Published By : Admin |
November 20, 2024 | 01:40 IST
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মাননীয়েষু,
নমস্কার!
আজকের আলোচনার বিষয় অত্যন্ত প্রাসঙ্গিক এবং পরবর্তী প্রজন্মের ভবিষ্যতের সঙ্গে ঘনিষ্ঠভাবে যুক্ত। নতুন দিল্লি জি২০ শীর্ষ বৈঠকের সময়ে আমরা বারাণসী কর্ম পরিকল্পনা গ্রহণ করেছিলাম।
২০৩০ সালের মধ্যে অচিরাচরিত শক্তির উৎপাদন তিনগুণ বৃদ্ধির লক্ষ্যে আমরা অঙ্গীকার করেছিলাম। ব্রাজিলের সভাপতিত্বে এই লক্ষ্যকে অগ্রাধিকার দেওয়ার ব্যাপারে আমরা একমত হয়েছি। এই প্রসঙ্গে ধারাবাহিক উন্নয়ন কর্মসূচির সাফল্যের ক্ষেত্রে আমি ভারতের অঙ্গীকার এবং প্রয়াসের কথা তুলে ধরতে চাই। গত এক দশক ধরে আমরা ৪ কোটির বেশি পরিবারের জন্য বাড়ি তৈরি করেছি।
গত ৫ বছরে ১২ কোটি বাড়িতে পানীয় জল সরবরাহ সুনিশ্চিত করা হয়েছে। ১০ কোটির বেশি পরিবারকে পরিবেশবান্ধব রান্নার গ্যাস এবং সাড়ে ১১ কোটি পরিবারের জন্য শৌচাগারের ব্যবস্থা করা হয়েছে।
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বন্ধুগণ,
আমরা ঐতিহ্যবাহী ভারতীয় ভাবনার সঙ্গে তাল রেখে এগোনোর চেষ্টা চালাচ্ছি, যা একইসঙ্গে উন্নয়নমুখী এবং ভারসাম্যমূলক। একটি বিশ্বাসের ব্যবস্থা গড়ে তুলেছি, যেখানে পৃথিবীকে মা, নদী, জীবনদাতা হিসেবে বিবেচনা করা হয় এবং গাছকে ঈশ্বররূপে বিবেচনা করা হয়।
আমরা বিশ্বাস করি, প্রকৃতির প্রতি যত্নবান হওয়া আমাদের নৈতিক এবং মৌলিক কর্তব্য। জি২০-র মধ্যে প্রথম দেশ হিসেবে ভারতই নির্দিষ্ট সময়ের আগে প্যারিস চুক্তি মেনে তার অঙ্গীকার পূরণ করেছে। এখন আমরা দ্রুততার সঙ্গে আরও উচ্চাকাঙ্ক্ষী লক্ষ্য অর্জনের পথে এগোচ্ছি। ২০৩০ সালের মধ্যে আমরা ৫০০ গিগাওয়াট পুনর্নবীকরণযোগ্য শক্তি উৎপাদনের লক্ষ্যমাত্রা স্থির করেছি। ইতিমধ্যে ২০০ গিগাওয়াটের লক্ষ্যমাত্রা অর্জন করেছি। প্রায় ১ কোটি পরিবার ছাদে সৌর বিদ্যুৎ ব্যবস্থা বসানোর জন্য নাম নথিভুক্ত করেছে, যা বিশ্বে বৃহত্তম।
আমরা শুধু নিজেদের কথা ভাবছি না, গোটা মানবজাতির কথাই আমরা ভাবছি। আমরা ইতিমধ্যে মিশন লাইফ বা পরিবেশের জন্য জীবনযাপন চালু করেছি। খাদ্যের অপচয় শুধুমাত্র কার্বনের মাত্রা বাড়াচ্ছে না, সেইসঙ্গে বাড়াচ্ছে অনাহারও। এই বিষয়েও আমাদের কাজ করতে হবে।
আমরা আন্তর্জাতিক সৌর জোট গড়ে তুলেছি, যেখানে ১০০টির বেশি দেশ যোগ দিয়েছে। “এক সূর্য এক বিশ্ব এক গ্রিড”-এর আওতায় আমরা শক্তির সংযুক্তির ক্ষেত্রে সহযোগিতা করছি।
ভারত গ্রিন হাইড্রোজেন উদ্ভাবন কেন্দ্র স্থাপন এবং গ্লোবাল বায়োফুয়েল অ্যালায়েন্স গঠন করেছে। এ বছর ভারতে আমরা ১০০ কোটি গাছ লাগিয়েছি।
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বন্ধুগণ,
গ্লোবাল সাউথের দেশগুলি, বিশেষত উন্নয়নশীল ক্ষুদ্র দ্বীপ রাষ্ট্রগুলির কাছে আর্থিক বিকাশই সবচেয়ে বেশি অগ্রাধিকার পাচ্ছে। ডিজিটাল যুগে এবং কৃত্রিম বুদ্ধিমত্তার ক্রমবর্ধমান প্রভাবের কারণে আমাদের ভারসাম্য বজায় রাখা প্রয়োজন। সময়সীমা মেনে উন্নত দেশগুলিকে প্রযুক্তি ও আর্থিক সহায়তা প্রদানের ক্ষেত্রে তাদের অঙ্গীকার পূরণ করা অত্যন্ত আবশ্যিক।
ভারত সমস্ত বন্ধুরাষ্ট্র বিশেষত গ্লোবাল সাউথের দেশগুলির সঙ্গে তার অভিজ্ঞতা সফলভাবে ভাগ করে নিচ্ছে। তৃতীয় গ্লোবাল সাউথ শীর্ষ বৈঠকে আমরা গ্লোবাল ডেভেলপমেন্ট কমপ্যাক্ট-এর কথাও ঘোষণা করেছি। এই উদ্যোগে সামিল হওয়ার জন্য আমি আপনাদের সকলের কাছে আর্জি জানাই।
The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM Modi at Khelo India Youth Games
May 04, 2025
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Best wishes to the athletes participating in the Khelo India Youth Games being held in Bihar, May this platform bring out your best: PM
Today India is making efforts to bring Olympics in our country in the year 2036: PM
The government is focusing on modernizing the sports infrastructure in the country: PM
The sports budget has been increased more than three times in the last decade, this year the sports budget is about Rs 4,000 crores: PM
We have made sports a part of mainstream education in the new National Education Policy with the aim of producing good sportspersons & sports professionals in the country: PM
बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनसुख भाई, बहन रक्षा खड़से, श्रीमान राम नाथ ठाकुर जी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य महानुभाव, सभी खिलाड़ी, कोच, अन्य स्टाफ और मेरे प्यारे युवा साथियों!
देश के कोना-कोना से आइल,, एक से बढ़ के एक, एक से नीमन एक, रउआ खिलाड़ी लोगन के हम अभिनंदन करत बानी।
साथियों,
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रतियोगिताएं होंगी। पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक, आने वाले कुछ दिनों में छह हज़ार से अधिक युवा एथलीट, छह हजार से ज्यादा सपनों औऱ संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में स्पोर्ट्स अब एक कल्चर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। और जितना ज्यादा भारत में स्पोर्टिंग कल्चर बढ़ेगा, उतना ही भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में, देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।
साथियों,
किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी साल भर, अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। मैं आपको क्रिकेट की दुनिया से एक उदाहरण देता हूं। अभी हमने IPL में बिहार के ही बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा। इतनी कम आयु में वैभव ने इतना जबरदस्त रिकॉर्ड बना दिया। वैभव के इस अच्छे खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, उनके टैलेंट को सामने लाने में, अलग-अलग लेवल पर ज्यादा से ज्यादा मैचों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यानी, जो जितना खेलेगा, वो उतना खिलेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे।
साथियों,
ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था।
साथियों,
सरकार का जोर, भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि की गई है। इस वर्ष स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हज़ार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से अधिक हमारे बिहार में ही हैं। बिहार को तो, NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, अनेक योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। राजगीर में खेलो इंडिया State centre of excellence की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे।
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साथियों,
स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है।
मेरे युवा साथियों,
हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा।
साथियों,
खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो, इसी भावना के साथ मैं सातवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।