আমাদের সরকারের মন্ত্র হচ্ছে 'সবকা সাথ, সবকা বিকাশ': প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী
কেন্দ্র সরকার দেশের প্রতিটি নাগরিককে উন্নয়নের মূলধারার সাথে যুক্ত করতে প্রতিশ্রুতিবদ্ধ: প্রধানমন্ত্রী মোদী
লেহ্‌, লাদাখ এবং কার্গিলের উন্নয়নের জন্য কোনো ত্রুটি রাখবে না: প্রধানমন্ত্রী মোদী

यहां आने से पहले किसी ने मुझसे कहा कि लेह में तो बहुत ठंड है। शून्‍य से कहीं नीचे तापमान है। इतनी सर्दी में आप सभी यहां आए, सचमुच मैं भाव-विभोर हूं और सबको नमन करता हूं। एयरपोर्ट से उतरने का बाद बहुत बड़ी-बड़ी आयु की माताएं एयरपोर्ट के बाहर आशीर्वाद देने के लिए आईं थी। इतने mines degree temperature में वो खुले में खड़ी थीं। मैं भी कार से उतरकर के उनको नमन करने के लिए नीचे चला गया। मन को इतना आनोदलित कर दिया। कि ये प्‍यार, आशीर्वाद ये माताओं का स्‍नेह और वो भी इतनी विपरीत परिस्थिति में प्रकृति साथ न देती हो तब एक नई ऊर्जा मिलती है, नई ताकत मिलती है। आप लोगों के इस अपनत्‍व, इस स्‍नेह को देखकर मुझे जो थोड़ी बहुत भी ठंड लग रही थी। अब उसका भी इतना अहसास नहीं हो रहा है।

मंच पर विराजमान जम्‍मू और कश्‍मीर के राज्‍यपाल, श्रीमान सतपाल मलिक जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी और इसी जम्‍मू-कश्‍मीर की धरती के संतान डॉ. जितेंद्र सिंह जी, जम्‍मू-कश्‍मीर विधानपरिषद के अध्‍यक्ष श्रीमान हाजी अनायत अली जी, लद्दाख स्‍वेग पहाड़ी विकास परिषद लेह के अध्‍यक्ष श्रीमान जे.टी नमगयाल जी, लद्दाख स्‍वेग पहाड़ी विकास परिषद लेह के अध्‍यक्ष श्रीमान फिरोज अहमद जी, विधानपरिषद के सदस्‍य श्रीमान चेरिंग डोरेजे जी और यहां उपस्थित मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों...

लद्दाख वीरों की धरती है। चाहे 1947 हो या 1962 की जंग या फिर कारगिल की लड़ाई यहां के वीर फौजियों ने लेह और कारगिल के जांबाज लोगों ने देश की सुरक्षा निश्चित की है। इतनी खुबसूरत पहाडि़यों से सुशोभित लद्दाख अनेक नदियों का स्‍त्रोत भी है। और सही मायने में हम सभी के लिए स्‍वर्ग का उपहार है। 9-10 महीनें में मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। आप जिन मुश्किल परिस्थितियों में रहते हैं। हर कठिनाई को चुनौती देते हैं। वो मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा होती है। कि आप सभी के लिए और डटकर काम करना है। जो स्‍नेह आप मुझे देते हैं... मुझे ब्‍याज समेत विकास करके उसको लौटाना है। मुझे ये अहसास है कि मौसम आप सभी के लिए मुश्किलें लेकर के आता है। बिजली की समस्‍या होती है, पानी की दिक्‍कत आती है। बीमारी की स्थिति में परेशानी होती है। पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करना पड़ता है। दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। मैंने यहां पर मुझे बहुत सौभाग्‍य मिला है आपके बीच रहने का पहले जब मैं मेरी पार्टी के संगठन का काम करता था। तो बहुत लंबे समय तक आप लोगों के बीच में रहा। मैंने यहां पर रहते हुए खुद देखा है, लोगों को मुश्किलों का सामना करते हुए देखा है।

साथियों इन्‍हीं परेशानियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। और इसलिए मैं खुद बार-बार लेह, लद्दाख और जम्‍मू-कश्‍मीर आता रहता हूं। पिछली बार बिजली से जुड़े अनेक प्रकार के प्रोजेक्‍टस का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया था तो आज भी आपके जीवन को आसान बनाने वाली करीब 3 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं के, 3 हजार करोड़ रुपये उसके उद्घाटन, शिलान्‍यास और लोकार्पण अभी-अभी आपने देखा किया गया है।

draj hybro electrical project से leh और कारगिल के अनेक गांवों को पर्याप्‍त और सस्‍ती बिजली उपलब्‍ध हो पाएगी। वहीं श्रीनगर उल्‍लेस्तिन दराज कारगिल ट्रांसमिशन रैक है तो मुझे ही शिलान्‍यास करने का अवसर मिला था। और आज लोकार्पण भी मुझे ही करने का सौभाग्‍य मिला। 2 हजार करोड़ से अधिक की इस परियोजना से अब लेह-लद्दाख की बिजली की समस्‍या कम होने वाली है।

साथियों, हमारी सरकार के काम करने का तरीका ही यही है। लटकाने और भटकाने की पुरानी संस्‍कृति अब देश पीछे छोड़ चुका है और आने वाले पांच साल में मुझे ये लटकाने और भटकाने की परंपरा को देश निकाला कर देना है। जिस परियोजना का शिलान्‍यास किया जाता है, पूरी शक्ति लगाई जाती है कि उसका काम समय पर पूरा हो।

भाईयो और बहनों आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्‍यास किया गया है उनसे बिजली के साथ-साथ लेह-लद्दाख की देश और दुनिया के दूसरे शहरों से connectivity सुधरेगी, पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेगें और यहां के युवाओं को पढ़ाई के लिए यहीं पर अच्‍छी सुविधाएं भी मिलेंगी। यहां का मौसम इतना सुंदर है कि अगर हम यहां उत्‍तम प्रकार की educational institutional खड़ी कर दें तो मैं विश्‍वास से कहता हूं कि हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने से नौजवान लेह-लद्दाख में आकर के पढ़ाई करना पसंद करेंगे। और हमनें उन सपनों को देखना चाहिए, और मेरे दिमाग में ऐसे सपने पड़े हैं।

साथियों, हम सभी के सम्‍मानिय महान कुशक बकुला रिंपोचीजे ने अपना पूरा जीवन एक सपनें के लिए खपा दिया था। लेह-लद्दाख को श्रेष्‍ठ भारत से connect करना और देश की एकता और अखंडता की भावना को मजबूत करना ही पूज्‍य रिंपो जी का सबसे बड़ा सपना था।

केंद्र सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए यहां connectivity को एक नया विस्‍तार दे रही है। लेह-लद्दाख को रेल और हवाई मार्ग से जोड़ने वाले दो बड़े प्रोजेक्‍टस पर काम चल रहा है। इस क्षेत्र को पहली बार रेल मेप से जोड़ने वाली रेलवे लाइन और Kushok Bakula Rimpochee Airport की नई और आधुनिक terminal building दोनों ही यहां विकास को और गति देने वाले साबित होंगे।

साथियों, तीन दशक पहले यहां जो building बनाई गई थी। समय के साथ इसको आधुनिकता से जोड़ने, इसमें नई सुविधाओं का विकास करने के बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया। आज new terminal building का शिलान्‍यास हुआ है और बहुत जल्‍द ही लोकार्पण भी किया जाएगा। और मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं जिसका शिलान्‍यास पहले किया था उसका लोकार्पण आज कर रहा हूं आज जिसका शिलान्‍यास कर रहा हूं आपके आशीर्वाद से उसके लोकार्पण करने के लिए मैं ही आऊंगा। ये terminal अत्‍याधुनिक सुविधा देने के साथ-साथ अब ज्‍यादा यात्रियों को संभालने में सक्षम हो पाएगा।

इसी तरह बिलासपुर, मनाली, लेह रेल लाइन पर शुरुआती सर्वे हो चुका है। कई स्‍थानों में काम शुरू भी हो चुका है। जब ये रेल लाइन तैयार हो जाएगी तब दिल्‍ली से लेह की दूरी बहुत कम हो जाएगी। सर्दियों में तो यहां की पूरी सड़कें शेष भारत से कट जाती हैं। ये रेल लाइन काफी हद तक इस समस्‍या को दूर करेगी।

साथियों, किसी भी क्षेत्र में जब connectivity अच्‍छी होने लगती है तो वहां के लोगों का जीवन तो आसान होता ही है कमाई के साधन भी बढ़ते हैं। tourism को इसका सबसे अधिक लाभ होता है। लेह-लद्दाख का इलाका तो आध्‍यत्‍म, कला, संस्‍कृति, प्रकृति की सुंदरता और adventure sports के लिए दुनिया का एक महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। यहां tourism के विकास के लिए एक और कदम सरकार ने उठाया है। आज यहां पांच नए tracking route को खोलने का फैसला लिया गया है।

केंद्र सरकार ने इन routes पर protected area permit की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 15 दिन कर दी है। इससे यहां आने वाले tourist शांति से पूरा समय लेकर अपनी यात्रा का आनंद ले पाएंगे और यहां के युवाओं को ज्‍यादा रोजगार मिल पाएगा।

साथियों, मुझे बताया गया है कि इस बार 3 लाख से ज्‍यादा tourist लेह आए हैं और करीब 1 लाख लोगों ने कारगिल की visit की है। एक तरह से देंखे तो कश्‍मीर में जितने tourist अभी आए हैं उसका आधे इसी क्षेत्र में आए हैं। वो दिन दूर नहीं जब लेह-लद्दाख का tourism नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करेगा।

भाईयो और बहनों, केंद्र सरकार देश भर में विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों का दवाई, किसान को सिंचार्इ और जन-जन की सुनवाई इसको सुनिश्चित करने में जुटी हुई है। ये लेह-लद्दाख और कारगिल में भी इन सभी सुविधाओं को मजबूत करने का प्रयास चल रहा है। लद्दाख में कुल आबादी का 40 प्रतिशत हिस्‍सा युवा विद्यार्थी है। आप सभी की लंबे समय से यहां university की मांग रही है। आज आपकी ये मांग भी पूरी हुई है और इसके लिए भी आप सभी को और विशेषकर मेरे नौजवान साथियों को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। आज उस cluster university को launch किया गया है। इसमें नुब्रा, लेह और जस्‍का कारगिल में चल रहे डिग्री कॉलेजों के संसांधनों का उपयोग किया जाएगा। छात्रों की सुविधा के लिए लेह और कारगिल में भी इसके प्रशा‍सनिक दफ्तर रहेंगे।

साथियों, लेह-लद्दाख देश के उन हिस्‍से में है, जहां schedule tribes मेरे जनजातिये भाई बहनों की आबादी काफी मात्रा में है। दो दिन पहले केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है। इसमें SC ST के विकास पर बहुत बल दिया गया है। schedule tribes की welfare के लिए बजट में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। जबकि दलितों के विकास के लिए लगभग 35 प्रतिशत से अधिक का आवंटन बजट में इस बार किया गया है। बजट में SC ST welfare के लिए जो 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। इससे अब शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और दूसरी सुविधाओं में बढ़ोतरी होने वाली है।

भाईयो और बहनों, केंद्र सरकार देश के हर उस नागरिक को विकास की मुख्‍यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। जिन्‍हें कुछ कारणों से विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। इस बजट में सरकार ने बजट में घूमंतू समुदाय के लिए भी एक बहुत बड़ा फैसला किया है। ये वो लोग हैं जो अपनी जीवनशैली की वजह से, कई बार मौसम की वजह से एक ही स्‍थान पर टिक कर नहीं रह पाते, ऐसे में इन लोगों तक सरकार की योजना का लाभ पहुंचाना भी बहुत मुश्किल होता है। अब इन लोगों के लिए सरकार ने welfare development board बनाने का फैसला किया है ताकि सरकार जो विकास कार्यों को लेकर आगे चल रही है। इन विकास कार्यों का लाभ इन परिवारों तक, इन सामूहिक समुदायों तक जो आजादी के 70 साल बाद भी नहीं पहुंच पाया है। उनको तेजी से पहुंचे। और ये लोग कौन है...... सपेरा, भंजारा और जो बैलगाड़ी में घूमने वाले लुहार होते हैं ऐसे ...... बिल्‍कुल घुमंत लोग होते हैं। शिफ्ट होते हैं कहीं रुकते ही नहीं हैं, अपने पशुधन को लेकर चलते चलते ही रहते हैं। अपने स्‍थान पर आते-आते दो साल लग जाते हैं। ऐसे परिवारों की चिंता करना इस एक बहुत बड़ा फैसला हमनें किया है।

साथियों, इसके अलावा बजट में देश के किसानों के लिए भी ऐतिहासिक घोषणा सरकार ने की है। पीएम किसान सम्‍मान निधि short form में उसको कहते हैं PM kisan इस योजना का लाभ लेह-लद्दाख के अनेक किसान परिवारों को भी होने वाला है। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन किसानों के पास पांच एकड़ से कम जमीन है और यहां तो करीब-करीब सब ऐसे ही हैं। सब पास पांच एकड़ से कम जमीन वाले... उनके बैंक खाते में सीधे 6 हजार रुपये हर वर्ष दिल्‍ली.... केंद्र सरकार की तरफ से सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो जाएगा। ये दो-दो हजार की तीन किश्‍तों में आपको मिलेंगे। सीजन के हिसाब से तय किया है। जिसकी पहली किस्‍त मेरी कोशिश है कि बहुत ही जल्‍द पहुंच जाएगी। और इसलिए मैंने देश की सभी राज्‍य सरकारों को इसकी गाइडलाइनस आज ही भेज देने वाला हूं। सूचनाएं भेज दी हैं कि आपके यहां किसान ... उनकी सूची, उनका आधार नंबर तुरंत भेज दीजिए। ताकि वहां से पैसे उनके खाते में जमा हो जाए। और ऐसा नहीं कि भई बाते करना, वादे करना फिर नेडे करना ... जी नहीं, मुझे लागू करना है। और सब राज्‍यों की मशीनरी जितनी एक्टिव होगी उतना तेजी से लाभ पहुंचने वाला है।

और इसलिए यहां के आलू, मटर, गोभी उसके उत्‍पादक किसानों को प्रोत्‍साहन मिलने वाला है। और यहां की गोभी के लिए तो मुझे बराबर याद है। र्मैं संगठन में काम करता था तो दिल्‍ली से आता था दिल्‍ली वापिस जाता था। तो जो कार्यकर्ता मेरे परिचित थे वो मुझसे एक ही आग्रह करते थे कि साहब luggage का जो खर्चा होगा हम दे देंगे। एक गोभी उठाकर ले आना। और मैं भी यहां से काफी सब्‍जी ले जाता था। उन परिवारों को बड़ा अच्‍छा लगता था ये सब्‍जी खाने का। और इस नई योजना के लिए मैं सब बताता हूं किसानों के लिए अदभूत योजना है। उनको एक बहुत बड़ी ताकत देने वाली है। और जो दिल्‍ली में एयर कंडीशनर कमरों में बैठते हैं न उनको पता नहीं होता है। दुर्गम पहाड़ों में, रेगिस्‍तान में, पिछड़े इलाकों में गरीब किसान जो है न उसके लिए छ: हजार रुपया कितनी बड़ी बात होती है। ये एयर कंडीशनर कमरे में बैठे हुए लोगों को पता तक नहीं होता है। उनको समझ ही नहीं होता है।

इस नई योजना के लिए मैं आप सभी को देश भर के किसानों को ह्दयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों, लेह, लद्दाख, कारगिल भारत का शीर्ष है, हमारा मस्‍तक है, मां भारती का ये ताज हमारा गौरव है, बीते साढ़े चार वर्षों से ये क्षेत्र हमारी विकास की प्राथमिकताओं का केंद्र रहा है। मझे खुशी है कि ladakh autonomous hill development council act में बदलाव किया गया है। और council को खत जुड़े मामलों में अब ज्‍यादा अधिकार दिए गए हैं।

अब क्षेत्र के विकास के लिए आने वाले पैसे यहां की autonomous council ही जारी करती है। council के अधिकारों के दायरे और फैसले लेने की शक्ति को भी बढ़ाया गया है। इससे यहां के महत्‍वपूर्ण विषयों को ज्‍यादा तेजी से, और ज्‍यादा संवेदनशीलता से सुलझाया जा सकता है। अब आपको अपनी जरूरतों के लिए बार-बार श्रीनगर और जम्‍मू नहीं जाना होगा। लेकिन ज्‍यादातर काम यहीं लेह और लद्दाख में ही पूरे हो जाएंगे।

साथियों, केंद्र सरकार सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रही है। देश का कोई भी व्‍यक्ति, कोई भी कोना, विकास से अछूता न रहे इसके लिए ही सबका साथ-सबका विकास का मंत्र लेकर के हम पिछले साढ़े चार साल से लगातार दिन-रात कोशिश कर रहे हैं।

मैं यहां के लोगों को ये विश्‍वास दिलाता हूं। कि लेह लद्दाख कारगिल के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

केंद्र सरकार अभी हमारे मित्र ने काफी लंबा लिस्‍ट पढ़ लिया लेकिन मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं, मैं इनकी बारिकियों में नहीं जाता हूं। लेकिन मैं यहां सबसे परिचित हूं और मेरा ये सबसे बड़ा लाभ है, मैं एक ऐसा प्रधानमंत्री हूं जो हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में भटक कर के आया हो। इसलिए मुझे चीजों का काफी अंदाज है। बारीकियां अफसरों से जान लेता हूं लेकिन मुझे अनुभव होता है। मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं केंद्र सरकार आपकी आशाओं और आंकाक्षाओं का पूरा सम्‍मान करती है। और आज ये शिलान्‍यास और लोकार्पण का कार्यक्रम उसी की एक कड़ी है।

एक बार फिर जीवन को आसान बनाने वाली सभी परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। सर्दी के इस मौसम में भी आप दूर-दूर से मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए, भारी संख्‍या में पहुंचे इसके लिए भी मैं आप सबका बहुत-बहुत आभारी हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए.......

भारत माता की ......जय

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बहुत-बहुत धन्‍यवाद

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।