Our Government is working with the mantra of ‘Sabka Saath Sabka Vikas’: PM Modi
In just 100 days since its inception over 7 lakh poor patients have been benefited through Ayushman Bharat Yojana: PM Modi
130 crore Indians are my family and I’m is committed to working for their welfare: PM Modi

मेरे प्‍यारे भाइयों-बहनों।

आज प्रधान सेवक के तौर पर मैं फिर एक बार आपके बीच हूं। लेकिन उससे पहले भी यह दमन हो, दीव हो, सिलवासा हो, यहां के गांव हो यह मेरे लिए नये नहीं है। कई बार आने का अवसर मिला है। दादरा नगर हवेली और दमन दीव की सड़कों पर कभी स्‍कूटर पर घूमने का मौका मिलता था। यहां के खान-पान, रीतिरिवाज, यहां की नागली, सबकुछ जब यहां आता हूं तो पुरानी बातें याद आती है। आपके प्‍यार ने मुझे अभिभूत किया है।

साथियों 2017 में जब अप्रैल के महीने में मैं आपके बीच आया था तो अनेक योजनाओं का शिलान्‍यास किया था। मुझे खुशी है कि इतने कम समय में अधिकांश कार्य पूरा कर लिया गया है और उनमें से कई का आज लोकार्पण किया जा रहा है। आज एक बार जब फिर आपके बीच हूं तो यहां 1400 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्‍ट का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया गया है। यह परियोजनाएं, यहां की connectivity, infrastructure, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा, पर्यटन, संस्‍कृति, विरासत इन सब अनेक पहलुओें से जुड़ी यहां के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आज यहां नई Industrial Policy और नयी IT Policy भी launch की गई है। नये वर्ष पर इन उपहारों के लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

भाईयों और बहनों, सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चल रही केंद्र की सरकार विकास की पंचधारा के लिए पूरी तरह से समर्पित है। बच्‍चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई यह हमारे लिए विकास का राजमार्ग है। मुझे देखकर भी खुशी होती है कि पिछले पांच वर्षों में दमन, दीव और दादरा नगर हवेली का विकास नई ऊंचाई पर पहुंचा है। इन दोनों ही क्षेत्रों की एक नई पहचान बनी है। अनेक विषयों में यह दोनों केंद्र संघ प्रदेश व्‍यवस्‍थाओं में अपूर्णता से निकल करके पूर्णता की तरफ आगे बढ़े हैं। आज दमन, दीव और दादरा नगर हवेली दोनों ही खुद को खुले में शौच से मुक्‍त घोषित कर चुके हैं। आज दोनों ही क्षेत्रों के हर घर में LPG connection है और दोनों ही केरोसिन फ्री घोषित किए जा चुके हैं। आज दोनों यूनियन टेरीटरी के सभी घरों में बिजली कनेक्‍शन है। पानी का कनेक्‍शन है आज इन दोनों क्षेत्रों में रहने वाले वो गरीब जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्‍य थे, उन्‍हें घरों की मंजूरी दी जा चुकी है। आज दोनों ही क्षेत्रों के वो लोग जिन्‍हें आयुष्‍मान भारत योजना का लाभ मिलना है Gold Card जारी किये जा चुके हैं।

साथियों, अगर मैं बीते तीन वर्षों की ही बात करूं तो इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में करीब-करीब नौ हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। नौ हजार करोड़ आप कल्‍पना कर सकते हैं अब हमारा क्षेत्र कहां से कहां पहुंच रहा है। इस राशि से अनेक परियोजनाएं शुरू की गई है। अनेक को पूरा किया गया है। इसी कड़ी में आज यहां स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया गया है। आपकी एक बहुत पुरानी मांग भी पूरी हुई है। दादरा नगर हवेली दमन और दीव को आजादी के इतने दशकों के बाद अपना पहला मेडिकल कॉलजे मिला। आज तक दोनों केंद्रशासित राज्‍यों को साल में सिर्फ 15 सीटें ही अलग-अलग जगहों पर मिलती थी। अब प्रयास से 150 सीटें एक ही जगह पर इस नई मेडिकल कॉलेज में प्रारंभ हो रहा है। इसका मतलब यह नहीं कि आगे चल करके डेढ़ सौ पर ही रूकेगा। जैसे काम बढ़ेगा students की संख्‍या भी बढ़ेगी।

भाईयों और बहनों, कोशिश यह भी हो रही है कि बिना समय गवाएं एक वैकल्पिक बिल्डिंग से इसी वर्ष से ही मेडिकल कॉलेज शुरू किया जा सके। मुझे भी बताया गया है कि Medical Education को बढ़ावा देनेके लिए सिलवासा में पैरा मेडिकल की करीब ढ़ाई सौ और दमन में नर्सिंग की 50 सीटों की भी व्‍यवस्‍था की गई है। इन प्रयासों से से युवा साथियों का लाभ तो होगा ही यहां की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओंको बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।

साथियों, 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस कॉलेज के अलावा Health and Wellness Centre का जो Network यहां बनाया जा रहा है, उससे सामान्‍य बीमारियों का उत्‍तम ईलाज भी घर के पास ही संभव हो पाएगा। आयुष्‍मान भारत योजना के तहत 15 दर्जनों ऐसे Health and Wellness Centre का भी लोकार्पण यहां किया गया है।

भाईयों और बहनों, थोड़ी देर पहले यहां आयुष्‍मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना उनके कुछ लाभार्थियों को कार्ड दिए गए हैं। दुनिया की इस सबसे बड़ी Health Care योजना की चर्चा आज पूरे विश्‍व में हो रही है। लोग इसे Modicare कह रहे हैं। कारण यह है कि इस योजना के तहत हर दिन देश में लगभग 10 हजार से भी ज्‍यादा गरीबों का मुफ्त ईलाज सुनिश्चित हो रहा है। अब इसको 100 दिन से थोड़ा ऊपर ही समय हुआ है। इतने कम समय में ही लगभग सात लाख गरीब मरीजों का अस्पताल में ईलाज हो चुका है।

साथियों, दवाई के साथ-साथ पढ़ाई की सुविधा का भी विस्‍तार किया जा रहा है। थोड़ी देर पहले यहां शिक्षा से जुड़े नये संस्‍थान आपको समर्पित किए गए हैं। दीव का Education Hub इसके तमाम व्‍यवस्‍थाएं यहां के युवाओं को घर के पास ही अच्‍छी शिक्षा उपलब्‍ध कराने में मदद करेगी।

भाईयों और बहनों, दवाई और पढ़ाई के साथ-साथ सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी गरीब बेघर न रहे। बिना छत के उसकी जिंदगी न हो, उसको रहने के लिए पक्‍का घर हो। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव और शहरों के गरीबों को अपना पक्‍का घर देने का एक व्‍यापक अभियान देशभर में चल रहा है। इस संकल्‍प की तरफ एक कदम ओर बढ़ाते हुए दादरा नगर हवेली और दीव दमन में आज अनेक घरों का लोकार्पण किया गया है। इसके अलावा नये घरों के निर्माण कार्य का शिलान्‍यास भी थोड़ी देर पहले किया गया है। जिसमें दमन के industrial area में काम करने वाले कामगार परिवारों के लिए बना Housing Project भी शामिल है। आज जिनके घर का सपना पूरा हुआ है और जिनके घर बनने शुरू हुए हैं उनको मेरी तरफ से बहुत-बहुत हृदयपूर्वक बधाई देता हूं। नये साल में नये घर का उनका सपना पूरा हुआ है।

साथियों, बीते साढ़े चार वर्षों में दादरा नगर हवेली जैसी छोटे से क्षेत्र में एक हजार से अधिक शहरी गरीबी आवास के लिए काम किया गया है, बनाए जा चुके हैं। बीते साढ़े चार वर्षों में जिस कमेटमेंट के साथ जिस फीड और स्‍केल पर गरीबों के घर बनाने का काम चल रहा है वो अभूतपूर्व है। पहले की सरकार जहां अपने 5 साल में सिर्फ 25 लाख घर बनवा सकी थी, वहीं हमारी सरकार अब 5 साल में एक करोड़ 25 लाख से अधिक घरों का निर्माण पूरा कर चुकी है। कहां 5 साल में 25 लाख और कहां 5 साल में एक करोड़ 25 लाख से भी ज्‍यादा।

भाईयों और बहनों, यह भी सिर्फ चार दीवारियों ही नहीं, इसमें सौभाग्‍य योजना के तहत बिजली का मुफ्त कनेक्‍शन भी मिलता है। टॉयलेट भी होता है। किचन में उज्‍जवला योजना के अंतर्गत मुफ्त LPG गैस कनेक्‍शन भी दिया जाता है। दादरा नगर हवेली की बात करूं तो यहां 13 हजार बहनों को मुफ्त गैस कनेक्‍शन दिये जा चुके हैं। इस प्रकार की तमाम सुविधाएं गरीब के आत्‍मविश्‍वास को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। साथियों, सामान्‍य मानव का जीवन सरल और सुगम हो इसके लिए देश के Smart व्‍यवस्‍थाओं का निर्माण हो रहा है। सिलवासा और दीव शहर को smart city बनाने के लिए अनेक योजनाओं पर काम चल रहा है। यहां सड़के हो, गलियां हो, सीवर और पानी की व्‍यवस्‍था हो, साफ-सफाई की सुविधा हो हर स्‍तर पर काम हो रहा है। थोड़ी देर पहले smart city से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया गया है।

साथियों, सिलवासा तो इस पूरे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों का ऊर्जा केंद्र है, अनेक उद्योग यहां पर है और भविष्‍य में भी यहां उद्योगों के लिए अनेक संभावनाएं है। सिलवासा नगर निगम का भवन हो, सीवेज treatment plant हो, कनेक्टिविटी को सुगम करने वाले प्रोजेक्‍ट हो, यह सभी यहां के जीवन को आसान बनाने वाले हैं।

साथियों, सिलवासा के साथ-साथ दमन और दीव भी विकास को रफ्तार दे गए हैं। दमन गंगा पर बने नये पूल, नई सीवेज लाइन और treatment plant जैसी सुविधाओं से दमन वासियों का जीवन सुगम होने वाला है। वहीं मोटी दमन में बनी सी वॉल अब सागर की लहरों से आपकी सुरक्षा करने वाली है। इससे मिट्टी के कटान की समस्‍या बहुत कम होने वाली है। साथियों पिछली बार जब मैं यहां आया था तो अनेक आदिवासी परिवारों को जमीन के पट्टे बांटे गए। आज भी कुछ साथियों को जमीन के अधिकार पत्र सौंपने का अवसर मुझे मिला है।

भाईयों और बहनों, जमीन हों, जंगल की पैदावर हो, पढ़ाई-लिखाई हो, खेल से जुड़ी प्रतिभा हो, हर स्‍तर पर आदिवासियों के कल्‍याण के लिए व्‍यापक प्रयास किये जा रहे हैं। वंधन योजना के तहत जो जंगल की उपज है उसमें value addition और उसके उचित प्रचार-प्रयास के लिए देशभर में सेंटर बनाये जा रहे हैं। जंगल से जो उपज आदिवासी बहन-भाई इक्‍ट्ठा करते हैं उनका सही मूल्‍य मिल सके। इसके लिए समर्थन मूल्‍य का दायरा बढ़ाया गया है।

साथियों, आदिवासी की कमाई के साथ-साथ culture के संरक्षण के लिए भी गंभीर प्रयास हो रहे हैं। आज भी यहां इतिहास और सांस्‍कृतिक विरासत से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट का प्रारंभ हुआ है। cultural centre हो, पुराने किलों का संरक्षण हो, दीव में आईएनएस खुखरी से जुड़े स्‍मारक स्‍थल हो, यह निश्चित तौर पर स्‍थानीय संस्‍कृति के संरक्षण और उसके प्रचार-प्रसार में सिद्ध होने वाले हैं।

साथियों, संस्‍कृति और गौरव, इतिहास के यह स्‍मारक हमारी भावनाओं के प्रहरी तो है ही युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर भी बनाते हैं। यह टूरिज्‍म को ताकत देते हैं। दादरा और नगर हवेली में पर्यटन के लिए बहुत संभावनाएं है। इस क्षेत्र को टूरिस्‍ट मैप पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सिलवासा में बने दमन गंगा river front के पीछे की भावना भी यही है। अब यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र यहां बनकर तैयार है। इसके अलावा यहां पर 200 square km का रिजर्व forest area भी है। यह forest area Tourism Industrial के लिए वरदान है। मधुबन डैम के catchment area में water sports की activity को बढ़ाया जा सकता है। दादरा और नगर हवेली की internet connectivity भी बेहतर हो इसके लिए यहां के प्रमुख टूरिस्‍ट सेंटरों और अहम जगहों पर फ्री वाई-फाई की सुविधाओं देनेका प्रयास चल रहा है।

साथियों, टूरिज्‍म के साथ पारंपरिक रोजगार के साधनों और संसाधनों को भी मजबूती दी जा रही है। Blue revolution scheme के तहत मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है। मछुआरें बहन-भाईयों के लिए मछली पकड़ना आसान हो, मार्केट तक पहुंच आसान हो इसके लिए कौशिक की जा रही है। मछुआरों की पारिवारिक नांवों को आधुनिक मोटर बोट्स में बदलने का काम चल रहा है। मछली के उत्‍पादन से लेकर व्‍यापार तक की व्‍यवस्‍थाओं को बेहतर बनाने के लिए मछुआरों को आसान और सस्‍ते ऋण के लिए एक विशेष फंड बनाया गया है। इस फंड के माध्‍यम से करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की व्‍यवस्‍था की गई है।

भाईयों और बहनों आज गरीबों के लिए आदिवासियों के लिए, मध्‍यम वर्ग के लिए जितनी भी योजनाएं चल रही है उनके मूल में सबका साथ, सबका विकास यही हमारी प्रेरणा है, जबकि वो दल जिसने दशकों तक देश में सरकार चलाई, वो हर काम में अपनी या अपने परिवार की संभावनाएं देखता था। यही कारण है कि वहां काम से ज्‍यादा नाम पर जोर दिया गया है।

साथियों, इस पुराने सरकारी संस्‍कारको आदतों को हमने बदला है। हमने नाम की बजाय काम पर ध्‍यान दिया है। आज सरकारी योजनाओं का नाम क्‍या होता है आयुष्‍मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, ऐसी तमाम योजनाएं हैं, लेकिन कहीं पर भी मोदी का नाम नहीं है। यह दिखाता है कि हमारी नीयत जनता के विकास की है, परिवार के विकास की हमारी न संस्‍कृति है, न हमारा इरादा है। और मेरे लिए तो यह सवा सौ करोड़ देशवासीयही मेरा परिवार है और इन सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्‍याण यही मेरे लिए कलयाण का मार्ग है।

साथियों, यही साफ नीयत और स्‍पष्‍ट नीति इनको जरा खटक रही है। मोदी सरकारों के पुराने संस्‍कारों को क्‍यों बदल रहा है इससे इनको तकलीफ हो रही है। इन्‍हें दिक्‍कत है कि मोदी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई क्‍यों कर रहा है। करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए, भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ना चाहिए कि नहीं लड़ना चाहिए? देश को भ्रष्‍टाचार से मुक्ति दिलानी चाहिए कि नहीं दिलानी चाहिए? इन्‍हें परेशानी है कि सत्‍ता के गलियारों में घूमने वाले बिचौलियों को मोदी ने बाहर क्‍यों निकाल दिया। इन्‍हें गुस्‍सा आ रहा है कि मोदी गरीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन उनकी पेंशन, उनके मिलने वाले हक़ इसके हड़पने वाले बिचौलिए दलालों को बाहर क्‍यों कर रहा है। और अपने इसी गुस्‍से की वजह से अब यह लोग एक महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालत यह है कि जो पहले कांग्रेस को पानी पी-पी कर कोसते थे, वो भी एक मंच पर आ गए हैं।

साथियों, यह महागठबंधन सिर्फ मोदी के खिलाफ ही नहीं, यह देश की जनता के भी खिलाफ है। अभी तो यह पूरी तरह सब आए भी नहींहै। लेकिन हिस्‍सेदारी पर कैसे मोलभाव चल रहे हैं, लेखा-जोखा चल रहा है, लेनदेन चल रही है यह भी देश का नौजवान, देश का किसान, देश की महिलाएं पहली बार वोट डालने वाला हमारे देश का युवा इन बातों को बहुत बारीकी से देख रहा है और इन लोगों की आंख में कोई धूल झोंक नहीं पाएगा।

साथियों, इन लोगों की दुनिया मोदी से नफरत से शुरू होती है और मोदी को गाली दे करके समाप्‍त हो जाती है। मेरी दुनिया, मेरी सुबह सवा सौ करोड़ देशवासियों के कल्‍याण के संकल्‍प के साथ होती है और दिनभर पसीना बहा करके जब रात को सोने जाता हूं, आज कितना अच्‍छा काम किया इसी पर लगा रहता हूं। मेरा आदि भी वही है, मेरा अंत भी वही है। इनकी दुनिया अपने परिवार को अपने भाई-भतीजों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है और बड़े गर्व के साथ घोषित किया जा रहा है। भाईयों-बहनों, मेरी दुनिया तो मेरे सवा सौ करोड़ देशवासी आगे बढ़े, उसी के लिए समाहित है। इनकी दुनिया में भारत के विकास के लिए विजन नहीं है। भारत के भविष्‍य की बात नहीं है, वहीं मेरी कोशिश भारत को 21वीं सदी में दुनिया का श्रेष्‍ठतम देश बनाने की है।

भाईयों और बहनों अपने परिवार, अपनी सलतनत को बचाने के लिए यह कितने गठबंधन बना लें अपने कर्मों से यह नहीं भाग सकते, उनके कुकर्म डगर-डगर पर उनका पीछा कर रहे हैं, वो बच नहीं सकते। सिर्फ मोदी का विरोध इनकी स्‍वार्थ की राजनीति को अखबारों में जगह दे देगा, मीडिया में चमकते रहेंगे, लेकिन देश की जनता के दिलों में, देश को तबाह करने वाले कभी भी जगह नहीं बना पाएंगे। भाईयों-बहनों आपको शायद पता नहीं है, जो लोग जनता से उखड़ जाते हैं, जनता जब उनका मिजाज बदल देती है, जब उनके पैरों की जमनी खींसकने लगती है तो आकुल-व्‍याकुल हो जाते हैं। अभी कलकत्‍ते में आप देखिए... पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का सिर्फ एक MLA है, सिर्फ एक, कितने? एक, लेकिन वहां बीजेपी से बचने के लिए पूरे हिन्‍दुस्‍तान के सारे लोग इक्‍ट्ठे हो गए हैं। एक MLA वाली पार्टी, उसकी नींद हराम करके रख दी है, क्‍योंकि यह सत्‍य के मार्ग पर चलने वाले हम लोग हैं। एक MLA होने के बावजूद भी हिन्‍दुस्‍तान की सारी जमात वहां के इक्‍ट्ठे हो करके बचाओ, बचाओ, बचाओ के नारे लगा रही है। मैं पश्चिम बंगाल की जनता को बधाई देता हूं, मैं पश्चिम बंगाल की भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं एक अकेले MLA ने, इतनी छोटी सी पार्टी ने गलत काम करने वालों की नींद हराम कर दी है, उनी जमीन खिसक गई है, डर के मारे इक्‍ट्ठे हो रहे हैं।

भाईयों-बहनों ये लोग तानाशाह ही नहीं, पश्चिम बंगाल हो, केरल हो, डगर-डगर पर जुल्‍मशाही है। जिस पश्चिम बंगाल में political party को उसको कार्यक्रम करने के लिए रोक लगा दी जाती है। हर प्रकार की लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं की जाती है। लोकतंत्र का गला घोट दिया जाता हो, फिर वहां इक्‍ट्ठे हो करके लोकतंत्र को बचाने के भाषण देते हैं, तब मुझे इतना ही कहना है जब पूरे पश्चिम बंगाल का चित्र देखता हूं तो मैं तो इतना ही कहूंगा कि लोकतंत्र का गला घोटने वाले पंचायत के चुनाव में नामांकन करने वालों को मौत के घाट उतारने वाले जब लोकतंत्र बचाने की बात करते हैं, तब देश के मुंह से निकलता है वाह, क्‍या सीन है। साथियों यह लड़ाई सकारात्‍मक सोच और नकारात्‍मक रवैये के बीच की है। यह लड़ाई विकास और भ्रष्‍टाचार के बीच की है, यह लड़ाई जनता और महागठबंधन के बीच की है। भाईयों और बहनों सकारात्‍मक सोच के साथ सही प्रयास ही नये भारत के निर्माण का रास्‍ता है। इसी रास्‍ते पर हम सभी को देश के जन-जन को तेज गति से चलना है। यह positivity नये वर्ष में हमारे मन-मस्तिष्‍क में देश के कौने-कौन में बढ़ रही है। इसी कामना के साथ, देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के निर्णय के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं और भाईयों-बहनों आप देख रहे हैं मैं सुबह से चल पढ़ा हूं। भारत की सेना को 'मेक इन इंडिया' का लाभ मिले, भारत की सेना के पास मजबूत टैंक देश से बनी हुई हो, कभी सुबह जा करके उनकी चिंता करता हूं देश की सेना, ताकत बढ़ाने के लिए तो आज अभी यहां दीव दमन में आ करके यहां की जन सुरक्षा के लिए, यहां की युवा पीढ़ी को मेडिकल कॉलेज मिले इसके लिए काम कर रहा हूं। भाईयों-बहनों कलकत्‍ते में लोग मिल करके दल बचाने का जुगाड़ कर रहे हैं और मैं आपके बीच आ करके देश को आगे बढ़ाने के लिए जी-जान से लगा हुआ हूं, यह फर्क साफ है दोस्‍तों। यह फर्क साफ है। वो खुद को बचाने के लिए सहारा ढूंढ रहे हैं, मैं देश को आगे बढ़ाने के लिए सबका साथ, सबका विकास ले करके चल पड़ा हूं और आज इतने छोटे से दीव दमन में लाखों की तादाद में आ करके आपने जो आशीर्वाद दिया, जो प्‍यार दिया यही हिन्‍दुस्‍तान का मिजाज़ है। यह दीव दमन यह लघु भारत है। हिन्‍दुस्‍तान का कोई कोना ऐसा नहीं है जिसके लोग यहां नहीं रहते हो। मैं अभी आ रहा था, मैं गाड़ी से आ रहा था, लेकिन दोनों तरफ एक लघु भारत मैंने देखा, हिन्‍दुस्‍तान के हर राज्‍य के लोग अपने-अपने पहनावे के साथ खड़े हुए थे, मैं पैदल चल के उनको प्रणाम करते हुए आपके बीच पहुंच गया भाईयों, क्‍योंकि हमें देश को आगे बढ़ाना है।

भाईयों-बहनों दल के लिए मरने-मिटने वाले बहुत लोग होंगे, देश के लिए मरने-मिटने वाले हम आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपको समर्पित हैं। आपके आशीर्वाद के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद करते हुए मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिये .

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।
भारत माता की जय।
बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।