नमस्ते। आज 6 अप्रैल भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस, देशभर के कार्यकर्ताओं को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 
मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे आज नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से देश के सभी जिलों के जिलाध्यक्षों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला है।और साथ-साथ पांच पार्लियामेंट्री कंस्टिट्यूऐंसी के कार्यकर्ताओं के साथ भी मुझे बात करने का अवसर मिला है। पार्लियामेंट्री कंस्टिट्यूऐंसी की बात करने के पीछे का एक और रहस्य है। कि मैंनेगत सप्ताह जब यहां सांसदों की मीटिंग की थी, पार्टी दफ्तर में सब आए थे। तो मैंने उनको प्रोमिस किया था कि 3 लाख से ज्यादा जिस एमपी के ट्वीटर फॉलोअर होंगे। मैं उस एमपी के क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से बात जरूर करूंगा। मुझे खुशी है कि बहुत सारे एमपीज 3 लाख से ज्यादा फोलोअर वाले एमपी बन गए हैं। उसमें से आज पांच एमपी के साथ मुझे बात करने का मौका मिला है। दिल्ली से है,मुंबई से है, बिहार से है। अलग-अलग स्थान के हमारे सांसद महोदय हैं, उनसे बात करने का मौका मिला है। 
आप सबको मालूम है कि मुंबई में जब भारतीय जनता पार्टी का अधिवेशन हुआ तो उस हालत में हुआ था जब हिन्दुस्तान में राजनीतिक दलों ने गठबंधन करके भारतीय जनता पार्टी को अस्पृश्य घोषित कर दिया था, अछूत घोषित कर दिया था। एक प्रकार से जनता पार्टी से भारतीय जनता पार्टी को निकाल फेंका था। राजनीति में अस्पृश्यता का ये बहुत बड़ा उदाहरण है।जो अस्पृश्यता हमें मानते थे, वो कहां खड़े हैं। जिन्होंने हमें अस्पृश्य बना दिया गया वो आज कहां खड़े हैं, 38 साल के कालकंड ने सिद्ध कर दिया। आज जो भारतीय जनता पार्टी शून्य से शिखर पर पहुंची है। उसके मूल में, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जो सपना देखा था, उस सपने को पूरा करने के लिए पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे कार्यकर्ता मिटते रहे, खपते रहे। घर, परिवार, समय, शक्ति खपाते रहे। अटल जी ने कहा था,‘अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा।‘ और आज हिंदुस्तान में चारो तरफ खिला हुआ कमल देश के विकास की नई आशा पैदा कर रहा है।

एक समय था हम संघर्ष में जुटे हुए थे। आज वक्त है, हम समाधान में जुटे हुए हैं। हम संघर्ष कर रहे थे, जनसामान्य की समस्याओं को लेकर के। आज हम समाधान खोज रहे हैं, जनसामान्य की समस्याओं के निपटारे के लिए।‘संघर्ष से समाधान’ तक की हमारी यह हमारी यात्रा पूर्ण समर्पण की यात्रा है। ये पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर चली है। कार्यकर्ताओं की शक्ति पर चली है। संगठन की शक्ति पर चली है। हिंदुस्तान में सच्चे अर्थ में लोकतांत्रिक पार्टी के रूप में अगर पचास सौ पैरा मीटर देखकरके जांच पड़ताल की जाए, निष्पक्ष लोगों की देखरेख में जांच पड़ताल की जाए तो मैं विश्वास के कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी का पूरा इतिहास, भारतीय जनता पार्टी की पूरी विकास यात्रा, भारतीय जनता पार्टी की सभी प्रकार की विचार प्रक्रियाएं, निर्णय प्रक्रियाएं सबको साथ लेकर चलने की भारतीय जनता पार्टी की पेशकश, ये उस बात को सिद्ध करेगी कि हिंदुस्तान में भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र पूर्ण रूप से लोकतांत्रितक तरीके से चलती है। 
यहां परिवारवाद नहीं है, यहां जातिवाद नहीं है। मेरा पराया नहीं है। सबको साथ लेकर चलने की एक परंपरा है। यही तो ...। अगर दल में लोकतंत्र नहीं है तो देश के लोकतंत्र के प्रति ऐसे लोगों की भावना क्या होगी। इसका हम भलिभांति अंदाज लगा सकते है। और इसलिए लोकतंत्र के प्रति पूर्ण समर्पण, देशहित के लिए पूर्ण समर्पण। और महात्मा गांधी ने कहा था कि आखिरी छोर पर बैठे हुए व्यक्ति की जिंदगी को कैसे हम बदल सकें, उसको दुखों से कैसे दूर कर सकें, उस पर बल देना। और आपने देखा होगा कि जिस समय दिल्ली में आप सबने परिश्रम से इतनी बड़ी विजय हासिल करवाया। और जब एनडीए के सांसदों ने मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए चुना तो उस दिन मेरा भाषण था कि ये सरकार गरीबों को समर्पित है। और आपने चार साल के कार्यकाल में देखा है।चाहे केंद्रसरकार हो या राज्य सरकारें हों,हम सामान्य मानवी की जिंदगी बदलना चाहते हैं।

हम आर्थिक विकास के फल दूर सुदूर जंगलों में रहने वालों तक पहुंचाना चाहते हैं। दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, गांव में रहता हो, गरीब हो, अनपढ़ हो, ये सब ये अनुभव करें कि ये सरकार उनके लिए जी जान से जुटी है। कुछ न कुछ करने का प्रयास कर रही है। उसी का तोपरिणाम है कि चाहे टॉयलेट बनाने का सवाल हो, चाहे आईआईटी जैसे इंस्टीच्यूट बनाने का सवाल हो। हमारी सरकार पूर्ण सक्रियता से आगे बढ़ रही है। क्योंकि ये भारतीय जनता पार्टी के उसूल हैं। क्योंकि ये भारतीय जनता पार्टी ने ये हम सबको सिखाया है।कमल की छत्रछाया में जलमग्न की जिंदगी जीते हुए हम सब लोग मां भारती की सेवा में लगे हैं। ये पार्टी ऐसे ही नहीं बनी है। जनसंघ से लेकर के आज तक की यात्रा,पता नहीं हमें कैसे-कैसे आरोपों से गढ़ दिया जाता था, मढ़ दिया जाता था।


इन दिनों आपने देखा होगा विरोध अधिक तीव्र होताचला रहा है, विरोध अधिक उग्र होता जा रहा है। और अभी तो देखा जा रहा है कि विरोध अधिक हिंसक होता जा रहा है। उसका कारण हमने कोई गलती नहीं की है। उसका एक कारण है कि हमने कुछ बुरा नहीं सोचा है। उसका एक ही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की बढ़ती शक्ति को हमारे विरोधी पचा नहीं पा रहे हैं। ये उनके गले नहीं उतरता है कि गरीब मां का बेटा भी इस देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। उनके गले नहीं उतर सकता है कि पिछ़डी जाति से पैदा हुए लोग भी देश के सर्वोच्च पद को प्राप्त कर सकते हैं। उनके गले नहीं उतर सकता है कि जिस भारतीय जनता पार्टी को बनिया-ब्राह्मण की पार्टी कहते थे उस भारतीय जनता पार्टी को जब पहला राष्ट्रपति चुनने का सौभाग्य मिला तो उन्होंने एक दलित को चुनकर के रख दिया। उनके गले नहीं उतरता है कि भारतीय जनता पार्टी को विपक्ष में रहते हुए जब डिप्यूटी स्पीकर पद का अवसर मिला तो सबसे पहले श्रीमान सूरजभान जी हरियाणा के एक दलित नेता को हमने बनाया था। दोबारा अवसर मिला तो हमने हमारे करिया मुंडा जी जो झारखंड के ट्राइबल लीडर हैं,उनको डिप्यूटी स्पीकर बनाया था। ये सारी बातें जो झूठ फैलाते रहे हैं उनके गले नहीं उतरी है। उसी का परिणाम है कि आज वो भारतीय जनता पार्टी गरीबों की पार्टी कैसे हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी में इतनी बड़ी मात्रा में दलित एमपी कैसे हो सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी में इतनी बड़ी संख्या में एससी-एसटी के विधायक कैसे हो सकते हैं, एमपी कैसे हो सकते हैं। ये उनको पच नहीं रहा है। और उसी का परिणाम है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रति हिंसक भाव से विरोध का एक वातावरण बनाया जा रहा है। लेकिन मेरी पार्टी के कार्यकर्ता मैं आपसे आग्रह करता हूं कि हमें संयम नहीं खोना है। हमें शब्दों की मर्यादाओं को नहीं तोड़ना है। हमें मां भारती के प्रति समर्पित भाव से जन-जन के कल्याण के लिए काम करते रहना है। अपने लिए नहीं देशवासियों के लिए जीकर के दिखाना है। और इसी भाव को लेकरके चलना है। और 2022 में जब देश आजादी के 75 साल मनाएगा तब न्यू इंडिया के सपनों को साकार करते हुए देश को एक भारत श्रेष्ठ भारत, जातिवाद से मुक्त भारत, संप्रदायवाद से मुक्त भारत, गंदगी से मुक्त भारत, गरीबी से मुक्त भारत, इन सपनों को साकार करने के लिए और पूरी शक्ति के साथ जुड़ेंगे।

आज हमारी पार्टी का जन्मदिन है।मैं इस अवसर पर कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं को नमन करता हूं। पार्टी की विकास यात्रा में अनेक लोगों ने अपनी शहादत दी है। मैं उन वीर कार्यकर्ताओं को भी आज प्रणाम करता हूं। मैं उन सारे का कार्यकर्ताओं को प्रणाम करता हूंजिन्होंने जीवनभरभारतीय जनता पार्टी में रहते हुए न कभी पद मिला, न कभी प्रतिष्ठा मिली है, न कभी टीवी में दिखाई दिए हैं और न कभी अखबार में चमक पाई है। उसके बाद भी भारत माता की जय का नारा लगाते हुए आज भी गांव गली मोहल्ले में दिन-रात काम करते हैं।वही तो कार्यकर्ता हैं जो हमारे पोलिंग बूथ के किले को हमेशा संभाल कर बैठते हैं। वही तो कार्यकर्ता हैं जो हमारे किले पर भाजपा का झंडा कभी झुकने नहीं देते हैं। ऐसे लाखों करोड़ों कार्यकर्ता यही हमारी ताकत हैं। यही हमारी सपनों को सिद्ध करने के लिए सबसे बड़ी ऊर्जा का स्रोत है। मैं फिर एक बार कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं का नमन करते हुए 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी के इस जन्म दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 
मुझे बताया गया है कि कई सारे मेरे साथी अलग-अलग स्थान पर से मुझे फोन पर बातचीत भी करना चाहते हैं। मैं जरूर आप सबसे बात करना चाहूंगा। मैं आपको निमंत्रित देता हूं। जो भी कार्यकर्ता आपको जो टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे करना सिखाया होगा। आप जरूर उसका उपयोग करें और बात करें। मैं जरूर आपसे बात करने को अपना सौभाग्य मानूंगा। मैं फिर एक बार बहुत-बहुत शुभकामनाओं के साथ अब आपको निमंत्रित करता हूं। 
(फोन की घंटी बजती है - पहला कॉल)
पीएम मोदी - हैल्लो
पहला कॉलर - जी नमस्कार जी
प्रधानमंत्री मोदी जी - नमस्ते जी। 
पहला कॉलर - मैं प्रवीण शर्मा बोल रहा हूं जी।हिमाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष।
प्रधानमंत्री - प्रवीण जी नमस्कार कैसे हो। 
पहला कॉलर - ठीक हूं मोदी जी। 
पीएम मोदी –हम तो जब भी प्रवीण जी को याद करता हूं तो मुझे आपकी बड़ी-बड़ी मूंछे याद आती है। 
प्रवीण – धन्यवाद जी, धन्यवाद जी। 
पीएम मोदी –वही वही प्रवीण बोल रहे हो ना। 
प्रवीण – वही बोल रहा हूं। 
पीएम मोदी – बताइए। 
प्रवीण – एक दो प्रश्न मन में आ रहा था कि आज बीजेपी हर गांव में, शहर में, राज्यों में सत्ता में है। 
और दिन-प्रतिदिन बीजेपी सफलता के नए मुकाम को छू रही है। तीन-चार दशक पहले, जब आप बीजेपी में आए थे तब स्थितियां बिल्कुल अलग थी। इस संदर्भ में,आज बीजेपी का कार्यकर्ता होना और तब बीजेपी का कार्यकर्ता होने में क्या फर्क है। पार्टी को सशक्त बनाने और पार्टी को विस्तार देने में हम जैसे कार्यकर्ताओं को क्या संदेश देना चाहेंगे। 
पीएम मोदी – प्रवीण जी मैं आपका बहुत आभारी हूं कि बहुत दिनों बाद टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक बार फिर आपसे बात करने का मौका मिला है। मैं जानता हूं कि आप एक बहुत कर्मठ कार्यकर्ता हैं। जब मैं हिमाचल में काम करता था,तब मुझे भी आपके साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। और हमेशा मैं आपको हमेशा हंसते हुए देखता था। मैंने हमेशा प्रवीण जी के चेहरे पर कभी तनाव नहीं देखा। एक ऐसे समर्पित और संकल्पित कार्यकर्ता को आज चलिए लंबी अरसे के बाद मुझे बात करने का अवसर मिला।


आपकी बात सही है कि हालात बदले हैं।समाज जीवन में बहुत हालात बदले हैं। लोगों की आशा अपेक्षाएं बहुत बढ़ी है। जब भारतीय जनता पार्टी में 30-40 साल पहले हम जब काम करते थे तो तब हमलोग ज्यादातर समय पार्टी के विस्तार का प्रयास करते थे।आज हमने जिम्मा लिया है देश के विकास का। पार्टी के विस्तार के लिए एक प्रकार की क्षमता होती है और देश के विकास के लिए दूसरे प्रकार की क्षमताओं की आवश्यकता होती है। और इसलिए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ने पोलिटिकल एक्टिविटी के सिवाय डवलपमेंट के काम के लिए गवर्नेंस के संबंध में अपने आपको बहुत सजग होना पड़ता है। और मैं देख रहा हूं कि छोटे-छोटे जिलों में भी जिनको सेवा करने का अवसर मिला है, नगरपालिका में किसी को सेवा करने का मौका मिला है,पंचायत में किसी को सेवा करने का मौका मिला है। पहले वो कार्यकर्ता जब पार्टी में काम करते थे तब उनके मुद्दे और सवाल और आज सेवा करने का मौका मिला तबके सवाल, उसमें आसमान-जमीन का अंतर आया है। और उसका हमारे कार्यकर्ता,स्वयं का विकास करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए अपने आपको सजग कर रहे हैं। वो कानूनों को, व्यवस्थाओं को, नियमों को, हमारे रिसोर्सेज को, नई-नई कल्पनाओं के साथ कर रहे हैं। मैं तो जब देश के कोने-कोने से कार्यकर्ताओं की सफलताओं को सुनता हूं तो मुझे अचरज होता है। कि कल तक सड़कों पर संघर्ष करना, पुलिस की लाठियां खाना इसी में जिस कार्यकर्ता ने समय गुजारा है। और आज जब सेवा करने का मौका मिला है तो उसने अपने आपको ऐसा ढाला है, ऐसा समर्पित किया है,ऐसी-ऐसी नई इनोवेटिव चीजें दे रहा है। ये अपने आप में एक नया विश्वास पैदा कर रहा है। यही तो हमारी पूंजी है।लेकिन मैं इस बदलाव का स्वीकार करना चाहिए। इस पक्ष को स्वीकार करना चाहिए। संगठन ने भी, कार्यकर्ता ने भी बदलती परिस्थिति के अनुसार अपने-आपको सजग करना चाहिए।


हमें निरंतर नई चीजों को स्वीकार करने की आदत बनानी चहिए। हमें सर्व समावेशक बनना चाहिए। हर किसी को, क्योंकि सबका साथ, सबका विकास का मंत्र है –हम सबकी भलाई के लिए काम करना है। हमारे लिए कोई पराया नहीं हो सकता है। और इसी भाव को लेकर काम करना, ये बहुत बड़ी बात होती है। मैं फिर एक बार हिमाचल के सभी कार्यकर्ताओं को और देश के कार्यकर्ताओं को ...। हमारे प्रवीण जी से बात करने का मौका मिला। प्रवीण जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 
प्रवीण – आपका भी बहुत-बहुत धन्यवाद। आभार। 
(फोन की घंटी बजती है - दूसरा कॉल)
पीएम मोदी - हैलो 
दूसरा कॉलर – प्रधानमंत्री जी को मेरा प्रणाम। 
पीएम मोदी – नमस्ते। क्या शुभ नाम। 
दूसरा नाम – ममता कुमारी। 
पीएम मोदी – ममता जी नमस्ते। कहां से बोल रही है ममता जी। 
ममता –मुखर्जी नगर, उत्तर पूर्वी संसदीय क्षेत्र से बोल रही हूं। मैं आपका मार्गदर्शन चाहती हूं कि आज हम जीतते ही जा रहे हैं और जैसा कि ...। विपक्ष बार-बार झूठी खबरें फैलाता है और बार-बार झूठ पर झूठ फैलाता है। सामाजिक समरसता और देश की एकता पर राजनीतिक लाभ के लिए प्रहार किए जा रहे हैं। हम कार्यकर्ता जो काम करते हैं तो हमें इसका दुख होता है और गुस्सा भी आता है। ऐसे में आप कैसे इतना शांत और संयमित रहते हैं। कृपया बताएं। और जैसे कि परीक्षा की तैयारियों में जो परेशानी होती है, उनको आपने एक्जाम वॉरियर्स दिया है तो क्या हमारे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए भी इलेक्शन वॉरियर्स जैसे मंत्र देंगे ताकि हम तनाव को खत्म कर आपकी तरह तनाव मुक्त रह सकें। 
पीएम मोदी – ममता जी नमस्ते। आपकी बात तो सही है। आपने कहा कि कभी-कभी गुस्सा आता है। मेरी सबसे पहले सलाह है कि गुस्सा करने की कोई जरूरत नहीं है। गुस्सा आना ही नहीं चाहिए। देखिए हमारे यहां उपनिषद में कहते हैं कि - सत्यमेव जयते नान्रूतम। अथार्त सत्य की हमेशा जीत होती है। और इसलिए हम जिस रास्ते पर हैं, सबका साथ-सबका विकास। ये जो मंत्र हमने जो स्वीकार किया है। आप हैरान होंगे। दुनिया के जिस भी देश में मैं गया हूं। उन सभी देश के मुखियाओं से मिलता हूं तो वो अपनी-अपनी भाषा में सबका साथ सबका विकास का ट्रांसलेशन सुनाते हैं। उनको लगता है कि ये ऐसा मंत्र है, इसके बाद कुछ कहने को रहता नहीं है। पहली बात है कि हमें गुस्सा करने का कोई हक नहीं है। क्योंकि संयम से, संयमित भाषा से जितने भी प्रहार होते हैं, उसको झेलते हुए हमें हमारे मार्ग पर चलते रहना चाहिए। जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, समाज को तोड़ना चाहते हैं। उनकी बातों में हमें कभी फंसना नहीं चाहिए। क्योंकि वो लोग चाहते हैं कि हम भी उसमें उलझें। हम भी तनाव पैदा करने में किसी न किसी रूप में कारण बन जाएं। हमने किसी भी हालत में उनके इस हथकंडे को मजबूत नहीं होने देना चाहिए। सत्य बोलने के उत्साह में भी ऐसा नहीं करना चाहिए। पहली बात है तो हमें ये करना चाहिए।


जहां तक एक्जाम वॉरियर्स की बात की, वो अलग विषय है। चुनाव जीतने का सीधा-सीधा सा मंत्र है – अगर हम पोलिंग बूथ जीतते हैं तो चुनाव जीत जाते हैं। चुनाव जीतने का एक ही मंत्र होता है पोलिंग बूथ जीतो। पोलिंग बूथ जीतने का तरीका होता है कि पोलिंग बूथ में बहुत ही अच्छी कार्यकर्ताओं की टीम होनी चाहिए। ये टीम चुनाव जीतने की मशीन नहीं होनी चाहिए। ये जनसंपर्क का सबसे बड़ा हमारी टोली होनी चाहिए। समाज के छोटे से छोटे से व्यक्तियों से डेली मिलते-जुलते रहना चाहिए। उनके दुख-सुख को समझना चाहिए। और भारतीय जनता पार्टी के नीति निर्धारण में पोलिंग बूथ का कार्यकर्ता नीचे से उपर की तरफ जानकारी पहुंचाता है और ऊपर की तरफ से मार्गदर्शन पहुंचाया जाता है। और जानकारियों के आधार पर नीतियां बनती हैं, रणनीतियां बनती है और मार्गदर्शन के आधार पर उसका अनुपालन होता है। अगर ये चेन परफेक्ट रही तो मैं नहीं मानता हूं कि हमें कभी भी तकलीफ होती है। 
और आपने सही कहा कि जहां तक विपक्ष का सवाल है और भाजपा का सवाल है। दो पहचान बन चुकी है आज देश में राजनीतिक दलों की। एक राजनीतिक दल हैं जो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए के रूप में काम कर रहा है गठबंधन। एनडीए के रूप की पहचान है जीत पर जीत। और कांग्रेस के नेतृत्व में बने हुए किसी भी प्रकार से मोदी को हटाओ, किसी प्रकार से कुर्सी छीनो। ऐसे प्रयास में लगे हुए लोगों की पहचान है झूठ पे झूठ, झूठ पर झूठ। और इसलिए एक तरफ जीत पर जीत है तो सामने है झूठ पर झूठ।और इसलिए हमारा काम है जीतते चले जाना है। अटल जी ने कहा था कमल खिलेगा..., कमल खिलाते चले जाना। यही मूलमंत्र को लेकरके चलें।हमारे संगठन में भी समाज के सभी स्तर के लोग होने चाहिए। पोलिंग बूथ में भी कोई सब्जी का लॉरी चलाने वाला व्यक्ति है, उसे भी भाजपा का सिपाही होना चाहिए। गांव का पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी भाजपा का सिपाही होना चाहिए। गरीब से गरीब निर्धन व्यक्ति भी पार्टी सर्व समावेशक ङों, सर्वदूर हो और सार्वदेशिक हो यही हमारा प्रयास होना चाहिए। ममता जी मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 
ममता- बहुत-बहुत धन्यवाद आपका। 
(फोन की घंटी बजती है - तीसरा कॉल)
पीएम मोदी - नमस्ते जी
तीसरा कॉलर – नमस्ते मोदी जी। मैं रेशमा चांगले,युवा मोर्चा अध्यक्ष मुंबई से। 
पीएम मोदी – बताइए रेशमा जी। 
रेशमा जी - मोदी जी जब आप भाजपा का संगठन संभालते थे तो आप उस समय भी technology पर काफी जोर देते थे। technology का काफी उपयोग करते थे। आज के दौर में हम technology के क्षेत्र में क्या कर सकते हैं और आपकी नजर में आज के दौर में technology और social media का क्या महत्त्व है?
पीएम मोदी –रेशमा जी। आप तो बड़े शहर से कार्यकर्ता हैं तो टेक्नोलॉजी का महत्व तो आप भली-भांति जानते हैं। वैसे जीवन का हिस्सा ही टेक्नोलॉजी के बिना संभव नहीं लग रहा है। हम घरों में एलईडी बल्ब जो लगाते हैं, वो भी टेक्नोलॉजी का अविष्कार है जो गरीब से गरीब व्यक्ति को या मध्यम वर्ग के परिवार के बिजली बिल को कम करता है। ऐसी कौन सी टेक्नोलॉजी हो जिसका अधिकतम उपयोग सामान्य मानवी करे। जिसके कारण उसकी जिंदगी आसान हो,उसका खर्चा कम हो, ये हमने आदत डालनी चाहिए। 
जैसे भीम ऐप बना है। ये भीम ऐप ज्यादा से ज्यादा लोगों को डाउनलोड कराएं। गरीब से गरीब व्यक्ति को, छोटे-से-छोटे व्यापारी को भीम ऐप से व्यापार धंधा करना सीखा दें। आपने देखा होगा कि नई पीढ़ी के जो नौजवान हैं, वो जेब में पैसे ही नहीं रखते, कार्ड नहीं रखते। वो अपने मोबाइल फोन से हर काम करतेहैं। ये काम सामान्य परिवारों में भी जाना चाहिए। सिर्फ पढ़े-लिखे आधुनिक नौजवान ही करें, ऐसा नहीं है। क्योंकि ये इतना सरल है, सेफ है। ये आदत डालनी चाहिए। और एक बार सामान्य व्यक्ति को पता चल जाएगा कि मेरे हाथ में जो मोबाइल फोन है वो मोबाइल फोन सिर्फ किसी से बात करने या सुनने के लिए ही नहीं है। मैं उसके द्वारा पूरी सरकार को मेरी हथेली पर ला सकता हूं। एक बार गवर्नेंस मेरे पाम पर है, सरकार मेरे हाथों में है। ये सामान्य मानवी में अगर विश्वास पैदा करवा देते हैं तोबहुत बड़ी सेवा होगी। तो टेक्नोलॉजी का मेरी दृष्टि से उपयोग सामान्य मानवी के सशक्तिकरण के लिए होना चाहिए। 
दूसरी बात है। आज टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन और आउट रिच के लिए बहुत ताकत का टूल है हमारे पास। इस टूल को हम किस प्रकार से उपयोग कर सकते हैं, इसका हमें प्रयास करना चाहिए। कम्युनिकेशन बड़ी आसानी से करने का सबसे सरल,आज फ्रिक्शन ऑफ सेकेंड में एक खबर एक जगह से दूसरी जगह वाट्सअप के माध्यम से पहुंचा सकते हैं। लेकिन अगर हम सक्रिय नहीं रहे तो गंध फैलाने वाले जो लोग हैं, अफवाह फैलाने वाले जो लोग हैं। वो उसकी जगह कब्जा ले लेंगे। चाणक्य कहा करते थे कि समाज की समस्या का मूल कारण दुर्जनों की सक्रियता से ज्यादा अधिक सज्जनों की निष्क्रियता से है।


मैं मानता हूं कि आज सोशल मीडिया के जमाने में, कम्युनिकेशन के इस जमाने में, हम निष्क्रिय रहेंगे तो जो देश विरोधी, समाज विऱोधी, स्वार्थी, गलत रास्ते पर चलने वाले तत्व वे लोग उस जगह को भर लेंगे। तो हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य बन जाता है कि हम ऐसी स्पेस न छोड़े ताकि गलत लोगों के हाथों में ये चला जाए। सही चीज, सच्ची चीज, समाज को भला करने वाली चीज,समाज को जोड़ने वाली चीजों को कम्युनिकेट करना। दूसरा सरकार जो काम कर रही है, वो सरकार के प्रचार के लिए करना है ऐसा नहीं है। लेकिन सरकार के निर्णय लोगों को इसलिए पता होना चाहिए क्योंकि अगर सरकार के निर्णयों का पता नहीं है तो वो फायदा नहीं ले पाएगा। जो बिचौलिए हैं, वो उसको गुमराह करके उसके कुछ न कुछ पैसे मार लेंगे। मान लीजिए विधवा पेंशन हैं, मान लीजिए, बुढापा पेंशन है, छात्रवृत्ति है, मनरेगा का लाभ लेना है। ऐसी जितनी सामान्य मानवी योजना है, अगर उसको पता ही नहीं है ...। 
अब आप देखिए कि भारत सरकार ने एक जेम पोर्टल बनाया है - जीईएम पोर्टल। ये पोर्टल ऐसा है, मैं तो कहता हूं कि आप मुंबई में हैं। आप इतना काम इस पोर्टल पर कर सकते हैं। छोटी से छोटी चीजें घरों में बनाने वाले, गरीब लोग जो कभी वेस्ट पेपर से बास्केट बनाते हैं, उनको मालूम नहीं बेचेंगे कहां। तो कोई बिचौलिया आता है, उसको खरीद लेता है। अब ये जेम पोर्टल ऐसा है कि गरीब व्यक्ति उस पर अपना रजिस्ट्रेशन करा ले और सरकार को अगर सरकार को 50 वेस्टेज पेपर वास्केट की जरूरत है तो वो लिखकर भेज दे कि ये मेरी डिजाइन है और ये मेरी कीमत है। सरकार ने ऐसी योजना बनाई है कि गरीब से गरीब व्यक्ति से भी खरीद सकता है। ये टेक्नोलॉजी की ताकत है। हम इस बात को पहुंचा सकते हैं। तो भीम ऐप है, जेम पोर्टल है। उसी प्रकार से नरेन्द्र मोदी ऐप पर इतनी सारी सरकार की योजनाओं की जानकारी है,इंफोग्राफिक्स है, झूठ फैला रहे हैं तो उसका जवाब है। हमारा काम है डेली लाखों लोगों को ये पहुंचना चाहिए, उनके मोबाइल पर जाना चाहिए। आप देखिए, सही बात पहुंचेगी तो गलत चीजें बाहर हो जाएगी। पहले कहते थे कि जो रुपया होता है, करंसी होती है। अगर वो इनवैलिड करंसी है वो कभी-कभी इतनी घुस जाती है तो वैलिड करंसी बाहर हो जाती है। कम्युनिकेशन भी ऐसा ही है कि झूठ घुस गया तो सत्य बाहर हो जाएगा। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि सत्य लगातार पहुंचे, कन्विंसिंग पहुंचे। नरेन्द्र मोदी ऐप पर ये सारी चीजें हैं।


इतनी चीजें हमारे पास है। सामान्य मानवी तक पहुंचाएंगे तो उसका सशक्तीकरण हो जाएगा। वो कह सकता है। मेरी जानकारी है, ऐसा नियम है। उसको वो मिलेगा। अब जैसे हमारे बुजुर्ग लोग हैं, वय वंदन योजना है। गरीब व्यक्ति है, उसको उसे दवाई लेना है। उसे जनऔषधि का पता नहीं है। आज गरीब लोगों के पास भी मोबाइल है। उसे बताएंगे इसके बारे में तो उसके उसका कितना बड़ा फायदा होगा। इसलिए मैं चाहूंगा कि हमलोग इसके लिए आगे आए। कम्युनिकेशन करने के लिए आज के टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करें। सामान्य मानवी के सशक्तीकरण के लिए टेक्नोलॉजी बहुत बड़ा काम कर सकती है। ये लोकतंत्र का भी हथियार बन सकती है। लेकिन हथियार सच्चे हाथों में होना चाहिए, सच्चे काम के लिए होना चाहिए,सच्ची बात के लिए होना चाहिए। ये काम करना भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के लिए वैसे ही करना चाहिए जैसा कि हमदेश सेवा के मूल बातों में मानते हैं। इसलिए मैं आपका आभारी हूं धन्यवाद। 
(फोन की घंटी बजती है - चौथा कॉल)
पीएम - नमस्ते जी 
चौथा कॉलर – हैलो नमस्ते सर। 
पीएम – नमस्ते। 
चौथा कॉलर - मैं युवराज भास्कर बोल रहा हूं सर।
पीएम - जी बताइए,युवराज जी बोलिए। 
युवराज – उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा। ये मेरा प्रश्न है कि अभी चार साल में देश के सामान्य मानवी के जीवन में काफी बदलाव आया है। मगर सर हम चाहते हैं कि आपके मार्गदर्शन में हमलोग कैसे काम करें कि और अच्छी प्रगति हो?
पीएम – देखिए कभी-कभी क्या होता है कि हम जब संगठन में काम करते हैं तो हमारे काम भी हमको याद नहीं रहते। मैं तो कभी-कभी कहता हूं कि पहले के जमाने में अंतराक्षरी खेलते थे लोग। हमने भी अपने इलाके में महीने में एक बार कम से कम,कार्यकर्ताओं की टोली में बिठाकर के पक्ष और विपक्ष का दो ग्रुप करने चाहिए। और उसमें सरकारी योजनाओं को कौन सबसे ज्यादा समझा सकता है। सरकारी योजनाओं को कौन सबसे ज्यादा समझा सकता है। इसे बार-बार स्मरण करते रहना चाहिए। क्योंकि हम सालों से विपक्ष में रहने के कारणहमें समस्याओं का तो ध्यान रहता है लेकिन समाधान जो खोजे हैं,उस पर ध्यान नहीं रहता है। पहली जो आदत होनी चाहिए कि बार-बार सरकारी योजनाओं का स्मरण करना, अध्ययन करना, उसकी योजना पाने का रास्ता क्या होता है, योजना पहुंचाने का तरीका क्या होता है। मैंने देखा है कि अपने बहुत से कार्यकर्ता घर-घर जाकरके, मिलकरके उनकी समस्याओं को जानकरके फिर खोजते रहते हैं कि सरकार की कौन सी योजनाओं से उनको लाभ मिलेगा। फिर वो लग जाते हैं उसकी मदद करते हैं। 
और इसलिए मैं कहता हूं कि पहले अपने कार्यकर्ताओं को इस पर मिल बैठकर योजनाओं पर चर्चा करनी चाहिए। जैसे वय वंदन योजना सुना, क्या है। फिर इस पर किसी को रिसर्च करना चाहिए। सबकुछ नरेन्द्र मोदी ऐप पर इसकी जानकारी है, सरकार की साइट पर इसकी जानकारी है। अंदर-अंदर इसकी चर्चा करनी चाहिए। फिर जिनको इसका लाभ मिलना है, उन्हें इसकी जानकारी देंगे। अब इस प्रकार से जुड़ेंगे तो ... सामान्य मानवी। जैसे देखिए 90 पैसे रोजाना में दो लाख रुपए का बीमा होता है। अगर हम ये करें। जैसे गरीब है, प्रधानमंत्री आवास योजना चल रही है। उस गरीब का नाम लेकर विधायक, एमपी से सरकार को चिट्ठी लिखें। तो गरीब का भला हो जाएगा। मुझे खुशी है कि पिछले कई वर्षों में उतने काम नहीं हुए हैं जितने इन 48 महीनों में काम हुआ है।


अब आप देखिए शौचालय की सुविधा मात्र 30 प्रतिशत मकान थे देश में और पिछले चार सालों के प्रयास से 80 प्रतिशत तक वैसे मकान हो गए जहां शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो गई। अभी भी 20 प्रतिशत बाकी है। वैसे ही सौभाग्य योजना,उज्जवला योजना आदि। आप इन योजनाओं में देखिए कि कोई बिचौलिया गरीब आदमी सौ पचास रुपया मांग तो नहीं रहा है। गरीब को लगता है कि चलो भाई मुफ्त में मिल रहा है तो दे दो सौ रुपया। कोई ऐसा तो नहीं कर रहा है। आप सतर्कता भी कर सकते हैं। मैं नहीं मानता हूं कि यह कोई मुश्किल काम है। हमारा ध्यान होना चाहिए। सरकार और जनता के बीच एक ऐसी कड़ी बने कि ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ सामान्य मानवी तक पहुंचे। 
अब आप देखिए। आधार को जहां-जहां योजनाओं से जोड़ा है जिससे देश का 80 हजार करोड़ रुपये को बचाया है। ये पैसे कहीं न कहीं चले जाते थे। अब हमने योजना, लाभार्थी, टेक्नोलॉजी और आधार को हमने जोड़ दिया। इससे 80 हजार करोड़ रुपया बच गया। अब सोचिए इन पैसों से कितने गरीब परिवारों के काम आएगा मिलेगा। और इसलिए आपसे मेरा आग्रह है, देश के सभी कार्यकर्ताओं से मेरा आग्रह है कि हम पहले भारत सरकार के लिए सामान्य मानवी के लिए योजनाएं क्या है। अगर आपको कोई खड़ा करके पूछे तो 100 योजनाएं बिना रूके आपको बोलना आना चाहिए। एक बार इतना कर लो तो कोई सामने मिलेगा तो आप कहोगे कि अरे तेरे लिए तो ये योजना है चलो हम दिलाते हैं। आपने अगर इतना सीख लिया तो देशवासियों तक लाभ पहुंचने में देर नहीं लगेगी। 
(फोन की घंटी बजती है –पांचवां व अंतिम कॉल)
पीएम – नमस्ते जी।
पांचवां कालर – नमस्ते सर। 
पीएम - नमस्ते जी। कौन बोल रहे हैं। 
पांचवां कॉलर - मैं रविबोल रहा हूं। भारतीय जनता युवा मोर्चा से। 
पीएम – हां रवि जी। बोलिए। 
रवि – सर। हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं और दल से बड़ा हमारे लिए देश होता है। न्यू इंडिया के विजन को पूरा करने के लिए हम अपने आपको कैसे योगदान दे सकते हैं। 
पीएम –देखिए भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता का योगदान ही है कि पार्टी यहां तक पहुंची है। ये आप सबका परिश्रम है कि सामान्य मानवी की समस्याओं के समाधान में हम लोग सफल हो रहे हैं। अब देखिए आपकी सांसद मिनाक्षी लेखी बता रही थी कि ये लक्ष्मीबाई नगर में कम्युनिटी सेंटर है। वहां पर आप लोगों ने वेस्टेज से वेल्थ की ओर काम किया है। आप वहां सारे वेस्टेज से गैस निकालकरके वहां एक वर्किंग वूमेन हॉस्टल को बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। है तो ये छोटी चीज लेकिन ये और क्षेत्रों के लिए यह प्रेरणा का काम करती है। अब देखिए आप लोग जो मेडिकल कैंप लगवाते हैं, गरीबों को आंख का इलाज करना, उन्हें चश्मा वैगरह दिलाना, ये सामान्य मानवी के काम आने वाला है। हमें सामान्य मानवी के काम आने वाली योजनाओं पर ध्यान रखना है। गरीब व्यक्ति तो यह मानकर ही चलता है कि हमें ये जिंदगी ऐसे ही बिताना है लेकिन हमें उनका हाथ पकड़कर योजनाओं तक लाना है। मैं मानता हूं कि ये हम सब कर सकते हैं।


सामान्य मानवी के साथ जुड़ना, उनके मुसीबतों के समय काम आना। अगर नेक निष्ठा के साथ, बिना किसी स्वार्थ के साथ हम ये करना शुरू करेंगे तो देखिए बदलाव शुरू हो जाएगा। हम समझते हैं कि हमारे कार्यकर्ता ऐसा कर सकते हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद भैया। 
तो बहुत-बहुत धन्यवाद, सभी कार्यकर्ता भाइयों बहनों का,देशभर के जिलाध्यक्षों को बहुत-बहुत धन्यवाद। 6 अप्रैल को आपके अपने यहां भी बहुत कार्यक्रम होंगे। मुझे विश्वास है कि एक नए विश्वास और नए उमंग के साथ, जैसे व्यक्ति के जन्मदिन के बाद कोई संकल्प लेते हैं, वैसे ही न्यू इंडिया का संकल्प लेते हुए, सारे विरोधों को पार करते हुए,सारे झूठ को बेनकाब करते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ, समर्पण भाव के साथ,मां भारती की सेवा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में अपना भी विकास करें, दल का भी विस्तार करें और जन सामान्य की समस्याओं का समाधान करें। इसी एक संकल्प के साथ आगे बढ़ें। मेरी तरफ से आप सब कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

জনপ্রিয় ভাষণ

৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪
Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait

Media Coverage

Snacks, Laughter And More, PM Modi's Candid Moments With Indian Workers In Kuwait
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi meets the Amir of Kuwait
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi met today with the Amir of Kuwait, His Highness Sheikh Meshal Al-Ahmad Al-Jaber Al-Sabah. This was the first meeting between the two leaders. On arrival at the Bayan Palace, he was given a ceremonial welcome and received by His Highness Ahmad Al-Abdullah Al-Ahmad Al-Sabah, Prime Minister of the State of Kuwait.

The leaders recalled the strong historical and friendly ties between the two countries and re-affirmed their full commitment to further expanding and deepening bilateral cooperation. In this context, they agreed to elevate the bilateral relationship to a ‘Strategic Partnership’.

Prime Minister thanked His Highness the Amir for ensuring the well-being of over one million strong Indian community in Kuwait. His Highness the Amir expressed appreciation for the contribution of the large and vibrant Indian community in Kuwait’s development.

Prime Minister appreciated the new initiatives being undertaken by Kuwait to fulfill its Vision 2035 and congratulated His Highness the Amir for successful holding of the GCC Summit earlier this month. Prime Minister also expressed his gratitude for inviting him yesterday as a ‘Guest of Honour’ at the opening ceremony of the Arabian Gulf Cup. His Highness the Amir reciprocated Prime Minister’s sentiments and expressed appreciation for India's role as a valued partner in Kuwait and the Gulf region. His Highness the Amir looked forward to greater role and contribution of India towards realisation of Kuwait Vision 2035.

 Prime Minister invited His Highness the Amir to visit India.