Quoteকংগ্রেস সর্বদাই ডঃ বাবাসাহেব আম্বেদকরকে অপমান করেছে, আমরা তাঁকে সম্মান জানিয়েছি: হোশাঙ্গাবাদ সমাবেশে প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteএকটি দরিদ্র পরিবারের ছেলে প্রধানমন্ত্রী হওয়ার সঙ্গে সঙ্গেই কংগ্রেস গুজব ছড়াতে শুরু করে যে মোদী এসেছেন, সংবিধান ও গণতন্ত্র বিপদে পড়বে, বলেছেন প্রধানমন্ত্রী
Quoteহোশাঙ্গাবাদে একটি জনসভায় প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী বলেছেন, 'ভীম ইউপিআই যা আপনারা ডিজিটাল অর্থপ্রদানের জন্য ব্যবহার করেছেন, আমরা এর নাম বাবাসাহেব আম্বেদকরের নামে রেখেছি
Quoteকী ঘটবে, কী সমস্যা আসবে তা নিয়ে বিশ্ব কাঁপছে। এই ধরনের বিশ্বের জন্য একটি শক্তিশালী ভারত অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ,প্রধানমন্ত্রী মোদী বলেছেন

नर्मदा मैया की जय !
नर्मदा मैया की जय !
नर्मदा मैया की जय !

ये ऐसा क्षेत्र है जिससे मैं बरसों से बहुत ही निकट परिचय में रहा हूं। अनेक बार इस आदिवासी अंचल से मुझे जुड़ने का सौभाग्य मिला है। मैं जानता हूं कि यहां कितनी दूर दूर तक बस्तियां हैं, गांव हैं। इसके बावजूद आप इतनी विशाल संख्या में हम सभी को आशीर्वाद देने आए हैं। मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं।

मुझे कल बताया गया कि इतनी तेज बारिश यहां हुई थी कि लग रहा था कि आज कार्यक्रम कर पाएंगे कि नहीं कर पाएंगे। लेकिन आपका प्यार, आपका उत्साह कि प्राकृतिक तकलिफों को बावजूद भी रात-रात मेहनत करके इतना शानदार भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, मैं आपका अभिनंदन करता हूं। मैं मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि मुझे आगे जल्दी पहुंचना है। आज मुझे कर्नाटक, केरल एक लंबी यात्रा है। ढ़ेर सारे कार्यक्रम हैं तो उन्होंने अपना भाषण भी छोड़ दिया। और मुझे बोलने के लिए निमंत्रित कर दिया। मैं मुख्यमंत्री जी के जेस्चर के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

भाइयों और बहनों,
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, जब मध्य प्रदेश ने पूरे देश को चौंका दिया था। और होशंगाबाद ने तो कमाल ही कर दिया था। यहां से जो लहर उठी थी, वो लहर पूरे देश में फैल चुकी है। आज देश के कोने-कोने से एक ही आवाज़ आ रही है- फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,
आज देश के इतिहास का बहुत बड़ा दिन है। आज संविधान निर्माता, बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्म-जयंती है। उनकी जन्मस्थली महू, यहां से ज्यादा दूर नहीं है। महू में उनका घर हो, या देश-विदेश में वे जहां भी रहे, उन सारे स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का सौभाग्य भाजपा सरकार को मिला है। जो सम्मान कांग्रेस पार्टी ने उनको कभी नहीं दिया। वो सम्मान करने का सौभाग्य हमें मिला है। कांग्रेस जैसी पार्टियों ने हमेशा बाबा साहेब को अपमानित करने का ही काम किया है। बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया है, उसके कारण ही आज गरीब मां का ये बेटा मोदी आपसे तीसरी बार सेवा का आशीर्वाद मांग रहा है। ये बाबा साहेब का संविधान है, जिसके कारण आज देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी परिवार की बेटी है। जिस समाज को सबसे अंत में पूछा गया, जिसको वंचित रखा गया, उस समाज की बेटी, आज देश की राष्ट्रपति के रूप में पहली नागरिक हैं। हमने बाबा साहेब को सिर्फ विचारों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि आधुनिक भारत में उनके योगदान को नई पहचान दी है। आप फोन से जो डिजिटल पेमेंट करते हैं, वो डिजिटल पेमेंट की योजना है, उसका नाम BHIM UPI है। ये BHIM UPI बाबा साहेब के नाम पर हमने रखा है।

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भाइयों और बहनों,
देश की आजादी में और राष्ट्रनिर्माण में आदिवासी समाज का बहुत समृद्ध योगदान रहा है। इस मिट्टी ने तो गोंड वंश के राजा भभूति सिंह के रूप में एक महान स्वतंत्रता सेनानी देश को दिया है।

साथियो,
कांग्रेस ने आदिवासी समाज के योगदान को कभी स्वीकार नहीं किया। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने का सौभाग्य भी बीजेपी की सरकार को मिला है।

साथियो,
कमाल देखिए, आजादी के अनेक दशक तक कांग्रेस के एक ही परिवार ने सीधे या रिमोट कंट्रोल से देश चलाया। इसी परिवार ने देश में आपातकाल इमरजेंसी लगाई थी। कांग्रेस ने देशभर में लोकतांत्रिक सरकारों को जब मर्ज़ी उसे पत्ते की तरह गिरा देते थे। कांग्रेस ने अपने हिसाब से इतिहास को तोड़ा मरोड़ा और जो मर्जी लिखवाया और अपना ही महिमामंडन करवाया। कांग्रेस की मानें तो तब लोकतंत्र ठीक चल रहा था, फल-फूल रहा था। ऐसे वो बता रहे हैं। लेकिन जैसे ही गरीब घर का बेटा प्रधानमंत्री बना तो कांग्रेस अफवाह फैलाने लगी कि मोदी आया है संविधान और लोकतंत्र पर खतरा आ जाएगा। ये कांग्रेस वाले आपको पता नहीं है। ये बाबा साहेब का संविधान है ना उनके कारण तो मोदी यहां पहुंचा है। अब तो कांग्रेस का शाही परिवार धमकी दे रहा है कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बना, तो देश में आग लग जाएगी। ये 2014 में भी बोलते थे, कभी आग लगी क्या, ये 2019 में भी बोलते थे . कभी आग लगी क्या, ये राम मंदिर में भी बोलते थे, कभी आग लगा क्या। ये 370 के लिए भी बोलते थे आग लगी क्या। बस देश को डराओ -घबराओ , भ्रम फैलाओ।

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भाइयों और बहनों,
आग देश में नहीं, आग-जलन उनके दिलों में लगी है, ये जलन उनके दिल और दिमाग में ऐसे भरी पड़ी है। कि ये उनको अंदर से जलाती जा रही है। और ये जलन भी मोदी के कारण नहीं है, ये जलन 140 करोड़ देशवासियों के मोदी के प्रेम के कारण है। वे ये प्रेम भी सहन नहीं कर पा रहे हैं।

भाइयों-बहनों,
ये लोग 10 साल से सत्ता से बाहर हैं। 10 साल में ऐसे छटपटा रहे हैं जैसे उनका सबकुछ लुट गया। उनकी भावी पीढ़ियों का ही जैसे लुट गया। अगर कांग्रेस वाले यही कारनामे करते रहेंगे और उनका तौर तरीका यही रहेगा, तो ये जलन उनको इतनी जला देगी कि देश आगे मौका देने को कभी तैयार नहीं होगा। और इसका कारण साफ है। आप दुनिया की स्थिति देख रहे हैं। युद्ध और अराजकता की स्थिति है...अनिश्चितता की स्थिति है। चारो तरफ एक धुंधला और आशंका का वातावरण बन गया है। हर कोई भय के साए में दुनिया में रह रहा है। कब क्या होगा , कौन सी मुसीबत आएगी, दुनिया थर-थर कांप रही है। ऐसी दुनिया के लिए एक मजबूत और शक्तिशाली भारत ज़रूरी है। आज भारत और मजबूत होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। भाजपा-भारत की सेवा में इसलिए लगी है, क्योंकि भारत मजबूत और सशक्त बने। आप मुझे बताइए, ये काम क्या एक अस्थिर, कमज़ोर, भ्रष्ट और स्वार्थी नेताओं का इंडी-गठबंधन मजबूती का काम कर सकता है क्या, देश को मजबूत बना सकता है क्या। अरे जो पार्टी खुद को मजबूत नहीं बना सकती वे देश को क्या मजबूत बनाएगी। आप मुझे बताइए भाइयों, शक्तिशाली भारत कौन बना सकता है?, शक्तिशाली भारत कौन बना सकता है? मजबूत भारत कौन बना सकता है। सामर्थ्यवान भारत कौन बना सकता है, समृद्ध भारत कौन बना सकता है। शक्तिशाली भारत कौन बना सकता है? मैंने इतने सारे सवाल पूछे, मैं सोच रहा था आपलोग सही जवाब देंगे, लेकिन आपने तो हर बार गलत जवाब दे दिया। ये मोदी नहीं आपका एक वोट कर सकता है। आपका एक वोट कर सकता है। आपके वोट की ताकत है जो देश को ताकतवर बनाएगी, आपके वोट की ताकत है, जो देश को शक्तिशाली बनाएगी।

भाइयों और बहनों,
थोड़ी देर पहले ही भाजपा का संकल्प पत्र देश की जनता के चरणों में रखने का सौभाग्य मिला मैंने वहां मोदी की गारंटी के बारे में बताया है। आप इंडी-गठबंधन की स्थिति देखिए। वो तय नहीं कर पा रहे हैं कि घोषणापत्र एक जिम्मेवारी होती है, जनता के लिए एक कमिटमेंट होता है। उनके सभी साथी आपस में उलट-पुलट कर रहे हैं। और ऐसे ऐसे वादे कर रहे हैं कि देश किस दिशा में जाएगा तय नहीं कर सकते। उनकी सरकार क्या करना चाहती है, कैसे करना चाहती है। ये भी उनकी बातों में कहीं नजर नहीं आता है। और इनके घोषणापत्र भी एक से बढ़कर एक खतरनाक वादे हैं। उनके एक साथी का घोषणापत्र कहता है कि देश को आर्थिक रूप से दीवालिया बनाने वाला घोषणापत्र उनका है। एक-एक लाइन ऐसी है। एक उनके साथी का घोषणापत्र कहता है कि भारत से परमाणु हथियार खत्म कर देंगे। बताइए भईया कोई देश ऐसा सोचेगा क्या। परमाणु हथियार आज के युग में भारत को जरूरी है कि नहीं है। भारत की ताकत के लिए भारत की रक्षा के लिए परमाणु हथियार होना चाहिए की नहीं होना चाहिए हमारे पास। अगर दुश्मनों की इतनी ताकत हो और हम कह दें कि परमाणु हथियार नष्ट कर दंगें। ये किसकी भलाई के लिए बोल रहे हो भाई। ऐसा वादा कर रहे है वो लोग, क्या वो देश की रक्षा कर सकते हैं। जैसी घातक इनकी सोच है, वैसे ही घातक ये अपने घोषणापत्र बना रहे हैं।

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साथियों,
भाजपा का संकल्पपत्र, मोदी की गारंटी के रूप में आपके सामने है। गांव हो या शहर, सरकार हर गरीब का पक्के घर का सपना पूरा करेगी- ये मोदी की गारंटी है। अच्छा मेरा एक काम करोगे आप लोग, करोगे, हाथ ऊपर करके बताओ करोगे। देखिए इस पर चुनाव में आप जहां भी जाएं, सभी लाभार्थियों को मिलेंगे। हो सकता है। एक गांव में 30-40 लोगों का घर बन गया। लेकिन अभी भी एक दो लोग छूट गए हैं। उनको जाकर के बताना मोदी के गारंटी हैं कि जिनका काम भी छूट गया है, ये आने वाले दिनों में वो लाभ भी उनको मिलेगा। आने वाले समय में हमने तीन करोड़ घर बनाने का संकल्प लिया। दिव्यांग साथियों को भी आवास योजना का लाभ मिलेगा।

यहां होशंगाबाद के किसानों को करीब 400 करोड़ रुपए पीएम किसान सम्मान निधि के मिले हैं। और आने वाले 5 साल में ये पीएम किसान सम्मान निधि चलती रहेगी। और करीब-करीब 2 हजार करोड़ रूपया यहां के किसानों के यहां आएंगे। गरीब को 5 साल तक मुफ्त राशन ऐसे ही मिलता रहेगा, ताकि गरीब के घर का चूल्हा बुझ ना जाए। गरीब को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलता रहेगा, ये भी मोदी की गारंटी है। ऊपर से एक और गारंटी दी है। हमने कहा है किसी भी समाज का, किसी भी आर्थिक शक्ति वाला, गरीब हो, मध्यम वर्ष हो, उच्च मध्यम वर्ग हो, गरीब हो, मध्यम वर्ष हो, उच्च मध्यम वर्ग हो, सुखी हो समृद्ध हो, 70 साल के ऊपर का कोई भी माता-पिता को अब 5 लाख रुपए तक इलाज की जिम्मेदारी, ये उनका बेटा मोदी उठाएगा। और उनको लाभ होगा इतना नहीं , जो आज 25, 30, 35 साल के युवा हैं ना, उनका बोझ मोदी उठा लेगा। और वो जीवन में सुख चैन से प्रगति के रास्ते पर बढ़ पाएंगे। आप कल्पना कर सकते हैं। कितनी बड़ी सुविधा देश के बुजुर्गों को मिलने जा रही है।

साथियों,
मोदी ने 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है। इतनी सारी दीदी मुझे दिख रही है सामने, ये मोदी की गारंटी है मुझे आशीर्वाद दीजिए। 3 करोड़ को मैं लखपति बनाना चाहता हूं। इतनी तादाद में माताएं -बहनें यहां आई हैं। ये आपके आशीर्वाद मेरे उस संकल्प को जरूर पूरा करेंगे।

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अब बीजेपी ने संकल्प पत्र में ठाना है कि मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी का लोन, 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाएगा। अब हर परिवार का नौजवान, हर परिवार की युवा बेटी कोई कारोबार करना चाहती है तो मोदी आपके साथ खड़ा रहेगा। इससे मध्य प्रदेश के हमारे गरीब, दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज के युवाओं को, हमारी बेटियों को बड़ी मदद मिलेगी। इससे यहां पर्यटन आधारित रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं, इससे यहां नोजवानों को बहुत बड़ा अवसर मिलेगा। गेस्ट हाउस हो, होम स्टे हो, छोटा ऑटो रखना है, टूरिस्टों के लिए जरूरी चीजें खड़ी करनी है। ऐसे काम के लिए नौजवानों को मदद मिल पाएगी। आप कल्पना कर सकते हैं, नौजवानों के लिए कितने सारे अवसर लेकर के भाजपा का संकल्प पत्र आया है। सरकार होम स्टे के लिए जो आर्थिक मदद देगी, उसका बड़ा लाभ यहां इस क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं को भी मिलेगा। बहुत बड़ी संख्या में हमारे साथी ऑटो, ट्रक, टैक्सी ट्राइवर हैं। ऐसे साथियों को ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा। मकसद यही है कि उनको भी बीमा और दूसरी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले।

साथियों,
2025 में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती है। बीजेपी ने संकल्प लिया है कि 2025 वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। आदिवासी कला-संस्कृति से जुड़ी विरासत को समृद्ध करने के लिए फंड बढ़ाया जाएगा। SC/ST/OBC के कल्याण से जुड़ी योजनाएं तेज़ी से ज़मीन पर उतरें, इसके लिए जिला कमेटियां गठित की जाएंगी। उसमें SC/ST/OBC के कोई ना कोई प्रतिनिधि रखे जाएंगे। एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या साढ़े 700 तक पहुंचाने के लिए तेज़ी से काम किया जाएगा। जनजातियों में भी पिछड़ी जनजातियों के लिए 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम जनमन योजना पर पहले से ही काम चल रहा है। मोदी के तीसरे कार्यकाल में इसे भी तेज़ गति से पूरा किया जाएगा। इन प्रयासों से MP के हमारे SC-ST-OBC समाज को आगे बढ़ने में बहुत मदद मिलेगी।

भाइयों और बहनों,
मोदी की गारंटी वहां से शुरु होती है, जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है। इसलिए हताश कांग्रेस ऐसी घोषणाएं कर रही है, जो खुद कांग्रेस के नेताओं को ही समझ नहीं आ रही। कांग्रेस के शहज़ादे ने घोषणा की आप भी सुन करके हंसोगे। कांग्रेस के शहजादे ने घोषणा की कि एक झटके में देश से गरीबी हटा दूंगा। ये बात सुनकर पूरा देश हैरान है। देश पूछ रहा है कि आखिर ये ‘शाही जादूगर’, इतने बरसों तक कहां छुपा था। 50 साल पहले इनकी दादी ने देश से गरीबी हटाने की घोषणा की थी। 2014 से पहले 10 साल तक इन्होंने रिमोट से सरकार चलाई। और कह रहे हैं कि अब बस इनको एक झटके वाला मंत्र मिल ही गया है। ये झटके वाला मंत्र लाए कहां से, बताइए ये गरीबों का मजाक है कि नहीं है। ये गरीबों का अपमान है कि नहीं है, आप बताइए एक झटके से गरीबी दूर होती है क्या। ये क्या बोल रहे हैं, उनपर कोई भरोसा करेगा क्या। ऐसे दावे करते हैं, तभी ये देशभर में हंसी के पात्र बन जाते हैं, देश उनको गंभीरता से नहीं लेता है।

भाई और बहनों,
आपने मुझे बहुत निकट से देखा है। दिन रात मैं क्या कर रहा हूं, क्यों कर रहा हूं, कैसे कर रहा हूं, किसके लिए कर रहा हूं। सब बराबर देखा है ना मुझे, लगातार आप देख रहे ना, आपको विश्वास हो गया है कि मोदी का अपना कोई सपना नहीं है। मोदी के लिए तो आपका सपना ही यह मोदी का संकल्प है। मैं आपके लिए ही पैदा हुआ हूं। आप सभी मेरा देश ये भारत ही मेरा परिवार है। इसलिए, आज चारों तरफ चौड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं। यहां अनेक रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण हो रहा है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या 10 साल में दोगुनी हो चुकी है। कोशिश यही है कि आपको मुश्किलें न हों, असुविधा न हो। लेकिन आप कहते हैं मोदी ने बहुत काम किया है। लेकिन मैं कहता हूं ये तो अभी ट्रेलर ही है। अभी तो मुझे बहुत कुछ करना बाकी है। देश को, मध्य प्रदेश को हमें और ऊंचाई पर ले जाना है। हम अन्नदाता को ऊर्जादाता और उर्वरकदाता, दोनों बनाना चाहते हैं। बिजली का बिल जीरो हो और बिजली से कमाई भी हो, इसके लिए पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना हम घर-घर पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। सौर ऊर्जा, जैविक खाद और इथेनॉल उत्पादन में एमपी के, होशंगाबाद के किसान भी अग्रणी हों, इसके लिए हम काम करने वाले हैं। दालों में आत्मनिर्भरता और मोटे अनाज यानि श्री अन्न को दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाना ये मोदी की प्राथमिकता है। मैं मोहन यादव जी और उनकी सरकार की भी प्रशंसा करुंगा। वो ईमानदारी से यहां आपको दी हुई गारंटियां पूरा करने में जुटे हैं।

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साथियों,
19 अप्रैल को छिंदवाड़ा से मेरे नौजवान साथी भाई विवेक बंटी साहू जी को और फिर 26 अप्रैल को होशंगाबाद से हमारे किसान नेता हमारे साथी दर्शन सिंह चौधरी जी को प्रचंड बहुमत से विजयी बनाना है।

साथियो,
मुझे पक्का विश्वास है। आप तो जीता ही जीता देने वाले हो, लेकिन मेरी एक अपेक्षा है, पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ने हैं, तोड़ोगे। मेरी अपेक्षा हर बूथ को जीतना है, जीतोगे, हर बूथ जीतोगे। हर बूथ को जीतने के लिए ताकत लगा दोगे। तो नोट कर लीजिए। अगली बार नर्मदापुरम आऊंगा तो मावा-बाटी और गुड़ की जलेबी के साथ विजय उत्सव मनाएंगे। रामनवमी आने वाली है। राम मंदिर निर्माण होने के बाद इस बार की रामनवमी बहुत विशेष है। आपको भी इस रामवनमी की बहुत सारी शुभकामनाएं।

मेरा एक काम करोगे मेरा एक पर्सनल काम करोगे. यह चौधरी जी का भी नहीं है। साहू जी का भी नहीं है। करोगे जरा हाथों पर करके बताओ करोगे, हर कोई करेगा। मेरा एक काम करना जब अपने गांव जाएंगे, मोहल्ले में जाएंगे तो उन्हें बताना कि हमारे मोदी जी होशंगाबाद आए थे। उन्होंने आपको राम-राम कहा है। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे। बोलिए भारत माता की जय...भारत माता की जय...भारत माता जय।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Jitendra Kumar May 07, 2025

    ❤️🇮🇳🇮🇳
  • Dheeraj Thakur February 08, 2025

    जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur February 08, 2025

    जय श्री राम।
  • krishangopal sharma Bjp December 21, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏,,,
  • krishangopal sharma Bjp December 21, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏,,
  • krishangopal sharma Bjp December 21, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏,
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Reena chaurasia September 10, 2024

    bjp
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Urban areas are our growth centres, we will have to make urban bodies growth centres of economy: PM Modi in Gandhinagar
May 27, 2025
QuoteTerrorist activities are no longer proxy war but well thought out strategy, so the response will also be in a similar way: PM
QuoteWe believe in ‘Vasudhaiva Kutumbakam’, we don’t want enemity with anyone, we want to progress so that we can also contribute to global well being: PM
QuoteIndia must be developed nation by 2047,no compromise, we will celebrate 100 years of independence in such a way that whole world will acclaim ‘Viksit Bharat’: PM
QuoteUrban areas are our growth centres, we will have to make urban bodies growth centres of economy: PM
QuoteToday we have around two lakh Start-Ups ,most of them are in Tier2-Tier 3 cities and being led by our daughters: PM
QuoteOur country has immense potential to bring about a big change, Operation sindoor is now responsibility of 140 crore citizens: PM
QuoteWe should be proud of our brand “Made in India”: PM

भारत माता की जय! भारत माता की जय!

क्यों ये सब तिरंगे नीचे हो गए हैं?

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

मंच पर विराजमान गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्र में मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनोहर लाल जी, सी आर पाटिल जी, गुजरात सरकार के अन्य मंत्री गण, सांसदगण, विधायक गण और गुजरात के कोने-कोने से यहां उपस्थित मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

मैं दो दिन से गुजरात में हूं। कल मुझे वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज सुबह-सुबह गांधी नगर, मैं जहां-जहां गया, ऐसा लग रहा है, देशभक्ति का जवाब गर्जना करता सिंदुरिया सागर, सिंदुरिया सागर की गर्जना और लहराता तिरंगा, जन-मन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम, एक ऐसा नजारा था, एक ऐसा दृश्य था और ये सिर्फ गुजरात में नहीं, हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने में है। हर हिन्दुस्तानी के दिल में है। शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो, लेकिन अगर एक कांटा चुभता है, तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अब हमने तय कर लिया है, उस कांटे को निकाल के रहेंगे।

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साथियों,

1947 में जब मां भारती के टुकड़े हुए, कटनी चाहिए तो ये तो जंजीरे लेकिन कांट दी गई भुजाएं। देश के तीन टुकड़े कर दिए गए। और उसी रात पहला आतंकवादी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की इच्छा थी कि पीओके वापस नहीं आता है, तब तक सेना रूकनी नहीं चाहिए। लेकिन सरदार साहब की बात मानी नहीं गई और ये मुजाहिदीन जो लहू चख गए थे, वो सिलसिला 75 साल से चला है। पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था। 75 साल तक हम झेलते रहे हैं और पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई, तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटा दी। और पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वो भारत से जीत नहीं सकते हैं और इसलिए उसने प्रॉक्सी वार चालू किया। सैन्‍य प्रशिक्षण होता है, सैन्‍य प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं और निर्दोष-निहत्थे लोग कोई यात्रा करने गया है, कोई बस में जा रहा है, कोई होटल में बैठा है, कोई टूरिस्‍ट बन कर जा रहा है। जहां मौका मिला, वह मारते रहे, मारते रहे, मारते रहे और हम सहते रहे। आप मुझे बताइए, क्या यह अब सहना चाहिए? क्या गोली का जवाब गोले से देना चाहिए? ईट का जवाब पत्थर से देना चाहिए? इस कांटे को जड़ से उखाड़ देना चाहिए?

साथियों,

यह देश उस महान संस्कृति-परंपरा को लेकर चला है, वसुधैव कुटुंबकम, ये हमारे संस्कार हैं, ये हमारा चरित्र है, सदियों से हमने इसे जिया है। हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। हम अपने पड़ोसियों का भी सुख चाहते हैं। वह भी सुख-चैन से जिये, हमें भी सुख-चैन से जीने दें। ये हमारा हजारों साल से चिंतन रहा है। लेकिन जब बार-बार हमारे सामर्थ्य को ललकारा जाए, तो यह देश वीरों की भी भूमि है। आज तक जिसे हम प्रॉक्सी वॉर कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखे गए, उसके बाद हम इसे प्रॉक्सी वॉर कहने की गलती नहीं कर सकते हैं। और इसका कारण है, जब आतंकवाद के 9 ठिकाने तय करके 22 मिनट में साथियों, 22 मिनट में, उनको ध्वस्त कर दिया। और इस बार तो सब कैमरा के सामने किया, सारी व्यवस्था रखी थी। ताकि हमारे घर में कोई सबूत ना मांगे। अब हमें सबूत नहीं देना पड़ रहा है, वो उस तरफ वाला दे रहा है। और मैं इसलिए कहता हूं, अब यह प्रॉक्सी वॉर नहीं कह सकते इसको क्योंकि जो आतंकवादियों के जनाजे निकले, 6 मई के बाद जिन का कत्ल हुआ, उस जनाजे को स्टेट ऑनर दिया गया पाकिस्तान में, उनके कॉफिन पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, उनकी सेना ने उनको सैल्यूट दी, यह सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधियां, ये प्रॉक्सी वॉर नहीं है। यह आप की सोची समझी युद्ध की रणनीति है। आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा। हम अपने काम में लगे थे, प्रगति की राह पर चले थे। हम सबका भला चाहते हैं और मुसीबत में मदद भी करते हैं। लेकिन बदले में खून की नदियां बहती हैं। मैं नई पीढ़ी को कहना चाहता हूं, देश को कैसे बर्बाद किया गया है? 1960 में जो इंडस वॉटर ट्रीटी हुई है। अगर उसकी बारीकी में जाएंगे, तो आप चौक जाएंगे। यहाँ तक तय हुआ है उसमें, कि जो जम्मू कश्मीर की अन्‍य नदियों पर डैम बने हैं, उन डैम का सफाई का काम नहीं किया जाएगा। डिसिल्टिंग नहीं किया जाएगा। सफाई के लिए जो नीचे की तरफ गेट हैं, वह नहीं खोले जाएंगे। 60 साल तक यह गेट नहीं खोले गए और जिसमें शत प्रतिशत पानी भरना चाहिए था, धीरे-धीरे इसकी कैपेसिटी काम हो गई, 2 परसेंट 3 परसेंट रह गया। क्या मेरे देशवासियों को पानी पर अधिकार नहीं है क्या? उनको उनके हक का पानी मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए क्या? और अभी तो मैंने कुछ ज्यादा किया नहीं है। अभी तो हमने कहा है कि हमने इसको abeyance में रखा है। वहां पसीना छूट रहा है और हमने डैम थोड़े खोल करके सफाई शुरू की, जो कूड़ा कचरा था, वह निकाल रहे हैं। इतने से वहां flood आ जाता है।

साथियों,

हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते हैं। हम सुख-चैन की जिंदगी जीना चाहते हैं। हम प्रगति भी इसलिए करना चाहते हैं कि विश्व की भलाई में हम भी कुछ योगदान कर सकें। और इसलिए हम एकनिष्ठ भाव से कोटि-कोटि भारतीयों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। कल 26 मई था, 2014 में 26 मई, मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला। और तब भारत की इकोनॉमी, दुनिया में 11 नंबर पर थी। हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, हमने पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेली, हमने प्राकृतिक आपदा भी झेली। इन सब के बावजूद भी इतने कम समय में हम 11 नंबर की इकोनॉमी से चार 4 नंबर की इकोनॉमी पर पहुंच गए क्योंकि हमारा ये लक्ष्य है, हम विकास चाहते हैं, हम प्रगति चाहते हैं।

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और साथियों,

मैं गुजरात का ऋणी हूं। इस मिट्टी ने मुझे बड़ा किया है। यहां से मुझे जो शिक्षा मिली, दीक्षा मिली, यहां से जो मैं आप सबके बीच रहकर के सीख पाया, जो मंत्र आपने मुझे दिए, जो सपने आपने मेरे में संजोए, मैं उसे देशवासियों के काम आए, इसके लिए कोशिश कर रहा हूं। मुझे खुशी है कि आज गुजरात सरकार ने शहरी विकास वर्ष, 2005 में इस कार्यक्रम को किया था। 20 वर्ष मनाने का और मुझे खुशी इस बात की हुई कि यह 20 साल के शहरी विकास की यात्रा का जय गान करने का कार्यक्रम नहीं बनाया। गुजरात सरकार ने उन 20 वर्ष में से जो हमने पाया है, जो सीखा है, उसके आधार पर आने वाले शहरी विकास को next generation के लिए उन्होंने उसका रोडमैप बनाया और आज वो रोड मैप गुजरात के लोगों के सामने रखा है। मैं इसके लिए गुजरात सरकार को, मुख्यमंत्री जी को, उनकी टीम को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हम आज दुनिया की चौथी इकोनॉमी बने हैं। किसी को भी संतोष होगा कि अब जापान को भी पीछे छोड़ कर के हम आगे निकल गए हैं और मुझे याद है, हम जब 6 से 5 बने थे, तो देश में एक और ही उमंग था, बड़ा उत्साह था, खासकर के नौजवानों में और उसका कारण यह था कि ढाई सौ सालों तक जिन्होंने हम पर राज किया था ना, उस यूके को पीछे छोड़ करके हम 5 बने थे। लेकिन अब चार बनने का आनंद जितना होना चाहिए उससे ज्यादा तीन कब बनोगे, उसका दबाव बढ़ रहा है। अब देश इंतजार करने को तैयार नहीं है और अगर किसी ने इंतजार करने के लिए कहा, तो पीछे से नारा आता है, मोदी है तो मुमकिन है।

और इसलिए साथियों,

एक तो हमारा लक्ष्य है 2047, हिंदुस्तान विकसित होना ही चाहिए, no compromise… आजादी के 100 साल हम ऐसे ही नहीं बिताएंगे, आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे, ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता होगा। आप कल्पना कीजिए, 1920, 1925, 1930, 1940, 1942, उस कालखंड में चाहे भगत सिंह हो, सुखदेव हो, राजगुरु हो, नेताजी सुभाष बाबू हो, वीर सावरकर हो, श्यामजी कृष्ण वर्मा हो, महात्मा गांधी हो, सरदार पटेल हो, इन सबने जो भाव पैदा किया था और देश की जन-मन में आजादी की ललक ना होती, आजादी के लिए जीने-मरने की प्रतिबद्धता ना होती, आजादी के लिए सहन करने की इच्छा शक्ति ना होती, तो शायद 1947 में आजादी नहीं मिलती। यह इसलिए मिली कि उस समय जो 25-30 करोड़ आबादी थी, वह बलिदान के लिए तैयार हो चुकी थी। अगर 25-30 करोड़ लोग संकल्पबद्ध हो करके 20 साल, 25 साल के भीतर-भीतर अंग्रेजों को यहां से निकाल सकते हैं, तो आने वाले 25 साल में 140 करोड़ लोग विकसित भारत बना भी सकते हैं दोस्तों। और इसलिए 2030 में जब गुजरात के 75 वर्ष होंगे, मैं समझता हूं कि हमने अभी से 30 में होंगे, 35… 35 में जब गुजरात के 75 वर्ष होंगे, हमने अभी से नेक्स्ट 10 ईयर का पहले एक प्लान बनाना चाहिए कि जब गुजरात के 75 होंगे, तब गुजरात यहां पहुंचेगा। उद्योग में यहां होगा, खेती में यहां होगा, शिक्षा में यहां होगा, खेलकूद में यहां होगा, हमें एक संकल्प ले लेना चाहिए और जब गुजरात 75 का हो, उसके 1 साल के बाद जो ओलंपिक होने वाला है, देश चाहता है कि वो ओलंपिक हिंदुस्तान में हो।

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और इसलिए साथियों,

जिस प्रकार से हमारा यह एक लक्ष्य है कि हम जब गुजरात के 75 साल हो जाए। और आप देखिए कि जब गुजरात बना, उस समय के अखबार निकाल दीजिए, उस समय की चर्चाएं निकाल लीजिए। क्या चर्चाएं होती थी कि गुजरात महाराष्ट्र से अलग होकर क्या करेगा? गुजरात के पास क्या है? समंदर है, खारा पाठ है, इधर रेगिस्तान है, उधर पाकिस्तान है, क्या करेगा? गुजरात के पास कोई मिनरल्स नहीं, गुजरात कैसे प्रगति करेगा? यह ट्रेडर हैं सारे… इधर से माल लेते हैं, उधर बेचते हैं। बीच में दलाली से रोजी-रोटी कमा करके गुजारा करते हैं। क्‍या करेंगे ऐसी चर्चा थी। वही गुजरात जिसके पास एक जमाने में नमक से ऊपर कुछ नहीं था, आज दुनिया को हीरे के लिए गुजरात जाना जाता है। कहां नमक, कहां हीरे! यह यात्रा हमने काटी है। और इसके पीछे सुविचारित रूप से प्रयास हुआ है। योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाएं हैं। हमारे यहां आमतौर पर गवर्नमेंट के मॉडल की चर्चा होती है कि सरकार में साइलोज, यह सबसे बड़ा संकट है। एक डिपार्टमेंट दूसरे से बात नहीं करता है। एक टेबल वाला दूसरे टेबल वाले से बात नहीं करता है, ऐसी चर्चा होती है। कुछ बातों में सही भी होगा, लेकिन उसका कोई सॉल्यूशन है क्या? मैं आज आपको बैकग्राउंड बताता हूं, यह शहरी विकास वर्ष अकेला नहीं, हमने उस समय हर वर्ष को किसी न किसी एक विशेष काम के लिए डेडिकेट करते थे, जैसे 2005 में शहरी विकास वर्ष माना गया। एक साल ऐसा था, जब हमने कन्या शिक्षा के लिए डेडिकेट किया था, एक वर्ष ऐसा था, जब हमने पूरा टूरिज्म के लिए डेडिकेट किया था। इसका मतलब ये नहीं कि बाकी सब काम बंद करते थे, लेकिन सरकार के सभी विभागों को उस वर्ष अगर forest department है, तो उसको भी अर्बन डेवलपमेंट में वो contribute क्या कर सकता है? हेल्थ विभाग है, तो अर्बन डेवलपमेंट ईयर में वो contribute क्या कर सकता है? जल संरक्षण मंत्रालय है, तो वह अर्बन डेवलपमेंट में क्या contribute कर सकता है? टूरिज्म डिपार्टमेंट है, तो वह अर्बन डेवलपमेंट में क्या contribute कर सकता है? यानी एक प्रकार से whole of the government approach, इस भूमिका से ये वर्ष मनाया और आपको याद होगा, जब हमने टूरिज्म ईयर मनाया, तो पूरे राज्य में उसके पहले गुजरात में टूरिज्म की कल्पना ही कोई नहीं कर सकता था। विशेष प्रयास किया गया, उसी समय ऐड कैंपेन चलाया, कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में, एक-एक चीज उसमें से निकली। उसी में से रण उत्‍सव निकला, उसी में से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बना। उसी में से आज सोमनाथ का विकास हो रहा है, गिर का विकास हो रहा है, अंबाजी जी का विकास हो रहा है। एडवेंचर स्पोर्ट्स आ रही हैं। यानी एक के बाद एक चीजें डेवलप होने लगीं। वैसे ही जब अर्बन डेवलपमेंट ईयर मनाया।

और मुझे याद है, मैं राजनीति में नया-नया आया था। और कुछ समय के बाद हम अहमदाबाद municipal कॉरपोरेशन सबसे पहले जीते, तब तक हमारे पास एक राजकोट municipality हुआ करती थी, तब वो कारपोरेशन नहीं थी। और हमारे एक प्रहलादभाई पटेल थे, पार्टी के बड़े वरिष्ठ नेता थे। बहुत ही इनोवेटिव थे, नई-नई चीजें सोचना उनका स्वभाव था। मैं नया राजनीति में आया था, तो प्रहलाद भाई एक दिन आए मिलने के लिए, उन्होंने कहा ये हमें जरा, उस समय चिमनभाई पटेल की सरकार थी, तो हमने चिमनभाई और भाजपा के लोग छोटे पार्टनर थे। तो हमें चिमनभाई को मिलकर के समझना चाहिए कि यह जो लाल बस अहमदाबाद की है, उसको जरा अहमदाबाद के बाहर जाने दिया जाए। तो उन्होंने मुझे समझाया कि मैं और प्रहलाद भाई चिमनभाई को मिलने गए। हमने बहुत माथापच्ची की, हमने कहा यह सोचने जैसा है कि लाल बस अहमदाबाद के बाहर गोरा, गुम्‍मा, लांबा, उधर नरोरा की तरफ आगे दहेगाम की तरफ, उधर कलोल की तरफ आगे उसको जाने देना चाहिए। ट्रांसपोर्टेशन का विस्तार करना चाहिए, तो सरकार के जैसे सचिवों का स्वभाव रहता है, यहां बैठे हैं सारे, उस समय वाले तो रिटायर हो गए। एक बार एक कांग्रेसी नेता को पूछा गया था कि देश की समस्याओं का समाधान करना है तो दो वाक्य में बताइए। कांग्रेस के एक नेता ने जवाब दिया था, वो मुझे आज भी अच्छा लगता है। यह कोई 40 साल पहले की बात है। उन्होंने कहा, देश में दो चीजें होनी चाहिए। एक पॉलीटिशियंस ना कहना सीखें और ब्यूरोक्रेट हां कहना सीखे! तो उससे सारी समस्या का समाधान हो जाएगा। पॉलीटिशियंस किसी को ना नहीं कहता और ब्यूरोक्रेट किसी को हां नहीं कहता। तो उस समय चिमनभाई के पास गए, तो उन्‍होंने पूछा सबसे, हम दोबारा गए, तीसरी बार गए, नहीं-नहीं एसटी को नुकसान हो जाएगा, एसटी को कमाई बंद हो जाएगी, एसटी बंद पड़ जाएगी, एसटी घाटे में चल रही है। लाल बस वहां नहीं भेज सकते हैं, यह बहुत दिन चला। तीन-चार महीने तक हमारी माथापच्ची चली। खैर, हमारा दबाव इतना था कि आखिर लाल बस को लांबा, गोरा, गुम्‍मा, ऐसा एक्सटेंशन मिला, उसका परिणाम है कि अहमदाबाद का विस्तार तेजी से उधर सारण की तरफ हुआ, इधर दहेगाम की तरफ हुआ, उधर कलोल की तरह हुआ, उधर अहमदाबाद की तरह हुआ, तो अहमदाबाद की तरफ जो प्रेशर, एकदम तेजी से बढ़ने वाला था, उसमें तेजी आई, बच गए छोटी सी बात थी, तब जाकर के, मैं तो उस समय राजनीति में नया था। मुझे कोई ज्यादा इन चीजों को मैं जानता भी नहीं था। लेकिन तब समझ में आता था कि हम तत्कालीन लाभ से ऊपर उठ करके सचमुच में राज्य की और राज्य के लोगों की भलाई के लिए हिम्मत के साथ लंबी सोच के साथ चलेंगे, तो बहुत लाभ होगा। और मुझे याद है जब अर्बन डेवलपमेंट ईयर मनाया, तो पहला काम आया, यह एंक्रोचमेंट हटाने का, अब जब एंक्रोचमेंट हटाने की बात आती हे, तो सबसे पहले रुकावट बनता है पॉलिटिकल आदमी, किसी भी दल का हो, वो आकर खड़ा हो जाता है क्योंकि उसको लगता है, मेरे वोटर है, तुम तोड़ रहे हो। और अफसर लोग भी बड़े चतुर होते हैं। जब उनको कहते हैं कि भई यह सब तोड़ना है, तो पहले जाकर वो हनुमान जी का मंदिर तोड़ते हैं। तो ऐसा तूफान खड़ा हो जाता है कि कोई भी पॉलिटिशयन डर जाता है, उसको लगता है कि हनुमान जी का मंदिर तोड़ दिया तो हो… हमने बड़ी हिम्मत दिखाई। उस समय हमारे …..(नाम स्पष्ट नहीं) अर्बन मिनिस्टर थे। और उसका परिणाम यह आया कि रास्ते चौड़े होने लगे, तो जिसका 2 फुट 4 फुट कटता था, वह चिल्लाता था, लेकिन पूरा शहर खुश हो जाता था। इसमें एक स्थिति ऐसी बनी, बड़ी interesting है। अब मैंने तो 2005 अर्बन डेवलपमेंट ईयर घोषित कर दिया। उसके लिए कोई 80-90 पॉइंट निकाले थे, बडे interesting पॉइंट थे। तो पार्टी से ऐसी मेरी बात हुई थी कि भाई ऐसा एक अर्बन डेवलपमेंट ईयर होगा, जरा सफाई वगैरह के कामों में सब को जोड़ना पड़ेगा ऐसा, लेकिन जब ये तोड़ना शुरू हुआ, तो मेरी पार्टी के लोग आए, ये बड़ा सीक्रेट बता रहा हूं मैं, उन्होंने कहा साहब ये 2005 में तो अर्बन बॉडी के चुनाव है, हमारी हालत खराब हो जाएगी। यह सब तो चारों तरफ तोड़-फोड़ चल रही है। मैंने कहा यार भई यह तो मेरे ध्यान में नहीं रहा और सच में मेरे ध्यान में वो चुनाव था ही नहीं। अब मैंने कार्यक्रम बना दिया, अब साहब मेरा भी एक स्वभाव है। हम तो बचपन से पढ़ते आए हैं- कदम उठाया है तो पीछे नहीं हटना है। तो मैंने मैंने कहा देखो भाई आपकी चिंता सही है, लेकिन अब पीछे नहीं हट सकते। अब तो ये अर्बन डेवलपमेंट ईयर होगा। हार जाएंगे, चुनाव क्या है? जो भी होगा हम किसी का बुरा करना नहीं चाहते, लेकिन गुजरात में शहरों का रूप रंग बदलना बहुत जरूरी है।

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साथियों,

हम लोग लगे रहे। काफी विरोध भी हुआ, काफी आंदोलन हुए बहुत परेशानी हुई। यहां मीडिया वालों को भी बड़ा मजा आ गया कि मोदी अब शिकार आ गया हाथ में, तो वह भी बड़ी पूरी ताकत से लग गए थे। और उसके बाद जब चुनाव हुआ, देखिए मैं राजनेताओं को कहता हूं, मैं देश भर के राजनेता मुझे सुनते हैं, तो देखना कहता हूं, अगर आपने सत्यनिष्ठा से, ईमानदारी से लोगों की भलाई के लिए निर्णय करते हैं, तत्कालीन भले ही बुरा लगे, लोग साथ चलते हैं। और उस समय जो चुनाव हुआ 90 परसेंट विक्ट्री बीजेपी की हुई थी, 90 परसेंट यानी लोग जो मानते हैं कि जनता ये नहीं और मुझे याद है। अब यह जो यहां अटल ब्रिज बना है ना तो मुझे, यह साबरमती रिवर फ्रंट पर, तो पता नहीं क्यों मुझे उद्घाटन के लिए बुलाया था। कई कार्यक्रम थे, तो मैंने कहा चलो भई हम भी देखने जाते हैं, तो मैं जरा वो अटल ब्रिज पर टहलने गया, तो वहां मैंने देखा कुछ लोगों ने पान की पिचकारियां लगाई हुई थी। अभी तो उद्घाटन होना था, लेकिन कार्यक्रम हो गया था। तो मेरा दिमाग, मैंने कहा इस पर टिकट लगाओ। तो ये सारे लोग आ गए साहब चुनाव है, उसी के बाद चुनाव था, बोले टिकट नहीं लगा सकते मैंने कहा टिकट लगाओ वरना यह तुम्हारा अटल ब्रिज बेकार हो जाएगा। फिर मैं दिल्ली गया, मैंने दूसरे दिन फोन करके पूछा, मैंने कहा क्या हुआ टिकट लगाने का एक दिन भी बिना टिकट नहीं चलना चाहिए।

साथियों,

खैर मेरा मान-सम्मान रखते हैं सब लोग, आखिर के हमारे लोगों ने ब्रिज पर टिकट लगा दिया। आज टिकट भी हुआ, चुनाव भी जीते दोस्तों और वो अटल ब्रिज चल रहा है। मैंने कांकरिया का पुनर्निर्माण का कार्यक्रम लिया, उस पर टिकट लगाया तो कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन किया। कोर्ट में चले गए, लेकिन वह छोटा सा प्रयास पूरे कांकरिया को बचा कर रखा हुआ है और आज समाज का हर वर्ग बड़ी सुख-चैन से वहां जाता है। कभी-कभी राजनेताओं को बहुत छोटी चीजें डर जाते हैं। समाज विरोधी नहीं होता है, उसको समझाना होता है। वह सहयोग करता है और अच्छे परिणाम भी मिलते हैं। देखिए शहरी शहरी विकास की एक-एक चीज इतनी बारीकी से बनाई गई और उसी का परिणाम था और मैं आपको बताता हूं। यह जो अब मुझ पर दबाव बढ़ने वाला है, वो already शुरू हो गया कि मोदी ठीक है, 4 नंबर तो पहुंच गए, बताओ 3 कब पहुंचोगे? इसकी एक जड़ी-बूटी आपके पास है। अब जो हमारे ग्रोथ सेंटर हैं, वो अर्बन एरिया हैं। हमें अर्बन बॉडीज को इकोनॉमिक के ग्रोथ सेंटर बनाने का प्लान करना होगा। अपने आप जनसंख्या के कारण वृद्धि होती चले, ऐसे शहर नहीं हो सकते हैं। शहर आर्थिक गतिविधि के तेजतर्रार केंद्र होने चाहिए और अब तो हमने टीयर 2, टीयर 3 सीटीज पर भी बल देना चाहिए और वह इकोनॉमिक एक्टिविटी के सेंटर बनने चाहिए और मैं तो पूरे देश की नगरपालिका, महानगरपालिका के लोगों को कहना चाहूंगा। अर्बन बॉडी से जुड़े हुए सब लोगों से कहना चाहूंगा कि वे टारगेट करें कि 1 साल में उस नगर की इकोनॉमी कहां से कहां पहुंचाएंगे? वहां की अर्थव्यवस्था का कद कैसे बढ़ाएंगे? वहां जो चीजें मैन्युफैक्चर हो रही हैं, उसमें क्वालिटी इंप्रूव कैसे करेंगे? वहां नए-नए इकोनॉमिक एक्टिविटी के रास्ते कौन से खोलेंगे। ज्यादातर मैंने देखा नगर पालिका की जो नई-नई बनती हैं, तो क्या करते हैं, एक बड़ा शॉपिंग सेंटर बना देते हैं। पॉलिटिशनों को भी जरा सूट करता है वह, 30-40 दुकानें बना देंगे और 10 साल तक लेने वाला नहीं आता है। इतने से काम नहीं चलेगा। स्टडी करके और खास करके जो एग्रो प्रोडक्ट हैं। मैं तो टीयर 2, टीयर 3 सीटी के लिए कहूंगा, जो किसान पैदावार करता है, उसका वैल्यू एडिशन, यह नगर पालिकाओं में शुरू हो, आस-पास से खेती की चीजें आएं, उसमें से कुछ वैल्यू एडिशन हो, गांव का भी भला होगा, शहर का भी भला होगा।

उसी प्रकार से आपने देखा होगा इन दिनों स्टार्टअप, स्टार्टअप में भी आपके ध्यान में आया होगा कि पहले स्‍टार्टअप बड़े शहर के बड़े उद्योग घरानों के आसपास चलते थे, आज देश में करीब दो लाख स्टार्टअप हैं। और ज्यादातर टीयर 2, टीयर 3 सीटीज में है और इसमें भी गर्व की बात है कि उसमें काफी नेतृत्व हमारी बेटियों के पास है। स्‍टार्टअप की लीडरशिप बेटियों के पास है। ये बहुत बड़ी क्रांति की संभावनाओं को जन्म देता है और इसलिए मैं चाहूंगा कि अर्बन डेवलपमेंट ईयर के जब 20 साल मना रहे हैं और एक सफल प्रयोग को हम याद करके आगे की दिशा तय करते हैं तब हम टीयर 2, टीयर 3 सीटीज को बल दें। शिक्षा में भी टीयर 2, टीयर 3 सीटीज काफी आगे रहा, इस साल देख लीजिए। पहले एक जमाना था कि 10 और 12 के रिजल्ट आते थे, तो जो नामी स्कूल रहते थे बड़े, उसी के बच्चे फर्स्ट 10 में रहते थे। इन दिनों शहरों की बड़ी-बड़ी स्कूलों का नामोनिशान नहीं होता है, टीयर 2, टीयर 3 सीटीज के स्कूल के बच्चे पहले 10 में आते हैं। देखा होगा आपने गुजरात में भी यही हो रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि हमारे छोटे शहरों के पोटेंशियल, उसकी ताकत बढ़ रही है। खेल का देखिए, पहले क्रिकेट देखिए आप, क्रिकेट तो हिंदुस्तान में हम गली-मोहल्ले में खेला जाता है। लेकिन बड़े शहर के बड़े रहीसी परिवारों से ही खेलकूद क्रिकेट अटका हुआ था। आज सारे खिलाड़ी में से आधे से ज्यादा खिलाड़ी टीयर 2, टीयर 3 सीटीज गांव के बच्चे हैं जो खेल में इंटरनेशनल खेल खेल कर कमाल करते हैं। यानी हम समझें कि हमारे शहरों में बहुत पोटेंशियल है। और जैसा मनोहर जी ने भी कहां और यहां वीडियो में भी दिखाया गया, यह हमारे लिए बहुत बड़ी opportunity है जी, 4 में से 3 नंबर की इकोनॉमी पहुंचने के लिए हम हिंदुस्तान के शहरों की अर्थव्यवस्था पर अगर फोकस करेंगे, तो हम बहुत तेजी से वहां भी पहुंच पाएंगे।

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साथियों,

ये गवर्नेंस का एक मॉडल है। दुर्भाग्य से हमारे देश में एक ऐसे ही इकोसिस्टम ने जमीनों में अपनी जड़े ऐसी जमा हुई हैं कि भारत के सामर्थ्य को हमेशा नीचा दिखाने में लगी हैं। वैचारिक विरोध के कारण व्यवस्थाओं के विकास का अस्वीकार करने का उनका स्वभाव बन गया है। व्यक्ति के प्रति पसंद-नापसंद के कारण उसके द्वारा किये गए हर काम को बुरा बता देना एक फैशन का तरीका चल पड़ा है और उसके कारण देश की अच्‍छी चीजों का नुकसान हुआ है। ये गवर्नेंस का एक मॉडल है। अब आप देखिए, हमने शहरी विकास पर तो बल दिया, लेकिन वैसा ही जब आपने दिल्‍ली भेजा, तो हमने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट, एस्पिरेशनल ब्लॉक पर विचार किया कि हर राज्य में एकाध जिला, एकाध तहसील ऐसी होती है, जो इतना पीछे होता है, कि वो स्‍टेट की सारी एवरेज को पीछे खींच ले जाता है। आप जंप लगा ही नहीं सकते, वो बेड़ियों की तरह होता है। मैंने कहा, पहले इन बेड़ियों को तोड़ना है और देश में 100 के करीब एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट उनको identify किया गया। 40 पैरामीटर से देखा गया कि यहां क्या जरूरत है। अब 500 ब्‍लॉक्‍स identify किए हैं, whole of the government approach के साथ फोकस किया गया। यंग अफसरों को लगाया गया, फुल टैन्‍यूर के साथ काम करें, ऐसा लगाया। आज दुनिया के लिए एक मॉडल बन चुका है और जो डेवलपिंग कंट्रीज हैं उनको भी लग रहा है कि हमारे यहां विकास के इस मॉडल की ओर हमें चलना चाहिए। हमारा academic world भारत के इन प्रयासों और सफल प्रयासों के विषय में सोचे और जब academic world इस पर सोचता है तो दुनिया के लिए भी वो एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में काम आता है।

साथियों,

आने वाले दिनों में टूरिज्म पर हमें बल देना चाहिए। गुजरात ने कमाल कर दिया है जी, कोई सोच सकता है। कच्छ के रेगिस्तान में जहां कोई जाने का नाम नहीं लेता था, वहां आज जाने के लिए बुकिंग नहीं मिलती है। चीजों को बदला जा सकता है, दुनिया का सबसे बड़ा ऊंचा स्टैच्यू, ये अपने आप में अद्भुत है। मुझे बताया गया कि वडनगर में जो म्यूजियम बना है। कल मुझे एक यूके के एक सज्‍जन मिले थे। उन्होंने कहा, मैं वडनगर का म्यूजियम देखने जा रहा हूं। यह इंटरनेशनल लेवल में इतने global standard का कोई म्यूजियम बना है और भारत में काशी जैसे बहुत कम जगह है कि जो अविनाशी हैं। जो कभी भी मृतप्राय नहीं हुए, जहां हर पल जीवन रहा है, उसमें एक वडनगर हैं, जिसमें 2800 साल तक के सबूत मिले हैं। अभी हमारा काम है कि वह इंटरनेशनल टूरिस्ट मैप पर कैसे आए? हमारा लोथल जहां हम एक म्यूजियम बना रहे हैं, मैरीटाइम म्यूजियम, 5 हजार साल पहले मैरीटाइम में दुनिया में हमारा डंका बजता था। धीरे-धीरे हम भूल गए, लोथल उसका जीता-जागता उदाहरण है। लोथल में दुनिया का सबसे बड़ा मैरीटाइम म्यूजियम बन रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि इन चीजों का कितना लाभ होने वाला है और इसलिए मैं कहता हूं दोस्तों, 2005 का वो समय था, जब पहली बार गिफ्ट सिटी के आईडिया को कंसीव किया गया और मुझे याद है, शायद हमने इसका launching Tagore Hall में किया था। तो उसके बड़े-बड़े जो हमारे मन में डिजाइन थे, उसके चित्र लगाए थे, तो मेरे अपने ही लोग पूछ रहे थे। यह होगा, इतने बड़े बिल्डिंग टावर बनेंगे? मुझे बराबर याद है, यानी जब मैं उसका मैप वगैरह और उसका प्रेजेंटेशन दिखाता था केंद्र के कुछ नेताओं को, तो वह भी मुझे कह रहे थे अरे भारत जैसे देश में ये क्या कर रहे हो तुम? मैं सुनता था आज वो गिफ्ट सिटी हिंदुस्तान का हर राज्य कह रहा है कि हमारे यहां भी एक गिफ्ट सिटी होना चाहिए।

साथियों,

एक बार कल्पना करते हुए उसको जमीन पर, धरातल पर उतारने का अगर हम प्रयास करें, तो कितने बड़े अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, ये हम भली भांति देख रहे हैं। वही काल खंड था, रिवरफ्रंट को कंसीव किया, वहीं कालखंड था जब दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाने का सपना देखा, पूरा किया। वही कालखंड था, दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू बनाने के लिए सोचा, पूरा किया।

भाइयों और बहनों,

एक बार हम मान के चले, हमारे देश में potential बहुत हैं, बहुत सामर्थ्‍य है।

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साथियों,

मुझे पता नहीं क्यों, निराशा जैसी चीज मेरे मन में आती ही नहीं है। मैं इतना आशावादी हूं और मैं उस सामर्थ्य को देख पाता हूं, मैं दीवारों के उस पार देख सकता हूं। मेरे देश के सामर्थ्य को देख सकता हूं। मेरे देशवासियों के सामर्थ्य को देख सकता हूं और इसी के भरोसे हम बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं और इसलिए आज मैं गुजरात सरकार का बहुत आभारी हूं कि आपने मुझे यहां आने का मौका दिया है। कुछ ऐसी पुरानी-पुरानी बातें ज्यादातर ताजा करने का मौका मिल गया। लेकिन आप विश्वास करिए दोस्तों, गुजरात की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम देने वाले लोग हैं, हमें देश को हमेशा देना चाहिए। और हम इतनी ऊंचाई पर गुजरात को ले जाए, इतनी ऊंचाई पर ले जाएं कि देशवासियों के लिए गुजरात काम आना चाहिए दोस्तों, इस महान परंपरा को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। मुझे विश्वास है, गुजरात एक नए सामर्थ्य के साथ अनेक विद नई कल्पनाओं के साथ, अनेक विद नए इनीशिएटिव्स के साथ आगे बढ़ेगा मुझे मालूम है। मेरा भाषण शायद कितना लंबा हो गया होगा, पता नहीं क्या हुआ? लेकिन कल मीडिया में दो-तीन चीजें आएंगी। वो भी मैं बता देता हूं, मोदी ने अफसरों को डांटा, मोदी ने अफसरों की धुलाई की, वगैरह-वगैरह-वगैरह, खैर वो तो कभी-कभी चटनी होती है ना इतना ही समझ लेना चाहिए, लेकिन जो बाकी बातें मैंने याद की है, उसको याद कर करके जाइए और ये सिंदुरिया मिजाज! ये सिंदुरिया स्पिरिट, दोस्‍तों 6 मई को, 6 मई की रात। ऑपरेशन सिंदूर सैन्य बल से प्रारंभ हुआ था। लेकिन अब ये ऑपरेशन सिंदूर जन-बल से आगे बढ़ेगा और जब मैं सैन्य बल और जन-बल की बात करता हूं तब, ऑपरेशन सिंदूर जन बल का मतलब मेरा होता है जन-जन देश के विकास के लिए भागीदार बने, दायित्‍व संभाले।

हम इतना तय कर लें कि 2047, जब भारत के आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत बनाने के लिए तत्काल भारत की इकोनॉमी को 4 नंबर से 3 नंबर पर ले जाने के लिए अब हम कोई विदेशी चीज का उपयोग नहीं करेंगे। हम गांव-गांव व्यापारियों को शपथ दिलवाएं, व्यापारियों को कितना ही मुनाफा क्यों ना हो, आप विदेशी माल नहीं बेचोगे। लेकिन दुर्भाग्य देखिए, गणेश जी भी विदेशी आ जाते हैं। छोटी आंख वाले गणेश जी आएंगे। गणेश जी की आंख भी नहीं खुल रही है। होली, होली रंग छिड़कना है, बोले विदेशी, हमें पता था आप भी अपने घर जाकर के सूची बनाना। सचमुच में ऑपरेशन सिंदूर के लिए एक नागरिक के नाते मुझे एक काम करना है। आप घर में जाकर सूची बनाइए कि आपके घर में 24 घंटे में सुबह से दूसरे दिन सुबह तक कितनी विदेशी चीजों का उपयोग होता है। आपको पता ही नहीं होता है, आप hairpin भी विदेशी उपयोग कर लेते हैं, कंघा भी विदेशी होता है, दांत में लगाने वाली जो पिन होती है, वो भी विदेशी घुस गई है, हमें मालूम तक नहीं है। पता ही नहीं है दोस्‍तों। देश को अगर बचाना है, देश को बनाना है, देश को बढ़ाना है, तो ऑपरेशन सिंदूर यह सिर्फ सैनिकों के जिम्‍मे नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ नागरिकों की जिम्‍मे है। देश सशक्त होना चाहिए, देश सामर्थ्‍य होना चाहिए, देश का नागरिक सामर्थ्यवान होना चाहिए और इसके लिए हमने वोकल फॉर लोकल, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, मैं मेरे यहां, जो आपके पास है फेंक देने के लिए मैं नहीं कह रहा हूं। लेकिन अब नया नहीं लेंगे और शायद एकाध दो परसेंट चीजें ऐसी हैं, जो शायद आपको बाहर की लेनी पड़े, जो हमारे यहां उपलब्ध ना हो, बाकि आज हिंदुस्तान में ऐसा कुछ नहीं। आपने देखा होगा, आज से पहले 25 साल 30 साल पहले विदेश से कोई आता था, तो लोग लिस्ट भेजते थे कि ये ले आना, ये ले आना। आज विदेश से आते हैं, वो पूछते हैं कि कुछ लाना है, तो यहां वाले कहते हैं कि नहीं-नहीं यहां सब है, मत लाओ। सब कुछ है, हमें अपनी ब्रांड पर गर्व होना चाहिए। मेड इन इंडिया पर गर्व होना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर सैन्‍य बल से नहीं, जन बल से जीतना है दोस्तों और जन बल आता है मातृभूमि की मिट्टी में पैदा हुई हर पैदावार से आता है। इस मिट्टी की जिसमें सुगंध हो, इस देश के नागरिक के पसीने की जिसमें सुगंध हो, उन चीजों का मैं इस्तेमाल करूंगा, अगर मैं ऑपरेशन सिंदूर को जन-जन तक, घर-घर तक लेकर जाता हूं। आप देखिए हिंदुस्तान को 2047 के पहले विकसित राष्ट्र बनाकर रहेंगे और अपनी आंखों के सामने देखकर जाएंगे दोस्तों, इसी इसी अपेक्षा के साथ मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए,

भारत माता की जय! भारत माता की जय!

भारत माता की जय! जरा तिरंगे ऊपर लहराने चाहिए।

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

वंदे मातरम! वंदे मातरम! वंदे मातरम!

धन्यवाद!