কংগ্রেস আঞ্চলিক দলগুলিকে একীভূত করতে চায় কারণ তারা মারাত্মক পরাজয়ের কারণে সম্মানজনক বিরোধী দলও গঠন করতে পারবে না: প্রধানমন্ত্রী মোদী
জেএমএম-কংগ্রেস তাদের দুর্নীতি অব্যাহত রাখতে ঝাড়খণ্ডের উন্নয়ন বন্ধ করতে চায়: চাত্রায় প্রধানমন্ত্রী মোদী
ঝাড়খণ্ডের যুবসমাজকে মাদকের কুচক্রের মধ্যে ঠেলে দিতে আগ্রহী জেএমএম: চাত্রায় প্রধানমন্ত্রী মোদী
কংগ্রেসের শেহজাদার লক্ষ্য হল আপনাদের সম্পদ সংগ্রহ করা এবং তা সংখ্যালঘুদের মধ্যে বণ্টন করা: চাত্রায় প্রধানমন্ত্রী মোদী

जय जोहार.. जय जोहार.. जय श्री राम.. जय श्री राम। मैं मां भद्रकाली और मां छिन्नमस्तिका के चरणों में प्रणाम करता हूं। आज, चतरा की धरती पर ये जनसैलाब जितने अंदर हैं उससे चार गुना बाहर है। आपका ये उत्साह आपका ये स्नेह 4 जून को परिणाम क्या आने वाले हैं, जो भी इसमें अभी भी दुविधा में हो, जरा आकर के यहां देख लें 4 जून के नतीजे क्या होंगे, ये चतरा की धरती पर से आपको दिखाई देगा।

साथियों,

तीन चरणों के चुनाव के बाद ही कांग्रेस और उसके साथियों ने एक तरह से अपनी हार स्वीकार कर ली है। इंडी गठबंधन के एक बड़े नेता ने कहा है कि सभी (ये जो फोटो वोटो लेकर आए हैं ना नीचे रखो पीछे लोग परेशान हो रहे हैं) इंडी अलायंस के एक बहुत बड़े नेता ने एक बहुत महत्वपूर्ण बयान दिया है और इसको तीन दिन हो गए और जो लोग राजनीतिक परिस्थितियों के जानकार हैं, उनकी नजर उस तरफ गई लगती नहीं है। मेरे हिसाब से उनका ये बयान बहुत ही सोचा- समझा बयान है और बहुत ही निराशा में से पैदा हुआ बयान है। एक बड़े नेता ने कहा है कि इंडी अलायंस के साथ जुड़ी हुई जो क्षेत्रीय पार्टियां हैं, उन्होंने (ये पांच-दस लोग हैं उनको दिखता नहीं तो सबको परेशान करेंगे क्या? आप मुझे देख नहीं पाते हैं संख्या बहुत है मैं आपसे क्षमा मांगता हूं लेकिन कृपा करके मेरी आवाज सुन लीजिए और मेरे चेहरे को क्यों मैं तो दिल की बात करने आया हूं आपसे।) साथियों, मैं बहुत ही महत्वपूर्ण बात बता रहा हूं और मैं पक्का मानता हूं, देश भर के लोग मुझे अगर अभी टीवी देखते होंगे, सुनते होंगे तो जरूर उनका भी ध्यान जाएगा। ये महत्वपूर्ण झारखंड के लिए भी है, ये देश के आने वाले दिनों के घटनाक्रम से जुड़ा हुआ है। जो इंडी अलायंस चल रहा है, उस इंडी अलायंस के एक बहुत बड़े नेता ने, उन्होंने कहा है कि चुनाव के बाद, जो छोटे- छोटे राजनीतिक दल हैं उन सबने कांग्रेस में विलय कर देना चाहिए और ये बयान कांग्रेस के नेता का नहीं है। एक छोटी पार्टी के नेता का बयान है लेकिन बड़े नेता का बयान है। उन्होंने कहा कि ये जो छोटे- छोटे दल हैं, जेएमएम जैसे उन सब ने अपना विलय कांग्रेस में कर देना चाहिए। मैं सोच रहा था कि उन्होंने ऐसा सुझाव क्यों दिया? उनके मन में इतनी हताशा, इतनी निराशा घर कर गई है कि 4 जून के बाद अपनी पार्टी का अस्तित्व मिटाकर, कुछ दिन गुजारा करने के लिए वो सोच रहे हैं। वो क्षेत्रीय पार्टियों का, जो अभी इंडी अलायंस की साथी है, उनका अस्तित्व खत्म कर देना चाहते हैं और सोचने के बाद और पिछले तीन चरण के मतदानों के रूझान के बाद मुझे बराबर समझ आया कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा है, क्योंकि उनके मन में पक्का हो गया है कि कांग्रेस और उसके साथी सब मिला करके भी मान्य विपक्ष को जितनी सीटें चाहिए, अपोजिशन को जितनी सीटें चाहिए, जो 10 परसेंट होती है यानी करीब- करीब 50 के ऊपर थोड़ी लेकिन उनको लग रहा है इतनी भी नहीं आयेगी और अगर विलय कर देंगे, अगर विलय कर देंगे तो फिर हमारे पूरे समूह को हो सकता है कि मान्य विपक्ष के रूप में मान्यता मिल जाए। आप देखिए, देश की जनता ने ये तिकड़म लगाने वालों को कैसा सबक सिखाया है तीन चरणों में ही ऐसा सबक सिखा दिया है कि वे विलय करके मान्य विपक्ष के लिए जगह ढूंढ रहे हैं और इसके लिए देशवासियों को एडवांस में बधाई देता हूं।

भाइयों-बहनों,

मैं अभी ओडिशा से आ रहा हूं, उसके एक दिन पहले तेलंगाना में था। तेलंगाना में, ओडिशा में, आंध्र में, इन सब स्थानों पर जाकर आया हूं। मैं साथियों बड़ी जिम्मेवारी के साथ कहता हूं कि इस चुनाव के साथ- साथ, जहां विधानसभा के भी चुनाव चल रहे हैं जैसे ओडिशा में हैं, आंध्र में हैं, अरुणाचल प्रदेश में हैं, जहां- जहां विधानसभा के चुनाव भी साथ में हैं, सिर्फ दिल्ली में 400 के पार करेंगे इतना ही नहीं, विधानसभा में भी भारी बहुमत से एनडीए की सरकारें बनेंगी और ये शहजादे को, उनकी पार्टी को, उनकी उम्र से भी कम सीटें मिलने वाली हैं। आज देश में जहां- जहां जाता हूं एक ही स्वर में, एक ही विश्वास के साथ, देश के कोने- कोने से आवाज आ रही है- फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार।

साथियों,

2024 का लोकसभा चुनाव ये सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, ये चुनाव देश बनाने का चुनाव है, ये चुनाव चोर- लुटेरों से देश को बचाने का चुनाव है, ये चुनाव आपके बच्चों का भविष्य सुनिश्चित करने का चुनाव है। आप तो जानते हैं न वो कौन लोग है जिससे देश को बचाना बहुत जरूरी है। JMM, कांग्रेस और इंडी गठबंधन के जो कारनामे हैं, उनकी जो सोच है, उनकी जो दिशा है। देश को बचाना समय की सबसे बड़ी मांग है। आपने देखा, कैसे JMM और कांग्रेस के ठिकानों से नोटों के पहाड़ निकल रहे हैं.. नोटों के पहाड़। यहां, मंत्री, मंत्री का पीए, पीए का भी नौकर और मैंने तो कभी अपनी आंखों से इतने नोटें नहीं देखी हैं। यहां नोटों के पहाड़ उगाने का काम झामुमो, जेएमएम, कांग्रेस ने किया है और बेशर्मी देखिए, इतने नोटें निकलने के बाद शर्म से माथा झुक जाए कोई आंख तक ऊंची न करे, ये ऐसे बेशर्म हैं इनको कोई परवाह नहीं है और तब देश के लिए संकट बहुत गहरा हो जाता है। आप सोचिए, जब कर्मचारियों के घरों से करोड़ों रुपए मिल रहे हैं, तो मालिकों की तिजोरी में कितना काला धन होगा? कांग्रेस के सांसद के पास से तो 300 करोड़ से ज्यादा कैश मिला। नोट गिनने वाली मशीनें गिनते- गिनते खराब हो गईं, मशीनें हांफने लग गईं। गिनते थे लेकिन नोट नहीं खत्म होते थे। जरा मेरे भाई-बहन बताइये, ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? आपके घर में से अगर कोई पांच हजार रूपया भी चोरी कर जाए, तो आप चोर को सजा मिले चाहते हो कि नहीं चाहते हो? चोर पकड़ा जाए, चाहते हो कि नहीं चाहते हो? चोर जेल जाए चाहते हो कि नहीं चाहते हो? देश को लूटने वाले जेल चाहिए कि नहीं चाहिए? देश को लूटने वाले जेल में रहने चाहिए कि नहीं रहने चाहिए? ये पैसा आपका पैसा है, ये पैसा झारखंड के लोगों का पैसा है और ये पैसा आपसे लूटने वालों के खिलाफ मैं पूछना चाहता हूं, कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं चाहिए? कौन कर सकता है ये कार्रवाई? ये कड़ी कार्रवाई कौन कर सकता है? कौन कर सकता है भाई, जिसके ऊपर कोई दाग नहीं लगा है न वो आपका बेटा मोदी कर सकता है जी। साथियों, JMM का और कांग्रेस का एक ही एजेंडा है- न काम करेंगे, न करने देंगे और बिना दाम, काम का नाम नहीं, ये इनका खेल है। ये खुद तो भ्रष्टाचार के अलावा कुछ करते नहीं हैं। मोदी जो काम करता है, उसे भी रोकने में लगे रहते हैं। मोदी देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहा है।

साथियों,

मैं गरीब परिवार में पैदा हुआ हूं, मैंने गरीबी देखी है। भूख क्या होती है वो मैं अनुभव करके निकला हूं और इसलिए मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे देश का कोई बच्चा भूखा सो जाए। इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरे देश के गरीब के घर का चूल्हा जलता रहना चाहिए और इसलिए केन्द्र सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का पूरा का पूरा खर्च उठाती है। लेकिन, झारखंड में इन लोगों ने राशन बांटने की व्यवस्था तबाह करके रख दी है। ये चाहते हैं मोदी का भेजा राशन आपको मिले ही नहीं। जब गरीब, मोदी को आशीर्वाद देता है, तो इंडी गठबंधन वालों को गरीबों पर चिढ़ आ जाती है।

साथियों,

मोदी ने हर घर जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया है। झारखंड सरकार उसमें भी भ्रष्टाचार कर रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, पाइप डाल दिये लेकिन पानी की सप्लाई की व्यवस्था जानबूझकर के नहीं की गई है।

साथियों,

हमारी सरकार झारखंड के युवाओं के लिए नए अवसर बनाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। हम आदिवासी इलाकों में एकलव्य स्कूल खोल रहे हैं। यहां सिमरिया में हमने केंद्रीय (विश्व) विद्यालय भी खोला है। हमारी कोशिश है इस क्षेत्र में अच्छी सड़कें बनें, उद्योग बढ़ें। हजारीबाग से रांची हाईवे, हजारीबाग से कोडरमा हाईवे, ओरमांझी- जैनामोड़ एक्सप्रेसवे, ऐसी आधुनिक सड़कों का नेटवर्क हमारी सरकार बना रही है। टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन, माल ढुलाई के लिए शुरू की गई है। यहां जो NTPC का प्लांट शुरू हुआ है, उसकी नींव भी अटल जी की सरकार ने रखी थी। इस प्लांट का लोकार्पण भी हमारी ही सरकार ने किया। लेकिन साथियों, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी इंडी गठबंधन की सरकार यहां विकास के कार्यों में भी रोड़ा अटका रही है। मैं इन लोगों से पूछना चाहता हूं, झारखंड का विकास हो जाएगा तो तुम लोगों का क्या नुकसान होगा? क्यों यहां के नौजवान के लिए रोजगार के मौके बंद कर रहे हो?

साथियों,

इंडी गठबंधन को आपकी रोजी-रोटी की कोई चिंता नहीं है, वो सिर्फ और सिर्फ लूट चलाने के लिए सत्ता के गलियारों में जीना चाहते हैं, वो अपना स्वार्थ देखते हैं। आप जानते हैं कांग्रेस- JMM झारखंड का विकास क्यों रोकना चाहते हैं? इन्हें डर है अगर दलित, पिछड़ा, आदिवासी अगर उनके बच्चे आगे बढ़ जाएंगे तो उनकी दुकान का क्या होगा? एक तरफ मोदी है, जो स्थानीय भाषाओं में डॉक्टरी की, इंजीनियरिंग की, पढ़ाई शुरू करवा रहा है। मैं चाहता हूं कि मेरे आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे भी ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर- इंजीनियर बनें लेकिन, कांग्रेस-JMM को आपके बच्चों के भविष्य की परवाह नहीं है। आपको याद है न, चुनाव से पहले JMM ने हर साल 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था? क्या नौकरियां दी क्या उन्होंने? JMM-कांग्रेस ने झारखंड में एक ही उद्योग लगाया है, एक ही उद्योग लगाया है- अफीम उद्योग, अफीम। ये अफीम किसका भला करेगा भाई? ये आपकी आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करेगा कि नहीं करेगा? ये काला कारोबार, सरकार के संरक्षण में चल रहा है। ये आपके बच्चों को नशे के दलदल में फेंकना चाहते हैं। साथियों, कांग्रेस और उसके साथियों को आपकी भावनाओं की जरा भी परवाह नहीं है। 500 साल के इंतजार के बाद, 500 साल के इंतजार के बाद अयोध्या में (जय श्री राम) भगवान राम का मंदिर, 500 साल के बाद बना, अनेक पीढ़ियों के बलिदान के बाद बना, कौन हिन्दुस्तानी होगा, जिसको आनंद नहीं होगा? आपको हुआ कि नहीं हुआ? हुआ कि नहीं हुआ?


भाईयों-बहनों,

जब अयोध्या से वनवास के लिए राजकुमार राम ने प्रस्थान किया था न जब अयोध्या से निकले थे 14 साल के लिए, (ये मेरी बात जरा गौर से सुनिए) जब अयोध्या से निकले थे रामजी तब तो वो अयोध्या के राजकुमार थे, लेकिन जब 14 साल वनवास के बाद वापिस आए तो मर्यादा पुरूषोत्तम राम बन गए थे। अब जरा सोचो, ये राजकुमार राम मर्यादा पुरूषोत्तम राम कैसे बनें? वे 14 साल आदिवासियों के बीच में रहे थे, ये आदिवासियों ने अयोध्या के राजकुमार को प्रभु राम बना दिया था, मर्यादा पुरूषोत्तम राम बना दिया था। हम प्रभु राम की भक्ति करते हैं, क्योंकि मेरे आदिवासियों के संग ने राजकुमार राम को मर्यादा पुरूषोत्तम राम बना दिया था और इसलिए हम राम की तो पूजा करते हैं लेकिन राम को प्रभु राम बनाने वाले आदिवासियों की भी पूजा करते हैं। लेकिन साथियों, कांग्रेस-झामुमो और उसके सहयोगियों को आदिवासियों का हित, उनका गौरव बर्दाश्त नहीं होता। भारतीय जनता पार्टी ने एक आदिवासी बेटी को देश की राष्ट्रपति बनाया, द्रौपदी मूर्मू जी आपके यहां गवर्नर रह चुकी हैं, आप उनको भली- भांति जानते हैं, वो आज देश की सर्वश्रेष्ठ पद पर हैं। देश की तीनों सेनाओं को वो कमान करती हैं। मुझे बताइये भाइयों एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति किसने बनाया? किसने बनाया? किसने बनाया? किसने बनाया? मोदी ने नहीं बनाया, आपके एक वोट ने बनाया है। ये आपके वोट की ताकत है कि आपने मोदी को सेवा करने का मौका दिया और ये आपके वोट की ताकत है कि द्रौपदी मूर्मू जी देश की राष्ट्रपति हैं। आप कहिये भइया, द्रौपदी मूर्मू जी का राष्ट्रपति बनना हम सबका गर्व का विषय है कि नही है? आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? अभिमान होता है कि नहीं होता है? लेकिन कांग्रेस और उसके साथी, पहले दिन से आदिवासी बेटी द्रौपदी मूर्मू राष्ट्रपति बन गई, ये पचा नहीं पा रहे हैं, डगर- डगर पर उनका अपमान करते हैं। जो ताजा घटना घटी है, ये घटना बहुत गंभीर है भाइयों और इसलिए मुझे देश वासियों के सामने मेरी पीड़ा व्यक्त करना जरूरी है। (भैया वो तस्वीर नीचे रख दो आप नीचे बैठिए तस्वीर नीचे रखो आप भी नीचे बैठो नीचे बैठिए आप, धन्यवाद) देशवासियों के सामने मैं मेरी अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। हमें राष्ट्रपति का पद इतना महत्वपूर्ण होता है, गलती से भी उसको अपमानित नहीं करना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी जिसकी सोच 18वीं शताब्दी की सोच है। 18वीं शताब्दी की सोच है, पापी मन है। क्या हुआ मैं बताता हूं। अभी हमारी राष्ट्रपति जी अयोध्या प्रभु रामलला के दर्शन करने, वहां पूजा- अर्चन करने गई थीं और पूजा- अर्चन करके आयीं, ये कांग्रस वालों की 18वीं शताब्दी की मानसिकता, विकृत मानसिकता, पापी मन, ये कह रहा है, घोषणा की उन्होंने, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुबंई में ये कहा कि ये राम मंदिर का अब हम शुद्धिकरण करेंगे। राम मंदिर को गंगा जल से धोयेंगे। क्या एक आदिवासी, प्रभु राम लला के दर्शन करें और इसलिए आपको मंदिर धोना पड़े, ये कौन सी मानसिकता है आपकी? ये राष्ट्रपति का अपमान है कि नहीं है? राष्ट्रपति का अपमान है कि नहीं है? नारी का अपमान है कि नहीं है? हिन्दुस्तान का अपमान है कि नही है? प्रभु राम का अपमान है कि नहीं है? राष्ट्रपति का अपमान है कि नहीं है? ऐसे लोगों को माफ कर सकते हैं क्या? कभी भी माफ कर सकते हैं क्या? हिन्दुस्तान ऐसे लोगों को माफ कर सकता है क्या? भाइयों-बहनों, ये कांग्रेस वाले लोग हैं, इन्हें सिर्फ आप से वोट चाहिए उनको आपके प्रति प्रेम नहीं है। वो आपको मनुष्य मानने को तैयार नही हैं भाइयों, इतना बड़ा पाप उन्होंने किया इसलिए मैं ये पीड़ा, देशवासियों के सामने रख रहा हूं। मुझे बताइये ये लोग आपसे एक वोट पाने के हकदार हैं क्या?

साथियों,

कांग्रेस के शहजादे इन दिनों एक नया फॉर्मूला लेकर आए हैं। आपने सुना होगा वो कह रहे हैं कि कांग्रेस आएगी तो आपकी संपत्ति की जांच करवाएगी, एक्स रे करेंगे, एक्स करेंगे और आपके पास कितनी जमीन है, माताओं-बहनों के पास सोना-चांदी गहने क्या है, ये सारा एक्स रे मशीन से खोजा जाएगा। आपकी संपत्ति भी, आपकी मेहनत की कमाई की संपत्ति भी, आप अपने संतानों को नहीं दे पायेंगे, वो ऐसा कानून लाने वाले हैं, अगर आपके पास दस एकड़ भूमि है तो आपके संतानों के पांच एकड़ ही दे पायेंगे, पांच एकड़ ये शहजादे की सरकार लूट लेगी। आपके पास गांव में घर है और शहर में छोटा सा घर लिया, दो घर है तो एक गया। तो क्या आपकी मेहनत की कमाई आप किसी को लूटने देंगे क्या? किसी को लेने देंगे क्या? ये आपके मेहनत की कमाई पर आपका हक है कि नहीं है? आपके बच्चों का हक है कि नहीं है? ये लूटना चाहते हैं और मोदी दीवार बन कर खड़ा है। अच्छा, वो लूट करके क्या करने वाले हैं। वो लूट करके, उनकी वोट बैंक, आपको मालूम है कि उनकी वोट बैंक कौन है? ये सारी संपत्ति उनको बांट देंगे।

भाइयों-बहनों,

ये संपत्ति पर पहला अधिकार किसका, डॉ मनमोहन सिंह जी ने कहा था, इस देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। मतलब ये सारी संपत्ति मुसलमानों को देने का वो निर्णय कर- करके चल रहे हैं भाइयों। साथियों, ये कांग्रेस का पंजा हमारे दलितों, हमारे पिछड़ों, हमारे आदिवासियों का आरक्षण भी छीनना चाहता है। ये पूरे देश में इस काम में जुटे हुए हैं कि SC/ST/OBC का आरक्षण छीनो और अपने वोट बैंक को दे दो। इन्होंने आंध्र प्रदेश में यही किया, रातों- रात सभी मुसलमानों को ओबीसी बना दिया और कर्नाटक में जो OBC का हिस्सा थे उसे लूट लिया।

भाइयों-बहनों,

बाबा साहेब अंबेडकर ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था। धर्म के आधार पर आरक्षण को कोई सहमत नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने भी मना किया है। ये धर्म के नाम पर आरक्षण कर- करके इस देश के SC/ST/OBC को मिला हुआ हक लूटना चाहते हैं और इसलिए भाइयों- बहनों हम सबको बहुत चौकन्ना रहने की जरूरत है। हमें एक बात याद रखनी है, जो झारखंड के बहुत बड़े गुनहगार हैं, जिन्हें चारा घोटाले में अदालत ने सजा दी है, जो बिहार और झारखंड में जंगलराज के प्रतीक रहे हैं, उन्होंने कहा है कि पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को ही दे देना चाहिए, यानी जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की चली तो SC-ST-OBC के पास कहीं कोई आरक्षण नहीं रह जाएगा। आपका पूरा आरक्षण छीनकर ये लोग मुस्लिमों को देना चाहते हैं। आप मुझे बताइये, क्या आपको ये स्वीकार्य है? आपको ये मंजूर है? कांग्रेस-झामुमो को अपने आरक्षण पर डाका डालने देंगे क्या आप?

साथियों,

तुष्टीकरण की राजनीति का सबसे बड़ा नुकसान दलित, पिछड़ा और आदिवासी को होता है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तो उसने ये खेल कई राज्यों में खेला। कांग्रेस ने घुसपैठियों को समर्थन दिया, नतीजा ये कि दलितों, आदिवासियों की ज़मीनों पर घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया। अब वही आग ये लोग झारखंड में लगाना चाहते हैं। JMM सरकार में यहां घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हमारे आदिवासी समाज की बच्चियां घुसपैठियों का शिकार हो रही हैं। बच्चियों को जिंदा जलाने की घटना सामने आ रही हैं। ये जो घुसपैठिए आए हैं, ये क्या वहां से अपनी जमीन लेकर आए हैं क्या? ये किसकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं? दलित, आदिवासी की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। ये लोग झारखंड और भारत की पहचान बदलना चाहते हैं। इसलिए आपको इनसे सावधान रहना है।

साथियों,

20 मई को आपका हर वोट झारखंड के लिए सुरक्षा का ढाल बनेगा। आपका वोट देशविरोधी ताकतों को रोकने के लिए मोदी को ताकत देगा। मेरा अनुरोध है, चतरा से श्री कालीचरण सिंह जी और हजारीबाग से मनीष जायसवाल जी को कमल के निशान पर बटन दबा करके इन्हें विजयी बनाइए और जब आप कमल के निशान पर बटन दबायेंगे न, तो आपका वोट सीधा- सीधा मोदी को जाएगा। साथियों, आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाइये जाकर के कहिएगा मोदी जी चतरा आए थे और आप सब परिवार वालों को प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचायेगा। बोलिए भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।