Trinamool is not cool, it is a 'shool': PM Modi in West Bengal’s Jaynagar

Published By : Admin | April 1, 2021 | 14:41 IST
Trinamool is not cool, it is a 'shool', PM Modi says in West Bengal’s Jaynagar
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BJP wave blowing across West Bengal, party will win over 200 seats: PM Narendra Modi at election rally
Constitution doesn't permit Mamata to speak against other states, says PM Modi in Bengal
Mamata Banerjee has urged leaders of other parties for help and support as she is afraid of losing elections, claims PM Modi

भारत माता की... जय !
भारत माता की... जय !

नमोष्कार !

मां धनवन्तरी काली आर सुन्दोरबोनेर रोक्खाकारी मा बोनदुर्गा के, कोटि-कोटि प्रोनाम जानाई ! गंगा सागर की महिमा, कनईलाल भट्टाचार्य जी जैसे क्रांतिवीरों का तप, भूमिपुत्र प्रतापदित्य जैसे सपूतों का शौर्य, इस मिट्टी का कण-कण प्रेरित करने वाला है, हर पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है।

मैं देख रहा हूं, आशोल पोरिबोरतोन की लहर को तेज करने का काम भी इसी क्षेत्र से होने वाला है।पहले चरण में बंगाल में हुए शांतिपूर्ण और रिकॉर्ड-ब्रेक मतदान में लोगों ने बीजेपी को भारी समर्थन दिया है। कुछ हफ्ते पहले तक बंगाल के लोग कह रहे थे कि बीजेपी इस बार 200 सीटें पार कर जाएगी। लेकिन, पहले चरण में जिस तरह की दमदार शुरुआत बीजेपी ने की है, ये साफ है कि जनता की आवाज को ईश्वर का भी आशीर्वाद मिल गया है। बंगाल में बीजेपी की जीत का आंकड़ा 200 के भी पार जाएगा। आज दूसरे चरण में भी लोग भारी संख्या में पोलिंग बूथ पर पहुंच रहे हैं। हर तरफ बीजेपी ही बीजेपी है, बीजेपी की लहर है।

भाइयो और बहनो,
आज यहां आपके बीच किसी भी चर्चा से पहले मैं, बंगाल की बेटी शोवा मजूमदार जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। शोवा जी, बंगाल की उन अनगिनत माताओं, उन अनगिनत बहनों का चेहरा थीं, जिन पर तृणमूल के लोगों ने अत्याचार किए। शोवा जी का वो चेहरा मेरी आंखों से उतरता नहीं है। और मुझे बहुत कष्ट होता है, जब मैं ऐसे अपराध, ऐसे अत्याचार के बाद दीदी को ये कहते देखता हूं- Cool Cool ! धमकी और गालियां देने वाली दीदी अब कह रही हैं- Cool Cool !

दीदी, ओ दीदी,
तृणमूल, कूल नहीं, बंगाल के लोगों के लिए शूल है।
बंगाल को असहनीय पीड़ा देने वाला शूल है तृणमूल।
बंगाल को रक्तरंजित करने वाला शूल है तृणमूल।
बंगाल के साथ अन्याय करने वाला शूल है तृणमूल।

दीदी! ओ दीदी!
आपनाके बांग्लार भाई-बोनेदेर होत्तार हिशेब दीते होबे।
अपनादेर के, माएदेर छेलेर होत्तार हिशेब दीते ई होबे।
रोक्तेर खैला चोलबे ना।
मैं कहूंगा, आप भी मेरे साथ बोलिए चोलबे ना चोलबे ना
रोक्तेर खैला चोलबे ना चोलबे ना।
ओत्ताचारेर खैला... चोलबे ना। चोलबे ना।
भ्रोष्टाचारेर खैला... चोलबे ना। चोलबे ना।
होत्ताचारेर खैला... चोलबे ना। चोलबे ना।

भाइयो और बहनो,

बीते कुछ समय में दीदी के फैसले बंगाल की राजनीति का सबसे बड़ा ओपीनियन पोल भी बन गया है और एग्जिट पोल भी बन गया है। दीदी का हर एक्शन देख लीजिए, सबकुछ स्पष्ट नजर आता है। शुरुआती रुख पता चला तो तो दीदी भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम पहुंच गईं। नंदीग्राम जाकर लगा, उन्हें लगा कि यहां आकर गलती कर दी है। और अब तक का जो पोलिंग का मूड है, जो काम पूरा बंगाल करना चाहता था वो आज नंदीग्राम पहले ही कर रहा है। गुस्से में वो नंदीग्राम के लोगों के अपमान पर उतर आईं। पहले चरण की वोटिंग होने के बाद उनकी बौखलाहट और बढ़ गई है। कल ही दीदी ने देश के कई नेताओं को संदेश भेजकर मदद की अपील की है। जो लोग दीदी की नजर में बाहरी हैं, टूरिस्ट हैं, जिन्हें वो कभी मिलने तक का समय नहीं देती थीं, अब उनसे समर्थन मांग रही हैं।

साथियो, आप सोचिए,
10 साल मुख्यमंत्री रहते अगर बंगाल की सेवा की होती, तो दीदी ये करना पड़ता क्या? क्या 3 दिन एक ही क्षेत्र में गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ता क्या? EVM को गाली, वो पहले ही दे चुकी हैं। चुनाव आयोग को कठघरे में, वो पहले ही खड़ा कर चुकी हैं।

दीदी, ओ दीदी,
आपका व्यवहार, आपके शब्द, आपकी बौखलाहट, बंगाल के लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। आपने बंगाल के साथ विश्वासघात किया, अब आप बंगाल के विनम्र और समृद्ध भाषा, संस्कार, यहां की मान-मर्यादाओं का भी अपमान कर रही हैं।

साथियो,

ममता दीदी को जय श्रीराम के आह्वान से दिक्कत है, ये पूरा बंगाल पहले से जानता है। ममता दीदी को दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन से दिक्कत रही है, ये भी पूरा बंगाल पहले से जानता है। लेकिन अब दीदी को तिलक से दिक्कत है। अब दीदी को भगवा वस्त्र से दिक्कत है। और तो और, अब दीदी के लोग चोटी रखने वालों को राक्षस कहने लगे हैं। ममता दीदी, आपको वोट के लिए किसी को खुश करना है तो ये आपका अधिकार है, आप जरूर करिए। आपको मुझे गाली देनी है, जरूर देते रहिए। लेकिन पश्चिम बंगाल के लोगों की आस्था को, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभु की पहचान को, मैं गाली नहीं देने दूंगा।

भाइयो और बहनो,

दीदी, जिस तरह यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ दुश्मनी की भाषा बोल रही हैं, वो उनकी राजनीतिक समझ पर सवाल पैदा कर रहा है। दीदी, आप ये भूल रही हैं कि आपने सीएम के नाते संविधान की शपथ ली हुई है। भारत का संविधान आपको इसकी इजाजत नहीं देता कि आप दूसरे राज्यों का, दूसरे राज्यों के लोगों का इस तरह अपमान करें। मैं फिर कहूंगा। आपको मेरी जितनी बेइज्जती करनी हो, उतनी बेइज्जति करिए। स्क्रू ढीला हो गया जैसी बातें, एक से एक भद्दी गालियां आपने मुझे दी हैं। लेकिन दीदी, मेरा आग्रह आपसे यही है कि देश के संविधान का अपमान मत करिए। बाबा साहेब आंबेडकर की भावना का अपमान मत करिए।

वाकई साथियो,

मैं हैरान हूं कि दीदी को क्या हो गया है। कुछ दिनों पहले मैं बांग्लादेश गया था। वहां मैंने 51 शक्तिपीठों में से एक जशोरेश्वरी काली माता मंदिर के दर्शन किए, पूजा अर्चना की। लेकिन, दीदी को इस पर घोर आपत्ति है। मैंने ओराकान्दी में हॉरीचॉन्द ठाकुर, गुरुचॉन्द ठाकुर जी की पुण्य भूमि में जाकर पूरे देश के लिए आशीर्वाद मांगा। ये देखकर भी दीदी का गुस्सा सांतवें आसमान पर पहुंच गया। आप बताइए साथियो, मां काली के मंदिर में जाना गलत है क्या? गलत है क्या? ये मेरी सारी माताएं-बहनें कह रही हैं नहीं, गलत नहीं है। हॉरीचॉन्द ठाकुर जी को प्रणाम करना गलत है क्या? दीदी, ओ दीदी, दीदी आप हमको जानती नहीं हो। दीदी, हम सीजनल श्रद्धा वाले लोग नहीं है। हम अपनी आस्था, अपनी परंपरा पर हमेशा गर्व करने वाले लोग हैं।

भाइयो और बहनो,

दीदी की समस्या क्या है, वो ये पूरा क्षेत्र जानता है, ये सुंदरबन का इलाका जानता है। घुसपैठियों को खुश करने के लिए दीदी बंगाल के लोगों को भूल गईं। यहां उन्नयन के नाम पर उन्होंने 10 साल में क्या किया, इसका कोई ठोस जवाब दीदी के पास नहीं है। तेज पानी से बचाने के लिए डैम की क्या हालत है, ये आप लोग अच्छी तरह जानते हैं। अम्फान साइक्लोन के समय, आपलोगों की मदद करने के बजाय, इन लोगों ने आपको ही लूट लिया। उस समय केंद्र सरकार ने जो सैकड़ों करोड़ रुपए भेजे थे, वो राहत पीड़ितों के बजाय TMC के दफ्तरों में पहुंच गए।
इसी लूट का दूसरा नाम है- खैला हौबे !
दीदीर जोन्ने,
बाङ्गला खैलार माठ छीलो,
खैलार माठ आछे,
आर खैलार माठ ई थाकबे।
बीजेपीर जोन्ने बांग्ला उन्नोयोनेर माठ होए उठबे।
बीजेपीर जोन्ने बांग्ला शिक्खार माठ होए उठबे।
बीजेपीर जॉन्ने बांग्ला शिल्पेर माठ होए उठबे।

भाइयो और बहनो,

दीदी की सरकार ने सुंदरबन जैसे पर्यटन-समृद्ध क्षेत्र को, यहां के द्वीपों को, यहां के तटों का विकास नहीं किया। सोनार बांग्ला के लक्ष्य के साथ बीजेपी की डबल इंजन सरकार यहां कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देगी। गंगासागर की महिमा को, गंगासागर मेले की भव्यता और दिव्यता को बंगाल की भाजपा सरकार नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

साथियो,

तृणमूल की टोलाबाजी ने गरीब, मध्यम वर्ग, उद्यमी, सभी का जीना दुश्वार किया हुआ है। घर बनता है तो उसमें कटमनी। बच्चों के एडमिशन, जॉब की एप्लीकेशन, उसमें भी कटमनी। होम लोन हो, एजुकेशन लोन हो, अस्पताल में एडमिशन हो, हर जगह कटमनी, कटमनी, कटमनी। गरीबों, दलितों, पिछड़ों को इस स्थिति ने सबसे ज्यादा परेशान किया है। कोरोना काल में भाजपा सरकार ने दिल्ली से मुफ्त चावल भेजा, तो उसमें कटमनी। गरीब की थाली में भी कटमनी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश में करोड़ों घर बने। बंगाल में केंद्र सरकार ने 30 लाख से ज्यादा घर, गरीबों के लिए स्वीकृत किए हैं। लेकिन, कटमनी के कारण यहां अनेक गरीबों के घर अधूरे पड़े हैं। हर घर जल मिशन के लिए भी केंद्र की बीजेपी सरकार ने सैकड़ों करोड़ रुपए भेजे। लेकिन, तृणमूल सरकार ने उसका पूरा उपयोग ही नहीं किया। इन सारी स्थितियों को बदलने का काम बंगाल की बीजेपी सरकार करेगी।

साथियो,

टीएमसी सरकार की नीतियों का बहुत बड़ा नुकसान हमारे किसान भाई-बहनों ने उठाया है। दीदी की मनमानी की वजह से बंगाल के लाखों किसान, पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित हैं। साथियो, किसान सम्मान योजना के तहत पूरे देश में 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जमा कराए जा चुके हैं। सवा लाख करोड़ दस करोड़ किसानों के खाते में। कोई कटमनी नहीं, सीधा-सीधा। बीते तीन वर्षों में, देशभर के किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर हुए हैं। लेकिन, दीदी ने बंगाल के किसानों से न जाने किस बात की दुश्मनी निभाई है। उन्होंने बंगाल के एक भी किसान को इस योजना से जुड़ने ही नहीं दिया। केंद्र सरकार कहती रही, किसानों के नाम मांगती रही, उनके बैंक के अकाउंट मांगती रही। लेकिन, दीदी ने यहां के किसानों की परवाह नहीं की। ऐसे जैसे किसानों को सजा करने का मन बना लिया था। अब मैं जब आज बंगाल की धरती पर खड़ा हूं, बंगाल की पवित्र धरती पर खड़ा हूं, बंगाल के वीरों की धरती पर खड़ा हूं- तब मैं आज बंगाल के मेरे किसान भाइयों-बहनों को भरोसा देना चाहता हूं। मेरे किसान भाइयों-बहनों, आप सुन लीजिए मेरी बात को, और 2 मई के बाद मेरे से हिसाब मांगना, मैं हिसाब देने के लिए आऊंगा। जैसे ही 2 मई को बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी, तुरंत ही पीएम किसान योजना का लाभ आप तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बंगाल के एक-एक किसान के बैंक खाते में, प्रत्येक किसान के बैंक खाते में 18 हजार रुपया सीधा उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। पिछले तीन साल की पूरी राशि हर किसान के बैंक खाते में सीधी भेज दी जाएगी। आज दीदी, आपके इस अधिकार के सामने दीवार बनकर खड़ी हैं। लेकिन, ये दीवार हटते ही आपके बैंक खाते में सीधे ये पैसा भेजा जाएगा। आपके अधिकार का एक-एक टका, आपको सीधे ट्रांसफर किया जाएगा। पीएम किसान सम्मान योजना, बंगाल में डबल इंजन के डबल बेनिफिट के साथ लागू होगी।

साथियो,

दीदी की सरकार ने यहां के हमारे मछुआरे भाई-बहनों को भी सिर्फ तोलाबाजी दी है। दीदी की सरकार ने मत्स्य-जीवियों के लिए बनाए गए प्रकल्प, मत्स्य संपदा योजना को रोका, डबल इंजन सरकार इस योजना को यहां तेजी से लागू करेगी, ताकि मछली का व्यापार-कारोबार आसान हो। बंगाल की बीजेपी सरकार मछुआरों के बैंक खाते में भी सीधी मदद देगी।

भाइयो और बहनो,

दीदी की सरकार ने इस क्षेत्र में Ease of Crime को बढ़ावा दिया, डबल इंजन सरकार यहां Ease of Doing Business को बढ़ाएगी। सी फूड की प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों, जयनगर की मोआ मिठाई, सुंदरबन के ऑर्गेनिक शहद, ऐसे हर उत्पादों को यहां प्रोत्साहित किया जाएगा।

भाइयो और बहनो,

आशोल पोरिबोरतोन की शुरुआत, अब बस एक महीना दूर है। अब आपके संकट एक महीना से ज्यादा नहीं रहेंगे। मुझे पता है कि यहां कुछ लोग अभी भी जनता के लोकतांत्रिक अधिकार में रोड़े अटकाने में जुटे हैं। मेरा उन सभी से कहना है कि संविधान का, कानून का सम्मान करें, कानून का मान रखें। अपने कर्तव्य से पीछे हटने वालों के खिलाफ बंगाल की बीजेपी सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।

भाइयो-बहनो, रोबी ठाकुर ठीकी बॉलेछेन- “नाई नाई भॉय, होबे-होबे जॉय”। नाई नाई भॉय, होबे-होबे जॉय। नाई नाई....भॉय। होबे-होबे....जॉय।

आपनारा ई पोद्दो फूल फोटाबेन।
आप भारी संख्या में कमल छाप पर मतदान करेंगे, इसी विश्वास के साथ आप सभी का बहुत-बहुत आभार ! दोनों मुट्ठी बंद करके मेरे साथ बोलिए।
भारत माता की... जय !
भारत माता की... जय !

इतनी बड़ी तादाद में आपलोग आए, जहां तक मेरी नजर पहुंचती है, लोग ही लोग हैं। लेकिन, माताएं-बहनें इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आई हैं, ये मेरे जीवन में एक बहुत बड़ी शक्ति का संचार कर रहा है। मैं माताओं-बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं कि आप इतना समय निकाल करके मुझे आशीर्वाद देने के लिए आई हैं। आप सब माताओं-बहनों को मैं फिर एक बार विशेष रूप से प्रणाम करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !
भारत माता की... जय !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।