Congress wants a weak government they can remote control, says PM Modi
PM Modi cautions first-time voters against the 'Mission Mahamilavat', saying they do not want that a govt with absolute majority is formed at any cost
Our victory is certain but for the democracy's blessing you need to go out and vote for the lotus: PM Modi

पहले 3 चरणों के चुनाव के बाद महामिलावट करने वाले जो लोग बुरी तरह बौखलाए हुए हैं। आज चौथे चरण के चुनाव के बीच, आपका यह स्नेह देखकर वे और भड़कने वाले हैं। उन्हें पता है की चार चरणों के बाद वो चारों खाने चित होने जा रहे हैं और इसीलिए वो कानों में जा-जा कर अफवाह फैला रहे हैं। वो लोगों को कहते हैं, अरे भाई मोदी तो जीत गया है, अब तो मोदी की सरकार बन गई है, ये इतनी गर्मी में वोट देने क्यों जाते हो, अब तुम्हे वोट देने की जरूरत नहीं, मोदी तो जीत गया है। भाईयो- बहनो, ये वोट करना लोकतंत्र की जिम्मेवारी है हमारी मोदी जीतने वाला है ये पता हो तो भी ज्यादा वोट करना चाहिए। ये इनकी बातों में नहीं आना चाहिए वरना आज कल वो सब जगह बोल रहे हैं, अरे मोदी तो जीत गया बहुत गर्मी में कहां जाते हो, घर बैठो ऐसा कर रहे हैं।

भाईयो-बहनो, ये बड़े चालाक और चतुर लोग हैं, ये झूठ बोलने में PHD किया हुआ है। इसलिए हमें जीतना तो है लेकिन आन, बान और शान के साथ जीतना है और जीतने तो वाले हैं लेकिन उस जीत में आपका भी तो कमल का फूल होना चाहिए। भगवान आशीर्वाद सबको देते हैं, ये लोकतंत्र भी आपको आशीर्वाद देने वाला हैं। लेकिन भगवान के आशीर्वाद के बावजूद भी हम जाकर के मंदिर में फूल चढ़ाते हैं। उसी प्रकार से ये लोकतंत्र के मंदिर में ये लोकतंत्र रूपी भगवान है। हमें वहां पर जा कर के बटन दबा कर के ये लोकतंत्र रूपी भगवान का संविधान के देवता का हमें आशीर्वाद लेना चाहिए।
साथियो, आपके इस सेवक ने पूरी ईमानदारी से आपके लिए, देश के लिए काम करने का प्रयास किया है। याद करिए, आप लोग कभी सुनते थे कोयला घोटाला, कभी चीनी घोटाला, कभी हेलीकॉप्टर घोटाला, कभी राशन घोटाला, यहां तक की धरती के भीतर से जो खनिज निकलते हैं, उनमें भी ये लोग घोटाला कर जाते थे। अब ये सारे घोटाले आपके इस चौकीदार ने ताले लगा दिए हैं। अब ये जो लूट करने वालों की जो दुकानें थी वो बंद हो रही हैं, तो सारे घोटालेबाज जरा ज्यादा परेशान हो रहे हैं, आज ये घोटाला करने की हिम्मत तो नहीं कर पा रहे हैं लेकिन इन लोगों ने अब चौकीदार को गाली देने का रास्ता चुना है।

साथियो, जब ईमानदारी हो, साफ नीयत हो, तो बिना लूट-खसोट वाली सरकार भी चल सकती है और देश का विकास भी हो सकता है। आज इसी वजह से पूरा देश विश्वास के साथ अपने इस सेवक, अपने इस चौकीदार के साथ खड़ा है।

भाइयो और बहनो, आज के नौजवानों 21वीं सदी में पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। युवकों को मैं इनके मिशन महामिलावट से सतर्क करना चाहता हूं। मिशन महामिलावट यानी केंद्र में ऐसी खिचड़ी सरकार, जो कमजोर रहे, जिस सरकार में ये लोग करोड़ों का, अरबों का रुपया इधर से उधर कर पाएं, जो इनके परिवारों को, इनके रिश्तेदारों को गुलाम की गुलामी करने के लिए मजबूर कर दें और जो चाहे वैसे अनाप-शनाप, सही गलत काम करवाते रहें। ये किसी भी कीमत पर देश में एक मजबूत, पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं चाहते।

साथियो, कांग्रेस और उसके साथियों ने आज से 23 -24 साल पहले भी ऐसे ही मिशन महामिलावट का खेल शुरू किया था। जब अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री न बन पाएं, इसके लिए कांग्रेस ने कई दलों को इकट्ठा कर लिया था। नतीजा क्या हुआ हर 2 साल में, वो ऐसा समय गया देश का हर 2 साल 3 साल, 2 साल 3 साल सरकार बदलती थी, प्रधानमंत्री बदलते थे, बार-बार चुनाव आते थे, देश कोई काम ही नहीं कर पा रह था और कांग्रेस को मजा आ रहा था, वो पीछे से खेल खेलता रहता था।

भाइयो-बहनो, और मौका पड़ते ही वो डोर खींच लेता था, सारा ध्वस्त हो जाता था। उनको देश की चिंता नहीं थी, देश क युवा पीढ़ी की चिंता नहीं थी, रोजगार की चिंता नहीं थी, किसान की चिंता नहीं थी। उनको तो अपना खेल चलता रहे, यही उनका था। आज भी कांग्रेस को मालूम है वो सरकार किसी भी हालत में नहीं बना सकती, लेकिन वो चाहते हैं डोर खींचने का काम उसको मिल जाए, खिलौनों की तरह सरकार खेलती रहे ये उनका है। क्या आप ऐसी स्थिति फिर से चाहते हैं? भाइयो और बहनो, ऐसी डावाडोल स्थिति चाहते हो, ऐसी डावाडोल स्थिति हमें मंजूर हैं? क्या 21वीं सदी का भारत ऐसी स्थिरता कभी पसंद करेगा? भाईयो-बहनो, एसी अस्थिरता हमें नहीं चाहिए, हमें स्थिर और मजबूत सरकार चाहिए।

साथियो, इन लोगों को आपके बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है, ये अपने भविष्य को बचाने में जुटे हुए हैं। भाइयो और बहनो, झारखंड ने तो खुद राजनीतिक अस्थिरता का एक लंबा दौर देखा है। अस्थिर सरकारें कैसे लूट खसोट करती है वो झारखंड ने अनुभव किया है, मुख्यमंत्रियों तक को जेल जाना पड़ा है।

साथियो, कांग्रेस और अस्थिरता के दौर ने झारखंड का जो नुकसान किया, उसकी भरपाई करने की एक ईमानदार कोशिश भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने की है। पहले ही सरकारों और भाजपा-एनडीए सरकार के काम करने के तरीके में क्या अंतर है? इसका उदाहरण मैं आपको देता हूं।

साथियो, कोडरमा से रांची तक की रेल लाइन, इसकी मंजूरी जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। करीब-करीब आज से 20 साल पहले वो निर्णय हुआ था फिर कांग्रेस की सरकार दिल्ली में आई और ये योजना ठप पड़ गई। 2014 में आपने इस सेवक को अवसर दिया। अब कोडरमा-हज़ारीबाग-बरकाना-सिद्धवार सेक्शन तैयार है और एक, डेढ़ साल में रांची तक पूरी लाइन तैयार करने की तरफ हम बढ़ रहे हैं।

भाइयो और बहनो, हम सिर्फ नई रेल लाइन ही नहीं बना रहे बल्कि ट्रेन की गति भी तेज चले, इसके लिए ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर पर काम चल रहा है। इसी तरह यहां सड़कों की स्थिति भी अब बेहतर हो रही है। अब कोडरमा से बाबाघाम, देवघर और गिरडीह आना-जाना, कुछ ही घंटों में हो जाता है वरना पहले दिन के दिन लग जाते थे।

साथियो, ये काम पहले भी हो सकते थे लेकिन पहले की सरकारों ने सिर्फ अपना फायदा देखा, आप लोगों का हित नहीं देखा। भाइयो और बहनो, इन लोगों की राजनीति का आधार रहा है, गरीब को लाभ पहुंचाने वाले फैसलों का, पिछड़ों को लाभ पहुंचाने वाले फैसलों को वो टालते रहते थे।

याद करिए, देश में बरसों से मांग हो रही थी की पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा मिले। लेकिन ये लोग बार-बार हमारी कोशिशों को ब्रेक लगाते रहे, उसे अटकाते रहे। इनकी सारी राजनीतिक चालों और साजिशों को हराने के बाद पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम हमारी ही सरकार ने किया।

भाइयो और बहनो, ये लोग किसी के नहीं हैं। इन लोगों को जहां अपना वोटबैंक नहीं दिखता, ये उस इलाके को गरीब बनाकर रखते हैं, पिछड़ा बनाकर रखते हैं, वहां के लोगों को पूछते तक नहीं हैं। मेरे गरीब आदिवासी भाई-बहन के साथ भी इन लोगों ने यही किया है।

साथियो, हम विकास की पंचधारा, यानी बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई पर काम कर रहे हैं। कोडरमा में केंद्रीय विद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, गिरिडीह में मॉडल डिग्री कॉलेज, गोड्डा में टेक्निकल कॉलेज, इसी सोच का परिणाम हैं। कोडरमा और चाईबासा में मेडिकल कॉलेज, देवघर में एम्स अस्पताल और गांवों में आधुनिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना से तो झारखंड के गरीबों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है। हर वर्ष, हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज गरीब से गरीब को भी उपलब्ध हो रहा है।

साथियो, भाजपा की सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं, वो सामान्य मानवी का आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हैं। ये योजनाएं, गरीब को उस दिशा की तरफ ले जाती हैं, जहां उसे गरीबी से बाहर निकलने का हौसला मिले। अपना घर हो, गैस का चूल्हा हो, शौचालय हो, मुफ्त इलाज हो, ये गरीब को शक्ति देने वाली सुविधाएं हैं। ऐसे ही जो हमारे जो छोटे किसान हैं। उनके खाते में सीधे पैसे जमा किए जा रहे हैं, ताकि उनको छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। अब तो एक कदम आगे बढ़ते हुए हमने ये भी तय किया है की 23 मई को फिर एक बार जब मोदी सरकार आप बनाएंगे तब पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ हर किसान परिवार को देंगे।

भाइयो और बहनो, विकास तभी होता है जब व्यापार, कारोबार बढ़ता है। ये तभी बढ़ता है जब शांति होती है, जीवन की सुरक्षा होती है। ये चौकीदार झारखंड के, देश के चप्पे-चप्पे की सुरक्षा को लेकर चौकन्ना है। कांग्रेस और महामिलावटियों के राज में यहां क्या स्थिति थी वो भी याद करिए? यहां उमाचरण साहू जी बैठे हैं। कैसे इनको नक्सलियों के डर से अपना गांव तक छोड़ना पड़ा था। ऐसे सैकड़ों-हजारों लोग हैं, जिनका जीवन, जिनके सपने, हिंसा ने तबाह किए हैं। लेकिन साथियो, आज परिस्थितियां बदल गई हैं। डर के कारण जो गांव सूने हो गए थे, वहां लोग अब लौटने लगे हैं। जिन गांवों में कभी लाल आतंक दिखता था, वहां अब दूधिया बल्ब की रोशनी पहुंच रही है। मोटर-गाड़ियां आने-जाने लगी हैं, नक्सल प्रभावित इन इलाकों में उमा चरण जी जैसे हमारे अनेक साथी और हमारे आदिवासी भाइयो-बहनो, हमारे दलित भाई बहने और समाज के पिछड़े लोगों के हक दिलाने के लिए लड़ते रहना यही एक सबक हमने सीखा है। ऐसे तमाम साथियो सुरक्षा बालों के हमारे जवानों और शहीदों को मैं शीश झुका के नमन करता हूं। लेकिन साथियो, देश की सुरक्षा में जुटे हमारे वीर बेटे-बेटियों को लेकर कांग्रेस और उसके साथी क्या सोचते हैं, ये भी आपके लिए जानना जरूरी है। आप जान कर के हैरान हो जाएंगे।

भाइयो बहनो, कर्नाटक में जहां कांग्रेस एक सरकार चला रही है। उस सरकार के जो मुख्यमंत्री है उस मुख्यमंत्री का बयान, मुख्यमंत्री का बयान गंभीर होता है सामान्य नहीं होता है और वो तो मुख्यमंत्री ऐसे है जिनके पिता जी प्रधानमंत्री थे, देवगौड़ा जी । ये मुख्यमंत्री ने क्या कहा वो बताते हैं की वे सेना में कौन जाता है, पुलिस में कौन जाता है, सुरक्षाबलों में कौन जाता है। इसके लिए जो उन्होंने बयान दिया है वो चौंकाने वाला है, आंख में से आंसू ला देने वाला है, मन में गुस्सा भर देने वाला है। उन्होंने कहा की सेना में, फौज में, पुलिस में ,सुरक्षाबलों में वो लड़के जाते हैं जो भूखे मरते हैं। उनके पास खाने के लिए दो टाइम की रोटी नहीं होती है, वो बहुत गरीब होते हैं इसीलिए पेट भरने के लिए वो फौज में जाते हैं।

भाइयो-बहनो, ये देश के वीरों का अपमान है कि नहीं है, ये वीर माताओं का अपमान है कि नहीं है? क्या दो रोटी के लिए लोग गोलियां खाने जाते हैं क्या? अरे! ये घर छोड़ते हैं मातृभूमि के लिए, ये घर से निकलते हैं सामान्य मानवी की सुरक्षा के लिए। ये अपना जिंदगी हथेली पर लेकर के निकल पड़ते हैं, दुश्मनों को साफ करने के लिए, मुकाबला करने के लिए जाते हैं। लेकिन ये कांग्रेस की मानसिकता है, अगर कोई कांग्रेस का नेता कह देता है की सेना के हमारे सेनापति ये गली का गुंडा है, तो उनके मुख्यमंत्री कहते है की भीख मांगने वाले लोग, पेट ना भरता है ऐसे लोग सेना में जाते हैं।

भाइयो-बहनो, जो ऐसा अपमान करते हैं जिनकी ऐसी सोच है क्या ऐसे लोगों को कभी भी, गलती से भी वोट पड़ने चाहिए क्या, गलती से भी पड़ना चाहिए क्या?
भाइयो और बहनो, इसीलिए हमें बहुत चौकन्ना रहने की जरूरत है कांग्रेस और उसके साथियों का जो रवैया है, उससे बीते 5 वर्ष से जो शांति लौट रही है, वो फिर खतरे में पड़ सकती है। कांग्रेस ने घोषणा की है की अगर उसके सहयोग से कोई सरकार बनती है तो देशद्रोह का कानून हटा दिया जाएगा। यानी जो नक्सलियों को मदद देने वाले लोग हैं उन पर कार्रवाई करना मुश्किल होगा। ये है कांग्रेस की सोच।

साथियो, बात चाहे पाकिस्तान के आतंकवादियों की हो या फिर घर में छुपे गद्दारों की, आपका ये चौकीदार किसी को नहीं छोड़ेगा। ये चौकीदार किसी को नहीं छोड़ेगा। सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर एयर स्ट्राइक हो, ये तय है की जहां से भी हमें खतरा होगा, वहां हम घुसकर मारेंगे।

आप बताइए साथियो, हमें ये काम करना चाहिए की नहीं करना चाहिए, ये काम करना चाहिए की नहीं करना चाहिए? आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म होना चाहिए की नहीं होना चाहिए? आप बताइए ये काम कौन करेगा? ये काम कौन करेगा? मोदी ये काम तभी कर पाएगा जब कोडरमा वालों का वोट कमल के फूल पर, और गिरडीह वालों का वोट केले के निशान पर पड़ना चाहिए और आप कमल को वोट देंगे या केले को वोट देंगे जैसा ही आप बटन दबाओगे, आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा और दिल्ली में आपका वोट ही मजबूत सरकार बनाने वाला है। इसीलिए वोट देना बहुत जरूरी है और वोट मोदी को मिले ये देखना भी जरूरी है। तो आप जरूर वोट करेंगे, आप वोट करेंगे, आपके पोलिंग बूथ में सब लोगों से वोट करवाएंगे? घर-घर जाकर के लोगों को ले जाएंगे, कितनी ही गर्मी क्यों न हो वोट कराएंगे? कोई कितनी बार कहेगा मोदी तो जीत गया, जीत गया, जीत गया तो भी वोट करेंगे कि नहीं करेंगे? ये काम पक्का करना है भाइयो। आप इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं फिर एक बार आपका बहुत-बहुत आभारी हूं और मुझे अभी खबर मिली की आज झारखंड में भी जहां चुनाव चल रहा है, बहुत ही अच्छा मतदान हो रहा है, शांतिपूर्ण मतदान हो रहा है और बड़े उत्साह के साथ इतनी गर्मी में भी लोग वोट करने के लिए निकले हैं। मैंने देखा है की पहले से ये रैली बड़ी हो रही है, आप हर रैली में पुराना रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं तो मतदान के दिन भी मैं चाहूंगा की आप पुराना रिकॉर्ड तोड़ दें। अगर पहले चरण में जितना प्रतिशत मतदान होगा तो दूसरे चरण में उसे ज्यादा होगा, दूसरे चरण में जितना मतदान होगा तीसरा चरण में उसे ज्यादा होगा, तीसरे चरण में मतदान होगा, चौथे चरण में उसे ज्यादा होगा, पांचवे चरण में उसे ज्यादा होगा, छठे चरण में उसे ज्यादा होगा। हम मतदान भी बढ़ाते चलें, रैलियां तो बड़ी करते जा रहे हैं। मैं आपका आभारी हूं लेकिन मतदान भी ज्यादा होना चाहिए इसी अपेक्षा के साथ दोनों मुट्ठी बंद कर के मेरे साथ बोलिए

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बहुत बहुत धन्यवाद।

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PM chairs 45th PRAGATI Interaction
December 26, 2024
PM reviews nine key projects worth more than Rs. 1 lakh crore
Delay in projects not only leads to cost escalation but also deprives public of the intended benefits of the project: PM
PM stresses on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of families affected during implementation of projects
PM reviews PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana and directs states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner
PM advises conducting workshops for experience sharing for cities where metro projects are under implementation or in the pipeline to to understand the best practices and key learnings
PM reviews public grievances related to the Banking and Insurance Sector and emphasizes on quality of disposal of the grievances

Prime Minister Shri Narendra Modi earlier today chaired the meeting of the 45th edition of PRAGATI, the ICT-based multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation, involving Centre and State governments.

In the meeting, eight significant projects were reviewed, which included six Metro Projects of Urban Transport and one project each relating to Road connectivity and Thermal power. The combined cost of these projects, spread across different States/UTs, is more than Rs. 1 lakh crore.

Prime Minister stressed that all government officials, both at the Central and State levels, must recognize that project delays not only escalate costs but also hinder the public from receiving the intended benefits.

During the interaction, Prime Minister also reviewed Public Grievances related to the Banking & Insurance Sector. While Prime Minister noted the reduction in the time taken for disposal, he also emphasized on the quality of disposal of the grievances.

Considering more and more cities are coming up with Metro Projects as one of the preferred public transport systems, Prime Minister advised conducting workshops for experience sharing for cities where projects are under implementation or in the pipeline, to capture the best practices and learnings from experiences.

During the review, Prime Minister stressed on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of Project Affected Families during implementation of projects. He further asked to ensure ease of living for such families by providing quality amenities at the new place.

PM also reviewed PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana. He directed to enhance the capacity of installations of Rooftops in the States/UTs by developing a quality vendor ecosystem. He further directed to reduce the time required in the process, starting from demand generation to operationalization of rooftop solar. He further directed states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner.

Up to the 45th edition of PRAGATI meetings, 363 projects having a total cost of around Rs. 19.12 lakh crore have been reviewed.