उपस्थित सभी महानुभाव और मेरे परिवार के सभी सदस्य, बंधु गण, मैंने ये कहा कि मेरे परिवार के! दो कारण से - एक तो मैं बनारस का हो गया हूं और दूसरा बचपन से एक ही याद रही है, वो है, रेल। इसलिए रेल से जुड़ा हर व्यक्ति मेरे परिवार का सदस्य है और इस अर्थ में मैं परिवार जनों के बीच आज आया हूं। मुझे खुशी है कि आज यहां दो महत्वपूर्ण प्रकल्प, एक तो 4,500 horse power capacity का डीज़ल इजिंन राष्ट्र को समर्पित हो रहा है और ये हमारी capability है। भारत को आगे बढ़ना है, तो इस बात पर बल देना होगा कि हम, हमारे आत्मबल पर, हमारी शक्ति के आधार पर हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का काम करें।

एक समय था, ये देश पेट भरने के लिए अन्न बाहर से लाता था। जब विदेशों से अन्न आता था, तब हमारा पेट भरता था। लेकिन इस देश में एक ऐसे महापुरूष हुए जिसने बेड़ा उठाया, देश के किसानों को ललकारा, आवाह्न किया, उनको प्रेरणा दी, जय जवान जय किसान का मंत्र दिया और देश के किसानों ने अन्न के भंडार भर दिए। आज हिंदुस्तान अन्न विदेशों में दे सके, ये ताकत आ गई है। वो काम किया था, इसी धरती के लाल, लाल बहादुर शास्त्री ने। अगर हमारे किसान देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, अन्न के भंडार भर सकते हैं, तो देश की उस ताकत को पहचान करके हमने देश की उस युवा शक्ति का आवाह्न किया है - Make in India! हमारी जितनी आवश्यकताएं हैं, उसका निर्माण देश में क्यों नहीं होना चाहिए? क्या कमी है! जिस देश के पास होनहार नौजवान हों, 65 प्रतिशत 35 साल से कम उम्र के नौजवान हों, वो देश क्या नहीं कर सकता है?

इसलिए भाइयों, बहनों, लाल बहादुर शास्त्री का मंत्र था- जय जवान जय किसान और उन्होंने देश के अन्न के भंडार भर दिए। हम Make in India का मंत्र ले करके आए हैं इंडिजिनस! भारत की विधा से, भारत के संसाधनों से भारत अपनी चीज़ों को बनाए। आज, डिफेंस के क्षेत्र में हर चीज़ हम बाहर से लाते हैं। अश्रु गैस भी बाहर से आता है, बताईए! रोने के लिए भी बाहर से हमको साधन लाने पड़ते हैं। ये बदलना है मुझे और उसमें एक महत्वपूर्ण पहल आज आपके यहां से.. indigenous .. मुझे बताया गया, ये जो इंजिंन बना है, इसमें 96% कंपोनेंट यहीं पर बने हैं, आप ही लोगों ने बनाए हैं। मैंने कहा है कि वो 4% भी नहीं आना चाहिए। बताइए कैसे करोगे? उन्होंने कहा- हम बीड़ा उठाते हैं, हम करेंगे। डिफेंस..सब चीज़ें हम बाहर से ला रहे हैं, मोबाइल फोन बाहर से ला रहे हैं, बताईए! हमारे देश में हमें एक वायुमंडल बनाना है और इस पर हम कोशिश कर रहे हैं।

रेलवे! आप ने मुझे, जब से प्रधानमंत्री बना हूं, बार बार मेरे मुंह से रेलवे के बारे में सुना होगा। घूम फिर करके कहीं भी भाषण करता हूं तो रेलवे तो आ ही जाता है। एक तो बचपन से आदत है और दूसरा, मेरा स्पष्ट मानना है कि भारत में रेलवे देश को आगे ले जाने की इतनी बड़ी ताकत रखती है, लेकिन हमने उसकी उपेक्षा की है। मेरे लिए रेलवे एक बहुत बड़ी प्राथमिकता है। आप कल्पना कर सकते हो, इतना बड़ा infrastucture! इतनी बड़ी संख्या में manpower! इतना पुराना experience! और विश्व में सर्वाधिक लोगों को ले जाने लाने वाला ये इतना बड़ा organization हमारे पास हो। इसको अगर आधुनिक बनाया जाए, इसको अगर technology upgradation किया जाए, management perfection किया जाए। service oriented बनाया जाए तो क्या हिंदुस्तान की शक्ल सूरत बदलने में रेलवे काम नहीं आ सकती? भाइयों, बहनों मैं ये सपना देख करके काम कर रहा हूं। इसलिए रेलवे तो आगे बढ़ना ही है, लेकिन रेलवे के माध्यम से मुझे देश को आगे बढ़ाना है। और, अब तक क्या हुआ है, रेल मतलब- दो-पांच किलोमीटर नई पटरी डाल दो, एक आद दो नई ट्रेन चालू कर दो, इसी के आस-पास चला है। हम उसमें आमूल-चूल परिवर्तन चाहते हैं।

उसी प्रकार से human resource development. हम जानते हैं कि रेलवे में अभी भी बहुत लोगों को रोज़गार मिलने की संभावनाएं हैं। लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वे हिम्मत नहीं करते। अगर आर्थिक रूप से उनको मजबूत बनाया जाए तो हज़ारो नौजवान रेलवे अभी भी absorb कर सकता है, इतनी बड़ी ताकत है। इसलिए योग्य manpower के लिए हम चार युनिवर्सिटी बनाना चाहते हैं, हिंदुस्तान के चार कोनों में। उस युनिवर्सिटी में जो आएंगे उन नौजवानों की शिक्षा दीक्षा होगी और उनको रेलवे के अंदर नौकरी मिलेगी। हमारे कई रेलवे के कर्मचारी हैं। उनकी संतानों को अगर वहां पर पढ़ने का अवसर मिलेगा तो अपने आप रेलवे में नौकरी करने के लिए उसकी सुविधा बढ़ जाएगी। उसको भटकना नहीं पड़ेगा। कुछ लोग अफवाहें फैलाते हैं। आप में से कई लोग होंगे जो 20 साल की उम्र के बाद, 22 साल की उम्र के बाद, पढ़ाई करने के बाद रेलवे से जुड़े होंगे। मैं जन्म से जुड़ा हुआ हूं। इसलिए आप लोगों से ज्यादा रेलवे के प्रति मेरा प्यार है, क्योंकि मेरा तो जीवन ही उसके कारण बना है। जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि रेलवे का privatization हो रहा है, वो सरासर गलत है। मुझ से ज्यादा इस रेलवे को कोई प्यार नहीं कर सकता और इसलिए ये जो गप्प चलाए जा रहे हैं, भाईयों, बहनों न ये हमारी इच्छा है, न इरादा है, न सोच है। हम इस दिशा में कभी जा नहीं सकते, आप चिंता मत कीजिए। हम क्या चाहते हैं - आज देश के गरीबों के लिए जो पैसा काम आना चाहिए, स्कूल बनाने के लिए, अस्पताल बनाने के लिए, रोड बनाने के लिए, गांव के अंदर गरीब आदमी की सुविधा के लिए, उन सरकारी खजाने के पैसे हर साल रेलवे में डालने पड़ते हैं। क्यों? रेलवे को जि़ंदा रखने के लिए। हम कितने साल तक हिंदुस्तान के गरीबों की तिजोरी से पैसे रेल में डालते रहेंगे? और अगर कहीं और से पैसा मिलता है, तो समझदारी इसमें है कि गरीबों के पैसे रेल में डालने के बजाए, जो धन्ना सेठ हैं, उनके पैसे रेल में डालने चाहिए। इसलिए कम ब्याज से आज दुनिया में पैसे मिलते हैं। हम उन पैसों को रेलवे के विकास के लिए लगाना चाहते हैं, जिसके कारण, आप जो रेलवे में काम कर रहे हैं, उनका भी भला होगा और हिंदुस्तान का भी भला होगा। रेलवे का privatization नहीं होने वाला है।

अब मुझे बताईए, ये युनियन वालों को मैं पूछना चाहता हूं कि रूपया रेलवे में आए, डालर आए, पाउंड आए, अरे आपको क्या फर्क पड़ता है भई! आपका तो पैसा आ रहा है। दूसरी बात, रेलवे के स्टेशन जितने हैं, हमारे.. अब मुझे बताइए, मुझे रेलवे युनिवर्सिटी बनानी है..अगर रेलवे युनिवर्सिटी में मुझे जापान से मदद मिलती है, चाइना से मदद मिलती है, टेक्नॉलोजी की मदद मिलती है, expertise की मदद मिलती है, तो लेनी चाहिए कि नहीं लेनी चाहिए? ज़रा बताईए, सच्चा बोलिए, दिल से बोलिए- लेनी चाहिए कि नहीं लेनी चाहिए? यही काम ये सरकार करना चाहती है भाईयों! और इतना ही नहीं इतना ही नहीं. आज हम देखें हमारे रेलवे स्टेशन कैसे हैं? रेलवे स्टेशन पर रेलवे में 12-12 घंटे प्लेटफार्म पर काम करने वाले रेलवे के कर्मचारी को बैठने के लिए जगह नहीं होती है। ये सच्चाई है कि नहीं है? उसको बेचारे को बैठ करके खाना खाना हो, उसके लिए जगह नहीं है। क्या हमारे रेलवे स्टेशन सुविधा वाले होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए? रेलवे पर आने वाले लोगों को सुविधा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैंने सर्वे किया कि बनारस स्टेशन पे जितने पैसेंजर आते हैं, उनको बैठने के लिए सीट है क्या? और मैं हैरान हो गया कि बहुत कम सीट हैं। ज्यादातर बेचारे बूढ़े पैसेंजर भी घंटों तक रेलवे के इंतज़ार में खड़े रहते हैं। क्या उनको बैठने की सुविधा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैंने क्या किया, मेरे MPLAD का जो फंड था, मैंने रेलवे वालों को कहा, सबसे ज्यादा, जितनी बैंच लगा सकते हो, प्लेटफार्म पर लगाओ ताकि यहां गरीब से गरीब व्यक्ति को रेलवे के इंतज़ार में बैठा है तो उसको बैठने की जगह मिले। और मैंने सभी एमपी को कहा है, हिंदुस्तान भर में सभी रेलवे स्टेशन पर वो अपने MPLAD फंड में से पैसे लगा करके वहां पर वहां पर बैंचें डलवाएं ताकि रेलवे स्टेशन पर आने वाले पैसेंजर की सुविधा बढ़े। मुझे बताईए, ये सुविधा बढ़ेगी तो आशीर्वाद आपको मिलेगा कि नहीं मिलेगा? सीधी सीधी बात है, सब आपके फायदे के लिए हो रहा है भई। आप मुझे बताईए आज रेलवे स्टेशन जो हैं बड़े बड़े, heart of the city हैं! दो दो चार किलोमीटर लंबे स्टेशन हैं। नीचे तो आपकी मालिकी मुझे मंज़ूर है लेकिन रेलवे में आसमान में कोई इमारत बना देता है और रेलवे के खजाने में हजार करोड़, दो हजार करोड़ आज जाते हैं तो रेलवे मजबूत बनेगी कि नहीं बनेगी? वो प्लेटफार्म के ऊपर, हवा में, आकाश में अपनी इमारत बनाता है, रेलवे के फायदे में जाएगी कि नहीं जाएगी? मालिकी रेलवे की रहेगी कि नहीं रहेगी? रेलवे के कर्मचारियों का भला होगा कि नहीं होगा? हम जो विकास की दिशा ले करके चल रहे हैं, ये चल रहे हैं, privatization की हमारी दिशा नहीं है। हमें दुनिया भर का धन लाना है, रेलवे में लगाना है। रेलवे को बढ़ाना है, रेलवे को आगे ले जाना है और रेल के माध्यम से देश को आगे ले जाना है। हमारे देश में रेलवे को केवल यातायात का साधन माना गया था, हम रेलवे को देश के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी के रूप में देखना चाहते हैं।

इसलिए मेरे भाईयों, बहनों मैं देश भर के रेल कर्मचारियों को आज आग्रह करता हूं- आइए! हिंदुस्तान में सबसे उत्तम सेवा कहां की तो रेलवे की ये सपने को हम साकार करें। इन दिनों जो स्वच्छता का अभियान हमने चलाया है, कभी-कभार ट्विटर पर खबरें सुनने को मिलती हैं कि साहब मै पहले भी रेलवे में जाता था अब भी जाता हूं लेकिन अब जरा डिब्बे साफ-सुथरे नजर आते हैं, सफाई दिखती है देखिए लोगों को कितना संतोष मिलता है, आशीर्वाद मिलता है और ये कोई उपकार नहीं है, हमारी जिम्मेवारी का हिस्सा है। It is a part of our duty. धीरे-धीरे उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारा पूरा रेलवे व्यवस्था तंत्र साफ-सुथरा क्यों न हो उसका सबसे ज्यादा लाभ गरीब लोगों को कैसे मिले, मैं तो देख रहा हूं. रेलवे Infrastructure का उपयोग देश के विकास में इतना हो सकता है जिसकी किसे ने कल्पना नहीं की थी। हमारे देश में पोस्ट ऑफिस का नेटवर्क और रेलवे का नेटवर्क इन दोनों का अगर बुद्धिपूर्वक उपयोग किया जाए तो हमारे देश के ग्रामीण विकास की वह धरोहर बन सकते हैं।

मैं उदाहरण देता हूं- रेलवे के पास बिजली होती है, कहीं पर भी जाइए रेलवे के पास बिजली का कनेक्शन है। हिंदुस्तान की हर जगह पर। रेलवे के पास Infrastructure है। छोटे-छोटे गांव पर भी, छोटे-छोटे स्टेशन बने हुए हैं, भले ही वहां पर एक ट्रेन आती हो तो भी कोई न कोई वहां बैठा है, कोई न कोई व्यवस्था है। बाकी 24 घंटे वो खाली पड़ा रहता है उसी प्रकार से पोस्ट ऑफिस गांव-गांव तक उसका नेटवर्क है लेकिन वो पुराने जमाने की चल रही है उसमें बदलाव लाना है ये मैंने तय किया है और बदलाव लाने वाला हूं। अब मुझे बताइए गांव के अंदर जो रेलवे के स्टेशन हैं वहां पर दिन में मुश्किल से एक ट्रेन आती है मेरे हिसाब से हजारों की तादाद में ऐसी जगहें हैं, जहां बिजली हो, जहां Infrastructure हो वहीं पर अगर एक-दो कमरे और बना दिए जाएं और उन कमरों में Skill Development की Classes शुरू की जाएं क्योंकि Skill Development करना है तो Machine tools चाहिए और Machine tools के लिए बिजली चाहिए लेकिन बिजली गांव में नहीं है लेकिन रेलवे स्टेशन पर है, गांव के बच्चे Daily रेलवे स्टेशन पर आएंगे और रेलवे स्टेशन पर जो दो कमरें बने हुए होंगे उनमें जो Tools लगे हुए होंगे। Turner, Fitter के Course चलेंगे। एक साथ हिंदुस्तान में Extra पैसे खर्च किए बिना रेलवे की मदद से देश में हजारों की तादाद में Skill Development Centres खड़े हो सकते हैं कि नहीं।

मेरे भाईयों-बहनों थोड़ा दिमाग का उपयोग करने की जरुरत है, आप देखिए चीजें बदलने वाली हैं। मैं रेलवे के मित्रों से कहना चाहता हूं ऐसे स्टेशनों को Identify कीजिए जहां पर बिजली की सुविधा है वहां पर सरकार अपने खर्चे सेदो-तीन कमरे और बना दे और वहां पर उस इलाके के जो 500-1000 बच्चे हो उनके लिए Skill Development के Institutions चलें। ट्रेन ट्रेन का और Institutions, Institutions का काम करें रेलवे को Income हो जाए और गांव के बच्चों का Skill Development हो जाए। एक साथ हम अनेक व्यवस्थाएं विकसित कर सकते हैं और उस दिशा में हम आगे बढ़ना चाहते हैं।

आज एक तो सोलर प्लांट भी इसके साथ जुड़ रहा है। आधुनिक Loco shed का Expansion हो रहा है, करीब 300 करोड़ रुपए जब पूरा होगा। 300 करोड़ रुपए की लागत से यहां Expansion होने के कारण इस क्षेत्र के अनेक नौजवानों को रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ने वाली हैं।

मैं फिर एक बार रेल विभाग को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। श्रीमान सुरेश प्रभु जी के नेतृत्व में बहुत तेज गति से रेल का विकास होगा। आजादी के बाद जितना विकास हुआ है उससे ज्यादा विकास मुझे आने वाले दिनों में करना है। रेलवे के बैठे सभी मेरे साथियों आप सभी मेरे परिवारजन हैं और इसलिए मेरा आप पर हक बनता है, रेलवे वालों पर मेरा सबसे ज्यादा हक बनता है कि हम सब मिलकर के रेल को सेवा का एक बहुत बड़ा माध्यम बनाएं, सुविधा का माध्यम बनाएं और राष्ट्र की आर्थिक गति को तेज करने का एक माध्यम बना दें। उस विश्वास के साथ आगे बढ़ें, इसी एक अपेक्षा के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद.

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রোজগার মেলার আওতায় ৫১,০০০-এরও বেশি নিয়োগপত্র বিতরণ অনুষ্ঠানে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণের মূল অংশ
July 12, 2025
QuoteToday, more than 51 thousand youths have been given appointment letters, Through such employment fairs, millions of young people have already secured permanent jobs in the Government , Now these young people are playing a significant role in nation-building: PM
QuoteThe world acknowledges today that India possesses two infinite powers, One is demography, the other is democracy, In other words, the largest youth population and the largest democracy: PM
QuoteThe ecosystem of startups, innovation, and research being built in the country today is enhancing the capabilities of the nation's youth: PM
QuoteThe Government's focus is also on creating new employment opportunities in the private sector with the recently approved new scheme,the Employment Linked Incentive Scheme: PM
QuoteToday, one of India's greatest strengths is our manufacturing sector, A large number of new jobs are being created in manufacturing: PM
QuoteTo boost the manufacturing sector, the Mission Manufacturing has been announced in this year's budget: PM
QuoteA report from the International Labour Organization - ILO states that over the past decade, more than 90 crore citizens of India have been brought under the ambit of welfare schemes: PM
QuoteToday, major global institutions like the World Bank are praising India, India is being ranked among the top countries with the highest equality in the world: PM

নমস্কার!

কেন্দ্রীয় সরকারে যুবকদের স্থায়ী চাকরি প্রদানের জন্য আমাদের অভিযান অব্যাহত রয়েছে। আর এটাই আমাদের পরিচয়, কোনওরকম সুপারিশ কিংবা উৎকোচ ছাড়াই কর্মসংস্থান । আজ ৫১ হাজারেরও বেশি যুবক-যুবতীকে নিয়োগপত্র দেওয়া হয়েছে। এখন পর্যন্ত, লক্ষ লক্ষ যুবক এই ধরনের কর্মসংস্থান মেলার মাধ্যমে ভারত সরকারে স্থায়ী চাকরি পেয়েছে। এখন এই তরুণরা জাতি গঠনে বড় ভূমিকা পালন করছে। আজও, আপনাদের অনেকেই ভারতীয় রেলে দায়িত্ব পালন শুরু করছেন, অনেক সহকর্মী এখন দেশের নিরাপত্তার রক্ষী হয়ে উঠবেন, ডাক বিভাগে নিযুক্ত সহকর্মীরা প্রতিটি গ্রামে সরকারি সুযোগ-সুবিধা পৌঁছে দেবেন, কিছু সহকর্মী সকলের জন্য স্বাস্থ্য মিশনের সৈনিক হবেন, অনেক যুবক আর্থিক অন্তর্ভুক্তির ইঞ্জিনকে ত্বরান্বিত করবেন এবং অনেক সহকর্মী ভারতের শিল্প উন্নয়নে নতুন গতি সঞ্চার করবেন। আপনাদের বিভাগগুলো আলাদা, কিন্তু লক্ষ্য একটাই এবং সেই লক্ষ্যটা কী, আমাদের বারবার মনে রাখতে হবে, লক্ষ্য একটাই, বিভাগ যাই হোক না কেন, কাজ যাই হোক না কেন, পদ যাই হোক না কেন, ক্ষেত্র যাই হোক না কেন, লক্ষ্য একটাই – জাতির সেবা। নীতি এক – নাগরিক প্রথম, নাগরিক প্রথম। দেশের মানুষের সেবা করার জন্য আপনার কাছে একটি বিশাল প্ল্যাটফর্ম রয়েছে। আপনাদের জীবনের এই গুরুত্বপূর্ণ পর্যায়ে এত বড় সাফল্য অর্জনের জন্য আমি আপনাদের, সকল তরুণদের অভিনন্দন জানাই। আপনাদের এই নতুন যাত্রার জন্য আমি আপনাদের সকলকে শুভকামনা জানাই।

বন্ধুগণ,

আজ বিশ্ব স্বীকার করে যে ভারতের দুটি সীমাহীন শক্তি রয়েছে। একটি হলো ডেমোগ্রাফি, অন্যটি হলো গণতন্ত্র। অর্থাৎ, বৃহত্তম যুব জনসংখ্যা এবং বৃহত্তম গণতন্ত্র। যুবসমাজের এই শক্তি আমাদের সবচেয়ে বড় পুঁজি এবং ভারতের উজ্জ্বল ভবিষ্যতের সবচেয়ে বড় গ্যারান্টি। আর আমাদের সরকার এই মূলধনকে সমৃদ্ধির উৎস হিসেবে গড়ে তোলার জন্য দিনরাত কাজ করে যাচ্ছে। আপনারা সবাই জানেন, মাত্র একদিন আগে আমি পাঁচটি দেশ পরিদর্শন করে ফিরে এসেছি। ভারতের যুবশক্তির প্রতিধ্বনি প্রতিটি দেশেই শোনা গিয়েছিল। এই সময়ের মধ্যে যে চুক্তিগুলি হয়েছে তা দেশে এবং বিদেশে ভারতের যুবসমাজের জন্য উপকারী হবে। প্রতিরক্ষা, ওষুধ, ডিজিটাল প্রযুক্তি, জ্বালানি, বিরল মাটির খনিজ এবং এই জাতীয় অনেক ক্ষেত্র, এই ক্ষেত্রগুলিতে করা চুক্তিগুলি আগামী দিনে ভারতের জন্য অনেক উপকারী হবে, ভারতের উৎপাদন এবং পরিষেবা ক্ষেত্র একটি বড় অগ্রগতি লাভ করবে।

বন্ধুগণ,

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সময়ের পরিবর্তনের পাশাপাশি, একবিংশ শতাব্দীতে চাকরির ধরণও পরিবর্তিত হচ্ছে, নতুন নতুন ক্ষেত্রও উদ্ভূত হচ্ছে। সেজন্যেই গত দশকে ভারত তার যুবসমাজকে এর জন্য প্রস্তুত করার দিকে মনোনিবেশ করেছে। এখন এর জন্য গুরুত্বপূর্ণ সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে, আধুনিক চাহিদার কথা মাথায় রেখে আধুনিক নীতিও তৈরি করা হয়েছে। আজ দেশে স্টার্ট-আপ, উদ্ভাবন এবং গবেষণার যে বাস্তুতন্ত্র তৈরি হচ্ছে, তা দেশের যুবসমাজের সক্ষমতা বৃদ্ধি করছে। আজ যখন আমি দেখি তরুণরা তাঁদের নিজস্ব স্টার্ট-আপ শুরু করতে চান, তখন আমার আত্মবিশ্বাসও বেড়ে যায়। আর এক্টু আগেই আমাদের ডঃ জিতেন্দ্র সিং জি স্টার্টআপগুলি সম্পর্কে কিছু পরিসংখ্যান বিস্তারিতভাবে আপনাদের সঙ্গে শেয়ার করেছেন। আমি আনন্দিত যে আমার দেশের যুবসমাজ দ্রুততা এবং শক্তির সাথে একটি বৃহৎ দৃষ্টিভঙ্গি নিয়ে এগিয়ে চলেছেন; তাঁরা নতুন কিছু করতে চান।

বন্ধুগণ,

ভারত সরকার বেসরকারি ক্ষেত্রে নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরির উপরও জোর দেয়। সম্প্রতি সরকার একটি নতুন প্রকল্প অনুমোদন করেছে, যার নাম কর্মসংস্থান-সংযুক্ত উৎসাহভাতা প্রকল্প। এই প্রকল্পের আওতায়, সরকার বেসরকারি ক্ষেত্রে প্রথমবারের মতো কর্মসংস্থান পাওয়া যুবকদের ১৫,০০০ টাকা দেবে। অর্থাৎ প্রথম চাকরির প্রথম বেতনে সরকার অবদান রাখবে। এর জন্য সরকার প্রায় ১ লক্ষ কোটি টাকার বাজেট করেছে। এই প্রকল্পটি প্রায় ৩.৫ কোটি নতুন কর্মসংস্থান তৈরিতে সাহায্য করবে।

বন্ধুগণ,

আজ, আমাদের উৎপাদন ক্ষেত্র ভারতের একটি প্রধান শক্তি। উৎপাদন ক্ষেত্রে বিপুল সংখ্যক নতুন কর্মসংস্থান তৈরি হচ্ছে। উৎপাদন ক্ষেত্রকে গতিশীল করার জন্য, এই বছরের বাজেটে ‘মিশন উৎপাদন’ ঘোষণা করা হয়েছে। বিগত বছরগুলিতে, আমরা ‘মেক ইন ইন্ডিয়া’ অভিযানকে আরও জোরদার করেছি। শুধুমাত্র পিএলআই প্রকল্পের মাধ্যমে দেশে ১১ লক্ষেরও বেশি কর্মসংস্থান তৈরি হয়েছে। গত কয়েক বছরে মোবাইল ফোন এবং ইলেকট্রনিক্স ক্ষেত্র অভূতপূর্বভাবে প্রসারিত হয়েছে। আজ, প্রায় ১১ লক্ষ কোটি টাকার ইলেকট্রনিক্স উৎপাদন হচ্ছে, ১১ লক্ষ কোটি টাকা। এটিও গত ১১ বছরে ৫ গুণেরও বেশি বেড়েছে। আগে দেশে ২-৪টি মোবাইল ফোন উৎপাদন ইউনিট ছিল, মাত্র ২-৪টি। এখন ভারতে মোবাইল ফোন উৎপাদনের সঙ্গে সম্পর্কিত প্রায় ৩০০টি ইউনিট রয়েছে। আর লক্ষ লক্ষ যুবক এতে কাজ করছে। একই রকম আরেকটি ক্ষেত্র আছে এবং অপারেশন সিন্দুরের পরে, এটি নিয়ে অনেক আলোচনা হচ্ছে, এটি অত্যন্ত গর্বের সঙ্গে আলোচনা হচ্ছে এবং তা হল - প্রতিরক্ষা উৎপাদন। প্রতিরক্ষা উৎপাদনেও ভারত নতুন রেকর্ড তৈরি করছে। আমাদের প্রতিরক্ষা উৎপাদন ১.২৫ লক্ষ কোটি টাকারও বেশি পৌঁছেছে। লোকোমোটিভ ক্ষেত্রে ভারত আরেকটি বড় মাইলফলক অর্জন করেছে। ভারত বিশ্বের বৃহত্তম লোকোমোটিভ প্রস্তুতকারক দেশ হয়ে উঠেছে, বিশ্বের সর্বোচ্চ। লোকোমোটিভ, রেল কোচ, মেট্রো কোচ, আজ ভারত বিশ্বের অনেক দেশে প্রচুর পরিমাণে এগুলি রপ্তানি করছে। আমাদের অটোমোবাইল ক্ষেত্রও অভূতপূর্ব প্রবৃদ্ধি অর্জন করছে।

গত ৫ বছরেই এই খাতে প্রায় ৪০ বিলিয়ন ডলারের এফডিআই বা প্রত্যক্ষ বিদেশি বিনিয়োগ এসেছে। তার মানে নতুন নতুন কোম্পানি তৈরি হয়েছে, নতুন কারখানা স্থাপিত হয়েছে, নতুন কর্মসংস্থান তৈরি হয়েছে এবং একই সঙ্গে যানবাহনের চাহিদাও অনেক বেড়েছে, ভারতে যানবাহনের রেকর্ড বিক্রি হয়েছে। বিভিন্ন ক্ষেত্রে দেশের এই অগ্রগতি, এই উৎপাদন রেকর্ডগুলি কেবল এভাবেই তৈরি হয়, এই সব তখনই সম্ভব যখন আরও বেশি সংখ্যক যুবক-যুবতি চাকরি পাচ্ছেন। তরুণরা ঘাম ঝরিয়েছেন, তাঁদের মস্তিষ্ক কাজ করছেন, তাঁরা কঠোর পরিশ্রম করেন, দেশের তরুণরা কর্মসংস্থান পেয়েছেন এবং এই আশ্চর্যজনক কৃতিত্বও দেখিয়েছেন। এখন, একজন সরকারি কর্মচারী হিসেবে, দেশের উৎপাদন ক্ষেত্রের এই গতি যাতে অব্যাহত থাকে তা নিশ্চিত করার জন্য আপনাকে যথাসাধ্য চেষ্টা করতে হবে। যেখানেই দায়িত্ব পান, আপনাদের অনুপ্রেরণা হিসেবে কাজ করা উচিত, মানুষকে উৎসাহিত করা উচিত, বাধা দূর করা উচিত। আপনি নিজের কাজে যত বেশি সরলতা আনবেন, দেশের অন্যান্য মানুষও তত বেশি সুযোগ-সুবিধা পাবে।

বন্ধুগণ,

আজ আমাদের দেশ, এবং যে কোনও ভারতীয় অত্যন্ত গর্বের সাথে বলতে পারেন, বিশ্বের তৃতীয় বৃহত্তম অর্থনীতিতে পরিণত হওয়ার দিকে দ্রুত এগিয়ে চলেছে। এটা আমার যৌবনের ঘামের অলৌকিক ঘটনা। গত ১১ বছরে দেশ প্রতিটি ক্ষেত্রেই অগ্রগতি করেছে। সম্প্রতি আন্তর্জাতিক শ্রম সংস্থা (আইএলও) থেকে একটি খুব ভালো প্রতিবেদন বেরিয়ে এসেছে - এটি একটি চমৎকার প্রতিবেদন। এই প্রতিবেদনে বলা হয়েছে যে গত দশকে ভারতের ৯০ কোটিরও বেশি নাগরিককে কল্যাণমূলক প্রকল্পের আওতায় আনা হয়েছে। এক অর্থে, সামাজিক নিরাপত্তার পরিধি গণনা করা হয়। এবং এই প্রকল্পগুলির সুবিধাগুলি কেবল কল্যাণের মধ্যে সীমাবদ্ধ নয়। এর ফলে বিপুল সংখ্যক নতুন কর্মসংস্থানও তৈরি হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, আমি আপনাদের একটি ছোট উদাহরণ দেই – আমাদের প্রধানমন্ত্রী আবাসন প্রকল্প রয়েছে। এখন, প্রধানমন্ত্রী আবাস যোজনার আওতায় ৪ কোটি নতুন বাড়ি তৈরি করা হয়েছে এবং ৩ কোটি নতুন বাড়ি তৈরির প্রক্রিয়া চলছে। এত বাড়ি তৈরি হচ্ছে, রাজমিস্ত্রি, শ্রমিক এবং কাঁচামাল থেকে শুরু করে পরিবহন ক্ষেত্রের ছোট দোকানদার, পণ্য পরিবহনকারী ট্রাক চালকদের কাজ, আপনি কল্পনা করতে পারেন কত কর্মসংস্থান তৈরি হয়েছে। এর মধ্যে সবচেয়ে আনন্দের বিষয় হল, আমাদের গ্রামে বেশিরভাগ কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরি হয়েছে, তাই এখন আর গ্রাম ছেড়ে যেতে হচ্ছে না। একইভাবে, দেশে ১২ কোটি নতুন শৌচাগার তৈরি করা হয়েছে। এই কারণে, নির্মাণের পাশাপাশি, প্লাম্বার, কাঠমিস্ত্রি এবং আমাদের বিশ্বকর্মা সম্প্রদায়ের লোকেদের জন্য অনেক চাকরির সুযোগ তৈরি হয়েছে। এটিই কর্মসংস্থান বৃদ্ধি করে এবং প্রভাবও তৈরি করে। একইভাবে, আজ উজ্জ্বলা যোজনার আওতায় দেশে ১০ কোটিরও বেশি নতুন, আমি আপনাদের যা বলছি, নতুন এলপিজি সংযোগ দেওয়া হয়েছে। এখন এর জন্য প্রচুর পরিমাণে বোতলজাতকরণ কারখানা তৈরি করা হয়েছে। গ্যাস সিলিন্ডার প্রস্তুতকারকরা কাজ পেয়েছেন, কর্মসংস্থানও তৈরি হয়েছে, গ্যাস সিলিন্ডার এজেন্সি মালিকরা কাজ পেয়েছেন। প্রতিটি বাড়িতে গ্যাস সিলিন্ডার পৌঁছে দেওয়ার জন্য প্রয়োজনীয় কর্মীদের নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরি হয়েছে। তুমি প্রতিটি কাজ এক এক করে নিলে, অনেক ধরণের কর্মসংস্থানের সুযোগ তৈরি হয়। এই সমস্ত জায়গায় লক্ষ লক্ষ মানুষ নতুন কর্মসংস্থান পেয়েছে।

বন্ধুগণ,

আমি আরেকটি প্রকল্প নিয়েও আলোচনা করতে চাই। এখন আপনারা এই প্রকল্পটি জানেন, এর মানে হল বলা হয় যে পাঁচটি আঙুলই ঘিয়ে ডোবানো, অথবা বলা হয় যে এটা দুই হাতে লাড্ডু রাখার মতো। প্রধানমন্ত্রী সূর্য ঘর বিনামূল্যে বিদ্যুৎ প্রকল্প। সরকার আপনার বাড়ির ছাদে বা একটি ছাদের উপরে সৌরবিদ্যুৎ কেন্দ্র স্থাপনের জন্য একটি পরিবারকে গড়ে ₹৭৫,০০০ এরও বেশি অর্থ প্রদান করছে। এর মাধ্যমে প্রত্যেকে নিজেদের বাড়ির ছাদে একটি সৌরবিদ্যুৎ কেন্দ্র স্থাপন করে। একরকমভাবে, তাঁদের বাড়ির ছাদ একটি ছোটো বিদ্যুৎ কারখানায় পরিণত হয়, এটি বিদ্যুৎ উৎপাদন করে। বাড়ির মালিক নিজেই বিদ্যুৎ ব্যবহার করেন, যদি অতিরিক্ত বিদ্যুৎ থাকে তবে তিনি তা বিক্রি করেন। এর ফলে বিদ্যুৎ বিল শূন্য হচ্ছে এবং টাকা সাশ্রয় হচ্ছে। এই প্রকল্পগুলি স্থাপনের জন্য, প্রকৌশলী এবং প্রযুক্তিবিদদের প্রয়োজন। সৌর প্যানেল তৈরির জন্য কারখানা স্থাপন, কাঁচামাল এবং তার পরিবহনের জন্য কারখানা স্থাপন আর এটি মেরামতের জন্য একটি সম্পূর্ণ নতুন শিল্প তৈরি করা হচ্ছে। আপনি কল্পনা করতে পারেন? আমাদের প্রতিটি প্রকল্পই মানুষের জন্য ভালো করছে, কিন্তু প্রধানমন্ত্রী সূর্য ঘর বিনামূল্যে বিদ্যুৎ প্রকল্পর ফলে লক্ষ লক্ষ নতুন কর্মসংস্থান তৈরি হচ্ছে।

বন্ধুগণ,


নমো ড্রোন দিদি অভিযানও তেমনি আমাদের গ্রামের বোন ও কন্যাদের আয় বৃদ্ধি করেছে আর গ্রামীণ এলাকায় নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগও তৈরি করেছে। এই প্রকল্পের আওতায় লক্ষ লক্ষ গ্রামীণ বোনকে ড্রোন পাইলট হিসেবে প্রশিক্ষণ দেওয়া হচ্ছে। প্রাপ্ত প্রতিবেদনগুলি থেকে জানা যায় যে, আমাদের ড্রোন সিস্টার্স, আমাদের গ্রামের মা ও বোনেরা, যারা ড্রোনের মাধ্যমে কৃষিকাজে সহায়তা প্রদানের জন্য চুক্তি গ্রহণ করেন, তারা প্রতিটি কৃষি মৌসুমে লক্ষ লক্ষ টাকা আয় করতে শুরু করেছেন। শুধু তাই নয়, এটি দেশে ড্রোন তৈরির সঙ্গে সম্পর্কিত নতুন ক্ষেত্রকে অনেক শক্তি যোগাচ্ছে। কৃষি হোক বা প্রতিরক্ষা, আজ ড্রোন তৈরি দেশের যুবসমাজের জন্য নতুন সুযোগ তৈরি করছে।

বন্ধুগণ,

দেশে ৩ কোটি লক্ষপতি দিদি তৈরির অভিযান চলছে। এর মধ্যে ১.৫ কোটি বোন ইতিমধ্যেই লক্ষপতি হয়ে গেছেন। আর আপনারা জানেন যে, লক্ষপতি দিদি হওয়ার অর্থ হল, তার আয় বছরে কমপক্ষে ১ লক্ষ টাকার বেশি হওয়া উচিত এবং এটি কেবল একবার নয়, প্রতি বছর হওয়া উচিত, তবেই তিনি আমার লক্ষপতি দিদি। ১.৫ কোটি লক্ষপতি দিদি, এখন যদি আপনারা গ্রামে যান, তাহলে কিছু কথা শুনতে পাবে, ব্যাংক সখি, বীমা সখি, কৃষি সখি, পশু সখি, আমাদের গ্রামের মা-বোনেরাও এরকম অনেক প্রকল্পে কর্মসংস্থান পেয়েছেন। একইভাবে, প্রধানমন্ত্রী স্বনিধি প্রকল্পের আওতায়, প্রথমবারের মতো, ফুটপাতে হকারদের সঙ্গে কাজ করা লোকদের দিকে সাহায্যের হাত বাড়িয়ে দেওয়া হয়েছিল। এর আওতায় লক্ষ লক্ষ সহকর্মী কর্মসংস্থান পেয়েছেন এবং ডিজিটাল পেমেন্টের কারণে, আজকাল আমাদের সমস্ত রাস্তার বিক্রেতারা নগদ অর্থ গ্রহণ করেন না, তারা ইউপিআই ব্যবহার করেন। কেন? কারণ তাঁরা ব্যাংক থেকে তাৎক্ষণিকভাবে অতিরিক্ত টাকা পেয়ে যান। ব্যাংকের আস্থা বৃদ্ধি পায়। তার কোনও কাগজের প্রয়োজন নেই। তার মানে একজন রাস্তার বিক্রেতা আজ আত্মবিশ্বাস এবং গর্বের সঙ্গে এগিয়ে যাচ্ছেন।

প্রধানমন্ত্রী বিশ্বকর্মা প্রকল্পটি একবার দেখুন। এর আওতায় আমাদের পূর্বপুরুষের কাজ, ঐতিহ্যবাহী কাজ, পারিবারিক কাজকে আধুনিকীকরণ করা হচ্ছে, এতে নতুনত্ব আনা হচ্ছে, নতুন প্রযুক্তি আনা হচ্ছে, নতুন সম্পদ আনা হচ্ছে, এতে কর্মরত কারিগর, শিল্পী এবং পরিষেবা প্রদানকারীদের প্রশিক্ষণ দেওয়া হচ্ছে। ঋণ দেওয়া হচ্ছে, আধুনিক সরঞ্জাম দেওয়া হচ্ছে। আমি আপনাদের এমন অসংখ্য প্রকল্পের কথা বলতে পারি। এমন অনেক প্রকল্প রয়েছে যা দরিদ্রদের উপকার করেছে এবং যুবকদের কর্মসংস্থানের ব্যবস্থাও করেছে। এই ধরণের অনেক প্রকল্পের প্রভাব হল যে মাত্র ১০ বছরে দেশের ২৫ কোটি মানুষ দারিদ্র্য থেকে বেরিয়ে এসেছে। যদি কর্মসংস্থান না থাকত, পরিবারে যদি আয়ের কোন উৎস না থাকত, তাহলে আমার দরিদ্র ভাইবোনেরা, যাঁরা তিন-চার প্রজন্ম ধরে দারিদ্র্যের মধ্যে জীবনযাপন করছিলেন, তাঁরা মৃত্যুকেই তাদের জীবনের প্রতিটি দিন কাটানোর একমাত্র উপায় হিসেবে দেখতেন, আমি খুব ভয় পেতাম। কিন্তু আজ এই প্রকল্পটি এতটাই শক্তিশালী হয়ে উঠেছে যে আমার ২৫ কোটি দরিদ্র ভাইবোন দারিদ্র্যকে জয় করেছে। তিনি বিজয়ী হয়ে উঠেছেন। আর আমি আমার এই ২৫ কোটি ভাইবোনের সাহসের প্রশংসা করি, যারা দারিদ্র্যকে পিছনে ফেলে এসেছেন। তিনি সরকারি প্রকল্পের সুযোগ নিয়ে সাহসের সঙ্গে এগিয়ে গেছেন এবং বসে কাঁদেননি। তিনি দারিদ্র্যকে উপড়ে ফেলেছিলেন এবং পরাজিত করেছিলেন। এখন আপনি কল্পনা করতে পারেন যে এই ২৫ কোটি মানুষের মনে কতটা নতুন আত্মবিশ্বাস তৈরি হবে। একবার একজন ব্যক্তি সংকট থেকে বেরিয়ে আসার পর, নতুন শক্তির উৎপত্তি হয়। আমার দেশেও একটি নতুন শক্তি এসেছে, যা দেশকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার ক্ষেত্রে খুবই কার্যকর হবে। আর দেখুন, এটা শুধু সরকারই বলছে না। আজ, বিশ্বব্যাংকের মতো বৃহৎ আন্তর্জাতিক প্রতিষ্ঠানগুলি এই কাজের জন্য প্রকাশ্যে ভারতের প্রশংসা করছে। ভারতকে বিশ্বের কাছে একটি মডেল হিসেবে উপস্থাপন করছে। ভারত বিশ্বের সর্বোচ্চ সমতার দেশগুলির মধ্যে শীর্ষে স্থান পাচ্ছে। তার মানে বৈষম্য দ্রুত হ্রাস পাচ্ছে। আমরা সমতার দিকে এগিয়ে যাচ্ছি। বিশ্ব এখন এটিও লক্ষ্য করছে।

 উন্নয়নের এই মহাযজ্ঞ, দরিদ্রদের কল্যাণ এবং কর্মসংস্থান সৃষ্টির যে লক্ষ্য নিয়ে এগিয়ে চলেছে, আজ থেকে তা এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার দায়িত্ব আপনাদের। সরকার যেন বাধা না হয়, সরকারের উচিত উন্নয়নের প্রবক্তা হওয়া। প্রতিটি মানুষের সামনে এগিয়ে যাওয়ার সুযোগ আছে। হাত ধরা আমাদের কাজ। আর বন্ধুরা, আপনারা তো তরুণ। আপনাদের উপর আমার অনেক আস্থা আছে। আপনাদের কাছ থেকে আমার প্রত্যাশা হল, আপনাদের যেখানেই দায়িত্ব দেওয়া হোক না কেন, প্রথমেই আপনারা এই দেশের নাগরিক হিসেবে, সহনাগরিকদের সাহায্য করুন এবং তাদের সমস্যা থেকে মুক্তির পথ দেখান, দেশ দ্রুত এগিয়ে যাবে। আপনাদের ভারতের অমৃত কালের অংশ হতে হবে। আগামী ২০-২৫ বছর আপনাদের ক্যারিয়ারের জন্য গুরুত্বপূর্ণ, কিন্তু আপনারা এমন একটা সময়ে আছেন, যখন আগামী ২০-২৫ বছর দেশের জন্য খুবই গুরুত্বপূর্ণ। উন্নত ভারত গড়ার জন্য এই ২৫ বছর অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ। অতএব, আপনাদের কাজ, আপনাদের দায়িত্ব, আপনাদের লক্ষ্যগুলোকে একটি উন্নত ভারতের সংকল্পের সঙ্গে একীভূত করতে হবে। 'নাগরিক দেবো ভব' মন্ত্রটি আমাদের শিরা-উপশিরায় প্রবাহিত হওয়া উচিত, আমাদের হৃদয় ও মনে থাকা উচিত, আমাদের আচরণে দৃশ্যমান হওয়া উচিত।

আর আমি নিশ্চিত বন্ধুরা, কারণ, গত ১০ বছরে দেশকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার ক্ষেত্রে এই যুবশক্তিই আমার পাশে দাঁড়িয়েছে। দেশের মঙ্গলের জন্য আমার প্রতিটি কথা রাখতে তাঁরা যথাসাধ্য চেষ্টা করেছেন। আমি যেখানেই ছিলাম, সেখান থেকেই এটা করেছি।আপনাদের একটা সুযোগ আছে, আপনাদের কাছ থেকে অনেক প্রত্যাশা আছে। আপনাদের দায়িত্ব আরও বড়, আমি নিশ্চিত যে আপনারা তা করবেন। আমি আবারও আপনাদের অনেক অনেক অভিনন্দন জানাই। আপনাদের পরিবারের সদস্যদের প্রতি আমার শুভকামনা জানাই। আপনাদের পরিবারেরও উজ্জ্বল ভবিষ্যৎ কামনা করি। আপনিও জীবনে অনেক উন্নতি করুন। আইজিওটঅট(iGOT) প্ল্যাটফর্মে গিয়ে নিজেকে ক্রমাগত আপগ্রেড করতে থাকুন। একবার জায়গা খুঁজে পেলে, চুপ করে বসে থাকবেন না, বড় স্বপ্ন দেখবেন না, অনেক দূর যাওয়ার কথা ভাববেন না। কাজ করে, নতুন জিনিস শিখে এবং নতুন ফলাফল অর্জন করে অগ্রগতি অর্জন করুন। আপনার অগ্রগতিতে দেশের গর্ব হবে, আপনার অগ্রগতিতে সন্তুষ্টি থাকবে। আর তাই আজ যখন আপনারা নতুন জীবন শুরু করছেন, আমি আপনাদের সঙ্গে কথা বলতে এসেছি, আপনাদের শুভকামনা জানাতে এসেছি,  এবং অনেক স্বপ্ন পূরণ করতে এসেছি কারণ আপনারা এখন আমার সঙ্গী হচ্ছেন। আমার ঘনিষ্ঠ সহচরদের একজন হিসেবে আমি আপনাদের প্রত্যেককে স্বাগত জানাই। আপনাদের সকলকে অনেক ধন্যবাদ। অনেক অনেক শুভেচ্ছা।

প্রধানমন্ত্রীর মূল ভাষণটি ছিল হিন্দিতে