বিশ্বের দরবারে ভারতের কদর বাড়ছে: প্রধানমন্ত্রী মোদী
বিশ্ব সম্মুখীন হয়েছে এমন যে কোনও সমস্যা নিন, মহাত্মা গান্ধীর শিক্ষা সেই সব চ্যালেঞ্জগুলির সমাধান দেয়: প্রধানমন্ত্রী

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। महात्मा गांधी अमर रहें, महात्मा गांधी अमर रहें, महात्मा गांधी अमर रहें। 

आप लोग भलीभांति जानते हैं कि आज भारत की प्रतिष्ठा पूरे विश्व में बढ़ रही है, भारत की स्वीकृति, भारत के प्रति सम्मान, ये सहज अनुभव आता है। मैं 2014 में चुनाव जीतने के बाद पहली बार जब UNO में गया था और मुझे वहां वक्तव्य देने का अवसर मिला था और तब मैंने अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस के लिए दुनिया को अपील की थी और हम सबके लिए प्रसन्नता का विषय है कि UNO में ऐसे जितने प्रस्ताव आए थे उसमें सर्वाधिक समर्थन किसी प्रस्ताव को दुनिया के देशों का मिला तो अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस को मिला। कम से कम समय में कोई प्रस्ताव पारित हुआ UNO में वो योगा दिवस का प्रस्ताव पारित हुआ।

UN के 70 साल के इतिहास में ये अपने आप में बहुत बड़ी घटना थी। यानी एक प्रकार से दुनिया भारत की तरफ बड़ी उत्सुकता से देख रही थी, दुनिया के मन में कौतुक था, इतना बड़ा विशाल देश, इतना बड़ा लोकतंत्र और आज जब 2019 में मैं फिर से एक बार चुनाव जीतने के बाद UN में गया ऐसा लग रहा था कि दुनिया का हर देश भारत को स्वीकार कर चुका है। दुनिया के मन में आशा जगी है कि विश्व में परिवर्तन की जो कुछ भी संभावनाएं हैं उसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी हिंदुस्तान की होगी। हिंदुस्तान अपने आदर्शों, अपने व्यवहार, अपने कल्चर के कारण विश्व को साथ लेकर चलने का सामर्थ्य रखता है और ये अनुभव अपने आप में, जिस किसी से मुझे मिलने का मौका मिला अनुभव हो रहा था, कुछ लोग शब्दों में भी व्यक्त करते हैं। इस बार UN में गांधी 150 समारोह के प्रारंभ का भी एक बहुत बड़ा अवसर था, दुनिया के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने उस दिन अपने व्याख्यान भी दिए और UN ने महात्मा गांधी पर एक पोस्टर स्टैंप निकाला। 

आपने देखा होगा कि एक छोटा सा इनीशिएटिव लिया था पिछले वर्ष कि दुनिया के देशों में जो वहां के जाने-माने गायक हैं, संगीतकार हैं वो लोग, ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये’ इसको गाएं। आप हैरान होंगे, वैष्णव जन किस भाषा में है ये भी जिनको पता नहीं है ऐसे दुनिया के 150 देशों से अधिक देशों के गायकों ने, वैष्णव जन गाया। इन दिनों दूरदर्शन पर देखते होंगे आप, हर दिन अलग-अलग देश के गायकों के द्वारा बापू का एक प्रिय भजन आप टीवी पर देखते होंगे। उसमें से कुछ लोगों से जब मैं यात्रा पर गया तो मेरा मिलना हुआ कुछ लोगों ने मेरे सामने फिर से गाया और हाथ में बिना कागज लिए वे लोग वैष्णव जन गा सकते थे। मैंने कुछ लोगों से पूछा कि ये गाना गाया तो ठीक आपने लेकिन इसके अर्थ को समझते हैं क्याऔर मैं हैरान था, जिन-जिन गायकों से मिलना हुआ उन्होंने कहा कि हमने गाने से पहले इसको समझने का प्रयास किया, उसके भाव को, अर्थ को, उसका क्या मैसेज है वो समझने का प्रयास किया। मैं समझता हूं कि पूज्य बापू को दुनिया ने इस प्रकार से आदरांजली दी हो, श्रद्धा व्यक्त की हो, गांधी जी के 150 साल के जीवन में ये पहली बार हुआ है। और हमारे लिए गांधी अमरत्व से जुड़े हुए हैं, गांधी आज भी हैं गांधी कल भी होंगे, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी होंगे, हर किसी के लिए होंगे, हर समस्या के समाधान के लिए कहीं ना कहीं गांधी की महक मिलेगी। UN ने बहुत गर्वपूर्वक बड़े गौरव के साथ, गांधी को अंजली दी।

वहां पर एनवॉयरमेंट विषयों पर चर्चा हुई उसमें भी गांधी झलक गए, वहां पर युनीवर्सल हेल्थकेयर की चर्चा हुई तो उसमें भी भारत के आयुष्मान भारत की चर्चा हुई, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम, उसकी भी चर्चा हुई यानी एक प्रकार से इस यात्रा के दरमियान अलग-अलग विषयों पर, टेररिज्म पर एक बहुत बड़ा सेमिनार हुआ और सेमिनार को होस्ट किया था जॉर्डन के किंग ने और जॉर्डन के किंग मोहम्मद साहब के सीधे वारिस थे, उसी परंपरा के संतान हैं, उन्होंने होस्ट किया था और मुझे भी विशेष रूप से वहां वक्तव्य देने के लिए निमंत्रित किया था, दुनिया के बहुत देश के लोग भी वहां थे और जो बात टेररिज्म के लिए हम बोलते हैं, टेररिज्म के लिए हमारे जो भाव हैं उसको स्वयं जार्डन के किंग ने व्यक्त किया। मोहम्मद साहब के परंपरा में उसी परिवार से, संतान ने उसी विचारों को व्यक्त किया। ये अपने आप में भारत जैसे देश के लिए बड़े गौरव की बात है। जब मेरी अमेरिका की यात्रा हुई, पहला कार्यक्रम ह्यूस्टन में था। UN में जब मैं आया ह्यूस्टन का कार्यक्रम करके, प्रवेश करते ही जितने लोग मिले, जितने समारोह में गया, हर समारोह में हाउडी मोदी से शुरूआत हुई।

दुनिया के हर देश के नेता को मालूम था कि हाउडी मोदी क्या था, कैसा था, कहां था, सब मालूम था, हर कोई अपने आप उसके गुणगान कर रहा था, हर एक के मन पर उसका इंपैक्ट था, उसका कारण विश्व बर में बैठे हुए भारतीय, आज भारत के पासपोर्ट की इज्जत, उसकी ताकत बहुत बढ़ गई है। जिसके पास हिंदुस्तान का पासपोर्ट होता है दुनिया उसके सामने बड़े गर्व के साथ देखती है, इज्जत के साथ देखती है, सम्मान सहज अभिव्यक्त होता है। विश्व भर में फैले हुए हिंदुस्तान के हमारे भाइयों-बहनों में भारत का जो बदलाव है, बदलता हुआ जो हिंदुस्तान है उसने उनका हौसला बुलंद किया है, हिंदुस्तान की गरिमा ने उनकी गरिमा को भी बढ़ाया है और इसलिए दुनिया के किसी भी देश में छोटी तादाद में हिंदुस्तानी होंगे तो भी, ज्यादा तादाद में होंगे तो भी, हिंदुस्तान के हमारे भाइयों-बहनों की प्रतिष्ठा को चार चांद लग गए हैं और हिंदुस्तानियों का विश्वास हजार गुना ज्यादा बढ़ गया है, वे आज दुनिया की किसी भी शख्सियत के साथ आंख में आंख मिलाकर बात कर पाते हैं और ये हिंदुस्तान की ताकत है जिसका एक छोटा सा प्रतिबिंब ह्यूस्टन में हाउडी कार्यक्रम में सारी दुनिया ने देखा। उस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मेहनत करने वाले हर किसी का मैं धन्यवाद करता हूं। मैं ह्यूस्टन के मेयर जी का धन्यवाद करता हूं क्योंकि दो दिन पहले इतनी बाढ़ थी वहां, चारों तरफ टीवी में ह्यूस्टन में बाढ़ की चर्चा थी, इसके बावजूद भी ह्यूस्टन के मेयर ने स्वयं मोर्चा संभाला, कार्यक्रम को सफल करने क् लिए लगातार कोशिश की। 

रिपब्लिक पार्टी हो या डेमोक्रेटिक पार्टी, दोनों दलों के नेता वहां मौजूद थे। दोनों दलों के नेताओं के भाषण हुए इस कार्यक्रम में और राष्ट्रपति ट्रंप का स्वयं का आना, किसी देश के मुखिया का इस प्रकार से हिंदुस्तान के इतने बड़े कार्यक्रम में आना और इतना लंबे समय तक रुकना, ये भी अपने आप में सबके लिए प्रसन्नता का विषय था और राष्ट्रपति ट्रंप का भी, आज से उनका अभिनंदन करता हूं, धन्यवाद करता हूं समय के लिए। और सिक्योरिटी की परवाह किए बिना मेरा हाथ पकड़कर वो चल दिए पूरे स्टेडियम में। मुद्दा सिर्फ कार्यक्रम नहीं है दोस्तो, दुनिया में भारत की जो साख बन रही है, दुनिया में भारतीयों की जो ताकत बढ़ रही है इसी तरफ हमें ध्यान केंद्रित करना है और हम देश को जितनी नई-नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे, उतना ही विश्व में भारतीयों का भी मान बढ़ेगा और भारतीयों के माध्यम से विश्व को भी हमें अपना बनाने का अवसर मिलेगा।

आप सब इतनी बड़ी मात्रा में आए, मेरा स्वागत किया सम्मान किया इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं और आपके बीच आना, आते ही अपनापन, प्यार, पुरानी यादें, हर किसी के चेहरे के साथ जुड़ी घटनाएं, एक साथ सब दिल-दिमाग को छू जाता है और उसका एक अलग आनंद होता है। आज वह अवसर फिर से मिला है। मैं फिर एक बार आपका आभार व्यक्त करता हूं और इस गुजरात की मिट्टी की ताकत से, यहीं मिट्टी है जहां श्याम जी कृष्ण वर्मा पैदा हुए, यहीं मिट्टी है जिसके साथ मैडम कामा का नाम जुड़ा है, यहीं मिट्टी है जहां सरदार वल्लभभाई पटेल हुए, यहीं मिट्टी है जहां महात्मा गांधी पैदा हुए। इस धरती में विविधता है उस धरती को आज पुज्य बापू के जन्मदिन पर फिर एक बार मुझे नमन करने का मौका मिला, ये मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। मैं फिर एक बार आप सबका धन्यवाद करते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister meets with Crown Prince of Kuwait
December 22, 2024

​Prime Minister Shri Narendra Modi met today with His Highness Sheikh Sabah Al-Khaled Al-Hamad Al-Mubarak Al-Sabah, Crown Prince of the State of Kuwait. Prime Minister fondly recalled his recent meeting with His Highness the Crown Prince on the margins of the UNGA session in September 2024.

Prime Minister conveyed that India attaches utmost importance to its bilateral relations with Kuwait. The leaders acknowledged that bilateral relations were progressing well and welcomed their elevation to a Strategic Partnership. They emphasized on close coordination between both sides in the UN and other multilateral fora. Prime Minister expressed confidence that India-GCC relations will be further strengthened under the Presidency of Kuwait.

⁠Prime Minister invited His Highness the Crown Prince of Kuwait to visit India at a mutually convenient date.

His Highness the Crown Prince of Kuwait hosted a banquet in honour of Prime Minister.