Didi, people say you play a lot of football. You've already scored an own goal in football of politics, says PM Modi in Cooch Behar
Didi, the day you did 'khela' at the polling booth in Nandigram, the same day the country knew that you have lost the elections: PM Modi
I want to tell the people that I'll return your love with interest in the form of development, says PM Modi

भारत माता की... जय !
भारत माता की... जय !
मेरी एक प्रार्थना है। आप सुनेंगे? मेरी एक रिक्वेस्ट है- सुनेंगे? देखिए, आपलोगों का प्यार इतना है, आपलोगों के आशीर्वाद इतने हैं कि इतना बड़ा यह मैदान भी छोटा पड़ गया है। यह मैदान छोटा पड़ गया। आप जहां हैं, वहीं खड़े रहिए। आगे आने की कोशिश मत कीजिए। तो मेरी बात मानेंगे आपलोग…? पक्का मानेंगे...?
भारत माता की... जय!
भारत माता की... जय!
नमोष्कार !
सकल कूचबिहार वासीदेर आमार सादर प्रणाम।
दंडबल सोगाके !

आज से ठीक दो वर्ष पूर्व भी, आज 6 अप्रैल के दिन मैं कूच बिहार में ही था। और इसी मैदान में था। और उस समय यहां बीच में, यहां एक बड़ा मंच लगा दिया था टीएमसी वालों ने, ताकि मोदी की सभा छोटी हो। लोगों को आने नहीं दिया था। और उस दिन मैंने इसी मंच पर से कहा था- ये जो मंच बना है, वह टीएमसी के पतन का स्मारक है। कहा था कि नहीं कहा था- याद है आपलोगों को? आज मंच कहीं नजर आ रहा है? टीएमसी कहीं नजर आ रही है? ये आपकी ताकत, ये आपका प्यार और ये आपके आशीर्वाद के कारण हुआ है?

भाइयो-बहनो,
बाणेश्वर शिव मंदिर, कामतेश्वरी मंदिर, मदन मोहन मंदिर, आस्था के ऐसे अनेक स्थानों की इस धरती पर आकर हर किसी के मन को बहुत शांति मिलती है। महाराजा नर नारायण, बीर चिल्ला रॉय के शौर्य, ठाकुर मदन मोहन जी और ठाकुर पंचानन बर्मा जैसी महान सपूतों के योगदान से ये भूमि समृद्ध हुई है। आज तो ऐसे अवसर पर कूच बिहार आया हूं, जब बीजेपी अपना स्थापना दिवस मना रही है। बंगाल की इस धरती ने बीजेपी को विचार दिए हैं, संस्कार दिए हैं, बीजेपी को निरंतर ऊर्जा दी है। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिन्होंने हमारे लिए राजनीतिक रास्ता तय किया, जिन्होंने हम जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं को आदर्शों को लेकर राजनीतिक में जीने का, जनता के लिए जूझने का, और शरीर का कण-कण, समय का पल-पल जनता की सेवा में लगाए रखने की हमें प्रेरणा दी, ऐसे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बहुत महत्वपूर्ण बात कही थी। इसी बंगाल के सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बहुत महत्वपूर्ण बात कही थी। उन्होंने कहा था- भारत का यश, भारत की आध्यात्मिक महानता, भारत का सत्य और आत्मा के विचार, भारत में पनपी मानवता की सेवा की भावना, और भारत के जन-जन का सर्वोच्च शक्ति की विराटता में विश्वास से आगे बढ़ने का, चार बहुत महत्वपूर्ण बातें जो देश को बहुत आगे ले जाएगी। आज इसी प्रेरणा से देश की कोटि-कोटि जनता देश का यश बढ़ा रही है, देश को आत्मनिर्भर बना रही है। देश के इस संकल्प की सिद्धि में भाजपा भी दिन-रात जुटी हुई है। एक-एक कार्यकर्ता लगा हुआ है।

भाइयो-बहनो,
मुझे आने में देरी हुई, देरी इसलिए नहीं हुई कि मेरा हेलिकॉप्टर लेट हुआ था। हेलिकॉप्टर से यहां आने तक रास्ते के दोनों तरफ ह्यूमन चेन नहीं, ह्यूमन वॉल था। जितने लोग यहां हैं, उससे ज्यादा लोग पूरे रास्ते भर में हैं, उसमें भी माताएं-बहनें इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद दे रही थीं।

भाइयो-बहनो,
2 मई को, जब चुनाव के नतीजे आएंगे, 2 मई को बंगाल में बीजेपी सरकार बनने के बाद, यहां भी विकास का, प्रगति का अभियान और तेज किया जाएगा। बीते 2 चरणों के मतदान में दीदी का जाना तय हो चुका है। पिछले 2 चरणों में बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर निकले हैं, लंबी-लंबी लाइनें लगाकर बीजेपी के पक्ष में वोट दिया है। आज भी बहुत अच्छी वोटिंग की खबरें आ रही हैं। बंगाल में बीजेपी की ऐसी लहर चल रही है, जिसने दीदी के गुंडों, दीदी के भय को किनारे लगा दिया है।

साथियो,
मैंने सुना कि दीदी इन दिनों एक सवाल पूछ रही हैं, आपने भी सुना होगा, दीदी एक सवाल पूछ रही हैं कि क्या बीजेपी भगवान है, जो उसे पता चल गया है कि पहले दो चरणों में बीजेपी को बड़ी जीत मिल रही है।

आदरणीय दीदी, ओ दीदी,
हम तो मामूली इंसान हैं, और ईश्वर की आज्ञा से, ईश्वर के आशीर्वाद से देशसेवा में लगे हैं।

दोस्तो, आपका प्यार मेरे सिर-आंखों पर। मैं आपके इस प्यार को कभी भूल नहीं पाऊंगा दोस्तो, आपके आशीर्वाद मेरे लिए बहुत बड़ी ताकत हैं। ये जो आप प्यार दे रहे हैं न, 2 मई के बाद बीजेपी सरकार बनने के बाद, मैं ये प्यार ब्याज समेत इस इलाके का विकास करके लौटाऊंगा। ये आपका प्यार कभी बेकार नहीं जाने दूंगा।

भारत माता की….जय

देखिए, दीदी पूछ रही हैं, हम भगवान हैं क्या, हमें विजय का कैसे पता चल गया। लेकिन दीदी, ओ दीदी… चुनाव में कौन हार रहा है, कौन जीत रहा है, ये पता करने के लिए भगवान को कष्ट देने की जरूरत नहीं है। ये जो जनता-जनार्दन हैं न, वही भगवान का रूप होती है। अरे, जनता-जनार्दन का चेहरा देख करके पता चलता है कि हवा का रुख क्या है, यही तो ईश्वर का अवतार हैं। और दूसरा दीदी, आदरणीय दीदी, दूसरी बात जो है कि चुनाव नतीजों का पता कैसे चलता है, अनुमान कैसे लगता है! एक तो, आपका गुस्सा, आपकी नाराजगी, आपका व्यवहार, आपकी वाणी इन सबको देखकर, एक बच्चा भी बता सकता है कि दीदी, टीएमसी…. आप चुनाव हार चुकी हैं, दीदी, आप मैदान छोड़ चुकी हैं। रोज, आप सुनिए… रोज आपको कहना पड़ रहा है कि आप नंदीग्राम जीत रही हैं।

आदरणीय दीदी, ओ दीदी,
जिस दिन, आपने चुनाव के दिन, पोलिंग चल रहा था, नंदीग्राम में पोलिंग बूथ में जो खेला किया, जो बातें कहीं, उसी दिन पूरे देश ने मान लिया था कि आप हार गई हैं। इसके लिए, भगवान से पूछने की जरूरत नहीं है दीदी। जब आपकी पार्टी ये घोषणा कर देती है कि दीदी अब बनारस से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, तो कोई भी समझदार व्यक्ति बड़ी आसानी से समझ सकता है कि टीएमसी का सूपड़ा साफ होने जा रहा है। बंगाल में अब टीएमसी नहीं बच सकती है। दीदी को राजनीति करनी होगी तो बंगाल के बाहर जाना पड़ेगा। ये आपकी पार्टी बोल रही है। क्या ये सुनने के बाद भगवान को तकलीफ देने की जरूरत है क्या? भगवान को पूछने की जरूरत है क्या। आपको भी समझ आता है कि नहीं आता है? आपको भी पता चलता है कि नहीं चलता है कि दीदी हार रही है? आप बताइए, आपको लगता है कि नहीं लगता है।

आदरणीय दीदी, ओ दीदी,
अभी हाल ही में आपने कहा, देखिए महत्वपूर्ण बात है, आपने हाल ही में आपने कहा कि सभी मुसलमान एक हो जाओ, वोट बंटने मत दो। दीदी, आप ये कह रही हैं, इसका मतलब है कि आपको यकीन हो गया है कि मुस्लिम वोटबैंक की, आपकी जो ताकत आप मानती थीं, वो मुस्लिम वोटबैंक भी आपके हाथ से निकल गया है, मुस्लिम भी आपसे दूर हो गए हैं। आपको पब्लिकली ऐसा कहना पड़ रहा है, इसी से पता चलता है कि आप इलेक्शन हार गई हैं।

आदरणीय दीदी, ओ दीदी,
आप वैसे तो चुनाव आयोग को गालियां देती रहती हैं, सुबह-शाम एक ही बात करती रहती हैं, लेकिन जो बात आप बोल रही हैं... अगर हमने कहा होता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, बीजेपी को वोट दो, तो दीदी, हमें इलेक्शन कमीशन 8-10 नोटिस भेज देता, प्रधानमंत्री को भी नोटिस आती, अध्यक्ष को भी आती, उम्मीदवार को भी आती, अरे इतना ही नहीं सारे अखबार देश के पहले पेज भरे पड़े होते और दुनिया भर के एडिटोरियल लिखकर के हमारे बाल नोच लिए होते।

दीदी,
मुझे पता नहीं कि आपको चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है या नहीं, लेकिन आपकी ये बात साफ बताती है कि आप जिनके भरोसे चुनाव के मैदान में थीं, वे भी अब आप से (दूर) चले गए है। और आप पब्लिकली उनको कह रही हैं, मुसलमानों एक हो जाओ, मुसलमानों एक हो जाओ, मुसलमानों एक हो जाओ, मुझे बचाओ, मुझे बचाओ, मुझे बचाओ, ये दीदी बोल रही है। दीदी, इसका मतलब ही ये होता है कि आप चुनाव हार रही हैं।

दीदी,
जिस चुनाव आयोग ने 2 बार चुनाव करा के आपको मुख्यमंत्री बनाया, आज आपको उस चुनाव आयोग से ही दिक्कत होने लग गई। ये दिखाता है कि आप चुनाव हार चुकी हैं। जिस EVM ने वाम के शासन को उखाड़ फेंकने में आपकी मदद की, बंगाल के नागरिकों की इच्छा का आदर ईवीएम मशीन खुद करता है। एक-एक नागरिक की इच्छा ईवीएम में कैद होती है, आज आपको उस ईवीएम से भी समस्या होने लग गई। जब आप ईवीएम को गाली देती हो, आप इलेक्शन कमीशन को गाली देती हो, तब तो मामला पक्का है कि आपका खेला शेष है। ये दिखाता है कि आप चुनाव हार चुकी हैं। जिस केंद्रीय वाहनी की मांग आप खुद करती थीं, मांग करती थी कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथ में ही चुनाव होना चााहिए। दीदी, आप आज उन पर भी गुस्सा कर रही हैं। उनको बदनाम करने की भाषा बोल रही हैं, षड़यंत्र कर रही हो, ये दिखाता है कि आप चुनाव हार चुकी हैं।

दीदी,
आप एक राज्य की सीएम हैं, दो फेज का मतदान हो चुका है, बहुत शांतिपूर्वक मतदान हुआ, करीब 80 पर्सेंट से ज्यादा वोट पड़े... मैं भी गुजरात में मुख्यमंत्री था, इतना अगर वोटिंग होता है, शांतिपूर्ण होता है, तो सीएम के नाते मैं गर्व से कहता हूं कि देखिए, मेरे राज्य में शांतिपूर्ण मतदान हुआ, मेरे राज्य में इतना ज्यादा मतदान हुआ। मैं गर्व करता था। दीदी यहां शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है, 80 पर्सेंट से ज्यादा लोग मतदान करने जा रहे हैं और आप परेशान हैं, आप गर्व नहीं कर रही हैं। यही बताता है दीदी कि आप चुनाव हार रही हैं।

साथियो,
बीजेपी की रैली में भारी संख्या में लोग आ रहे हैं, दिखता है साफ, बहन-बेटियां आ रही हैं, लेकिन दीदी कहती हैं, ये जो लोग आए हैं न, वो पैसे लेकर यहां आते हैं। मुझे बताइए भाई, क्या आप पैसे लेकर यहां आए हैं क्या, जोर से बोलिए, पैसे लेकर आए हैं। क्या पैसे मिलने वाले हैं, इसलिए आए हैं क्या, ये दीदी आप पर झूठा आरोप लगाती हैं कि नहीं लगाती हैं, ये दीदी आपको बदनाम कर रही हैं कि नहीं कर रही हैं, दीदी ने आपका अपमान किया है कि नहीं किया है, दीदी को सजा दोगे कि नहीं दोगे, इस चुनाव में जबर्दस्त सजा दोगे के नहीं दोगे। कमल के निशान पर बटन दबाकर सजा दोगे कि नहीं दोगे। भाइयो-बहनो, बंगाल की ईमानदार जनता पर दीदी का ये संगीन आरोप इस बात की गवाही है कि आप चुनाव हार चुकी हैं। दीदी को तिलक लगाने वालों से दिक्कत है, भगवा वस्त्र धारण करने वालों से समस्या है। ये दिखाता है दीदी... जमीन खिसक चुकी है। आपका हारना तय है दीदी।

दीदी,
लोग कहते हैं कि आप फुटबॉल बहुत खेलती हैं। दीदी हमने सुना है, फुटबॉल में एक होता है Own Goal...आप चुनाव के मैदान में सेल्फ गोल कर चुकी हैं। आपने खुद ही अपनी सच्चाई स्वीकार कर ली है। भाइयो-बहनो, टीचरों की भर्ती हो या फिर लोगों के काम, आपने सिर्फ तुष्टिकरण किया। बंगाल के सामान्य लोगों को, बंगाल के नौजवानों, यहां के किसानों को आपने अपने हाल पर छोड़ दिया।

10 साल तक आपके तोलाबाज बंगाल को लूटते रहे, आदरणीय दीदी, आप देखती रहीं।
10 साल उत्तर बंगाल के साथ अन्याय हुआ, आदरणीय दीदी, आप देखती रहीं।
10 साल यहां जब भी रक्त बहा, मां-बहनों के आंसू बहे, आदरणीय दीदी आप देखती रहीं।
10 साल दलित, वंचित, पिछड़ों, आदिवासियों, टी गार्डन मजदूरों के साथ धोखा हुआ, दीदी देखती रहीं। आंखें बंद करके बैठी रहीं।
10 साल कृषक सिंचाई और भंडारण की सुविधाओं से वंचित रहे, ‘फोडे राज’ से परेशान रहा, दीदी, आप देखती रहीं।
TMC के कार्यकर्ता, नेता, मंत्री खेला करते रहे और दीदी देखती रहीं।
10 साल तस्करी और घुसपैठ होती रही, दीदी देखती रहीं।
(देखिए, मेरे साथ जो डॉक्टर हैं, देखिए माता जी को पानी दीजिए, उनकी चिंता कीजिए। पानी दीजिए उनको। मेरी टीम के डॉक्टर वहां पहुंचे तुरंत।)
10 साल अवैध खनन, तस्करी, ड्रग्स का सिंडिकेट फला-फूला और दीदी देखती रहीं।

साथियो,
अभी हाल ही में जो टेप आया है, उसमें कई बातचीत ऐसी उजागर हुई हैं, दीदी के 10 साल का पूरा रिपोर्ट कार्ड दे रही हैं। दीदी, आपने बंगाल में एक नया टैक्स शुरू कर दिया- भाइपो सर्विस टैक्स, भाइपो सर्विस टैक्स। गरीब मां-बहन ने मेहनत का एक-एक टका जोड़ा, वो भाइपो सर्विस टैक्स में चला गया! बंगाल का युवा एक-एक टका के लिए तरस रहा है और वहां 35-40 करोड़... 35-40 करोड़ एक महीने में आ रहा है! इसी वजह से आज बंगाल के कोने-कोने से आवाज आ रही है- चलो पलटाई, चलो पलटाई!

जोर से बोलिए, चलो पालटाई...चलो पालटाई...
हमारे साथ, जब भी मैं कहूंगा बोलते चलिए...
मित्थार खेला शेष कोरते, चलो पलटाई चलो पालटाई !
मित्थार खेला शेष कोरते... चलो पलटाई चलो पालटाई !
कटमनीर खैला के दाओ बिदाई... चलो पलटाई चलो पालटाई !
हिंसा राजनीति के दाओ बिदाई... चलो पलटाई चलो पालटाई !
मोहिला सुरोक्खा बारानोर जोन्नो...चलो पलटाई चलो पालटाई !
हारानो गौरब फेरानोर जोन्नो... चलो पलटाई चलो पालटाई !
सौबाई मिली भाई-भाई... चलो पलटाई चलो पालटाई !
तृणमूल के दाओ बिदाई... चलो पलटाई, चलो पालटाई !
तृणमूल के दाओ बिदाई... चलो पलटाई, चलो पालटाई !

भाइयो और बहनो,
पश्चिम बंगाल में डबल इंजन की सरकार के अभाव से कितनी परेशानी हो रही है, ये कूच बिहार से बेहतर कौन समझ सकता है। यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है, लेकिन दीदी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। दीदी तो केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं पर भी ब्रेक लगा देती हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में लगभग पौने 2 करोड़ से ज्यादा गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। लेकिन, दीदी की दुर्नीति के कारण इसका लाभ यहां के एक भी गरीब को नहीं मिला।

भाइयो और बहनो,
केंद्र सरकार हर घर, हर खेत को पर्याप्त पानी देने के लिए निरंतर कोशिश कर रही है। लेकिन, दीदी की सरकार ने केंद्र की कृषि सिंचाई योजना को यहां ठीक से लागू नहीं होने दिया। साथियो, हमारी बहनों का बहुत बड़ा समय पानी के इंतजाम में लग जाता है, गंदे पानी से बच्चे बीमार होते हैं। लेकिन दीदी ने क्या किया? केंद्र सरकार ने हर घर पाइप से जल पहुंचाने की एक बहुत बड़ी योजना पूरे देश में शुरू की। अभी तक देशभर में 4 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। लेकिन, पश्चिम बंगाल में नल से पानी पहुंचाने के लिए जो करोड़ों रुपए भेजे थे, वो भी दीदी तिजोरी में रखकर बैठ गईं।

साथियो,

मैं आपको आश्वस्त करता हूं, कि बंगाल में बीजेपी सरकार बनते ही पानी की समस्या को दूर करने के लिए, हर घर पाइप से जल पहुंचाने के लिए, डबल ताकत से काम किया जाएगा। यहां के कृषक परिवारों के लिए, विशेष रूप से छोटे कृषकों को तो डबल इंजन की सरकार से बहुत लाभ होने वाला है। देशभर में भंडारण से जुड़ा, कोल्ड स्टोरेज से जुड़ा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड केंद्र सरकार ने बनाया है। नए कृषि कानूनों से भी भंडारण, कोल्ड स्टोरेज और कृषि आधारित शिल्प के लिए बहुत प्रोत्साहन मिलने वाला है। आलू सहित हर प्रकार के फल सब्जी से जुड़े कृषकों को जब कोल्ड स्टोरेज मिलेगा, प्रोसेसिंग उद्योग निकट ही मिलेंगे, तो इससे बहुत बड़ा लाभ मेरे कृषक भाइयों को होगा। जूट किसानों के लिए MSP में केंद्र सरकार पहले ही कई गुणा बढ़ोतरी कर चुकी है। यहां जूट की अलग-अलग पैकेजिंग से जुड़े उद्यम लगें, सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी बहनों को इससे जोड़ा जा सके, इसको प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के सभी कृषक परिवारों को पहली कैबिनेट बैठक में ही, और मैं आपसे कहूंगा हर किसान के घर तक मेरी ये बात पहुंचानी है, पहुंचाएंगे? गांव-गांव जाकर पहुंचाएंगे? हरेक किसान के घर जाकर बताएंगे? तो मैं बताता हूं, क्या बताना है। 2 मई के बाद बीजेपी की सरकार बनेगी और पहली कैबिनेट में जो काम हम करने वाले हैं, वो आप किसानों के घर-घर जाकर बताइए। पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ हर किसान को मिल जाएगा। बंगाल की बीजेपी सरकार की कोशिश होगी कि हर किसान के खाते में, ये बात पहुंचाइए, जल्द से जल्द 18 हजार रुपए सीधे किसान के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे। ये किसानों को जाकर बताइए, दोस्तो। चाय बागान में काम करने वाले श्रमिको के लिए इस बजट में एक हजार करोड़ रुपए की विशेष योजना का भी ऐलान किया गया है। इसका लाभ इस क्षेत्र के भाइयों और बहनों को मिलेगा।
आप इतना प्यार कर रहे हैं, इतना प्यार कर रहे हैं कि यहां से जाने का मन ही नहीं करेगा...

साथियो,

मुझे कुछ लोगों ने बताया कि दीदी आजकल लोगों को धमकी दे रही हैं। और दीदी के यहां से धमकी आ रही है कि वो जीतकर नहीं आएंगी तो सारी सुविधाएं बंद हो जाएंगी! आपनारा कि एटा बिस्सास कोरेन? बिस्सास कोरेन? बिस्सास कोरेन?

एटी संपूर्ण मित्था!
असत्य कथा !
जनमानुष के विभ्रांत कोरार व्यर्थ चेष्टा आर सफल होबे ना !
बांग्लार मानुष भूल बुझानेर चेष्टा धोरे फेलेछे !
किछुई बंद होबे ना !
आप लिखके रखिए, किछुई बंद होबे ना !
भाजपा सरकार सबार जन्यो सामाजिक सुरक्षा, मासिक भाता, शिक्खा, स्वास्थ्य, खाद्य, मां बोनेदेर आर्थिक सूविधा, कृषकदेर सूविधा दिते थाकबे!
टाकार परिमाण एखोन थेके अनेक टाई बाड़बे !
हां, हां, थाकबे ना,
कट मनी
तोलाबाजी,
दुर्नीति
सिंडिकेट,
राजनैतिक वंचना!


भाइयो और बहनो,
ये पूरा क्षेत्र प्राकृतिक रूप से, ऐतिहासिक रुप से बहुत समृद्ध है। यहां हमारी समृद्ध धरोहर है। भवइया गान जैसे अनेक पारंपरिक संगीत, नृत्य और साहित्य से ये क्षेत्र समृद्ध है। कूच बिहार पैलेस सहित, यहां अनेक मंदिरों की आस्था है, आकर्षण है। जो टूरिज्म, जो धरोहर यहां की असली ताकत है, उसी की दीदी की सरकार ने उपेक्षा की है। ठाकुर पंचानन जी के घर को सहेजने के बजाय टीएमसी सरकार ने जर्जर होने को छोड़ दिया। उनके म्यूजियम की क्या स्थिति है, ये आप भलीभांति, अच्छे से जानते हैं। जब दीदी की सरकार द्वारा हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स को रोका जाएगा, जब उनमें अड़ंगे लगाए जाएंगे, तो टूरिज्म कैसे बढ़ पाएगा? दीदी की सरकार की बेरुखी का सीधा नुकसान यहां के युवाओं को हुआ है, नौजवानों को हुआ है। जिनको यहां टूरिज्म के सेक्टर में बिजनेस मिल सकता था, चाकरी मिल सकती थी, वो पलायन के लिए मजबूर हैं। 2 मई के बाद, डबल इंजन सरकार यहां हर प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर के सामने की रुकावटों को दूर करेगी।

साथियो,
यहां स्थानीय गौरव को मजबूत करने के लिए बंगाल बीजेपी ने अनेक संकल्पों को पूरा करने का प्रण लिया है। आप लोगों की बरसों पुरानी मांगों पर बंगाल की बीजेपी सरकार तेजी से काम करेगी। जिस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दीदी की सरकार ने रोक रखा है, वो भी यहां लागू की जाएगी। इस नीति के बाद स्थानीय भाषा में पढ़ाई और आसान हो जाएगी। इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के युवाओं को मिलेगा। नारायणी सेना बटालियन को लेकर जो भ्रम टीएमसी फैला रही है, वो भी 2 मई के बाद दूर हो जाएगी। अब बस कुछ ही दिनों की बात है। अब तुष्टिकरण और भेदभाव नहीं, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास मिलेगा।
आपको बस एक ही बात ध्यान रखनी है,
लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी- पोद्दे छाप, तृणमूल साफ!
पोद्दे छाप... तृणमूल साफ !
पोद्दे छाप... तृणमूल साफ !
आप घर-घर जाएंगे…? ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे...? पूरे राज्य में एक नंबर का मतदान आपका होगा... ? पूरी ताकत से होगा... ? लोगों को घर से ले जाएंगे... ? लोगों को समझाएंगे... ? दीदी के गुंडे आ जाएं, तो भी जाएंगे... ? पक्का जाएंगे... ?
मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए...
भारत माता की... जय !
भारत माता की... जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद दोस्तो !

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December 21, 2025
Assam has picked up a new momentum of development: PM
Our government is placing farmers' welfare at the centre of all its efforts: PM
Initiatives like PM Dhan Dhanya Krishi Yojana and the Dalhan Atmanirbharta Mission are launched to promote farming and support farmers: PM
Guided by the vision of Sabka Saath, Sabka Vikas, our efforts have transformed the lives of poor: PM

उज्जनिर रायज केने आसे? आपुनालुकोलोई मुर अंतोरिक मोरोम आरु स्रद्धा जासिसु।

असम के गवर्नर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा जी, केंद्र में मेरे सहयोगी और यहीं के आपके प्रतिनिधि, असम के पूर्व मुख्यमंत्री, सर्बानंद सोनोवाल जी, असम सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य महानुभाव, और विशाल संख्या में आए हुए, हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हुए, मेरे सभी भाइयों और बहनों, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे ज्यादा मुझे वहां बाहर दिखते हैं।

सौलुंग सुकाफा और महावीर लसित बोरफुकन जैसे वीरों की ये धरती, भीमबर देउरी, शहीद कुसल कुवर, मोरान राजा बोडौसा, मालती मेम, इंदिरा मिरी, स्वर्गदेव सर्वानंद सिंह और वीरांगना सती साध`नी की ये भूमि, मैं उजनी असम की इस महान मिट्टी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ।

साथियों,

मैं देख रहा हूँ, सामने दूर-दूर तक आप सब इतनी बड़ी संख्या में अपना उत्साह, अपना उमंग, अपना स्नेह बरसा रहे हैं। और खासकर, मेरी माताएँ बहनें, इतनी विशाल संख्या में आप जो प्यार और आशीर्वाद लेकर आईं हैं, ये हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, सबसे बड़ी ऊर्जा है, एक अद्भुत अनुभूति है। मेरी बहुत सी बहनें असम के चाय बगानों की खुशबू लेकर यहां उपस्थित हैं। चाय की ये खुशबू मेरे और असम के रिश्तों में एक अलग ही ऐहसास पैदा करती है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ। इस स्नेह और प्यार के लिए मैं हृदय से आप सबका आभार करता हूँ।

साथियों,

आज असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए बहुत बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रुगढ़ को लंबे समय से जिसका इंतज़ार था, वो सपना भी आज पूरा हो रहा है, आज इस पूरे इलाके में औद्योगिक प्रगति का नया अध्याय शुरू हो रहा है। अभी थोड़ी देर पहले मैंने यहां अमोनिया–यूरिया फर्टिलाइज़र प्लांट का भूमि पूजन किया है। डिब्रुगढ़ आने से पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक टर्मिनल का उद्घाटन भी हुआ है। आज हर कोई कह रहा है, असम विकास की एक नई रफ्तार पकड़ चुका है। मैं आपको बताना चाहता हूँ, अभी आप जो देख रहे हैं, जो अनुभव कर रहे हैं, ये तो एक शुरुआत है। हमें तो असम को बहुत आगे लेकर के जाना है, आप सबको साथ लेकर के आगे बढ़ना है। असम की जो ताकत और असम की भूमिका ओहोम साम्राज्य के दौर में थी, विकसित भारत में असम वैसी ही ताकतवर भूमि बनाएंगे। नए उद्योगों की शुरुआत, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, Semiconductors, उसकी manufacturing, कृषि के क्षेत्र में नए अवसर, टी-गार्डेन्स और उनके वर्कर्स की उन्नति, पर्यटन में बढ़ती संभावनाएं, असम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं आप सभी को और देश के सभी किसान भाई-बहनों को इस आधुनिक फर्टिलाइज़र प्लांट के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं आपको गुवाहटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के लिए भी बधाई देता हूँ। बीजेपी की डबल इंजन सरकार में, उद्योग और कनेक्टिविटी की ये जुगलबंदी, असम के सपनों को पूरा कर रही है, और साथ ही हमारे युवाओं को नए सपने देखने का हौसला भी दे रही है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में देश के किसानों की, यहां के अन्नदाताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए हमारी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए दिन-रात काम कर रही है। यहां आप सभी को किसान हितैषी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कृषि कल्याण की योजनाओं के बीच, ये भी जरूरी है कि हमारे किसानों को खाद की निरंतर सप्लाई मिलती रहे। आने वाले समय में ये यूरिया कारख़ाना यह सुनिश्चित करेगा। इस फर्टिलाइज़र प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यहां हर साल 12 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद बनेगी। जब उत्पादन यहीं होगा, तो सप्लाई तेज होगी। लॉजिस्टिक खर्च घटेगा।

साथियों,

नामरूप की ये यूनिट रोजगार-स्वरोजगार के हजारों नए अवसर भी बनाएगी। प्लांट के शुरू होते ही अनेकों लोगों को यहीं पर स्थायी नौकरी भी मिलेगी। इसके अलावा जो काम प्लांट के साथ जुड़ा होता है, मरम्मत हो, सप्लाई हो, कंस्ट्रक्शन का बहुत बड़ी मात्रा में काम होगा, यानी अनेक काम होते हैं, इन सबमें भी यहां के स्थानीय लोगों को और खासकर के मेरे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

लेकिन भाइयों बहनों,

आप सोचिए, किसानों के कल्याण के लिए काम बीजेपी सरकार आने के बाद ही क्यों हो रहा है? हमारा नामरूप तो दशकों से खाद उत्पादन का केंद्र था। एक समय था, जब यहां बनी खाद से नॉर्थ ईस्ट के खेतों को ताकत मिलती थी। किसानों की फसलों को सहारा मिलता था। जब देश के कई हिस्सों में खाद की आपूर्ति चुनौती बनी, तब भी नामरूप किसानों के लिए उम्मीद बना रहा। लेकिन, पुराने कारखानों की टेक्नालजी समय के साथ पुरानी होती गई, और काँग्रेस की सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा ये हुआ कि, नामरूप प्लांट की कई यूनिट्स इसी वजह से बंद होती गईं। पूरे नॉर्थ ईस्ट के किसान परेशान होते रहे, देश के किसानों को भी तकलीफ हुई, उनकी आमदनी पर चोट पड़ती रही, खेती में तकलीफ़ें बढ़ती गईं, लेकिन, काँग्रेस वालों ने इस समस्या का कोई हल ही नहीं निकाला, वो अपनी मस्ती में ही रहे। आज हमारी डबल इंजन सरकार, काँग्रेस द्वारा पैदा की गई उन समस्याओं का समाधान भी कर रही है।

साथियों,

असम की तरह ही, देश के दूसरे राज्यों में भी खाद की कितनी ही फ़ैक्टरियां बंद हो गईं थीं। आप याद करिए, तब किसानों के क्या हालात थे? यूरिया के लिए किसानों को लाइनों में लगना पड़ता था। यूरिया की दुकानों पर पुलिस लगानी पड़ती थी। पुलिस किसानों पर लाठी बरसाती थी।

भाइयों बहनों,

काँग्रेस ने जिन हालातों को बिगाड़ा था, हमारी सरकार उन्हें सुधारने के लिए एडी-चोटी की ताकत लगा रही है। और इन्होंने इतना बुरा किया,इतना बुरा किया कि, 11 साल से मेहनत करने के बाद भी, अभी मुझे और बहुत कुछ करना बाकी है। काँग्रेस के दौर में फर्टिलाइज़र्स फ़ैक्टरियां बंद होती थीं। जबकि हमारी सरकार ने गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी, रामागुंडम जैसे अनेक प्लांट्स शुरू किए हैं। इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आज इसी का नतीजा है, हम यूरिया के क्षेत्र में आने वाले कुछ समय में आत्मनिर्भर हो सके, उस दिशा में मजबूती से कदम रख रहे हैं।

साथियों,

2014 में देश में सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का ही उत्पादन होता था। आपको आंकड़ा याद रहेगा? आंकड़ा याद रहेगा? मैं आपने मुझे काम दिया 10-11 साल पहले, तब उत्पादन होता था 225 लाख मीट्रिक टन। ये आंकड़ा याद रखिए। पिछले 10-11 साल की मेहनत में हमने उत्पादन बढ़ाकर के करीब 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। लेकिन हमें यहां रूकना नहीं है, क्योंकि अभी भी बहुत करने की जरूरत है। जो काम उनको उस समय करना था, नहीं किया, और इसलिए मुझे थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ रही है। और अभी हमें हर साल करीब 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत पड़ती है। हम 306 पर पहुंचे हैं, 70-80 और करना है। लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं, हम जिस प्रकार से मेहनत कर रहे हैं, जिस प्रकार से योजना बना रहे हैं और जिस प्रकार से मेरे किसान भाई-बहन हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, हम हो सके उतना जल्दी इस गैप को भरने में कोई कमी नहीं रखेंगे।

और भाइयों और बहनों,

मैं आपको एक और बात बताना चाहता हूं, आपके हितों को लेकर हमारी सरकार बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो यूरिया हमें महंगे दामों पर विदेशों से मंगाना पड़ता है, हम उसकी भी चोट अपने किसानों पर नहीं पड़ने देते। बीजेपी सरकार सब्सिडी देकर वो भार सरकार खुद उठाती है। भारत के किसानों को सिर्फ 300 रुपए में यूरिया की बोरी मिलती है, उस एक बोरी के बदले भारत सरकार को दूसरे देशों को, जहां से हम बोरी लाते हैं, करीब-करीब 3 हजार रुपए देने पड़ते हैं। अब आप सोचिए, हम लाते हैं 3000 में, और देते हैं 300 में। यह सारा बोझ देश के किसानों पर हम नहीं पड़ने देते। ये सारा बोझ सरकार खुद भरती है। ताकि मेरे देश के किसान भाई बहनों पर बोझ ना आए। लेकिन मैं किसान भाई बहनों को भी कहूंगा, कि आपको भी मेरी मदद करनी होगी और वह मेरी मदद है इतना ही नहीं, मेरे किसान भाई-बहन आपकी भी मदद है, और वो है यह धरती माता को बचाना। हम धरती माता को अगर नहीं बचाएंगे तो यूरिया की कितने ही थैले डाल दें, यह धरती मां हमें कुछ नहीं देगी और इसलिए जैसे शरीर में बीमारी हो जाए, तो दवाई भी हिसाब से लेनी पड़ती है, दो गोली की जरूरत है, चार गोली खा लें, तो शरीर को फायदा नहीं नुकसान हो जाता है। वैसा ही इस धरती मां को भी अगर हम जरूरत से ज्यादा पड़ोस वाला ज्यादा बोरी डालता है, इसलिए मैं भी बोरी डाल दूं। इस प्रकार से अगर करते रहेंगे तो यह धरती मां हमसे रूठ जाएगी। यूरिया खिला खिलाकर के हमें धरती माता को मारने का कोई हक नहीं है। यह हमारी मां है, हमें उस मां को भी बचाना है।

साथियों,

आज बीज से बाजार तक भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। खेत के काम के लिए सीधे खाते में पैसे पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि किसान को उधार के लिए भटकना न पड़े। अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 4 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे गए हैं। आंकड़ा याद रहेगा? भूल जाएंगे? 4 लाख करोड़ रूपया मेरे देश के किसानों के खाते में सीधे जमा किए हैं। इसी साल, किसानों की मदद के लिए 35 हजार करोड़ रुपए की दो योजनाएं नई योजनाएं शुरू की हैं 35 हजार करोड़। पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, इससे खेती को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

हम किसानों की हर जरूरत को ध्यान रखते हुए काम कर रहे हैं। खराब मौसम की वजह से फसल नुकसान होने पर किसान को फसल बीमा योजना का सहारा मिल रहा है। फसल का सही दाम मिले, इसके लिए खरीद की व्यवस्था सुधारी गई है। हमारी सरकार का साफ मानना है कि देश तभी आगे बढ़ेगा, जब मेरा किसान मजबूत होगा। और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

साथियों,

केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से पशुपालकों और मछलीपालकों को भी जोड़ दिया था। किसान क्रेडिट कार्ड, KCC, ये KCC की सुविधा मिलने के बाद हमारे पशुपालक, हमारे मछली पालन करने वाले इन सबको खूब लाभ उठा रहा है। KCC से इस साल किसानों को, ये आंकड़ा भी याद रखो, KCC से इस साल किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी गई है। 10 लाख करोड़ रुपया। बायो-फर्टिलाइजर पर GST कम होने से भी किसानों को बहुत फायदा हुआ है। भाजपा सरकार भारत के किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए भी बहुत प्रोत्साहन दे रही है। और मैं तो चाहूंगा असम के अंदर कुछ तहसील ऐसे आने चाहिए आगे, जो शत प्रतिशत नेचुरल फार्मिंग करते हैं। आप देखिए हिंदुस्तान को असम दिशा दिखा सकता है। असम का किसान देश को दिशा दिखा सकता है। हमने National Mission On Natural Farming शुरू की, आज लाखों किसान इससे जुड़ चुके हैं। बीते कुछ सालों में देश में 10 हजार किसान उत्पाद संघ- FPO’s बने हैं। नॉर्थ ईस्ट को विशेष ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने खाद्य तेलों- पाम ऑयल से जुड़ा मिशन भी शुरू किया। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही, यहां के किसानों की आय भी बढ़ाएगा।

साथियों,

यहां इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हमारे टी-गार्डन वर्कर्स भी हैं। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने असम के साढ़े सात लाख टी-गार्डन वर्कर्स के जनधन बैंक खाते खुलवाए। अब बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ने की वजह से इन वर्कर्स के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे जाने की सुविधा मिली है। हमारी सरकार टी-गार्डन वाले क्षेत्रों में स्कूल, रोड, बिजली, पानी, अस्पताल की सुविधाएं बढ़ा रही है।

साथियों,

हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। हमारा ये विजन, देश के गरीब वर्ग के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। पिछले 11 वर्षों में हमारे प्रयासों से, योजनाओं से, योजनाओं को धरती पर उतारने के कारण 25 करोड़ लोग, ये आंकड़ा भी याद रखना, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। देश में एक नियो मिडिल क्लास तैयार हुआ है। ये इसलिए हुआ है, क्योंकि बीते वर्षों में भारत के गरीब परिवारों के जीवन-स्तर में निरंतर सुधार हुआ है। कुछ ताजा आंकड़े आए हैं, जो भारत में हो रहे बदलावों के प्रतीक हैं।

साथियों,

और मैं मीडिया में ये सारी चीजें बहुत काम आती हैं, और इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं मैं जो बातें बताता हूं जरा याद रख के औरों को बताना।

साथियों,

पहले गांवों के सबसे गरीब परिवारों में, 10 परिवारों में से 1 के पास बाइक तक होती नहीं थी। 10 में से 1 के पास भी नहीं होती थी। अभी जो सर्वे आए हैं, अब गांव में रहने वाले करीब–करीब आधे परिवारों के पास बाइक या कार होती है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन तो लगभग हर घर में पहुंच चुके हैं। फ्रिज जैसी चीज़ें, जो पहले “लग्ज़री” मानी जाती थीं, अब ये हमारे नियो मिडल क्लास के घरों में भी नजर आने लगी है। आज गांवों की रसोई में भी वो जगह बना चुका है। नए आंकड़े बता रहे हैं कि स्मार्टफोन के बावजूद, गांव में टीवी रखने का चलन भी बढ़ रहा है। ये बदलाव अपने आप नहीं हुआ। ये बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि आज देश का गरीब सशक्त हो रहा है, दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तक भी विकास का लाभ पहुंचने लगा है।

साथियों,

भाजपा की डबल इंजन सरकार गरीबों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं की सरकार है। इसीलिए, हमारी सरकार असम और नॉर्थ ईस्ट में दशकों की हिंसा खत्म करने में जुटी है। हमारी सरकार ने हमेशा असम की पहचान और असम की संस्कृति को सर्वोपरि रखा है। भाजपा सरकार असमिया गौरव के प्रतीकों को हर मंच पर हाइलाइट करती है। इसलिए, हम गर्व से महावीर लसित बोरफुकन की 125 फीट की प्रतिमा बनाते हैं, हम असम के गौरव भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का वर्ष मनाते हैं। हम असम की कला और शिल्प को, असम के गोमोशा को दुनिया में पहचान दिलाते हैं, अभी कुछ दिन पहले ही Russia के राष्ट्रपति श्रीमान पुतिन यहां आए थे, जब दिल्ली में आए, तो मैंने बड़े गर्व के साथ उनको असम की ब्लैक-टी गिफ्ट किया था। हम असम की मान-मर्यादा बढ़ाने वाले हर काम को प्राथमिकता देते हैं।

लेकिन भाइयों बहनों,

भाजपा जब ये काम करती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ काँग्रेस को होती है। आपको याद होगा, जब हमारी सरकार ने भूपेन दा को भारत रत्न दिया था, तो काँग्रेस ने खुलकर उसका विरोध किया था। काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि, मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। मुझे बताइए, ये भूपेन दा का अपमान है कि नहीं है? कला संस्कृति का अपमान है कि नहीं है? असम का अपमान है कि नहीं है? ये कांग्रेस दिन रात करती है, अपमान करना। हमने असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगवाई, तो भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया। आप मत भूलिए, यही काँग्रेस सरकार थी, जिसने इतने दशकों तक टी कम्यूनिटी के भाई-बहनों को जमीन के अधिकार नहीं मिलने दिये! बीजेपी की सरकार ने उन्हें जमीन के अधिकार भी दिये और गरिमापूर्ण जीवन भी दिया। और मैं तो चाय वाला हूं, मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा? ये कांग्रेस अब भी देशविरोधी सोच को आगे बढ़ा रही है। ये लोग असम के जंगल जमीन पर उन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना चाहते हैं। जिनसे इनका वोट बैंक मजबूत होता है, आप बर्बाद हो जाए, उनको इनकी परवाह नहीं है, उनको अपनी वोट बैंक मजबूत करनी है।

भाइयों बहनों,

काँग्रेस को असम और असम के लोगों से, आप लोगों की पहचान से कोई लेना देना नहीं है। इनको केवल सत्ता,सरकार और फिर जो काम पहले करते थे, वो करने में इंटरेस्ट है। इसीलिए, इन्हें अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए ज्यादा अच्छे लगते हैं। अवैध घुसपैठियों को काँग्रेस ने ही बसाया, और काँग्रेस ही उन्हें बचा रही है। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण का विरोध कर रही है। तुष्टीकरण और वोटबैंक के इस काँग्रेसी जहर से हमें असम को बचाकर रखना है। मैं आज आपको एक गारंटी देता हूं, असम की पहचान, और असम के सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा, बीजेपी फौलाद बनकर आपके साथ खड़ी है।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में, आपके ये आशीर्वाद यही मेरी ताकत है। आपका ये प्यार यही मेरी पूंजी है। और इसीलिए पल-पल आपके लिए जीने का मुझे आनंद आता है। विकसित भारत के निर्माण में पूर्वी भारत की, हमारे नॉर्थ ईस्ट की भूमिका लगातार बढ़ रही है। मैंने पहले भी कहा है कि पूर्वी भारत, भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा। नामरूप की ये नई यूनिट इसी बदलाव की मिसाल है। यहां जो खाद बनेगी, वो सिर्फ असम के खेतों तक नहीं रुकेगी। ये बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगी। ये कोई छोटी बात नहीं है। ये देश की खाद जरूरत में नॉर्थ ईस्ट की भागीदारी है। नामरूप जैसे प्रोजेक्ट, ये दिखाते हैं कि, आने वाले समय में नॉर्थ ईस्ट, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। सच्चे अर्थ में अष्टलक्ष्मी बन के रहेगा। मैं एक बार फिर आप सभी को नए फर्टिलाइजर प्लांट की बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

और इस वर्ष तो वंदे मातरम के 150 साल हमारे गौरवपूर्ण पल, आइए हम सब बोलें-

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।

वंदे मातरम्।