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ইন্ডি জোট এখন 'এক বছর, এক প্রধানমন্ত্রী সূত্র' নিয়ে ভাবছে: বেতুলে প্রধানমন্ত্রী মোদী

बैतूल, मध्य प्रदेश

भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
जय सेवा- जय जोहार!
नर्मदा मैया की जय!
नर्मदा मैया की जय!

मैं बैतूल की पवित्र धरती से माँ नर्मदा और ताप्ती को प्रणाम करता हूँ। देश में इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर एक अलग ही उत्साह है। हमारा हरदा तो देश और एमपी की हृदय-स्थली है। और हृदय से मिला आशीर्वाद कभी भी खाली नहीं जाता। ये क्षेत्र भी पूरे देश के सुर में सुर मिला रहा है। चाहे तमिलनाडु में जाओ, केरल में जाओ, जम्मू जाओ, असम जाओ। देश के हर कोने में एक ही सुर है। और उस सुर में मध्य प्रदेश का भी सुर है- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार!

साथियों,

आज मोदी, पहले जब भी आता था, तो कुछ न कुछ लेकर के आता था। कुछ न कुछ देने के लिए आता हूं। कभी ये योजना, कभी वो योजना। कभी ये विकास का काम। कभी वो विकास का काम। आज मैं देने के लिए नहीं आया हूं। आज मैं आपसे कुछ मांगने के लिए आया हूं। सिर झुकाकर के मांगने के लिए आया हूं। मेरे लिए नहीं। आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मांगने के लिए आया हैं। मैं आज आपके पास मांगने के लिए आया हूं। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मांगने के लिए आया हूं। मैं आज आपसे मांगने के लिए आया हूं, विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए कुछ मांगने के लिए आया हूं। और मैं आपसे मांगता हूं, आपके आशीर्वाद। मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए। आपके आशीर्वाद ये मेरी बहुत बड़ी पूंजी है। जनता-जनार्दन ईश्वर का रूप होती है। और जब जनता-जनार्दन आशीर्वाद देती है तो वो आशीर्वाद स्वयं ईश्वर के आशीर्वाद होते हैं। और ये आशीर्वाद देने का एक ही तरीका इन दिनों है कि आप कमल के निशान पर बटन दबाकर के आपका आशीर्वाद मोदी को पहुंचाइये। पहुंचाएंगे। भारी मतदान करेंगे।

ये आपका वोट ही है, जिसने पिछले 10 वर्षों में देश को तेज विकास की गारंटी दी है। आपके एक वोट ने, भारत को दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया। आपको पता है ना। दुनिया में, मैं जब, आपने मुझे काम दिया उसके पहले हम 11वें नंबर पर थे। इतने कम समय में हम पांच नंबर पर पहुंच गए। किसके कारण, किसके कारण, किसके कारण, किसके कारण, किसके कारण, किसके कारण, अरे मोदी के कारण नहीं, आपके एक वोट के कारण हो गया है ये। ये आपके वोट की ताकत है। और मैं आज आपके वोट की ताकत का साक्षात्कार कराने आया हूं। आपके एक वोट ने, विदेशों में भारत का डंका बजा दिया। आपके एक वोट ने, सीमा पर से हमें आँख दिखाने वाले दुश्मन के होश ठिकाने लगा दिए। और, ये आपका ही वोट है, जिसने अयोध्या में 500 साल के इंतजार के बाद रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान कराया है।

((बेटा आप वो फोटो लेकर नीचे बैठ जाइये। पीछे लोगों को दिखता नहीं है। आप बैठ जाइये। जय श्री राम।))

और इन 10 वर्षों में ये जो काम हुआ है, वो तो केवल एक ट्रेलर है, ट्रैलर। अभी तो मुझे देश को, मध्यप्रदेश को बहुत आगे लेकर के जाना है। हमारे मुख्यमंत्री भाई मोहन यादव जी और उनकी पूरी टीम, जब से सरकार संभाली है, वो भी एमपी के विकास को और नई शक्ति से जुटे हुए हैं।

साथियों,

बैतूल देश की एकता अखंडता के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले वीरों की धरती है। आदिवासी क्रांतिकारी सरदार गंजन सिंह जी कोरकू और सरदार विष्णु सिंह जी गोंड उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। लेकिन एक काँग्रेस, काँग्रेस ने कभी आदिवासी समाज के इस योगदान को स्वीकारा ही नहीं किया। ये भाजपा है जिसने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। भाजपा सरकार में ही लाखों आदिवासी भाइयों-बहनों को वन-अधिकार का पट्टा दिया गया है। इन 10 वर्षों में पीएम आवास, उज्ज्वला सिलैंडर, बैंक खाते और मुफ्त इलाज जैसे अनेक काम हुए हैं। इन कार्यों ने आदिवासी समाज की हमारी माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन से बहुत-सी मुश्किलें कम कर दी हैं।

साथियों,

अगर सरकार की नीतियाँ सही हो, तो अन्नदाता क्या कर सकता है, ये बैतूल के किसानों ने करके दिखाया है। इस क्षेत्र में रबी और मूंग की फसलों का उत्पादन, जिस प्रकार से बढ़ा है। मैं हैलिकॉप्टर से उतर करके यहां पहुंचा, चारों तरफ मूंग-मूंग मूंग की ही बात हो रही हैं। यहां भी तोहफा दिया, तो मूंग का ही दिया। और इसमें तवा नदी पर बने डैम का बहुत बड़ा योगदान है। हरदा में मोरंड-गंजाल संयुक्त सिंचाई परियोजना पर भी काम शुरू हो चुका है। आज एमपी के 80 लाख से अधिक किसानों को हमारी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि भी दे रही है। बैतूल-इंदौर फोर लेन हाइवे जैसी सड़कें भी बैतूल के किसानों और लोगों के लिए कई बड़े अवसर खोल देंगी।

साथियों,

चौबीस के इस चुनाव ने काँग्रेस पार्टी की कलई देश के सामने खोलकर रख दी है। काँग्रेस का हिडन एजेंडा, खतरनाक हिडन एजेंडा अब खुलकर के देश के सामने आ चुका है। सेक्यूलरिज्म के नाम पर, वोट बैंक की राजनीति करने वाली, ढोंग करने वाली काँग्रेस ने सामाजिक न्याय की मूलभूत भावना की भी हत्या कर दी है। अब ये खुलकर सामने आ गया है कि काँग्रेस पार्टी दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों से कितनी ज्यादा नफरत करती है।

साथियों,

आज़ादी के बाद काँग्रेस का सबसे बड़ा विरोध बाबासाहेब अंबेडकर ने किया था। बाबासाहेब दूर का देख सकते थे। काँग्रेस कैसे देश को कैसे पतन के राह पर ले जा रही है, ये बाबासाहेब ने उस समय देख लिया था। ये बाबासाहेब अंबेडकर ही थे, जिन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण दिए जाने का कड़ा विरोध किया था। हमारे संविधान निर्माताओं ने लंबे समय तक इसकी चर्चा की थी। हर प्रकार के दिमाग एप्लाई किए थे। और हमारे संविधान निर्माताओं ने मिलकर के धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते, ये निर्णय किया था। ये हमारे संविधान की मूल भावना थी। लेकिन काँग्रेस के कारनामे उस संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ हैं। लेकिन काँग्रेस हमेशा बाबासाहेब के संविधान को मिटाने और SC-ST-OBC के आरक्षण को छीनने की कोशिश करती रही है। काँग्रेस SC-ST-OBC से आरक्षण छीनकर उसे अपने खासमखास, प्रिय वोटबैंक को देना चाहती है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब उन्होंने सबसे पहले आंध्र प्रदेश में धर्म आधारित आरक्षण की शुरुआत की थी। लेकिन तब कांग्रेस अपने मंसूबों में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाई थी।

लेकिन भाइयों और बहनों,

काँग्रेस पार्टी अभी भी वो खेल खेलना चाहती है। चोरी-छिपे करना चाहती है। पर्दे के पीछे रहकर के देशवासियों की आंख में धूल झोंककर के वो खेल खेलना चाहती है। काँग्रेस ने कर्नाटका में, ये जरा मेरे भाई-बहन सुन लीजिए बराबर कैसा पाप किया इन्होंने, कर्नाटका में OBC को जो आरक्षण मिलता है, उस OBC के कोटे से, आरक्षण का हिस्सा छीनने के लिए, पिछले दरवाजे से चोरी करने के लिए, उन्होंने कर्नाटका में जितने मुसलमान हैं, सभी मुसलमानों को OBC बना दिया। और OBC के लिए मिला हुआ आरक्षण उसको छीनने का पक्का षडयंत्र पूरा कर दिया। काँग्रेस की ये हरकत, पूरे देश के OBC समाज के लिए खतरे की घंटी है। अपने मेनिफेस्टो में भी काँग्रेस लगातार धर्म आधारित आरक्षण की बात कर रही है। तेलंगाना के काँग्रेस के मुख्यमंत्री ने अभी हाल ही में नाम लेकर कहा है कि वो मुसलमानों को आरक्षण दिलवाकर रहेंगे।

साथियों,

काँग्रेस, अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। अब काँग्रेस ने देश के लोगों की संपत्ति छीनकर, उसे भी अपने वोटबैंक को मजबूत करने की तैयारी शुरू की है। अगर किसी के पास एक से ज्यादा गाड़ी, एक से ज्यादा मोटर सायकिल, एक से ज्यादा घर होगा, तो काँग्रेस कहती है कि हम ऐसा कानून बनाएंगे कि आपका जो एक से अधिक है, वो काँग्रेस की सरकार छीन लेगी। जब्त कर लेगी। आपका गांव में घर है। अब बच्चे बड़े हो रहे हैं शहर में एक घर बनवा लिया तो काँग्रेस कहती है कि वो ऐसा कानून लाएंगे, एक ही घर रख सकते हो। दो है तो एक दे दो। ताकि वो अपने खास लोगों को बांटना चाहते हैं। वो कहते हैं एक्सरे करेंगे, एक्सरे। देश का। और देश की महिलाओं के पास कितने गहने हैं, उसकी भी जांच कराई जाएगी। किस महिला के पास कितना स्त्रीधन है, उसकी भी जांच कराई जाएगी। मंगलसूत्र कैसे छीन लिया जाए, उसकी योजना बनाई जाएगी। ये सब संपत्ति, सोना-चांदी छीनकर, कांग्रेस अपनी वोटबैंक मजबूत करने के खेल खेल रही है। और इस बात का वो कांग्रेस के नेता, अपनी रैलियों में खुला ऐलान कर रहे हैं। आप मुझे बताइए...आप अपनी संपत्ति किसी को भी छीनने देंगे क्या? छीनने देंगे क्या? ऐसे छीनने वालों को आप माफ करेंगे क्या?

साथियों,

कांग्रेस कैसे आपकी संपत्ति को लूटना चाहती है, इसका एक और उदाहरण आज देश के सामने आया है। कांग्रेस के शहजादे के सलाहकार, कांग्रेस के बड़े नेता ने कहा है कि भारत में इनहेरिटेंस टैक्स लगना चाहिए। यानि विरासत में आपके दादा-दादी, माता-पिता ने जो कुछ बचाया है, और उनके स्वर्गवास के बाद जो आपको मिलेगा, उसमें से आधा कांग्रेस सरकार हड़प करना चाहती है। बताइये, आपके मात-पिता ने जो मेहनत करके, कमाई करके आपके लिए छोड़ा है, वो उस पर आपका अधिकार है कि नहीं है। आपका अधिकार है कि नहीं है। ये आपके परिवार की मेहनत की कमाई है कि नहीं है। क्या आप उसको कोई छीनना चाहे तो छीनना देंगे क्या। लेने देंगे क्या। क्या ऐसा सोचने वाली कांग्रेस को सत्ता में आने देंगे क्या। क्या उनके लिए लूट चलाने का रास्ता खोल देंगे क्या।

भाइयों-बहनों,

ये सोच कैसी है। अरे हमारे देश में तो अलग संस्कार है। अलग संस्कृति है। और कांग्रेस के नेता इस बयान पर बवाल के बाद अब कांग्रेस झूठ बोल रही है, ये तो शहजादे के सलाहकार की व्यक्तिगत राय है। लेकिन सच्चाई ये है कि साल 2011 में भी कांग्रेस ने इनहेरिटेंस टैक्स की वकालत की थी। कांग्रेस के तब के एक बड़े मंत्री ने प्लानिंग कमीशन में कहा था कि इनहेरिटेंस टैक्स का विचार किया जाए। विरासत पर टैक्स लगाने की कांग्रेस की पुरानी इच्छा से कांग्रेस इनकार नहीं कर सकती।

साथियों,

हमारे देश में मेहनत करके, थोड़ा-थोड़ा बचाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ ना कुछ संपत्ति छोड़कर जाने की परंपरा है। कितना ही गरीब क्यों ना हो। लेकिन दादा सोचेगा, दादी सोचेगी, नाना सोचेगा, नानी सोचेगी कि एक-आध अगर चीज है तो संभाल के रखती है। कि मेरी पोती बड़ी होगी ना, तो उसकी शादी में काम आएगा। मेरा नाती बड़ा हो जाएगा तो उसकी शादी में काम आ जाएगा। बीस-बीस, तीस-तीस साल तक वो संभाल के रखते हैं। मुसीबत के समय भी निकाल करके खर्च नहीं करते। क्यों, उनके मन में यही इच्छा रहती है कि जाऊं तो बच्चों के लिए कुछ छोड़ करके जाऊं। अब ये लोग कह रहे हैं। अब जो छोड़ोगे ना, उस पर आधा हिस्सा हमारा रहेगा। क्या आप ये मंजूर कर सकते हैं। ऐसी कांग्रेस को मध्य प्रदेश में पैर रखने देंगे क्या। हिंदुस्तान में पैर रखने देंगे क्या।

भाइयों और बहनों,

मुझे तो साफ दिखता है कि कांग्रेस का मंत्र है। आप भी ये मंत्र याद रखना कांग्रेस का। और घर-घर जाकर बताना कि क्या मंत्र है कांग्रेस का। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी लूट और जिंदगी के बाद भी लूट। जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के साथ भी लूट। जिंदगी के साथ भी। जिंदगी के साथ। जिंदगी के साथ भी। जिंदगी के बाद भी। जिंदगी के बाद भी। ये है कांग्रेस। इसलिए आपको कांग्रेस से बहुत सावधान रहना है।

साथियों,

आज जब देश 25 साल के लक्ष्यों पर काम कर रहा है। अगले 5 साल का रोडमैप बना रहा है। और सरकार में आने के बाद पहले 100 दिन के निर्णयों पर काम हो रहा है, तो इंडी गठबंधन वाले भी अपनी ढफली-अपना राग आलाप रहे हैं। आपको ये सुनकर हंसी भी आ जाएगी और डर भी लगेगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आया है कि इंडी गठबधन वालों में चर्चा चल रही है, क्योंकि मोदी बार-बार पूछता है कि बताओ भाई, इतना बड़ा देश, किसको सुपुर्द करें नाम तो बताना चाहिए भाई। आप बिना नाम किसी को इतना बड़ा देश सुपुर्द कर सकते हो क्या। ये लोग नाम बताने को तैयार नहीं हैं। ये तो बता दिए, भई मोदी है बताओ। आपको देना है तो ये मोदी है दीजिए। कहा कि नहीं कहा। आपके सामने नाम है ना। दूसरी तरफ नाम ही नहीं है। इतना बड़ा देश किसको देना, इसका देश को पता होने चाहिए कि नहीं होना चाहिए। जरा बोलो ना, पता होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। आपको पता है, वो किसको देना चाहते हैं। पता है किसी को। तो ऐसा अंधेरे में हम तीर मार सकते हैं क्या। यहां तो साफ-साफ है। दस साल का अनुभव है। मोदी आपके सामने है। और सब लोगों ने कहा है कि भई मोदी हमारा उम्मीदवार है। ये लोग इसका जवाब ढूंढ़ रहे थे। जवाब मिल नहीं रहा था, लेकिन अभी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आया है कि मोदी बार-बार पूछ रहा है कि भई बताओ तुम्हारा नेता कौन। देश को किसको सुपुर्द करें। तो बोलते हैं, उन्होंने फॉर्मूला बनाई है। उन्होंने फॉर्मूला बनाई है कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा। कहा जा रहा है कि ये लोग ‘One year, One PM formula बना रहे हैं। यानि एक साल-एक पीएम, दूसरे साल दूसरा पीएम, तीसरे साल तीसरा पीएम, चौथे साल चौथा पीएम, पांचवे साल पांचवा पीएम, बताओ भई क्या होगा देश का। क्या होगा। क्या होगा मुझे बताइये। देश बचेगा क्या। आपका सपना बचेगा क्या। आपके बच्चों का भविष्य बचेगा क्या। इसका मतलब ये पीएम की कुर्सी का भी ऑक्शन करने लग गए हैं। भई बताइये। जो बोली बोलेगा, एक साल बैठेगा। और मजा क्या होगा फिर। एक ऊपर बैठेगा ना...चार लोग उस कुर्सी की टांग पकड़कर बैठ जाएंगे। और मौके की तलाश में रहेंगे कि इसका साल पूरा कब होता है। उसको हिलाते रहेंगे।

भाइयों और बहनों,

यूं तो जो सुनने के बाद लगता है कि शायद मुंगेरी लाल के सपने जैसा होगा, लेकिन साथियों मैं आपको जागृत करना चाहता हूं। मैं चेताना चाहता हूं। ये मुंगेरी लाल के हसीन सपने कहावत कह करके सो जाने वाला मुद्दा नहीं है। ये बहुत डरावना खेल है। ये देश को तबाह करने वाला खेल है। यह सपना हसीन नहीं है यह आपके सपनों को चूर चूर करने वाला खेल है दोस्तों। और इसलिए जाग जाइए। चेत जाइए। आपके वोट की ताकत समझिए। मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, देश को बचाने के लिए आप आगे आइए। जो रील्स में सोशल मीडिया पर लोग मजाक में कहते हैं उस पर इंडी गठबंधन बहुत गंभीरता से विचार कर रहा है। आप मुझे बताइए आप इस एक साल-एक पीएम वाले फार्मूले से सहमत है क्या। 5 साल में 5 पीएम आपको मंजूर है क्या। क्या देश को ऐसे परिस्थिति में छोड़ सकते हैं क्या। तो दुनिया के लोग मजाक उड़ाएंगे कि नहीं उड़ाएंगे। तो दुनिया में देश का जो आज नाम बढ़ा है वो धड़ाक से नीचे आएगा कि नहीं आएगा। ये जो चंद्रयान भेजा है अब गंगनयान भेजना है वो जा पाएगा क्या ?

साथियों,

7 मई को हमारे इस क्षेत्र में चुनाव है। विदिशा में उम्मीदवार हैं हमारे भाई शिवराज जी और यहां पर उम्मीदवार हैं हमारे दुर्गादास उईके जी। ये दोनों मेरे साथी संगठन में मैं शिवराज साथ काम करते थे। ये भी मुख्यमंत्री थे मैं भी मुख्यमंत्री था। हम साथ काम करते थे। वह पार्लियामेंट में गए थे, तब मैं महामंत्री के नाते साथ में काम करते थे। अब फिर मैं एक बार उनको ले जाना चाहता हूं। और उईके जी, उईके जी पार्लियामेंट में मेरे बहुत अच्छे साथी रहे जी। मेरे हर छोटे मोटे कामों की चिंता यह हमारे दुर्गा दास जी करते थे। इन दोनों को भारी मतों से जिताना है। और बड़ी संख्या में आप जिता करके जब उनको वोट देते हैं ना, वो मोदी को शक्ति देता है जब आप उनको वोट देते हैं तो वोट मोदी को पहुंचता है और इसलिए मोदी को मजबूत बनाने के लिए आप मतदान करें और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा मतदान होना चाहिए। कराओगे। घर-घर जाओगे। मतदाताओं को मिलोगे। मतदान कराने के लिए कहोगे। उनको कहना आपका मतदान मोदी के लिए आशीर्वाद है। कहोगे, आपका मतदान मोदी के लिए आशीर्वाद है कहोगे। पोलिंग बूथ जीतोगे। मेरा एक और अनुरोध है, करोगे। करोगे। बहुत लोग हैं, जो यहां नहीं आए। जब मैं संगठन का काम करता था तो और नीचे तक जाता था लोगों को राम राम करके आता था, लेकिन अब जा नहीं पाता हूं। देश भर में दौड़ना पड़ता है तो बहुत कम लोगों को मिल पाता हूं लाखों लोग रह जाते हैं। लेकिन आप मेरे अपने हैं। तो एक काम बताऊं मैं आपको। आप करोगे। मेरे अपने हैं वो बता दें करेंगे। जो मानते हैं कि वो मेरे हैं, वो बता दे करेंगे। पक्का करेंगे। एक काम करना, जो लोग यहां नहीं पहुंचे हैं, उन तक जाना और कहना कि मोदी जी हरदा आए थे और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। हर घर में मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे। घर-घर जाकर पहुंचा देंगे। बोलिए

भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।