मेरे प्‍यारे देशवासियो,

दुनिया भर के वैज्ञानिक जगत की fraternity आज MOM का मंगल से मिलन हो गया। आज मंगल को MOM मिल गई है। जिस समय इस मिशन का नाम, उसका Short form जब MOM बन गया तो मुझे पूरा विश्‍वास था कि MOM कभी निराश नहीं करती है। India has successfully reached Mars. आप सबको बधाई, देशवासियों को बधाई। और विश्‍व में भारत देश, और ये हमारे भारत के वैज्ञानिक वो पहले प्रयास में सफल होने वाला हिंदुस्‍तान, हिंदुस्‍तान के वैज्ञानिक, ये सफलता प्राप्‍त कर रहे हैं।

History has been created today. We have dared to reach out into the unknown. And have achieved the near impossible. I congratulate all ISRO scientists, as well as all my fellow Indians, on this historic occasion.

और मैंने पहले ही कहा कि साधन बहुत कम, अनेक मर्यादाएं और उसके बावजूद भी इतनी बड़ी सिद्धि प्राप्‍त होती है, वो वैज्ञानिकों के विश्‍वास के कारण उनके पुरूषार्थ के कारण, उनकी प्रतिबद्धता के कारण और इसलिए, हमारे देश के वैज्ञानिक अनके-अनेक अभिनंदन के अधिकारी हैं। और आज मुझे इनके बीच आ करके अभिनंदन देने का अवसर मिला है और अब देखिए इसकी, क्‍या कमाल है?

Travelling a mind-boggling distance of more than 650 million, or 65 crore kilometres.

यानी कि करीब-करीब 65 करोड़ किलोमीटर की यात्रा।

we have gone beyond the boundaries of human enterprise and imagination. We have, accurately navigated our spacecraft, through a route known to very few.

And, we have done so, from a distance so large; that it took even a command signal from Earth, more time to reach it, than it takes sunlight to reach us.

यानी कि सूरज की किरण को हमारे पास पहुंचने में जितना समय लगता है, उससे भी ज्‍यादा समय, यहां से हमारे वैज्ञानिक, उसे कुछ कहते हैं कि करो, उससे भी ज्‍यादा समय लग जाता है। यानी कि कितनी धीरज के साथ कमांड देने के 12-15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है कि गया, कि ठीक, नहीं गया है। कुछ हुआ कि नहीं हुआ। ये बड़ा कठिन होता है। अरे हम, भोजन की थाली पर बैठते हैं, खाना परोसने में देरी होती है, तो भी इधर उधर हो जाते हैं। तो इतने आप में इतना distance, उसके बावजूद भी, जिस धैर्य के साथ

The odds were stacked against us. Of the 51 missions attempted across the world so far, a mere 21 had succeeded.

But we have prevailed!

दुनिया में सबको सफलता नहीं मिली। बहुत कम मिली। और पहली बार में तो किसी देश को नहीं मिली। भारत के वैज्ञानिकों को, भारत को ये पहली बार सफलता मिली है।

With today’s spectacular success, ISRO joins an elite group of only three other agencies worldwide, to have successfully reached the red planet.

India, in fact, is the only country to have succeeded in its very first attempt. We put together the spacecraft in record time, within a mere 3 years of first studying its feasibility.

सिर्फ तीन साल में,यह छोटी बात नहीं है। हर हिंदुस्‍तानी आप लोगों के लिए गर्व करता है। नाज होता है। वैज्ञानिक के लिए नाज होता है।

Built it indigenously, in a pan-Indian effort stretching from Bangalore to Bhubhaneshwar, and Faridabad to Rajkot.

हमारे यहां के गवर्नर Vajubhai vala राजकोट के हैं। और इस Mars का एक instrument राजकोट में बना था और मैं अहमदाबाद इसरों में बार-बार जाता था। बड़ा मन करता था, क्‍या कर रहे हैं वैज्ञानिक बेचारे, एक लैब से बाहर नहीं निकलते हैं, तो कोई तो जाए मिलने के लिए। तो मैं जाता था और तब मुझे पता चला कि मिथेन गैस का sensor वहां बन रहा था और दूसरा, वहां कैमरा बन रहा था और शायद वह दोनों काम, उस समय मुझे बताया गया था, और शायद दुनिया में मिथेन गैस की जानकारी देने का पहला काम ये आपके प्रयत्‍नों से होगा। तो मैं जब ये, अहमदाबाद के इसरो में देखने के लिए जाता था, तो मुझे वहां के वैज्ञानिक हमारे गोस्‍वामी जी यहां है, मुझे सब समझते थे। क्‍या हो रहा है, कैसे हो रहा है।

Used a smaller rocket and payload to reduce the cost, even while increasing the complexity of an already challenging mission. मैंने पिछली बार जब गया था, श्रीहरिकोटा में, तब मैंने कहा था कि अमेरिका के हालीवुड में, जो फिल्‍में बनती हैं, मूवी, उससे भी कम खर्चे में हमारे वैज्ञानिकों ने काम किया है। यानी कि इससे ज्‍यादा खर्चा तो हालीवुड की मूवी बनाने में होता है। यानी कि कितनी बारीकि से Indigenes चीजों जोड़कर के छोटे-छोटे लोगों की मदद ले करके इतना बड़ा मिशन पार किया गया।

And launched it on our very own PSLV launch vehicle. These are all accomplishments that will go down as landmarks in history. Uncertainty is a part of the journey of every explorer who seeks to push boundaries.

The hunger of exploration and the thrill of discovery are not for the faint-hearted.

मेरे सामने दो प्रस्‍ताव थे। मैं आज ये रहस्‍य खोल दूं। जब ये आज सुबह मैं कहां रहूं? तो मुझे बताया गया, सब साइंटिस्‍टों ने कहा कि साहब, दुनिया में ये बहुत कठिन काम है। सफल होंगे, नहीं होंगे। आपको बुलाना, नहीं बुलाना, हमें दुविधा है। मैंने कहा, चिंता मत कीजिए। अगर विफलता आती है तो मेरी पहली जिम्‍मेवारी बनती है, इन वैज्ञानिकों के बीच आने की। और यश तो लेने के लिए सब आते हैं। लेकिन काम भी तो मंगल था। और जब काम मंगल होता है, इरादे मंगल होते हैं, तो मंगल की यात्रा भी तो मंगल होती है।

मुझे पहले कविताएं लिखने का शौक भी था, और समय भी मिलता था। तो मैंने एक बार लिखा था। वैसे लिखा तो गुजराती में है। लेकिन थोड़ा बहुत हिन्‍दी में बता देता हूं । मैंने लिखा था – कि अगर विफल होते हैं, तो आलोचना के शिकार होते हैं। और सफल होते हैं तो ईष्‍या के शिकार होते हैं।

आज हम सफल हुए हैं और इसलिए सफलता के साथ नई challenges भी आती है और वितवाद में, भारत के वैज्ञानिक में, भारत के यूथ में, भारत के talent में, कि हर चुनौतियों को चुनौती देने की ताकत, इन हमारी फौज में है। इन वैज्ञानिकों में है।

Innovation, after all, by its very nature involves risk; as you are trying to do something which has not been done before. It`s a leap into the dark. Humanity would not have progressed, if we had not taken such leaps into the unknown. And space is indeed the biggest unknown out there.

कभी कभी लोग सोचते हैं, risk क्‍यों लें, पानी में गए बिना तैरना सीखते हैं क्‍या, risk तो लेना ही पड़ता है। और सफलता बड़ी ताकत होती है, Risk लेने के निर्णय की moment क्‍योंकि एक अंधेरे में पैर रखना होता है और वो निर्णय करने का सामर्थ्‍य और मुझे तो अटल जी ने जब कहा था, हमें चन्‍द्र पर जाना है, ये हिम्‍मत होती है और तब जाकर लोग लग जाते हैं।

No one represents this zeal for exploring the unknown more, than our space scientists here at ISRO.

Through your brilliance and hard work, you have made it a habit of achieving the impossible.

अब मेरे इसरो के वैज्ञानिकों को impossible को possible करने की जैसे आदत ही लग गई है।

You have developed self-reliance across critical domains, often in the face of hostile circumstances.

Every generation of your scientists, has groomed the next home-grown lot

मुझे सबसे बड़ी खुशी इस बात की होती है, मैं जितनी बार आप लोगों के बीच आया हूं, हर पीढ़ी एक नई पीढ़ी को तैयार करती है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है।

मैं देख रहा हूं, कितने यंग साइंटिस्‍ट मेरे सामने खड़े हैं। पुरानी पीढ़ी ने इनको तैयार किया है और ये नई पीढ़ी को तैयार करेंगे। यही परंपरा, गुरू शिष्‍य परंपरा एक प्रकार से हमारे देश की विशेषता रही है, जो मुझे आज ISRO में महसूस होती है। इन सीनियर मोस्‍ट वैज्ञानिकों ने जो परंपरा बनाई है, 50-60 साल में, वो आज भी आगे बढ़ रही है। इस कल्‍चर के लिए भी, इस परंपरा के लिए भी, आप सभी वैज्ञानिक बहुत-बहुत, इस उत्‍तम परंपरा को निर्मित करने के लिए अभिनंदन के अधिकारी हैं।

Through your achievements, you have honoured our fore-fathers, and inspired our future generations! You truly deserve all the love and respect you get from a grateful nation!

We Indians are a proud people!

Despite our many limitations, we aspire for the best.

The success of our space program is a shining example of what we are capable of as a nation.

Our space program has been an example of achievement, which inspires the rest of us to strive for excellence ourselves.

Moreover, space exploration requires cutting-edge expertise across diverse disciplines. A successful space program thus generates applications across multiple domains.

Our efforts in particular, have historically focussed on the ultimate objective of nation-building. Of translating space technology into space applications.

मैं जब गुजरात का मुख्‍यमंत्री था, मेरा अनुभव है। आप वैज्ञानिकों ने जो काम किया है, उसको अगर हम रोजमर्रा की जिंदगी में application करें, उसको apply करें, तो हम जीवन बदल सकते हैं। पूरा गवर्नेंस बदल सकते हैं। पूरी व्‍यवस्‍था बदल सकते हैं। पूरी व्‍यवस्‍था बदल सकते हैं। हमारी गति बदल सकते हैं। इतना बड़ा contribution स्‍पेस टेक्‍नोलोजी के द्वारा हो रहा है। space science के द्वारा हो रहा है और इसलिए मैं मानता हूं कि हमारे प्रयास, हमारे देश की क्‍वालिटी आफ गवर्नेंस, क्‍वालिटी ऑफ लाइफ, स्‍पीड ऑफ अचीवमेंट्स इन सबमें एक बहुत बड़ा बदलाव लाने का सामर्थ्‍य रखते हैं।

Delivering the fruits of this farthest frontier to the remotest corners of the country. Deepening our governance, strengthening our economy, and improving our lives.

We also have a great legacy and responsibility to live up to. Our ancestors had helped the world understand the mysteries of the heavens.

Grasp the idea of Shunya or nothingness.

Map spatial knowledge; such as the rotation of the Earth, motion of planets and occurrence of eclipses.

सदियों पहले आर्यभट्ट जैसे अनेक महापुरूषों ने हमें शास्‍त्र का ज्ञान दिया। हमें शून्‍य दिया। सारे जगत को आज, यही तो शून्‍य है, जो गति देने का कारण बन गया है। विज्ञान की खोज का अवसर, आधार बन गया है। यानी कोई ऐसा विषय नहीं, जिसे हमारे पूर्वजों ने रास्ता बनाकर न रखा हो।

एक प्रकार से ये प्रयास हमारे उन महान ऋषियों को, जो एक वैज्ञानिक थे, उनको एक बहुत बड़ी, उनके सम्मान में दी गई ये भेंट-सौगात है। और ये काम हजारों साल के बाद इस पीढ़ी ने दी है। इसलिए इस परंपरा को निभाने के लिए हम स्वंय अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं। ये महान काम लैब में बैठे हुए दिन-रात अपने सुख छोड़कर के, कुछ कर दिखाने की तमन्ना वाले वैज्ञानिकों के द्वारा होता है।

Modern India must continue playing this leading role of ‘Jagad-guru Bharat’.

स्वामी विवेकानंद ने कहा था – मैं देख रहां हूं, मेरी भारत माता फिर एक बार विश्व-गुरू का स्थान प्राप्त करेगी। ये कैसे करेगी, आप ही के लोगों के पुरुषार्थ से तो यह होने वाला है। हमारे देश की युवा पीढ़ी के पुरुषार्थ से होने वाला है। चाहे खेत में काम करने वाला किसान हो, चाहे मजदूरी करने वाला गरीब व्यक्ति हो या वैज्ञानिक इतना लैब में बैठकर के तपस्या करने वाला ऋषितुल्य जीवन हो, यही तो है जो भारत माता को जगत गुरू के स्थान पर विराजमान करेगी।

My dear friends!

Let me conclude by saying that in contrast with the linear nature of Western philosophy; there is no absolute ‘beginning’ or ‘end’ in our Eastern understanding of the cosmos.

There is only a continuous, unending cycle of dispassionate, detached perseverance.

Atal ji’s vision had inspired us to reach for the moon.

The successful Chandrayan mission, in turn led to the Mars Orbiter Mission.

This too, must become but a base for challenging the next frontier - of an inter-planetary mission.

Let today’s success, only drive us with even greater vigour and conviction. Let’s set ourselves even more challenging goals. And strive even harder to achieve them.

Let us push our boundaries. And then, push some more!

यही मिजाज, इसी उमंग के साथ हम आगे बढ़ें। गुरूदेव रविंद्रनाथ टैगोर ने जो कहा था-

“Where the mind is led forward by thee into ever-widening thought and action ... Into that heaven of freedom, my Father, let my country awake.”

मैं फिर एक बार रविंद्र टैगोर की इस वाणी को श्रद्धा करते हुए, भारत जगेगा, भारत जगाएगा और हम सब इस जागरुक भारत को अपनी आंखों से देख पाएंगे। इसी विश्वास के साथ आप सब वैज्ञानिकों को आपके पुरुषार्थ और परिश्रम के लिए, आपकी प्रतिबद्धता के लिए, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मेरे प्यारे देशवासियों, हम सब गर्व करें, हमारे इन वैज्ञानिकों की सिद्धी के लिए, हमारी क्रिकेट टीम अगर एक टूर्नामेंट जीत कर आती है, पूरा देश नाच उठता है।

ये वैज्ञानिकों की सिद्धि उससे भी हजारों गुणा बहुत बड़ी है। सालों की तपस्या के बाद पाई हुई सिद्धि है। सवा सौ करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद से जुड़ी हुई, ये सिद्धि है। आइए, मेरे देशवासी, कल से नवरात्री का प्रारंभ हो रहा है, शुभ शुरूआत हो रही है। मंगल, मंगल, मंगल होना तय है और जब मंगल, मंगल, मंगल होना तय है, तो इस मंगल की यात्रा हमें और मंगल करने की प्रेरणा देती रहेगी। आज पूरा हिंदुस्तान उन वैज्ञानिकों के सम्मान में आनंद उत्सव मनाएं। हर स्कूल, कॉलेज के अंदर पांच मिनट भी इकट्ठे होकर, तालियों के नाद के साथ, हमारे इन वैज्ञानिकों को याद करें, उनका गौरव करें। सवा सौ करोड़ देशवासी इस सिद्धि को अपनी बनाएं, आनंद उत्सव मनाएं। मंगलमय वातावरण बनाएं। यही एक अपेक्षा के साथ फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामना। बहुत-बहुत बधाई। धन्यवाद

Explore More
৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪

জনপ্রিয় ভাষণ

৭৮ তম স্বাধীনতা দিবস উপলক্ষ্যে নয়াদিল্লির লালকেল্লার প্রাকার থেকে প্রধানমন্ত্রীর ভাষণ ১৫ই আগস্ট , ২০২৪
Cabinet extends One-Time Special Package for DAP fertilisers to farmers

Media Coverage

Cabinet extends One-Time Special Package for DAP fertilisers to farmers
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
The Constitution is our guiding light: PM Modi
A special website named constitution75.com has been created to connect the citizens of the country with the legacy of the Constitution: PM
Mahakumbh Ka Sandesh, Ek Ho Poora Desh: PM Modi in Mann Ki Baat
Our film and entertainment industry has strengthened the sentiment of 'Ek Bharat - Shreshtha Bharat': PM
Raj Kapoor ji introduced the world to the soft power of India through films: PM Modi
Rafi Sahab’s voice had that magic which touched every heart: PM Modi remembers the legendary singer during Mann Ki Baat
There is only one mantra to fight cancer - Awareness, Action and Assurance: PM Modi
The Ayushman Bharat Yojana has reduced the financial problems in cancer treatment to a great extent: PM Modi

আমার প্রিয় দেশবাসী, নমস্কার। ২০২৫ তো প্রায় এসেই গেল, এই তো দরজায় কড়া নাড়ছে। ২০২৫ সালের ২৬শে জানুয়ারি আমাদের সংবিধান কার্যকর হওয়ার পঁচাত্তর বছর পূর্ণ হতে চলেছে। আমাদের সবার জন্য অত্যন্ত গৌরবের ব্যাপার। আমাদের সংবিধান-নির্মাতারা আমাদের যে সংবিধান দিয়ে গিয়েছেন তা কালের প্রবাহে প্রতিটি মানদণ্ডে সাফল্য পেয়েছে। সংবিধান আমাদের জন্য এক দিশারী আলোকবর্তিকা, আমাদের পথপ্রদর্শক। ভারতের সংবিধানের কারণেই আমি আজ এখানে পৌঁছেছি, আপনাদের সঙ্গে কথা বলতে পারছি। এই বছর ২৬শে নভেম্বর, সংবিধান দিবস থেকে এক বছর ধরে চলবে এমন অনেক কাজ শুরু হয়েছে। দেশের নাগরিকদের সংবিধানের ঐতিহ্যের সঙ্গে যুক্ত করার জন্য কনস্টিটিউশন-সেভেন্টিফাইভ-ডট-কম নামে এক বিশেষ ওয়েবসাইটও বানানো হয়েছে। এতে আপনি সংবিধানের প্রস্তাবনা পাঠ করে নিজের ভিডিও আপলোড করতে পারেন। আলাদা-আলাদা ভাষায় সংবিধান পাঠ করতে পারেন, সংবিধানের ব্যাপারে প্রশ্নও জিজ্ঞাসা করতে পারেন। মন কি বাতের শ্রোতাদের কাছে, স্কুলপড়ুয়া বাচ্চাদের কাছে, কলেজে যাওয়া যুবক-যুবতীদের কাছে আমার অনুরোধ, আপনারা অবশ্যই এই ওয়েবসাইটে গিয়ে দেখুন, এর অংশ হয়ে উঠুন।

বন্ধুরা, আগামী মাসের তেরো তারিখ থেকে প্রয়াগরাজে মহাকুম্ভও অনুষ্ঠিত হতে চলেছে। এই সময় ওখানকার সঙ্গমতটে পূর্ণ উদ্যমে প্রস্তুতি চলছে। আমার মনে আছে, এই কিছুদিন আগে যখন আমি প্রয়াগরাজে গিয়েছিলাম তখন হেলিকপ্টার থেকে গোটা কুম্ভ ক্ষেত্র দেখে হৃদয় প্রসন্ন হয়ে গিয়েছিল। এত বিশাল! এত সুন্দর! এত মহৎ!

বন্ধুরা, মহাকুম্ভের বিশেষত্ব কেবল এর বিশালতার মধ্যেই নয়, কুম্ভের বিশেষত্ব এর বিবিধতার মধ্যেও ধরা আছে। এই উদ্যোগে কোটি-কোটি মানুষ এসে একত্রিত হন। লক্ষ-লক্ষ সন্ন্যাসী, হাজার-হাজার রীতি-পরম্পরা, শত-শত সম্প্রদায়, বহু আখড়া, প্রত্যেকে এই আয়োজনের অংশ হয়ে ওঠেন। কোথাও কোনও বিভেদ নেই, কেউ এখানে বড় নন, কেউ ছোট নন। বৈচিত্র্যের মধ্যে ঐক্যের এই দৃশ্য বিশ্বের আর কোথাও দেখা যায় না। এই জন্য আমাদের কুম্ভ ঐক্যের মহাকুম্ভও হয়ে ওঠে। এবারের মহাকুম্ভও ঐক্যের মহাকুম্ভের মন্ত্রকে শক্তিশালী করে তুলবে। আমি আপনাদের সবাইকে বলব, যখন কুম্ভে অংশ নেব আমরা, তখন ঐক্যের এই সঙ্কল্পকে নিজের সঙ্গে নিয়ে ফিরব। সমাজে বিভেদ আর বিদ্বেষের ভাবনাকেও নষ্ট করার সঙ্কল্প নেব আমরা। কম শব্দে যদি প্রকাশ করতে হয় আমাকে, তাহলে বলব-

মহাকুম্ভের সন্দেশ, এক হোক গোটা দেশ।

মহাকুম্ভের সন্দেশ, এক হোক গোটা দেশ।

আর যদি ভিন্ন ভাবে বলতে হয় তাহলে আমি বলবঃ

গঙ্গার নিরন্তর ধারা, মোদের সমাজ যেন না হয় ঐক্যহারা।

গঙ্গার নিরন্তর ধারা, মোদের সমাজ যেন না হয় ঐক্যহারা।।

বন্ধুরা, এবার প্রয়াগরাজে দেশ ও বিশ্বের ভক্তরা ডিজিটাল মহাকুম্ভেরও সাক্ষী হবেন। ডিজিটাল নেভিগেশনের সহায়তায় আপনারা আলাদা আলাদা ঘাট, মন্দির, সাধু-সন্ন্যাসীদের আখড়া পর্যন্ত পৌঁছনোর রাস্তা পেয়ে যাবেন। এই নেভিগেশন সিস্টেম আপনাদের পার্কিং পর্যন্ত পৌঁছতেও সাহায্য করবে। এই প্রথম বার কুম্ভমেলা আয়োজনে এআই চ্যাটবটের প্রয়োগ হবে। এই চ্যাটবটের মাধ্যমে ১১টি ভারতীয় ভাষায় কুম্ভ মেলার সঙ্গে যুক্ত সব রকম তথ্য জানা যাবে। এই চ্যাটবটে বিভিন্ন ধরনের টেক্সট টাইপ করে কিংবা মুখে বলে যে কোন ধরনের সহায়তা আপনারা চাইতে পারেন। সম্পূর্ণ মেলা প্রাঙ্গণকে এআই-পাওয়ারড ক্যামেরায় ঢেকে দেওয়া হচ্ছে। কুম্ভে যদি কেউ নিজের পরিচিতজনের থেকে বিচ্ছিন্ন হয়ে যান তাহলে এই ক্যামেরাগুলি তাকে খুঁজতেও সাহায্য করবে। ভক্তরা ডিজিটাল লস্ট এন্ড ফাউন্ড সেন্টারের সুবিধাও পাবেন। তাদের মোবাইলে government approved tour packages, থাকার জায়গা আর হোমস্টে সম্বন্ধেও জানানো হবে। আপনারাও যদি মহাকুম্ভে যান তাহলে এই সুবিধাজনক ব্যবস্থাগুলির সুফল নেবেন এবং #"একতা কা মহাকুম্ভ"-এর সঙ্গে নিজের সেলফি অবশ্যই আপলোড করবেন।

বন্ধুরা, মন কি বাত অর্থাৎ MKB-তে এবারে বলি KTB-র কথা। যারা প্রবীণ মানুষ তাদের মধ্যে অনেকেরই হয়তো KTB সম্বন্ধে জানা নেই। কিন্তু ছোটদের জিজ্ঞাসা করুন, KTB ওদের কাছে সুপারহিট। KTB কৃষ, ট্রিশ, বালটিবয়। আপনারা সম্ভবত জানেন ছোটদের পছন্দের অ্যানিমেশন সিরিজ, যার নাম "KTB - ভারত হ্যায় হাম", এখন তার দ্বিতীয় সিজনও চলে এসেছে। এই তিনটি অ্যানিমেশন ক্যারেক্টার আমাদের ভারতের স্বাধীনতা সংগ্রামের সেই সব নায়ক-নায়িকাদের সম্বন্ধে বলে যাদের নিয়ে তেমন ভাবে আলোচনা হয় না। সম্প্রতি এর সিজন টু বিশেষ সমারোহের সঙ্গে ইন্টারন্যাশনাল ফিল্ম ফেস্টিভ্যাল অফ ইন্ডিয়া, গোয়াতে লঞ্চ হয়েছে। সবচেয়ে দুর্দান্ত ব্যাপার, এই সিরিজটি শুধু ভারতের অনেকগুলি ভাষায় নয়, এমনকি বিদেশি ভাষাতেও সম্প্রচার হয়। দূরদর্শনের পাশাপাশি অন্য ওটিটি প্লাটফর্মেও এটি দেখা যায়।

বন্ধুরা, আমাদের অ্যানিমেশন ফিল্মের, রেগুলার ফিল্মের, টিভি সিরিয়ালের জনপ্রিয়তা এটা প্রমাণ করে যে, ভারতের ক্রিয়েটিভ ইন্ডাস্ট্রির কতটা ক্ষমতা রয়েছে। এই ইন্ডাস্ট্রি যে শুধু দেশের উন্নতির ক্ষেত্রে বড় অবদান রেখে চলেছে তাই নয়, বরং আমাদের অর্থনীতিকে নতুন উচ্চতায় নিয়ে যাচ্ছে। আমাদের ফিল্ম এবং এন্টারটেইনমেন্ট ইন্ডাস্ট্রি বিরাট। দেশে কত রকম ভাষায় সিনেমা তৈরি হয়, ক্রিয়েটিভ কনটেন্ট তৈরি হয়। আমি আমাদের ফিল্ম এবং এন্টারটেইনমেন্ট ইন্ডাস্ট্রিকে এই জন্য অভিনন্দন জানাই, কারণ তারা এক ভারত শ্রেষ্ঠ ভারতএই ভাবনাকে আরো শক্তিশালী করে তুলেছে।
বন্ধুরা, ২০২৪ সালে আমাদের চলচ্চিত্র জগতের অনেক বিখ্যাত ব্যক্তিত্বের শততম জন্মজয়ন্তী আমরা পালন করছি। এই মহাপুরুষরা ভারতীয় সিনেমাকে বিশ্বের দরবারে পরিচিতি দিয়েছেন। রাজকাপুরজি ফিল্মের মাধ্যমে সারা পৃথিবীকে ভারতের সফ্ট পাওয়ারের সঙ্গে পরিচয় করিয়েছেন। রফি সাহেবের চমৎকার কণ্ঠস্বর সকলের হৃদয়কে ছুঁয়ে যেত। ওঁর কণ্ঠস্বর ছিল অদ্ভূত। ভক্তিগীতি হোক, রোমান্টিক গান হোক কিংবা বিরহের গান, সমস্ত
অনুভূতিকে তিনি নিজের কণ্ঠস্বরের মাধ্যমে জীবন্ত করে তুলেছিলেন। একজন শিল্পী হিসেবে ওঁর প্রতিভা সম্পর্কে এভাবেই আন্দাজ করা যায় যে, আজও যুবক-যুবতীরা ওঁর গান সেই একইরকম আগ্রহের সঙ্গে শোনে, এটাই টাইমলেস আর্টের পরিচয়। আক্কিনেনি নাগেশ্বর রাও গারু তেলুগু সিনেমাকে নতুন উচ্চতায় পৌঁছে দিয়েছিলেন। ওঁর সিনেমায় ভারতীয় ঐতিহ্য এবং মূল্যবোধের প্রদর্শন করা হয়েছে। তপন সিনহাজির সিনেমা সমাজকে এক অন্য দৃষ্টিভঙ্গিতে দেখিয়েছে। ওঁর সিনেমায় সামাজিক চেতনা এবং রাষ্ট্রীয় ঐক্যের বার্তা থাকত। আমাদের পুরো ফিল্ম ইন্ডাস্ট্রির জন্য এই মহান ব্যক্তিদের জীবন অনুপ্রেরণার মতোই।
বন্ধুরা, আমি আপনাদের আরেকটা আনন্দের কথা জানাতে চাই। ভারতের ক্রিয়েটিভ ট্যালেন্টকে পৃথিবীর সামনে রাখার এক বড় সুযোগ আসতে চলেছে। আগামী বছর আমাদের দেশে প্রথম বার ওয়ার্ল্ড অডিয়ো ভিসুয়াল এন্টারটেইনমেন্ট সামিট অর্থাৎ WAVES সামিটের আয়োজন হতে চলেছে। আপনারা সকলে দাবোসের ব্যাপারে শুনেছেন, যেখানে পৃথিবীর অর্থনীতি জগতের মহারথীরা যুক্ত হন। সে ভাবে এই সামিটে সারা পৃথিবীর মিডিয়া এবং এন্টারটেইনমেন্ট ইন্ডাস্ট্রির বিশেষজ্ঞ, ক্রিয়েটিভ জগতের মানুষরা ভারতে আসবেন। এই সামিট ভারতকে গ্লোবাল কনটেন্ট ক্রিয়েশনের হাব হিসেবে পরিচিতি দেওয়ার জন্য এক গুরুত্বপূর্ণ পদক্ষেপ। আমার এটা বলতে গর্ব হচ্ছে যে, এই সামিটের প্রস্তুতির সময়ে আমাদের দেশের ইয়ং ক্রিয়েটররাও সম্পূর্ণ আগ্রহের সঙ্গে যুক্ত হচ্ছেন। যখন আমরা পাঁচ ট্রিলিয়ন ডলার ইকোনমির দিকে এগিয়ে চলেছি, তখন আমাদের ক্রিয়েটর ইকোনমি এক নতুন শক্তির সঞ্চার করছে। আমি ভারতের সমগ্র এন্টারটেইনমেন্ট এবং ক্রিয়েটিভ ইন্ডাস্ট্রিকে বলতে চাই যে, আপনারা ইয়ং ক্রিয়েটর হোন বা প্রতিষ্ঠিত শিল্পী হোন বা বলিউডের সঙ্গে যুক্ত অথবা আঞ্চলিক সিনেমার সঙ্গে যুক্ত বা টিভি ইন্ডাস্ট্রির পেশাদার হোন অথবা অ‍্যানিমেশন বিশেষজ্ঞ বা গেমিং-এর সঙ্গে যুক্ত বা এন্টারটেইনমেন্ট টেকনোলজির ইনোভেটর হোন, আপনারা সকলে ওয়েভস সামিটের অংশ হয়ে উঠুন।

আমার প্রিয় দেশবাসী, আপনারা সবাই জানেন যে, ভারতীয় সংস্কৃতির প্রকাশ আজ দুনিয়ার প্রতিটি প্রান্তে পৌঁছে যাচ্ছে। আজ আমি আপনাদের তিন মহাদ্বীপে এমন প্রয়াসের ব্যাপারে বলব, যা আমাদের সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যের বৈশ্বিক বিস্তারের সাক্ষী। এগুলো একে অন্যের থেকে শত-শত মাইল দূরে অবস্থিত। কিন্তু ভারতের সংস্কৃতি জানার এবং সেটা থেকে শেখার আগ্রহ তাদের মধ্যে একইরকম।

বন্ধুরা, চিত্রকলার দুনিয়া যেমন রঙিন, তেমন সুন্দর। আপনারা যাঁরা টিভির মাধ্যমে মন কি বাতের সঙ্গে যুক্ত হয়েছেন, তাঁরা এখনই কিছু চিত্রকলা টিভিতে দেখতে পাবেন। এই সব চিত্রকলায় আমাদের দেবী-দেবতা, নৃত্যকলা আর মহাপুরুষদের দেখে আপনাদের খুব ভালো লাগবে। এর মধ্যে আপনারা ভারতে পাওয়া যায়, এমন জীবজন্তু থেকে শুরু করে আরও অনেক জিনিস দেখতে পাবেন। এর মধ্যে তাজমহলের এক চিত্তাকর্ষক চিত্রও রয়েছে, যেটা তেরো বছরের একটি মেয়ে তৈরি করেছে। আপনারা এটা জেনে বিস্মিত হবেন যে, এই দিব্যাঙ্গ কন্যা নিজের মুখ দিয়ে এই চিত্র তৈরি করেছে। সব থেকে আকর্ষণীয় ব্যাপার হল এই সব চিত্র নির্মাতারা ভারতের নয়, মিশরের শিক্ষার্থী, ওখানকার ছাত্র-ছাত্রী। কয়েক সপ্তাহ আগেই মিশরের তেইশ হাজার শিক্ষার্থী ছবি আঁকার এক প্রতিযোগিতায় অংশ নিয়েছিল। সেখানে তাদের ভারতের সংস্কৃতি আর দুই দেশের ঐতিহাসিক সম্পর্ক তুলে ধরার চিত্র তৈরি করতে হয়েছিল। আমি এই প্রতিযোগিতায় অংশগ্রহণকারী প্রত্যেক তরুণ-তরুণীর প্রশংসা করছি। তাদের সৃজনশীলতার যতই প্রংশসা করা হোক না কেন, তা কম হবে।

বন্ধুরা, দক্ষিণ আমেরিকায় একটি দেশ হল প্যারাগুয়ে। ওখানে বসবাসকারী ভারতীয়ের সংখ্যা ১০০০-এর থেকে বেশি হবে না। প্যারাগুয়েতে একটি অদ্ভুত প্রচেষ্টা চলছে। ওখানকার ভারতীয় দূতাবাসে Erica Huber বিনামূল্যে আয়ুর্বেদিক পরামর্শ দিয়ে থাকেন। ওঁর কাছে আয়ুর্বেদের পরামর্শ নেবার জন্য প্রচুর সংখ্যায় স্থানীয় মানুষেরা ভিড় করছেন। যদিও Erica Huber ইঞ্জিনিয়ারিং নিয়ে পড়াশোনা করেছেন, কিন্তু তিনি আয়ুর্বেদের প্রতি নিবেদিত-প্রাণ। তিনি আয়ুর্বেদের সঙ্গে যুক্ত বিভিন্ন কোর্সও করেছেন, আর সময়ের সঙ্গে সঙ্গে আয়ুর্বেদে পারদর্শীও হয়ে উঠেছেন।

         বন্ধুরা, এটা আমাদের জন্য অত্যন্ত গর্বের বিষয় যে, পৃথিবীর সব থেকে প্রাচীন ভাষা হল তামিল, আর প্রত্যেক ভারতীয় এর জন্য গর্বিত। পৃথিবীর বিভিন্ন দেশে এই ভাষা শেখার লোকের সংখ্যা দিন দিন বাড়ছে। গত মাসের শেষের দিকে ফিজিতে ভারত সরকারের সাহায্যে তামিল টিচিং প্রোগ্রাম শুরু হয়। বিগত ৮০ বছরে এটাই প্রথম বার, যখন ফিজিতে অভিজ্ঞ শিক্ষকেরা তামিল ভাষা শেখাচ্ছেন। আমার এটা জেনে ভালো লাগছে যে, ফিজির ছাত্ররা তামিল ভাষা ও সংস্কৃতি শেখার ব্যাপারে অনেক আগ্রহ দেখাচ্ছে।

      বন্ধুরা, এই কথাগুলো, এই ঘটনাগুলো শুধুমাত্র সাফল্যের কাহিনি নয়। এটা আমাদের সাংস্কৃতিক ঐতিহ্যেরও গাথা। এই উদাহরণগুলো আমাদের গৌরবান্বিত করে। আর্ট থেকে আয়ুর্বেদ, ল্যাঙ্গুয়েজ থেকে মিউজিক, ভারতে এত কিছু আছে যা পৃথিবীতে ছড়িয়ে গেছে ।

      বন্ধুরা, শীতের এই মরশুমে দেশ জুড়ে খেলাধুলো ও fitness সংক্রান্ত বিভিন্ন অ্যাক্টিভিটিস হচ্ছে। আমি খুব খুশি এটা দেখে যে, মানুষ ফিটনেসকে দৈনন্দিন জীবনের অংশ করে তুলছেন। কাশ্মীরে স্কিংই থেকে শুরু করে গুজরাটে ঘুড়ি ওড়ানো পর্যন্ত, চারিদিকে খেলাধুলা নিয়ে উৎসাহ বিদ্যমান। #sundayOnCycle আর #cyclingTuesday এর মতো অভিযানের মাধ্যমে সাইকেল চালানোর উৎসাহ বাড়ছে।

 

বন্ধুরা, এখন আপনাদের একটি অনন্য বিষয়ে কথা বলতে চাই যেটা আমাদের দেশে আগত পরির্বতন এবং যুবা বন্ধুদের উদ্দীপনা ও আবেগের প্রতীক স্বরূপ। আপনি কি জানেন আমাদের বস্তারে একটি অনন্য অলিম্পিক শুরু হয়েছেএকদম ঠিক, প্রথমবার হওয়া বস্তার অলিম্পিকে বস্তারে এক নতুন বিপ্লবের সূচনা হয়েছে। আমার কাছে এটা খুবই আনন্দের কথা যে অবশেষে বস্তার অলিম্পিকের স্বপ্ন বাস্তবে রূপান্তরিত হয়েছে। আপনাদেরও জেনে ভালো লাগবে যে এলাকায় এই খেলা শুরু হয়েছে সেই এলাকাটি আগে মাওবাদী হিংসার সাক্ষী ছিল। বস্তার অলিম্পিকের প্রতীক হল - “বুনো মহিষ এবং পাহাড়ি ময়না”। এর প্রতীকগুলোর মধ্যে বস্তার অঞ্চলের সমৃদ্ধ সংস্কৃতির এক ঝলক দেখতে পাওয়া যায়। এই বস্তারে আয়োজিত অলিম্পিক মহাকুম্ভের, মূল মন্ত্রটি হল“করসায় তা বস্তার, বরসায় তা বস্তার” অর্থাৎ “খেলবে বস্তার, জিতবে বস্তার”। প্রথম বার আয়োজিত বস্তার অলিম্পিকে সাতটি জেলা মিলিয়ে প্রায় এক লক্ষ ৬৫ হাজার খেলোয়াড় অংশগ্রহণ করেছে। এটি শুধুমাত্র একটি পরিসংখ্যান নয় – এটা আমাদের যুবাদের গ্রহণ করা সংকল্পের একটি গৌরব গাথা। অ্যাথলেটিক্স, তীরন্দাজ, ব্যাডমিন্টন, ফুটবল, হকি, ওয়েট লিফটিং, ক্যারাটে, কাবাডি, খো-খো এবং ভলিবল – প্রতিটি ক্ষেত্রেই আমাদের যুবারা তাদের প্রতিভার পরিচয় রেখেছে। কারি কাশ্যপজির কাহিনি আমাকে খুবই অনুপ্রাণিত করে। ছোট্ট গ্রাম থেকে আসা কারিজি, তীরন্দাজিতে রৌপ্য পদক জিতেছেন। তিনি বলেন – “বস্তার অলিম্পিক আমাদের জন্য শুধুমাত্র একটি খেলার মাঠ নয়, এটি আমাদের জীবনে এগিয়ে যাওয়ার সুযোগ করে দিয়েছে।’’ সুকমা এলাকার পায়েল কাওয়াসি জির কথাও কম প্রেরণাদায়ক নয়। জ্যাভলিন থ্রোতে স্বর্ণপদক প্রাপক পায়েল জি বলেছেন – “শৃঙ্খলা ও কঠোর পরিশ্রমের মাধ্যমে কোনো লক্ষ্যই অর্জন করা অসম্ভব নয়।” সুকমার দোরনাপালের পুনেম সান্না জির গল্পটি নতুন ভারতের জন্য একটি অনুপ্রেরণার সমান। একসময় নকশাল প্রভাব থেকে আসা পুনেম জি আজ হুইলচেয়ারে দৌড়ে পদক জিতেছেন। ওঁর সাহস ও মনের জোর সবার জন্য অনুপ্রেরণা। কোদাগাঁওয়ের তীরন্দাজ রঞ্জু সোরি জিকে ‘বস্তার ইউথ আইকন’ হিসাবে নির্বাচন করা হয়েছে।উনি মনে করেন বস্তর Olympic দূর দুরান্তের যুবাদের রাষ্ট্রীয় মঞ্চ পর্যন্ত পৌছনোর সুযোগ দিচ্ছে।

বন্ধুরা, বস্তর Olympic কেবল একটি ক্রীড়া উদ্যোগ নয়। এটি এমন একটি মঞ্চ যেখানে প্রগতি ও ক্রীড়ার মিলন ঘটে। যেখানে আমাদের যুবারা নিজেদের প্রতিভাকে প্রজ্জ্বলিত করে তুলছেন এবং একটি নতুন ভারত নির্মাণ করছেন। আমি আপনাদের সকলের কাছে অনুরোধ করছিঃ

- নিজেদের এলাকায় এই ধরণের ক্রীড়ার উদ্যোগের আয়োজন করার প্রচেষ্টাকে উৎসাহ দিন

- #খেলেগা ভারত-জিতেগা ভারত ব্যবহার করে নিজেদের অঞ্চলের ক্রীড়া প্রতিভাদের গল্প ভাগ করে নিন

- স্থানীয় ক্রীড়া প্রতিভাদের এগিয়ে যাওয়ার সুযোগ করে দিন

 

মনে রাখবেন, খেলাধুলোর মাধ্যমে শুধু শারীরিক বিকাশ-ই নয়, সমাজের সঙ্গে sportsman spirit যুক্ত করারও এই একটি শক্তিশালী মাধ্যম।

তাহলে খুব খেলুন, নিজেকে বিকশিত করুন।

আমার প্রিয় দেশবাসী, ভারতের দুটি বিশাল কৃতিত্ব আজ সারা বিশ্বের দৃষ্টি আকর্ষণ করছে। এগুলির কথা শুনলে আপনিও গর্ব অনুভব করবেন। এই দুটি সাফল্যই স্বাস্থ্যের ক্ষেত্রে এসেছে। প্রথম সাফল্যটি এসেছে ম্যালেরিয়ার সঙ্গে লড়াইয়ে। ম্যালেরিয়া রোগটি চার হাজার বছর ধরে মানবজাতির জন্য এক বড় চ্যালেঞ্জ ছিল। স্বাধীনতার সময়ও স্বাস্থ্যের ক্ষেত্রে আমাদের সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জগুলোর মধ্যে অন্যতম ছিল এটি। এক মাস থেকে ৫ বছর বয়স অবধি বাচ্চাদের প্রাণঘাতী সংক্রামক রোগগুলোর মধ্যে ম্যালেরিয়ার স্থান তিনে। আজ আমি আনন্দের সঙ্গে বলতে পারছি, দেশবাসী নিরন্তর প্রচেষ্টার মাধ্যমে এই চ্যালেঞ্জের মোকাবিলা করেছেন।

বিশ্ব স্বাস্থ্য সংগঠন WHO-এর রিপোর্ট বলছে ‘ভারতে ২০১৫ থেকে ২০২৩-এর মধ্যে ম্যালেরিয়ায় আক্রান্ত হওয়া  ও তার ফলে মৃত্যুর সংখ্যা ৮০ শতাংশ কমে গেছে। এটি কোন সামান্য কৃতিত্ব নয়। সবচেয়ে আনন্দের বিষয় এটাই যে এই সাফল্য সাধারণ মানুষের অংশীদারিত্বের মাধ্যমে এসেছে। ভারতের প্রতিটি প্রান্ত, প্রতিটি জেলা থেকে সবাই এই অভিযানে অংশ নিয়েছেন। অসমের জোরহাটের চা বাগানগুলোতে চার বছর আগে পর্যন্ত ম্যালেরিয়া মানুষের দুশ্চিন্তার একটি বড় কারণ ছিল। কিন্তু যখন একে নির্মূল করার লক্ষ্যে চা বাগানে থাকা সবাই এক জোট হন তখন এই ক্ষেত্রে অনেকাংশেই সাফল্য আসতে শুরু করে।

নিজেদের এই প্রয়াসে ওঁরা technology-র পাশাপাশি social media-ও বিশাল রূপে ব্যবহার করেন। এভাবেই হরিয়ানার কুরুক্ষেত্র জেলা ম্যালেরিয়া নিয়ন্ত্রণের লক্ষ্যে একটি খুব সুন্দর model সামনে নিয়ে এসেছেন। এখানে ম্যালেরিয়ার monitoring-এর ক্ষেত্রে জনগণের অংশগ্রহণ বেশ সফল হয়েছে। পথনাটিকা ও রেডিওর মাধ্যমে এমন বার্তায় জোর দেওয়া হয়েছে যার ফলে মশার breeding কম করতে অনেকটাই সাহায্য পাওয়া গেছে। সারা দেশে এই ধরণের নানান প্রচেষ্টার মাধ্যমেই আমরা ম্যালেরিয়ার বিরুদ্ধে যুদ্ধকে আরও দ্রুত এগিয়ে নিয়ে যেতে সক্ষম হয়েছি।

বন্ধুরা, আমাদের সচেতনতা এবং দৃঢ়সংকল্পের মাধ্যমে আমরা যে কী অর্জন করতে পারি তার দ্বিতীয় উদাহরণ হল ক্যান্সারের সঙ্গে লড়াই। বিশ্ব বিখ্যাত মেডিকেল জার্নাল ল্যানসেটের প্রকাশিত গবেষণা সত্যিই খুব আশাব্যঞ্জক। এই জার্নালের মতে, এখন ভারতে সময়মতো ক্যান্সারের চিকিৎসা শুরু করার সম্ভাবনা অনেক বেড়ে গেছে। সময়মতো চিকিৎসা বলতে, একজন ক্যান্সার রোগীর চিকিৎসা ৩০ দিনের মধ্যে শুরু করা যেতে পারে এবং আয়ুষ্মান ভারত প্রকল্প এতে বড় ভূমিকা পালন করেছে। এই প্রকল্পের কারণে ৯০% ক্যান্সার রোগী তাদের চিকিৎসা যথাসময়ে শুরু করতে পেরেছে। এমনটা হয়েছে কারণ আগে অর্থের অভাবে দরিদ্র রোগীরা ক্যান্সার রোগনির্ণয় ও চিকিৎসা থেকে সরে দাঁড়াতেন। এখন আয়ুষ্মান ভারত প্রকল্প তাদের জন্য একটি বড় ভরসা হয়ে উঠেছে। এখন তাঁরা তাঁদের চিকিৎসার জন্য এগিয়ে আসছেন। আয়ুষ্মান ভারত প্রকল্প ক্যান্সারের চিকিৎসার জন্য যে বিপুল অর্থ প্রয়োজন, সেই সমস্যাকে অনেকাংশে কমিয়ে দিয়েছে। এটাও ভালো বিষয় যে আজ মানুষ, ক্যান্সারের সময়মতো চিকিৎসার ব্যাপারে, অনেক বেশি সচেতন হয়েছেন। এই সাফল্য যতটা আমাদের স্বাস্থ্য ব্যবস্থার, চিকিৎসক, নার্স এবং কারিগরি কর্মীদের, ততটাই আমার নাগরিক ভাই ও বোনেদের। সকলের প্রচেষ্টায় ক্যান্সারকে পরাজিত করার আমাদের সংকল্প আরও শক্তিশালী হয়েছে। এই সাফল্যের কৃতিত্ব তাঁদের সকলের যারা সচেতনতা বৃদ্ধির ক্ষেত্রে উল্লেখযোগ্য অবদান রেখেছেন। ক্যান্সারের বিরুদ্ধে লড়াই করার একমাত্র মন্ত্র - Awareness, Action and Assurance। Awareness অর্থাৎ ক্যান্সার এবং তার লক্ষণ সম্পর্কে সচেতনতা। Action মানে সময়মতো রোগনির্ণয় এবং চিকিৎসা। Assurance মানে এই বিশ্বাস যে রোগীদের জন্য সবরকম সাহায্যের ব্যবস্থা থাকবে। আসুন আমরা সবাই মিলে ক্যান্সারের বিরুদ্ধে এই লড়াইকে দ্রুত এগিয়ে নিয়ে যাই এবং যতটা সম্ভব রোগীদের সাহায্য করি।

আমার প্রিয় দেশবাসী, আজ আমি আপনাদের ওড়িশার কালাহান্ডি অঞ্চলের এমন একটি প্রয়াসের কথা জানাতে চাই যারা খুব কম জল আর স্বল্প সম্পদ থাকা সত্ত্বেও সফলতার এক নতুন গাথা লিখেছে। এটি হল কালাহান্ডির সবজি ক্রান্তি। এক সময় যেখান থেকে কৃষক পালিয়ে যেতে বাধ্য হত, সেখানেই আজ কালাহান্ডির গোলামুন্ডা ব্লক vegetable hub হয়ে উঠেছে। এই পরিবর্তনটি কিভাবে এল? একে দশ জন কৃষকের একটি ছোট গোষ্ঠী শুরু করেন। এই গোষ্ঠীর সকলে মিলে একটা FPO - কৃষক উৎপাদন সংঘ স্থাপন করে, কৃষিতে আধুনিক প্রযুক্তির প্রয়োগ শুরু করা হয়, আজ ওদের এই FPO কোটি কোটি টাকার ব্যবসা করছে। আজ প্রায় ২০০-র বেশি কৃষক এই FPO -র সঙ্গে যুক্ত হয়েছেন যার মধ্যে ৪৫ জন মহিলা কৃষক সদস্যও রয়েছেন। এরা সবাই মিলে ২০০ একর জমিতে  টমেটো চাষ করছেন আর ১৫০ একর জমিতে করলার চাষ করছেন। এখন এই FPO-র বার্ষিক turnover দেড় কোটিরও বেশি হয়ে গেছে। আজ কালাহান্ডির সবজি কেবল ওড়িশার বিভিন্ন জেলাতেই নয়, দেশের অন্য রাজ্যগুলিতেও পৌঁছে যাচ্ছে আর ওখানকার কৃষকেরা এখন আলু আর পেঁয়াজ চাষ করার নতুন কলাকৌশলও শিখছে।
বন্ধুরা, কালাহান্ডির এই সাফল্য আমাদের এই শিক্ষা দেয় যে সংকল্পশক্তি আর সমষ্টিগত প্রচেষ্টায় কি না সম্ভব। আমি আপনাদের সবার কাছে অনুরোধ করছি
- নিজেদের এলাকার FPO গুলিকে উৎসাহ দিন।
- কৃষক উৎপাদন গোষ্ঠীগুলির সঙ্গে যুক্ত হয়ে তাদের মজবুত করে তুলুন।
মনে রাখবেন ক্ষুদ্র প্রচেষ্টার মাধ্যমেও বড় পরিবর্তন ঘটানো সম্ভব। আমাদের শুধু দৃঢ় সংকল্প আর সম্মিলিত ভাবনার প্রয়োজন।

বন্ধুরা, আজকের ‘মন কি বাত’-এ আমরা শুনলাম কি ভাবে আমাদের ভারত বৈচিত্র্যের মধ্যে ঐক্য নিয়ে এগিয়ে চলেছে। তা সে খেলার মাঠ হোক বা বিজ্ঞানের ক্ষেত্র, স্বাস্থ্য হোক বা শিক্ষাপ্রতিটি ক্ষেত্রেই ভারত নিত্য নতুন উচ্চতা লাভ করে চলেছে। আমরা এক পরিবারের মতো মিলেমিশে প্রতিটি চ্যালেঞ্জের মোকাবিলা করেছি এবং সাফল্য লাভ করেছি। ২০১৪ সাল থেকে শুরু হওয়া ‘মন কি বাত’-এর ১১৬টি পর্বে আমি দেখেছি যে ‘মন কি বাত’ দেশের সামগ্রিক শক্তির এক জীবন্ত দলিল হয়ে উঠেছে। আপনারা সবাই এই অনুষ্ঠানকে আপন করে নিয়েছেন। প্রতি মাসে আপনারা আপনাদের চিন্তা-ভাবনা ও প্রচেষ্টা আমাদের সঙ্গে ভাগ করে নিয়েছেন। কখনো কোনো young innovator-এর আইডিয়াতে প্রভাবিত হয়েছি, তো কখনো কোন কন্যার achievement-এ গৌরবান্বিত হই। এটা আপনাদের সবার মিলিত প্রচেষ্টা, যা দেশের প্রতিটি প্রান্ত থেকে ইতিবাচক শক্তি সঞ্চার করেছে। ‘মন কি বাত’ এইরকম ইতিবাচক শক্তি বিকাশের মঞ্চ হয়ে উঠেছে, এখন ২০২৫ কড়া নাড়ছে। আসন্ন বছরে ‘মন কি বাত’-এর মাধ্যমে আমরা উৎসাহব্যঞ্জক প্রচেষ্টার বিষয়গুলো ভাগ করে নেব। আমার বিশ্বাস, দেশবাসীর ইতিবাচক চিন্তা ও innovation-এর ভাবনায় ভারত নতুন উচ্চতার শিখরে পৌঁছবে। আপনারা নিজেদের আশেপাশের unique প্রচেষ্টাকে #Mannkibaat-এর সঙ্গে share করতে থাকুন। আমি জানি যে পরের বছরের প্রতিটা ‘মন কি বাত’-এ আমাদের কাছে একে অপরের সঙ্গে ভাগ করে নেওয়ার মতো অনেক কিছু থাকবে। আপনাদের সবাইকে জানাই ২০২৫-এর জন্য অনেক শুভকামনা। সুস্থ থাকুন, আনন্দে থাকুন, Fit India Movement-এর সঙ্গে যুক্ত হয়ে যান, নিজেকেও fit রাখুন। জীবনে উন্নতি করতে থাকুন। অনেক অনেক ধন্যবাদ।