India is changing because Indians have decided to change: PM Modi

Published By : Admin | January 30, 2019 | 18:41 IST
QuoteIndia is changing because Indians have decided to change: PM Modi
QuoteThree lakh companies were shut down after demonetisation and nobody thought black money could be curbed: Prime Minister
QuoteThe public sentiment among the Indians has changed and this will change the country too, I have faith in it: PM

जिस उमंग और उत्‍साह के साथ आप सबने मुझे आशीर्वाद दिए इसके लिए मैं आप सबका हृदय से बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मुझे आने में कुछ विलंब हुआ इसके लिए मैं आपसे क्षमा चाहता हूं। सूरत का मेरा ये चौथा कार्यक्रम है आज और इसके बाद दिल्‍ली जाकर भी कुछ काम करना है। मैंने चार कार्यक्रम आपके यहां किए आप थक तो नहीं गए न....क्‍योंकि मैं थकता नहीं हूं। मुझे बताया गया कि जितने लोग अंदर हैं उससे भी ज्‍यादा लोग बाहर हैं। उन सभी बंधुओं को जो असुविधा हुई है, वे अंदर नहीं आ पाए हैं, स्‍वाभाविक है कि उनके दिल में थोड़ा दर्द होगा, कसक होगी, मैं उनकी भी क्षमा मांगता हूं। लेकिन मैं विश्‍वास दिलाता हूं कि मैं फिर कभी आऊंगा तो विराट जनसभा में उनके दर्शन कर ही लूंगा।

देश का नौजवान देश का भविष्‍य है। और आज उत्‍साह, उमंग और जोश से भरे हुए इन नौजवानों के बीच में मुझे भी एक नया जोश मिल रहा है। और आजकल तो युवाओं में चर्चा है how is the josh ?

दोस्‍तों देश तेज गति से बदल रहा है, जिस आशा और अपेक्षा के साथ 2014 में आपने मुझ पर जिम्‍मेवारी दी, देशवासियों ने जिम्‍मेवारी दी। आप गुजरात के लोग तो मुझे भी जानते थे, मेरे काम को भी जानते थे लेकिन पूरे हिंदुस्‍तान के लिए मैं नया था, लेकिन देश ने मुझ पर भरोसा किया क्‍योंकि आपने देश को बताया कि ये भरोसा करने जैसा है।

आज कभी चर्चा होती होगी कि देश में ये काम हो रहा है, वो काम हो रहा है। नौ करोड़ टायलेट बन गए, डिकना हो गया फलाना हो गया। दुनिया के अंदर हिंदुस्‍तान का डंका बज रहा है। क्‍या कारण है ?... कारण मोदी नहीं है... कारण आपका एक वोट है। अब आपको पता चलता होगा कि आपके एक वोट की ताकत क्‍या है। आपके एक वोट ने, पांच साल तक मुझे दौड़ाता है......आपका वोट.... आपका एक वोट मुझे दिन-रात जागकर के आपके लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है।

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सूरत व्‍या‍पारियों की भूमि है। आपको जरूर लगता होगा कि आपने 2014 में invest किया था उसका पूरा फल आपको मिल गया है और चक्रवृद्धि ब्‍याज से मिला होगा। 2014 के उन दिनों को याद कीजिए.... देश निराशा की गर्त में डूबा हुआ था। लोग हिंदुस्‍तान छोड़कर के जाना, बाहर जाना, कहीं सेट होना, उस पर चर्चा चल रही थी। ये भी चर्चा चल रही थी... कि देश कैसे बचेगा ? क्‍या होगा देश का ? देखते ही देखते निराशा आशा में बदल गई है। आशा विश्‍वास में बदल गया। और ये विश्‍वास भी ऐसा है जिसने सवा सौ करोड़ देशवासियों में आत्‍मविश्‍वास भी जगाया है। ये आत्‍मविश्‍वास, ये सपने हिंदुस्‍तान को बहुत आगे ले जाने की ताकत रखते हैं। कुछ लोगों का स्‍वभाव होता है रोते रहना। न मेरा रोने में विश्‍वास है न रुलाने में विश्‍वास है। मुझे आगे चलाने में विश्‍वास है और देश चल पड़ा है हर कोई नए सपने लेकर के निकल पड़ा है। कभी-कभी लोग मुझे पूछते हैं कि मोदी जी आपने काम तो बहुत किया, हर क्षेत्र में काम किया लेकिन आपने लोगों में इतनी आशाए जगा दी, इतनी अपेक्षाएं जगा दी कि उसको तो आप पूरा नहीं कर पाएंगे। मैंने कहा कि निराशा के बजाए आशा पैदा होना अच्‍छा है कि बुरा है? नई आकांक्षाएं जगना अच्‍छा है कि बुरा है ? मैंने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि देश में एक ऐसी सरकार बनी है जिसने सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपनों को जगा दिया है। देश में ऐसी सरकार काम कर रही है जिस काम को देखकर के उसको लगता है कि अरे मोदी जी इतना कर सकते हैं तो ये भी कर देंगे। हमारा यही सबसे बड़ा योगदान है कि निराशा की गर्त में डूबे हुए हिंदुस्‍तान को आशा और विश्‍वास से हमने भर दिया है और वही देश को आगे ले जाएंगे। यही वो ताकत है जो देश को आगे ले जाएगी।

कोई कल्‍पना कर सकता है कि स्‍वच्‍छता जैसा विषय देशवासियों ने अपना बना लिया। वर्ना हमारे देश का हाल क्‍या था ? दो शब्‍द हमारे जहन में घर कर गए थे। दो शब्‍द ऐसे हमारे सार्वजनिक जीवन का हिस्‍सा बन गए थे और उसी ने देश को पटरी से नीचे उतार दिया था। वो दो शब्‍द कौन से थे ?... कोई भी काम हो.... कोई भी काम हो तो पहला सवाल आता था मेरा क्‍या ?.... था कि नहीं था ऐसा? ऐसा था कि नहीं था ? .... ऐसा था कि नहीं था ?.... अच्‍छा मान लीजिए कोई कहेगा कि भई तेरा कुछ नहीं भई मैं तो उसमें तुझे कुछ दे नहीं सकता, तेरा कोई हो नहीं सकता है तो फिर दूसरा शब्‍द आता था मुझे क्‍या? यानी कुछ आशा अपेक्षा से मेरा क्‍या, लेकिन अगर बात बनी नहीं, तो मुझे क्‍या जाओ, मरो। हमनें इन दोनों शब्‍दों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है दोस्‍तों और उसका परिणाम है सबका साथ-सबका विकास हर किसी का...... तो दोस्‍तों मुझे अच्‍छा लगा। सूरत ने एक विशिष्‍ट प्रकार के कार्यक्रम की रचना की। आप नौजवानों से भी कुछ बातें करने का मुझे मौका मिलेगा... मुझे बताया गया कि कुछ नौजवान सवाल पूछना चाहते हैं जरूर पूछे तो मेरा भाषण तो सवाल-जवाब में आ ही जाएगा तो मैं लंबा भाषण न करते हुए सवालों को निमंत्रित करता हूं ।

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प्रशन: नमस्‍कार प्रधानमंत्री जी, मैं एक कंम्‍पयूटर इंजीनियर हूं और सर पहले देश में मानसिकता थी कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता है पर इसमें भी मैं बदलाव देख रहा हूं तो मेरा प्रश्‍न ये है कि ये बदलाव संभव कैसे हुआ?

प्रधानमंत्री: धन्‍यवाद जी, मैं सबसे पहले तो आपका धन्‍यवाद करता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं कि आपने बदलाव को महसूस किया । ये बात सही है कि सबसे पहला जो हमने काम किया है। इस देश में हम लोगों के दिमाग में पिछले दस साल में यानी मेरे आने के पहले वाले दस साल 2004 से 2014, जब रिमोट वाली सरकार चलती थी। उस समय के हालात ये थे कि हर किसी ने मान लिया कुछ होने वाला नहीं है.. खेल खत्‍म.. अब ऐसे ही गुजारा कर लो भाई... जो नसीब में था वो होगा। एक मानसिकता घर कर गई थी कि कुछ भी नहीं बदल सकता है हमने सबसे पहला काम किया है, उन मानसिकता को ही बदल दिया है, सब-कुछ बदल सकता है। आपने देखा होगा कि पहले, अखबारों की सुर्खिया देख लीजिये.... 2013-14 के अखबार निकालिए, आए दिन खबर आती थी ये घोटाला, वो घोटाला आता था कि नहीं आता था ? साढ़े चार साल हो गए खबरें बदली है कि नहीं बदली हैं। हेडलाइन बदली है कि नहीं बदली। वर्ना उस समय कोयला घोटाला, 2-जी घोटाला.... जी कहां तक जाता है जानते हैं आप लोग। एक छोटा उदाहरण देता हूं, 26/11 हुआ था याद है ? 26/11 याद है न? मुंबई में आतंकियों ने हमला किया था। बाद में क्‍या हुआ फूल चढ़ाए, मोमबत्तियां जलाई, श्रंद्धाजलि दी गई, और हमारी सरकार के दौरान उरी हुआ था, उरी के बाद क्‍या हुआ ? क्‍या हुआ ? ये बदल हुआ कि नहीं हुआ ? तब इतनी बड़ी मात्रा में निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और सरकार सोती रही। उरी ने हमें सोने नहीं दिया। जवान के खून का एक-एक बूंद हमारे लिए पवित्र होता है। और उसी में से भीतर वो आग थी जो आग उस जवान के दिल में थी वही आग इस प्रधानमंत्री के दिल में थी और उसी का परिणाम हुआ सर्जिकल स्‍ट्राइक। बदलाव ऐसे आता है कोई कल्‍पना कर सकता था कि काले धन के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई कोई लड़ सकता है? हर कोई सोचते थे कि नेता लोग आते हैं, बोलते हैं, फिर वो भी सेट हो जाते हैं। ये ऐसा नेता है खुद सेट होता नहीं अपने लिए और ना हीं औरों को अपसेट किए बिना छोड़ता है।

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नोटबंदी के बाद तीन लाख कंपनियों को ताले लगा दिए, तीन लाख कंपनियों को । अगर किसी एक कंपनी को ताला लग जाए तो बहुत बड़ा पुतले जलाने के कार्यक्रम हो जाते हैं। तीन लाख कंपनियों को ताले लग गए, चूं तक आवाज नहीं आ रही है क्‍योंकि सब, हर कोई किसी न किसी पाप से डूबा हुआ था। अगर फैसले लेने के लिए इरादे साफ हो, नियत नेक हो, देश हित में हो, अपने निजी स्‍वार्थ के लिए न हो तो निर्णय भी किए जाते हैं, निर्णयों को परिणाम भी मिलता है। कोई कल्‍पना कर सकता है कि हिंदुस्‍तान में सुबह टीवी खोलते ही समाचार आते है आज इतने आतंकवादी मारे, आज इतने मारे, ये ठीक है हमारे जवान भी शहीद हो रहे हैं लेकिन वे सीना तान करके लड़ते-लड़ते मर रहे हैं, सोए हुए आकर के कोई बम फेंक करके नहीं मार पा रहा है। वो भी एक वक्‍त था, कभी मुंबई में बम धमाका, कभी रेल के डिब्‍बे में बम धमाका, कभी दिल्‍ली में बम धमाका, कभी अयोध्‍या में बम धमाका, कभी जम्‍मू में बम धमाका। साढ़े चार साल हो गए सब कुछ सिर्फ कश्‍मीर में अटक गया है। ये बदल है कि नहीं है ? देश का नौजवान आज पैसों के अभाव में अपने सामर्थ्‍य के लिए निराशा को लेकर के डूबता नहीं, बैठा नहीं रहता है। मुद्रा योजना के तहत, बैंक के दरवाजे खटखटाओ और बिना गारंटी आप लोन लेने के हकदार बनते हो और अपना कारोबार शुरू कर सकते हो पहले कभी नहीं हुआ। इस देश में बलात्‍कार पहले भी होते थे। समाज की इस बुराई, कलंक ऐसा है कि आज भी उस घटनाओं को सुनने को मिलता है। माथा शर्म से झुक जाता है, दर्द होता है, लेकिन आज तीन में फांसी, सात दिन में फांसी, 11 दिन में फांसी, एक महीने में फांसी... लगातार उन बेटियों को न्‍याय दिलाने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं और नतीजे नजर आ रहे हैं लेकिन देश का दुर्भाग्‍य है कि बलात्‍कार की घटना तो सात दिन तक टीवी पर चलाई जाती है लेकिन फांसी की सजा की खबर आकर के चली जाती है। फांसी की खबर जितनी ज्‍यादा फैलेगी उतना बलातकार करने की विकृति लेकर के बैठा हुआ आदमी भी डरेगा, पचास बार सोचेगा। मेरा कहने का तात्‍पर्य ये है कि देश बदल रहा है उसका मूल कारण है सवा सौ करोड़ देशवासियों ने तय कर लिया है कि बस अब बदल के रहना है।

हम लोगों का स्‍वभाव है अगर हम बस में जा रहे हैं, ट्रेन में जा रहे हैं, हवाई जहाज में जा रहे हैं और बगल की सीट खाली है, हमने अपनी थेली वहां रख दी, बैग रख दी, टेलीफोन रख दिया, किताब रख दी और विमान के चलते-चलते, ट्रेन के चलते-चलते वहां का reservation जिसका है वो आ गया... सीट पर बैठने के लिए, सीट तो हमारी नहीं थी, हम तो हमारी सीट पर बैठे थे, वो तो खाली पड़ी थी, उसकी थी, वो आया... हमको टेलीफोन उठाना पड़ा, किताब उठानी पड़ी, चश्‍में उठाने पड़े, मोबाइल उठाना पड़ा, मुंह लटक गया ये कहां से आ गया एक सीट खाली थी, मैं आराम से बैठा था, सीट आपकी नहीं थी, फिर भी। एक तरफ ये हमारा अनुभव उसी देश में देश के प्रधानमंत्री ने लालकिले से एक बार यूंही कह दिया कि अगर आपकी स्थिति ठीक है तो आपको गैस की सब्सिडी में क्‍या रखा है छोड़ दो न, मेरे देश के सवा करोड़ लोगों ने छोड़ दिया। ये जन-मन बदला है, सवा सौ करोड़ देशवासियों का जन-मन जो बदला है वो देश को बदल के रहेगा ये मेरा विश्‍वास है। रेल के अंदर senior citizens को सब्सिडी मिलती है, टिकट में, पैसों में राहत मिलती है। मैंने ऐसे ही रेलवे वालों को कि जरा जो पर्ची होती है फार्म उसमें लिख दो कि में सब्सिडी सेरेंडर करना चाहता हूं मुझे सब्सिडी की जरूरत नहीं है। इतना ही लिखा, मैंने कभी भाषण नहीं किया इस पर, ना कोई अपील की, कुछ नहीं किया। आपको जानकर के खुशी होगी मेरी last जो जानकारी थी करीब-करीब 40-45 लाख ऐसे senior citizen जिन्‍होंने लिखा कि मुझे सब्सिडी नहीं चाहिए मैं पूरी टिकट देना चाहता हूं। ये है मेरे देश का सामान्‍य मानवी का मिजाज जो बदला है वही मेरे देश के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की गारंटी है। ये आशा, ये विश्‍वास, ये आत्‍मविश्‍वास, ये सपने और उन सपनों के अनुकूल सरकार की नीतियां, सरकार की रीति, सरकार की गति, सरकार की मति उसको एक नई ताकत देती है।

पहले ऐसी मान्‍यता थी सब कुछ सरकार करेगी, हम ही सब कुछ हैं। हमने आकर सब कुछ बदल दिया, जी नहीं, हमसे बड़ा देश है, देश के लोग बड़े हैं। सवा सौ करोड़ देशवासी देश बदल सकते हैं। हम तो नियमित हैं, उनके भरोसे छोडि़ए वो देश को आगे ले जाएंगे, और हमने छोड़ना तय कर लिया है। देश के भरोसे, सवा सौ करोड़ देशवासियों के भरोसे चलना ये सपना लेकर के हम चल पड़े हैं और वही ताकत है एक मोदी नहीं है। ये सवा सौ करोड़ मोदी हैं जो देश बदल रहा है । धन्‍यवाद आपके सवाल के लिए ।

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प्रशन: माननीय प्रधानमंत्री the architect of new India। भारत का नागरिक होते हुए मुझे गर्व की भावना है कि सामान्‍य घर में से आकर के आप भ्रष्‍ट ताकतों के सामने चुनौती दे रहे हो और इसी चुनौती के साथ डर के मारे एक महागठबंधन हो रहा है। 2019 में भारत के सवा सौ करोड़ देशवासी कांग्रेस मुक्‍त भारत का इंतजार कर रहा है। आप इस बारे क्‍या कहना चाहते हैं?

प्रधानमंत्री: आपने सही कहा कि आप एक सामान्‍य परिवार से आ रहे हैं और इतनी बड़ी लड़ाई छेड़ दी आपने। मुझे लगता है कि मैं इसलिए छेड़ पाया हूं क्‍योंकि मैं सामान्‍य परिवार से आता हूं। मैं भी अगर बड़े घराने से आया होता, मैं भी वो बड़े-बड़े बैगेजस लेकर के आया होता तो मुझे भी डर रहता कि कल मेरी किताब खुल जाएगी तो क्‍या होगा। हमें तो वो डर ही नहीं था। खुली किताब जैसी जिंदगी रही है। 13-14 साल आपके बीच में काम किया है। विरोधियों ने भी कभी उंगली नहीं उठाई। वही ताकत थी जिसके कारण डर नहीं लगा कभी। क्‍या होगा? अरे जो होगा.. होगा, होता क्‍या है? दूसरा, मैं ये विश्‍वास से मानता हूं ये मेरा conviction है, हमारे देश की समस्‍याओं की जड़ में ये भ्रष्‍टाचार दीमक की तरह घुस गया है। सारी व्‍यवस्‍था को तबाह कर दिया है। कहीं से तो शुरू करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए बताइए। मैं भी ये कह सकता था कि भाई कैसे ये इतना फैल गया, कौन कर सकता है, छोड़ो यार सारी सरकारें आई, चली गई कम से कम हम नहीं करेंगे, ये कहकर के मैं भी छोड़ सकता था। लेकिन मेरी आत्‍मा कह रही थी, कहीं से तो शुरू करो और मैंने ऊपर से शुरू किया। और ये ऊपर ठीक हो जाएगा न नीचे तो फिर आप समझ लीजिए भमाभम होने वाला है। और इसलिए और आपने देखा जिस चार-चार पीढ़ी, उनको नाम लेते ही देश कांपता था, उनकी ताकत ऐसी थी देश को अठारह महीने तक जेलखाना बना दिया था। ये ताकत थी उनकी। कभी किसी ने सोचा नहीं होगा कि चार-चार पीढ़ी भारत में राज करने वालों को एक चाय वाला चुनौती दे रहा है। और आपको पता है न ? आपको पता है न कि ये जमानत पर हैं? कभी किसी ने सोचा होगा? और भी उनके सारे साथी दरबारी लोग हैं वो भी कोर्ट के चक्‍कर काट रहे हैं। और मुझे विश्‍वास है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद है, ये कोर्ट के चक्‍कर जितने लगाने हैं लगा लें एक दिन तो उनको जाना ही पड़ेगा।

देश का, जिन्‍होंने लूटा है उन्‍हें लौटाना ही पड़ेगा। आप मुझे बताइए पहले भी इस देश से बेइमानी करके, रुपये मारकर के, देश छोड़ के लोग भागे हैं कि नहीं भागे हैं। सैंकड़ों की तादाद में भागे हैं लेकिन उसके बाद क्‍या हुआ? क्‍या करें वो भाग गया। हमने कानून बनाए जो भागा है उसकी पाई-पाई जब्‍त करेंगे, दुनिया में कहीं पर भी होगी तो भी जब्‍त करेंगे और इसके कारण ये भागे हुए भी रास्‍ता खोज रहे हैं। लड़ाई ऐसे ही लड़ी जाती है अगर सवा सौ करोड़ देशवासियों का उज्‍ज्‍वल भविष्‍य, देश के नौजवानों का उज्‍ज्‍वल भविष्‍य यही दिल में भरा पड़ा है तो ये निर्णय भी अपने आप होने लग जाते हैं जी। जहां तक आगे अभी चुनाव का सवाल है, आपको क्‍या लगता है? आपको क्‍या लगता है? देखिए जनता जर्नादन ईश्‍वर का रूप होती है और ये किसी के पढ़े- लिखकर के आए हुए लोग नहीं हैं। किसी के पढ़े पढ़ाये लोग नहीं हैं, अपने आप आवाज दे रहे हैं। क्‍या होगा ? हमारे सामने चुनौती और है एक दल के रूप में, एक उम्‍मीदवार के रूप में कांग्रेस हार जाए इतने से काम बनने वाला नहीं है। कांग्रेस मुक्‍त भारत का मतलब है पिछले 70 साल में कांग्रेस ने जो गलत चीजें देश के राजनीतिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, पारिवारिक जीवन में घुसैड़ दी हैं देश को उससे मुक्ति दिलानी है। परिवारवाद, जातिवाद, भ्रष्‍टाचार, मेरा-तेरा ये जो बीमारियां घुस गई हैं देश को उससे बाहर निकालना ही पड़ेगा और इसलिए हम मंत्र लेकर के चले हैं सबका साथ-सबका विकास ।

प्रश्‍न: नमस्‍कार सर। मैं legal field से हूं मैं पिछले कई टाइम से politics को फोलो कर रही हूं। मैंने देखा है कि 2014 में जो लोग आपको हारते हुए देखना चाहते थे वही लोग आज मीडिया और प्रसार माध्‍यम के द्वारा देश में negativity फैला रहे हैं और गलत मैसेज पास कर रहे हैं जबकि हमारा देश अभी कितने टाइम से विश्‍व गुरू बनने जा रहा है महासत्‍ता बनने जा रहा है और ऐसे टाइम में जब देश के लिए और राष्‍ट्र जब देख रहे हैं कि उसके लिए कोई देखें कि कोई राष्‍ट्र के लिए हमारे देश के लिए .....

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प्रधानमंत्री: आप गुजराती बोलिए चिंता मत कीजिए... आपका सवाल मैं समझ गया, आपका जो कहना चाहती हैं... आपका भाव मैं समझ गया।

प्रश्‍न: हम चाहते हैं सर कि हमारे देश में जो अराजकता हो रही है वो अराजकता बंद हो और हमारे देश का पूरा विकास हो और ये विकास, हम जैसे नागरिक देश का उज्ज्‍वल भविष्‍य बनाने में लगे हुए है और हम प्रयत्‍न कर रहे हैं । तो हम जैसे नागरिकों के लिए आपका क्‍या संदेश है ? वंदे मातरम।

प्रधानमंत्री: आपने ये जो चिंता की इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। ये बात सही है कि अगर आप 2013-14 में जब लोकसभा के चुनाव चल रहे थे। उस समय की खबरे देखें तो एक टोली थी, भोली नहीं थी भली भी नहीं थी। ये टोली लगातार कह रही थी पहले कि अगर बीजेपी मोदी को घोषित कर दे न तो पूरी बीजेपी खत्‍म हो जाएगी। मोदी यानी ऐसा मोदी यानी वैसा, मोदी यानी ऐसा पता नहीं क्‍या-क्‍या कहते थे अब बीजेपी ने हमको घोषित कर दिया तो उन्‍होंने चालू कर दिया.. मोदी को कौन जानता है? गुजरात वाले जानते हैं और कौन जानता है? फिर उन्‍होंने चालू कर दिया.. बीजेपी के पहले इतने प्रतिशत वोट थे बढ़-बढ़ के इतने बढ़ेगें, इतने बढ़ेगें तो इसका इतना टोटल लगाओ तो इतना टोटल इतना सीट हो जाएगा बीजेपी को बहुमत नहीं मिल सकता है। तो उन्‍होंने बता दिया था कि hung parliament बनेगी। ये सब हुआ था कि नहीं हुआ था? अब उस समय उन्‍होंने इतनी सारी मेहनत की, नए-नए तर्क दिए न जाने क्‍या-क्‍या बाते फैलाई लेकिन जनता के गले नहीं उतरी। जनता के गले मोदी उतर गया। अब मुझे बताइए 2013-14 में जिन्‍होंने इतनी मेहनत की कि मोदी नाम का खड़ा ही नहीं होना चाहिए, उनके दिल में कितना गुस्‍सा भरा पड़ा होगा बताइए । वो अपमान महसूस करते होंगे कि नहीं करते होंगे। वो मोदी को हर हाल में नीचा दिखाने के लिए कोशिश करेंगे कि नहीं करेंगे? अपने अंहकार के लिए करेंगे कि नहीं करेंगे? ये negativity का कारण वही है लेकिन हमें ऐसी negativity की चिंता नहीं करनी चाहिए। negativity का उत्‍तम उपाय क्‍या है? - Positivity। हम सही सच्‍ची बातें, अगर वो एक बार बोलें तो हम सौ बार बोलें। वो एक जगह पर बोलते है तो हम दस जगह पर बोले। वो एक के सामने बोलते है तो हम पचास के सामने बोलें, अगर आप सब इस काम में जुट जाएं तो, negativity करने वाले 13-14 में भी कर रहे थे, अभी भी करेंगे। अच्‍छा एक तो ये जमात हो गई जिनको मेरा मुंह भी पंसद नहीं है, नाम भी पसंद नहीं है। दूसरे लोग हैं जिनको मैंने पैदा किया है। अब मुझे बताइए जिन तीन लाख कंपनियों के ताले लगा दिए वो मोदी जिंदाबाद बोलेगा क्‍या? वो बोलेगा कि नहीं बोलेगा कि मोदी बेकार आदमी है बोलेगा नहीं बोलेगा? पहले हमारे यहां free price shop जो होता है सस्‍ते अनाज की दुकान, गरीब लोग वहां से अपना राशन लेते हैं।

सरकार 30-35 रुपये में खरीदती है गरीब को 3 रुपये, 2 रुपये में देती है, ताकि हमारे देश का गरीब भूखा सोना नहीं चाहिए। लेकिन ऐसे लोग तो इसमें से भी खा जाते थे, गरीब का भी खा जाते थे। 6 करोड़ राशन कार्ड ऐसे थे कि जो लोग पैदा ही नहीं हुए थे उनके नाम के राशन कार्ड थे उनके नाम पर गेंहू जाता था। 30 वाला 3 में जाता था फिर 30 में बिकता था और हर किलो पर 27 रुपया उनकी जेब में चला जाता था। ऐसे 6 करोड़ लोग जो ghost थे भूतिया थे, जिनका आस्तित्‍व नहीं था, अब मैंने बंद कर दिया। जिन लोगों को सब्सिडी मिलती थी, डायरेक्‍ट उनके खाते में जमा होने लगी। फिर बिचौलियों की दुकान बंद हो गई कि नहीं हो गई ? हो गई कि नहीं हो गई? अब जिनके जेब में हर वर्ष 90 हजार करोड़ रुपया.. कितना? कितना? 90 हजार करोड़ रुपया जिनकी जेब में जाता था, मोदी ने उसको ही ताला लगा दिया वो मोदी को पसंद करेंगे क्‍या ? वो मोदी को पसंद करेंगे क्‍या? मोदी उनको मुसीबत लगेगा कि नहीं लगेगा? तकलीफ होगी कि नहीं होगी? अब आप मुझे बताइए देश के लिए मुझे ये काम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? मुझे मेरी चिंता करनी चाहिए कि देश की चिंता करनी चाहिए? मुझे मेरा क्‍या होगा, मेरा क्‍या होगा? 2019 में मेरा क्‍या होगा, ऐसे डरते रहना चाहिए क्‍या? हिम्‍मत से देश के हित में काम करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? और इसलिए मैंने किया है negativity करने वाले उनको मुबारक, मैंने देश हित में काम किया है, पूरी पवित्रता के साथ किया है। आपकी तरफ से positive समाचार पहुंचाने का प्रयास अगर आपमें से कुछ लोग नमो एप पर चले जाएंगे कितने लोग हैं जिनके पास नमो ऐप है काफी लोगों के पास है लेकिन बहुत लोगों को डाऊनलोड करना चाहिए। करेंगे ? उसके अंदर सारी जानकारियों, सही जानकारियां सरकार की.. एक-एक मिनट की जानकारी है। उसमें से जो-जो आपको ठीक लगे, आपके दोस्‍तों को, आपके रिश्‍तेदारों को, अपने परिवारों को forward कर दीजिए..देखिए positivity का माहौल अपने आप बन जाएगा।

प्रश्‍न: आदरणीय प्रधानमंत्री जी नमस्‍कार। आप हम जैसे युवाओं के बहुत बड़ें प्रेरणा स्‍त्रोत रहे हैं, आपने कई ऐसे काम किए हैं जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ी आपका धन्‍यवाद करेगी। चाहे नोटबंदी हो या जीएसटी, लोगों को अब उसकी कीमत समझ आने लगी है। एक CA होने के नाते मैं ये जरूर कहना चाहूंगी कि इसका बहुत सारा फायदा है। मेरा सर आपसे एक ही question है कि वोट बैंक की परवाह किए बिना आप ये सब कैसे कर सकते हैं? जय हिन्‍द।

प्रधानमंत्री: बहुत सरल सा जवाब है सवा सौ करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद मेरे साथ हैं इसलिए कर सकता हूं। देखिए, समाज जीवन में आज भारत एक ऐसी अवस्‍था में पहुंचा है ये मौका हमें गवाना नहीं चाहिए, कोई कल्‍पना कर सकता है कि जब हमारी सरकार बनी तब हम दुनिया में अर्थव्‍यवस्‍था में दसवें नंबर पर थे। पूरे विश्‍व में हम दसवें नंबर पर थे। आज हम छठे नंबर पर पहुंच गए। चार साल में दस में से छ: नबंर और मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं वो दिन दूर नहीं होगा जब ये खबर आएगी कि भारत अब पांचवे नंबर पर पहुंच गया है। दुनिया के समृद्ध देशों को हमने पीछे छोड़ दिया है। आज हम गर्व कर सकते हैं कि दुनिया का सबसे ऊंचा स्‍टैचू किसके पास है? कौन हिंदुस्‍तानी होगा जिसको गर्व नहीं होगा। दुनिया का हिंदुस्‍तान का सबसे लंबा रेल और रोड ब्रिज हमारी सरकार के समय लोकार्पण हुआ। किसको गर्व नहीं होगा। पहले की तुलना में जब हम आएं 2014 में देश में 38 प्रतिशत सेनिटेशन था, शौचालय थे। गांव में शौचालय 38 प्रतिशत आज 98 प्रतिशत हो गया है। जब हम आए तब देश के आधे लोगों के पास बैंक अंकाऊट नहीं था। आज देश के करीब-करीब सभी लोगों का बैंक अंकाऊट हो गया है। और अंतराष्‍ट्रीय रिपोर्ट है कि पूरे विश्‍व में जितने बैंक अंकाऊट खुले हैं उसके आधे अकेले मोदी के राज में खुले हैं। अगर एक बार क्‍योंकि समाज ने मुझे यहां सोने के लिए नहीं भेजा है, मौज करने के लिए नहीं भेजा है। प्रधानमंत्री पद को enjoy करने के लिए नहीं भेजा है। मजदूरी करूंगा, 24 घंटे काम करूंगा, देश के लिए जो कर सकता हूं वो करने में मैं पीछे नहीं हटूंगा।

प्रश्‍न: नमस्‍कार प्रधानमंत्री जी, मेरा नाम शिखा है, मैं एक आर्टिस्‍ट हूं मेरा आपसे एक छोटा सा सवाल है। आपने भारत के विकास के लिए इतनी मेहनत करके इतनी योजनाएं बनाई हैं इन योजनाओं के फलस्‍वरूप और अपनी दृष्टि से आप भारत देश का भविष्‍य कैसे देखते हैं?

प्रधानमंत्री: मैं भारत का भविष्‍य बहुत उज्‍ज्‍वल देखता हूं। शानदार देखता हूं, जानदार देखता हूं। आप मुझे बताइए आज पूरे विश्‍व में हिंदुस्‍तान का डंका बज रहा है कि नही बज रहा है? सच में बताइए बज रहा है कि नहीं बज रहा है। अमेरिका में भारत की गूंज है कि नहीं है? यूके में भी भारत की गूंज है कि नहीं है? आस्‍ट्रेलिया में भारत की गूंज है कि नहीं है? कनाडा में भी भारत की गूंज है कि नहीं है? चारों तरफ दुनिया में आज भारत की, भारत के गौरवगाण हो रहे हैं कि नहीं हो रहे हैं? में समझता हूं इतने कम समय में अगर हम दुनिया के अंदर भारत के हक का, ये सब हमारा हक था लेकिन किसी ने कोशिश नहीं की, हमने नया कुछ नहीं किया सिर्फ भारत का जो हक था उसको दिलाने की कोशिश की है, वो हमें आज मिला है। कोई कल्‍पना कर सकता है कि हम कहें कि अंर्तराष्‍ट्रीय योगा दिवस मनाओ और दुनिया के करीब-करीब सभी देश नाक पकड़ के बैठ जाए। गर्व होता है कि नहीं होता है?

दुनिया के अनेक देश इजराइल और फिलीस्‍तीन लड़ते हों, लेकिन इजराइल और फिलीस्‍तीन दोनों हमारे साथ दोस्‍ती करते हों, ये देश के लिए गर्व की बात है कि नहीं है? ईरान और सऊदी अरब के बीच में तनाव होगा लेकिन दोनों हमारे साथ जुड़ जाएं, दोनों हमसे दोस्‍ती करें ये हमारे लिए गर्व होगा कि नहीं होगा? आज भारत ने अपने लिए एक जगह बनाई है। उसी प्रकार से जैसे मैंने कहा आर्थिक क्षेत्र में हम इतने आगे बढ़े हैं। हर क्षेत्र में हम आगे बढ़े रहे हैं। आज र्स्‍टाटअप, र्स्‍टाटअप जो हमारे देश का 800 मिलियन यूथ हो, जिस देश के पास 800 मिलियन यानी 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 साल से कम उम्र की हो वो देश जवान है, जवानी की ताकत है, जवानी का उमंग है, जवानी की ऊर्जा है, जवानी के सपने हैं वो देश पीछे कैसे रह सकता है। आवश्‍यकता है उसको सही मौका दिया जाए, अवसर दिया जाए। तो अपनेआप परिणाम मिल सकता है। और इसलिए मैं भारत के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के मूल में भारत की युवा शक्ति, भारत का बढ़ता हुआ मध्‍यम वर्गीय दायरा, भारत के सर्विस सेक्‍टर में भारत का दुनिया में होता जा रहा योगदान, कृषि पर हमारी आत्‍मनिर्भरता, दुध के उत्‍पादन में दुनिया में नंबर एक ऐसे कई विषय हैं। ease of doing business में 142 से 77 पर पहुंच जाना, कोई भी पैरामीटर ले लीजिए। आज दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली बड़ी इकोनॉमी में भारत नंबर एक है। ये सारी चीजे हैं आज भारत, चाइना में जितना foreign direct investment आता है हिंदुस्‍तान उनसे आगे निकल गया ये भारत के लिए गर्व की बात है। विश्‍व में एक विश्‍वास पैदा किया है। ये सारे आधार पर मैं कह सकता हूं कि मेरे देश का भविष्‍य उज्‍ज्वल है। मेरे 800 मिलियन नौजवान 35 साल से कम उम्र के नौजवान की ताकत और जो इस मिलिनियम के बच्‍चे हैं जो 21वीं सदी में पैदा हुए हैं, नए सपने नई ताकत लेकर के आए हैं। और यही मेरे आने वाले हिदुस्‍तान को खींच कर ले जाने वाले लोग हैं उनको मेरी बहुत शुभकामनाएं।

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प्रश्‍न: नमस्‍कार प्रधानमंत्री जी मैं आर जे विश्रुति हूं red FM से morning show करती हूं। और बहुत ही गर्व से ये बात कहना चाहती हूं कि पहली बार इस देश को ऐसा लीडर मिला है जिसके साथ सबसे ज्‍यादा यूथ youngster की followership है और वो आप हैं। and that brings to me my question कि रोज सुबह शो में कई सारे ऐसे youngster से बात होती है, ऐसे student से बात होती है जो ये कहते हैं कि टीवी पर जो political discussion चलते हैं discuss होते हैं जो debates होती हैं उससे बहुत confuse feel करते हैं। ऐसे बहुत सारे first time voters हैं जिनको समझ नहीं आता कि वो किस दिशा में जाएं और simple शब्‍द कि किसको वोट दें तो उन सारे first voters को या तो ऐस young voters को आप क्‍या कहना चाहेंगे?

प्रधानमंत्री: ये बात सही है कि हमारे देश में, हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है। हमारा लोकतंत्र बहुत वाइब्रेंट है लेकिन हमारे देश के राजनीतिक दलों की मानसिकता अभी भी बहुत पुरानी है और इसलिए लगातार development के मुद्दों पर debate हो, सामान्‍य मानवी की आशा, आंकाक्षा और अपेक्षाओं के संदर्भ में debate हो। रेल, रोड, बिजली, पानी, सड़क इन सारी चीजों में चर्चा हो लेकिन दुर्भाग्‍य से हमारे विरोध में बैठे हुए लोग उनके लिए मुद्दों पर बहस करना बहुत मुश्किल है। क्‍योंकि अगर वो कहेंगे कि agriculture में क्‍या हुआ तो आंकड़े बताएगें कि मोदी ने तो पहले से ज्‍यादा अच्‍छा कर दिया। रोजगार में क्‍या किया तो मोदी ने पहने से ज्‍यादा अच्‍छा कर दिया। नई-नई योजनाओं को लेंगे तो कहेंगे कि मोदी से ज्‍यादा हो गया। तो उनके लिए बड़ी परेशानी हो रही है। और इसलिए दुर्भाग्‍य से हमारे देश के जिम्‍मेवार दल भी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका एक ही मुद्दा है, एक ही मुद्दा है कौन सा मुद्दा है मालूम है.... उनका एक ही मुद्दा है मोदी वो सुबह उठते ही मोदी, मोदी, मोदी मोदी से शुरु हो जाते हैं रात को भी पता नहीं उनको नींद आती होगी कि नहीं आती होगी। उनके लिए मुद्दा मोदी है हमारे लिए मुद्दा सवा सौ करोड़़ देशवासियों के सपने हैं।

उनके लिए मुद्दा मोदी है हमारे लिए सवा सौ करोड़़ देशवासियों के आशा, आंकाक्षा है। उनके लिए मुद्दा मोदी है हमारे लिए हमारे देश के किसान को ताकतवर बनाना हमारा मुद्दा है। उनके लिए मोदी मुद्दा है हमारे लिए जो शहर को है वो गांव को मिलना चाहिए उन सुविधाओं को ले जाने के लिए हमारा प्रयास है। उनके लिए मुद्दा मोदी है हमारे लिए 800 मिलियन नौजवानों के सपनों को पूरा करने के लिए उनके अवसरों को पंख देने के लिए ऐसी योजनाओं को लाना ये हमारी दिन-रात की चिंता और विषय है। उनके लिए नहीं है। और इसलिए किसी भी नौजवान का confusion होना बहुत स्‍वाभाविक है। लेकिन आज स्थिति वो नहीं है। कुछ बदलाव है। पहले ये टीवी, अखबारों जो परोसते थे आपको वही लेना पड़ता था। अब आपके मोबाइल फोन पर पूरी दुनिया है। आप वेरिफाई कर सकते हो, enquiry कर सकते हो ये सच बोल रहा है कि झूठ बोल रहा है। आराम से कर सकते हो। आपको पता होना चाहिए। आप एक साथ तीन अखबार लेकर के बैठिए...एक खबर एक अखबार में एक पहले पेज पर होगी, दूसरे में तीसरे पेज पर होगी, चौथे में एक कोने में कहीं पड़ी होगी। तो आपके मन में उठना चाहिए कि भई ऐसा क्‍यों अगर खबर इनके लिए इतनी महत्‍वपूर्ण थी तो इनके लिए बेकार क्‍यों है? तो फिर पता चल जाएगा कि किस अखबार का क्‍या स्‍वभाव है? आपको मुश्किल नहीं होगा। आप टीवी चैनल भी तीन-चार देख लेंगे तो पता चलेगा कि एक ही खबर को ये ऐसे बोल रहा है, ये ऐसे बोल रहा है। तो आप आराम से और मैं मानता हूं हमारे देश के नई पीढ़ी के नौजवान हैं जो first time voter हैं उनमें ये महारथ हमसे भी ज्‍यादा है। वो मोबाइल फोन पर सारी दुनिया खोज करके, वो गूगल गुरु के विद्यार्थी हैं, वो गूगल को पूछेंगे बता भई कि ये मोदी ऐसा कह रहा है, सच क्‍या है तो पांच मिनट में मिल जाएगा।

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मैं चाहता हूं देश की युवा पीढ़ी खबरों को बराबर बारीकी से analysis करने की आदत डाले। किसकी खबर सही निकलती है उसका एक खाका बनाएं और वो विश्‍वास हो जाएगा कि किस रास्‍ते पर चुनना है। लेकिन परिवारवाद, जातिवाद, संप्रदायवाद, भ्रष्‍टाचार, ऊंच-नीच का भाव ये सारी चीजों ने देश को बरबाद किया है। उससे जो मुक्ति दिलाता है और जो देश को आगे ले जाने के लिए सोचता है उसी के साथ चलना चाहिए। ये भाव हमारी नई पीढ़ी में होना चाहिए। हमारे first time voters ने आपातकाल क्‍या था, हिंदुस्‍तान को जेलखाना बना दिया था, उसको पता नहीं है। हमारे first time voter को, मुझे तो मालूम है गुजरात में जो voter अभी बने उनको पता ही नहीं कि पहले भोजन करते समय बिजली नहीं आती थी। जब मैं मुख्‍यमंत्री बना गुजरात में 2001 में तब सबसे पहले लोगों ने मेरे से क्‍या मांग की थी। मुझे गुलदस्‍ता देने आते थे। नया मुख्‍यमंत्री बना था। तो परिचय करते थे हम उस जिले से आए हैं आपको बहुत शुभकामनाएं हैं आप मुख्‍यमंत्री बन गए फिर धीरे से कहते थे साहब एक काम कर दो। मैं कहता था क्या? कि साहब कम से कम शाम को खाना खाते समय बिजली मिले इतना कर दो, ये दिन थे गुजरात के.. आज 24 घंटे बिजली मिल रही है।

लेकिन उस समय जो तीन साल का बालक था उसको मालूम नहीं है कि उसके मां-बाप को अंधेरे में ही गुजारा करना पड़ा था। और इसलिए ये नई पीढ़ी को बताना पड़ेगा कि देश को 70 साल कैसे लूटा गया कैसे बरबाद किया गया है और पहली बार ये पांच साल में इस बरबादी से बचाने की कोशिश हो रही है। अभी भी मैं ये नहीं कहता हूं मैंने सब कर लिया है। मैंने ऐसा दावा कभी नहीं किया है। लेकिन किया है वो सही दिशा में किया है। सही करने के लिए किया है। और अपनी चमड़ी बचा करके नहीं किया है जी-जान से किया है। खुद को दाव पर लगाकर कर दिया है। और मैं आगे भी आपको विश्‍वास दिलाता हूं न मैं रुकने वाला हूं न मैं थकने वाला हूं और न ही झूठ के सामने कभी झूकने वाला हूं। मेरा सर झुकता है सिर्फ एक ही जगह पर सवा सौ करोड़़ हिंदुस्‍तानियों के आगे। और मेरा कोई रिमोट कंट्रोल है तो सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा रिमोट कंट्रोल है। मैं उन्‍हीं को समर्पित हूं। उनके सपनों को समर्पित हूं। और उन्‍हीं के लिए काम करने का निर्णय कर-करके मैं चला हूं।

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आपका आशीर्वाद बना रहे, मुझे अच्‍छा लगा ये कार्यक्रम की रचना के लिए मैं यहां के मेरे सांसदों महोदयों को धन्‍यवाद करता हूं उन्‍होंने बढि़या रचना की यहां के पार्टी के लोगों को मैं धन्‍यवाद करता हूं कि मुझे ऐसे होनहार लोगों से मिलने का मौका मिला और मैंने देखा कि सवाल पूछने में भी बेटिया ज्‍यादा आगे थी। तो मैं इस women empowerment को भी बधाई देता हूं।

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बहुत–बहुत धन्‍यवाद दोस्‍तों मुझे बहुत खुशी हुई। मैं फिर से एक बार जो नौजवान हजारों की तादाद में बाहर खड़ें हैं उनकी क्षमा मांगते हुए मेरी बात को समाप्‍त करता हूं।

भारत माता की जय....भारत माता की जय....भारत माता की जय....भारत माता की जय....

वंदे मातरम.... वंदे मातरम....वंदे मातरम....वंदे मातरम....

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Text of PM Modi's interaction with Mahila Karyakartas of Bihar under “Mera Booth, Sabse Mazboot” initiative
November 04, 2025
QuoteBihar’s women have always been the strongest force behind social change: PM Modi
QuoteIt is women who have turned government schemes into people’s movements: PM Modi
QuoteThe opposition is not a gathbandhan but a gharbandhan: PM Modi taking a sharp jibe at RJD-Congress
QuoteEvery booth where women take charge becomes the strongest pillar of democracy: PM Modi

नमस्कार।

पीएम मोदी- मैं सभी बहनों का, भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का आज बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। इस चुनाव में मुझे जहां-जहां जाने का मौका मिला और जब-जब कार्यकर्ताओं से बात करने का अवसर मिला। मैं देख रहा हूं कि इस बार बिहार का कार्यकर्ता जी-जान से जुटा हुआ है। आप सभी बहुत परिश्रम कर रहे हैं। अभी तक चुनाव प्रचार के दौरान मैं बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में गया हूं। हर रैली पहले वाली रैली के रिकॉर्ड तोड़ रही है। और उसमें भी हमारी बहनें-बेटियां बहुत बड़ी संख्या में आ रही हैं। और सिर्फ हाजिरी नहीं मैंने तो कभी-कभी देखा है कि पूरे सभा मंडप को बहनों-बेटियों के नारों से पूरा सभागृह गूंज उठता था। बिहार भाजपा के महिला कार्यकर्ताएं मेरा बूथ सबसे मजबूत के संकल्प के साथ बहुत शानदार काम कर रही हैं।

साथियों

मेरी इच्छा थी कि पहले चरण की वोटिंग से पहले मैं आप सभी बहनों से बातचीत करूं। आपकी मेहनत, आपके अनुभव के बारे में सीधी आपसे बातचीत करके उसे समझने की कोशिश करूं। अनुभव करने की कोशिश करूं। मैं आप सब बहनों का ज्यादा समय नहीं लेता हूं। चलिए, बातचीत शुरू करते हैं। पहले कौन बात करेंगे मेरे साथ?

डॉ. रेखा राम, बेगूसराय

रेखा - जी, प्रणाम सर।

पीएम मोदी- जी प्रणाम।

रेखा- डॉक्टर रेखा राम, महिला मोर्चा अध्यक्ष, बेगूसराय।

पीएम मोदी-जरा अपना परिचय बता देंगे, डॉक्टर रेखा राम जी।

रेखा-जी सर, महिला मोर्चा अध्यक्ष, बेगूसराय

पीएम मोदी-आप व्यवसाय से डॉक्टर हैं, बॉडी के डॉक्टर हैं या बुक के डॉक्टर हैं।

रेखा- जी सर, बीएचएमएस डॉक्टर हूं। होमियोपैथ डॉक्टर हूं सर।

पीएम मोदी-अच्छा-अच्छा, फिर तो डॉक्टर में बहुत काम रहता होगा। पेशेंट नाता रहता होगा। फिर भी आप बीजेपी का जिले का काम देख रही हैं। बहुत बड़ी बात है। अच्छा रेखा जी पहले चरण की वोटिंग में बहुत समय नहीं बचा है। अभी घंटे भर के बाद तो प्रचार कार्य भी पूरा हो जाएगा। इस समय आप जो वहां काम कर रहे हैं, सबका उत्साह, उमंग क्या मुझे बता सकती हैं, आप कैसा है वातावरण।
रेखा-सर महिलाओं में और पुरूषों में बहुत उत्साह है सर, कुछ ज्यादा ही उत्साह इस बार दिख रहा है सर। यह तो महापर्व मना रहे हैं सर। लोकतंत्र के इस महापर्व में सर महिलाओं के प्रति जो उत्साह है। वो बहुत ही उत्साहपूर्ण माहौल बना हुआ है और विकास का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसे हम लोग रुकने नहीं देंगे।
पीएम मोदी-अच्छा इसका मतलब ये हुआ कि मतदान बढ़ेगा।

रेखा- जी सर।

पीएम मोदी- और क्या महिलाएं पुरुष से ज्यादा मतदान करेंगी क्या

रेखा- जी सर , महिलाएं गर्व से कह रही हैं सर। डबल इंजन की सरकार ने जो काम किया है। उन्होंने हमारे जीवन को बदल दिया है। हम माता-बहनें कहते हैं सर, मोदी जी ने हमें जो फ्री गैस, फ्री राशन, 125 यूनिट बिजली जो फ्री दिया है और 1100 रुपए की वृद्धा पेंशन और तो और ज्यादा उत्साह के बात तो है, 10000 जो अपने विकास के लिए रोजगार के लिए उन्हें दिए हैं, उनमें काफी उत्साह है सर। मैं बहुत सी महिलाओं से मिली हूं। वह बहुत उत्साह दिख रही हैं कि जो हमें 10000 मिली है, मैं उनसे छोटी-छोटी योजनाओं पर काम कर रही हूं। कितनी बहनें बताएं कि मैं सिलाई मशीन लाई और मैं कपड़ा सिल रही हूं। उनसे दो दो बहनों को मैं और जोड़ी हूं।
पीएम मोदी- रेखी जी, मैं इस चुनाव को निकट से देखा है। चारों तरफ यह तो पक्का हो चुका है कि एनडीए का विजय हो रहा है। बहुत भारी विजय हो रहा है। और इसलिए विजय के संबंध में तो मेरे मन में कोई सवाल ही नहीं है। मैं ज्यादा से ज्यादा मतदान हूं। आप अपने बूथ में अधिक से अधिक मतदान के लिए क्या रणनीति बनाई है। और बहनों ने भाइयों ने क्या योजना बनाई है, बता सकती हैं।

रेखा- जी सर, हमने बूथ तक जाने के लिए उनको रिक्शा, ऑटो, गाड़ी गांव में हर चीज का हमलोग सुविधा व्यवस्था करा रहे हैं, कि जो महिलाएं नहीं भी चल पाएंगे तो उनके लिए हमारी पूरी की महिला मोर्चा की महिलाएं लगी हुई है और उनके साथ युवा मोर्चा के भाई भी लगे हुए हैं।

पीएम मोदी- आप तो डॉक्टर हैं। इसलिए आपको बीमार लोगों की चिंता होना बहुत स्वाभाविक है। यह आपकी बात सही है। इलेक्शन कमीशन भी जो बीमार मतदाता होते हैं, उनको ले जाने की सुविधा अलाउ करता है और इसीलिए यह तो आप मानवता का काम कर रही हैं। लेकिन जैसा मैं हमेशा कहता हूं कि जिस दिन मतदान होता है, बहनों ने थाली बजाते-बजाते ढोल बजाते-बजाते, गीत-गाते गाते जुलूस निकालकर मतदान करने के लिए जाना चाहिए। 25-25 जिन बहनों की टोलियां अगर निकलती हैं और दिनभर में ऐसी कम से कम 100 टोलियां निकाल सकते हैं हम। 200 टोलियां निकाल सकते हैं तो ये बहुत बड़ा फर्क पड़ता है तो ऐसा कुछ करेंगे आप लोग?

रेखा-जी सर, जी सर हम लोग लगे हुए हैं। सभी महिलाएं एकदम सशक्त हैं। सर एकदम तैयारी के साथ है।

पीएम मोदी- अच्छा रेखा जी आपको स्वास्थ्य सेवाओं का अच्छा अनुभव है। आप मुझे बताइए, बीते एक दशक में बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं में कितना बदलाव आया है।

रेखा-सर बीते 10 वर्षों में बिहार राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है सर। राज्य में जो प्राथमिक उपचार केंद्र है अनुमंडल स्तर पर स्थापित सदर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य की हर सुविधा बहाल है सर। आपके सर कुशल नेतृत्व में राज्य में कई जगह पर एम्स की स्थापना भी की गई है। इस कारण में अब जो मेरे पेशेंट है, वह बताते हैं कि आप मुझे मुंबई दिल्ली या बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब मुझे बिहार में ही हर चीज की सुविधा मिल रही है तो मैं बाहर क्यों जाऊं, मैं यही दिखाऊंगी।

पीएम मोदी- अच्छा रेखा जी, विकास के तो बहुत काम हुए हैं। वहां लोगों को सुविधा का विषय हो। शौचालय बनाने के बात हो पानी का नल देने के बात हो गैस का कनेक्शन हुआ हो। यह सारी बातों का एक सकारात्मक प्रभाव तो है ही। देखिए, क्या ये जो पुलियाएं बन रही हैं, रोड बन रहे हैं। स्कूलों की बिल्डिंग बन रहे हैं। रेलवे स्टेशन बन रहे हैं। नए-नए एयरपोर्ट बन रहे हैं। यह भी महिलाओं की चर्चा में होता है क्या।

रेखा-जी सर बहुत होता है सर यह जो रोड जो बन गया सर पहले हम लोग को पटना जाने में तीन-चार घंटा का समय लगती थी। सर यह जो सिमरिया रोड बन गई है। हम लोग को डेढ़ घंटा लगता है। हम लोग को बहुत राहत मिला, एम्स का हॉस्पिटल पटना में है। सर कोई इमरजेंसी पेशेंट आए। उनको तुरंत भेजना है तो मैं रोड की ऐसी सुविधा मिली है कि हमारी महिलाएं हमारे भाई बहुत खुश है कि आपने इतने अच्छे काम किए हैं। हर जगह हमको सुविधा हॉस्पिटल, हर चीज का सुविधा मिले है।

पीएम मोदी-रेखा जी, आपकी आपकी बातों में वो भावना झलक रही है, जो आज गरीब, दलित, महादलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा सबके मन में रची बसी है। बिहार के लोग मन बना चुके हैं। इस बार एनडीए की जीत का पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ देंगे। वहीं जंगलराज वालों को अब तक की सबसे करारी हार मिलेगी। बिहार का जितना ज्यादा विकास हो सके। एनडीए ही कर सकती है। आप तो डॉक्टर हैं। आप भी जानती हैं कि जंगलराज में स्वास्थ्य की स्थिति क्या होती थी। जंगलराज के 15 साल में बिहार में एक भी नया मेडिकल कॉलेज नहीं बना। एनडीए सरकार अब तक छह नए मेडिकल कॉलेज बना चुकी है। 10 नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है। और 10 नए मेडिकल कॉलेज की मंजूरी भी दी जा चुकी है। आयुष्मान भारत, पीएम जन औषधि जैसी योजनाओं से इलाज बहुत ही सस्ता हो गया है। इसका फायदा बिहार की महिलाओं को हुआ है। आप सभी माताओं-बहनों की टोलियों के बीच निरंतर यह चर्चा करते रहें। बिहार में एनडीए सरकार ही बहनों-बेटियों के भविष्य उज्जवल, उज्जवल भविष्य की गारंटी है। इसलिए बिहार की हर नारीशक्ति कह रही है जी फिर एक बार एनडीए सरकार। फिर एक बार सुशासन की सरकार। रेखा जी मुझे बहुत अच्छा लगा। आप डॉक्टरी का व्यवसाय करते हुए भी पूरे बिहार की और बहनों की और समाज की इतनी चिंता कर रही है। आइए अब हम किसी और साथी से बात करेंगे।

शालिनी सिंह, भोजपुर

शालिनी सिंह- जी नमस्कार सर।

पीएम मोदी- आप कौन है?

शालिनी - जी सर नमस्कार।

पीएम मोदी- नमस्ते जी।

शालिनी- मैं भोजपुर जिला से शालिनी सिंह बोल रही हूं। महिला मोर्चा महामंत्री

पीएम मोदी- शालिनी जी नमस्कार। अच्छा शालिनी जी आपके जिम्मे क्या काम है?

शालिनी- मैं सर खनगांव पंचायत की मुखिया हूं।

पीएम मोदी- अरे वाह।

शालिनी - जो कोयलवर ब्लॉक में कोयलवर ब्लॉक में है और संदेश विधानसभा में है।

पीएम मोदी- अच्छा शालिनी जी मैं तो आपसे कुछ सुनना चाहूंगा क्योंकि आप जनप्रतिनिधि भी है। गांव के प्रधान है तो आपको तो बिल्कुल जमीन की हर बारीकियों का पता होगा। शालिनी जी, आपके इलाके में चुनाव प्रचार कैसा चल रहा है? देखिए, पार्टी का बड़ी-बड़ी रैलियां, वीडियो, एडवर्टाइजमेंट, पोस्टर यह सब तो जबरदस्त दिख ही रहा है। लेकिन बूथ लेवल का काम ही इसमें तो मायना रखता है। मुझे आपके गांव, टोले, बूथ कुछ उसके विषय में जानना है। कैसा अनुभव आ रहा है?

शालिनी - जी सर हम लोग यहां बूथ लेवल तक काम कर रहे हैं और जो पन्ना स्तर के कार्यकर्ता हैं उनसे हम लोग मिल रहे हैं और यहां के जो प्रत्याशी हैं उनके लिए पर्चा बंटवा रहे हैं। घर-घर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। सर जो हमारे यहां के प्रत्याशी हैं, उनका जो चुनाव चिन्ह है, उसके बारे में हम लोग उन्हें बता रहे हैं कि आपको उनका चुनाव चिन्ह पहचानना है। उनको वोट करना है। और हम लोग हर एक कार्यकर्ता और हर एक जो पन्ना स्तर तक के कार्यकर्ता हैं उनसे मिल रहे हैं।

पीएम मोदी- आप लोग रास्ते में चलते-चलते लोगों को बताते हैं कि घर में जाकर के, बैठ के माताओं को बुलाकर के।

शालिनी - घर में भी जाते हैं सर। और जो नुक्कड़ पे, जो चौरस्ते पे जो लोग मिलते हैं, जो जिनका टोली होता है उनसे भी मिलते हैं। और उनको बताते हैं उनको हमारी योजनाओं के बारे में सरकार के बारे में बताते हैं।

पीएम मोदी- इस बार तो ऐसा होता होगा कि लोग तो कहते हैं अरे अपना समय खराब मत करो। हम तो बीजेपी को ही वोट देने वाले हैं। एनडीए को ही वोट देने वाले हैं। और इसलिए आप तो अब हमारे पीछे मत लगो, जाओ आगे हमको वोट देने। ऐसा कहते हैं लोग।

शालिनी - नहीं सर, यहां के लोग काफी सपोर्टिव हैं और वह लोग सुनते हैं। रुक के पूछते हैं कि भाई आप लोग क्या बता रहे हो बताओ मुझे और वो लोग सुनते हैं और काफी खुश होते हैं और सहयोग भी करते हैं।

पीएम मोदी- अच्छा शालिनी जी, एनडीए में भाजपा के साथ-साथ और भी बड़े सभी महत्वपूर्ण हमारे साथी दल है। साथी नेता है और हर एक का अलग-अलग चुनाव चिन्ह है तो कभी-कभी नीचे गड़बड़ हो जाती है कि वो तो सोचेंगे कि मोदी जी की तो फोटो दिखती नहीं है। मोदी जी का निशान तो दिखता नहीं है। तो ऐसे समय आप लोग कैसे समझाते हैं? क्या करते हैं?
शालिनी -जी सर हम लोग उनका पर्चा ले घूमते हैं। जो भी प्रत्याशी हैं एनडीए के, यहां जो जिस भी क्षेत्र के तो उनका पर्चा लेकर जाते हैं और उनके चुनाव चिन्ह से लोगों को अवगत कराते हैं। हर एक घर में बुजुर्ग जो माता लोग हैं या जो लोग नहीं समझ सकते हैं। उनको वह पर्चा देकर बताते हैं कि यह देखिए यह हमारे यहां का चुनाव चिन्ह है और आपको इसी के सामने का बटन दबाना है।

पीएम मोदी- शालिनी जी आप तो जानती है शालिनी जी आप तो जानती है जब कोविड आया और सारी दुनिया में लोगों की लाशें ही लाशें दिखती थी। श्मशान भरे पड़े थे। कब्रिस्तान भरे पड़े थे। ऐसे समय में मैं इतने बड़ा देश पर संकट आया तो मेरे मन में दो बातें थी एक जितने लोगों को बचा सकूं मुझे बचाना है। दूसरा था कि किसी भी हालत में गरीब को भूखा नहीं मरने दूंगा। और तब से मैंने जो गरीब कल्याण अन्य योजना चलाई है। आज भी गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे। क्योंकि आप जानते हैं मैं बहुत गरीबी से निकला हूं। तो मुझे मालूम है घर का चूल्हा जलते रहने का मतलब क्या होता है? यह गरीब कल्याण अन्न योजना इतने साल हो गए, चल रही है तो कहीं ऐसा तो नहीं लग रहा है लोगों को कि ठीक है भाई आता है, मिलता है, खाते हैं। इसमें मोदी कोई ज्यादा चर्चा ना हो ऐसा तो नहीं होता है ना कि चर्चा होती है।

शालिनी - नहीं सर, यहां के लोग काफी इस योजना से काफी लाभ ले रहे हैं। पहले क्या था कभी मिलता था, कभी नहीं मिलता था। लेकिन कोरोना के बाद से हर महीने उन लोग का राशन मिल जाता है। कभी-कभी तो महीने में दो बार भी मिलता है तो जो गरीब लोग हैं। इससे काफी लाभ काफी लाभान्वित है वह तो हमारी यहां के जो गरीब लोग हैं। उनकी मेन नीड है रोटी कपड़ा और मकान। तो आवास तो हम लोगों ने दे दिया है,हमारी सरकार ने दिया है रोटी तो हमारी सरकार आप हमारे हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी दे ही रहे हैं। तो उनका मेन जो मौलिक यह है वो कमाई है। तो रोटी और आवास के साथ-साथ अब लोग वो लोग अपने कमाई पे ध्यान दे रहे हैं। वह कमा रहे हैं और अपने आर्थिक स्थिति को ठीक कर रहे हैं। उनके घर में खुशहाली आई है, पैसे आ रही है। घरेलू घरेलू हिंसा कम हो गया है। तो काफी लोग जो इस योजना से काफी खुश हैं और आपको तो आशीर्वाद देते हैं कि हमारे जो आदरणीय प्रधानमंत्री जी हैं वो हजार साल जीएं। इस तरह का लाभ हमें मिल रहा है तो वो जिएंगे तभी और आगे भी हमें यह लाभ मिलता रहेगा तो वह तो काफी खुश हैं इस योजना से।

पीएम मोदी- शालिनी जी, आपने जो एक बात बताई ना कि इसके कारण घरेलू हिंसा कम हो गई है। यह बात यह बात वही बता सकता है जो सच्चे अर्थ में हर घर में जाता है। लोगों से मिलता है और मुझे लगता है कि आप सचमुच में जमीन पर काम करने वाली कार्यकर्ता है। और तभी ऐसी बात बता सकती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगा। इस बार तो आपने देखा होगा मैं चुनाव का प्रचार शुरू करने से पहले भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी के गांव गया था। उनके परिवार से मिला था। उसके बाद मैंने चुनाव प्रचार शुरू किया था। कर्पूरी ठाकुर जी तो सामाजिक न्याय के बहुत बड़े मसीहा रहे हैं। अब ये सामाजिक न्याय का इतना सारा काम हम आगे बढ़ा रहे हैं। एनडीए सरकार का तो पूरी तरह कमिटमेंट है सामाजिक न्याय। उस पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

शालिनी- जी सर सामाजिक न्याय के तहत अब महिला और पुरुष दोनों अब सेम है। हर स्तर पे वो लोग काम कर रहे हैं। पहले क्या था? पुरुषों को यह पुरुष प्रधान देश था। लेकिन अब हमें 33 परसेंटआरक्षण मिला है। जिसका स्वयं उदाहरण मैं हूं। मुखिया के रूप में मैं आपसे बात कर रही हूं। और महिला और हम महिलाएं जो हैं वह अब समाज में अपनी भागीदारी बढ़ा रही हैं। तो अब हम लोग चौखट के अंदर नहीं है सर। अब महिलाएं भी चौपाल पे हैं।

पीएम मोदी- शालिनी जी, मैंने बिहार की अपनी सभाओं में लोगों का जो उत्साह देखा है वह अद्भुत है। अब अगले कुछ घंटों में आप सभी को इस उत्साह को अभूतपूर्व परिणामों में बदलना है। एनडीए सरकार महिलाओं के जीवन को आसान बनाने और उन्हें सशक्त करने के लिए लगातार काम कर रही है। बिहार में बिजली का खर्च कम हुआ है। नीतीश जी तय यूनिट बिजली मुफ्त की है। इससे लोगों का लाभ हो रहा है। आप लोगों को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के बारे में भी बताएं। हमने बिहार के कई शहरों में मेट्रो चलाने की तैयारी की है। जब मेट्रो चलती है। अच्छी बसें, वंदे भारत जैसी ट्रेनें चलती हैं तो सबसे अधिक सुविधा महिलाओं को होती है। वे सुरक्षित तरीके से जहां जाना है वहां जा सकती है। आप जब लोगों से मिलती हैं तो उनको अपने घोषणापत्र के बारे में विस्तार से बताइए। हम कैसे अपने वादे पूरा करते हैं यह भी बताइए। बिहार के हर परिवार को पहले मतदान फिर जलपान का मंत्र बताइए। उन्हें जानकारी दीजिए कि उनका बूथ कहां है? उनका वोटर नंबर कितना है। लेकिन मेरी इच्छा है कि जो पन्ना प्रमुख है ना, वह अपने पन्ने पर जितने महिलाओं के वोट हैं वह सबसे पहले डलवा दें। पूरी ताकत पन्ना प्रमुख एक-एक महिला का वोट पड़े उसकी चिंता करे। शालिनी जी बहुत अच्छा लगा। एक प्रधान के नाते आप सफल रहें। यही मेरे शुभकामना है आपको। आइए हम और किसी बहन के साथ बात करेंगे। अब कौन बात करेगा हमसे?

नीलम चंद्रवंशी, औरंगाबाद

नीलम - नमस्कार। मैं नीलम चंद्रवंशी।

पीएम मोदी- नीलम जी नमस्ते।

नीलम - नमस्ते मैं नीलम चंद्रवंशी, केसर मंडल अध्यक्ष सूरज नगरी औरंगाबाद जिला के रहने वाली हूं और जीविका समूह के पीएम भी हूं। हम अपना भाषा में बोल रहे हैं कि हाथ जोड़ के रवा गौड़ लागई थिया।

पीएम मोदी- तो आप आप जीविका दीदी में क्या विशेष काम करती हैं?

नीलम -जीविका के पहले क्या था? जीविका के बाद में क्या हुआ? दीदी लोग के हम बारे में बता रहे हैं। जब जीविका समूह बना। टीआरपी लोग आके बनाए कोई महिला जुटती भी नहीं थी। उन लोग के जुटवाए दीदी 100 रुपया बचत करना है। आप लोग के आर्थिक स्थिति अच्छा हो जाएगा। तो 10-12 के टोली बना बना के 15 समूह बनाए। और समूह बना के उन लोग के 10 रुपया बचत करवा के, कुछ पैसा उन लोग के महीना में 10 महिला को हो गया 400। वैसे करे-करे छह महीना करके उन लोग के कुछ पैसा जमा करके दो-दो हजार रुपया महिला लोग के दिए कि लो छोटा बिजनेस चालू करो। मुर्गी चार गो खरीदो एक बकरी खरीदो। उन लोग सारा महिला लोग मुर्गी खरीद ली बकरी खरीद ली तो घर के खाना कपड़ा लाता ढंग से करने लगी। तो फिर हम लोग के लोन पास हुआ तो लोन पास हो के हम भी लोन लिए थे 50 हजार रुपया लेके हम चार मशीन खरीदे सिलाई मशीन।

पीएम मोदी- पचास, पचास हजार रुपया।

शालिनी - हां 50 हजार रुपया लोन। उसमें पास हुआ ₹1.5 लाख हुआ, तो हम 50 हजार लिए कि दीदी मेरे को बिजनेस बढ़ाना है। तीन बच्चा है हम लोग के बच्चा को पढ़ाई करने में दिक्कत हो रहा है। तो हम 50 हजार रुपया उसमें से ले के चार सिलाई मशीन खरीदे और दो आदमी को बिजनेस भी बढ़वा दिए। उन लोग भी 5 हजार रुपया मंथली

पीएम मोदी- यानी मतलब, आपको तो स्वयं तो पैरों पर खड़ी हो गईं, लेकिन औरों को भी आपने रोजगार दिलवा दिया।

शालिनी- बहुत लोग के मेरा जानिए कि मेरा 180 महिला मेरा पास है। सारा महिला कुछ ना कुछ अभी कर रही है। अब अभी तो इतना अच्छा उत्साह आया है कि जो 10,000 वाला में उन लोग इतना महिला लोग खुश हो गई है कि ₹10,000 ले हर महिला को बिजनेस चालू करवा दिए हैं और बोल दिए हैं कि दीदी आप लोग का बिजनेस बढ़ेगा तो आपको मोदी जी और नीतीश जी आओ दो लाख भी रुपया देंगे इससे भी बड़ा बिजनेस आप करके पूरा खुशहाल जिंदगी आप जी सकते हैं।

पीएम मोदी- नीलम जी, आपकी बातें सुनकर तो ऐसा लग रहा है कि मुझे सुनते ही रहना चाहिए। लेकिन अब 5:00 बजे चुनाव प्रचार पूरा होने वाला है। इसलिए मैं ज्यादा तो लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अच्छा नीलम जी, आपके क्षेत्र में चुनाव बहुत तेज गति से तो चल रहा है। प्रचार तो भरपूर हो गया है। लोगों ने भी चुनाव जीतने का तय कर लिया है। अब हमारे पास 5:00 बजे तो प्रचार बंद हो जाएगा। अब तो एक-एक घर जाकर के काम करना होता है। और मैं समझता हूं अब जो दो दिन होते हैं ना वह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। तो इन दो दिन में आप क्या करेंगे?

नीलम- दो दिन में हम लोग पूरा तैयारी करके रखे हैं। दो दिन में तो हम लोग एक एवीएम मशीन लाए हैं। नमूना लाए हैं, घर-घर जाके दीदी लोग के बता रहे हैं।

पीएम मोदी- हां ये बहुत अच्छा बताया जो ईवीएम का मशीन का जो चित्र आता है ना वो समझाना होता है कि कौन सा बटन दबाना कैसे दबाना ये समझाना बहुत जरूरी होता है।

नीलम- हां तो वह मशीन ले हम लोग घर टोली बना-बना के घर-घर जाकर बैठ के बैठ पानी भी पी रहे हैं। दीदी से मांग के दीदी पानी दीजिए। अब आइए आपको एक सिखा रहे हैं दो नंबर पर आपको दबाना है कमल फूल को देखना है। कुछ को ना देखना है। सब उन लोग खुश दबा-दबा के बैटरी बहुत उसमें अति हो रहा है। सब खुश है कि उन लोग की हम लोग क्या आजादी दिलवा रहे हैं हम क्या आजादी दिलवा रहे हैं।

पीएम मोदी- कभी-कभी क्या होता है कि उम्मीदवार का अगर नाम आखिर में है। तो हमारे लोग जाकर के गलती से बता देते हैं आखिरी नाम लेकिन आखिर में वह नोटा होता है तो फिर लोग क्या गलती से वह वोट दे देते हैं तो नुकसान हो जाता है तो समझाना पड़ता है कि इतने नंबर पर वोट दीजिए ये जरा समझाना पड़ेगा सबको।
नीलम- हां समझाते हैं उन लोग कि दो हम लोग के चुनाव है और सिर्फ दो नंबर देखना है हम लोग के कमल फूल चिन्हा उसमें लगा हुआ है। एवीएम मशीन में चिन्ह लोग दिखा रहे हैं। उन लोग को दिखा-दिखा के बता रहे हैं महिला लोग।

पीएम मोदी- अच्छा नीलम जी, वैसे तो आपने बताया कि आपके साथ 180 बहनें काम कर रही हैं। अब वो भी रोजगार कमा रही हैं और पुरुष लोग भी उससे कमा रहे हैं। तो अब बच्चियों को पढ़ाने में सब लोग रुचि लगते हैं। बेटियों को पढ़ाते हैं बराबर।

नीलम- पढ़ाना पूरा उन लोग तो बेटा-बेटी में कुछ अंतर ना हम सब महिला को समझाएं। दीदी ये ना समझिए कि मेरा एक दीदी मेरी बगल की है सिर्फ उनको दो लड़की है। बोल रही थी क्या करेंगे पढ़ा के उनको हम जबरदस्ती सरकारी निकाली थी डीएलडी में अभी 50 हजार रुपया लग रहा है क्या लग रहा है आप लोग डीएलडी निकालिए लड़का लड़की में कोई फर्क नहीं आपको लड़की भी करेगा वो जाकर डीएलडी में तुरंत ही नाम लिखवाई।

पीएम मोदी- यह बहुत बड़ा काम किया आपने तो। अच्छा नीलम जी, बिहार की बहनों में यह जंगलराज के खात्मे के बाद सुरक्षा का जो भाव आया है अब जो 20-22 साल की बेटियां हैं उनको तो मालूम ही नहीं है कि पहले कितनी हालत खराब थी क्या उनको यह बताते हैं नई पीढ़ी की बच्चियों को कि देखिए पहले जंगल राज में मुसीबत कितनी थी बहनें घर के बाहर नहीं निकल सकती थी असुरक्षा थी बहनें डरी हुई रहती थी। अब नीतीश जी की सरकार बनने के बाद बहुत बड़ा बदलाव आया है। यह सारी बातें आप लोग बताते हैं तो नई पीढ़ी की बेटियां क्या कहती है?

नीलम- हां सारा बात बताते हैं। वो मेरी बगल में एक वो नर्स दीदी रहती थी उर्मिला दी। जब हम छोड़ बता रहे शादी 2020 के बात बता रहे हैं। शादी हुआ था तो उनको लड़की पढ़ने गई ना और 6:00 बजे शाम में लौट आ रही थी। कोई उनको आदमी किडनैप कर लिया था। तो वही अपना लड़की को बताते 8:00 बजे फोन आया। उनको घर में आया कि आप इतना पैसा दीजिएगा तो वो लड़की छोड़ेंगे। वो अकबका के रोज-रोज चिल्ला रही थी। हम लोग सब देखे हुए हैं। अभी हम अपना लड़की को खुद बताते हैं। तू लोग गोलगप्पा खाने लगती है। जाती हो तो हम लोग तो बेफर रहते हैं। उर्मिला दीदी को लड़की को तो किडनैप हो गया था। पहले 2020 के बाद बता रहे हैं।

पीएम मोदी- अच्छा नीलम जी, जंगलराज के दौर में बेटियों का बाहर निकलना मुश्किल था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज रात के समय में अस्पतालों में, रेलवे स्टेशनों पर अन्य अनेक जगहों पर बेटियां बिना डर से काम कर रही हैं। बिहार की महिलाएं जंगलराज के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गई हैं। उन्होंने ठान लिया है कि जंगलराज की वापसी कभी नहीं होने देंगे। इसलिए जंगलराज वाले बिहार की महिलाओं को तरह-तरह के झूठ बोलने में जुटे हैं। नीलम जी, जब सुशासन होता है कानून-व्यवस्था का राज होता है तो महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। इसलिए बिहार की बेटियां अब स्वरोजगार के जरिए नौकरी देने वाली भी बन रही हैं। मुद्रा योजना ने छोटे व्यापार के सपने पूरे किए हैं। जीविका दीदी और डेयरी योजनाओं ने आत्मनिर्भरता की ताकत दी है। पशुपालन उसके लिए जो क्रेडिट कार्ड योजना ने खेती से जुड़ी महिलाओं के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराया है। और मुझे तो खुशी यह हुई है कि ये सारी बातें आप जानती हैं। मतलब कि गांव तक की महिलाओं को इन सारी योजनाओं का पता होना यही सबसे बड़ा काम है। और यह कोई पढ़ाने से नहीं होता है। भाषण करने से नहीं होता है। जब सच्चाई में जमीन पे काम होता है ना तब होता है। तो मैं देख रहा हूं कि बिहार में जमीन पर काम हुआ है। और उसका असर मुझे तो चुनाव प्रचार में सब जगह पर नजर आया है। बस अब काम एक ही है। हमें हर पन्ना प्रमुख को पकड़-पकड़ करके एक भी पन्ने पर एक भी बहन ऐसी ना हो जिसका वोट ना हो। और बहनों के वोट एनडीए को मिलें, इसके लिए पूरी ताकत लगा दीजिए। चलिए मुझे बहुत अच्छा लगा नीलम जी। आइए अब कौन हमसे बात करेगा?

गुंजा बंगानी, पूर्णिया

गुंजा- जय जिनेंद्र सर मैं गुंजा

पीएम मोदी- जय जिनेंद्र

गुंजा- मैं गुंजा बंगानी पूर्णिया जिला से वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा।

पीएम मोदी- गुंजा जी आप प्रदेश की नेता हैं।

गुंजा- हां हां माननीय।

पीएम मोदी- तो फिर तो आपका तो बहुत जगह पे जाना हुआ होगा। तो आप अभी क्या करती हैं? स्वयं के व्यक्तिगत जीवन में क्या करती हैं गुंजा जी ?

गुंजा- मैं व्यवसाय से जुड़ी हुई हूं। किसानों के साथ जुड़ी हुई हूं। मेरा धान गेहूं, मकई, भूसी सभी का किसानों से परचेज करके ऑल इंडिया ट्रेडिंग करती हूं।

पीएम मोदी- अच्छा, आप तो बहुत बड़ा व्यापारी बन गई हो। अच्छा गुंजी जी, गुंजा, आपका नाम गुंजा जी है गुंजी जी है।

गुंजा- गुंजा बंगानी। मारवाड़ी मारवाड़ी फैमिली से आती हूं।

पीएम मोदी- अच्छा-अच्छा और जैन परिवार से हैं माइनॉरिटी से हैं।
गुंजा- हां जी।

पीएम मोदी- अच्छा आपके यहां पर्ची बांटने वगैरह का काम कैसे हो रहा है? मैंने आग्रह किया था कि हमारे परिवारों के मुखिया सभी के वोट डलवाने की जिम्मेदारी लें। और महिलाएं घर के हर व्यक्ति का वोट करवा दें। और महिलाएं कहें कि आज तो चाय तब बनेगी पहले वोट करके आओ। जाओ चलो। तो ऐसा वातावरण बना है क्या?

गुंजा- बिल्कुल माननीय हमारे पीएलओ के द्वारा घर-घर पर्ची बांटी जा रही है। जो बूथ तक पहुंचाने की महिला पुरुष को व्यवस्था की गई है। जो महिला जो पुरुष असमर्थ है उनके लिए टेमो, ऑटो, रिक्शा, मोटरसाइकिल, गाड़ी सबकी व्यवस्था की गई है। एक-एक से मिला गया है और उनको जागरूक किया गया है।

पीएम मोदी- अच्छा गुंजा जी, यह जो दो युवराज वहां घूम रहे हैं और उसमें भी यह जो दिल्ली वाले युवराज वहां आए थे, जिनको बिहार का कुछ अता पता नहीं है। हमारी छठ मइया का क्या महत्व होता है ये पता नहीं है। और छठ मइया के लिए भी कुछ ना कुछ बोल दिए। यह चर्चा माताओं-बहनों में है क्या?

गुंजा- माननीय यह चर्चा हमारी सभी माताओं-बहनों के जेहन में बैठ गई है। क्योंकि माताएं-बहनें हम लोग आस्था के साथ जुड़ी हुई हैं। कोई भी राज्य हो सर्वप्रथम आस्था से जुड़ा हुआ है। आज आस्था पे जो चोट पहुंचाई है विरोधी के द्वारा। माताओं को भारी आक्रोश है। उनके बहुत पीड़ा हो रही है कि ये सुनके कि विरोधी दल द्वारा इस तरह आस्था का अपमान किया गया। ये अक्षम्य है। हम लोग को माफी के लायक नहीं समझ रहे हैं इस बात को। बहुत आक्रोश का माहौल बना हुआ है माता-बहनों के बीच में।

पीएम मोदी- क्या बहनों ने खुद में लगता है कि इस बार वह रिकॉर्ड तोड़ देने बूथ के अंदर शत प्रतिशत वोट महिलाएं करेगी। ऐसा कोई वातावरण बन रहा है? महिलाएं बोल रही है ऐसा?

गुंजा- माननीय हमारी महिलाएं बहुत जागृत हुई हैं। इन 15 साल 20 साल के अंदर। अब इन्हें समझ में आया है कि कौन सरकार कौन कितना हद तक बात करती है और कितना हद तक धरातल में काम करती है। महिलाएं आज स्वतंत्र होकर खुले आसमान के नीचे अपना छोटा-छोटा व्यापार कर रही है। स्वतंत्र होकर अर्ध रात्रि में निकल रही है। ये हमारी सरकार के द्वारा दी गई है। इस तरह महिलाएं बहुत सारी महिलाएं मतलब 96 प्रतिशत से अबव महिलाएं जागरूक होके वोट करने के लिए आगे बढ़ रही है।

पीएम मोदी- नहीं-नहीं, ये अपने काम का जागरूकता, सरकार की योजनाओं की जागरूकता यह सब तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन इस चुनाव में इस चुनाव में ऐसा विजय देना है। ऐसा विजय देना है कि यह जिन्होंने झूठ बोला है। छठ मइया का अपमान किया है। बिहार को जिन्होंने जंगलराज में रखा था, उनको उनकी जमानत जब्त होनी चाहिए। कहीं पर भी उनको जगह नहीं। ऐसा कोई वातावरण बन रहा है क्या लोगों में? ये ये ताकत दिखती है क्या?

गुंजा- बिल्कुल माननीय है। क्योंकि पहले महिलाओं को बरगलाया जाता था। घर के अंदर रखा जाता था। मगर हमारी सरकार ने महिलाओं को बाहर निकाला है। स्वावलंबी बनाया है। अब महिलाएं जागरूक हो गई है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से सब जान गई हैं कि क्या सही है क्या गलत है। अब अपनी जागरूकता को पहचानते हुए वो आगे बढ़ रही है और

पीएम मोदी- गुंजा जी गुंजा जी जागरूकता वाला विषय तो मैं समझ गया और बहुत अच्छी तरह से आप बताती भी हैं। मेरा बहुत सिंपल सवाल है। यह सब लोग पूरे परिवार का बूथ पर जाकर के वोट करवाएंगे। सुबह-सुबह वोट करवाएंगे। गीत गाते-गाते महिलाएं जाकर के वोट करवाएगी। हर पन्ना प्रमुख देखेगा कि एक भी महिला का वोट तो नहीं छूटना चाहिए। इसके लिए क्या हो रहा है वह मुझे सुनना है।

गुंजा- माननीय इस बार रिकॉर्ड टूटेगा। हम महिलाओं का रिकॉर्ड तोड़फोड़ एक-एक घर से महिलाएं निकलकर वोट करेंगी यह देखने को मिलेगा।

पीएम मोदी- अच्छा बिहार में हमने करीब-करीब 1 करोड़ 40 लाख महिलाओं के बैंक खाते में, हर एक के खाते में 10000 हजार रुपये की मदद पहुंचाई है। और यह भी कोई कट नहीं, कमीशन नहीं, भ्रष्टाचार नहीं, कोई चोरी लूटपाट नहीं। सीधासीधा और इसका इच्छा भी यही है। वह महिलाएं अपने पैर पर खड़ी हों अपना कोई कारोबार शुरू करें। इसकी कितनी चर्चा है लोगों में क्योंकि हर घर में पैसा पहुंचा है।

गुंजा- माननीय बहुत सी महिलाओं को इस 10,000 की पूंजी उपलब्ध हुई है सीधे खाते में। करप्शन का आज अभाव के कारण डिजिटल इंडिया होने के कारण, खाता में सीधे महिलाओं के खाते में पैसा आने के कारण आज महिलाओं को सबसे ज्यादा इस चीज का बेनिफिट मिला है। जिसके कारण महिला अपने पैसे को खुद से निकाल के अपना छोटा से छोटा रोजगार स्टार्ट की है। जो बिचोलिया इतने दिन से गुटबाजी कर रहे थे, जो महिला तक
जो पैसा पहुंचना था, चाहे कोई भी योजना का। वो नहीं मिल पा रहा था, मगर डिजिटल इंडिया के द्वारा बैंक में खाता खुलने के द्वारा आज सीधे महिलाओं के खाते में पैसे आने के कारण महिला शत प्रतिशत इस रुपया का सदुपयोग की है।

पीएम मोदी- गुंजा जी आपकी बातों में जो आत्मविश्वास है। वही आज बिहार की नारी शक्ति की पहचान बन चुका है। पूरे बिहार में महिला रोजगार योजना की बहुत चर्चा है। करीब 1 करोड़ 40 लाख बहनों के खाते में 10-10 हजार रुपया पहुंचना बहुत बड़ी बात है। अपने बूथ पर चर्चा के दौरान आपको केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताने का माहौल जो बना है इसका जरूर लाभ होना चाहिए। और कैसे महिलाओं के लिए जन्म से लेकर जीवन के हर चरण में कोई ना कोई योजना है। मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर पक्के घर तक महिलाओं को सशक्त बनाने की गारंटी दी है। मिशन इंद्रधनुष से, पोषण मिशन से गर्भवती महिलाओं हमारी माताओं बहनों को इतनी बड़ी राहत मिली है। आप बिहार की बहनों को जरूर सतर्क करें और जैसा मेरा एक ही आग्रह है एक भी पन्ना प्रमुख ऐसा ना हो, जिस पन्ने पर अगर 20 बहनों के नाम है, 15 बहनों के नाम है, 18 बहनों के नाम है। ज्यादा बहनों के ना सबके वोट पड़ने चाहिए और इस बार तो मैं पूरी तरह यह देखने वाला हूं कि महिलाओं के वोट पुरुषों से ज्यादा करके इस बार बिहार को दिखाना है। बिहार अब नारीशक्ति का एक बहुत बड़ा प्रेरणा केंद्र बनने वाला है पूरे हिंदुस्तान के लिए। ऐसा मुझे चुनाव तो जीतने वाले हैं। लेकिन मुझे तो मेरी माताएं-बहनें जीत जाए। उसमें इंटरेस्ट है। हर बूथ में जीत जाए। हर परिवार में जीत जाए।

गुंजा- माननीय हम महिलाएं पूरे जोश के साथ इस चुनावी दौर पर आगे आके वोट करेगी। शत-प्रतिशत वोट इस बार महिलाओं का देखने को मिलेगा। यह मेरा पूरा विश्वास है।

पीएम मोदी- चलिए मेरी तरफ से आपका बहुत अच्छा लगा। आपको मेरी शुभकामनाएं। आप मेहनत कर रही है। सारी बहनें मेहनत कर रही है। और मैं तो देख रहा था कि खाना पकाने के समय पर भी बहनें रैलियों में आती थीं। यह बहुत बड़ी बात मैंने तो देखी है इस बार। अच्छा चलिए अब आइए किसी से बात करेंगे। अब कौन मिलेंगे हमसे?

वंदना पटेल, खगड़िया

वंदना- नमस्कार सर। मैं वंदना पटेल।

पीएम मोदी-नमस्कार जी।

वंदना- मैं वंदना पटेल भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्य समिति सदस्य और निवर्तमान महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष खगड़िया। आपको गौड़ छू के प्रणाम करे चाहिए।

पीएम मोदी- आपको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। वंदना जी बताइए आपकी जिम्मे में क्या-क्या काम है? आप क्या-क्या करती हैं? जरा मैं सुनना चाहता हूं।

वंदना- सर हम किसान परिवार से हैं। हमारे घर में दो बच्चे हैं। हस्बैंड हैं। हमारे हस्बैंड मक्का सीड्स में सेल्स मैनेजर हैं और खाद बीज का जो है व्यवसाय करते हैं। और हम लोग हम जो है सामाजिक संगठन से भी जुड़े हुए हैं। सामाजिक संगठन यूथ फाउंडेशन है। उससे भी जुड़े हुए हैं। उसके थ्रू जो है हम लोग महिलाओं को जो फाउंडेशन का संरक्षण है।

पीएम मोदी- अच्छा वंदना जी आप इतने सक्रिय हैं उतने जागरूक हैं। आपको पता है सरदार वल्लभभाई पटेल का एक बहुत बड़ा स्टैच्यू गुजरात में बना है पता है और दुनिया भर के लोग सरदार साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए आते हैं। पता है आपको?

वंदना- जी जी, जी सर।

पीएम मोदी- चुनाव के बाद आपको परिवार के साथ वहां जाना चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
वंदना- जी जरूर जाएंगे।

पीएम मोदी- पक्का, जरूर जाएंगे। अच्छा वंदना जी आप मुझे बताइए आपके इलाके में बूथ लेवल पर चुनाव कैसा चल रहा है? मैं प्रचार की बात नहीं पूछ रहा हूं। हर घर में क्या हो रहा है? और जो इतना बढ़िया घोषणा पत्र आया है और जिसमें कोई उटपटांग बातें नहीं कीं। जो हो सकता है उतना ही बोला है इसका क्या असर है।

पीएम मोदी- सर हम लोगों का जो बूथ जीतो चुनाव जीतो, बूथ पर जो है हमारी जो हम लोग जो है बूथ पर। हम महिलाओं सब आपके जो केंद्र सरकार की जितनी भी योजना है। केंद्र सरकार और बिहार सरकार के हम लोग पिछले पांच-छह महीने से हम लोग सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हैं और उस जैसे आपके घोषणा पत्र में गरीब, महिलाओं, युवाओं, किसानों के लिए जो आप घोषणा पत्र में जैसे महिलाओं के लिए रोजगार के लिए दो लाख रुपया सहायता दिए हैं। उससे महिलाओं बहुत ही उत्साहित है और घोषणा पत्र में हम जो है, हर घर मतलब 1 करोड़ नौकरी और रोजगार देने का जो बात कहे हैं उससे हमारे बिहार में और हमारे जिला में जितने भी हैं बड़े-बुजुर्ग, माता, बहनों, भाई बहनों सभी उत्साहित है कि हमारे हर जिले में फैक्ट्री और रोजगार मिलने वाला है। हर जिले में उद्योग लगाने का बात कहे हैं। उससे भी खुश उत्साहित है कि हमारे हर जिला में फैक्ट्री खुलेगा और हम लोग को रोजगार मिलेगा और उसमें सबसे बड़ी बात है किसानों के लिए जो सम्मान निधि पहले था 6000 और आपने बढ़ा के जो 9000 कर दिए तो हमारे किसान के लिए जो हर महीने महीने में 2000 तीन महीने में 2000 रुपया का सहायता मिलता था। उससे किसानों को खाद बीज खरीदने में बहुत ही सुविधा होता था। जैसे कि पहले अगर नहीं पैसा रहने पर कर्ज लेना पड़ता था और यह जब और बढ़ा के आप 9000 कर दिए किसानों के लिए तो बहुत ही ज्यादा आप सुविधा दिए हैं। अभी जो है हमको लगता है कि खाद का पहले कितना मारा-मारी था और अभी खाद और या डीएपी बहुत ही ज्यादा उपलब्ध करा दिए हैं। आपके नेतृत्व में किसान बहुत मजबूत हो रहा है। हम गर्व के साथ कहेंगे कि गांव और किसान आपके नेतृत्व में हमको लगता है बहुत मजबूत हो रहा है। उसका जीवन ही बदल गया है।

पीएम मोदी- अच्छा वंदना जी, जब आप आप पोलिंग बूथ पे लोगों से मिलने जाते हो तो बुजुर्ग लोगों से भी मिलना होता होगा और ये बुजुर्ग जो माताएं बहने हैं, बुजुर्ग हमारे गांव के लोग हैं, उन्होंने तो जंगलराज को देखा है। कैसे महिलाओं को घर में कैद रहकर के रहना पड़ता था। क्या यह बातें नई पीढ़ी के ध्यान में आती है? नई पीढ़ी को यह पुराने लोग बताते हैं कि कैसे बुरे दिन थे वह जंगलराज के दिन कितने बुरे थे, बातें होती है क्या?
वंदना- जी सर, बिल्कुल हमारे जो पुराने नानी दादी हैं और हम लोग के जितने भी युवा पीढ़ी है। अभी सोशल मीडिया के माध्यम से जब पिछले जंगलराज के बारे में जब वो जानते हैं और सुनते हैं तो हमको लगता है कि रूह कांप जाता है। तो हमारे जितने भी अभी के जो जनरेशन में युवा महिला और जो भी है उनका यही कहना है कि भविष्य में कभी भी जंगलराज को आने नहीं देना है, जिससे हम महिलाओं को कैद होकर रहना पड़े। इसलिए हमको तो लगता है कि बिहार में दोबारा कभी जंगलराज वापस हमारी बिहार की महिलाओं नहीं आने देने वाली है।

पीएम मोदी- वाह वंदना जी, आप तो बड़ी हिम्मत के साथ बता रही हो। अच्छा वंदना जी आप तो जानती हो 5:00 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। अब तो कुछ मिनटों का ही खेल है और इतनी सारी मुझे बताया गया कि आज लाखों बहनें मेरे साथ अभी फोन पर जुड़ी हुई हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक साथ लाखों बहनों से बात करने का मौका मिल रहा है। वो बहनें आपकी बात भी सुन रही हैं वंदना जी। अब जब चुनाव प्रचार तो बंद हो जाएगा। लेकिन घर-घर जाकर के बात करने का तो अवसर होता है। लोगों का वोट पक्का करने का अवसर होता है। ईवीएम मशीन के जो चित्र होते हैं, वह दिखा करके कहां वोट डालने का वह काम होता है। फिर मतदान के दिन जो भी जल्दी-जल्दी निकलो, उसके लिए तैयारी करनी होती है। जुलूस निकाल कर के वोट करने के लिए जाओ। यह बात चर्चा चल रही है। तो, आप मुझे बताइए कि आपके इलाके में क्या-क्या हो रहा है और क्या करने वाले हैं?

वंदना- सर, हमारे इलाके में, आपके नेतृत्व में जो बिहार मजबूत हो रहा है, हम लोग जब जाते हैं, तो हमारी महिला कहती है कि आप आप काहे आ गए? हम लोग तो इस बार 2025, 225 पार करने वाले और एनडीए सरकार को हम लोग मजबूती से इस बार बना रहे हैं।

पीएम मोदी- अच्छा 2025 में 225 जी

वंदना- तो हम लोग को महिला बोलती है कि आप आपको आने की जरूरत ही नहीं है। हम महिलाओं जो है हमारे मोदी जी जो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमारे लिए भगवान है। आज जो जैसे महिलाओं के साथ हम लोग बैठते हैं जो बुजुर्ग महिला जो 60 साल से ऊपर तो हम बताती है कि हमारे जो जो जिस बेटे को हम खून पसीना से सींचे हैं, उस वो बेटा हमको खाने नहीं देते थे। अलग करके रखते थे आज हमारे देश के प्रधानमंत्री हमारे खाने का, कपड़ा का, दवाई का चिंता करते हुए हमको फ्री में अनाज दे रहे हैं और हमको 400 से 1100 बढ़ा दिए जिसके कारण आज हमको हमारी बहू को लगता है कि हम अपने सास को अगर हम अपने पास रखें तो हमको ₹1100 हमारी सासू मां का जो जमा होगा उससे हम कुछ कर पाएंगे। इसके लिए आपको बेटा और भगवान मानती है हमारे बिहार की महिला।

पीएम मोदी- वंदना जी, आपने बड़ा भावुक बना दिया मुझे। जब मैं तो इन सभी माताओं को यहां से प्रणाम करता हूं, क्योंकि मेरी जिंदगी में माताएं-बहने उनके आशीर्वाद, यही मेरा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। आप देखिए मैं तो इस चुनाव प्रचार में एक बात देखता था जो बहुत बड़ी मात्रा में माताएं बहने आती थी और बड़े जुस्से से भरी हुई है। दूसरी तरफ मैं देख रहा था कि 18 20 साल 22 साल के नौजवान बहुत आते थे और पहली बार जिनको वोट देना है उनका उत्साह भी बहुत था। बड़ा जबरदस्त वो ताकत दिखाते थे सभा में भी। मुझे कई-कई जगह पे तो उनको कहना पड़ता था जगह नहीं है। जरा जहां है वहां रुक जाइए। आगे आने की को ऐसा मैंने तो दृश्य देखा है। अच्छा मुझे बताइए यह जो पहली बार जिनको वोट देना है, जिन्होंने कभी जंगल राज्य देखा भी नहीं था। अब विकास देखा है और हम बहुत तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो इन नौजवानों में क्या चर्चा है? क्या वह भी मतदान करेंगे और मतदान कराएंगे क्या? वो भी चुनाव में मदद करेंगे क्या?

वंदना- सर बहुत ज्यादा मदद कर रहे हैं और हम जो न्यू वोटर्स से हम लोग मिले हैं तो उन लोग का कहना है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश और बिहार इतना मजबूत हो रहा है और आगे बढ़ रहा है तो हम उनके हाथ को ऐसे मजबूत करेंगे कि हमारा देश और बिहार और मजबूत हो और हमको गर्व हो रहा है कि हमारे हमारे बिहार और देश के नेतृत्व करने वाले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो जिनके नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है और हम अपने मतलब अपना जो वोट एनडीए के पक्ष में करके हम अपने आप को गर्व महसूस कर रहे हैं। ऐसा है हमारे न्यू वोटर्स में। आपके प्रति जितना भी कहे हम आपको बहुत कम है। जो यहां के जो महिलाओं, गरीबों, किसानों, नौजवानों का जो आपके प्रति जो विश्वास है, वो विश्वास जब हम लोग देखते हैं तो हम लोगों का जो चुनाव प्रचार का जो थकान है, वह दूर हो जाता है।

पीएम मोदी- वंदना जी, मुझे बहुत अच्छा लगा। आपने बहुत विस्तार से योजनाओं की बात बताई है। इससे पता चलता है कि आप सच में धरती पर काम करने वाली कार्यकर्ता हैं। लोगों से जुड़ी हुई कार्यकर्ता हैं और सिर्फ महिलाओं से नहीं आपकी बातों से लगता है कि किसान हो, नौजवान हो, बुजुर्ग हो सबके साथ आप जुड़ी हुई लगती हो। आपकी टीम भी अच्छी होगी और इसलिए मुझे पूरा पक्का विश्वास है कि आने वाले जो भी समय अब कुछ घंटे आपके पास बचे हैं। 5:00 बजे के बाद तो चुनाव प्रचार पूरा हो जाएगा। लेकिन मुझे पक्का विश्वास है कि अब घर जाकर के जैसे परीक्षा देने के लिए बच्चा इतनी मेहनत करता है। लेकिन घर से निकलते समय वो किताब में से आखिरी चीजें देख लेता है। आखिरी चीजों पर ध्यान देता है। आपको भी अब मतदान के पहले जो आखिरी बातें हैं, उसको बहुत पकड़ के रखना है। बार-बार लोगों को बताना है। वोट करवाने के और हर एक को जिम्मा देना है कि भाई देखिए ये 10 वोट तुम्हारे जिम्मे है। ये 10 वोट तुम्हारे जिम्मे है। ये 10 वोट तुम्हारे जिम्मे है। ये पांच घर तुम्हारे जिम्मे है। ये छह घर तुम्हारे जिम्मे है। चलो भाई जल्दी से निकालो। वहां जो कभी-कभी तो क्या होता है कि पोलिंग बूथ के बाहर ही बस हम बैठे रहते हैं। और बैठ के फिर एक-एक दूसरे को देखो वो घर वाला नहीं आया। वह टोले वाला नहीं आया। वह मोहल्ले वाला नहीं आया। चाहते नहीं है लोग। मैं चाहता हूं कि इस बार हम पोलिंग बूथ के बाहर बैठे रहें ऐसा नहीं। हम लोगों के घरों के पास खड़े रहे। चलो भाई निकलो आओ चलो चलो निकलना है यह वातावरण अगर बनाएंगे तो मैं समझता हूं कि जो आप चाहती हैं कि 2025 में 225 बड़ा गजब का नारा दिया आपने और वंदना जी आपने मुझे प्रॉमिस किया है। आपके परिवार को दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू सरदार वल्लभभाई का, जो गुजरात में नर्मदा जी के तट पर बना है, वो जरूर जाना है औरों को भी लेकर के जाना है।

वंदना- जी जरूर और हम अब बिहार के महिलाओं के तरफ से आपको विश्वास दिलाते हैं कि अबकी बार बिहार के महिलाओं से जो है वोट से रिकॉर्ड तोड़ेगा बिहार।

पीएम मोदी- बहुत अच्छा लगा मुझे। आज सभी बहनों से जो बातें हुई मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव है कि मेरी पार्टी के पास हमारे साथ में ऐसी होनहार बहनें हैं। इतना जीवंत संपर्क रखने वाली बहनें हैं। परिवार का काम करते-करते भी लोगों के आर्थिक विकास में काम कर रही हैं। गांव का नेतृत्व कर रही हैं। गांव में परिवर्तन के लिए प्रयास करते हैं। मेरे लिए यह बहुत गर्व की पल है कि मैं एक ऐसी पार्टी का कार्यकर्ता हूं जिस पार्टी के पास ऐसी लाखों होनहार बहनें काम करने वाली हैं। जनता की भलाई के लिए काम करने वाली बातें हैं। ये मेरे लिए तो बहुत खुशी की बात है। मेरे लिए तो चुनाव का तो विजय है ही है। लेकिन आप लोगों से बात कर करके जो मुझे आज उत्साह और उमंग मिला है। एक नया विश्वास मिला है। यह मेरे लिए जीवन भर की एक बहुत बड़ी पूंजी है और मैं तो सभी भाजपा कार्यकर्ताओं आपकी बातें सुनकर मेरा उत्साह कई गुना बढ़ गया है। जिस दल के पास आप जैसी करोड़ों कार्यकर्ता हो, उसका सामर्थ्य बढ़ना बहुत स्वाभाविक है। बिहार की सारी महिला बूथ कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर के हर पन्ना प्रमुख का पक्का कर लेना चाहिए कि बस हमारा वोट होना ही है। लोगों तक पर्ची पहुंच चुकी है। उनको वोट देने के लिए कहां जाना है उनको पता है। कितने बजे जाना है पता है। और सुबह-सुबह ही वोट डालना है। और यह भी आपके गांव में बहुत से लोग हैं इस बार जो छठ पूजा के लिए गांव में आए हैं। उनको भी मिल लीजिए। उनको भी कहिए कि वोट करके ही जाना है। जल्दी वापस मत जाओ। यह चिंता करनी चाहिए। आप बहनों की टोलियां गीत, संगीत, थाली बजाते-बजाते, नारे बजाते-बजाते 20-20, 25-25 के टोले में मतदान करने के लिए जाना चाहिए। सोशल मीडिया हो। अब देखिए मैं आप सबको चौंकाना चेतावनी देना चाहता हूं। यह जो गंदी राजनीति करने वाले लोग हैं ना वह अब आने वाले 24 घंटे ऐसी झूठी-झूठी चीजें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी हुई फालतू चीजें मोदी के ही आवाज में कुछ चीजें डाल देंगे। नीतीश जी के आवाज में चीजें डाल देंगे। वहां के और हमारे नेताओं के मुंह पर आवाज में अब तो टेक्नोलॉजी से सब संभव होता है तो कोई भी व्यक्ति भ्रमित हो जाता है। तो अब ऐसी किसी चीजों के भ्रम में आना नहीं है। कितना ही झूठ लास्ट मोमेंट का ये लोग ले आए। किसी को भी इस भ्रम में नहीं आना है। यह चिंता जरूर करिए और ये सब झूठ मान करके चलिए और जो अभी तक हमने बात की है उसी बात को पकड़ करके आप लोग आगे चलें। माताएं-बहनों का वोटिंग सब से ज्यादा हो यह मेरा बहुत आग्रह है इस बार और मैंने तो देखा है इस बार मुझे महिला और उसकी शक्ति के बड़े अद्भुत दर्शन हुए हैं। तो आप सबको आपकी मेहनत रंग लाने वाली है। सरकार बनना पक्का है और मैं इतनी लाखों महिलाएं टेलीफोन पर मेरे साथ जुड़ी है। मैं आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और सभी बुजुर्ग माताओं को मैं प्रणाम करता हूं और मेरी तरफ से सबको प्रणाम कहिएगा और मतदान करवाइएगा। चलिए सबको नमस्कार। बहुत अच्छा लगा मुझे।