Quote"তিনি ১৮৫৭ সালের স্বাধীনতা যুদ্ধের নায়ক-নায়িকা এবং রানী লক্ষ্মীবাঈকে শ্রদ্ধা নিবেদন করেছেন ; মেজর ধ্যানচাঁদকে স্মরণ করেছেন
Quote"প্রধানমন্ত্রী এনসিসি প্রাক্তনী সংগঠনের প্রথম সদস্য হিসেবে নাম নথিভুক্ত করেছেন
Quote"একদিকে আমাদের স্বশস্ত্র বাহিনীর ক্ষমতা বৃদ্ধি হচ্ছে, একইসঙ্গে ভবিষ্যতে দেশকে রক্ষা করতে সক্ষম যুব সম্প্রদায়কে প্রস্তুত করা হচ্ছে
Quote"সরকার সৈনিক স্কুলগুলিতে মেয়েদের ভর্তি শুরু করেছে। ৩৩টি স্কুলে এই শিক্ষাবর্ষ থেকে ইতিমধ্যেই ছাত্রীদের ভর্তি শুরু হয়েছে
Quoteদীর্ঘদিন ধরে বিশ্বে অস্ত্র কেনার দেশের তালিকায় ভারত ছিল সবার ওপরে। কিন্তু আজ দেশের মন্ত্র হল- মেক ইন ইন্ডিয়া, মেক ফর দ্য ওয়ার্ল্ড

जौन धरती पै हमाई रानी लक्ष्मीबाई जू ने, आजादी के लाने, अपनो सबई न्योछार कर दओ, वा धरती के बासियन खों हमाऔ हाथ जोड़ के परनाम पौंचे। झाँसी ने तो आजादी की अलख जगाई हती। इतै की माटी के कन कन में, बीरता और देस प्रेम बसो है। झाँसी की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई जू को, हमाओ कोटि कोटि नमन।

कार्यक्रम में हमारे साथ उपस्थित उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल, उत्तर प्रदेश के ऊर्जावान कर्मयोगी मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, देश के रक्षामंत्री और इस प्रदेश के यशस्वी प्रतिनिधि और मेरे बहुत वरिष्ठ सहयोगी श्रीमान राजनाथ सिंह जी, रक्षा राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट जी, MSME राज्य मंत्री श्री भानुप्रताप वर्मा जी, सभी अन्य अधिकारीगण, एनसीसी कैडेट्स और alumni, और उपस्थित साथियों!

झांसी की इस शौर्य-भूमि पर कदम पड़ते ही, ऐसा कौन होगा जिसके शरीर में बिजली न दौड़ जाती हो! ऐसा कौन होगा यहाँ जिसके कानों में ‘मैं मेरी झाँसी नहीं दूँगी’ की गर्जना न गूंजने लगती हो! ऐसा कौन होगा जिसे यहाँ के रजकणों से लेकर आकाश के वृहत शून्य में साक्षात् रणचंडी के दिव्य दर्शन न होते हों! और आज तो शौर्य और पराक्रम की पराकाष्ठा हमारी रानी लक्ष्मीबाई जी का जन्म जयंती भी है! आज झांसी की ये धरती आज़ादी के भव्य अमृत महोत्सव की साक्षी बन रही है! और आज इस धरती पर एक नया सशक्त और सामर्थ्यशाली भारत आकार ले रहा है! ऐसे में आज झांसी में आकर मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ, इसकी अभिव्यक्ति शब्दों में आसान नहीं है। लेकिन मैं देख सकता हूँ, राष्ट्रभक्ति का जो ज्वार, ‘मेरी झाँसी’ का जो मनोभाव मेरे मन में उमड़ रहा है, वो बुंदेलखंड के जन-जन की ऊर्जा है, उनकी प्रेरणा है। मैं इस जागृत चेतना को महसूस भी कर रहा हूँ, और झांसी को बोलते हुये सुन भी रहा हूँ! ये झांसी, रानी लक्ष्मीबाई की ये धरती बोल रही है- मैं तीर्थ स्थली वीरों की मैं क्रांतिकारियों की काशी मैं हूँ झांसी, मैं हूँ झांसी, मैं हूँ झांसी, मैं हूँ झांसी, मेरे ऊपर माँ भारती का अनंत आशीर्वाद है कि क्रांतिकारियों की इस काशी- झांसी का अथाह प्यार मुझे हमेशा मिला है, और ये भी मेरा सौभाग्य है कि मैं, झांसी की रानी की जन्मस्थली, काशी का प्रतिनिधित्व करता हूं, मुझे काशी की सेवा का अवसर मिला है। इसलिए, इस धरती पर आकर मुझे एक विशेष कृतज्ञता की अनुभूति होती है, एक विशेष अपनापन लगता है। इसी कृतज्ञ भाव से मैं झाँसी को नमन करता हूँ, वीर-वीरांगनाओं की धरती बुंदेलखंड को सर झुकाकर प्रणाम करता हूँ।

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साथियों,

आज, गुरुनानक देव जी की जयंती, कार्तिक पूर्णिमा के साथ-साथ देव-दीपावली भी है। मैं गुरुनानक देव जी को नमन करते हुये सभी देशवासियों को इन पर्वों की हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। देव-दीपावली पर काशी एक अद्भुत दैवीय प्रकाश में सजती है। हमारे शहीदों के लिए गंगा के घाटों पर दिये जलाए जाते हैं। पिछली बार मैं देव दीपावली पर काशी में ही था, और आज राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व पर झाँसी में हूं। मैं झांसी की धरती से अपनी काशी के लोगों को हार्दिक बधाई देता हूँ।

भाइयों-बहनों,

ये धरती रानी लक्ष्मीबाई की अभिन्न सहयोगी रहीं वीरांगना झलकारी बाई की वीरता और सैन्य कौशल की भी साक्षी रही है। मैं 1857 के स्वाधीनता संग्राम की उस अमर वीरांगना के चरणों में भी आदरपूर्वक नमन करता हूँ, अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। मैं नमन करता हूँ इस धरती से भारतीय शौर्य और संस्कृति की अमर गाथाएँ लिखने वाले चंदेलों-बुंदेलों को, जिन्होंने भारत की वीरता का लोहा मनवाया! मैं नमन करता हूँ बुंदेलखण्ड के गौरव उन वीर आल्हा-ऊदल को, जो आज भी मातृभूमि की रक्षा के लिए त्याग और बलिदान के प्रतीक हैं। ऐसे कितने ही अमर सेनानी, महान क्रांतिकारी, युगनायक और युग नायिकाएँ रही हैं जिनका इस झाँसी से विशेष रिश्ता रहा है, जिन्होंने यहाँ से प्रेरणा पाई है, मैं उन सभी महान विभूतियों को भी आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ। रानी लक्ष्मीबाई की सेना में उनके साथ लड़ने वाले, बलिदान देने वाले आप सब लोगों के ही तो पूर्वज थे। इस धरती की आप सब संतानों के माध्यम से मैं उन बलिदानियों को भी नमन करता हूँ, वंदन करता हूँ।

साथियों,

आज मैं झाँसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद जी का भी स्मरण करना चाहूँगा, जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया में पहचान दी। अभी कुछ समय पहले ही हमारी सरकार ने देश के खेल-रत्न अवार्ड्स को मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर रखने की घोषणा की है। झाँसी के बेटे का, झाँसी का ये सम्मान, हम सभी को गौरवान्वित करता है।

साथियों,

यहाँ आने से पहले मैं महोबा में था, जहां बुंदेलखण्ड की जल-समस्या के समाधान के लिए पानी से जुड़ी योजनाओं, और दूसरी विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास का अवसर मुझे मिला। और अब, झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ का हिस्सा बन रहा हूँ। ये पर्व आज झाँसी से देश के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर रहा है। अभी यहाँ 400 करोड़ रुपए के भारत डाइनैमिक लिमिटेड के एक नए प्लांट का शिलान्यास हुआ है। इससे यूपी डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड को नई पहचान मिलेगी। झाँसी में एंटी-टैंक मिसाइल्स के लिए उपकरण बनेंगे, जिनसे सीमाओं पर हमारे जवानों को नई ताकत, नया विश्वास और इसका परिणाम सीधा-सीधा यही होगा कि देश की सीमाएं और ज्यादा सुरक्षित होंगी।

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साथियों,

इसके साथ ही, आज भारत में निर्मित स्वदेशी लाइट combat हेलीकाप्टर्स, ड्रोन्स, और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी हमारी सेनाओं को समर्पित किए गए हैं। ये ऐसा लाइट combat हेलीकाप्टर है जो करीब साढ़े 16 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। ये नए भारत की ताकत है, आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धि है, जिसकी साक्षी हमारी ये वीर झाँसी बन रही है।

साथियों,

आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरुआत होगी, ये आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे। हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की भी शुरुआत की है। 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एडमिशन शुरू भी हो गए हैं। यानी, अब सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियाँ भी निकलेंगी, जो देश की रक्षा-सुरक्षा और विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी। इन सब प्रयासों के साथ ही, एनसीसी alumni असोसिएशन और एनसीसी कैडेट्स के लिए ‘नेशनल प्रोग्राम ऑफ सिमुलेशन ट्रेनिंग’, ये ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ की भावना को साकार करेंगे और मुझे खुशी है कि आज रक्षा मंत्रालय ने, एनसीसी ने मुझे मेरे बचपन की यादें याद दिला दीं। मुझे फिर से एक बार एनसीसी का वो रुबाब, एनसीसी का एक मिजाज उसे जोड़ दिया। मैं भी देशभर में उन सबसे आग्रह करूंगा कि आप भी अगर कभी एनसीसी कैडेट के रूप में रहे हैं, तो आप जरूर इस alumni association के हिस्से बनिये और आओ, हम सभी पुराने एनसीसी कैडेट देश के लिए आज जहां हों, जैसा भी काम करते हों, कुछ ना कुछ देश के लिए करने का संकल्प करें, मिलकर करें। जिस एनसीसी ने हमें स्थिरता सिखाई, जिस एनसीसी ने हमें साहस सिखाया, जिस एनसीसी ने हमें राष्‍ट्र के स्‍वाभिमान के लिए जीने का सबक सिखाया, ऐसे संस्‍कारों को देश के लिये हम भी उजागर करें। एनसीसी के कैडेट्स जज्बे का, उनके समर्पण का लाभ अब देश के बार्डर और कोस्टल एरियाज़ को भी प्रभावी तरीके से मिलेगा। आज पहला एनसीसी alumni सदस्यता कार्ड मुझे देने के लिये मैं आपका सबका बहुत आभारी हूं। मेरे लिए ये गर्व का विषय है।

साथियों,

एक और बड़ी अहम शुरुआत आज झाँसी की बलिदानी मिट्टी से हो रही है। आज ‘नेशनल वार मेमोरियल’ पर डिजिटल किओस्क को भी लॉंच किया जा रहा है। अब सभी देशवासी हमारे शहीदों को, वार हीरोज को मोबाइल ऐप के जरिए अपनी श्रद्धांजलि दे सकेंगे, पूरे देश के साथ एक प्लैटफ़ार्म भावनात्मक रूप से जुड़ सकेंगे। इन सबके साथ ही, आज यूपी सरकार द्वारा अटल एकता पार्क और 600 मेगावाट का अल्ट्रामेगा सोलर पावर पार्क भी झाँसी को समर्पित किया गया है। आज जब दुनिया प्रदूषण और पर्यावरण की चुनौतियों से जूझ रही है, तब सोलर पावर पार्क जैसी उपलब्धियां देश और प्रदेश के दूरदर्शी विज़न का उदाहरण हैं। मैं विकास की इन उपलब्धियों के लिए, अनवरत चल रही कार्य-योजनाओं के लिए भी आप सभी को बधाई देता हूँ।

साथियों,

मेरे पीछे ऐतिहासिक झांसी का किला, इस बात का जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा! रानी लक्ष्मीबाई के पास अगर अंग्रेजों के बराबर संसाधन और आधुनिक हथियार होते, तो देश की आज़ादी का इतिहास शायद कुछ और होता! जब हमें आज़ादी मिली, तब हमारे पास अवसर था, अनुभव भी था। देश को सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाना, आत्मनिर्भर भारत बनाना हमारी ज़िम्मेदारी है। यही आज़ादी के अमृतकाल में देश का संकल्प है, देश का लक्ष्य है। और बुंदेलखण्ड में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर इस अभियान में सारथी की भूमिका निभाने जा रहा है। जो बुंदेलखण्ड कभी भारत के शौर्य और साहस के लिए जाना जाता था, उसकी पहचान अब भारत के सामरिक सामर्थ्य के प्रमुख केंद्र के तौर पर भी होगी। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र के लिए विकास का एक्सप्रेस बनेगा, ये मेरे पर विश्‍वास कीजिए। आज यहाँ मिसाइल टेक्नालजी से जुड़ी एक कंपनी का शिलान्यास हो रहा है, आने वाले समय में ऐसी ही कई और कंपनियाँ भी आएँगी।

साथियों,

लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार और एक प्रकार से हमारी क्‍या पहचान बन गयी। हमारी पहचान एक ही बन गयी हथियार खरीदार देश। हमारी गिनती उसी में रह रही थी। लेकिन आज देश का मंत्र है- Make In India, Make for world. आज भारत, अपनी सेनाओं को, आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। हम देश के डिफेंस सेक्टर से देश के प्राइवेट सेक्टर के टेलेंट को भी जोड़ रहे हैं। नए स्टार्ट-अप्स को अब इस क्षेत्र में भी अपना कमाल दिखाने का मौका मिल रहा है। औऱ इन सबके यूपी डिफेंस कॉरिडोर का झांसी नोड, बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। इसका मतलब है- यहां की MSME इंडस्ट्री के लिए, छोटे उद्योगों के लिए नई संभावनाएं तैयार होंगी। यहाँ के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। और इसका मतलब है- जो क्षेत्र कुछ साल पहले तक गलत नीतियों के कारण पलायन से पीड़ित था, वो अब नई संभावनाओं के कारण निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। देश विदेश से लोग बुंदेलखण्ड आएंगे। बुंदेलखण्ड की जिस धरती को कभी कम बारिश और सूखे की वजह से बंजर माना जाने लगा था, वहाँ आज प्रगति के बीज अंकुरित हो रहे हैं।

साथियों,

देश ने ये भी तय किया है कि रक्षा बजट से जो हथियारों-उपकरणों की खरीद होगी, उसमें बड़ा हिस्सा मेक इन इंडिया उपकरणों पर ही खर्च होगा। रक्षा मंत्रालय ने 200 से ज्यादा ऐसे उपकरणों की लिस्ट भी जारी की हैं, जो अब देश में से ही खरीदे जाएंगे, बाहर से ला ही नहीं सकते हो। उन्हें विदेश से खरीदने पर पाबंदी लगा दी गई है।

साथियों,

हमारे आदर्श रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, अवंती बाई, ऊदा देवी जैसी अनेक वीरांगनाएं हैं। हमारे आदर्श लौहपुरुष सरदार पटेल, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसी महान आत्माएँ हैं। इसलिए, आज अमृत महोत्सव में हमें एक साथ आना है, एक साथ आकर देश की एकता अखंडता के लिए, हम सबकी एकता के लिए संकल्प लेना है। हमें विकास और प्रगति के लिए संकल्प लेना है। जैसे अमृत महोत्सव में आज रानी लक्ष्मीबाई को देश इतने भव्य तरीके से याद कर रहा है, ऐसे ही बुंदेलखंड के अनेकानेक बेटे और बेटियाँ हैं। मैं यहाँ के युवाओं से आवाहन करूंगा, अमृत महोत्सव में इन बलिदानियों के इतिहास को, इस धरती के प्रताप को देश दुनिया के सामने लाइये। मुझे पूरा विश्वास है, हम सब मिलकर इस अमर वीर भूमि को उसका गौरव लौटाएँगे। और मुझे खुशी है कि संसद में मेरे साथी भाई अनुराग जी लगातार ऐसे विषयों पर कुछ ना कुछ करते रहते हैं। मैं देख रहा हूं कि राष्‍ट्र रक्षा इस साप्ताहिक पर्व को जिस प्रकार से उन्होंने स्थानीय लोगों को सक्रिय किया, सरकार और लोग मिलकर के कैसा अद्भुत काम कर सकते हैं वो हमारे सांसद और उनके पूरे सभी साथियों ने करके दिखा दिया है। मैं उनको भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस भव्य समारोह को सफल बनाने के लिये आदरणीय राजनाथ जी के नेतृत्व में पूरी टीम ने जिस कल्पकता के साथ स्थान का चयन करना, डिफेंस कॉरिडोर के लिये उत्तर प्रदेश राष्‍ट्र रक्षा के लिये अनेक विविध आहूतों को तैयार करने की भूमि बने, इसके लिये आज का ये इवेंट बहुत लंबे कालखंड तक प्रभाव पैदा करने वाला है। इसलिये राजनाथ जी और उनकी पूरी टीम अनेक-अनेक अभिनंदन के अधिकारी हैं। योगी जी ने भी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई ताकत दी है, नई गति दी है, लेकिन डिफेंस कॉरिडोर और बुंदेलखण्‍ड की इस धरती को शौर्य और सामर्थ्य के लिए फिर एक बार राष्‍ट्र रक्षा की उपजाऊ भूमि के लिये तैयार करना मैं समझता हूं ये बहुत बड़ा दूर दृष्टि काम है। मैं उनको भी बधाई देता हूं।

साथियों,

आज के इस पवित्र त्योहारों के पल पर आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!

  • रीना चौरसिया September 11, 2024

    बीजेपी
  • Reena chaurasia August 31, 2024

    BJP BJP
  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    great
  • G.shankar Srivastav June 18, 2022

    नमस्ते
  • Sonia March 10, 2022

    mere account hai 50100423820116 please please please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 help help help help help help
  • Sonia March 10, 2022

    meri pregnancy hai please please please please meri help kardo please please please please please please
  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

    जय भारत
  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

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  • शिवकुमार गुप्ता January 25, 2022

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Let us build a strong and resilient future for the world: PM Modi
June 07, 2025
QuotePM outlines 5 key global priorities to strengthen Disaster Resilience
QuoteIndia established a tsunami warning system benefiting 29 countries: PM
QuoteIndia's recognises the Small Island Developing States as Large Ocean Countries and the need for special attention to their vulnerabilities: PM
QuoteStrengthening Early warning systems and coordination is crucial: PM
QuoteA global digital repository of learnings and best practices of building back from disasters would be beneficial for entire world: PM

Excellencies,

Distinguished delegates, Dear friends, Namaskar.

Welcome to the International Conference on Disaster Resilient Infrastructure 2025. This conference is being hosted in Europe for the very first time. I thank my friend, President Macron and the Government of France for their support. I also extend my wishes for the upcoming United Nations Oceans Conference.

Friends,

The theme of this conference is ‘Shaping a Resilient Future for Coastal Regions'. Coastal regions and islands are at great risk due to natural disasters and climate change. In recent times, we saw: Cyclone Remal in India and Bangladesh, Hurricane Beryl in the Caribbean, Typhoon Yagi in South-east Asia, Hurricane Helene in the United States, Typhoon Usagi in Philippines and Cyclone Chido in parts of Africa. Such disasters caused damage to lives and property.

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Friends,

India also experienced this pain during the super-cyclone of 1999 and the tsunami of 2004. We adapted and rebuilt, factoring in resilience. Cyclone shelters were constructed across vulnerable areas. We also helped build a tsunami warning system for 29 countries.

Friends,

The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure is working with 25 Small Island Developing States. Resilient homes, hospitals, schools, energy, water security and early warning systems are being built. Given the theme of this conference, I am glad to see friends from the Pacific, Indian Ocean and the Caribbean here. Further, I am happy that the African Union has also joined the CDRI.

Friends,

I would like to draw your attention to some important global priorities.

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First: Courses, modules and skill development programmes on disaster resilience need to become part of higher education. This will build a skilled workforce that can tackle future challenges.

Second: Many countries face disasters and rebuild with resilience. A global digital repository of their learnings and best practices would be beneficial.

Third: Disaster resilience requires innovative financing. We must design actionable programmes and ensure developing nations have access to finance.

Fourth: We consider Small Island Developing States as Large Ocean Countries. Due to their vulnerability, they deserve special attention.

Fifth: Strengthening early warning systems and coordination is crucial. This helps timely decisions and effective last-mile communication. I am sure that discussions in this conference will consider these aspects.

Friends,

Let us build infrastructure that stands firm against time and tide. Let us build a strong and resilient future for the world.

Thank You.