Quoteকোভিড-১৯-এর মধ্য়েও নির্বাচনের সিদ্ধান্ত নেওয়ার জন্য আমি নির্বাচন কমিশনকে ধন্যবাদ জানাই: আরারিয়ায় প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteএনডিএ সরকার 'সাবকা বিশ্বাস, সাবকা বিকাশ' মন্ত্র অনুসরণ করে এবং সকল শ্রেণীর মানুষের উন্নয়নে কাজ করে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteআমি আপনাদের 'পাকা' বাড়ি দেওয়ার প্রতিশ্রুতি দিতে এখানে এসেছি, আরারিয়ায় প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteপ্রধানমন্ত্রী মোদী বলেন, আমরা ব্রডব্যান্ড সংযোগের মাধ্যমে বিহারের সমস্ত গ্রামকে সংযুক্ত করার প্রক্রিয়া শুরু করেছি

भारत माता की जय, भारत माता की जय भारत माता की जय

मां खडगेश्वरी, बाबा मदनेश्वर, बाबा सुंदरनाथ के ई पवित्र भूमि के नमन करे छी।
कथा शिल्पी, साहित्य शिरोमणि फणीश्वर नाथ रेणु जी के ई पावन भूमि पर अपने सबके अभिनंदन करे छी !
मंच पर उपस्थित केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान अश्विनी कुमार चौबे जी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान जीतन राम मांझी जी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान बाबू लाल मरांडी जी, राज्य सरकार में मंत्रि डॉक्टर प्रेम कुमार जी, संसद में मेरे साथी श्रीमान राजीव रंजन जी, श्रीमान प्रदीप सिंह जी, एनडीए के सभी प्रतिनिधिगण, सभी वरिष्ठ नेतागण, उम्मीदवार। 
...और विशाल संख्या में हम सब को आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, 
अररिया के साथ-साथ पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार सहित अनेक ज़िलों के लोग यहां मौजूद हैं। इससे भी ज्यादा लोग अलग-अलग स्थान पर टेक्नोलॉजी के माध्यम से, ऑनलाइन डिजिटल माध्यम से अनेक लोग हजारों की तादाद में आज इस सभा के साथ जुड़े हुए हैं। मैं आप सभी को आदर पूर्वक प्रणाम करता हूं।

|

साथियो, बिहार में आज दूसरे चरण का मतदान चल रहा है और जहां-जहां मतदान हो रहा है। मुझे अभी जब मैं हेलीकॉप्टर से आ रहा था तो किसी ने बताया पहले के चुनाव में इस समय जितना मतदान होता था उससे भी आज ज्यादा मतदान हुआ है, वो दस बजे तक का मुझे हिसाब बता रहे थे। ये उत्साह, ये उमंग, मैं बिहार के मतदाताओं का उनकी सक्रियता का, लोकतंत्र के प्रति उनकी श्रद्धा का हृदयपूर्वक अभिनंदन करता हूं और सभी नागरिकों से, देश भर के राज्यों में उपचुनाव भी चल रहे हैं, बिहार में भी कई स्थान पर मतदान चल रहा है। चुनाव लोकतंत्र का बहुत बड़ा उत्सव होता है और लोकतंत्र के उत्सव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना हर नागरिक का कर्तव्य है और उज्जवल भविष्य की गारंटी भी है। आपका हर एक वोट लोकतंत्र को मजबूत करेगा, देश को मजबूत करेगा।

साथियो, आज बिहार के लोगों ने देश ही नहीं, पूरे विश्व को एक संदेश दिया है। कोरोना के इस संकट काल में, जब दुनिया भर में हड़कंप मचा है, ऐसे में बिहार के लोग अपने घरों से निकल रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं। लोकतंत्र की ये कितनी बड़ी ताकत, लोकतंत्र के प्रति हर बिहारी का कितना बड़ा समर्पण, ये पूरे विश्व के लिए, ये सिर्फ मतदान, चुनाव, जीत-हार वहां तक सीमित नहीं है। विश्व के सभी थिंक टैंक को, विश्व के सभी थॉट लीडर्स को इस बात का मूल्यांकन करना ही होगा कि भारत के लोगों के जेहन में लोकतंत्र कितनी गहराई से बैठा हुआ है कि जब कोरोना के इस काल खंड में भी लोकतंत्र को प्राथमिकता दे रहे हैं। पूरी दुनिया के लिए एक भरोसा जगाने वाली घटना है।

|

ऐसे कठिन समय में, इतनी तैयारी के साथ, सारी सावधानियों के साथ चुनाव कराने के लिए मैं हमारे देश के चुनाव आयोग को लाख-लाख बधाई देता हूं। देश के चुनाव आयोग ने अपने कौशल्य से, अपने सामर्थ्य से, अपनी दीर्घ दृष्टि से, अपने निष्पक्ष भाव से आज पूरे विश्व को अचंभित कर दिया है और इसलिए बिहार जो कि लोकतंत्र की पहली कोपल जहां से निकली थी, मानवजाति को जिस धरती ने लोकतंत्र दिया था। उस धरती से मैं देश के चुनाव आयोग का भी अभिनंदन करता हूं। उसके साथ-साथ हमारे जो सुरक्षाबलों के लोग हैं, इतने दिनों से खड़े हैं। ये यूनिफार्म वर्दीधारी हमारे पुलिस के जवान, हमारे सुरक्षाबलों के अर्धसैनिक बल के जवान दिन-रात लोकतंत्र की रक्षा के लिए, शांतिपूर्ण मतदान के लिए, शांतिपूर्ण विचार-विमर्श के लिए दिन रात जो जुटे हुए हैं मैं उनका भी आज हृदय से, पूरे बिहार के उन सभी का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं

आज मैं बिहार के प्रशासन से लोग जुड़े हुए हैं, चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में जो लोग जुड़े हुए हैं, मैं उन सब छोटे-मोटे कर्मचारियों का भी, जो इस लोकतंत्र को सफल बनाने में जी-जान से जुटे हैं मैं आज उनका भी हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

भाइयो और बहनो, पहले चरण के मतदान के बाद और अभी जो शुरुआती जानकारी मिल रही है उसके बाद एक बात साफ है। बिहार की जनता ने डंके की चोट पर संदेश दे दिया है, बिहार में फिर एक बार NDA की सरकार बनने जा रही है।

बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है।
बिहार में एक कहावत है और बड़ी सटीक कहावत है, बिहार की उस कहावत में कहा है - सब कुछ खइनी, दुगो भुजा न चबइनी।
यानि, भर पेट भोजन करने के बाद भी खाने वाले की नजर अब भूजा पर है। यही इनकी सोच है।

आज NDA के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वो इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए।

भाइयो और बहनो, आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है, जनतंत्र फिर से जीत रहा है। आज बिहार में रंगबाजी और रंगदारी हार रही है, विकास फिर जीत रहा है। 
आज बिहार में अहंकार हार रहा है और परिश्रम फिर जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर से जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं।

भाइयो और बहनो, बिहार वो दिन भूल नहीं सकता, जब चुनाव को इन लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया था। इनके लिए चुनाव का मतलब था- चारों तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग।
बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने तक का अधिकार भी छीन करके रखा था। गरीबों को घरों में कैद करके, उनके नाम से जंगलराज वाले खुद जा कर के वोट दिया करते थे।
तब मतदान नहीं होता था वो तो दिखता था सिर्फ। हकीकत में तो वो दिन जब, ‘मत छीन लिया जाता था, वोट की लूट’ होती थी, गरीब के हक की लूट होती थी। बिहार में गरीब को सही मायनों में मतदान का अधिकार एनडीए ने दिया है।

आज बिहार में दलित हो, महादलित हो, पिछड़ा हो, अतिपिछड़ा हो, वंचित हो, किसी भी वर्ग का हो, किसी को भी मानने वाला हो, उसे अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुनने का अधिकार मिला है। आज तो मैं माहौल यहां तक देख रहा हूं, मैं सोशल मीडिया कभी-कभी देखता रहता हूं। इन दिनों मैं देख रहा हूं कि बिहार में महिलाएं कह रही हैं भाई घरवालों को जो करना है करेंगे, मैं तो मोदी के साथ चलूंगी। बिहार की हर मां, बिहार की हर बेटी आज हमको आशीर्वाद दे रही है, यही तो लोकतंत्र की असली ताकत है।

साथियो, अगर बिहार में पहले जैसे ही हालात होते, तो सच मानिए, गरीब मां का ये बेटा कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता, आपका प्रधान सेवक नहीं बन पाता।
आज जब गरीब को अपना अधिकार मिला है, तो वो उसने देश की राजनीति की दिशा तय करने की कमान भी खुद संभाल ली है।
अब वो सिर्फ अपना ही नहीं, देश के भविष्य, देश की आकांक्षा को पूरा करने में भी उतना ही साझेदार है, उतना ही भागीदार है।

साथियो, बीता दशक बिहार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए था और नीतीश बाबू ने, उनकी पूरी टीम ने जी-जान लगाकर के एक के बाद एक बिहार के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। विपरीत परिस्थितियों में भी वो रुके नहीं, मान-अपमान के बीच भी कभी थके नहीं और जुल्म करने वालों की आदत के सामने कभी झुके भी नहीं थे क्योंकि आपकी आवश्यकताओं को पूरा करना ही नीतीश बाबू और उनकी पूरी टीम का मकसद था और उन्होंने करके दिखाया है वो दशक बिहार के हर नागरिक की आवश्यकताओं को पूरा करने का था और अब ये दशक 2021 से 2030 वाला ये दशक बिहार की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय है।

बीते दशक में बिहार में हर घर में बिजली पहुंची, अब ये दशक बिहार को चौबीसों घंटे जगमगाने का है।
बीते दशक में बिहार में घर-घर गैस कनेक्शन पहुंचा, अब ये दशक बिहार के घरों में पाइप से गैस पहुंचाने का है। बीते दशक में बिहार के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंची। अब ये दशक बिहार के हर गरीब को पक्की छत देने का है।

बीते दशक में शहर और गांव में सड़कों की स्थिति सुधरी, अब ये दशक नए एयरपोर्ट, नए वॉटरपोर्ट देने का है। बीते दशक में जंगलराज के प्रभावों को कम किया गया, अब ये दशक बिहार की नई उड़ान का है, नई संभावनाओं का है।
बिहार को जब फिर इस बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी, तो यहां का विकास पहले से भी तेज गति से होगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं।

भाइयो और बहनो, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए आज एनडीए सरकार बिना किसी भेदभाव लोगों के हितों के लिए काम कर रही है।
आज बिना किसी भेदभाव बिहार के करीब-करीब 74 लाख से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। यहां अगर मैं अररिया की बात करूं तो मेरे साथी सक्रिय रहते हैं, यहां अररिया के भी 2 लाख किसानों को ये मदद उनके खाते में सीधी पहुंची है।

बिना किसी भेदभाव बिहार की लगभग 90 लाख गरीब बहनों-बेटियों को घर में धुएं से मुक्ति दिलाने वाला मुफ्त में गैस कनेक्शन दे दिया गया है। अगर मैं यहां अररिया की बात करूं, इस इलाके में भी साढ़े तीन लाख से ज्यादा महिलाओं को उनके चुल्हे तक गैस का काम अब हो चुका है।
बिना किसी भेदभाव बिहार में सवा करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए गए हैं। यहां अररिया में भी 4 लाख से ज्यादा शौचालय बने हैं। बिना किसी भेदभाव आज बिहार के हर गरीब को आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है।

भाइयो-बहनो, गरीब के घर में अगर कोई गंभीर बीमारी घुस जाती है, सिर्फ एक व्यक्ति की जिंदगी नहीं, परिवार की कोई पीढ़ी तबाह हो जाती है, गरीबी से बाहर निकलना चाहता है, एक कदम गरीबी से बाहर ले आया है लेकिन अगर घर में बीमारी आ गई तो फिर वो गरीबी के अंदर उलझ जाता है इसलिए अगर फिर कोई गरीब बीमार हुआ तो उसका बेटा दिल्ली में बैठ कर उसकी चिंता कर रहा है। मेरा गरीब अब दवाई के बिना, डॉक्टर के बिना, अस्पताल के बिना जिंदगी और मौत के बीच जूझता नहीं रहेगा, सरकार 5 लाख तक का खर्च खुद उठा रही है।

साथियो, बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है, जिनका एकमात्र सपना है- किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, समाज को बांटकर कैसे भी कर के सत्ता हथिया लेना।

इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, समझा है, सीखा है-

साथियो, ये आपका उमंग ये उत्साह, विराट जन सागर, अद्भुत नजारा है।

भाइयो-बहनो, हमारे यहां बिहार में कहा जाता है:
अनकर धन पाईं, त नौ मन तौलाईं.
स्वार्थ का भाव ये कि जब दूसरे का पैसा है, तो जितना चाहे मार लो खरीदो, क्या फर्क पड़ता है। जब जनता का पैसा है, तो जितना चाहे लूटो।
ये लोग जनता के लिए, आपके लिए काम नहीं कर सकते। लेकिन आज बिहार की जनता, देश की जनता, इन सब लोगों की सच्चाई बराबर जान चुकी है।

आप देखिए, ऐसे ही झूठ बोल-बोल कर कांग्रेस ने देश के लोगों को क्या-क्या सपने नहीं दिखाया। याद कीजिए दशकों पहले के वो दिन उछल-उछल कर बोल रहे थे, गरीबी हटाएंगे। चुनाव आते ही कहते थे, किसानों का कर्ज माफ करेंगे, कभी फौजियों को मिलते थे तो कहते थे देखिए वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे, फिर व्यापारियों से मिलते हैं तो लॉलीपाप पकड़ा देते हैं, टैक्स का जाल कम करेंगे, बातें बहुत कीं, लेकिन भाइयो-बहनो, इतिहास गवाह है दस्तावेज मौजूद है इन्होंने इसमें से एक काम नहीं किया, बातें कीं, गुमराह किया लोगों को इसलिए जनता को लंबे समय तक मूर्ख नहीं बना सकते हो, देखिए कांग्रेस का हाल क्या हुआ है, कांग्रेस की हालत कैसी करके रखी है जनता ने।

आज कांग्रेस की हालत ये है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों को मिला दें, तो भी उसके पास 100 सांसद नहीं हैं। ये हाल जनता ने उनका करके रखा है और जब भी मौका मिलता है जनता उनको सजा देती रहती है और इतना ही नहीं इस देश के अनेक राज्य ऐसे हैं जिन राज्यों ने कांग्रेस के एक भी बंदे को लोकसभा, राज्यसभा पहुंचने नहीं दिया। 
जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश देख लीजिए, अनेक ऐसे हैं जहां से कांग्रेस के एक बंदे को भी वहां की जनता ने दिल्ली लोकसभा, राज्यसभा में पैर नहीं रखने दिया, आप कल्पना कर सकते हैं देश की जनता इन लोगों से कितनी नाराज है।

यूपी-बिहार जैसे राज्यों में अब कांग्रेस तीसरे-चौथे नंबर पर आकर, किसी का कुर्ता पकड़कर बचने की कोशिश कर रही है। ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि इनकी कथनी और करनी में फर्क है। जबकि एनडीए सरकार, जो कहती है और कहती भी वही है जो जनता के लिए जरूरी है और जो जनता के लिए जरूरी है उसी के लिए जी-जान से जुट जाती है और करके दिखाती है।

साथियो, आज एनडीए की सरकार देश के, बिहार के लोगों की एक-एक परेशानी को दूर करने के लिए काम कर रही है। जब सिर पर अपना घर होता है, पक्की छत होती है, तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ जाता है, लोगों की अनेक चिंताएं कम हो जाती हैं।

इसी सोच के साथ आज देश के हर गरीब को पक्के घर देने का अभियान चल रहा है। यहां बिहार में भी गरीब परिवारों के लिए 25 लाख से ज्यादा घर बनाना तय किए गया है। 
इसमें से लगभग 13 लाख गरीब परिवारों को सौंपे जा चुके हैं और ये कोरोना के कारण थोड़ी गति धीमी ना हुई होती तो और भी लाखों लोगों को घर पहुंच चुका होता, मिल गया होता, लेकिन जिनका घर अभी बन रहा है, जिनका घर बनने वाला है, ये आपका बेटा आपको वादा करने आया है कुछ भी हो जाए, ये आपका बेटा आपको पक्का घर देने वाला है। और भाईयो-बहनो, जब मैं गरीब को पक्का घर देने के लिए जी-जान से जुटा हूं। इसलिए नहीं कि पक्का घर है तो बारिश में पानी नहीं गिरेगा, पक्का घर है तो मजदूरी करके घर आएंगे रात में तो आराम से सोएंगे, इतना नहीं है साहब। जब किसी मां-बाप को पक्का घर बन जाता है ना उसका भी मन करता है अब बेटी को अच्छा घर मिलेगा, अच्छे घर में बेटी की शादी होगी।

अगर फुटपाथ पर रहते, झुग्गी झोपड़ी में रहते, फटे टाट के क्षत्र के नीचे रहते तो शायद बेटी को भी कैसे घर में देना पड़ता। एक गरीब मां-बाप को जब पक्का घर मिला है ना तो मां के मन को आनंद होता है, मैं तो गरीबी में पली लेकिन अब पक्का घर देख कर के मेरी बेटी को भी अच्छा घर मिलेगा, अच्छा परिवार मिलेगा, मेरी बेटी सुखी होगी। आप कल्पना कर सकते हो। कुछ लोगों को ये परेशानी है कि मोदी चुनाव जीतता क्यों है, अरे मोदी चुनाव इसलिए जीतता है भाई, क्योंकि इन माताओ-बहनो,के उनकी चिंता दूर करने का काम मोदी करता है, इसलिए ये माताएं-बहने, मोदी पर आशीर्वाद देती रहती हैं और तब जाके ये गरीब का बेटा, गरीबों की सेवा में अपना जीवन खपाता रहता है।

यहां अररिया में भी 80 हज़ार गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर दिया जा चुका है। जिन लोगों को, मैं पहले ही कहा, अभी घर नहीं मिल पाया है, काम चल रहा है, जो भी पैसे होंगे उन पर पहला अधिकार आपका होगा, आपका घर भी जल्द से जल्द बनेगा और इसके लिए जब नीतीश बाबू दोबारा आ जाएंगे फिर से तेज गति से काम शुरू हो जाएगा और उन घरों को भी बना दिया जाएगा।

भाइयो और बहनो, गांव-देहात के लोगों की एक और बड़ी दिक्कत रही है घर के मालिकाना हक, जमीन के मालिकाना हक को लेकर। घर तो था, बाप-दादा रहते थे लेकिन अता-पता नहीं था कागज कहां है, कहां पड़ा है और कभी रिश्तेदार के यहां जाना है दो-चार दिन के लिए तो भी मन में रहता था कि वापस आएंगे तो घर हमारा बचेगा कि कोई अंदर घुस जाएगा, बैठ जाएगा। कोई कब्जा कर लेगा, कभी अड़ोस-पड़ोस के लोग चिल्लाते थे डेढ़ फुट तुम मेरे यहां घुस गए, डेढ़ फुट जमीन तेरी नहीं मेरी है। दो गज जमीन मुझे वापस दे दो और मार काट हो जाती थी, कोई गांव ऐसा नहीं था जहां ये मुसीबत नहीं थी।

भाइयो-बहनो, मैं मध्यम वर्ग के व्यक्ति, निम्न मध्यम वर्ग के व्यक्ति, गांव में रहने वाले व्यक्ति उनकी परेशानी भी समझता हूं और इसलिए हमने इस परेशानी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने एक योजना शुरू की है।
इसका नाम है- स्वामित्व योजना।

इस योजना के तहत गांव के लोगों को घर का, जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है और वो भी टेक्नोलॉजी से गांव के ऊपर ड्रोन घुमाया जाता है और ड्रोन से जगह टेक्नोलॉजी से तय की जाती है, गांव वालों के सामने उसको दिखाया जाता है। वहीं निर्णय करके टेक्नोलॉजी से फोटो निकाल कर के दे दिया जाता है कि यहां से यहां तक तुम्हारी जमीन है, तुम्हारा घर है अब तुम उसके मालिक हो। कुछ लोग सोचते हैं, टेक्नोलॉजी बड़े-बड़े लोगों के लिए होती है, मोदी सोचता है टेक्नोलॉजी भी गरीबों को इम्पॉवर करने के लिए होती है और मैंने कर दिखाया है

दोस्तो। 
प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से दो बहुत बड़े फायदे होंगे। एक तो ये कि कोई उनकी जमीन और घर पर बुरी नजर नहीं डाल पाएगा। और दूसरा ये कि वो प्रॉपर्टी कार्ड दिखाकर अगर बैंक में जाएगा को बैंक से उसे कर्ज भी मिल सकता है, आसानी से मिल सकता है और जीवन में बड़े सम्मान से जिंदगी आगे बढ़ा सकता है। 
भाइयो-बहनो, बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद इस योजना को यहां भी लागू किया जाएगा।

साथियो, गरीब की परेशानी, गरीब की दिक्कत जो समझते हैं, वही उनके लिए काम करते हैं।
गरीब-गरीब की माला जप करके मूर्ख बनाने के खेल कहने वाले अपने लिए महल बनाने वाले, अपने परिवार के दूर-दूर के रिश्तेदारों के लिए महल बनाना। चाचा के, मामा के मामा का बेटा भी, खाओ किसका है माल खाओ। सब कुछ अपने कुनबे के लिए करने वाले लोगों को।

भाइयो-बहनो, ये लोग कभी आपका दर्द नहीं समझ सकते अगर कभी उन्होंने दर्द समझा होता तो आपको इस हाल में जीने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।

भाइयो और बहनो, कोसी और सीमांचल सहित बिहार का एक बड़ा क्षेत्र पानी के कुप्रभाव और पानी के अभाव, दोनों प्रकार की चुनौतियों का सामना करता रहा है। 
बीते सालों में एनडीए सरकार ने प्रदूषित पानी के प्रभाव और साफ पानी के अभाव, दोनों को कम करने के लिए निरंतर काम किया है। कोरोना काल में ही बिहार में 60 लाख से ज्यादा परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा दी गई है।
अररिया, पूर्णिया सहित सीमांचल के अनेक जिलों में भी हर घर तक जल पहुंचाने के लिए तेजी से काम चल रहा है।

भाइयो और बहनो, बिहार के विकास का सपना, बिहार में कनेक्टिविटी सुधार कर, उसके बिना आधुनिकता की तरफ नहीं जा सकता और इसलिए हम उस पर भी पूरी ताकत से लगे हुए है। बेहतर कनेक्टिविटी अपने साथ उद्यम, उद्योग और रोजगार के नए अवसर, तीनों एकसाथ लेकर आती है।
यही वजह है कि अटल जी के समय, इस इलाके में सड़क संपर्क सुधारने पर बहुत ध्यान दिया गया था। यही वजह है कि जब पीएम पैकेज का ऐलान किया गया था, तो उसमें सबसे ज्यादा जोर बिहार में कनेक्टिविटी सुधारने पर दिया गया।

फारबिसगंज-जोगबनी रोड हो या फारबिसगंज-सीतामढ़ी रोड, ऐसे अनेक हाईवे के निर्माण और चौड़ीकरण पर इस क्षेत्र में 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं।
जोगबनी-विराट नगर और अररिया-गलगलिया जैसी नई रेल लाइनों के आधुनिकीकरण पर यहां साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया जा रहा है। 
पूर्णिया में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की प्रक्रिया भी चल रही है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बिहार की कनेक्टिविटी को लेकर जितना काम आज हो रहा है, उतना बिहार में कभी नहीं हुआ। हमें इन कामों को रुकने नहीं देना है।

साथियो, कनेक्टिविटी को लेकर हमारे प्रयासों का एक बड़ा प्रमाण है- कोसी महासेतु। ये कोसी-महासेतु आपकी तीन-तीन पीढ़ियों के दिल-दिमाग पर छाया हुआ है। 
दशकों पहले कोसी का पुराना पुल टूटने के बाद फिर कोसी पर पुल बन नहीं पाया था। दशकों से ये हमारे प्यारे मिथिलांचल को, एक प्रकार से बंटा हुआ था। अब कोसी महासेतु के निर्माण के बाद ये पूरा क्षेत्र फिर एक हुआ है। ये महासेतु अब लोगों का समय भी बचा रहा है और लोगों का पैसा भी।

साथियो, 21वीं सदी में विकास के लिए, आज दुनिया के बड़े-बड़े देशों में जिस कनेक्टिविटी पर बहुत जोर है, वो है गैस ग्रिड कनेक्टिविटी। जैसे बिजली का ग्रिड, पानी का ग्रिड, अब वक्त आ गया है, गैस का ग्रिड।

आज बिहार, देश के उन कुछ राज्यों में है, जहां गैस ग्रिड कनेक्टिविटी का बहुत ज्यादा विस्तार होने जा रहा है।
आज बिहार ‘प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना’ का बहुत बड़ा लाभार्थी बन रहा है। बिहार में फर्टिलाइज़र, पावर और स्टील इंडस्ट्री को इस पाइपलाइन से नई ऊर्जा सुनिश्चित हुई है। 
पूर्णिया से जलालगढ़-अररिया होते हुए फारबिसगंज तक सस्ती रसोई गैस की पाइप लाइन बिछाने का काम भी आज तेजी से चल रहा है।
आप देखिएगा, जब ये काम पूरा होगा, तो आपके जीवन में कितनी ज्यादा आसानी आएगी, आपकी रोजमर्रा की दिक्कतें कितनी कम हो जाएंगी।

साथियो, एक समय था जब बिहार की पहचान बहुत सी नकारात्मक बातों से होने लगी थी। ये पहचान क्या बना दी गई थी, इसके जिम्मेदार कौन थे, चुनाव प्रचार के पहले के दिनों में मैं इसकी विस्तार से चर्चा कर चुका हूं। मुझे बार-बार कहने की जरूरत नहीं है क्योंकि मुझसे ज्यादा बिहार के लोग पुराने बिहार के हालात को जानते हैं। 
और सच कहूं तो मुझसे ज्यादा बिहार का एक-एक बच्चा दुनिया में कहीं पर भी हो, इन बातों को भली-भांति जानता है। क्या हाल बनाकर रखा था बिहार का। अब आज मुझे खुशी है कि बिहार की पहचान बदल रही है। आज आधुनिकता के ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिनकी पूरी दुनिया में चर्चा हो, वो बिहार से शुरू हो रहे हैं, बिहार में चल रहे हैं, उसकी चर्चा है।

भाइयो और बहनो, कुछ दिनों पहले ही बिहार के हर गांव को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ने के अभियान की शुरुआत हुई है। इससे बिहार के युवा घर बैठे ही देश और दुनिया में अच्छी पढ़ाई और बिजनेस के अवसरों से जुड़ पाएंगे। हमारी जीविका दीदीयों को भी इससे बहुत ज्यादा लाभ होगा। जो वो उत्पाद बनाती हैं, उनकी ऑनलाइन सेल अब और आसान होगी। तेज इंटरनेट जब जीविका दीदीयों के समूहों को मिलेगा तो उनकी बनाई चीजें और आसानी से दुनिया के बाजारों तक पहुंच पाएंगी।
आपके सामने, पूर्णिया का अरण्यक FPO एक मिसाल है, जो मक्के के कारोबार से जुड़ा है, जिसकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक हो रही है।

साथियो, ये मक्का और ये मखाना, इसी का तो ये क्षेत्र है। यहां केला, पटसन, चाय, ऐसी अनेक उपज, ऐसे अनेक उत्पाद जिले-जिले, गांव-गांव में पैदा होते हैं।
आत्मनिर्भर बिहार, इन उत्पादों को देश और दुनिया के बड़े-बड़े बाजारों में और आसानी से पहुंचाएगा, और पहले से अनेक गुना ज्यादा पहुंचाएगा। हाल में जो कानूनी सुधार किए गए हैं, हजारों करोड़ रुपए के फंड की व्यवस्थाएं की गई हैं, वो भी इसमें बहुत भारी मदद करेंगी।

इन कानूनी सुधारों के बाद अब गांवों के पास ही भंडारण की, कोल्ड स्टोरेज की आधुनिक सुविधाएं तैयार करना आसान हुआ है। बिहार के किसान और यहां के युवाओं को एक लाख रुपए के विशेष फंड से भी बहुत लाभ होगा।

साथियो, बिहार के युवा इतने सामर्थ्यवान हैं कि जो सुविधा उन्हें देश के बाकी हिस्सों में मिलती है, अगर वही सुविधा बिहार में मिल जाए, तो बिहार का नवजवान कमाल करके दिखा सकते हैं भाइयो-बहनो।

इसी सोच के साथ बिहार में हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, हर लोकसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज, AIIMS, IIT और IIM जैसे संस्थानों पर हम पूरी ताकत से ध्यान दे रहे है, बल लगा रहे हैं। बिहार के युवाओं को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भी बहुत लाभ मिलेगा। बिहार के गांव और गरीब के घर में पैदा हुए बेटे और बेटी के सामर्थ्य का आकलन सिर्फ उसको चपाचप अंग्रेजी बोलना आता है कि नहीं आता है इतने मात्र से नहीं होगा, बल्कि उसके ज्ञान से ही उसकी ताकत का परिचय हो जाएगा।

भाइयो-बहनो, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में मेडिकल, इंजीनियरिंग और दूसरे विषयों की पढ़ाई का जो विकल्प दिया गया है, उसे भी बिहार में तेज़ी से लागू किया जाएगा। अब गरीब मां का बेटा अंग्रेजी नहीं पढ़ा है इसलिए डॉक्टर बनने से उसको कोई रोक नहीं सकता है, वो डॉक्टर बन सकता है, गरीब मां का बेटा इंजीनियर बन सकता है।

साथियो, बिहार की इस गौरवशाली धरती को आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। इस संकल्प की सिद्धि सभी की भागीदारी से संभव है, सभी के सक्रिय सहयोग से संभव है।

इसी संकल्प के साथ आपको अपना एक-एक वोट NDA यानी भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और VIP पार्टी के उम्मीदवारों को डालना है।
आपका यहां आने के लिए, मैं आज ये उत्साह ये उमंग कभी मैं भूल नहीं सकता हूं भाइयो-बहनो। ये आशीर्वाद मेरे लिए बहुत बड़ी ताकत है, सबके लिए बहुत बड़ी ताकत है, मैं आपका जितना धन्यवाद करूं तना कम है। दोनों हाथ ऊपर करके, मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिए।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
প্রত্যেক ভারতীয়ের রক্ত ফুটেছে: মন কি বাত অনুষ্ঠানে প্রধানমন্ত্রী মোদী

জনপ্রিয় ভাষণ

প্রত্যেক ভারতীয়ের রক্ত ফুটেছে: মন কি বাত অনুষ্ঠানে প্রধানমন্ত্রী মোদী
After Operation Sindoor, a diminished terror landscape

Media Coverage

After Operation Sindoor, a diminished terror landscape
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM reviews status and progress of TB Mukt Bharat Abhiyaan
May 13, 2025
QuotePM lauds recent innovations in India’s TB Elimination Strategy which enable shorter treatment, faster diagnosis and better nutrition for TB patients
QuotePM calls for strengthening Jan Bhagidari to drive a whole-of-government and whole-of-society approach towards eliminating TB
QuotePM underscores the importance of cleanliness for TB elimination
QuotePM reviews the recently concluded 100-Day TB Mukt Bharat Abhiyaan and says that it can be accelerated and scaled across the country

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired a high-level review meeting on the National TB Elimination Programme (NTEP) at his residence at 7, Lok Kalyan Marg, New Delhi earlier today.

Lauding the significant progress made in early detection and treatment of TB patients in 2024, Prime Minister called for scaling up successful strategies nationwide, reaffirming India’s commitment to eliminate TB from India.

Prime Minister reviewed the recently concluded 100-Day TB Mukt Bharat Abhiyaan covering high-focus districts wherein 12.97 crore vulnerable individuals were screened; 7.19 lakh TB cases detected, including 2.85 lakh asymptomatic TB cases. Over 1 lakh new Ni-kshay Mitras joined the effort during the campaign, which has been a model for Jan Bhagidari that can be accelerated and scaled across the country to drive a whole-of-government and whole-of-society approach.

Prime Minister stressed the need to analyse the trends of TB patients based on urban or rural areas and also based on their occupations. This will help identify groups that need early testing and treatment, especially workers in construction, mining, textile mills, and similar fields. As technology in healthcare improves, Nikshay Mitras (supporters of TB patients) should be encouraged to use technology to connect with TB patients. They can help patients understand the disease and its treatment using interactive and easy-to-use technology.

Prime Minister said that since TB is now curable with regular treatment, there should be less fear and more awareness among the public.

Prime Minister highlighted the importance of cleanliness through Jan Bhagidari as a key step in eliminating TB. He urged efforts to personally reach out to each patient to ensure they get proper treatment.

During the meeting, Prime Minister noted the encouraging findings of the WHO Global TB Report 2024, which affirmed an 18% reduction in TB incidence (from 237 to 195 per lakh population between 2015 and 2023), which is double the global pace; 21% decline in TB mortality (from 28 to 22 per lakh population) and 85% treatment coverage, reflecting the programme’s growing reach and effectiveness.

Prime Minister reviewed key infrastructure enhancements, including expansion of the TB diagnostic network to 8,540 NAAT (Nucleic Acid Amplification Testing) labs and 87 culture & drug susceptibility labs; over 26,700 X-ray units, including 500 AI-enabled handheld X-ray devices, with another 1,000 in the pipeline. The decentralization of all TB services including free screening, diagnosis, treatment and nutrition support at Ayushman Arogya Mandirs was also highlighted.

Prime Minister was apprised of introduction of several new initiatives such as AI driven hand-held X-rays for screening, shorter treatment regimen for drug resistant TB, newer indigenous molecular diagnostics, nutrition interventions and screening & early detection in congregate settings like mines, tea garden, construction sites, urban slums, etc. including nutrition initiatives; Ni-kshay Poshan Yojana DBT payments to 1.28 crore TB patients since 2018 and enhancement of the incentive to ₹1,000 in 2024. Under Ni-kshay Mitra Initiative, 29.4 lakh food baskets have been distributed by 2.55 lakh Ni-kshay Mitras.

The meeting was attended by Union Health Minister Shri Jagat Prakash Nadda, Principal Secretary to PM Dr. P. K. Mishra, Principal Secretary-2 to PM Shri Shaktikanta Das, Adviser to PM Shri Amit Khare, Health Secretary and other senior officials.