কংগ্রেস সর্বদাই ডঃ বাবাসাহেব আম্বেদকরকে অপমান করেছে, আমরা তাঁকে সম্মান জানিয়েছি: হোশাঙ্গাবাদ সমাবেশে প্রধানমন্ত্রী মোদী
একটি দরিদ্র পরিবারের ছেলে প্রধানমন্ত্রী হওয়ার সঙ্গে সঙ্গেই কংগ্রেস গুজব ছড়াতে শুরু করে যে মোদী এসেছেন, সংবিধান ও গণতন্ত্র বিপদে পড়বে, বলেছেন প্রধানমন্ত্রী
হোশাঙ্গাবাদে একটি জনসভায় প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী বলেছেন, 'ভীম ইউপিআই যা আপনারা ডিজিটাল অর্থপ্রদানের জন্য ব্যবহার করেছেন, আমরা এর নাম বাবাসাহেব আম্বেদকরের নামে রেখেছি
কী ঘটবে, কী সমস্যা আসবে তা নিয়ে বিশ্ব কাঁপছে। এই ধরনের বিশ্বের জন্য একটি শক্তিশালী ভারত অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ,প্রধানমন্ত্রী মোদী বলেছেন

नर्मदा मैया की जय !
नर्मदा मैया की जय !
नर्मदा मैया की जय !

ये ऐसा क्षेत्र है जिससे मैं बरसों से बहुत ही निकट परिचय में रहा हूं। अनेक बार इस आदिवासी अंचल से मुझे जुड़ने का सौभाग्य मिला है। मैं जानता हूं कि यहां कितनी दूर दूर तक बस्तियां हैं, गांव हैं। इसके बावजूद आप इतनी विशाल संख्या में हम सभी को आशीर्वाद देने आए हैं। मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं।

मुझे कल बताया गया कि इतनी तेज बारिश यहां हुई थी कि लग रहा था कि आज कार्यक्रम कर पाएंगे कि नहीं कर पाएंगे। लेकिन आपका प्यार, आपका उत्साह कि प्राकृतिक तकलिफों को बावजूद भी रात-रात मेहनत करके इतना शानदार भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, मैं आपका अभिनंदन करता हूं। मैं मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि मुझे आगे जल्दी पहुंचना है। आज मुझे कर्नाटक, केरल एक लंबी यात्रा है। ढ़ेर सारे कार्यक्रम हैं तो उन्होंने अपना भाषण भी छोड़ दिया। और मुझे बोलने के लिए निमंत्रित कर दिया। मैं मुख्यमंत्री जी के जेस्चर के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयों और बहनों,
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, जब मध्य प्रदेश ने पूरे देश को चौंका दिया था। और होशंगाबाद ने तो कमाल ही कर दिया था। यहां से जो लहर उठी थी, वो लहर पूरे देश में फैल चुकी है। आज देश के कोने-कोने से एक ही आवाज़ आ रही है- फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,
आज देश के इतिहास का बहुत बड़ा दिन है। आज संविधान निर्माता, बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्म-जयंती है। उनकी जन्मस्थली महू, यहां से ज्यादा दूर नहीं है। महू में उनका घर हो, या देश-विदेश में वे जहां भी रहे, उन सारे स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का सौभाग्य भाजपा सरकार को मिला है। जो सम्मान कांग्रेस पार्टी ने उनको कभी नहीं दिया। वो सम्मान करने का सौभाग्य हमें मिला है। कांग्रेस जैसी पार्टियों ने हमेशा बाबा साहेब को अपमानित करने का ही काम किया है। बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया है, उसके कारण ही आज गरीब मां का ये बेटा मोदी आपसे तीसरी बार सेवा का आशीर्वाद मांग रहा है। ये बाबा साहेब का संविधान है, जिसके कारण आज देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी परिवार की बेटी है। जिस समाज को सबसे अंत में पूछा गया, जिसको वंचित रखा गया, उस समाज की बेटी, आज देश की राष्ट्रपति के रूप में पहली नागरिक हैं। हमने बाबा साहेब को सिर्फ विचारों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि आधुनिक भारत में उनके योगदान को नई पहचान दी है। आप फोन से जो डिजिटल पेमेंट करते हैं, वो डिजिटल पेमेंट की योजना है, उसका नाम BHIM UPI है। ये BHIM UPI बाबा साहेब के नाम पर हमने रखा है।

भाइयों और बहनों,
देश की आजादी में और राष्ट्रनिर्माण में आदिवासी समाज का बहुत समृद्ध योगदान रहा है। इस मिट्टी ने तो गोंड वंश के राजा भभूति सिंह के रूप में एक महान स्वतंत्रता सेनानी देश को दिया है।

साथियो,
कांग्रेस ने आदिवासी समाज के योगदान को कभी स्वीकार नहीं किया। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने का सौभाग्य भी बीजेपी की सरकार को मिला है।

साथियो,
कमाल देखिए, आजादी के अनेक दशक तक कांग्रेस के एक ही परिवार ने सीधे या रिमोट कंट्रोल से देश चलाया। इसी परिवार ने देश में आपातकाल इमरजेंसी लगाई थी। कांग्रेस ने देशभर में लोकतांत्रिक सरकारों को जब मर्ज़ी उसे पत्ते की तरह गिरा देते थे। कांग्रेस ने अपने हिसाब से इतिहास को तोड़ा मरोड़ा और जो मर्जी लिखवाया और अपना ही महिमामंडन करवाया। कांग्रेस की मानें तो तब लोकतंत्र ठीक चल रहा था, फल-फूल रहा था। ऐसे वो बता रहे हैं। लेकिन जैसे ही गरीब घर का बेटा प्रधानमंत्री बना तो कांग्रेस अफवाह फैलाने लगी कि मोदी आया है संविधान और लोकतंत्र पर खतरा आ जाएगा। ये कांग्रेस वाले आपको पता नहीं है। ये बाबा साहेब का संविधान है ना उनके कारण तो मोदी यहां पहुंचा है। अब तो कांग्रेस का शाही परिवार धमकी दे रहा है कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बना, तो देश में आग लग जाएगी। ये 2014 में भी बोलते थे, कभी आग लगी क्या, ये 2019 में भी बोलते थे . कभी आग लगी क्या, ये राम मंदिर में भी बोलते थे, कभी आग लगा क्या। ये 370 के लिए भी बोलते थे आग लगी क्या। बस देश को डराओ -घबराओ , भ्रम फैलाओ।

भाइयों और बहनों,
आग देश में नहीं, आग-जलन उनके दिलों में लगी है, ये जलन उनके दिल और दिमाग में ऐसे भरी पड़ी है। कि ये उनको अंदर से जलाती जा रही है। और ये जलन भी मोदी के कारण नहीं है, ये जलन 140 करोड़ देशवासियों के मोदी के प्रेम के कारण है। वे ये प्रेम भी सहन नहीं कर पा रहे हैं।

भाइयों-बहनों,
ये लोग 10 साल से सत्ता से बाहर हैं। 10 साल में ऐसे छटपटा रहे हैं जैसे उनका सबकुछ लुट गया। उनकी भावी पीढ़ियों का ही जैसे लुट गया। अगर कांग्रेस वाले यही कारनामे करते रहेंगे और उनका तौर तरीका यही रहेगा, तो ये जलन उनको इतनी जला देगी कि देश आगे मौका देने को कभी तैयार नहीं होगा। और इसका कारण साफ है। आप दुनिया की स्थिति देख रहे हैं। युद्ध और अराजकता की स्थिति है...अनिश्चितता की स्थिति है। चारो तरफ एक धुंधला और आशंका का वातावरण बन गया है। हर कोई भय के साए में दुनिया में रह रहा है। कब क्या होगा , कौन सी मुसीबत आएगी, दुनिया थर-थर कांप रही है। ऐसी दुनिया के लिए एक मजबूत और शक्तिशाली भारत ज़रूरी है। आज भारत और मजबूत होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। भाजपा-भारत की सेवा में इसलिए लगी है, क्योंकि भारत मजबूत और सशक्त बने। आप मुझे बताइए, ये काम क्या एक अस्थिर, कमज़ोर, भ्रष्ट और स्वार्थी नेताओं का इंडी-गठबंधन मजबूती का काम कर सकता है क्या, देश को मजबूत बना सकता है क्या। अरे जो पार्टी खुद को मजबूत नहीं बना सकती वे देश को क्या मजबूत बनाएगी। आप मुझे बताइए भाइयों, शक्तिशाली भारत कौन बना सकता है?, शक्तिशाली भारत कौन बना सकता है? मजबूत भारत कौन बना सकता है। सामर्थ्यवान भारत कौन बना सकता है, समृद्ध भारत कौन बना सकता है। शक्तिशाली भारत कौन बना सकता है? मैंने इतने सारे सवाल पूछे, मैं सोच रहा था आपलोग सही जवाब देंगे, लेकिन आपने तो हर बार गलत जवाब दे दिया। ये मोदी नहीं आपका एक वोट कर सकता है। आपका एक वोट कर सकता है। आपके वोट की ताकत है जो देश को ताकतवर बनाएगी, आपके वोट की ताकत है, जो देश को शक्तिशाली बनाएगी।

भाइयों और बहनों,
थोड़ी देर पहले ही भाजपा का संकल्प पत्र देश की जनता के चरणों में रखने का सौभाग्य मिला मैंने वहां मोदी की गारंटी के बारे में बताया है। आप इंडी-गठबंधन की स्थिति देखिए। वो तय नहीं कर पा रहे हैं कि घोषणापत्र एक जिम्मेवारी होती है, जनता के लिए एक कमिटमेंट होता है। उनके सभी साथी आपस में उलट-पुलट कर रहे हैं। और ऐसे ऐसे वादे कर रहे हैं कि देश किस दिशा में जाएगा तय नहीं कर सकते। उनकी सरकार क्या करना चाहती है, कैसे करना चाहती है। ये भी उनकी बातों में कहीं नजर नहीं आता है। और इनके घोषणापत्र भी एक से बढ़कर एक खतरनाक वादे हैं। उनके एक साथी का घोषणापत्र कहता है कि देश को आर्थिक रूप से दीवालिया बनाने वाला घोषणापत्र उनका है। एक-एक लाइन ऐसी है। एक उनके साथी का घोषणापत्र कहता है कि भारत से परमाणु हथियार खत्म कर देंगे। बताइए भईया कोई देश ऐसा सोचेगा क्या। परमाणु हथियार आज के युग में भारत को जरूरी है कि नहीं है। भारत की ताकत के लिए भारत की रक्षा के लिए परमाणु हथियार होना चाहिए की नहीं होना चाहिए हमारे पास। अगर दुश्मनों की इतनी ताकत हो और हम कह दें कि परमाणु हथियार नष्ट कर दंगें। ये किसकी भलाई के लिए बोल रहे हो भाई। ऐसा वादा कर रहे है वो लोग, क्या वो देश की रक्षा कर सकते हैं। जैसी घातक इनकी सोच है, वैसे ही घातक ये अपने घोषणापत्र बना रहे हैं।

साथियों,
भाजपा का संकल्पपत्र, मोदी की गारंटी के रूप में आपके सामने है। गांव हो या शहर, सरकार हर गरीब का पक्के घर का सपना पूरा करेगी- ये मोदी की गारंटी है। अच्छा मेरा एक काम करोगे आप लोग, करोगे, हाथ ऊपर करके बताओ करोगे। देखिए इस पर चुनाव में आप जहां भी जाएं, सभी लाभार्थियों को मिलेंगे। हो सकता है। एक गांव में 30-40 लोगों का घर बन गया। लेकिन अभी भी एक दो लोग छूट गए हैं। उनको जाकर के बताना मोदी के गारंटी हैं कि जिनका काम भी छूट गया है, ये आने वाले दिनों में वो लाभ भी उनको मिलेगा। आने वाले समय में हमने तीन करोड़ घर बनाने का संकल्प लिया। दिव्यांग साथियों को भी आवास योजना का लाभ मिलेगा।

यहां होशंगाबाद के किसानों को करीब 400 करोड़ रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के मिले हैं। और आने वाले 5 साल में ये पीएम किसान सम्मान निधि चलती रहेगी। और करीब-करीब 2 हजार करोड़ रूपया यहां के किसानों के यहां आएंगे। गरीब को 5 साल तक मुफ्त राशन ऐसे ही मिलता रहेगा, ताकि गरीब के घर का चूल्हा बुझ ना जाए। गरीब को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलता रहेगा, ये भी मोदी की गारंटी है। ऊपर से एक और गारंटी दी है। हमने कहा है किसी भी समाज का, किसी भी आर्थिक शक्ति वाला, गरीब हो, मध्यम वर्ष हो, उच्च मध्यम वर्ग हो, गरीब हो, मध्यम वर्ष हो, उच्च मध्यम वर्ग हो, सुखी हो समृद्ध हो, 70 साल के ऊपर का कोई भी माता-पिता को अब 5 लाख रुपए तक इलाज की जिम्मेदारी, ये उनका बेटा मोदी उठाएगा। और उनको लाभ होगा इतना नहीं , जो आज 25, 30, 35 साल के युवा हैं ना, उनका बोझ मोदी उठा लेगा। और वो जीवन में सुख चैन से प्रगति के रास्ते पर बढ़ पाएंगे। आप कल्पना कर सकते हैं। कितनी बड़ी सुविधा देश के बुजुर्गों को मिलने जा रही है।

साथियों,
मोदी ने 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है। इतनी सारी दीदी मुझे दिख रही है सामने, ये मोदी की गारंटी है मुझे आशीर्वाद दीजिए। 3 करोड़ को मैं लखपति बनाना चाहता हूं। इतनी तादाद में माताएं -बहनें यहां आई हैं। ये आपके आशीर्वाद मेरे उस संकल्प को जरूर पूरा करेंगे।

अब बीजेपी ने संकल्प पत्र में ठाना है कि मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी का लोन, 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाएगा। अब हर परिवार का नौजवान, हर परिवार की युवा बेटी कोई कारोबार करना चाहती है तो मोदी आपके साथ खड़ा रहेगा। इससे मध्य प्रदेश के हमारे गरीब, दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज के युवाओं को, हमारी बेटियों को बड़ी मदद मिलेगी। इससे यहां पर्यटन आधारित रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं, इससे यहां नोजवानों को बहुत बड़ा अवसर मिलेगा। गेस्ट हाउस हो, होम स्टे हो, छोटा ऑटो रखना है, टूरिस्टों के लिए जरूरी चीजें खड़ी करनी है। ऐसे काम के लिए नौजवानों को मदद मिल पाएगी। आप कल्पना कर सकते हैं, नौजवानों के लिए कितने सारे अवसर लेकर के भाजपा का संकल्प पत्र आया है। सरकार होम स्टे के लिए जो आर्थिक मदद देगी, उसका बड़ा लाभ यहां इस क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को भी मिलेगा। बहुत बड़ी संख्या में हमारे साथी ऑटो, ट्रक, टैक्सी ट्राइवर हैं। ऐसे साथियों को ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा। मकसद यही है कि उनको भी बीमा और दूसरी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले।

साथियों,
2025 में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती है। बीजेपी ने संकल्प लिया है कि 2025 वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। आदिवासी कला-संस्कृति से जुड़ी विरासत को समृद्ध करने के लिए फंड बढ़ाया जाएगा। SC/ST/OBC के कल्याण से जुड़ी योजनाएं तेज़ी से ज़मीन पर उतरें, इसके लिए जिला कमेटियां गठित की जाएंगी। उसमें SC/ST/OBC के कोई ना कोई प्रतिनिधि रखे जाएंगे। एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या साढ़े 700 तक पहुंचाने के लिए तेज़ी से काम किया जाएगा। जनजातियों में भी पिछड़ी जनजातियों के लिए 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम जनमन योजना पर पहले से ही काम चल रहा है। मोदी के तीसरे कार्यकाल में इसे भी तेज़ गति से पूरा किया जाएगा। इन प्रयासों से MP के हमारे SC-ST-OBC समाज को आगे बढ़ने में बहुत मदद मिलेगी।

भाइयों और बहनों,
मोदी की गारंटी वहां से शुरु होती है, जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है। इसलिए हताश कांग्रेस ऐसी घोषणाएं कर रही है, जो खुद कांग्रेस के नेताओं को ही समझ नहीं आ रही। कांग्रेस के शहज़ादे ने घोषणा की आप भी सुन करके हंसोगे। कांग्रेस के शहजादे ने घोषणा की कि एक झटके में देश से गरीबी हटा दूंगा। ये बात सुनकर पूरा देश हैरान है। देश पूछ रहा है कि आखिर ये ‘शाही जादूगर’, इतने बरसों तक कहां छुपा था। 50 साल पहले इनकी दादी ने देश से गरीबी हटाने की घोषणा की थी। 2014 से पहले 10 साल तक इन्होंने रिमोट से सरकार चलाई। और कह रहे हैं कि अब बस इनको एक झटके वाला मंत्र मिल ही गया है। ये झटके वाला मंत्र लाए कहां से, बताइए ये गरीबों का मजाक है कि नहीं है। ये गरीबों का अपमान है कि नहीं है, आप बताइए एक झटके से गरीबी दूर होती है क्या। ये क्या बोल रहे हैं, उनपर कोई भरोसा करेगा क्या। ऐसे दावे करते हैं, तभी ये देशभर में हंसी के पात्र बन जाते हैं, देश उनको गंभीरता से नहीं लेता है।

भाई और बहनों,
आपने मुझे बहुत निकट से देखा है। दिन रात मैं क्या कर रहा हूं, क्यों कर रहा हूं, कैसे कर रहा हूं, किसके लिए कर रहा हूं। सब बराबर देखा है ना मुझे, लगातार आप देख रहे ना, आपको विश्वास हो गया है कि मोदी का अपना कोई सपना नहीं है। मोदी के लिए तो आपका सपना ही यह मोदी का संकल्प है। मैं आपके लिए ही पैदा हुआ हूं। आप सभी मेरा देश ये भारत ही मेरा परिवार है। इसलिए, आज चारों तरफ चौड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं। यहां अनेक रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण हो रहा है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या 10 साल में दोगुनी हो चुकी है। कोशिश यही है कि आपको मुश्किलें न हों, असुविधा न हो। लेकिन आप कहते हैं मोदी ने बहुत काम किया है। लेकिन मैं कहता हूं ये तो अभी ट्रेलर ही है। अभी तो मुझे बहुत कुछ करना बाकी है। देश को, मध्य प्रदेश को हमें और ऊंचाई पर ले जाना है। हम अन्नदाता को ऊर्जादाता और उर्वरकदाता, दोनों बनाना चाहते हैं। बिजली का बिल जीरो हो और बिजली से कमाई भी हो, इसके लिए पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना हम घर-घर पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। सौर ऊर्जा, जैविक खाद और इथेनॉल उत्पादन में एमपी के, होशंगाबाद के किसान भी अग्रणी हों, इसके लिए हम काम करने वाले हैं। दालों में आत्मनिर्भरता और मोटे अनाज यानि श्री अन्न को दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाना ये मोदी की प्राथमिकता है। मैं मोहन यादव जी और उनकी सरकार की भी प्रशंसा करुंगा। वो ईमानदारी से यहां आपको दी हुई गारंटियां पूरा करने में जुटे हैं।

साथियों,
19 अप्रैल को छिंदवाड़ा से मेरे नौजवान साथी भाई विवेक बंटी साहू जी को और फिर 26 अप्रैल को होशंगाबाद से हमारे किसान नेता हमारे साथी दर्शन सिंह चौधरी जी को प्रचंड बहुमत से विजयी बनाना है।

साथियो,
मुझे पक्का विश्वास है। आप तो जीता ही जीता देने वाले हो, लेकिन मेरी एक अपेक्षा है, पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने हैं, तोड़ोगे। मेरी अपेक्षा हर बूथ को जीतना है, जीतोगे, हर बूथ जीतोगे। हर बूथ को जीतने के लिए ताकत लगा दोगे। तो नोट कर लीजिए। अगली बार नर्मदापुरम आऊंगा तो मावा-बाटी और गुड़ की जलेबी के साथ विजय उत्सव मनाएंगे। रामनवमी आने वाली है। राम मंदिर निर्माण होने के बाद इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है। आपको भी इस रामवनमी की बहुत सारी शुभकामनाएं।

मेरा एक काम करोगे मेरा एक पर्सनल काम करोगे. यह चौधरी जी का भी नहीं है। साहू जी का भी नहीं है। करोगे जरा हाथों पर करके बताओ करोगे, हर कोई करेगा। मेरा एक काम करना जब अपने गांव जाएंगे, मोहल्ले में जाएंगे तो उन्हें बताना कि हमारे मोदी जी होशंगाबाद आए थे। उन्होंने आपको राम-राम कहा है। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे। बोलिए भारत माता की जय...भारत माता की जय...भारत माता जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!