মোদী শুধু আগামী পাঁচ বছরের জন্য নয়, আগামী ২৫ বছরের জন্য দেশের পথ প্রশস্ত করছেন, ইটাওয়াতে বলেছেন প্রধানমন্ত্রী
আমরা আপনাদের সন্তানদের ভবিষ্যতের জন্য কাজ করছি। এদিকে, সমাজবাদী পার্টি এবং কংগ্রেস নির্বাচনে প্রতিদ্বন্দ্বিতা করে তাদের নিজের সন্তানদের ভবিষ্যতের দিকে মনোনিবেশ করে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
কনৌজের বস্ত্র ও সুগন্ধি শিল্প সমৃদ্ধ হচ্ছে। আমি প্রায়শই কনৌজের সুগন্ধি বিদেশে নিয়ে যাই, এমনকি জি-২০ শীর্ষ সম্মেলনেও উপহার দিই: ইটাওয়াতে প্রধানমন্ত্রী

भारत माता की। भारत माता की।

शीतला माता की जय !

सबसे पहले तो मुझे आने में विलंब हुआ, इसके लिए आप सब से क्षमा मांगता हूं। इटावा, मैनपुरी और कन्नौज के सभी लोगों को मेरा राम-राम!

साथियों,

मैं जब इस इलाके में आया हूं तो मुझे 2019 चुनाव के पहले की बात याद आ रही है। पार्लियामेंट का सत्र चल रहा था और पार्लियामेंट के अंदर, वो पिछली लोकसभा का आखिरी सत्र था और उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए चलना था। तो मुलायम सिंह जी भाषण के लिए खड़े हुए। और स्वर्गीय मुलायम सिंह जी ने 2019 के चुनाव के कुछ दिन पहले, पार्लियामेंट में कहा था और एक प्रकार से वो आशीर्वाद बन गया। कि मोदी जी आप तो दोबारा जीत कर आने वाले हैं। अब नेताजी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन संयोग देखिए, उनके सगे भाई बीजेपी को जिताने की अपील कर रहे हैं। उनके दिल की बात जुबान पर आ ही गई।

भाइयों और बहनों,

मोदी अपने 10 साल के कार्यकाल के बाद फिर एक बार आपसे आशीर्वाद मांगने आया है। आप सबने मेरी मेहनत देखी है, ईमानदारी से आपलोगों की सेवा करना ये मेरा धर्म रहा है। अब मोदी भारत के लिए आने वाले 5 साल ही नहीं, 25 साल का रास्ता बना रहा है। भारत एक हज़ार साल के लिए सशक्त हो, मोदी उसकी नींव तैयार कर रहा है। और मोदी ये सब क्यों कर रहा है? क्योंकि मोदी रहे या न रहे, देश हमेशा रहेगा। और ये सपा-कांग्रेस वाले क्या कर रहे हैं? ये चुनाव लड़ रहे हैं, अपने भविष्य के लिए, अपने बच्चों के भविष्य के लिए। और मोदी किसके लिए खप रहा है, मैंने तो आगे पीछे कुछ रखा ही नहीं है। योगी जी भी वैसे और मोदी जी भी वैसे। ये मोदी-योगी खप क्यों रहा है, हमारे तो बच्चे हैं नहीं। हम खप रहे हैं, आपके बच्चों के लिए। हम खप रहे हैं, आपके बच्चों का भविष्य बनाने के लिए। ये विकसित भारत का संकल्प क्या है? ये सिर्फ 4 शब्द नहीं हैं। इसमें 4 शब्द और जुड़े हैं, आपके बच्चों का सुखी संसार। आपके बच्चों की आय, उनका रोजगार। यही वो विरासत है, जो मोदी आपके बच्चों के नाम लिखना चाहता है। और साथियों, इन परिवारवादियों की विरासत क्या है? इनकी विरासत गाड़ी, बंगला, राजनीतिक रसूख है। कोई मैनपुरी, कन्नौज और इटावा को अपनी जागीर मानता है। कोई अमेठी-रायबरेली को अपनी जागीर मानता है। लेकिन मोदी की विरासत...गरीब का पक्का घर है। मोदी की विरासत- देश की करोड़ों माताओं-बहनों को मिला शौचालय है। मोदी की विरासत दलित-पिछड़ों को मिला- बिजली, गैस, नल ये जो सुविधा है न, ये मोदी की विरासत है। मोदी की विरासत, गरीबों को मिला मुफ्त अनाज है, मोदी की विरासत, गरीबों को मिला मुफ्त इलाज है, मोदी की विरासत आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बनाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। मोदी की विरासत तो सबकी है, सबके लिए है। कौन जानता है कि 2047 में आपका ही बेटा-बेटी प्रधानमंत्री बने, मुख्यमंत्री बने। शाही परिवार का वारिस ही पीएम, सीएम बनेगा, ये कुप्रथा, इस चायवाले ने तोड़ दी है। हमारे यहां कभी राजा राम मोहन राय का नाम आता है कि उन्होंने फलानी कुप्रथा तोड़ दी। वैसे कभी आएगा कि देश में एक प्रधानमंत्री होते थे, चाय वाले थे उसने एक ऐसी कुप्रथा को तोड़ दिया कि गरीब बेटा भी मुख्यमंत्री बन सकता है, गरीब बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है।

भाइयों और बहनों,

सपा-कांग्रेस की बातें झूठी, वादे भी झूठे हैं। सपा-कांग्रेस के नारे झूठे और नीयत में भी खोट है। ये लोग लगातार झूठ बोंलेगे चाहे इसमें देश का, समाज का नुकसान ही क्यों न हो। इन लोगों ने देश को कोराना के संकटकाल में भी नहीं छोड़ा था। मोदी तब एक-एक जीवन बचाने में जुटा था। देश के वैज्ञानिकों ने टीका बनाया। लेकिन सपा-कांग्रेस के लोग उसको भी बदनाम करते थे। खुद चोरी छिपे टीके लगवाते थे और टीवी पर, सोशल मीडिया पर जनता को भड़काते थे। ताकि हाहाकार फैले और पाप मोदी के माथे पर लगे।

साथियों,

अब ये हमारे लोकतंत्र, हमारे संविधान को लेकर झूठ फैलाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। क्यों? क्योंकि मोदी ने इनके वोट बैंक, इनके तुष्टिकरण की पोल खोल दी है। साथियों, आपको पता होा चाहिए 75 साल पहले जब देश का संविधान बना, उस समय देश के विद्वान लोग संविधान बना रहे थे। तो हमारे संविधान निर्माताओं ने कहा था- धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था, अरे खुद नेहरू जी ने भी कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। लेकिन अब सपा-कांग्रेस ये सारी कंपनी SC/ST/OBC का आरक्षण छीनकर उसे धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं। कर्नाटका में रातों-रात इन्होंने मुस्लिम जातियों को ओबीसी घोषित कर दिया। रातोंरात फतवा निकाला, ठप्पा मार दिया कि कर्नाटक में जितने मुसलमान हैं सब के सब ओबीसी तो परिस्थिति क्या हुई। वहां जो ओबीसी को 27 परसेंट आरक्षण मिला हुआ था। इसका सबसे बड़ा हिस्सा इन्होंने डाका मार दिया, चोरी कर ली, बाकियों के पास कुछ बचा ही नहीं। यूपी में अगर ऐसा हुआ तो, मेरे यादव भाई-बहन, मौर्य भाई-बहन, लोध भाई-बहन, पाल भाई-बहन, जाटव भाई-बहन, शाक्य भाई-बहन, कुशवाहा भाई-बहन समाज के हक का क्या होगा? ये बहुत बड़े खतरे की घंटी है।

साथियों,

सपा वाले जिस समाज का ठेकेदार होने का दावा करते हैं.. ये भ्रम भी टूट गया है। या तो ये अपने परिवार का भला करते हैं या फिर अपने वोटबैंक का। आप लोग याद रखिए, आज भी सपा को पूरे प्रदेश में उम्मीदवार बनाने के लिए अपने परिवार के बाहर कोई यादव नहीं मिला। जबकि ये भाजपा है जिसमें कोई भी कार्यकर्ता बड़े से बड़े पद पर पहुंच सकता है। इसीलिए आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारे मोहन यादव जी, मुख्यमंत्री के नाते मध्य प्रदेश को दौड़ा रहे हैं। ये भाजपा की नीति, ये भाजपा की रीति, ये भाजपा का जीता जागता उदाहरण।

भाइयों और बहनों,

सपा-कांग्रेस की खोटी नीयत का हिसाब बहुत लंबा है। आप याद कीजिए। 5 साल पहले कांग्रेस का शाही परिवार चुनाव के समय मंदिर-मंदिर घूम रहा था। कोई कहता था इस कोने में मंदिर, अरे चलो भाई। कांग्रेस के शहज़ादे ने तो कोट के ऊपर जनेऊ तक पहन लिया था। लेकिन इस बार, मंदिर के दर्शन बंद। कोट के बाहर टंगा जनेऊ उतर गया। इतना ही नहीं, 500 साल बाद एक ऐतिहासिक पल आया। पूरा देश भव्य राममंदिर बनने से खुश हुआ। लेकिन इन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी ठुकरा दिया।

साथियों,

इनको तो इतनी नफरत है। अभी मैं द्वारिका जी गया था गुजरात में। आपको मालूम है पुरातत्वविद कहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण की जो द्वारिका है वो समुद्र के नीचे डूबी हुई है। तो पुरातत्वविदों ने खोज करके निकाला है। तो मेरा मन करता था, जो द्वारिका प्रभु श्रीकृष्ण ने बनाई है, मुझे वहां जाकरके माथा टेकना चाहिए। और इसलिए मैं समुद्र के नीचे गया, पूजा की और भगवान कृष्ण को पसंद मोरपंख भी वहां भेंट चढ़ाकरके आया। अब ये कांग्रेस के शहजादे को बड़ी परेशानी है, कि ये श्री कृष्ण की पूजा करने नीचे गए क्यों। अब मैं ये यहां के सपा वालों को पूछना चाहता हूं, अरे आप तो अपने आप को यदुवंशी कह रहे हो, श्री कृष्ण के वारिस कह रहे हो। और देश का प्रधानमंत्री श्री कृष्ण की पूजा करे, और तुम्हारे अपने साथी उसकी आलोचना करे, अरे तुम काहे के यदुवंशी हो रे। उनको पूजा भी नौटंकी लग रही है। मोदी को गाली देते-देते ये लोग भगवान कृष्ण की पूजा तक का अपमान करने लगे हैं। और ये यदुवंशी उसकी आरती उतार रहे हैं। आपको शहजादे की आरती उतारनी है तो उतारो, मोदी तो श्री कृष्ण की आरती उतारेगा, उतारेगा, उतारेगा। पहले इन्होंने कहा कि द्वारका में समुद्र के नीचे कुछ है ही नहीं। अब कल इन्होंने फिर कृष्ण पूजा का मजाक उड़ाया। इन्हें आपकी आस्था से कोई मतलब नहीं है।

भाइयों और बहनों,

आपने तो योगी जी के नेतृत्व में हालात बदलते देखे हैं। यहां माताओं-बहनों का घर से निकलना मुश्किल था। व्यापारियों से रंगदारी, फिरौती, जमीनों पर कब्जा आम बात थी। सपा राज में नारा चलता था- खाली प्लाट हमारा है। कहीं भी ये अपना झंडा गाड़ दिया करते थे। उत्तर प्रदेश को इस स्थिति से निकालकर योगी जी ने उज्जवल भविष्य की गारंटी दे दी है। जो क्षेत्र कट्टा फैक्ट्री बनाता था वहां अब डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। आज यहां के वस्त्र उद्योग और कन्नौज के इत्र को नई पहचान मिल रही है। मैं तो विदेश के मेहमान मिलते हैं न तो कन्नौज के इत्र की सुगंध, उनको अवश्य मौका देता हूं। क्योंकि उन्होंने नेचुरल चीजें देखी नहीं है। जी-20 की बैठक में भी मैंने दुनिया के जितने बड़े-बड़े लोग आए थे न, ये कन्नौज का इत्र मैंने उनको उपहार में दिया था। भई, देश का गौरव ऐसे बढ़ता है।

साथियों,

किसानों का, पशुपालकों का हित हमारी प्राथमिकता है। इटावा के किसानों के पीएम किसान सम्मान निधि के करीब 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। ये गोपालक भाई बहनों का इलाका है, यहां पशुओं की पूजा होती है। हमारी सरकार ने इस इलाके में हजारों पशुओं का मुफ्त टीकाकरण कराया है। यहां हमारे छोटे किसान बाजरा भी खूब उगाते हैं। आपके बाजरे को, श्री अन्न के रूप में दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाऊंगा- ये मोदी की गारंटी है। हम आलू-टमाटर किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज भी बनाने वाले हैं, फूड प्रोसेसिंग फैक्ट्रियां लगाने वाले हैं। इसके लिए भी हम किसान उत्पादक संघों, FPO को बढ़ावा दे रहे हैं।

साथियों,

यहां इतनी बड़ी संख्या में बहनें आई हैं। आपके लिए तो मोदी की खास गारंटी है। मुझे गांव की बहनों को ड्रोन पायलट बनाना है। ताकि वो खेती में ड्रोन क्रांति की लीडर बनें। बहनों को बिजली के बिल की बहुत चिंता होती है। अब मोदी बिजली का बिल ज़ीरो करने में जुटा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना से आपके छत पर सोलर लगाने के लिए मोदी पैसा देगा। आपको मुफ्त बिजली भी मिलेगी और अतिरिक्त बिजली आप सरकार को बेचकर कमाई भी करोगे।

साथियों,

हमारी सरकार युवाओं के लिए लगातार काम कर रही है। मुद्रा योजना ने यहां के हजारों युवाओं को उनके मन का काम करने में आर्थिक मदद की है। अब भाजपा ने तय किया है कि मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी 20 लाख रुपए तक की मदद मिला करेगी। इससे युवाओं को स्वरोजगार के नए मौके मिलेंगे। यहां जो इंफ्रास्ट्रक्चर के काम हो रहे हैं, यहां जो कनेक्टिविटी के काम हो रहे हैं, इससे युवाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे।

साथियों,

आप सिर्फ सांसद नहीं चुनेंगे, आप हिंदुस्तान की सरकार चुनेंगे। जब आप, मैनपुरी से हमारे वरिष्ठ नेता भाई जयवीर सिंह जी को, इटावा से मेरे साथी भाई रामशंकर कठेरिया जी को और कन्नौज से सुब्रत पाठक जी को चुनेंगे, तो मोदी सशक्त होगा। आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे न, ये वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मेरी प्रार्थना 7 मई और 13 मई को भारी मतदान की है। आप घर-घर जाइएगा, ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए प्रेरित कीजिएगा और पुराने सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए। मेरा एक काम और करोगे। जरा हाथ ऊपर करके बताओ, करोगे। यहां से आप जब भी घर-घर जाएं और लोगों से मिलें, सबको कहना मोदी जी इटावा आए थे और मोदी जी ने आपको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे।

बोलिए, भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।