Quoteপূর্ব থেকে পশ্চিম, উত্তর থেকে দক্ষিণ, সব জায়গাতেই পরিবারতান্ত্রিক দলগুলির মাঝে বিজেপিই একমাত্র সর্বভারতীয় দল: প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quote১৯৮৪ সালে মাত্র ২টি আসন নিয়ে আমাদের যাত্রা শুরু হয়েছিল। এখন ২০১৯ সালে আমরা ৩০৩টি আসনে পৌঁছেছি। ৫০ শতাংশের বেশি ভোট পাই: প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteপ্রধানমন্ত্রী মোদী বলেছেন, পরিবার পরিচালিত দলগুলির মধ্যে, বিজেপি এমন একটি দল যারা যুবকদের এগিয়ে আসার সুযোগ দেয়
Quoteপ্রধানমন্ত্রী মোদী বলেছেন, দলের সাফল্য কার্যকর্তাদের কঠোর পরিশ্রম এবং সংকল্পের কারণে এসেছে
Quoteভারত কংগ্রেস এবং বামপন্থীদের শাসন মডেল প্রত্যক্ষ করেছে এবং এটি এখন নিরঙ্কুশ সংখ্যাগরিষ্ঠতা নিয়ে ক্ষমতায় আসা একটি দলের মডেলের সাক্ষী থাকছে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
Quoteভারতের সাংবিধানিক প্রতিষ্ঠানগুলির যথেষ্ট শক্তিশালী। তাই দেশকে আটকানোর জন্য, সাংবিধানিক প্রতিষ্ঠানের উপর আক্রমণ চলছে: বিরোধীদের আক্রমণ প্রধানমন্ত্রী মোদীর

भारत माता की जय!


भारत माता की जय!

कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान जेपी नड्डा जी, हम सब के मार्गदर्शक डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी, पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारी, सभी सम्मानित साथी कार्यकर्तागण, देवियों और सज्जनों

भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के विस्तार की देशभर के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई। 2018 में जब मैं कार्यालय का लोकार्पण करने के लिए आया था, तो कहा था कि इस कार्यालय की आत्मा हमारा कार्यकर्ता हैं। आज जब हम इस कार्यालय का विस्तार कर रहे हैं, तो ये भी केवल एक भवन का विस्तार नहीं है, बल्कि ये प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के सपनों का विस्तार है। भाजपा के सेवा के संकल्प का विस्तार है। मैं पार्टी के उन कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं के चरणों में प्रणाम करता हूँ। मैं पार्टी के सभी संस्थापक सदस्यों को भी सर झुकाकर के नमन करता हूँ।

साथियों,


आज से कुछ दिन बाद हमारी पार्टी अपना 44वां स्थापना दिवस मनाएगी। ये यात्रा एक अनथक और अनवरत यात्रा है। ये यात्रा- परिश्रम की पराकाष्ठा की यात्रा है। ये यात्रा- समर्पण और संकल्पों के शिखर की यात्रा है। ये यात्रा- विचार और विचारधारा के विस्तार की यात्रा है। और ये यात्रा, ये विस्तार, अपने-आप में बहुत ही प्रेरणादायी है। आपको याद होगा, भारतीय जन संघ ने दिल्ली के अजमेरी गेट के पास एक छोटे से ऑफिस से अपनी यात्रा शुरू की थी। उस समय हम देश के लिए बहुत बड़े सपने देखने वाले, छोटी-सी पार्टी थे। सपने बड़े थे, दल छोटा था।

1980 में जब भाजपा का जन्म हुआ, तब कुछ समय के लिए, 10 राजेंद्र प्रसाद मार्ग, पार्टी का ऑफिस बन गया था। और उसी जगह पर पहले अपने नानाजी देशमुख रहते थे। बहुत से कार्यकर्ताओं को 11 अशोक रोड, पार्टी ऑफिस के रूप में याद होगा। इसके भी काफी समय बाद पार्टी ऑफिस दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर शिफ्ट हुआ। एक तरह से, ये हमारी पार्टी की प्रगति का प्रतीक है। इस दौरान कितने ही उतार-चढ़ाव आए।

हम तो वो दल हैं, जिसने इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए, खुद अपने दल को ही देशहित में आहूत करने पर हमने हिम्मत के साथ कदम उठाया। फिर, सन चौरासी में जो हुआ, देश कभी भी उस काले पृष्ठ को भूल नहीं सकता है। और उसके बाद जो चुनाव हुआ, कांग्रेस को ऐतिहासिक बहुमत मिला था। भावनाओं से भरा हुआ वो माहौल, एक इमोशनली चार्जड एटमासफेयर, और उस आंधी में हम भी लगभग पूरी तरह से खत्म हो गए थे। लेकिन हम हताश नहीं हुए। हम निराश नहीं हुए। हमने किसी और में दोष ढूंढने की कोशिश नहीं की। आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में हम नहीं पड़े। हम चले गए फिर एक बार जनता-जनार्दन के बीच। हमने जमीन पर काम किया, हमने अपने संगठन को मजबूत किया। और तब जाकर आज हम यहां पहुंचे हैं।

2 लोकसभा सीटों के साथ शुरू हुआ सफर 2019 में 303 सीटों तक पहुँच गया है। आज कई राज्यों में हमें 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलते हैं। आज उत्तर से दक्षिण तक, पश्चिम से पूरब तक, भाजपा एकमात्र Pan India पार्टी है। परिवार के कब्जे वाली पार्टियां, Family Run पार्टियों के बीच, भाजपा ऐसा राजनीतिक दल है जो युवाओं को आगे आने के लिए बहुत अवसर देता है, खुला मैदान देता है। आज भारत की माताओं-बहनों-बेटियों का आशीर्वाद जिस पार्टी के साथ है, उस पार्टी का नाम है- भारतीय जनता पार्टी।

और साथियों, आज भाजपा केवल विश्व की सबसे बड़ी पार्टी ही नहीं है। बल्कि भाजपा, भारत की सबसे Futuristic पार्टी भी है। हमारा एक ही लक्ष्य है- भविष्य के आधुनिक और विकसित भारत का निर्माण करना! और इसलिए, हमें खुद अपने लिए भी भविष्य के लक्ष्य निर्धारित करने ही होंगे। इसके लिए हमारे पास आधुनिक सोच भी होनी चाहिए, आधुनिक संसाधन भी होने चाहिए। हमें भाजपा को एक ऐसी संस्था के रूप में विकसित करना है, जिसके पास अगले 10 साल, 20 साल, 50 साल के लक्ष्य निर्धारित हैं। इसके लिए तीन बातें हर कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता, हर भाजपा सदस्य के स्वभाव में होना समय की मांग है, देश की जरूरत है। वो तीन बातें क्या हैं- एक है अध्ययन, दूसरा है आधुनिकता और तीसरा है विश्व भर से अच्छी बातों को आत्मसात करने की शक्ति।

हम-आप जानते हैं कि पंडित दीनदयाल जी जहां कहीं जाते थे, किताबें उनके साथ रहती थीं। वो प्रवास में भी पढ़ते-लिखते रहते थे। उनकी रचनाएँ उनके अध्ययन और बौद्धिक विस्तार की गवाह हैं। डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी के अपने घर में तो हजारों किताबें थीं। भाजपा कार्यालय की ये नई बिल्डिंग, पार्टी की उस परंपरा का एक केंद्र बनेगी और बननी चाहिए। यहाँ अध्ययन की व्यवस्था भी है, आधुनिकता भी है और विश्व भर का अनुभव प्राप्त करने की आकांक्षा भी है। मुझे विश्वास है, भाजपा का ये आधुनिक कार्यालय निरंतर इन सपनों के लिए, इन संकल्पों के लिए, इस अदम्य इच्छा और उमंग के लिए अविरत प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

साथियों,


हम भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए ये गर्व की बात है कि हम सब जिस दल में काम कर रहे हैं, जिस दल के आचार-संस्कार और विचार ने हमें गढ़ा है। उस दल की और उसके कार्यकर्ताओं की आज विश्वभर में चर्चा हो रही है। आज बीजेपी की पहचान दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक दल के तौर पर होने लगी है। आज भाजपा की तुलना दुनिया की उन ऐतिहासिक पार्टियों से होने लगी है, जिन्होंने अपने शासन काल में अपने देश का भाग्य बदल दिया था। ये समय, बीते 4-5 दशकों में भाजपा कार्यकर्ताओं के त्याग और तपस्या की वजह से आया है। ये समय, भाजपा सरकार के विकास के कार्यों की वजह से आया है। बीजेपी वो दल है, जो भारत के महत्व को, भारत के सामर्थ्य को सशक्त करने के एक ही संकल्प को लेकर के चल रहा है। हम “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को लेकर के आगे बढ़ रहे हैं। और मुझे ये देखकर खुशी होती है कि दुनिया के कई सारे ऐसे नेता, वो हमारी भाषा से परिचित नहीं हैं, लेकिन फिर भी वे ये सबका साथ, सबका विकास मंत्र दोहराने का प्रयास करते हैं। वो अपनी भाषा में उसका अनुवाद भी करते हैं।

साथियों,


आज हमारा नॉर्थ ईस्ट, सबका साथ-सबका विकास के मंत्र का बेहतरीन उदाहरण है। नॉर्थ ईस्ट की आबादी में बहुत विविधता है। वहां अलग-अलग समुदायों के लोग हैं, आदिवासी और ईसाई समुदाय के लोग बहुतायत में हैं। इस क्षेत्र के लोग, भाजपा पर अभूतपूर्व विश्वास दिखा रहे हैं। आज, नॉर्थ ईस्ट में भाजपा के 4 मुख्यमंत्री हैं। 2 अन्य राज्यों में हमारे गठबंधन की सरकारें हैं। इस सफलता का बड़ा श्रेय, भाजपा के कार्यकर्ताओं को ही जाता है। भाजपा कार्यकर्ताओं के इसी परिश्रम की वजह से आज दक्षिण भारत में भी दूर-दूर तक पार्टी का विस्तार हो रहा है। कर्नाटका में भाजपा इतने वर्षों से मजबूत स्थिति में है। आज भी हम नंबर एक पार्टी हैं कर्नाटका में। तेलंगाना में भी लोगों का एकमात्र भरोसा, एकमात्र भरोसा सिर्फ और सिर्फ भाजपा है। आंध्रप्रदेश में लोगों का भाजपा पर विश्वास दिनोंदिन बढ़ता चला जा रहा है। तमिलनाडु और केरला में भाजपा हर जिले में, हर बूथ पर दिनों-दिन मजबूत हो रही है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ हो रहा भाजपा का ये विस्तार, हमें सीटों के मामले में और वोट शेयर के मामले में, सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

लेकिन साथियों,


मैं एक बात और भी कहना चाहता हूं। भाजपा को केवल उसकी Presence और प्रभाव से नहीं समझा जा सकता है। भाजपा को जानने के लिए उसके स्वभाव को भी समझना जरूरी है। और, भाजपा का स्वभाव है- नूतनता, आधुनिकता! नूतनता हमारी निष्ठा है, और आधुनिकता हमारी अवधारणा है। इसीलिए, बीजेपी केवल चुनाव लड़ने और जीतने तक सीमित नहीं है। बीजेपी एक व्यवस्था है, बीजेपी एक विचार है। बीजेपी एक संगठन है, बीजेपी एक आंदोलन है। बीजेपी विकास की भी प्रेरणाशक्ति है, और बीजेपी बदलाव की भी प्राणशक्ति है। बीजेपी ने सियासत की सोच को बदला है, और समावेश के नए मानकों को जन्म दिया है। और इसका एक उदाहरण है भाजपा का सदस्यता अभियान और इसके माध्यम से पार्टी का विस्तार।

एक समय था जब हम राज्यों में राज्य स्तर की कमेटी बन जाय तो हम सोच रहे थे कि चलिए उस राज्य में झंडा गाड़ दिया। फिर थोड़ा समय और बीता, कार्यकर्ताओं ने परिश्रम किया, फिर हम हिसाब लगाने लगे कि भई कितने जिले हैं जहां कमेटी बनी है, कितने जिलों में कमेटी बाकी है, कब पूरा करेंगे। फिर हम एक कदम आगे चले, फिर हम सोचने लगे चलो जिले तो हो गए, बताओ भाई कितने तहसील में कमेटियां बनी है, कितने ब्लॉक लेवल पर कमेटियां बनी हैं। फिर शक्ति केंद्र आया, फिर बूथ पर फोकस हुआ, और आज हम पन्ना प्रमुख तक पहुंच गए।

भाजपा पहली पार्टी है जिसने पार्टी की व्यवस्था में संवैधानिक रूप से महिलाओं के लिए पद की व्यवस्था की है, संविधान के तहत। भाजपा पहली ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं को नए अवसर देने के लिए निरंतर तत्पर रहती है। हमने पार्टी की समितियों में, कमेटियों में हर बार 25 प्रतिशत नए लोगों को लाने की व्यवस्था शुरू की है। हम कार्यकर्ताओं की इसी ताकत से सत्ता के शिखर तक पहुंचे हैं। लेकिन हम भले ही सत्ता के शिखर पर पहुंचे हों, लेकिन हमारे पाँव आज भी उतने ही जमीन पर हैं, जितने 1980 में हुआ करते थे। भाजपा में ऐसे कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी फौज है, जो कष्ट उठाकर, परेशानी झेलकर, कर्तव्य भावना से लगातार देशसेवा में जुटे रहते हैं। हम जहां भी काम करते हैं, सामूहिकता की भावना से काम करते हैं, टीम वर्क के साथ काम करते हैं। भाजपा वो पार्टी है जिसमें मुक्त चिंतन होता है, नए विचार सृजित होते हैं। नए विचारों का सम्मान होता है।

चिंतन और अध्ययन करने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग हमारे भाजपा परिवार का विशाल विस्तार है, हिस्सा है। वटवृक्ष की भांति है। भाजपा वो पार्टी है जिसमें समाज के अलग-अलग वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रभावी और क्रियाशील मोर्चे और कमेटियां हैं। भाजपा में हर मोर्चा अपनी सामाजिक भूमिका में सक्रिय भी होता है, प्रभावशाली भी होता है।

साथियों,


भाजपा की ये एक और विशेषता है कि हमारी पार्टी समाज के साथ जुड़कर के काम करती है। भाजपा में, समाज की सेवा के माध्यम से कार्यकर्ताओं को गढ़ा जाता है। जैसे कि आपने देखा होगा, आजकल भाजपा सांसद अपने क्षेत्र में खेल प्रतियोगिताएं करा रहे हैं। इनके आयोजन में बड़ी जिम्मेदारी भाजपा के वहां स्थानीय कार्यकर्ता ही निभा रहे हैं। इसमें देश के लाखों युवाओं को भाग लेने का मौका मिल रहा है। हजारों युवाओं को पदक मिल रहे हैं, उनके लिए आगे बढ़ने के रास्ते खुल रहे हैं। और हमें भी क्षेत्र के सामर्थ्य का परिचय होता है। इसी तरह कहीं कोई प्राकृतिक आपदा हो, समाज के सामने कहीं कोई चुनौती आए, या फिर रक्तदान जैसा समाजसेवा से जुड़ा अभियान हो, भाजपा के कार्यकर्ता सबसे पहले पहुंचते हैं, और सबसे आखिर तक मोर्चे पर डटे दिखते हैं।

अभी अध्यक्ष जी बता रहे थे, कोरोना के दौरान हमारी पार्टी के लोगों ने कैसे घर-घर जाकर मुफ्त राशन और इलाज पहुंचाने में मदद की, और तब तो पता नहीं था कि जाएंगे तो क्या लेकर आएंगे। अगर बीमारी घर में लाए तो जिंदगी खतरे में पड़ जाती थी। फिर भी ये भाजपा का कार्यकर्ता है जो हर घर जाता था। आज भाजपा और भाजपा कार्यकर्ताओं का समाज के साथ जो भावात्मक संबंध है, वो किसी और राजनीतिक दल में नजर आएगा कि नहीं आएगा, ये मैं कह नहीं सकता।

साथियों,


जब हम समाज की सेवा के लिए अपना जीवन खपाते हैं, तो सरकार बनाने का अवसर मिलने पर भी, यही हमारी प्राथमिकता होता है। इसलिए ही आज पूरे भारत में भाजपा सरकारें, आकांक्षा, विकास और प्रगति का पर्याय बन रही हैं। और ये भाजपा का ब्रांड ऑफ गवर्नेंस है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां गरीब कल्याण के लिए योजनाएं तेज गति से चलने लगती हैं। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं वहां योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचना सुनिश्चित हो जाता है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां युवा शक्ति को आगे बढ़ने के नए अवसर बनते हैं। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां योजनाओं में महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलने लगती है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां कानून-व्यवस्था सुदृढ़ हो जाती है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां Ease of Doing Business, Ease of Living के प्रयास बढ़ने लगते हैं। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास होना शुरू हो जाता है। जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, वहां विकास और विरासत, विकास और विरासत दोनों साथ-साथ चलते हैं।

साथियों,


मैं समझता हूं, अब समय आ गया है कि हमारी यूनीवर्सिटिज, academicians और एक्सपर्ट्स भारत के पिछले 75 साल के अलग-अलग गवर्नेंस मॉडल्स की कम्पैरिटिव स्टडी करे, एनालिसिस करें। देश और दुनिया के सामने रखें। देश ने लंबे समय तक कांग्रेस का एक गवर्नेंस मॉडल देखा है। देश ने कम्युनिस्टों का भी कुछ राज्यों में गवर्नेंस मॉडल देखा है। देश ने परिवारवादी- Family Run पार्टियों के काम करने का तरीका भी देखा है। अलग-अलग गठबंधनों की सरकारों का गवर्नेंस मॉडल भी देश ने देखा है। और देश आज पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकारों का गवर्नेंस मॉडल भी देख रहा है। एक निश्चित पैरामीटर्स के साथ जब इसकी एनालिसिस होगी तो गवर्नेंस के मॉडल का महत्व समझ में आएगा। देश के सामान्य मानवी को भी पता चलेगा कि गवर्नेंस के किस मॉडल ने देश को क्या दिया, उसके परिणाम क्या निकले और उनके लिए क्या बेहतर रास्ता है!

साथियों,


आज भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को एक बात समझना बहुत आवश्यक है। देश इस समय जिस कालखंड से गुजर रहा है, वो तेज विकास के लिए बहुत अहम है। ये अमृतकाल सिर्फ शब्द समूह नहीं है। ये धरती की सच्चाई है, 140 करोड़ देशवासियों के दिलों की धकड़न है। आज हम सबसे युवा देश हैं, आत्मविश्वास से भरे हुए देश हैं। पूरे विश्व में, दुनिया के बड़े-बड़े मंचों पर आज अगर किसी का डंका बज रहा है तो नाम है हिंदुस्तान। वो नाम है भारत। ऐसे में देश के भीतर बैठी और देश के बाहर बैठी भारत विरोधी शक्तियों का एकजुट होना स्वभाविक है। ये शक्तियां, किसी भी तरह भारत से विकास का ये कालखंड छीन लेना चाहती हैं। आज भारत का सामर्थ्य अगर फिर बुलंदी की तरफ जा रहा है, तो इसके पीछे हमारी एक मज़बूत नींव है। ये नींव, ये नींव हमारी संवैधानिक संस्थाओं की है, हमारे constitutional institutions की है। इसलिए, आज भारत को रोकने के लिए हमारी इस नींव पर चोट की जा रही है। संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार किया जा रहा है, उन्हें बदनाम करने का अभियान छेड़ा जा रहा है। उनकी क्रेडिबिलिटी, उनकी विश्वसनीयता खत्म करने की साजिश की जा रही है। जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उन पर जब एजेंसियां कार्रवाई करती हैं, तो एजेंसियों पर हमला किया जाता है। जब कोर्ट कोई फैसला सुनाता है, तो कोर्ट पर सवाल उठाए जाते हैं, न्यायिक प्रणाली पर हमले होते हैं। आप सब देख रहे हैं, कुछ दलों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है। आज भ्रष्टाचार में लिप्त जितने भी चेहरे हैं, वो सब एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं। पूरा देश ये देख रहा है, देश समझ रहा है।

साथियों,


भ्रष्टाचार ने हमारे देश का बहुत नुकसान किया है। दीमक की तरह देश को खोखला किया है भ्रष्टाचार ने। देश की जनता आज देख रही है कि पहले की सरकारों ने किस तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूरी की थी। लेकिन पिछले 9 साल में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो अभियान चलाया, उसने आज भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों, दोनों की जड़ें हिला दी हैं। ये इस बात का प्रमाण है कि जब भाजपा आती है, तो भ्रष्टाचार भागता है। मैं आपको कुछ आंकडे़ बताना चाहता हूं आज। प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट यानि PMLA के तहत कांग्रेस की सरकार में, यानि साल 2004 से 2014 के बीच, 5 हजार करोड़ रुपए के आसपास की संपत्ति जब्त की गई थी। 5 हजार करोड़। इसी एक्ट के तहत पिछले 9 वर्षों में भाजपा सरकार ने एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। इस एक्ट के तहत पहले के मुकाबले दोगुने से ज्यादा केस रिकॉर्ड किए गए हैं और 15 गुना ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हमारे यहां कुछ लोगों ने कांग्रेस शासन के दौरान बैंकों को जमकर लूटा। बैंकों का करीब 22 हजार करोड़ रुपए का नुकसान करके ये लोग विदेश भाग गए। आज भाजपा सरकार ने इन लोगों की करीब-करीब 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करवा दी है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत पिछले 9 वर्षों में CBI ने लगभग 5 हजार केस दर्ज किए हैं। बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए सैकड़ों बड़े अधिकारियों को संविधान दिखाया, सरकार के नियम दिखाए और उनको जबरन रिटायर किया गया है, घर भेज दिया गया है, और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।


साथियों,


आजादी के 7 दशकों में पहली बार भ्रष्टाचार पर इस तरह की चोट हो रही है। पूरे देश की जनता आज भ्रष्टाचारियों पर हो रही कार्रवाई से खुश है। आपकी यही जानकारी है न। मैं जहां जाता हूं लोग यही कहते हैं- मोदी जी रुकना मत। आज हर देशवासी समझता है- भ्रष्टाचार रुकेगा, तभी देश आगे बढ़ेगा। और जब इतना सारा करेंगे तो कुछ लोग तो नाराज होंगे ही होंगे। वो अपना गुस्सा भी निकालेंगे। लेकिन इनके झूठे आरोपों से न देश झुकेगा, न भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई थमने वाली है।

साथियों,


आपको याद होगा, कांग्रेस के नेता कभी कहा करते थे, जनसंघ के जमाने में। बड़े-बड़े नेता कहते थे- जनसंघ को जड़ से उखाड़कर फेंक देंगे। ये उनके बड़े-बड़े नेता बोलते थे जी। और आज की कांग्रेस कहती है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी। जनसंघ को मिटाने की, भाजपा को मिटाने की अनेक बार साजिशें हुईं। और ये तो वो लोग हैं जिन्होंने मुझे भी जेल में डालने के लिए, क्या-क्या जाल नहीं बिछाई, लेकिन वो पूरी तरह नाकाम रहे। हम अगर बचे हैं, फले हैं-फूले हैं तो जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से। देशवासियों के प्यार से बढ़े हैं। देशवासियों का अपार प्रेम, यही तो हमारी पूंजी है, यही हमें सामर्थ्य देता है। यही हमें शक्ति देता है। देशवासियों के आशीर्वाद से हम आगे बढ़े हैं, बढ़ रहे हैं और बढ़ते ही रहेंगे। हम यहां से आगे बढ़ेंगे तो वो भी देशवासियों के विश्वास से बढ़ने वाले हैं।

साथियों,


भाजपा ये वो पार्टी नहीं है, जो अखबारों से, टीवी स्क्रीन की चमक से पैदा हुई हो। ये भाजपा ट्विटर हैंडलों और यू-ट्यूब के चैनलों से पैदा नहीं हुई है। ये भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के त्याग, तपस्या से बनी हुई है। भाजपा जमीन पर काम करके आगे बढ़ी है। भाजपा गांव में, खेत खलिहानों में, गरीबों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर, तपकर के आगे बढ़ी है। मुझे बहुत सारे लोग कहते हैं अरे मोदी जी, अब सत्ता मिल गयी, दो-दो बार प्रधानमंत्री बन गए, अभी भी क्यों इतना दौड़ते रहते हो, क्यों भागते रहते हो, अरे कभी तो मौज करो, आराम करो। लेकिन उन लोगों को पता नहीं है बीजेपी कार्यकर्ता की नियति, आराम करना, बैठना, मौज करना हो नहीं सकती है। भाजपा के कार्यकर्ता के लिए देश की आशाएं, लोगों की आकांक्षाएं, उनके सपने ही उसकी ड्राइविंग फोर्स होती है। इसी के लिए भाजपा कार्यकर्ता दिन-रात दौड़ता है, भागता है, काम करता है, वो रुकता नहीं है, थकता नहीं है, झुकता भी नहीं है। लेकिन साथियों, हमें याद रखना है, हमारी ये लड़ाई आसान नहीं है। भाजपा को डगर डगर पर भ्रष्टाचार से लड़ना है। भाजपा को डगर डगर पर भाई-भतीजावाद से लड़ना है। भाजपा को डगर डगर पर संप्रदायवाद से लड़ना है। भाजपा को डगर डगर पर जातिवाद से लड़ना है। भाजपा को डगर डगर पर भारत विरोधी विदेशी ताकतों और उनके इकोसिस्टम से लड़ना है। क्योंकि यही वो चुनौतियां हैं जिन्होंने देश का बहुत बड़ा नुकसान किया है, बहुत समय तक नुकसान किया है।

साथियों,


बहुत सौभाग्य से, अनेकों के त्याग-तपस्या से हमें आज़ादी के अमृतकाल में राष्ट्र की सेवा करने का, राष्ट्रनिर्माण करने का अवसर मिला है। हम भारतीयों ने मिलकर 2047 तक, जब आज़ादी का सौ साल मनाएंगे तब तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। आज़ादी के अमृत महोत्सव से लेकर आज़ादी के 100 वर्ष तक, देश की इस यात्रा में प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता को जी तोड़ मेहनत करनी ही करनी है। हमारे कार्यकर्ताओं को लंबी पारी के लिए तैयार करना चाहिए। दल को बनाने में जिस तरह अनेक पीढ़ियां खप गईं, उसी तरह देश आगे बढ़ाने के लिए हमें भी अपनी पीढ़ियों को खपाना होगा।

साथियों,


मैं आपको फरवरी 2018 में इसी कार्यालय में कही हुई अपनी एक बात को आज याद दिलाना चाहता हूं। 2018 में इसी भवन का लोकार्पण करते हुए मैंने कहा था कि ये कार्यालय हमारी कर्मभूमि है, लेकिन भारत की सीमा ही हमारे कार्यों की सीमा है। हमें इस भवन से ऊर्जा लेकर, सूपंर्ण भारत की सीमा को ही अपना कार्य क्षेत्र बनाना है। मुझे पूरा विश्वास है, आप सब इसी तपस्या के साथ देश के सपनों को साकार करते रहेंगे। जो सपना हमने पहले देखा था, उसे हम आज पूरा होता देख रहे हैं। जो सपना हम आज देख रहे हैं, वो भविष्य में पूरा होकर रहेगा। इसी विश्वास के साथ, आज के इस मंगल अवसर पर और नवरात्रि के पावन त्योहारों के बीच मैं आप सब को, देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!


भारत माता की।भारत माता की।भारत माता की।


वंदे,वंदे,वंदे,वंदे,वंदे,वंदे,वंदे,वंदे।

  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩,,
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩,
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Vaishali Tangsale February 12, 2024

    🙏🏻🙏🏻👏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 11, 2024

    जय हो
  • Rajshekhar Hitti September 22, 2023

    Jai Bharat mata
  • Uma Nair May 18, 2023

    https://indianexpress.com/article/cities/bangalore/97-mlas-crorepatis-karnataka-new-assembly-55-have-criminal-charges-adr-8612890/ what is BJP doing about corrupt bailwalas
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QuoteEarlier, construction of houses was government-driven, but we have transformed it into an owner-driven approach: PM

नमस्कार!

आप लोग सब थक गए होंगे, अर्णब की ऊंची आवाज से कान तो जरूर थक गए होंगे, बैठिये अर्णब, अभी चुनाव का मौसम नहीं है। सबसे पहले तो मैं रिपब्लिक टीवी को उसके इस अभिनव प्रयोग के लिए बहुत बधाई देता हूं। आप लोग युवाओं को ग्रासरूट लेवल पर इन्वॉल्व करके, इतना बड़ा कंपटीशन कराकर यहां लाए हैं। जब देश का युवा नेशनल डिस्कोर्स में इन्वॉल्व होता है, तो विचारों में नवीनता आती है, वो पूरे वातावरण में एक नई ऊर्जा भर देता है और यही ऊर्जा इस समय हम यहां महसूस भी कर रहे हैं। एक तरह से युवाओं के इन्वॉल्वमेंट से हम हर बंधन को तोड़ पाते हैं, सीमाओं के परे जा पाते हैं, फिर भी कोई भी लक्ष्य ऐसा नहीं रहता, जिसे पाया ना जा सके। कोई मंजिल ऐसी नहीं रहती जिस तक पहुंचा ना जा सके। रिपब्लिक टीवी ने इस समिट के लिए एक नए कॉन्सेप्ट पर काम किया है। मैं इस समिट की सफलता के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं। अच्छा मेरा भी इसमें थोड़ा स्वार्थ है, एक तो मैं पिछले दिनों से लगा हूं, कि मुझे एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है और वो एक लाख ऐसे, जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हो, तो एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरा जो यह मेरा मकसद है उसका ग्राउंड बना रहे हैं। दूसरा मेरा व्यक्तिगत लाभ है, व्यक्तिगत लाभ यह है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे उनको पता ही नहीं है कि 2014 के पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी, उसे पता नहीं है, 10-10, 12-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे, उसे पता नहीं है और वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने कंपैरिजन के लिए कुछ नहीं होगा और इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है और मुझे पक्का विश्वास है, यह जो ग्राउंड बन रहा है ना, वो उस काम को पक्का कर देगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया कह रही है कि ये भारत की सदी है, ये आपने नहीं सुना है। भारत की उपलब्धियों ने, भारत की सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है। जिस भारत के बारे में कहा जाता था, ये खुद भी डूबेगा और हमें भी ले डूबेगा, वो भारत आज दुनिया की ग्रोथ को ड्राइव कर रहा है। मैं भारत के फ्यूचर की दिशा क्या है, ये हमें आज के हमारे काम और सिद्धियों से पता चलता है। आज़ादी के 65 साल बाद भी भारत दुनिया की ग्यारहवें नंबर की इकॉनॉमी था। बीते दशक में हम दुनिया की पांचवें नंबर की इकॉनॉमी बने, और अब उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।

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साथियों,

मैं आपको 18 साल पहले की भी बात याद दिलाता हूं। ये 18 साल का खास कारण है, क्योंकि जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उनको 18 साल के पहले का पता नहीं है, इसलिए मैंने वो आंकड़ा लिया है। 18 साल पहले यानि 2007 में भारत की annual GDP, एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंची थी। यानि आसान शब्दों में कहें तो ये वो समय था, जब एक साल में भारत में एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी होती थी। अब आज देखिए क्या हो रहा है? अब एक क्वार्टर में ही लगभग एक लाख करोड़ डॉलर की इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही है। इसका क्या मतलब हुआ? 18 साल पहले के भारत में साल भर में जितनी इकॉनॉमिक एक्टिविटी हो रही थी, उतनी अब सिर्फ तीन महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण दूंगा, जो दिखाते हैं कि बीते एक दशक में कैसे बड़े बदलाव भी आए और नतीजे भी आए। बीते 10 सालों में, हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। आप वो दौर भी याद करिए, जब सरकार खुद स्वीकार करती थी, प्रधानमंत्री खुद कहते थे, कि एक रूपया भेजते थे, तो 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था, वो 85 पैसा कौन पंजा खा जाता था और एक आज का दौर है। बीते दशक में गरीबों के खाते में, DBT के जरिए, Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए 42 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं, 42 लाख करोड़ रुपए। अगर आप वो हिसाब लगा दें, रुपये में से 15 पैसे वाला, तो 42 लाख करोड़ का क्या हिसाब निकलेगा? साथियों, आज दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं।

साथियों,

10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। लेकिन आज भारत सोलर एनर्जी कैपेसिटी के मामले में दुनिया के टॉप-5 countries में से है। हमने सोलर एनर्जी कैपेसिटी को 30 गुना बढ़ाया है। Solar module manufacturing में भी 30 गुना वृद्धि हुई है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी, बच्चों के खिलौने भी विदेशों से मंगाते थे। आज हमारे Toys Exports तीन गुना हो चुके हैं। 10 साल पहले तक हम अपनी सेना के लिए राइफल तक विदेशों से इंपोर्ट करते थे और बीते 10 वर्षों में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 20 गुना बढ़ गया है।

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साथियों,

इन 10 वर्षों में, हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टील प्रोड्यूसर हैं, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर हैं और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बने हैं। इन्हीं 10 सालों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने Capital Expenditure को, पांच गुना बढ़ाया है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है। इन दस सालों में ही, देश में ऑपरेशनल एम्स की संख्या तीन गुना हो गई है। और इन्हीं 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीट्स की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

साथियों,

आज के भारत का मिजाज़ कुछ और ही है। आज का भारत बड़ा सोचता है, बड़े टार्गेट तय करता है और आज का भारत बड़े नतीजे लाकर के दिखाता है। और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश की सोच बदल गई है, भारत बड़ी Aspirations के साथ आगे बढ़ रहा है। पहले हमारी सोच ये बन गई थी, चलता है, होता है, अरे चलने दो यार, जो करेगा करेगा, अपन अपना चला लो। पहले सोच कितनी छोटी हो गई थी, मैं इसका एक उदाहरण देता हूं। एक समय था, अगर कहीं सूखा हो जाए, सूखाग्रस्त इलाका हो, तो लोग उस समय कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तो मेमोरेंडम देते थे गांव के लोग और क्या मांग करते थे, कि साहब अकाल होता रहता है, तो इस समय अकाल के समय अकाल के राहत के काम रिलीफ के वर्क शुरू हो जाए, गड्ढे खोदेंगे, मिट्टी उठाएंगे, दूसरे गड्डे में भर देंगे, यही मांग किया करते थे लोग, कोई कहता था क्या मांग करता था, कि साहब मेरे इलाके में एक हैंड पंप लगवा दो ना, पानी के लिए हैंड पंप की मांग करते थे, कभी कभी सांसद क्या मांग करते थे, गैस सिलेंडर इसको जरा जल्दी देना, सांसद ये काम करते थे, उनको 25 कूपन मिला करती थी और उस 25 कूपन को पार्लियामेंट का मेंबर अपने पूरे क्षेत्र में गैस सिलेंडर के लिए oblige करने के लिए उपयोग करता था। एक साल में एक एमपी 25 सिलेंडर और यह सारा 2014 तक था। एमपी क्या मांग करते थे, साहब ये जो ट्रेन जा रही है ना, मेरे इलाके में एक स्टॉपेज दे देना, स्टॉपेज की मांग हो रही थी। यह सारी बातें मैं 2014 के पहले की कर रहा हूं, बहुत पुरानी नहीं कर रहा हूं। कांग्रेस ने देश के लोगों की Aspirations को कुचल दिया था। इसलिए देश के लोगों ने उम्मीद लगानी भी छोड़ दी थी, मान लिया था यार इनसे कुछ होना नहीं है, क्या कर रहा है।। लोग कहते थे कि भई ठीक है तुम इतना ही कर सकते हो तो इतना ही कर दो। और आज आप देखिए, हालात और सोच कितनी तेजी से बदल रही है। अब लोग जानते हैं कि कौन काम कर सकता है, कौन नतीजे ला सकता है, और यह सामान्य नागरिक नहीं, आप सदन के भाषण सुनोगे, तो विपक्ष भी यही भाषण करता है, मोदी जी ये क्यों नहीं कर रहे हो, इसका मतलब उनको लगता है कि यही करेगा।

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साथियों,

आज जो एस्पिरेशन है, उसका प्रतिबिंब उनकी बातों में झलकता है, कहने का तरीका बदल गया , अब लोगों की डिमांड क्या आती है? लोग पहले स्टॉपेज मांगते थे, अब आकर के कहते जी, मेरे यहां भी तो एक वंदे भारत शुरू कर दो। अभी मैं कुछ समय पहले कुवैत गया था, तो मैं वहां लेबर कैंप में नॉर्मली मैं बाहर जाता हूं तो अपने देशवासी जहां काम करते हैं तो उनके पास जाने का प्रयास करता हूं। तो मैं वहां लेबर कॉलोनी में गया था, तो हमारे जो श्रमिक भाई बहन हैं, जो वहां कुवैत में काम करते हैं, उनसे कोई 10 साल से कोई 15 साल से काम, मैं उनसे बात कर रहा था, अब देखिए एक श्रमिक बिहार के गांव का जो 9 साल से कुवैत में काम कर रहा है, बीच-बीच में आता है, मैं जब उससे बातें कर रहा था, तो उसने कहा साहब मुझे एक सवाल पूछना है, मैंने कहा पूछिए, उसने कहा साहब मेरे गांव के पास डिस्ट्रिक्ट हेड क्वार्टर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दीजिए ना, जी मैं इतना प्रसन्न हो गया, कि मेरे देश के बिहार के गांव का श्रमिक जो 9 साल से कुवैत में मजदूरी करता है, वह भी सोचता है, अब मेरे डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। ये है, आज भारत के एक सामान्य नागरिक की एस्पिरेशन, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर पूरे देश को ड्राइव कर रही है।

साथियों,

किसी भी समाज की, राष्ट्र की ताकत तभी बढ़ती है, जब उसके नागरिकों के सामने से बंदिशें हटती हैं, बाधाएं हटती हैं, रुकावटों की दीवारें गिरती है। तभी उस देश के नागरिकों का सामर्थ्य बढ़ता है, आसमान की ऊंचाई भी उनके लिए छोटी पड़ जाती है। इसलिए, हम निरंतर उन रुकावटों को हटा रहे हैं, जो पहले की सरकारों ने नागरिकों के सामने लगा रखी थी। अब मैं उदाहरण देता हूं स्पेस सेक्टर। स्पेस सेक्टर में पहले सबकुछ ISRO के ही जिम्मे था। ISRO ने निश्चित तौर पर शानदार काम किया, लेकिन स्पेस साइंस और आंत्रप्रन्योरशिप को लेकर देश में जो बाकी सामर्थ्य था, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था, सब कुछ इसरो में सिमट गया था। हमने हिम्मत करके स्पेस सेक्टर को युवा इनोवेटर्स के लिए खोल दिया। और जब मैंने निर्णय किया था, किसी अखबार की हेडलाइन नहीं बना था, क्योंकि समझ भी नहीं है। रिपब्लिक टीवी के दर्शकों को जानकर खुशी होगी, कि आज ढाई सौ से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स देश में बन गए हैं, ये मेरे देश के युवाओं का कमाल है। यही स्टार्टअप्स आज, विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट्स बना रहे हैं। ऐसे ही mapping के सेक्टर में हुआ, इतने बंधन थे, आप एक एटलस नहीं बना सकते थे, टेक्नॉलाजी बदल चुकी है। पहले अगर भारत में कोई मैप बनाना होता था, तो उसके लिए सरकारी दरवाजों पर सालों तक आपको चक्कर काटने पड़ते थे। हमने इस बंदिश को भी हटाया। आज Geo-spatial mapping से जुडा डेटा, नए स्टार्टअप्स का रास्ता बना रहा है।

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साथियों,

न्यूक्लियर एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़े सेक्टर को भी पहले सरकारी कंट्रोल में रखा गया था। बंदिशें थीं, बंधन थे, दीवारें खड़ी कर दी गई थीं। अब इस साल के बजट में सरकार ने इसको भी प्राइवेट सेक्टर के लिए ओपन करने की घोषणा की है। और इससे 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने का रास्ता मजबूत हुआ है।

साथियों,

आप हैरान रह जाएंगे, कि हमारे गांवों में 100 लाख करोड़ रुपए, Hundred lakh crore rupees, उससे भी ज्यादा untapped आर्थिक सामर्थ्य पड़ा हुआ है। मैं आपके सामने फिर ये आंकड़ा दोहरा रहा हूं- 100 लाख करोड़ रुपए, ये छोटा आंकड़ा नहीं है, ये आर्थिक सामर्थ्य, गांव में जो घर होते हैं, उनके रूप में उपस्थित है। मैं आपको और आसान तरीके से समझाता हूं। अब जैसे यहां दिल्ली जैसे शहर में आपके घर 50 लाख, एक करोड़, 2 करोड़ के होते हैं, आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू पर आपको बैंक लोन भी मिल जाता है। अगर आपका दिल्ली में घर है, तो आप बैंक से करोड़ों रुपये का लोन ले सकते हैं। अब सवाल यह है, कि घर दिल्ली में थोड़े है, गांव में भी तो घर है, वहां भी तो घरों का मालिक है, वहां ऐसा क्यों नहीं होता? गांवों में घरों पर लोन इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में गांव के घरों के लीगल डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे, प्रॉपर मैपिंग ही नहीं हो पाई थी। इसलिए गांव की इस ताकत का उचित लाभ देश को, देशवासियों को नहीं मिल पाया। और ये सिर्फ भारत की समस्या है ऐसा नहीं है, दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के राइट्स नहीं हैं। बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कहती हैं, कि जो देश अपने यहां लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देता है, वहां की GDP में उछाल आ जाता है।

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साथियों,

भारत में गांव के घरों के प्रॉपर्टी राइट्स देने के लिए हमने एक स्वामित्व स्कीम शुरु की। इसके लिए हम गांव-गांव में ड्रोन से सर्वे करा रहे हैं, गांव के एक-एक घर की मैपिंग करा रहे हैं। आज देशभर में गांव के घरों के प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। दो करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सरकार ने बांटे हैं और ये काम लगातार चल रहा है। प्रॉपर्टी कार्ड ना होने के कारण पहले गांवों में बहुत सारे विवाद भी होते थे, लोगों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे, ये सब भी अब खत्म हुआ है। इन प्रॉपर्टी कार्ड्स पर अब गांव के लोगों को बैंकों से लोन मिल रहे हैं, इससे गांव के लोग अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, स्वरोजगार कर रहे हैं। अभी मैं एक दिन ये स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस पर उसके लाभार्थियों से बात कर रहा था, मुझे राजस्थान की एक बहन मिली, उसने कहा कि मैंने मेरा प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद मैंने 9 लाख रुपये का लोन लिया गांव में और बोली मैंने बिजनेस शुरू किया और मैं आधा लोन वापस कर चुकी हूं और अब मुझे पूरा लोन वापस करने में समय नहीं लगेगा और मुझे अधिक लोन की संभावना बन गई है कितना कॉन्फिडेंस लेवल है।

साथियों,

ये जितने भी उदाहरण मैंने दिए हैं, इनका सबसे बड़ा बेनिफिशरी मेरे देश का नौजवान है। वो यूथ, जो विकसित भारत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है। जो यूथ, आज के भारत का X-Factor है। इस X का अर्थ है, Experimentation Excellence और Expansion, Experimentation यानि हमारे युवाओं ने पुराने तौर तरीकों से आगे बढ़कर नए रास्ते बनाए हैं। Excellence यानी नौजवानों ने Global Benchmark सेट किए हैं। और Expansion यानी इनोवेशन को हमारे य़ुवाओं ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए स्केल-अप किया है। हमारा यूथ, देश की बड़ी समस्याओं का समाधान दे सकता है, लेकिन इस सामर्थ्य का सदुपयोग भी पहले नहीं किया गया। हैकाथॉन के ज़रिए युवा, देश की समस्याओं का समाधान भी दे सकते हैं, इसको लेकर पहले सरकारों ने सोचा तक नहीं। आज हम हर वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन आयोजित करते हैं। अभी तक 10 लाख युवा इसका हिस्सा बन चुके हैं, सरकार की अनेकों मिनिस्ट्रीज और डिपार्टमेंट ने गवर्नेंस से जुड़े कई प्रॉब्लम और उनके सामने रखें, समस्याएं बताई कि भई बताइये आप खोजिये क्या सॉल्यूशन हो सकता है। हैकाथॉन में हमारे युवाओं ने लगभग ढाई हज़ार सोल्यूशन डेवलप करके देश को दिए हैं। मुझे खुशी है कि आपने भी हैकाथॉन के इस कल्चर को आगे बढ़ाया है। और जिन नौजवानों ने विजय प्राप्त की है, मैं उन नौजवानों को बधाई देता हूं और मुझे खुशी है कि मुझे उन नौजवानों से मिलने का मौका मिला।

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साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने एक new age governance को फील किया है। बीते दशक में हमने, impact less administration को Impactful Governance में बदला है। आप जब फील्ड में जाते हैं, तो अक्सर लोग कहते हैं, कि हमें फलां सरकारी स्कीम का बेनिफिट पहली बार मिला। ऐसा नहीं है कि वो सरकारी स्कीम्स पहले नहीं थीं। स्कीम्स पहले भी थीं, लेकिन इस लेवल की last mile delivery पहली बार सुनिश्चित हो रही है। आप अक्सर पीएम आवास स्कीम के बेनिफिशरीज़ के इंटरव्यूज़ चलाते हैं। पहले कागज़ पर गरीबों के मकान सेंक्शन होते थे। आज हम जमीन पर गरीबों के घर बनाते हैं। पहले मकान बनाने की पूरी प्रक्रिया, govt driven होती थी। कैसा मकान बनेगा, कौन सा सामान लगेगा, ये सरकार ही तय करती थी। हमने इसको owner driven बनाया। सरकार, लाभार्थी के अकाउंट में पैसा डालती है, बाकी कैसा घर बनेगा, ये लाभार्थी खुद डिसाइड करता है। और घर के डिजाइन के लिए भी हमने देशभर में कंपीटिशन किया, घरों के मॉडल सामने रखे, डिजाइन के लिए भी लोगों को जोड़ा, जनभागीदारी से चीज़ें तय कीं। इससे घरों की क्वालिटी भी अच्छी हुई है और घर तेज़ गति से कंप्लीट भी होने लगे हैं। पहले ईंट-पत्थर जोड़कर आधे-अधूरे मकान बनाकर दिए जाते थे, हमने गरीब को उसके सपनों का घर बनाकर दिया है। इन घरों में नल से जल आता है, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन होता है, सौभाग्य योजना का बिजली कनेक्शन होता है, हमने सिर्फ चार दीवारें खड़ी नहीं कीं है, हमने उन घरों में ज़िंदगी खड़ी की है।

साथियों,

किसी भी देश के विकास के लिए बहुत जरूरी पक्ष है उस देश की सुरक्षा, नेशनल सिक्योरिटी। बीते दशक में हमने सिक्योरिटी पर भी बहुत अधिक काम किया है। आप याद करिए, पहले टीवी पर अक्सर, सीरियल बम ब्लास्ट की ब्रेकिंग न्यूज चला करती थी, स्लीपर सेल्स के नेटवर्क पर स्पेशल प्रोग्राम हुआ करते थे। आज ये सब, टीवी स्क्रीन और भारत की ज़मीन दोनों जगह से गायब हो चुका है। वरना पहले आप ट्रेन में जाते थे, हवाई अड्डे पर जाते थे, लावारिस कोई बैग पड़ा है तो छूना मत ऐसी सूचनाएं आती थी, आज वो जो 18-20 साल के नौजवान हैं, उन्होंने वो सूचना सुनी नहीं होगी। आज देश में नक्सलवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। पहले जहां सौ से अधिक जिले, नक्सलवाद की चपेट में थे, आज ये दो दर्जन से भी कम जिलों में ही सीमित रह गया है। ये तभी संभव हुआ, जब हमने nation first की भावना से काम किया। हमने इन क्षेत्रों में Governance को Grassroot Level तक पहुंचाया। देखते ही देखते इन जिलों मे हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनीं, स्कूल-अस्पताल बने, 4G मोबाइल नेटवर्क पहुंचा और परिणाम आज देश देख रहा है।

साथियों,

सरकार के निर्णायक फैसलों से आज नक्सलवाद जंगल से तो साफ हो रहा है, लेकिन अब वो Urban सेंटर्स में पैर पसार रहा है। Urban नक्सलियों ने अपना जाल इतनी तेज़ी से फैलाया है कि जो राजनीतिक दल, अर्बन नक्सल के विरोधी थे, जिनकी विचारधारा कभी गांधी जी से प्रेरित थी, जो भारत की ज़ड़ों से जुड़ी थी, ऐसे राजनीतिक दलों में आज Urban नक्सल पैठ जमा चुके हैं। आज वहां Urban नक्सलियों की आवाज, उनकी ही भाषा सुनाई देती है। इसी से हम समझ सकते हैं कि इनकी जड़ें कितनी गहरी हैं। हमें याद रखना है कि Urban नक्सली, भारत के विकास और हमारी विरासत, इन दोनों के घोर विरोधी हैं। वैसे अर्नब ने भी Urban नक्सलियों को एक्सपोज करने का जिम्मा उठाया हुआ है। विकसित भारत के लिए विकास भी ज़रूरी है और विरासत को मज़बूत करना भी आवश्यक है। और इसलिए हमें Urban नक्सलियों से सावधान रहना है।

साथियों,

आज का भारत, हर चुनौती से टकराते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुझे भरोसा है कि रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के आप सभी लोग हमेशा नेशन फर्स्ट के भाव से पत्रकारिता को नया आयाम देते रहेंगे। आप विकसित भारत की एस्पिरेशन को अपनी पत्रकारिता से catalyse करते रहें, इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत-बहुत आभार, बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!