भारत मां के वीर सपूत, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्मजयंती पर पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन: PM @narendramodi
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जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आज़ाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है।
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जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी: PM @narendramodi
आपदा से निपटने के लिए गुजरात इस तरह का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना।
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बाद में केंद्र सरकार ने, गुजरात के कानून से सबक लेते हुए, 2005 में पूरे देश के लिए ऐसा ही Disaster Management Act बनाया: PM @narendramodi
लेकिन 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए।
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हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया।
उस समय के जो अनुभव थे, उनसे सीखते हुए ही 2003 में Gujarat State Disaster Management Act बनाया गया: PM @narendramodi
हमारे देश में वर्षों तक आपदा का विषय एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पास रहा था।
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इसका मूल कारण ये था कि बाढ़, अतिवृष्टि, ओले गिरना, इनसे बनी स्थितियों से निपटने का जिम्मा कृषि मंत्रालय के पास था।
देश में आपदा प्रबंधन ऐसे ही चल रहा था: PM @narendramodi
हमने Relief, Rescue और Rehabilitation पर जोर देने के साथ ही Reform पर भी बल दिया है।
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हमने NDRF को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया।
स्पेस टेक्नालजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, best possible practices को अपनाया गया: PM @narendramodi
NDMA की ‘आपदा मित्र’ जैसी स्कीम्स से युवा आगे आ रहे हैं।
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कहीं कोई आपदा आती है तो लोग विक्टिम्स नहीं रहते, वो वॉलंटियर्स बनकर आपदा का मुकाबला करते हैं।
यानी, आपदा प्रबंधन अब एक सरकारी काम भर नहीं है, बल्कि ये ‘सबका प्रयास’ का एक मॉडल बन गया है: PM @narendramodi
दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच में, सेनाओं के बीच में हमने Joint Military Exercise बहुत देखी है।
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लेकिन भारत ने पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए Joint ड्रिल की परंपरा शुरू की है: PM @narendramodi
नेताजी कहते थे- "कभी भी स्वतंत्र भारत के सपने का विश्वास मत खोना, दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो भारत को झकझोर सके।"
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आज हमारे सामने आज़ाद भारत के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य है।
हमारे सामने आज़ादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है: PM @narendramodi
स्वाधीनता संग्राम में लाखों-लाख देशवासियों की तपस्या शामिल थी लेकिन उनके इतिहास को भी सीमित करने की कोशिशें हुईं।
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लेकिन आज आजादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है, ठीक कर रहा है: PM @narendramodi
आज़ादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा।
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ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया: PM @narendramodi
ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले वर्ष, आज के ही दिन मुझे कोलकाता में नेताजी के पैतृक आवास भी जाने का अवसर मिला था।
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जिस कार से वो कोलकाता से निकले थे, जिस कमरे में बैठकर वो पढ़ते थे, उनके घर की सीढ़ियां, उनके घर की दीवारें, उनके दर्शन करना, वो अनुभव, शब्दों से परे है: PM @narendramodi
मैं 21 अक्टूबर 2018 का वो दिन भी नहीं भूल सकता जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष हुए थे।
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लाल किले में हुए विशेष समारोह में मैंने आजाद हिंद फौज की कैप पहनकर तिरंगा फहराया था।
वो पल अद्भुत है, अविस्मरणीय है: PM @narendramodi
नेताजी सुभाष कुछ ठान लेते थे तो फिर उन्हें कोई ताकत रोक नहीं पाती थी।
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हमें नेताजी सुभाष की ‘Can Do, Will Do’ स्पिरिट से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना है: PM @narendramodi