সবরমতী আশ্রম থেকে পদযাত্রার সূচনা করবেন প্রধানমন্ত্রী
প্রধানমন্ত্রী India@75 কর্মসূচির আওতায় একাধিক উৎসবের সূচনা করে সবরমতী আশ্রমে এক সমাবেশে ভাষণ দেবেন

প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আগামীকাল (১২ মার্চ) আমেদাবাদে সবরমতী আশ্রম থেকে পদযাত্রার সূচনা এবং ‘আজাদি কা অম্রুত মহোৎসব’ (India@75) – এর সূচনা উপলক্ষে একগুচ্ছ কর্মসূচির সূচনা করবেন। এছাড়াও, প্রধানমন্ত্রী India@75 উপলক্ষে অন্যান্য সাংস্কৃতিক ও ডিজিটাল কর্মসূচির সূচনা করে সবরমতী আশ্রমে এক সমাবেশে ভাষণ দেবেন। এই অনুষ্ঠানে গুজরাটের রাজ্যপাল শ্রী আচার্য দেবরত, কেন্দ্রীয় প্রতিমন্ত্রী শ্রী প্রহ্লাদ সিং প্যাটেল এবং রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী শ্রী বিজয় রুপানী উপস্থিত থাকবেন। সকাল ১০টা ৩০ মিনিটে অনুষ্ঠান শুরু হওয়ার কথা।

আজাদি কা অম্রুত মহোৎসব

ভারতের স্বাধীনতার ৭৫তম বর্ষপূর্তির সূচনায় কেন্দ্রীয় সরকার ‘আজাদি কা অম্রুত মহোৎসব’ – এর অঙ্গ হিসাবে একগুচ্ছ কর্মসূচি আয়োজনের পরিকল্পনা করেছে। জনগণের সক্রিয় সহযোগিতায় গণউৎসব হিসাবে এই কর্মসূচিগুলি আয়োজন করা হবে।


স্বাধীনতার ৭৫তম বর্ষপূর্তির সূচনা উপলক্ষে বিভিন্ন কর্মপরিকল্পনা প্রণয়নের জন্য কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্র মন্ত্রীর নেতৃত্বে জাতীয় স্তরে একটি রূপায়ণ কমিটি গঠন করা হয়েছে। আগামী বছর স্বাধীনতা দিবস উদযাপনের ৭৫ সপ্তাহ আগে সারা দেশ জুড়ে আগামীকাল থেকেই ‘আজাদি কা অম্রুত মহোৎসব’ – এর অঙ্গ হিসাবে একাধিক কর্মসূচির সূচনা হতে চলেছে।

পদযাত্রা

প্রধানমন্ত্রী আগামীকাল সবরমতী আশ্রম থেকে পদযাত্রার সূচনা করবেন। এই পদযাত্রায় ৮১ জন অংশ নিচ্ছেন। আমেদাবাদে সবরমতী আশ্রম থেকে পদযাত্রার সূচনা হয়ে তা শেষ হবে আগামী ৫ এপ্রিল ডান্ডিতে। ২৪১ মাইল দীর্ঘ পথ অতিক্রম করতে সময় লাগবে ২৫ দিন। ডান্ডিতে পদযাত্রা পৌঁছনোর আগে সমাজের বিভিন্ন শ্রেণীর মানুষ এতে অংশ নেবেন। পদযাত্রার প্রথম পর্যায়ে ৭৫ কিলোমিটার দীর্ঘপথে নেতৃত্ব দেবেন কেন্দ্রীয় মন্ত্রী শ্রী প্রহ্লাদ সিং প্যাটেল।

India@75 কর্মসূচির আওতায় একগুচ্ছ উদ্যোগের সূচনা

India@75 কর্মসূচির আওতায় সিনেমা, ওয়েবসাইট, গান, আত্মনির্ভর চরকা এবং আত্মনির্ভর ইনক্যুবেটের মতো একাধিক উদ্যোগের সূচনা হতে চলেছে।


উপরোক্ত কর্মসূচিগুলি আয়োজনের পাশাপাশি, দেশের অদম্য মানসিকতা নিয়ে একটি সাংস্কৃতিক অনুষ্ঠানের আয়োজন করা হচ্ছে। এই অনুষ্ঠানে দেশের বিভিন্ন ভাষা ও অঞ্চলের গান, নৃত্য, আবৃত্তি ও মুখবন্ধ প্রভৃতি পাঠ করা হবে। ভারতের ভবিষ্যৎ হিসাবে যুবশক্তিকে তুলে ধরে ৭৫টি কন্ঠে সঙ্গীত পরিবেশন সহ ৭৫ জন শিল্পী নৃত্য মঞ্চস্থ করবেন।

রাজ্য ও কেন্দ্রশাসিত অঞ্চলগুলিতেও আগামীকাল একাধিক অনুষ্ঠানের আয়োজন করা হচ্ছে। এছাড়াও, ভারতের পুরাতত্ত্ব সর্বেক্ষণ এবং আঞ্চলিক সাংস্কৃতিক কেন্দ্রগুলির পক্ষ থেকে বিভিন্ন অনুষ্ঠানের আয়োজন করা হচ্ছে।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !