Publications released today are Granths. They will leave a mark in history: PM Modi
Contribution of President Mukherjee to India is immense: PM Modi
We can learn from President Mukherjee how people from diverse political backgrounds can work together: PM

उपस्थित सभी वरिष्ठ महानुभाव,

राष्ट्रपति जी के कार्यकाल का आज चार वर्ष पूर्ण होने पर मैं आदर्णीय राष्ट्रपति जी को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनन्दन करता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। आपके चार साल के कार्यकाल में अधिक समय मुझे आपके साथ प्रधानरूपमंत्री के रूप में कार्य करने सौभाग्य मिला। मैं दिल्ली की दुनिया में नया था। ये सारा माहौल मेरे लिये नया था। ऐसे समय राष्ट्रपति जी ने एक Guardian की तरह एक Mentor की तरह बहुत से विषयों पर मुझे उंगली पकड़ कर चलाया। ऐसा सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है, जो मुझे मिला है।

आज यहां कई ग्रंथों का लोकार्पण हुआ है। मैं किताब नहीं कह रहा हूं ग्रंथ कह रहा हूं। मैं ग्रंथ इसलिए कह रहा हूं कि इनमें वो चीजें समाहित हैं, जो कल्पना के दायरे से नहीं इतिहास के झरोखे से निकली हुई है। और जो चीजें इतिहास के झरोखे से निकलती है। वे आने वाले पीढ़ियों के मन-मंदिर में एक अमिट छाया छोड़कर के जाती है। और उस अर्थ में ये जो प्रकाशन है, वो प्रकाशन इतिहास का हिस्सा बनने जा रहा है। मैं इस कार्य के लिए राष्ट्रपति जी को और उनकी पूरी Team को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

अभी Museum देखने का सौभाग्य मिला। श्रीमान घोष का इतना उत्साह था कि अगर ओमिता ने रोका न होता तो शायद हम रात को ग्यारह बजे यहां आते। और आपमें से जिसको भी इस Museum को देखने का समय मिले। मैं आग्रह करूंगा पूरा दिन निकालकर के आइए, इतनी बारीकियां हैं। इतनी विविधता है। और इतिहास को पुनर्जीवित करने का एक अद्भुत प्रयास है। ये ऐसा Museum है, जहां इतिहास, कला, कल्पना शक्ति और Technology ये चारों का मिलन है और इसलिए जो भी इससे जुड़ेगा। वो इन चारों के माध्यम से इतिहास को जी सकता है। सिर्फ इतिहास को जान सकता है, ऐसा नहीं, वो कुछ पल के लिए इतिहास को जी सकता है। और इस अर्थ में मैं समझता हूं की जिस वैज्ञानिक तरीके से, जिस Research के साथ और जो कलात्मक रूप से उसका Presentation किया है, उसके लिए श्रीमान घोष और उनकी पूरी Team को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और उनका अभिनन्दन करता हूं।


राष्ट्रपति जी ने भारत के जीवन में तो बहुत बड़ा योगदान दिया है। एक लंबा कार्यकाल रहा है उनका सार्वजनिक जीवन का। लेकिन चार साल की अल्पावधि में आपने राष्ट्रपति भवन को भी बहुत कुछ दिया है। एक प्रकार से राष्ट्रपति भवन सामान्य मानव, को इतिहास को और भारत के सर्वोच्च स्थान को एक प्रकार से उन्होंने मिलन बिन्दू बनाया है। और ये हमने आपमें आपका बहुत बड़ा योगदान इस परिसर के संदर्भ में मैं देखता हूं। और सबसे बड़ी खुशी की बात यह है, मेरा राजनीतिक Background अलग है। राष्ट्रपति जी का राजनीतिक Background अलग है। लेकिन लोकतंत्र में भिन्न विचार प्रभावों से पले बड़े व्यक्ति भी किस प्रकार से कंधे से कंधा मिलाकर के काम कर सकते हैं। ये राष्ट्रपति जी के पास रह कर के हर पल हम अनुभव कर सकते हैं।

भारत सरकार की जितनी योजनाएं हैं। कई राज्य ऐसे होंगे, जिनको शायद भारत सरकार की कुछ योजनाएं लागू करने में या लागू किये तो, बोलने में थोड़ा झिझक रहती होगी। मैं आज बड़े गर्व के साथ कहता हूं कि भारत सरकार की जितनी योजनाएं, ये राष्ट्रपति भवन परिसर..ये भी एक छोटा सा गांव है। दस हाजर से ज्यादा लोग यहां रहते हैं। इस गांव के रूप में उन सारी योजनाओं को यहां लागू करने का प्रयास हुआ है। चाहे Renewable Energy की बात हो। Water conversation की बात हो। Environment related initiatives हों। हर चीज को Digital India तो यहां Digital राष्ट्रपति भवन। एक प्रकार से भारत सरकार की सारी योजनाओं को miniature रूप में यहां पर लागू करने का भरपूर प्रयास राष्ट्रपति जी ने किया है। किसी ओर व्यक्ति की दल की सरकार हो, उसके बावजूद भी उस सरकार के कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन के भी कार्यक्रम बनने चाहिए। ये ऊंचाई आदर्णीय प्रणव दा ही दिखा सकते हैं। और इसलिए मैं उनका हृदय से वंदन करता हूं। अभिनन्दन करता हूं।

मुझे विश्वास है और इतिहास जीवन को एक जड़ी बूटी के रूप में काम आता है। जो इतिहास को भूल जाते हैं। वो एक प्रकार से जीवन के रस कस को खो देते हैं। मंदिर में जो मूर्तियां होती हैं। पत्थर से ही अलंकृत होती हैं। लेकिन सालों साल अनेक लोगों की भक्ति से वो भगवान का रूप धारण कर लेती है। ऐतिहासिक स्थानों के हर पत्थर उस पत्थर का भी अपना एक इतिहास होता है। हर पत्थर चीख – चीख कर के बीते हुए कल की बात बता करके आने वाले कल के लिए रास्ता दिखाने की ताकत रखता है। लेकिन आवश्यकता होती है। उस पत्थर को भी सुनने के लिए सामर्थ पैदा करने की। इस Museum के द्वारा पत्थर को बोलने की ताकत दी गई है। हम उसे सुनने की ताकत लें। और नई आने वाली पीढ़ी को कुछ पाने देने के लिए एक नया सार्थ प्राप्त करें।

मैं फिर एक बार इस प्रयास के लिए सबका अभिनन्दन करता हूं। आदर्णीय राष्ट्रपति जी का फिर से एक बार चार वर्ष पूर्ण हो कर के अगले वर्ष के लिए हम सबको बहुत ही उत्तम मार्गदर्शन मिले। इसके लिए अपेक्षा करते हुए प्रेरणा के लिए आभार व्यक्त करते हुए आप सबका बहुत – बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.