ইন্ডি জোট শুধুমাত্র ভোটব্যাঙ্কের রাজনীতিতে বিশ্বাস করে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
বিকশিত ভারত' ও 'বিকশিত মহারাষ্ট্র'-এর জন্য কংগ্রেসের বিরুদ্ধে সতর্ক থাকতে হবে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
আমাদের সরকার নিশ্চিত করেছে যে ভারতীয় নৌবাহিনী ছত্রপতি শিবাজী মহারাজের শক্তির প্রতিফলন ঘটাবে: প্রধানমন্ত্রী মোদী

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।

परभणी करान्ना, माझा राम राम, संत जनाबाईच्या या नगरीला, आणि देवी प्रभावतीच्या नगरीला, माझे कोटी कोटी वंदन !
परभणी की धरती से मैं छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब आंबेडकर, राजर्षि शाहू जी महाराज के चरणों में प्रणाम करता हूं। इस धरती पर साईं बाबा जैसे अनेक संतों के चरण पड़े। इसलिए, परभणी का आशीर्वाद ईश्वरीय आशीर्वाद से कम नहीं है। कल पहले चरण के मतदान के उत्साह जनक रुझानों के बाद...अब परभणी का ये प्रेम बता रहा है, इतनी विशाल जनसंख्या, और इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें और मैं देख रहा हूं, ये हमारा पंडाल छोटा पड़ गया, पीछे बहुत लोग, इस कड़ी धूप में तप रहे हैं। ये हमारी जगह छोटी पड़ गई, आपको धूप में तपना पड़ रहा है, मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं। लेकिन जो धूप में तप रहे हैं उनको मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये तपस्या मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। आपके इस प्रेम को, आपके इस आशीर्वाद को मैं विकास करके लौटाऊंगा। ये जो चारों तरफ एक ही स्वर गूंज रहा है, एक ही आवाज आ रही है - फिर एक बार, मोदी सरकार!

साथियों,

2024 का ये चुनाव केवल सरकार बनाने के लिए नहीं हो रहा। इस चुनाव का लक्ष्य है भारत को विकसित बनाना, भारत को आत्मनिर्भर बनाना। इसीलिए, 2024 के चुनाव के मुद्दे सामान्य मुद्दे नहीं हैं। हर मुद्दा महत्वपूर्ण है, हर कदम महत्वपूर्ण है, हर संकल्प महत्वपूर्ण है और इसीलिए ये पहला चुनाव है, जिसमें भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ये चुनाव है। ये चुनाव है, जिसमें हमने पिछले टर्म में चंद्रयान की सफलता को देखा है, इस चुनाव के बाद 140 करोड़ देशवासी गगनयान की सफलता भी देखेंगे। ये पहला चुनाव है, जब सेना के हथियारों से लेकर, कोरोना की वैक्सीन तक, लोग आत्मनिर्भर भारत की सफलता की हर कोने में चर्चा कर रहे हैं। सिर्फ 10 वर्षों में देश ने विकास की एक लंबी दूरी तय की है। 2014 में मैं पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब चुनाव में क्या बात होती थी? अखबार किन बातों से छाए रहते थे। टीवी पर किन बातों की चर्चा होती थी। तब बात होती थी आतंकी हमलों का डर, आए दिन बम धमाकों की खबरें। और हमारे वीर जवानों की शहादत की पीड़ा, यही छाया रहता था। 5 साल बाद, याद करिए साथियों, 2019 में, चर्चा सीमापार से होने वाले हमलों की बंद हो गई और चर्चा क्या होने लगी, सर्जिकल स्ट्राइक। ये तो मोदी है, घर में घुस के मारता है। ये चर्चा होने लगी कि नहीं होने लगी। शौर्य की ये धरती महाराष्ट्र भी, सर्जिकल स्ट्राइक की बात सुनकर गर्व से भर गई थी। आप मुझे बताइए, हिंदुस्तान का कोई ऐसा नागरिक होगा जिसको गर्व न हुआ हो। कोई नागरिक होगा जिसको गर्व न हुआ हो। गर्व हुआ कि नहीं हुआ। हर किसी को गर्व हुआ कि नहीं हुआ।

साथियों,

NDA सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर काम करती है। कोई भी जाति हो, कोई भी पंथ हो, हमारी सरकार सबके लिए काम करती है। यहां परभणी में बिना भेदभाव, करीब 40 हजार गरीबों को पक्के घर दिए गए हैं। और मैं आपको एक काम बताता हूं, करोगे, पक्का करोगे, देखिए, जिनको घर मिले हैं, हैं कौन? या तो ओबीसी समाज के हैं, या तो दलित समाज के लोग हैं या तो आदिवासी समाज के लोग हैं। यही लोग थे जो वंचित रह गए थे। और मैंने इतना सारा किया है, लेकिन अभी जब आप लोगों के घर में जाएंगे, गांव में जाएंगे। कहीं कोई इक्का-दुक्का घर मिलना बाकी हो, कोई इक्का-दुक्का जिसको गैस का कनेक्शन मिलना बाकी हो, नल से जल मिलना बाकी हो। तो मेरी तरफ से उनको बता देना कि मोदी की गारंटी है, तीसरे टर्म में आपका काम भी हो जाएगा। ये बताओगे, मेरी तरफ से गारंटी दोगे। आप ही मेरी गारंटी हो, करोगे न। मेरे लिए तो आप ही मोदी हो। घर-घर जाकर बताओगे न। देखिए, आज परभणी के 12 लाख से ज्यादा गरीबों को बिना भेदभाव मुफ्त राशन मिल रहा है। ताकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, बच्चे भूखे पेट सो न जाएं, मां की आंख से आंसू न बहे, इसलिए मोदी 12 लाख परिवारों को यहीं पर मुफ्त राशन दे रहा है, आने वाले पांच साल भी देता रहेगा। आज परभणी में 17 जनऔषधि केंद्रों में बिना भेदभाव सभी को 80 प्रतिशत छूट पर दवा मिल रही है। यहां बिना भेदभाव सवा लाख से ज्यादा महिलाओं को उज्जवला का गैस कनेक्शन दिया गया है। परभणी में आज 75 प्रतिशत से ज्यादा घरों में नल से जल आने लगा है। इतना ही नहीं, NDA सरकार ने परभणी के 9 लाख से ज्यादा पशुओं को मुफ्त टीका भी लगाया है। कोई भी सरकार ऐसे तभी काम करती है, जब वो गरीबों के प्रति संवेदनशील हो, सबकी चिंता करती हो। मैंने गरीबी की जिंदगी जी है...मैं भी आप ही की तरह पिछड़े परिवार में से आ रहा हूं। इसलिए गरीब का दुख भलीभांति समझता हूं। इसलिए मैंने तय किया है कि जो मैंने सहा है, वो देश के किसी गरीब को नहीं सहना पड़े। इसलिए दिन-रात इतनी मेहनत कर रहा हूं।

भाइयों और बहनों,

मराठवाड़ा का ये पूरा क्षेत्र खेती-किसानी वाला है। यहां का ब्लैक कॉटन, सोयाबीन, ज्वार-बाजरा आपकी कमाई का बड़ा साधन है। लेकिन इस उपज को लेकर कांग्रेस और इंडी अघाडी वालों ने कभी आपकी परेशानी नहीं समझी। इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है सिंचाई की। NDA की पिछली सरकार में यहां जलयुक्त शिवार योजना शुरू हुई थी, मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड योजना शुरू हुई थी। लेकिन इंडी अघाड़ी वालों को आपसे इतनी दुश्मनी है कि इन दोनों योजनाओं को रोक दिया। अब भाई एकनाथ शिंदे जी, देवेन्द्र फड़नवीस जी, और अजीत पवार जी की टीम इस क्षेत्र में सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करवा रहे हैं। परभणी के सेलू तालुका में लोअर दुधना प्रोजेक्ट पूरा हो गया है।

साथियों,

यहां के किसानों की एक बड़ी चुनौती मौसम की मार भी रही है। पहले की सरकारों के समय, किसानों को फसल बीमा की रकम मिलना असंभव ही था। लेकिन NDA सरकार ने सिर्फ एक जिले-परभणी में ही किसानों को फसल बीमा के डेढ़ हजार करोड़ रुपए दिए हैं। हमारी सरकार जो ऑयलसीड मिशन शुरू करने जा रही है, उससे यहां सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को बहुत लाभ होगा। परभणी अब देश को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी मदद करेगा। परभणी के लाखों किसानों को भाजपा सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि के 850 करोड़ रुपए भी दिए हैं। और जो राज्य सरकार दे रही है वो अलग। अमरावती में बनने वाले टेक्सटाइल पार्क का भी यहां के कॉटन उत्पादक किसानों को बहुत फायदा होगा। साथियों, मोटे अनाज-श्रीअन्न को पौष्टिक तत्वों को ध्यान में रखकर हमारी सरकार बड़े पैमाने पर श्रीअन्न को बढ़ावा दे रही है। सुपरफूड है, हम दुनिया में पहुंचा रहे हैं। आपके यहां का ज्वार-बाजरा केवल महाराष्ट्र और देश को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को पौष्टिक लाभ देगा।

साथियों,

मोदी के लिए- आपके सपने ही मेरे संकल्प हैं। इसीलिए, हम समस्याओं के समाधान के लिए ठोस काम में भरोसा करते हैं और ठोस काम को पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं। हमारा मराठवाड़ा खुद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमने इस क्षेत्र के लिए आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया। परभणी में 5 अमृत स्टेशनों का विकास हो, मडमांड़-नांदेड रेल लाइन के परभणी सेक्शन का दोहरीकरण और electrification हो, बाला साहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग हो, या फिर शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे हो, ये इनफ्रास्ट्रक्चर आज परभणी और मराठवाड़ा की तस्वीर बदल रहे हैं। जालना में ढाई सौ एकड़ के ड्राइपोर्ट का निर्माण भी हो रहा है। इससे भी इस पूरे क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।

साथियों,

NDA सरकार के अगले 5 वर्षों के लिए हमारी पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र मोदी का गारंटी कार्ड है। अगले 5 वर्षों के लिए मोदी की गारंटी है कि- हम देश में गरीबों के लिए 3 करोड़ नए घर बनाएंगे। अगले पांच वर्ष के लिए...अब हम देखते हैं, आजकल हर परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची, नाना-नानी हर परिवार में होते ही हैं। क्योंकि आयु लंबी हो रही है, और जो बेटा कमाता है या बेटी कमाती है उसके लिए अपने बुजुर्ग मां-बाप को संभालना कोई मुश्लिक काम नहीं होता है, कर लेते हैं। लेकिन अगर कोई बीमारी आ गई, तो फिर परिवार में सबके लिए दिक्कत होती है, कि अब पैसा बुजुर्गों के लिए कितना खर्चा करें, बच्चों के लिए कितना खर्चा करें। एक प्रकार से उसके सारे सपने धुल जाते हैं और इसीलिए मोदी ने तय किया कि मेरे सभी परिवार के लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए मेहनत करते हैं, उनका बोझ मैं कैसे कम करूं। और इसीलिए हमने 70 साल की ऊपर के जितने भी बुजुर्ग हमारे देश में हैं, 70 साल के ऊपर के हर बुजुर्ग माता-पिता को उनकी बीमारी में अब इलाज की जिम्मेवारी मोदी का रहेगा। आपके इस बेटे की रहेगी। 70 साल से ऊपर के हर किसी को आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा। मुद्रा योजना के तहत अब युवाओं को 20 लाख रुपए तक की मदद देंगे। NDA सरकार अगले 5 वर्षों में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी भी बनाएगी। और इन सारे प्रयासों को यहां एकनाथ शिंदे जी, देवेन्द्र फड़नवीस जी, और अजीत पवार जी की सरकार तेजी से आगे बढ़ाएगी।

साथियों,

विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र अभियान के बीच आपको इंडी अघाड़ी से बहुत सतर्क रहना है। कांग्रेस एक ऐसी बेल है, जिसकी अपनी न कोई जड़ है, न जमीन है। इसे जो सहारा दे देता है, ये उसे ही सुखा देती है। आज़ादी के समय कांग्रेस ने देश का विभाजन करवा दिया। आज़ादी के बाद कश्मीर की समस्या खड़ी कर दी। कांग्रेस ने 370 के बहाने बाबा साहब का संविधान कश्मीर में लागू नहीं होने दिया, वहां के दलितों को अधिकार नहीं मिलने दिये। महाराष्ट्र में इंडी अघाड़ी वालों ने जब तक सरकार चलाई, इन्होंने ये लगने ही नहीं दिया कि निज़ामों का कब्जा चला गया है। रज़ाकारों की मानसिकता यहां हावी थी। इन लोगों ने महाराष्ट्र और मराठवाड़ा का विकास तो नहीं होने दिया, लेकिन, कांग्रेस और नकली शिवसेना की पिछली सरकार याक़ूब मेनन की कब्र संवारने में व्यस्त थी। अब बताइए, उनके लिए प्रायरिटी भी याकूब मेनन की कब्र। भाइयों बहनों, परभणी श्री महाराज पाचलेगांवकर जैसे संतों की धरती है, जिन्होंने संन्यासी होकर भी निज़ामों के विरुद्ध संघर्ष का नेतृत्व किया था। परभणी हमारे बाला साहब ठाकरे से प्रेरणा लेने वाली धरती है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, रज़ाकारों की मानसिकता को यहां स्थान मिलना चाहिए क्या? मिलना चाहिए क्या? पालघर के साधुओं की हत्या का मज़ाक उड़ाने वालों को महाराष्ट्र में कोई ठिकाना मिलना चाहिए क्या?

साथियों,

कांग्रेस और उसके दोस्तों को भारत की हर विरासत से चिढ़ है। कांग्रेसी सरकारें तो आज़ादी के बाद भी सेनाओं में अंग्रेजी निशानों को ढो रही थीं। हमारी नौसेना के झंडे पर अंग्रेजों का प्रतीक चिन्ह था। हमने उसे हटाया। हमने नौसेना के झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज का निशान लगाकर नेवी को नई पहचान दी। नेवी के अधिकारी ‘एपो लेट्स’ पहनते हैं, उसमें भी अब छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत की झलक दिखती है। कुछ महीने पहले ही, हमने नौसेना दिवस मनाने की परंपरा को भी बदला। पहले नौसेना दिवस दिल्ली में हुआ करता था। नौसेना दिवस पर सिंधु दुर्ग के किले में भव्य आयोजन करके छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि भी दी और उनके संकल्पों को आगे बढ़ाने का व्रत भी लिया। लेकिन, जब हम छत्रपति शिवाजी के सम्मान में कुछ करते हैं, तो ये लोग उसका भी विरोध करते हैं।

साथियों,

विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र के संकल्पों के लिए महाराष्ट्र की हर सीट पर एनडीए गठबंधन को आपका आशीर्वाद चाहिए। मैं आपके आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। आने वाली 26 अप्रैल को आपको परभणी लोकसभा से एनडीए के उम्मीदवार महादेव जानकर को विजयी बनाना है। लेकिन इसके लिए आपको मेरा एक काम और करना पड़ेगा। करेंगे। एक तो घर-घर जाना है, जाएंगे। ज्याद से ज्यादा मतदान कराएंगे। कितनी ही गर्मी क्यों न हो ज्यादा मतदान कराएंगे। पहले मतदान फिर जलपान, ये पक्का करेंगे। सुबह-सुबह मतदान कराएंगे। दूसरा काम, हमें पोलिंग बूथ जीतना है, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे। हर पोलिंग को जीतने के लिए अड़गे हो या पिछड़े सबके दिल जीतने होते हैं, जीतोगे। पक्का जीतोगे। अच्छा मेरा एक और काम करोगे, ये मेरा काम है करोगे, मोदी का काम है, महादेव का नहीं है, करोगे, पक्का करोगे। अच्छा घर-घर जाना और बताना कि अपने मोदी भाई परभणी आए थे, और उन्होंने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। जब हर बुजुर्ग के पास मेरा प्रणाम पहुंचेगा न। तो हर माता-बहन, बुजुर्ग मुझे आशीर्वाद देंगे और उनके आशीर्वाद ही मेरी ऊर्जा है। उनके आशीर्वाद मुझे देश के लिए दिन-रात दौड़ने के लिए ताकत देते हैं। और इसीलिए ये मेरा पर्सनल काम है, करेंगे न। जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे न। मेरे प्रणाम पहुंचाएंगे ना।
बहुत बहुत धन्यवाद, मेरे साथ बोलिए...भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।