আমরা ত্রিপুরায় শান্তি এনেছি এবং আইনের শাসন প্রতিষ্ঠা করেছি। এটা স্পষ্ট যে নির্বাচনী প্রচারের মধ্যে সব দলের পতাকা দেখা যাচ্ছে: ত্রিপুরায় প্রধানমন্ত্রী মোদী
ত্রিপুরার জনগণ 'রেড সিগন্যাল' সরিয়ে 'ডবল ইঞ্জিন সরকার' নির্বাচিত করেছে: ত্রিপুরায় প্রধানমন্ত্রী মোদী
প্রধানমন্ত্রী মোদী ত্রিপুরার জনগণকে ‘রেড সিগন্যাল’ সরিয়ে দেওয়ার জন্য এবং বিজেপির ডবল ইঞ্জিন বসানোর জন্য ধন্যবাদ জানিয়েছেন যা রাজ্যকে উন্নয়নের পথে ফিরতে সাহায্য করেছে

जय माँ त्रिपुरसुंदरी!


नोमोस्कर त्रिपुरार बोंधुरा,


केमोन आछेन आपनारा?


खुलुमखा !

जब भी मैं त्रिपुरा के लोगों के बीच आता हूं, आपका प्यार, आपका उत्साह और आपका आशीर्वाद लगातार बढ़ता ही जाता है। आज भी मैं रास्ते में आया, कोई रोड शो तो था नहीं, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में लोग थे कि मुझे यहां पहुंचने में ही देर हो गई।


इस बार भी त्रिपुरा के लोगों का, यहां की माताओं-बहनों-बेटियों का, जितना आशीर्वाद मिल रहा है, वो अभूतपूर्व है। जितना अच्छा किसी को अपने परिवार के सदस्यों के बीच आकर लगता है, उतना ही अच्छा मुझे भी आपके बीच आकर के लग रहा है। इस चुनाव में मुझे जहां भी जाने का अवसर मिला है, मैंने देखा है कि फिर एक बार बीजेपी की सरकार बनाने का मन त्रिपुरा के लोगों ने बना लिया है। और डबल इंजन सरकार के लिए आपका समर्थन देखकर मेरी खुशी भी डबल हो गई है। आज पूरा त्रिपुरा एक साथ कह रहा है- चारों तरफ एक ही गूंज सुनाई दे रही है


फिर एक बार डबल इंजन सरकार,


फिर एक बार बीजेपी सरकार।


फिर एक बार बीजेपी सरकार।


साथियों,


त्रिपुरा के युवाओं ने, माताओं-बहनों ने चंदा और झंडा की कंपनी वालों को फिर से रेड कार्ड दिखा दिया है। त्रिपुरा के लोगों ने ऐलान कर दिया है- उन्हें सबका साथ, सबका विकास वाली सरकार चाहिए, पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए।

साथियों,


आज भाजपा के पक्ष में, डबल इंजन सरकार के पक्ष में माहौल इसलिए है, क्योंकि त्रिपुरा के लोगों को विकास आंखों के सामने दिख रहा है। त्रिपुरा में आज ऐसा कोई परिवार नहीं है, जिसकी भाजपा सरकार ने आगे बढ़कर के सेवा न की हो। इसलिए आज त्रिपुरा का हर परिवार बदलती परिस्थितियों को अनुभव कर रहा है। महाराज राधा किशोर माणिक्य बहादुर जी और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी ने जो रास्ता दिखाया, उसी आधार पर भाजपा ने त्रिपुरा को सुशासन दिया है। ये लोग ऐसा समाज चाहते थे, जहां भय का, डर का, हिंसा का माहौल ना हो। ये लोग ऐसा समाज चाहते थे, जहां से गरीब से गरीब का भी सम्मान हो, गरीब भी सिर उठाकर के चल सके। इसी प्रेरणा से भाजपा ने त्रिपुरा के लोगों की सेवक बनकर के सेवा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

साथियों,


विकास की पहली शर्त होती है- कानून-व्यवस्था का राज। वामपंथी शासन ने त्रिपुरा को विनाश के रास्ते पर धकेल दिया था। यहां जो हाल थे, उसे त्रिपुरा के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। सरकारी दफ्तरों पर काडर का कब्ज़ा। पुलिस थानों पर काडर का कब्जा। व्यापार-कारोबार पर काडर का कब्जा। वामपंथियों ने त्रिपुरा के लोगों को अपना गुलाम समझ लिया था। वो अपने-आपको बादशाह मानते थे। कमाई हो या फिर सुनवाई, Red signal ही त्रिपुरा का दुर्भाग्य बन गया था। भाजपा सरकार ने त्रिपुरा में शांति और कानून का राज स्थापित किया है। इस चुनाव में ही देखिए। हर दल, हर उम्मीदवार के झंडे चारों तरफ दिखते हैं। क्या ये 5 वर्ष पहले तक संभव था? मुझे तो याद है, 30 साल तक वामपंथी यहां रहे और हर चुनाव में दो-दो, तीन-तीन महीने पहले, इसकी हत्या, उसकी हत्या, उसको मार दिया, उसको फांसी पर लटका दिया। ऐसी खबरें आ रहीं थीं। आप मुझे बताइये, ये चुनाव शांतिपूर्ण चल रहा है कि नहीं चल रहा है। चल रहा है कि नहीं चल रहा है। लोग आत्मविश्वास से भरे हुए हैं कि नहीं हैं।

एक समय था जब एक ही पार्टी के झंडे हर तरफ दिखते थे। और किसी को तो एंट्री ही नहीं थी और किसी ने झंडा लगाया तो शाम को डंडा आया। आपने red signal हटाकर, भाजपा का डबल इंजन लगाया और आज त्रिपुरा विकास की पटरी पर लौट आया है। बीते 25-30 साल में जो खाई त्रिपुरा में खोदी गई थी, उसे भरने के लिए त्रिपुरा की भाजपा सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है। मैं त्रिपुरा के लोगों को एक बात का ध्यान रखने को कहूंगा- लेफ्ट और कांग्रेस वाले कभी भी त्रिपुरा का विकास नहीं कर सकते। लेफ्ट और कांग्रेस हमेशा यही चाहेंगे कि त्रिपुरा गरीब से गरीब राज्य बना रहे। लेफ्ट-कांग्रेस और उनके जैसी सोच वाले दल, त्रिपुरा के लोगों को गरीब रखकर अपनी तिजोरी भरना चाहते हैं। ये आपको कभी जाति के नाम पर तोड़ेंगे, कभी समाज के नाम पर बिखेरने की कोशिश करेंगे, लेकिन त्रिपुरा के लोगों को एकजुट रहना है। आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इनकी बातों में नहीं आना है। आप लोग बंट गए तो ये लोग त्रिपुरा को बर्बाद कर देंगे। आपकी ये जिंदगी तबाह कर देंगे। आपके बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर देंगे। त्रिपुरा के विकास के लिए आपको, आपका एक-एक वोट भारतीय जनता पार्टी, भाजपा के और भाजपा के सहयोगियों को पूरी ताकत के साथ वोटिंग करना है। यहां भाजपा की सरकार रहेगी तो दिल्ली से जो पैसा आएगा, वो भी आप लोगों पर ही खर्च होगा। और अगर लेफ्ट और कांग्रेसी मिलकर, पहले क्या करते थे, रूपया, उनके प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रूपया निकलता है, पंद्रह पैसा पहुंचता है। ये 85 पैसा किसके जेब में जाता था भाई। जो यहां सत्ता में बैठे थे ना, उन्हीं के जेब में जाता था। आज मैं दावे से कहता हूं हम दिल्ली से एक रूपया भेजते हैं तो त्रिपुरा के हमारे लोग नीचे 100 पैसे पूरे के पूरे पहुंचा देते हैं, ये काम हमने भलाई के लिए किया है।

भाइयों और बहनों,


महाराज राधा किशोर माणिक्य बहादुर, त्रिपुरा के विकास के सबसे बड़े पक्षधर थे। उनके दौर का विकास आज भी त्रिपुरा की शान है। त्रिपुरा की पहचान है। त्रिपुरा की इस पहचान को 21वीं सदी का नया आयाम देने के लिए ही हमने HIRA यानि हाईवे, आईवे, रेलवे और एयरवे का संकल्प लिया था। आज त्रिपुरा में चारों तरफ इस हीरे की चमक दिखती है। त्रिपुरा वाले तो अनुभव ही कर ही रहे हैं, बाहर से भी जो त्रिपुरा आता है ना, वो भी साफ-साफ ये परिवर्तन देख रहा है। अगरतला के बीर बिक्रम किशोर माणिक्य एयरपोर्ट पर उतरते ही हर कोई हैरान रह जाता है। नॉर्थ ईस्ट में ऐसा आधुनिक एयरपोर्ट डबल इंजन सरकार के कारण ही संभव हो पाया है। त्रिपुरा में नए हाईवेज का तेजी से निर्माण हो रहा है। आज त्रिपुरा के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, तेजी से बन रही हैं। रेल कनेक्टिविटी में तो त्रिपुरा अब काफी आगे बढ़ चला है। अगरतला-अखौरा रेल लिंक ये प्रोजेक्ट भी बहुत ही जल्द पूरा होने वाला है। इसमें भारत की तरफ का हिस्सा तो लगभग पूरा हो चुका है। बांग्लादेश की तरफ वाले हिस्से में भी तेजी से काम चल रहा है। फेनी नदी पर मैत्री सेतु बनने से अब अगरतला, इंटरनेशनल पोर्ट से भारत का सबसे नजदीकी शहर बन गया है। इससे बांग्लादेश से लेकर पूरे नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी एशिया के लिए व्यापार-कारोबार के लिए त्रिपुरा एक बड़ा केंद्र बन रहा है। इससे एक बहुत बड़ा अवसर त्रिपुरा के लिए बन रहा है, त्रिपुरा के युवाओं के लिए बन रहा है।

भाइयों और बहनों,


त्रिपुरा भाजपा का HIRA मॉडल यहां रोजगार निर्माण के लिए, उद्योग-धंधे के लिए बहुत मजबूत आधार बन रहा है। ये निश्चित रूप से डबल इंजन सरकार के कारण संभव हो रहा है। अगर यहां लेफ्ट की सरकार रहती, तो मैं दिल्ली से कितनी भी कोशिश करता, यहां ये काम इतनी तेजी से ही नहीं हो पाता। इसलिए याद रखिएगा- त्रिपुरा को चाहिए- डबल इंजन सरकार।

साथियों,


जब दिल्ली और यहां दोनों ही जगहों पर भाजपा की सरकार होती है, तो इतने फायदे होते हैं कि गिनाना भी समय कम पड़ जाएगा। आप याद करिए, जब यहां ये चंदा कंपनी, डगर-डगर पर चंदा लेने वाले लोग, उनकी सरकार थी, तब गरीबों को मिलने वाला राशन भी सबको नहीं मिलता था। चंदा वसूलने वाले घर पहुंचने से पहले ही गरीबों का राशन लूट लेते थे। लेकिन डबल इंजन सरकार आज सबको मुफ्त राशन दे रही है। हमने ये भी पक्का किया है कि जो राशन हमने भेजा है, वो पूरा का पूरा गरीब के घर तक पहुंचे।

साथियों,


बीमारी की हालत में इलाज का खर्च, किसी भी गरीब के सबसे बड़ी चिंता होता है। और इसलिए ही केंद्र की भाजपा सरकार आयुष्मान भारत योजना लेकर आई है। और हमने तो हमारे समाज में देखा है कि अगर कोई मां, कोई बहन बीमार हो जाती है। गंभीर से गंभीर बीमारी हो गई हो, तो कभी अपने परिवार के लोगों को पता ही नहीं चलने देती है। वो दर्द सहती है। घर का काम भी करती रहती है। मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखती, लेकिन दुख का पता किसी को चलने नहीं देती, क्यों, उस मां-बहन के मन में विचार आता है कि अगर बच्चों को पता चल गया कि मुझे ऐसी गंभीर बीमारी है और अगर अस्पताल में ले गए, पैसे तो हैं नहीं। ये बच्चे कर्ज कर देंगे। ब्याज से पैसा लाएंगे। मैं तो ठीक हो जाउंगी, लेकिन बच्चे जीवनभर कर्जदार रह जाएंगे। मुझे मेरे बच्चो को कर्जदार नहीं बनाना है। और इसलिए मां बीमारी सहती थी, बच्चों को कहती नहीं थी। लेकिन दिल्ली में आपका एक बेटा बैठा है। हर मां का दुख समझता है। हर बहन की पीड़ा समझता है। और इसलिए आयुष्मान भारत योजना से हमने हर परिवार का आयुष्मान योजना से अस्पताल में एक भी रुपया खर्च किए बिना उसकी अच्छे से अच्छी सेवा हो, बीमारी जाए, इसके लिए बेटा काम कर रहा है। आप सोचिए, आप जैसे त्रिपुरा के लगभग 2 लाख साथियों ने अस्पताल में अपना मुफ्त इलाज कराया है। भाजपा सरकार ने जो जन औषधि स्टोर खोला है, उससे भी गरीबों के लाखों रुपए बच रहे हैं। जो दवाई कभी सौ रुपये में मिलती थी, वो 10-15 रुपये में मिल जाती है।

साथियों


गरीबों के घर बनाने में तो त्रिपुरा ने देश के अनेक बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। आपने जो काम किया है, गरीबों का घर बनाने का, आप सब, आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं। ऐसा काम आप लोगों ने किया है। मैं दिल्ली से जब भी यहां की वाम सरकार को, क्योंकि मैं 14 में आया, तो उस समय तो यहां वामपंथियों की सरकार थी और उस समय मैं गरीबों के घर तेजी से बनाने के लिए कहता था, तो वो सुनते ही नहीं थे। उनको परवाह ही नहीं थी। उनकी प्राथमिकता वन पाइंट एजेंडा था। क्या- चंदा उगाही। चंदा इकट्ठा करो बस और लोगों को डराओ, झंडा गाड़ो और झंडा नहीं गाड़ा तो डंडा मारो। यही काम था उनका। जैसे ही आपने यहां डबल इंजन सरकार बनाई, तो देखते ही देखते त्रिपुरा के 3 लाख गरीब परिवारों को अपने घर मिल गए। छोटा-सा त्रिपुरा 3 लाख परिवारों को पक्का घर मिला, ये अपने-आप में आजादी के 75 साल में नहीं हो पाया है। आज त्रिपुरा में हजारों नए घरों पर काम चल रहा है। और मैं मेरे सभी त्रिपुरावासियों को कहना चाहता हूं कि जो इस गरीबों के लिए घर की योजना है, उसके जो लाभार्थी हैं, अगर अब तक उनको घर नहीं मिला है, आपको मैं विश्वास देता हूं 16 तारीख को मतदान के बाद हमारी जब सरकार बनेगी, फिर से गरीबों को घर देने के काम आगे बढ़ेगा। और आप विश्वास कीजिए, ये आपके सेवक, आपके मोदी का आपको वादा है। वादा है। इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में भी हमने रिकॉर्ड लगभग 80 हजार करोड़ रुपये हमने गरीबों के लिए घर बनाने के लिए खर्च करना तय किया है। इसलिए जब 16 फरवरी को आप वोट डालने जाएं, तो याद रखिएगा, लेफ्ट-कांग्रेस वालों की इस पैसों पर नजर है। ये पैसे लूटना चाहेंगे, आपको पक्का घर कभी नहीं देने देंगे।

भाइयों और बहनों,


हमारी माताओं-बहनों की जिंदगी की बहुत बड़ी चिंता, घर में पानी की भी रहती है। इतने दशकों में भी त्रिपुरा के बहुत ही गिने-चुने परिवारों के पास घर में नल से जल आता था। लेकिन डबल इंजन सरकार के प्रयासों से आज त्रिपुरा के 4 लाख से अधिक परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा मिल चुकी है। और बाकी माताओं-बहनों को भी मैं ये कहना चाहता हूं कि आपको सर पर जो पानी उठा के लाना पड़ता है ना, ये आपका बेटा, आपको इससे भी मुक्ति दे देगा और पाइप से पानी लेके आएगा। आप देखिए, घर बनाने की बात हो, पानी पहुंचाने की बात हो, टॉयलेट बनाने की बात हो, धुएं से मुक्ति के लिए गैस का कनेक्शन देना हो, या हमारे हर गरीब परिवार को बीमारी में इलाज की सुविधा देनी है, तो अधिक से अधिक लाभ मेरे गरीब परिवारों को, वंचित परिवारों को और उसमें भी मेरी माताओं-बहनों को, बेटियों को मिला है। इनके अभाव में सबसे अधिक परेशानी अगर किसी को होती है, पानी नहीं है तो परेशान कौन- मां-बहनें, बिजली नहीं है तो परेशान कौन- मां-बहनें, घर में राशन नहीं है परेशान कौन- मां-बहनें, हर मुसीबत माताओं-बहनों को, और ये बेटा आपकी हर मुसीबत को समझता है। उन मुसीबतों से आपको मुक्ति दिलाने के लिए, ये आपका बेटा दिन-रात काम करता है। और इसलिए माताएं-बहनें, मुझे आपसे आशीर्वाद चाहिए। आज गरीब परिवार की बहनों के नाम पर अपने घर हो रहे हैं, तो हमारी माताओं-बहनों का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। मैं त्रिपुरा बीजेपी को महिलाओं के लिए एक संकल्प पत्र अलग लाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं त्रिपुरा बीजेपी को बहुत बधाई देता हूं। आपने बहुत उत्तम काम किया है। ये माताओं-बहनों-बेटियों की सेवा के लिए डबल इंजन सरकार के कमिटमेंट को दर्शाता है।

साथियों,


डबल इंजन सरकार के डबल लाभ का एक और उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि है। अभी तक भाजपा सरकार त्रिपुरा के किसानों के बैंक खाते में सीधे, कोई बिचौलिया नहीं, कोई चंदा नहीं, कोई चंदा चोर नहीं, सीधे 500 करोड़ रुपये से ज्यादा हमारे किसानों के खाते में जमा हो गए हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ त्रिपुरा के मेरे छोटे-छोटे किसान भाई-बहनों को हुआ है। अब त्रिपुरा बीजेपी ने ये भी घोषणा की है कि केंद्र सरकार जो पैसे भेजती है, उसमें 2 हजार रुपये अब त्रिपुरा भाजपा सरकार भी जोड़ देगी। और मैं इसके लिए फिर एक बार त्रिपुरा बीजेपी को बधाई देता हूं। लेफ्ट की सरकार के दौरान हजारों धान किसान एमएसपी से वंचित रहे, तरसते रहे। ये भाजपा की सरकार है, जिसने एमएसपी पर धान की खरीदी शुरू की और सैकड़ों करोड़ रुपये का धान, ये धान के बदले में एमएसपी के द्वारा मेरे किसानों के घर में, उसने जो मेहनत की थी, उसका सही पैसा पहुंचा। डबल इंजन सरकार के ही कारण आज पाइन-एपल हो या फिर फल-सब्जी, ये आज विदेश तक में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। इससे भी किसानों को बहुत लाभ हो रहा है।

भाइयों और बहनों,


डबल इंजन सरकार गरीबों की सरकार है। वंचितों, आदिवासियों की सरकार है। मध्यम वर्ग, मिडिल क्लास की सरकार है। युवाओं की सरकार है। महिलाओं की सरकार है। पहली बार देश में छोटे किसानों, खेत मजदूरों, घरों में काम करने वालों, छोटे-छोटे दुकानदारों, सभी के लिए पेंशन की सुविधा लेकर हम आए हैं। पहली बार सामान्य से सामान्य परिवार को 2 लाख रुपये तक के बीमा की व्यवस्था हमने की है। पहली बार रेहड़ी-ठेले-पटरी-फुटपाथ पर जो अपना थोड़ा-बहुत कारोबार करते हैं, ऐसे साथियों को भी पीएम स्वनिधि योजना की वजह से बैंकों से मदद मिल रही है। इन गरीबों की कोई सुनता नहीं था। जो फुटपाथ पर बैठ के जूते रिपेयर कर रहा है। जो फुटपाथ पर सब्जी बेच रहा है। जो ठेले में फल-सब्जी बेच रहा है। खिलौने बेच रहा है। उसके लिए बैंक के दरवाजे बंद थे। वो बेचारा ब्याज से पैसे लेने जाता था। और अगर हजार रुपये लेने जाता था तो सुबह वो सौ रूपये पहले ही काट लेता था और नौ सौ देता था और शाम को जाकर के फिर हजार लौटाना होता था। गरीब कर्जदार बनता जाता था। ये आपके बेटे ने ये तय किया कि मुझे गरीबों को इस ब्याज के चक्कर से बाहर लाना है। और हमने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए और आज वो ब्याज के चक्कर से बाहर आ रहे हैं। इस वर्ष के बजट में पहली बार हमारे जो विश्वकर्मा साथी होते हैं, जो मिस्त्री हैं, कारपेंटर हैं, गहने बनाते हैं, औजार बनाते हैं, मूर्तिकार हैं, ऐसे हर साथी के लिए हम विशेष योजना लाए हैं। त्रिपुरा में बीजेपी सरकार ने सामाजिक भत्ते को भी 500 से बढ़ाकर 2000 रुपये किया है।

भाइयों और बहनों,


आज पूरे देश में भाजपा युवाओं की पहली पसंद है। भाजपा युवाओं की हर जरूरत को, उनकी आकांक्षाओं को सर्वोपरि रखती है। बीते वर्षों में जिस प्रकार देश में शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट पर काम हुआ है उसका भी लाभ त्रिपुरा को मिला है। बीते 5 वर्षों में त्रिपुरा को ट्रिपल आईटी, लॉ यूनिवर्सिटी, नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, इंटरनेशनल बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी गिनते जाओ, गिनते जाओ ये डबल इंजन की सरकार ने दिया है। इन्हीं वर्षों में त्रिपुरा को अपना पहला, पहला, आजादी के 75 साल के बाद पहला, पहला डेंटल कॉलेज आपको मिला है। अटल बिहारी वाजपेयी रीजनल कैंसर हॉस्पिटल अब नॉर्थ ईस्ट के सबसे अच्छे कैंसर अस्पतालों में से एक है। जनजातीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल खोले जा रहे हैं।

भाइयों और बहनों,


शिक्षा और कौशल के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता है। टूरिज्म में रोजगार की अभूतपूर्व संभावनाएं है और इसलिए भाजपा सरकार त्रिपुरा में इस पर बहुत जोर दे रही है। आज भाजपा सरकार यहां की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध कर रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बना रही है। इसका बड़ा लाभ, लाभार्थी यहां का टूरिज्म सेक्टर है। यहां पवित्र त्रिपुरसुंदरी मंदिर है, चतुर्दश देवता मंदिर है, ब्रह्मकुंड है। आस्था और आध्यात्म से जुड़े ऐसे अनेक पवित्र स्थान त्रिपुरा में हैं, जो देश और दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। यहां त्रिपुरसुंदरी मंदिर के आसपास 51 शक्तिपीठों के रेप्लिका का काम किया जा रहा है। माताबाड़ी रेलवे स्टेशन से त्रिपुरसुंदरी मंदिर को रोपवे से जोड़ा जा रहा है। पुष्पबंता पैलेस को महाराजा बीरेंद्र किशोर माणिक्य संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये काम सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। इसलिए त्रिपुरा के गौरव को बढ़ाने के लिए भी आपको, मैं आज आग्रह करने आया हूं कि 16 फरवरी को त्रिपुरा का एक-एक वोट कमल के निशान पर, भाजपा के साथियों के निशान पर पहुंचना चाहिए।

भाइयों और बहनों,


वापमंथी और कांग्रेस, अपनी सत्ता की भूख मिटाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अब देखिए, इनकी ये कांग्रेस और लेफ्ट केरल में क्या कर रहे हैं, कल ही आपने देखा होगा, मारधाड़ कर दी उन्होंने, दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ। केरल में कांग्रेस और वामपंथ के बीच में कुश्ती चल रही है, लड़ाई चल रही है और त्रिपुरा में दोस्ती कर रहे हैं। केरल में कुश्ती, त्रिपुरा में दोस्ती, लेकिन नेताओं की ये दोस्ती क्या कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और वोटरों के बीच भी हो सकती है क्या? कांग्रेस के वो कार्यकर्ता, कांग्रेस के वो पुराने वोटर, जिनको दशकों तक लेफ्ट वालों ने प्रताड़ित किया, तंग किया, चोट पहुंचाई, उनके जवान बेटों को मार दिया, क्या सारे लोग लेफ्ट की इन करतूतों को भूल जाएंगे क्या? ये नेता लोग सत्ता भूख में उनपर हुए अत्याचारों को भुलाकर करके राजनीतिक स्वार्थ के लिए निकल पड़े हैं। क्या त्रिपुरा की जनता ऐसे लोगों को माफ करेगी। एक झंडा लगाने तक के लिए जिनके अपनों का खून बहाया गया, क्या वो पुरानी बातें भूल जाएंगे? वो भी सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को सत्ता की भूख है, उन्हें अपनी तिजोरी भरनी है? इनके लिए अपने कार्यकर्ताओं और अपने वोटरों की भावना बिल्कुल मायने नहीं रखती। त्रिपुरा के लोगों को लेफ्ट और कांग्रेस के ऐसे स्वार्थी गठबंधन से बचकर के रहना है।

साथियों,


भाजपा त्रिपुरा की सुरक्षा और विकास की गारंटी है। भाजपा विकास में भेदभाव नहीं करती है। भाजपा झंडे के आधार पर सरकारी लाभ में भेदभाव नहीं करती। क्योंकि भाजपा बदले की नहीं बदलाव की राजनीति करती है। जनहित और राष्ट्रहित की राजनीति करती है। इसलिए पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा ज्यादा वोटों के साथ वापसी कर रही है। आपके आशीर्वाद से कर रही है। और मैं आपको वादा करता हूं कि एक-एक वादा पूरा करूंगा। हर क्षेत्र, हर वर्ग में अभूतपूर्व समर्थन भाजपा को मिल रहा है। मैं त्रिपुरा के हर बहन-भाई को ये भरोसा देने आया हूं कि भाजपा के रहते आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। भाजपा सरकार में आपके बच्चों के भविष्य से कोई खिलवाड़ नहीं कर पाएगा। जब जनता के हित की बात होती है भाजपा कड़े और बड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटती। इसलिए, आपको मैं फिर एक बार आग्रह करता हूं कि 16 फरवरी को भाजपा और हमारे सहयोगियों साथियों को सुबह से ही मतदान के लिए निकल पड़िए। भारी मतदान करिए। करेंगे ना, करेंगे ना। घर-घर जाएंगे। लोगों को बताएंगे। लोगों को वोटिंग के लिए निकालेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे। करेंगे। मेरा निजी काम है। करोगे, ये चुनाव की दौड़ा-धूप में भी कर लोगे। पक्का करोगे। जरा वादा कीजिए हाथ ऊपर उठाकर के। करेंगे। देखिए मेरा एक काम करना है। आज में त्रिपुरा आया, लेकिन सबको तो नहीं मिल पाया। आप हर परिवार में जा करके मेरी तरफ से सबको बता देना कि मोदी जी त्रिपुरा, अगरतला आए थे। और आप सबको प्रणाम भेजा है। नमस्कार भेजा है। इतना कर दोगे आप। घर-घर जाके बता दोगे। मेरा प्रणाम उनको पहुंचेगे ना, तो उनका आशीर्वाद मुझे पहुंचेगा। और मुझे उनकी सेवा करने के लिए नई ताकत मिल जाएगी। इसलिए ये मेरा काम आपको करना है। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 16 तारीख को रिकॉर्ड ब्रेक मतदान कीजिए। शांतिपूर्ण मतदान कीजिए और फिर एक बार त्रिपुरा की विकास यात्रा को आगे बढ़ाइए।


भारत माता की जय


भारत माता की जय


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम


वंदे मातरम

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.