई करती है, हर कोने में। छोटा सा टीवी के पीछे भी कुछ रह न जाए, उसकी भी सफाई करती है। कोई कोना नहीं छोड़ती है। सोती नहीं, मेहनत करती है क्यों, दिवाली है। लोकतंत्र भी एक दिवाली है। अब हमें भी सफाई करनी है। हर कोने से कांग्रेस की सफाई होनी चाहिए। एक-एक पोलिंग बूथ से कांग्रेस की सफाई होनी चाहिए। करेंगे?

अच्छा अभी मैं आपको एक संकल्प बोलूंगा। और सामने आपको बोलना है- कमल चुनेगा राजस्थान। क्या बोलना है- ऐसा नहीं, मेरे बोलने के बाद बोलना है। एक स्वर से बोलिए कमल चुनेगा राजस्थान, कमल चुनेगा राजस्थान, कमल चुनेगा राजस्थान। लेकिन मेरे बोलने के बाद बोलना है। बोलोगे न, लेकिन इसके पहले एक काम करिए, अपना मोबाइल फोन निकालिए, अपना मोबाइल फोन निकालकर उसका फ्लैश चालू कीजिए, लाइट चालू कीजिए। सब अपने मोबाइल फोन का लाइट चालू कीजिए। हर कोई, हरेक के मोबाइल फोन का लाइट चालू कीजिए। शाबाश! और मेरे साथ जब मैं कहूं, बराबर मोबाइल फोन को हिलाकर बोलना होगा। आपको बोलना है - कमल चुनेगा राजस्थान।

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बहनों बेटियों का होगा मान...कमल चुनेगा राजस्थान
बहनों बेटियों का होगा मान...कमल चुनेगा राजस्थान
गरीब की चिंता, किसान का ध्यान...कमल चुनेगा राजस्थान
गरीब की चिंता, किसान का ध्यान...कमल चुनेगा राजस्थान
तुष्टिकरण का काम तमाम....कमल चुनेगा राजस्थान
तुष्टिकरण का काम तमाम....कमल चुनेगा राजस्थान
आदिवासी की बढ़ेगी शान...कमल चुनेगा राजस्थान
आदिवासी की बढ़ेगी शान...कमल चुनेगा राजस्थान
पेपर माफिया का मिटेगा नामोनिशान....कमल चुनेगा राजस्थान
पेपर माफिया का मिटेगा नामोनिशान....कमल चुनेगा राजस्थान
भ्रष्टाचार की बंद होगी दुकान....कमल चुनेगा राजस्थान
भ्रष्टाचार की बंद होगी दुकान....कमल चुनेगा राजस्थान
बोलिए भारत माता की, भारत माता की।

अच्छा ये तो काम हो गया। आप करेंगे। अब मेरा एक काम करेंगे। करेंगे, ये मेरा निजी काम है। नहीं करेंगे न। आप बोलते तो है नहीं। ये माताएं-बहनें तो बोल ही नहीं रही है। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। ये मेरा निजी काम है, करेंगे। ये चुनाव वाला काम नहीं है, करेंगे। पक्का करेंगे। देखिए घर-घर जाना है। और घर-घर जाकर के ये कहना कि अपने मोदी जी आए थे। क्या कहेंगे, क्या कहेंगे। देखिए गलती से भी ये मत कहना कि पीएम मोदी आए थे। आपके लिए मैं पीएम-फीएम कुछ नहीं हूं। मैं तो आपका भाई हूं। और इसीलिए घर-घर जाकर कहना है कि अपने मोदी जी आए थे। और मोदी ने आपको राम-राम कहा है। घर-घर जाकर मेरा राम-राम पहुंचाना है। पहुंचाओगे, घर-घर जाकर मेरा राम-राम पहुंचाओगे। देखिए जब आप हर परिवार में मेरा राम-राम पहुंचाओगे न तो हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा। और जब परिवार मुझे आशीर्वाद देता है, एक-एक परिवार आशीर्वाद देता है, तो मेरी ऊर्जा बढ़ जाती है, मेरी शक्ति बढ़ जाती है, मेरे संकल्प में एक नई ताकत भर जाती है। और इसके कारण आपकी सेवा के लिए मैं ज्यादा दौड़ता हूं, ज्यादा काम कर सकता हूं, और इसीलिए मुझे आशीर्वाद लगातार चाहिए, मिलेगा न। घर-घर जाकर बताएंगे। अगर आप मेरा राम-राम पहुंचाओगे न आशीर्वाद मुझे पक्का मिलेगा।

बोलिए भारत माता की। भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • Reena chaurasia August 29, 2024

    मोदी
  • Reena chaurasia August 29, 2024

    बीजेपी
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Khushi Kar March 23, 2024

    Joy Sri ram 🙏
  • Sunita devi March 20, 2024

    जय श्री राम
  • Chetna gupta March 19, 2024

    (Rajasthan) गुर्जर जाति के प्रत्याशी चुने जाने पर पार्टी की हार टोंक सवाईमाधोपुर लोक सभा क्षेत्र से लगभग तय है । पार्टी ने यहाँ हाल ही में विधानसभा की 2 सीटें केवल गुर्जर प्रत्याशी के कारण गंवानी पड़ी है जिनमे एक श्री विजय वैसला जो स्वर्गीय श्री कर्नल किरोड़ी वैसला के सुपुत्र हैं दूसरा मानसिंह गुर्जर जो 3 बार गंगापुर सिटी विधान सभा हार गये हैं । इसका मूल कारण यहाँ के सभी वर्गों में इस जाति का अति आतंक है चोरी , दबंगई , जबरन कब्जा से लोग त्रस्त हैं कोई भी वर्ग इस जाति के प्रत्याशी को पसंद नहीं करता यहाँ तक वो विरुद्ध में मीना प्रत्याशी खड़ा हुआ हो तो न चाहते हुए उसे वोट कर देते हैं जैसा यहाँ होता रहा है । टोंक सवाईमाधोपुर लोक सभा क्षेत्र से पार्टी सीट सुनिश्चित जीत सकती है यदि पार्टी गुर्जर प्रत्याशी के स्थान पर किसी अन्य का चयन करे । कांग्रेस से हरीश मीना प्रत्याशी हैं गुर्जर जाति कभी मीना जाति के प्रत्याशी को वोट नहीं करेगी । गुर्जर मीना जाति में कर्नल वैसला के आंदोलन के पश्चात एक दूसरे के विरुद्ध गहरी खाई है ये स्वाभाविक रूप से एक दूसरे के विरुद्ध वोट करते हैं परंतु गुर्जर प्रत्याशी होने पर अन्य जातियाँ मीना जाती को वोट कर देती हैं स्वयं कर्नल वैसला इस लोकसभा क्षेत्र से केवल इसी वजह हार गये । निष्कर्ष : मीना जाती का कांग्रेस प्रत्याशी है पार्टी के लिए इस सीट को जीतने के लिए गुर्जर और मीना के अलावा किसी प्रत्याशी का चयन करना पार्टी हित में होगा।
  • Sudeep Theril March 19, 2024

    Jai Sri Ram
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৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

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"Huge opportunity": Japan delegation meets PM Modi, expressing their eagerness to invest in India
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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।