With our mantra of ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’ we continuously worked towards enhancing the quality of life of our citizens: PM Modi
While I have my performance record of having served the people of this country tirelessly, the ‘Mahamilawati’ leaders have nothing but their falsehood campaigns to rely on: PM Modi in M.P.
The Congress government here has given a free pass to hooligans and anti-social elements and hence crime is rapidly rising in M.P. : Prime Minister Modi

 

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

खंडवा के लोग बहुत ही समझदार हैं, बहुत ही सुलझे हुए हैंमेरी एक प्रार्थना स्वीकार करोगे? ये जो पंडाल पे चढ़ गए हैं उनसे मेरी हाथ जोड़ के विनती है आप नीचे आइए। उधर भी सब ऊपर जो हैं आप नीचे आ जाइए। देखिए आपको अगर कुछ हुआ तो मुझे इस विजय का आनंद नहीं आएगा। बहुत धन्यवाद, बहुत समझदार लोग हैं आप।  

बोलो ओंकार महाराज की जय, नर्मदा मैया की जय, सिंगाजी महाराज की जय, ब्रह्मगीर महाराज की जय, धूनीवाले दादा जी की जय। निमाड़ का, खंडवा का, हमेशा से मुझ पर भरपूर प्यार रहा है। आपका यही आशीर्वाद मेरी ताकत बना है और इसीलिए आज पूरा देश कह रहा है, फिर एक बार...मोदी सरकार, पूरा देश कह रहा है, फिर एक बार...मोदी सरकार।  

 

साथियो, इस प्यार और विश्वास के दो स्पष्ट कारण हैं। एक मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड और दूसरा कांग्रेस और उसके महामिलावटियों का टेप रिकॉर्डर। मैं 5 वर्ष की अपनी ईमानदारी और निष्ठा को लेकर मैदान में हूं और महामिलावटी झूठ, प्रपंच इसके आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। मेरे साथ मेरे काम हैं और उनके साथ उनके कारनामे हैं।

साथियो, देखिए दोस्तों अब ये जगह कहीं बची नहीं है, अब कहां जाओगे, आप दूर भी हैं फिर भी मैं आपका प्यार अनुभव कर सकता हूं। आपको आगे आने की कोई कोशिश नहीं करनी चाहिए। आपका इतना प्यार ही तो मुझे यहां तक खींच के लाया है। जब मैं आपके पास आया हूं तो आप पीछे से आगे आने की कोशिश मत कीजिए। शांति से खड़े रहेंगे? खड़े रहेंगे? देखिए, आपका ये प्यार, ये उत्साह, ये जोश, ये अपनापन सब कुछ मेरी सिर-आंखों पर लेकिन, अब मैं बोलना शुरू करूं? आपका प्यार इतना है अब करें तो क्या करें? रोक भी नहीं सकते आपको। ये आपका प्यार, ये आपका उत्साह उन लोगों की नींद खराब कर रहा है। तीसरे चरण के बाद, उनका चेहरा देखा है की नहीं देखा है? तीसरे चरण में ही पता चल गया उनका खेल। भाइयो बहनो, यहां कांग्रेस ने किसानों से उनका कर्जमाफ करने को कहा था ना, क्यों ठंडे पड़ गए आप लोग, कांग्रेस ने कर्ज माफ करने के लिए कहा था की नहीं कहा था? 10 दिन में कर्ज माफ करने को कहा था, कि नहीं कहा था? एक से दस की गिनती मध्य प्रदेश को सिखाई थी कि नहीं सिखाई थी और कर्ज माफ नहीं तो सीएम को माफ नहीं करेंगे कहा कि नहीं कहा? दस दिन पूरे हो गए क्या। 20 दिन हो गए, 40 दिन हो गए, 80 दिन हो गए, 120 दिन हो गए। हुआ क्या? किसानों का कर्ज माफ हुआ क्या? कांग्रेस के झूठ और वादाखिलाफी की यह जीती जागती सच्चाई है और इस बार सिर्फ मध्य प्रदेश कांग्रेस को साफ करेगा ऐसा नहीं, लेकिन कांग्रेस के इस कारनामों के कारण मध्य प्रदेश की खबर पूरे हिंदुस्तान में पहुंच गई है इसलिए पूरे हिंदुस्तान में मध्य प्रदेश उनको हरा रहा है, पूरे हिंदुस्तान में क्योंकि हमारा देश गलती माफ करता है, झूठ और विश्वासघात को कभी माफ नहीं करता है। यही इनके 70 साल से काम करने का तरीका है। पहले वोट के लिए झूठ बोलो, जैसे-तैसे सरकार बनाओ और जब जनता सवाल करे तो कह दो झूठ बोला तो बोला, हुआ तो हुआ। आपने देखा ना कांग्रेस के एक नेता ने क्या कहा, हुआ तो हुआ यानी कुछ लेना देना ही नहीं, हुआ तो हुआ, झूठ बोला तो बोला, किसान को मूर्ख बनाया तो बनाया।

साथियो, यह चुनाव गरीबों के लिए दिन रात मेहनत करने वाले हम लोग और हमारे सामने अहंकार में डूबकर हर बात पर हाथ ऊपर कर देना और यही कहना, हुआ तो हुआ। हमारे सामने ये लोग हैं जो हुआ तो हुआ की सोच रखते हैं। हमने गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने का काम किया। दूर-सुदूर को नेशनल हाईवे और रेलवे से जोड़ने का काम किया। हर गरीब परिवार को अपना पक्का घर मिले, हर बहन, बेटी को शौचालय की सुविधा मिले। गांव-गांव, घर-घर तक बिजली पहुंचे। हर गरीब बहन के घर पर रसोई का चूल्हा, रसोई का गैस चूल्हे में पहुंचे। हर गरीब परिवार को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त में इलाज मिले। इसके लिए हमने पांच साल पूरी ईमानदारी से दिन-रत काम किया है और यही सबका साथ-सबका विकास है, जिस पर हमारा विश्वास है।

भाइयो और बहनो, लेकिन कांग्रेस वालों की क्या सच्चाई है, ये भी जान लीजिए 1984 में सिखों के साथ अत्याचार हुआ, कत्लेआम हुआ और ये कहते हैं हुआ तो हुआ, हुआ...तो हुआ। और जो 84 के दंगों में जनता की नजरों में गुनहगार है। जिसको पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया तो पंजाब कांग्रेस ने हाथ जोड़ करके कहा इसको ले जाओ वरना पंजाब में हम खत्म हो जाएंगे। तो वहां से ले गए आपके ऊपर थोप दिया, मुख्यमंत्री बना दिया, ये है कांग्रेस। भोपाल में हजारों लोगों को जहरीली गैस के हवाले कर दिया गया, कई पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया गयाइस कांड के गुनहगार को भगा दिया गया, सरकारी विमान में ले जाया गया। अगर आज उनको पूछोगे की हजारों लोगों को मरवा दिया तो ये तो यही कहेंगे हुआ...तो हुआ, हुआ...तो हुआ। लोग मरे तो मरे इनको कोई लेना देना ही नहीं है।

साथियो, 2014 से पहले इनकी कमजोरी के कारण, तुष्टिकरण की नीति के कारण आतंकवाद ने हजारों जाने लीं। आज ये कह रहे हैं, हुआ...तो हुआ, हुआ...तो हुआ, हुआ...तो हुआ।

भाइयो और बहनो, देश के मशहूर गायक किशोर कुमार जी तो इसी धरती के सपूत थे। और जब भी किशोर कुमार का नाम आता था तो लोग खंडवा का जिक्र जरूर करते थे और बड़े गर्व से करते थे। इमरजेंसी के दौरान वे कांग्रेस के दबाव में नहीं आए वो अपने उसूलों पर अड़े रहे। कांग्रेस ने आपातकाल में देश को जेल खाना बना दिया था। वो उनको मंजूर नहीं था, बदले में ये कांग्रेस ने खंडवा के सपूत किशोर दा के गानों पर रेडियो पर बजाने पर रोक लगा दी थी, तब तो टीवी नहीं था रेडियो था, बंद कर दिया था। अगर आज खंडवा का कोई व्यक्ति कांग्रेस को पूछेगा की भाई तुम वोट लेने तो आए हो, तुम्हें हमारा वोट तो चाहिए लेकिन क्या किशोर कुमार खंडवा के थे? तुमने किशोर कुमार के साथ ये किया था? तो जवाब में क्या कहेंगे, अरे छोड़ो यार हुआ तो हुआयही कहेंगे ना, हुआ तो हुआ, हुआ तो...हुआ, हुआ तो...हुआ।   

भाइयो बहनो, इनके काम करने का तरीका क्या है? ये भी समझिए। पाकिस्तान के पाले पोसे आतंकी, जब यहां हमला करते थे तो ये निर्दोषों को जेलों में ठूंस देते थे। भाइयो और बहनो, हिन्दू आतंकवाद का कुतर्क गढ़ने के लिए, हमारी महान परंपरा को बदनाम करने का जो गंभीर षडयंत्र और वो भी सिर्फ और सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करने के लिए इन्होंने किया है, उसी का जवाब आज इनको मिल रहा है। ये कितने भी हवन करा दें, ये कितने भी जनेऊ दिखा दें, ये पुलिस को भगवा ड्रेस भी सिलवा दे, लेकिन भगवा में जो आतंक के दाग लगाने की इन्होंने कोशिश की है,साजिश की है। उस पाप से ये कांग्रेस या महामिलावटी कभी नहीं बच पाएंगे, भाइयो।

भाइयो और बहनो, इन खोटी नीयत वालों से सावधान रहना जरूरी हैइनको अगर जरा भी मौका मिला तो ये भारत की रक्षा-सुरक्षा को खतरे में डाल देंगे। भाइयो और बहनो, देश सुरक्षित नहीं होगा तो विकसित भी नहीं होगा। विकास के लिए पहली शर्त सुरक्षा होती है। मिलावटी सरकार, खिचड़ी सरकार तो सुरक्षा बिल्कुल नहीं दे सकती। आप यहां मध्य प्रदेश में ही देख लीजिए। यहां एक ही पार्टी के ढाई सीएम हैं, ढाई, 2.5। प्रशासन को पता ही नहीं चलता कि किसका आदेश मानना है। गुंडों, हत्यारों और डकैतों को खुला लाइसेंस दिया गया है। अपने-अपने गुटों के हित में यहां प्रशासन का इस्तेमाल किया जा रहा है। उद्योगों के नाम पर एक ही उद्योग चल पड़ा है, तबादला उद्योग, ट्रांसफर उद्योग। जब एक ही दल की खिचड़ी में ये हाल हो सकता है तो दिल्ली में 2 दर्जन लोगों की खिचड़ी का ये क्या गुल खिलाएंगे, देश का क्या हाल करेंगे ये मध्य प्रदेश वाले आसानी से समझ सकते हैं।

साथियो, इनकी नीयत में खोट है इसलिए बहाने बनाते हैं, आपसे झूठ बोलते हैं। असल में आपका पैसा इन्होंने चुनाव प्रचार में उड़ा दिया है। केंद्र से आदिवासी बहनों और बच्चों के पोषक आहार के लिए जो पैसा भेजा गया था, वो भी इन्होंने नामदारों को चुनाव प्रचार के लिए दे दिया। पूरे देश ने तुगलक रोड चुनाव घोटाले का सच देखा है। कांग्रेसियों के घर से कैसे नोटों से भरे बोरे मिले हैं ये तो टीवी वालों ने दिखाया है। झूठ और भ्रष्टाचार के इसी खेल को कांग्रेस ने कई दशकों से शिष्टाचार बनाया हुआ है।

साथियो, नेक नीयत क्या होती है? ये मैं आज आपको बताता हूं। हमने इसी साल एक फरवरी को देश के 12 करोड़ छोटे किसानों के खाते में हर वर्ष 75 हजार रुपए सीधे जमा करने की योजना का ऐलान किया। सिर्फ तीन हफ्ते बाद, हमने इस योजना की शुरुआत भी कर दी और आज देश के करोड़ों किसान परिवारों के खाते में पैसे जमा हो रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के किसानों को इसका उतना लाभ नहीं मिल पाया। क्यों? क्योंकि यहां की कांग्रेस सरकार ने उन किसानों की लिस्ट ही नहीं भेजी, जिनके खाते में पैसे जमा कराने हैं।

भाइयो और बहनो, जो धोखा, जो फरेब कांग्रेस ने किसानों और नौजवानों के साथ किया है, वही झूठ और अफवाह फैलाने का काम जनजातीय परिवारों में भी किया जा रहा है। बीते पांच वर्ष से दिल्ली में भाजपा की सरकार है। 15 वर्ष तक यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही है लेकिन हमने आदिवासियों की जमीन पर आंच नहीं आने दी। जब तक और मेरे ये शब्द लिखते रहिए जब तक मोदी है, जब तक भारतीय जनता पार्टी है तब तक आदिवासी अधिकारों को खरोंच तक नहीं आने दी जाएगी।

साथियो, ये फिर इसी फिराक में हैं की आज झूठ बोलकर आपसे वोट कैसे मार लेना। याद रखिए, इन्होंने छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए चने और नमक की योजना को बंद कर दिया। इन्होंने छत्तीसगढ़ में पांच लाख के मुफ्त इलाज की योजना को बंद किया। ये अब यहां भी आदिवासियों को पिछड़ो को मिलने वाली मदद को रोकने की योजना बना रहे हैं। आदिवासियों को मदद बंद होने के बाद ये कहेंगे क्या कहेंगे, क्या कहेंगे, क्या कहेंगे, क्या कहेंगे? देखिए खंडवा के लोगों को समझाना ही नहीं पड़ रहा हैं, सब समझ जाते हैं।

भाइयो और बहनो, इन महामिलावटी लोगों द्वारा की जा रही साजिशों के बीच, बीते 5 वर्ष देश के हर वर्ग, हर क्षेत्र के लिए जी-जान से हमने काम किया हैं। आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल स्कूल का नेटवर्क खड़ा किया जा रहा हैं। आदिवासी युवाओं के खेल कौशल को विकसित करने के लिए हम विशेष ध्यान दे रहे हैं। भाइयो और बहनो, रोजगार निर्माण के लिए हम पर्यटन पर विशेष बल दे रहे हैं। विशेष तौर पर जो हमारी धरोहर है जो खंडवा में भी अनेक हैं उनको सजाया-संवारा जा रहा है। वहां सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, इसके अलावा मुद्रा योजना के माध्यम से जो बिना गारंटी के ऋण दिया जा रहा है, वो पर्यटन से जुड़े व्यवसाय को और मजबूत कर रहा है। वहीं रेल और रोड की कनेक्टिविटी सुधरने से पर्यटन को भी मदद मिलनी तय है।

साथियो, एक और काम जो हम पूरी क्षमता से हम कर रहे हैं ये काम है बिजली उत्पादन का। यहां तो मैं 2015 में पावर प्लांट आपको सौंपने के लिए आया था। तब भी मैंने विस्तार से अपनी योजना का जिक्र किया था। अब हम सौर और पवन ऊर्जा को बल दे रहे हैं। इसमें हम दुनिया की अगुवाई कर रहे हैं।

साथियो, ऐसे अनेक संकल्पों को हम सभी मिल कर मजबूत करेंगे, इसके लिए खंडवा सहित पूरे निमाड़ क्षेत्र और पूरे मध्य प्रदेश को फिर से मजबूती से कमल खिलाना है। कमल पर पड़ा हर वोट, भाइयो बहनो, आप मुझे बताइए, आज देश मजबूत है की नहीं है? और ज्यादा मजबूत होना चाहिए की नहीं होना चाहिए? घर में घुसकर के मारने की ताकत होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए? घर में घुसकर के मरना चाहिए की नहीं मारना चाहिए? इसके लिए देश को और मजबूत बनाना चाहिए कि नहीं बनाना चाहिए? देश मजबूत बनाने के लिए इस चुनाव में बूथ मजबूत बनाना है कि नहीं बनाना है, बूथ मजबूत बनाना है कि नहीं बनाना है? बूथ मजबूत बनाओगे ?घर-घर जाओगे? मतदाताओं से मिलोगे? कमल के निशान पर वोट दबाने के लिए समझाओगे, देश की रक्षा की बात करोगे, देश की विकास की बात करोगे? आदिवासीयों के कल्याण की बात करोगे, दलित पीड़ित शोषित वंचित का भला करने की बात करोगे? उनको प्रेम से मतदान बूथ तक लेजोगे, उनका मतदान करवाओगे, जल पान से पहले मतदान करवाओगे, मतदान के बाद जलपान होगा?  भारतीय जनता पार्टी जीतेगी, आपका बूथ जीतेगा, आपका वोट कमल पे पड़ेगा? इतना आपका उत्साह है तो विजय निश्चित है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कमल पर पड़ा हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। आप इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं। दोनों मुट्ठी बंद कर के पूरी ताकत से बोलिए…भारत माता की...जय।

आवाज आज भोपाल में खास सुनाई देनी चाहिए।

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

बहुत बहुत धन्यवाद।  

 

Explore More
৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

জনপ্রিয় ভাষণ

৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।