'Speed-breaker' Didi is hindrance to West Bengal's development: PM Modi

Published By : Admin | April 3, 2019 | 15:56 IST
‘Didi’ is the speed-breaker who is hindering rapid, inclusive development in Bengal: PM Modi in Bengal
The recently-launched manifesto of the Congress is not a ‘Ghoshna-Patra’ rather it is a ‘Dhakosala-Patra’ meant to make false promises to the people: Prime Minister Modi
It is high time that people of Bengal exercise their power and give a befitting reply to the ‘Bomb and Gun Culture’ of the TMC-Left combine: PM Modi
The people will never forget those who bowed down to terrorists and removed laws like TADA and POTA: Prime Minister Modi in Bengal

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण इस चुनाव में हमारा समर्थन कर रहे हमारे सभी साथी, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, आज दिल्ली से बहुत सारे कैमरा कोलकाता पहुंचे हैं। लेकिन एक नजर यहां भी कर लेते तो उन्हें पता चल जाता कि लहर किसको कहते हैं। हम बचपन से सुनते आए जो बंगाल करता है पूरा देश उसको फॉलो करता है। आज भी ये बंगाल जो कर रहा है पूरा हिंदुस्तान इसी कदमों पर चल पड़ा है भाई। बड़े-बड़े पॉलिटिकल पंडित भी, अरे मैं भी अगर यहां आकर के इतना बड़ा विशाल जन सागर न देखता तो मैं अंदाजा नहीं लगा सकता कि दीदी की नैया डूब चुकी है। कमाल कर दिया आपने, कमाल कर दिया आपने। मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मां काली और भवानी, भगवान शिव की धरती को मैं शीश झुका कर के नमन करता हूं।

साथियो, आप सभी एक ऐसी परपंरा के वाहक है जिनका राष्ट्र के लिए त्याग करना इसका एक समृद्ध इतिहास रहा है। अनेक वीर-सपूतों अनेक वीर गोरखाओं ने अपने संस्कारों से इस भूमि को सिंचित किया है, देश को प्रेरित किया है। आज भी नए भारत को दिशा देने के लिए आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। आपने बीजेपी के इस चौकीदार का हर बार भरपूर साथ दिया है। दार्जिलिंग हो नार्थ बंगाल हो भारतीय जनता पार्टी के प्रति आपका स्नेह, आपका समर्थन अभूतपूर्व है। आपके इस मजबूत विश्वास के कारण आपका ये चौकीदार बड़ों-बड़ों से भी टक्कर ले पा रहा है। आपके साथ के चलते ही मैं पांच वर्षों से मैं देश के विकास को एक नई गति दे पाया हूं। हां मुझे इस बात का मलाल जरूर है कि जिस गति से देश के दूसरे राज्यों में हम काम कर पाए है। उस गति से यहां काम नहीं हो पाया है। इसकी वजह जानते हैं, मैं पूरे देश में तेज गति से काम कर पाया लेकिन बंगाल में उतनी गति से काम नहीं कर पाया। इसका कारण क्या है... मालूम है, इसका कारण मालूम है, इसका कारण क्या है? आपने सही फरमाया। प. बंगाल में एक स्पीड ब्रेकर है स्पीड ब्रेकर.. इस स्पीड ब्रेकर को यहां के लोग दीदी के नाम से जानते हैं। ये दीदी आपके विकास की स्पीड ब्रेकर है।

साथियो, दीदी को गरीबों की चिंता नहीं है। आखिर दीदी गरीबों का पॉलिटिक्स करने में मशगूल है, वो गरीबी को खत्म करने के लिए कैसे काम कर सकती है। अगर गरीबी खत्म हो जाएगी तो दीदी की पॉलिटिक्स भी खत्म हो जाएगी। कांग्रेस का भी यही हाल है, कम्युनिस्टों की भी यहीं आदत है, इनको गरीबी चाहिए गरीब चाहिए, गरीबों को गरीब रखने में उनका राजनीतिक हित भरा पड़ा है। उन्होंने गरीबों के विकास पर ब्रेक लगाया हुआ है, पूरी साजिश करके रोका हुआ है कि किसी भी तरह गरीबों का भला ना हो जाए। वो गरीबी से बाहर न निकल पाए। भाइयो-बहनो, प. बंगाल में चिटफंड घोटाला हुआ। मेरे गरीब भाइयो और बहनो का पैसा चिटफंड के नाम पर, उसको लेकर दीदी के मंत्री, दीदी के विधायक, दीदी के साथी भाग गए। उन्होंने गरीबों को लूट लिया। जिस गरीब ने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई बहुत विश्वास के साथ चिटफंड वालों को सौंपी थी। उसे अपने साथियों के जरिए तबाह करने काम, बर्बाद करने का काम दीदी ने किया है। 

साथियो, गरीब जब बीमार होता है तो उसकी सबसे बड़ी चिंता होती है इलाज का खर्चा। गरीब की इसी चिंता को समझते हुए भारतीय जनता पार्टी ने एनडीए की सरकार ने गरीबों के लिए गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की। गरीबों को कहा कि बीमारी की स्थिति में पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त होगा। आपको एक भी रुपया अस्पताल में खर्च नहीं करना पडेगा। लेकिन ये स्पीड ब्रेकर दीदी ने क्या किया। दोस्तों आपका प्यार मेरे सर आंखों पर, गरीब का भला करने वाली इस योजना पर प. बंगाल में ब्रेक लगा दिया गया। भाइयो और बहनो, स्पीड ब्रेकर दीदी के करनामों की लिस्ट बहुत लंबी है। दीदी ने प. बंगाल के 70 लाख से ज्यादा किसान परिवारों के लिए उनके विकास के काम पर भी ब्रेक लगा दिया है। देश के तमाम राज्यों में पीएम किसान सम्मान योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। लेकिन दीदी तो दीदी है स्पीड ब्रेकर है इसलिए पीएम किसान सम्मान योजना पर भी उहोंने प. बंगाल में ब्रेक लगा दिया है। भाइयो- बहनो,, ये भाजपा एनडीए की सरकार है। आपका प्यार, आपका प्यार मेरे सर आंखों पर, भारत माता की जय... आप थोड़ा-थोड़ा शांत रहेंगे। आपका उत्साह... ये आपकी चेतावनी दीदी तक पहुंच गई है। ये आपका प्यार दीदी की नींद हराम कर देगा।

अगर आप इजाजद दें तो मैं बोलना जारी रखूं। बोलूं क्या.. लेकिन आप इतने नारे बोल रहे हो। आपका उत्साह इतना जबरदस्त है कि मेरे लिए बोलना भी मुश्किल है। ऐसा प्यार बंगाल मुझे दे रहा है। मैं सर झुका कर के नमन करता हूं भाइयो। ये भाजपा एनडीए की सरकार है जिसने गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन पर उसकी कमाई को उसको लूटने से बचाने के लिए रेरा का कानून बनाया। इसका मकसद यहीं था कि मध्यमवर्गीय परिवार अपना घर खरीदने जा रहा है। लेकिन परिवार का पैसा कोई बिल्डर लूट कर के भाग न जाए। इसको रोकने के लिए हमने रेरा कानून बनाया। लेकिन दीदी ने ये रेरा कानून को लागू करने से मना कर दिया। भाइयो-बहनो आप सभी गवाह हैं कि पहले यही काम ये लेफ्ट वाले किया करते थे। अब दीदी ने उनके हथियार पर कब्जा कर लिया है। सिर्फ कब्जा ही नहीं किया है उसे और धार दे दी है। मैं प. बंगाल की जनता को कहना चाहता हूं। ये भी चाहे लेफ्ट हो, कांग्रेस हो, या ममता दीदी हो ये एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। इनकी राजनीति प. बंगाल को गरीब करने पर ही टिकी हुई है। लेकिन ये भूल रहे हैं कि इनका मुकाबला एक चौकीदार से है। भाइयो-बहनो, बहुत ईमानदारी से बहुत परिश्रम से ये चौकीदार प. बंगाल के लोगों लिए काम कर रहा है। साथियो इन लोगों की तमाम अड़चनों के बावजूद गांव-गांव में गरीबों को गैस कनेक्शन देने का कम हम तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। गरीबों को अपना पक्का घर दिया जाए। गांव-गांव में शौचालय बने, बिजली कनेक्शन दिए जाए। बच्चों और गर्ववती महिलाओँ का टिकाकरण किया जाए। भाइयो और बहनो, प. बंगाल के दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी के संसाधनों और सम्मान के प्रति आपका ये चौकीदार पूरी तरह से संवेदनशील है।

यहां के चाय के बगानों में काम करने वाले साथियों की जरूरतों का मुझे पूरा अहसास है। भाजपा सरकार की नीतियों से उन्हें काफी लाभ भी मिला है। ये और हो सकता था अगर दीदी का स्पीड ब्रेकर बीच में नहीं आता। यहां के आदिवासी बच्चों को शिक्षा, युवाओं को रोजगार के नए अवसर, पाइनएपल पैदा करने वाले किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट... मुझे आपकी हर आवश्यकता का पता है। बस मैं ये स्पीड ब्रेकर हटने का इतंजार कर रहा हूं। यहां पर तेज गति से तब तक विकास मुश्किल है जब तक कानून व्यवस्था बदहाल है। इसके अलावा कनेक्टिविटी भी टूरिज्म और उद्योगों के लिए बहुद जरूरी है। इसलिए एशियन वेस्टर्न हाईवे हो या रेलवे का काम हो, अनेक प्रोजक्ट पर काम चल रहा है। हाल में कलकत्ता हाई कोर्ट की सर्किट बेंच भी जलपाइगुड़ी में स्थापित की गई है। आपका ये चायवाला यहां के चाय बगानों के हित के लिए पूरी तरह समर्पित है। इस प्रकार असम में हमारी सरकार चाय बगान वाले लोगों को जीवन के हर चरण पर मदद दे रही है। वही काम हम यहां भी करेंगे। कोच राजबोंग्शी जैसी जनजातीयों की मांगों पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। भाइयो बहनो, इस बार के चुनाव दो स्पष्ट धाराओं के बीच का चुनाव है। एक तरफ ईमानदार चौकीदार है, और दूसरी तरफ दागदार ही दागदार है। एक तरफ आतंक को करारा जवाब देने वाली सरकार है और दूसरी तरफ पाकिस्तान के पैरोकार यहां दिखते हैं। साथियों जब बालाकोट में हमारे सपूतों ने आतंकियों को घर में घुसकर के मारा। जब आतंकियों को बालाकोट में घर में घुसकर के मारा । आपको खुशी हुई कि नहीं। आपका माथा गर्व से ऊंचा हुआ कि नहीं। आपका सीना चौड़ा हो गया कि नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही बालाकोट में घुसकर के हमारे जवान वापस आए, तो रोना किसको चाहिए था? चिल्लाना किसको जरूरी था। लेकिन रोना कौन किया शुरू। हमारे ही लोग चिल्लाने लगे रोने लगे। अरे चोट वहां पहुंची है और दर्द तुम्हें क्यों हो रहा है। जितना दर्द इस्लामाबाद में हुआ लाहौर में हुआ, रावलपिंडी में हुआ। उससे भी ज्यादा दर्द ये कोलकाता में बैठी दीदी को हुआ। मोदी ने ये क्यों किया। मोदी सबूत दें। मोदी को आतंकियों के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए।

भाइयो बहनो, मोदी ने जो वो किया..क्या ठीक किया कि नहीं किया। सही किया कि नहीं किया। चौकीदार ने धुसकर के वहां मारा। आपको अच्छा लगा कि नहीं लगा। आप खुश है कि नहीं है। भारत के सपूतों को खुली छूट दी। ये मेरा निर्णय आपको मंजूर है पसंद है। आपको गर्व हुआ। लेकिन दीदी को ये पसंद नहीं आय़ा और ना ही ये महामिलावट के उनके साथियों को ये रास आया। ये सभी महामिलावटी इतना जोर-जोर से रोए कि पाकिस्तान में हीरो बन गए। वहां के मीडिया में छा गए। साथियों ये कैसा भारत चाहते हैं। इनकी मंशा बिल्कुल साफ होती जा रही है। दिल्ली में जब यूपीए की रिमोर्ट वाली सरकार थी तब आय दिन आतंकवादी हमले होते थे लेकिन इन्होंने कभी भी हमारे वीरों को खुली छूट नहीं दी। अब वो इनकी आतंक परस्त नीति ऐसी हो गई है। कि खुलेआम हमारे सुरक्षा बलों के सैनिकों के खिलाफ अनाब-शनाब बयानबाजी कर रहे हैं।कल कांग्रेस ने एक ढकोसला पत्र जारी किया। इस ढकोसला पत्र में कांग्रेस ने देश के सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने के उनके हौसले को चूर-चूर करने का काम किया है। साथियों कांग्रेस ने कहा है कि वो जम्मू-कश्मीर और हिंसा प्रभावित दूसरी जगहों पर हमारे सुरक्षा बलों को जो एक विशेष अधिकार मिला है उसको हटा देंगे। यानी कांग्रेस ने हमारे वीर जवानों को आतंकियों और पत्थरबाजों के सामने लाचार करने उनके हाथ बांधने की साजिश रच दी है। ये कैसी सोच है भाइयो-बहनो दार्जिलिंग के प. बंगाल के तो हजारों सपूत ऐसे क्षेत्रों में राष्ट्र रक्षा के काम में जुटे हैं। AFSPA सुरक्षा बलों के लिए कवच है ताकी वो सही तरीके से आतंकियों से निपट सके लेकिन क्योंकि इनको अपनी सेना पर विश्वास नहीं है सेना के नियम कायदों देश के नियम कानून पर विश्वास नहीं है इ सलिए ऐसा वादा करने की हिम्मत ये लोग कर रहे हैं। हमारे वीर जवानों को खतरे में डालने वाली साजिश को आप सभी को नाकाम करना है। नाकाम करोगे क्या। नाकाम करोगे क्या।

भाइयो बहनो,, इस चुनाव में आपका वोट सिर्फ भाजपा के एमपी बनाने का नहीं है । आपका वोट सिर्फ मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाला नहीं है। बल्कि आपका वोट हमारे देश के सुरक्षाबलों के सम्मान का भी वोट है। साथियों कांग्रेस की टीएमसी की इन सभी महामिलावटियों की यहीं नीति और रीति रही हैं कि देश को दशकों से आतंक झेलना पड़ा है। लेकिन आपका ये चौकीदार इनके सामने अब दीवार बनकर के खड़ा है। जिस तरह आतंकियों और नक्सलियों पर इस चौकीदार ने निर्णायक कार्रवाई की है। आप आश्वस्त रहिए ये मोदी है ये घुसपैठियों को भी छोड़ने वाला नहीं है, और दूसरी तरफ जो हमारे शरणार्थी है जो कांग्रेस की एतिहासिक भूल का शिकार रहे हैं। उनके साथ इंसाफ भी यही चौकीदार करेगा। साथियों मुझे पता चला है कि यहां पर एनआरसी को लेकर अफवाहें फैलाने का काम भी चल रहा है। मैं सभी गोरखा भाइयो-बहनो को इस मंच से आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपमें से किसी को भी इसकी वजह से नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। साथियो, मैं ऐसे-ऐसे हर व्यक्ति को टीएमसी के पेरोल पर घूम रहे हैं। जो टीएमसी के पेरोल पर रहकर आतंक फैला रहे हैं, डरा रहे हैं। ऐसे हर व्यक्ति को चेतावनी देता हूं कि उनके दिन अब गिन चुके हैं। बीजेपी की सरकार आते ही निर्दोष नागरिकों को परेशान करने वालों को हिसाब देना ही पड़ेगा और कानून को जवाब देना ही पड़ेगा। जगाई जगाई मथाई ये जगाई मथाई का गुड़ों और घुसपैठियों का ये गठजोड़ अब प. बंगाल में खत्म होने के दिन आ चुके हैं। साथियो, आपको वोट देने से कोई भी रोक नहीं सकता है। आने वाले चुनाव में आप बिना किसी डर से अपना वोट दीजिएगा। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं भी मैं कहना चाहता हूं कि आप पूरी शक्ति से डटे रहिए। आपका हौसला प. बंगाल के भाग्य को बदलने के लिए बहुद जरूरी है। साथियो, सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर चल रही एनडीए सरकार प. बंगाल को दीदी के स्पीड ब्रेकर से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुझे पूरा भरोसा है कि प. बंगाल के हितों की रक्षा के लिए, यहां के गौरव की रक्षा के लिए, यहां की सांस्कृतिक की रक्षा के लिए, और अपने बेहतर भविष्य के लिए आप भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को वोट देंगे, और यहां जो उम्मीदवार है इसमें हमारा एक राजू है। दो दशक से मैं इसको जानता हूं। दो दशक से... ये हमारे तीनों साथी आपके ही संतान हैं। आपके ही साथी हैं। आपकी समस्याओं का इन्हें पता है। ये आपका पूरा ध्यान रखेंगे। मैं इनके साथ खड़ा रहूंगा ये आपको विश्वास दिलाता हूं। भाइयो-बहनो, बोजेपी और उसके साथियों के उम्मीदवारों को दिया हर वोट, आपका हर वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाने वाला है। आपके वोट से ही मोदी जीतने वाला है। इसी विश्वास के साथ इतनी बड़ी तादात में आप आशीर्वाद देने के लिए आए मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं।

मैं एक नारा बोलवाऊंगा बोलेंगे... दोनों हाथ ऊपर कर के बोलेंगे। मुठ्ठी बंद कर के बोलेंगे। पूरी ताकत से बोलेंगे। मैं कहूंगा मैं भी आप कहेंगे चौकीदार हूं। मैं भी... चौकीदार हूं। मैं भी... चौकीदार हूं। मैं भी... चौकीदार हूं। आप बोलेंगे चौकीदार.... गली-गली में चौकीदार... गांव गांव में चौकीदार, शहर शहर में चौकीदार... घर-घर में चौकीदार... युवा नौजवान चौकीदार, माता-बहने चौकीदार..., बड़े –बुजुर्ग चौकीदार..., खेत खलिहान में चौकीदार..., बाग-बगीचे में चौकीदार..., हिंदुस्तान में चौकीदार.., सीमा पर भी चौकीदार..., देश का भविष्य चौकीदार.., देश का भविष्य चौकीदार.., देश का उजला काल चौकीदार... आपका सबका आशीर्वाद... बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!