QuoteToday when I came to Bengal, I can say that today's India is fulfilling his dream: PM Modi in Arambagh
QuoteIndia has risen from the 11th-ranked economy to the 5th-ranked economic power: PM Modi in Arambagh
QuoteHas the vote of some people become more important for you than the victims of Sandeshkhali: PM Modi targets TMC
QuoteWithin 4 years, 11 crore new families across the country have got tap water facilities: PM Modi in Arambagh
QuoteWest Bengal encourages corruption, encourages crime and in exchange for protection to criminals: PM Modi

तारकेश्वर महादेव की जय ! तारकेश्वर महादेव की जय !
आरामबाग वासि के आमार आंतरिक सुभेचा !
बोरोरा प्रोनाम एवं छोटो रा आमार भालोबाशा नेबेन !

सबसे पहले तो मैं मातृशक्ति को सामर्थ्य देने वाली इस भूमि को प्रणाम करता हूं। जहां बगल में ही खानाकुल में महान समाज सुधारक राजाराम मोहन राय जी ने जन्म लिया और नारीशक्ति के जीवन को नया सामर्थ्य दिया था। मैं खानाकुल की इस धरती को प्रणाम करता हूं। राजाराम मोहन राय की प्रेरणा से भारत की नारीशक्ति के कल्याण के लिए जी-जान से जुटा हुआ हूं।

भाइयों-बहनों, आप सभी इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए हैं, हम आपके बहुत-बहुत आभारी हैं। यहां कुछ नौजवान बहुत सुंदर-सुंदर चित्र बनाकर के लाए थे, वहां एक बेटी इतनी देर से भगवान जगन्नाथ जी का चित्र लेकर आई थी। आप सब का क्योंकि ये धरती तो रग-रग में कला आर्ट ये यहां की विशेषता है। मैं आप सबका आभारी हूं। लेकिन मैं अनुभव कर रहा हूं कि भावी पीढ़ी और वर्तमान युवा पीढ़ी आपका ये प्यार इन सबके प्यार का एक प्रतीक है। और इसीलिए मैं हृदय से आप सबका धन्यवाद करता हूं।

साथियों,
अब से कुछ देर पहले मुझे यहां 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट का उद्घाटन और शिलान्यास करने का सौभाग्य मिला है। इनमें रेल, पोर्ट, पेट्रोलियम और जल शक्ति से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। मैं बंगाल के आप सभी लोगों को इन परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल, आज़ादी के आंदोलन की प्रेरणा स्थली रही है। गुलामी के विरुद्ध प्रखर नेतृत्व देने वाली यहां की हर संतान का सपना था कि भारत, विकास की नई ऊंचाई प्राप्त करे। आज मैं जब बंगाल आया हूं, तो कह सकता हूं कि आज का भारत, उनका ये सपना पूरा कर रहा है। बीते 10 साल में भारत, 11वें नंबर की इकॉनॉमी से ऊपर उठकर 5वें नंबर की आर्थिक ताकत बना है। G20 में कैसे भारत की जयजयकार हुई, ये हम सबने देखा है। आज भारत, स्पेस सेक्टर में अग्रणी बन रहा है। जो काम दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया, वो हमारे चंद्रयान ने किया है। आज स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी भारत नए रिकॉर्ड बना रहा है। अब आज स्वतंत्र भारत में देश की समृद्धि और हमारा समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर फिर से पूरे गौरव से नई ऊंचाई प्राप्त कर रही है। और ये हम सभी का सौभाग्य है कि पांच सदियों के इंतजार के बाद, 500 साल के बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजे हैं। पश्चिम बंगाल में जिस तरह रामलला का स्वागत हुआ, श्रीराम के प्रति बंगाल के लोगों की जो आस्था है, उससे पूरा देश प्रभावित है, प्रेरित है।

साथियों,
देश की इन उपलब्धियों के बीच, बंगाल की स्थिति भी आज पूरा देश देख रहा है। मां-माटी-मानुष ये इसके ढोल पीटने वाली TMC ने संदेशखाली की बहनों के साथ जो किया है, वो देखकर पूरा देश दुखी है, आक्रोशित है। और मैं कह सकता हूं कि राजाराम मोहन राय की आत्मा जहां भी होगी, इन लोगों के इन कारनामों को लेकर अत्यंत दुखी हुई होगी। क्योंकि इन्होंने संदेशखाली में जो किया राजाराम की आत्मा आज रोती होगी। TMC के नेता ने संदेशखाली में बहनों-बेटियों के साथ दुस्साहस की सारी हदें पार कर दीं। जब संदेशखाली की बहनों ने अपनी आवाज़ बुलंद की, ममता दीदी से मदद मांगी, उन्हें बदले में क्या मिला? मुख्यमंत्री दीदी ने, बंगाल सरकार ने TMC के नेता को बचाने के लिए सारी शक्ति लगा दी। बीजेपी के दबाव में इन सारे नेताओं ने रात-दिन लड़ाई लड़ी, माताओं-बहनों के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी, लाठियां खाई, मुसीबतें झेली, बीजेपी के दबाव में आखिरकार कल बंगाल पुलिस ने आपकी ताकत के सामने झुक करके उस आरोपी को गिरफ्तार करना पड़ा। TMC के राज में TMC का ये अपराधी नेता करीब-करीब दो महीने तक फरार रहा। कोई तो होगा न जो उनको बचाता होगा। क्या ऐसी टीएमसी को माफ करेंगे? ऐसी टीएमसी को माफ करेंगे? क्या माताओं-बहनों के साथ जो हुआ है, उसका बदला लेंगे कि नहीं लेंगे। लेंगे कि नहीं लेंगे। हर चोट का जवाब वोट से देना है। आज बंगाल की जनता यहां की मुख्यमंत्री दीदी से पूछ रही है। क्या कुछ लोगों का वोट, आपके लिए संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से भी ज्यादा अहम हो गया है? अरे शर्म आनी चाहिए।

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बंगाल के मेरे भाइयों और बहनों,
मुझे सबसे ज्यादा हैरानी इंडी गठबंधन के बाकी नेताओं को देखकर होती है। इंडी गठबंधन के बड़े-बड़े नेता, संदेशखाली पर आंख-कान-मुंह गांधी जी के तीन बंदर की तरह बंद करके बैठे हैं। पटना, बेंगलुरू, मुंबई, न जाने कहां-कहां ये साथ मिलकर बैठकें करते हैं, लेकिन क्या लेफ्ट और कांग्रेस ने यहां की सरकार, यहां के मुख्यमंत्री से जवाब मांगने की हिम्मत की क्या? इन लोगों से संदेशखाली की इन बहनों की तरफ एक नज़र देखा भी नहीं गया। और आपने देखा है, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्या है? आप सुनकर के चौंक जाएंगे। मेरी मताओं बहनों जो बंगाली में मेरा ट्रांसलेशन कर सकते हैं वो इन माताओं-बहनों को जरूर बताएं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहते- अरे छोड़ो बंगाल में तो ये सबकुछ चलता रहता है। क्या ये बंगाल का अपमान है कि नहीं है। बंगाल की महान परंपरा का अपमान है कि नहीं है। बंगाल की महान संस्कृति का अपमान है कि नहीं है। बंगाल के वीर पुरुषों का अपमान है कि नहीं है। बंगाल के संस्कारप्रिय नागरिकों का अपमान है कि नहीं है। यही है सच्चाई कांग्रेस की, और इंडी गठबंधन की है।

साथियों,
इंडी गठबंधन के लिए, भ्रष्टाचारियों, परिवारवादियों और तुष्टीकरण करने वालों का साथ देना ही सबसे बड़ा काम है। TMC ने बंगाल में अपराध और भ्रष्टाचार का एक नया मॉडल पैदा कर दिया है। राज्य सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, अपराध को बढ़ावा देती है, इतना ही नहीं अपराधियों को संरक्षण के बदले TMC नेताओं को भर-भर पर पैसे मिलते हैं। TMC ने यहां प्राइमरी टीचर्स की भर्ती में घोटाला किया, किया कि नहीं किया। घोटाला में किया कि नहीं किया। TMC ने यहां म्यूनिसिपैलिटी में भर्तियों में घोटाला किया कि नहीं किया, TMC ने यहां सरकारी समान की खरीद में घोटाला किया कि नहीं किया, TMC ने यहां गरीब को राशन देने में घोटाला किया कि नहीं किया, गरीब और मध्यम वर्ग की जमीन पर कब्जा करना हो, चिटफंड योजनाओं में घोटाला करना हो, बॉर्डर पर जानवरों की स्मगिलिंग करनी हो, TMC ने घोटाले और भ्रष्टाचार के लिए कोई क्षेत्र छोड़ा नहीं है। इसलिए देखो, TMC के मंत्रियों के घर से नोटों के ढेर निकल रहे हैं। नोटों के ढेर। आपने नोटों के ढेर देखे कि नहीं देखे। क्या कभी पहले नोटों के इतने बड़े ढेर देखे थे कभी, सिनेमा में भी देखे थे क्या। क्या कर दिया इन लोगों ने। और ऊपर से यहां की सरकार, केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी जांच करने से रोकने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। यहां की मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए धरने पर बैठ जाती हैं। TMC चाहती है कि केंद्र की योजनाओं में भी खूली लूट हो। मोदी इनकी मनमानी चलने नहीं दे रहा, इसलिए मोदी को TMC, अपना दुश्मन नंबर एक मानती है। अब आप मुझे बता दीजिए...मैं जरा आपको पूछता हूं। क्या ये TMC की लूट मैं चलने दूं क्या। ये TMC जो करती है वो करने दूं क्या। ये पैसा आपका है कि नहीं है। ये बंगाल के लोगों का पैसा है कि नहीं है। आपकी मेहनत का पैसा है कि नहीं है। क्या औरों को लूटने दूं क्या। अगर मैं लड़ाई लड़ता हूं तो सही करता हूं कि नहीं करता हूं। ये लुटेरों के पीछे कदम उठाता हूं अच्छा कर रहा हूं कि नहीं कर रहा हूं। मैं आज बंगाल को वादा कर रहा हूं, मेरी गारंटी है। ये लूटने वालों को लौटाना पड़ेगा। ये मोदी छोड़ने वाला नहीं है। और मोदी न इनकी गालियों से डरता है, इनके हमलों से डरने वाला रुकने वाला मोदी नहीं है। मैंने पश्चिम बंगाल की बहनों, पश्चिम बंगाल के गरीब, पश्चिम बंगाल के युवाओं को गारंटी दी है। मोदी की गारंटी है कि- जिसने गरीब को लूटा है, उसको लौटाना ही पड़ेगा।

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साथियों,
TMC की सरकार के रवैये के कारण, पश्चिम बंगाल का विकास प्रभावित हो रहा है। TMC सरकार की सजा, यहां का गरीब और मिडिल क्लास भुगत रहा है। मैं आपको इसके कुछ प्रमाण देता हूं।
झारिया और रानीगंज कोलफील्ड का प्रोजेक्ट हमने लगभग 6 साल पहले शुरु किया था। लेकिन यहां की सरकार इसको आगे नहीं बढ़ने दे रही। 18 हज़ार करोड़ रुपए का जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो धामरा पाइपलाइन प्रोजेक्ट भी 4 साल से पेंडिंग पड़ा है। राज्य सरकार का सहयोग न मिलने के कारण, तारकेश्वर से बिष्णुपुर रेल लाइन का काम भी रुका हुआ है। हज़ारों करोड़ रुपए के ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स हैं, जिनके लिए केंद्र सरकार ने पैसा सेंक्शन कर दिया है, लेकिन काम नहीं हो पा रहा। यहां तक की TMC सरकार गरीबों के घर तक नहीं बनने दे रही है। पूरे देश में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं। वो पक्के घर में दिवाली होली मना रहे हैं, दुर्गापूजा कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के गरीब परिवारों के लिए भी केंद्र की भाजपा सरकार ने 45 लाख घर स्वीकृत किए हैं। इसके लिए 42 हज़ार करोड़ रुपए रिलीज़ भी किए गए हैं। लेकिन बंगाल में राज्य सरकार गरीबों के घर बनाने के लिए तेजी से काम नहीं कर रही। अड़ंगे डाल रही है, रुकावटें पैदा कर रही है। आप मुझे बताइए पैसे हैं तो गरीबों के घर बनने चाहिए कि नहीं बनने चाहिए। जल्दी से जल्दी बनने चाहिए कि नहीं बनने चाहिए। अच्छे से अच्छे बनने चाहिए कि नहीं बनने चाहिए। क्या ये TMC वाले बना सकते हैं क्या। अगर बनाएगा तो बीजेपी बनाएगी, अगर करेगा को मोदी करेगा। मेरी माताएं बहनें इतनी बड़ी तादाद में आई है आपको मैं बताना चाहता हूं। आप जानते हैं केंद्र सरकार हर घर नल से जल पहुंचाने का अभियान चला रही है। हर घर में पाइप से पानी। 4 साल के भीतर ही, पूरे देश में 11 करोड़ नए परिवारों को नल से जल की सुविधा मिली है। लेकिन हर घर जल देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार कछुए की रफ्तार से काम कर रही है। बताइए ऐसे लोगों को माफ किया जा सकता है क्या। माताएं-बहनें जो आपके घर पानी नहीं पहुंचने देते हैं उनका दाना-पानी बंद करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। करोगे क्या। आपके आशीर्वाद रहेंगे। साथियों, उसे माताओं-बहनों-बेटियों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। केंद्र सरकार पैसा दे रही है, लेकिन यहां की सरकार उसका उपयोग भी नहीं कर रही।

साथियों,
हर उस योजना से, जिससे गरीब का भला होता हो, TMC सरकार उसके सामने दीवार बनकर खड़ी हो गई है। मोदी ने हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की गारंटी दी है। आयुष्मान कार्ड से देशभर में करोड़ों गरीब परिवारों का मुफ्त इलाज हुआ है। इससे इन परिवारों को लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है। लेकिन गरीब, SC/ST विरोधी TMC, यहां के सवा करोड़ परिवारों को इसका लाभ नहीं मिलने दे रही। आप मुझे बताइए गरीब को मुफ्त इलाज मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। अगर बीमारी में सरकार उसके पैसे दे तो उसको लाभ मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए। अब देखिए गरीब विरोधी TMC वो भी नहीं करने देती। देश के करोड़ों लोगों को मोदी बीमारी में पैसा दे रहा है बंगाल में नहीं दे पा रहा है क्योंकि TMC मना कर रही है। TMC सरकार पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिलाने में भी लगातार अड़ंगे लगा रही है। भारत सरकार के प्रयासों से यहां बंगाल के छोटे किसान के बैंक खातों में सीधे 11 हज़ार करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। लेकिन TMC सरकार की पूरी कोशिश है कि इस योजना का पैसा भी वो हड़प लें।

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साथियों,
TMC सरकार, गरीब, किसान, नौजवान और नारीशक्ति के सशक्तिकरण में बहुत बड़ी रुकावट है। ये चार वर्ग जबतक सशक्त नहीं होंगे, तबतक पश्चिम बंगाल विकसित नहीं हो सकता। इसलिए आज केंद्र सरकार गरीब, किसान, नौजवान और महिला सशक्तिकरण पर सबसे ज्यादा जोर दे रही है। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने नारीशक्ति वंदन अधिनियम करके लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिया। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने नमो ड्रोन दीदी अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत हम गांव की बहनों-बेटियों को आधुनिक ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। भाजपा की सरकार गांव-गांव में महिला स्वयं सहायता समूहों को लाखों करोड़ की मदद दे रही है जिससे उनकी आमदनी और बढ़े। हमने देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का भी संकल्प लिया है।

साथियों,
पश्चिम बंगाल विकसित होगा, तभी भारत भी विकसित होगा। इसके लिए, ये ज़रूरी है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर कमल खिले। खिलेगा...खिलेगा...TMC को घमंड है कि उसके पास एक निश्चित वोटबैंक है। इस बार TMC का ये घमंड भी टूटेगा। इस बार मुस्लिम बहन-बेटियां भी TMC के गुंडाराज को उखाड़ फेंकने के लिए आगे आएंगी। इस लोकसभा चुनाव के नतीजे, पश्चिम बंगाल से TMC सरकार की विदाई का, उसके पराजय का काउंटडाउन शुरू करेंगे। मैं अभी देख रहा था सुवेंदु जी को और हमारे अध्यक्ष जी बता रहे थे अई बार...अई बार...अई बार...अई बार...
मैं आपका फिर आभार व्यक्त करूंगा कि आप हमें इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आए। आप अपने-अपने गांव जाएंगे, तो वहां सबको कहना कि मोदी जी ने प्रणाम कहा है। कहेंगे।
दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे, वंदे...
बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Dheeraj Thakur March 04, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।