বিগত ৪ বছরে কংগ্রেস সরকার নিশ্চিত করেছে যে রাজস্থান রাজ্যের বিষয়গুলি একেবারে উপেক্ষিত: প্রধানমন্ত্রী মোদী
কংগ্রেস রাজস্থান রাজ্যে তার পরাজয়ের বিষয়ে এতটাই আত্মবিশ্বাসী যে এটি বাই-বাই মোডে প্রবেশ করেছে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
কংগ্রেস শাসন মানেই লুটপাটের উদ্দেশ্য এবং মিথ্যার বাক্স: প্রধানমন্ত্রী মোদী
কংগ্রেস পার্টি দুর্নীতি, অপরাধ ও তুষ্টির অনুরণন করে এবং এটি যে কোনও রাজ্যে তাদের ধারাবাহিক নীতি রেকর্ড: প্রধানমন্ত্রী মোদী


भारत माता की… भारत माता की..

बीकानेर वो जगह है, जिसका नाम देश में कहीं भी सुनें, मुंह में पानी आ जाता है। और फिर मुझे तो यहाँ की धरती पर सावन के महीने में आने का सौभाग्य मिला है। इंद्रदेव का आशीर्वाद हम पर बना हुआ है। और अभी हमारी सीपी जोशी जी बता रहे थे कि…


सियाळो खाटू भलो, ऊनाळो अजमेर।


मारवाड़ नित रो भलो, सावण बीकानेर।


यहां के रसगुल्लों की मिठास, यहां की नमकीन और भुजिया का स्वाद पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मेरे लिए ये शहर इसलिए भी खास है क्योंकि बीकानेर को छोटी काशी के रूप में भी जाना जाता है। यहां काशी की ही तरह गौरवशाली अतीत भी है, अध्यात्म भी है। ये पावन धरा मां करणी की धरती है, सांख्यदर्शन के प्रणेता भगवान कपिल की तपोभूमि है। ये रुणिचा धाम रामदेवरा के बाबा रामदेव जी, सिद्ध समाज के गुरु जसनाथ जी और वीर तेजाजी के भक्तों की धरती है। ये पर्यावरण संरक्षण के प्रणेता गुरु जम्भेश्वर की तपस्थली रही है। ये तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य तुलसी की कर्मभूमि रही है। और यहां, पुनरासर बालाजी का आशीर्वाद तो प्रत्यक्ष ही मिलता है। इन सभी देवों और संतों को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। आप सब इतनी बड़ी संख्या में यहाँ आए, अभी यहां बताया कि चार-चार पांच-पांच घंटों से कड़ी धूप में आप आशीर्वाद देने के लिए मौजूद हुए। मैं जितना आपका आभार व्यक्त करूं उसके लिए मेरे शब्द कम पड़ रहे हैं, मैं फिर एक बार आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं धन्यवाद व्यक्त करता हूं। साथियों ये उत्साह बताता है। मैं ऊपर देख रहा हूं वहां तक लोग ही लोग है। ये उत्साह बताता है कि राजस्थान में मौसम का पारा ही नहीं चढ़ा है, बल्कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनता का पारा भी चढ़ चुका है। और जब जनता का पारा चढ़ता है, तो सत्ता की गर्मी उतरते और सत्ता बदलते भी वक़्त नहीं लगता।

साथियों,


अभी कुछ ही देर पहले मुझे राजस्थान के विकास के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास का अवसर मिला। अमृतसर जामनगर एक्स्प्रेस-वे को राजस्थान में पड़ने वाला 500 किमी से लंबा सेक्शन अब शुरू हो गया है। इसके पहले दिल्ली-मुंबई एक्स्प्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन का भी शुभारंभ हुआ था। राजस्थान की कनेक्टिविटी के लिए जितना काम भाजपा सरकार ने किया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ है। पिछले 9 वर्षों में केंद्र सरकार जितनी भी योजनाएं लाई है, हमारी कोशिश यही रही है उनका ज्यादा से ज्यादा लाभ राजस्थान को मिले। हमने देशभर के गरीबों के लिए 4 करोड़ पक्के मकान बनाए। इसमें से करीब 20 लाख घर, राजस्थान के मेरे गरीब भाइयों-बहनों को मिले हैं। बीस लाख घर। हमने देशभर में करीब 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले। इस वजह से राजस्थान के 3 करोड़ गरीबों को पहली बार बैंक की सुविधा मिली। कोरोना के मुश्किल समय में यही बैंक खाते गरीबों की सबसे बड़ी ताकत बने।

भाइयों और बहनों,


विकास पूरी तरह से जनता तक तब पहुंच पाता है, जब देश और प्रदेश की दोनों सरकारें साथ मिलकर ईमानदारी से काम करें। पिछले 4 वर्षों में राजस्थान में हालात इसके बिलकुल उलट रहे हैं। हम दिल्ली से योजनाएं यहां राजस्थान में भेजते हैं, लेकिन यहां जयपुर में कांग्रेस का पंजा, उस पर झपट्टा मार देता है। कांग्रेस को राजस्थान के लोगों की परेशानी से, आपकी दिक्कतों से कोई लेना-देना नहीं है। अब आप देखिए, घर-घर पीने का साफ पानी पहुंचाने की भाजपा सरकार की योजना से भी अब कांग्रेस सरकार को परेशानी है। जिस राजस्थान को जल जीवन मिशन में सबसे टॉप पर होना चाहिए था, वो सबसे धीमा करने वाले राज्यों की लिस्ट में शामिल है। आज देश के 130 से ज्यादा जिले ऐसे हैं, जहां शत प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंचा है। इनमें से राजस्थान का एक भी जिला नहीं है। अब आप मुझे बताइए... क्या राजस्थान के लोगों ने कोई गुनाह किया है क्या? क्या राजस्थान के लोगों ने कोई गलती की है? साथियों, गलती राजस्थान के लोगों की नहीं, गलती यहां की कांग्रेस सरकार की है। कांग्रेस सरकार ने 4 सालों में राजस्थान का बहुत नुकसान किया है। और ये बात, कांग्रेस के नेता भी अच्छी तरह जानते हैं। राजस्थान में कांग्रेस की हार इतनी सुनिश्चित है, कि यहां की सरकार अभी से ‘बाय-बाय मोड’ में आ गई है। मुझे पता चला है कि कुछ मंत्री विधायक तो अभी से अपने सरकारी बंगले खाली करके अपने खुद के घरों में शिफ्ट होने लगे हैं। अपनी हार पर इतना भरोसा सिर्फ कांग्रेस के नेता ही कर सकते हैं। साथियों, पुरानी कहावत है कि दीया बुझने से पहले जोर से लपलपाता है। अपनी हार के डर से कांग्रेस भी ऐसा ही कर रही है। इसके लिए वो राजस्थान के लोगों को गुमराह करने पर उतर आई है।

भाइयों बहनों,


आपको याद रखना है, काँग्रेस का एक ही मतलब है, कांग्रेस मतलब.. (साथियों आपका प्यार सर आंखों पर। आप आगे आने की कोशिश मत कीजिए, आपका प्यार सर आंखों पर साथियों ) साथियों कांग्रेस का मतलब है - लूट की दुकान, झूठ का बाज़ार! जो ये इन दिनों बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हैं, उसमें लूट के इरादे और झूठ के पिटारे के सिवा और कुछ नहीं हैं। साथियों, कांग्रेस की झूठ और छलावे की राजनीति का शिकार सबसे ज्यादा राजस्थान का किसान हुआ है। आप मुझे बताइये, पिछले चुनाव में कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। इनके नेता ने दस दिन के भीतर कर्जमाफी की कसम खाई थी। किसानों का कर्ज माफ हुआ क्या? 10 दिन, 10 महीने, और अब 4 साल, कर्ज माफ हुआ क्या? यहाँ के किसान इतनी बड़ी मात्रा में बाजरा उत्पादन करते हैं। हमने मोटे अनाजों को श्रीअन्न के तौर पर प्रमोट किया। दुनिया में पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। बाजरा पड़ोस के हरियाणा में तैईस सौ पचास रुपए प्रति क्विंटल बिका। दो हजार तीन सौ पचास रुपये प्रति क्विंटल, बहुत ज्यादा दूर नहीं यहां हरियाणा में, यहाँ राजस्थान में वही बाजरा किसान 1300 रुपए में बेचने को मजबूर हुआ। हमने राजस्थान के किसानों के लिए नर्मदा का पानी पहुंचाया। इन्होंने उसे रोकने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। किसानों से यही नफरत, कांग्रेस की फितरत है, यही इनकी हकीकत है।

साथियों,


विकास के लिए ये जरूरी होता है कि सरकार ईमानदार भी हो, और सरकार स्थिर भी हो। आज दुनिया में हिंदुस्तान का सम्मान बढ़ा है, क्योंकि देश में आज एक स्थिर सरकार है। आपने स्थिर सरकार बनाकर के मुझे काम करने का मौका दिया है। जिन-जिन प्रदेशों ने लगातार स्थिर सरकारों को चुना है, डबल इंजन सरकार को चुना है, वो प्रदेश भी तेजी से विकास कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान में जबसे काँग्रेस सरकार आई है, इन्होंने क्या किया? 4 साल से पूरी काँग्रेस पार्टी और सरकार बस आपस में लड़ रही है। हर कोई एक दूसरे की टांग खींच रहा है। अपने-अपने गुट को मजबूत बनाने के लिए खुलेआम सौदेबाजी हो रही है। एक खेमे के विधायकों को ट्रान्सफर-पोस्टिंग और लूट की खुली छूट मिली हुई है, ताकि वो दूसरे गुट में न भाग जाएँ। ये लड़ाई केवल खेमों तक की नहीं है! सारे मंत्री भी आपस में लड़ रहे हैं कि इस विभाग में लूट का काम मुझे मिले, वो मुझे लूटने दिया जाए। इस विभाग का काम उस विभाग को क्यों दिया गया, इस मंत्री का कमीशन उस मंत्री के पास कैसे चला गया, पूरी राजस्थान सरकार इसी खींचतान में लगी पड़ी है। और इस पूरी खींचतान के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अपने बेटे का भविष्य बचाने में जुटे हुए हैं। उन्हें राजस्थान के बेटे-बेटियों की कोई चिंता नहीं है। इस वजह से भी कई मंत्री-विधायक उनसे खार खाए हुए हैं। आप मुझे बताइए साथियों, क्या ऐसे लोग राजस्थान का भला कर सकते हैं? राजस्थान के युवकों का भला कर सकते हैं? राजस्थान के गांवों का भला कर सकते हैं? राजस्थान के किसानों का भला कर सकते हैं ? इन लोगों से राजस्थान के विकास की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है भाइयों? इन लोगों को मैं आज दो टूक कह देना चाहता हूं। अब ये भ्रष्टाचार की नूराकुश्ती बहुत हुई। अब लोकतन्त्र के अखाड़े में जनता-जनार्दन फैसला करेगी। अब राजस्थान को स्थिर सरकार चाहिए। अब राजस्थान को डबल इंजन की सरकार चाहिए। अब राजस्थान को परिवारवाद नहीं, अब राजस्थान को विकासवाद चाहिए।

साथियों,


राजस्थान में जबसे काँग्रेस आई है, इसने एक और पहचान बनाई है- भ्रष्टाचार, अपराध और तुष्टीकरण! हालत ये है कि जब भ्रष्टाचार की रैंकिंग होती है, तो राजस्थान उसमें नंबर-1 आता है। जो राजस्थान अपनी शांति और सौहार्द के लिए जाना जाता था, वहाँ आज आए दिन सांप्रदायिक तनाव की घटनाएँ हो रही हैं। पूरी काँग्रेस सरकार तुष्टीकरण में लगी हुई है। यहां सिस्टम इतना बेखौफ हो गया है कि पेपर लीक की एक अलग इंडस्ट्री खुल गई है। अब तक 17 बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। यानि यहां युवाओं के भविष्य से खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है।साथियों, हर जगह स्कूल कॉलेजों को राजनीति से बाहर रखा जाता है ताकि बच्चों का भविष्य खराब न हो! लेकिन, राजस्थान में काँग्रेस की लूट ने शिक्षण संस्थानों को भी नहीं बख्शा। यहां के शिक्षक, मुख्यमंत्री के सामने आकर कह रहे हैं कि तबादले के लिए खुली घूस चल रही है। लेकिन, कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

भाइयों बहनों,


महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में, बलात्कार के मामले में राजस्थान सबसे आगे है। हालात ये है कि यहाँ रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं। और दुर्भाग्य ये कि बलात्कार और हत्या के आरोपियों को बचाने में पूरी सरकार जुटी नजर आती है। अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए हमारी बेटियों पर गलत नज़र डालने वालों को कांग्रेस संरक्षण दे रही है। राजस्थान के लोग ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये महिलाओं के सम्मान की, उनकी आन-बान की धरती है। ये राजस्थान की धरती है, ये माँ पन्ना धाय की धरती है। ये वो धरती है जहां हाड़ा रानी ने अपने पति को युद्ध में भेजने के साथ ही अपना बलिदान दे दिया था। आत्मसम्मान और धर्म की रक्षा राजस्थान की रगों में है।इस पर कीचड़ उछालने की हिम्मत करने वाली कांग्रेस को राजस्थान कभी माफ नहीं करेगा।

साथियों,


कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो अगर सत्ता में रहती है तो खा-खाकर देश को खोखला करती है। और जब ये सत्ता से बाहर जाते हैं, तो देश को गाली दे-देकर बदनाम करने लगते हैं। इनको भारत की प्रगति से इतनी तकलीफ है कि इनके नेता विदेश में जा-जाकर भारत को गाली देते हैं। आपको याद होगा, जब-जब देश की सेना ने शौर्य दिखाया है तब-तब इन्होंने सेना को भी नीचा दिखाने के लिए क्या कुछ नहीं बोला! सेना कहती है हमने पाकिस्तान में आतंकियों के अड्डे तबाह किए, सर्जिकल स्ट्राइक की, तो कांग्रेस कहती है कि सबूत दिखाओ। हमारी वासुसेना पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक करती है, तो ये कहते हैं कि कुछ हुआ ही नहीं! कांग्रेस को सेना और सैनिकों से हमेशा दिक्कत रही है। इसलिए वीरों की धरती राजस्थान, जहां से इतने युवा सेना में जाते हैं, उनसे कांग्रेस चिढ़ी रहती है। हमारी सेना के जवान कितने वर्षों से ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग कर रहे थे। वर्षों तक कांग्रेस की सरकारों ने उसकी उपेक्षा की। यही नहीं, सेना के काम में भी ये लोग झूठ और धोखेबाजी से बाज नहीं आए। वन रैंक, वन पेंशन के लिए हजारों करोड़ रुपये की जरूरत थी। लेकिन, कांग्रेस सरकार कागज पर केवल 500 करोड़ रुपए दिखाकर OROP का धोखा दे रही थी। हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू किया। पूर्व सैनिकों को इसके तहत करीब 65 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। राजस्थान के भी हमारे करीब सवा लाख पूर्व सैनिकों को इसका लाभ मिला है। इससे पता चलता है कि भाजपा और काँग्रेस की सोच में क्या फर्क है! भाजपा और काँग्रेस की नियत में क्या फर्क है। कांग्रेस अपनी सियासत के लिए देश के नुकसान और अपमान से कभी भी नहीं चूकती! भाजपा के लोग देश के लिए पद, प्रतिष्ठा सब कुछ बलिदान करने से भी नहीं चूकते।

साथियों,


हमारा बीकानेर देश का सीमावर्ती जिला है। संकट के समय ये जिला सबसे पहले देश की रक्षा के लिए खड़ा होता है। लेकिन, काँग्रेस सरकार ने इस जिले की भी उतनी ही उपेक्षा की है। कांग्रेस ने दशकों तक सीमावर्ती इलाकों को जानबूझकर विकास से वंचित रखा। आज हम बार्डर पर हाइटेक सड़कें बना रहे हैं। सीमावर्ती गांवों के विकास को पहली प्राथमिकता बनाकर हमने वाइब्रेंट विलेज स्कीम शुरू की है। लेकिन, इन सभी प्रयासों का पूरा लाभ तभी मिलेगा, जब यहां डबल इंजन की सरकार होगी। इसके लिए हमें अभी से तैयारियों में जुट जाना है। जीत तय मानकर भाजपा के कार्यकर्ताओं को मेहनत में कमी नहीं करनी है। हमें दूसरे की कमजोरियों पर नहीं, अपने परिश्रम पर भरोसा करना है। आप सब इतनी बड़ी संख्या में आए। मुझे भरोसा है कि आप राजस्थान में डबल इंजन सरकार बनाने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!


मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए


भारत माता की… भारत माता की… भारत माता की…


और जैसे अभी हमारे बीकानेर के सांसद मेघवाल जी नौ रंग की बात कर रहे थे ये नवरंग को चमकाने के लिए इस शुभ अवसर पर मैं आप सबसे आग्रह करता हूं, अपना मोबाइल फोन निकालिए और उसका प्लैश चालू करिए और इन नवरंग का प्रकाश लोगों को पहुंचाइए। हर किसी के मोबाइल फोन का फ्लैश चालू कीजिए, शाबाश, दूर-दूर तक... दूर-दूर तक... हर किसी का मोबाइल चालू कीजिए
भारत माता की… भारत माता की.. भारत माता की..


बहुत-बहुत धन्यवाद

 

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.