প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী হয়সালার পবিত্র মন্দিরগুলিকে ইউনেস্কো বিশ্ব ঐতিহ্যমণ্ডিত স্থানের তালিকাভুক্ত করায় সন্তোষ প্রকাশ করেছেন। 

এক্স হ্যান্ডেলে ইউনেস্কোর একটি পোস্ট শেয়ার করে প্রধানমন্ত্রী বলেন:

“ভারতের জন্য আরও গর্বের মুহূর্ত!
হয়সালার পবিত্র মন্দিরগুলিকে বিশ্ব ঐতিহ্যমণ্ডিত স্থানের তালিকাভুক্ত করা হয়েছে। এই মন্দিরগুলির সৌন্দর্য ও সূক্ষ্ম কারুকাজ ভারতের সমৃদ্ধ সাংস্কৃতিক ঐতিহ্য এবং আমাদের পূর্বপুরুষদের অনন্যসাধারণ কারুশিল্পের পরিচায়ক।”

 

  • Mahendra singh Solanky Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp September 22, 2023

    नवभारत में नारी शक्ति तेरा वंदन!
  • CHANDRA KUMAR September 22, 2023

    बीजेपी सोच रहा होगा, सिक्ख "खालिस्तान" मांगता है, कश्मीरी "आजाद काश्मीर" मांगता है, नगा जनजाति "नागालैंड" मांगता है, दक्षिणी भारतीय राज्य "द्रविड़ लैंड" मांगता है। यह सब क्या हो रहा है। भारत के राज्य स्वतंत्रता क्यों मांग रहा है? किससे स्वतंत्रता मांग रहा है? शिवसेना के संजय राऊत ने कहा कि जिस तरह से यूरोपीय संघ में बहुत सारे देश हैं, उसी तरह से भारत भी एक संघ है जिसमें बहुत सारे राज्य है, यहां सिर्फ वीजा नहीं लग रहा है, लेकिन बात बराबर है। ममता बनर्जी चिल्लाते रहती है, बीजेपी संघीय ढांचे को तोड़ रहा है, हम इसे बर्दास्त नहीं करेंगे, सीबीआई को पश्चिम बंगाल नहीं आने देंगे। बीजेपी सोचती है की धारा 370 हटाकर हमने कश्मीर को भारत से जोड़ दिया। यह एक गलतफहमी है। मेरा प्रश्न है, क्या भारत जुड़ा हुआ है? पहले जानते हैं, राज्य किसे कहते हैं, संघ किसे कहते हैं, प्रांत किसे कहते हैं, देश किसे कहते हैं? 1. संघ : दो या दो से अधिक पृथक एवं स्वतंत्र इकाइयों से एकल राजनीतिक इकाई का गठन। 2. राज्य : राज्य शब्द का अर्थ एक निश्चित क्षेत्र के भीतर एक स्वतंत्र सरकार के तहत राजनीतिक रूप से संगठित समुदाय या समाज है। इसे ही कानून बनाने का विशेषाधिकार है। कानून बनाने की शक्ति संप्रभुता से प्राप्त होती है, जो राज्य की सबसे विशिष्ट विशेषता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।" 13 दिसंबर, 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने एक संकल्प के माध्यम से संविधान सभा के लक्ष्यों और उद्देश्यों को पेश किया था कि भारत, "स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य" में शामिल होने के इच्छुक क्षेत्रों का एक संघ होगा। जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने,एक मज़बूत संयुक्त देश बनाने के लिये विभिन्न प्रांतों और क्षेत्रों के एकीकरण और संधि पर जोर दिया गया था। संविधान सभा के सदस्य संविधान में 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का प्रयोग न करने के लिये बहुत सतर्क थे क्योंकि उनका उद्देश्य एक इकाई में शक्तियों के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति को दूर रखना था। अर्थात् एक इकाई अपने स्वतंत्र क्षेत्र में दूसरी इकाई के अधीन नहीं है और एक का अधिकार दूसरे के साथ समन्वित है। हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक पत्राचार या संचार में 'केंद्र सरकार' (Central Government) शब्द के उपयोग को बंद करने एवं इसके स्थान पर 'संघ सरकार' (Union Government) शब्द का उपयोग करने का फैसला किया है। 3. प्रांत : प्रान्त एक प्रादेशिक इकाई है, जो कि लगभग हमेशा ही एक देश या राज्य के अन्तर्गत एक प्रशासकीय खण्ड होता है। 4. देश : एक देश किसी भी जगह या स्थान है जिधर लोग साथ-साथ रहते है, और जहाँ सरकार होती है। संप्रभु राज्य एक प्रकार का देश है। अर्थात् देश एक भौगोलिक क्षेत्र है, जबकि राज्य एक राजनीतिक क्षेत्र है। निष्कर्ष : 1. वर्तमान समय में भारत एक संघ (ग्रुप) है। इस संघ में कोई भी राज्य शामिल हो सकता है और कोई भी राज्य अलग हो सकता है। क्योंकि संप्रभुता राज्य में होती है, संघ में नहीं। संघ राज्यों को सम्मिलित करके रखने का एक प्रयास मात्र है। जिस तरह यूरोपीय संघ से ब्रिटेन बाहर निकल गया, उसी तरह से भारतीय संघ से पाकिस्तान बाहर निकल गया। 2. यदि भारत को "संघ" के जगह पर "राज्य" बना दिया जाए, और भारत के सभी राज्य को प्रांत घोषित कर दिया जाए। तब भारत एक केंद्रीयकृत सत्ता में परिवर्तित हो जायेगा। जिससे सभी प्रांत स्वाभाविक रूप से, भारतीय सत्ता का एक शासकीय अंग बन जायेगा, और प्रांतों की संप्रभुता भारत राज्य में केंद्रित हो जायेगा। फिर कोई भी प्रांत भारत राज्य से अलग नहीं हो सकेगा। प्रांतों की सभी प्रकार की राजनीतिक स्वायत्तता स्वतः समाप्त हो जायेगा। फिर भारत का विभाजन बंद हो जायेगा। 3. जब भारत स्वतंत्र हो रहा था, तब इसमें कई राजाओं को मनाकर शामिल करने की जरूरत थी, सभी राजाओं ने कई तरह की स्वायत्तता और प्रेवीपर्स मनी लेने के बाद भारतीय संघ का सदस्य बनना स्वीकार किया। अब भारत का लोकतंत्र काफी विकसित हो गया है, राजाओं का प्रेवीपर्स मनी खत्म कर दिया गया है। ऐसे में क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों और क्षेत्रीय विभाजनकारी संगठनों के भारत विभाजन के लालसा को खत्म करने के लिए, अब भारत को एक संघ की जगह, एक राज्य घोषित कर दिया जाए। और भारत के राज्यों को प्रांत घोषित कर दिया जाए। राज्यसभा को प्रांतसभा घोषित कर दिया जाए। राज्य के मुख्यमंत्री को प्रांतमंत्री घोषित कर दिया जाए। इससे क्षेत्रीय विभाजनकारी तत्वों को हतोत्साहित किया जा सकेगा। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के दबंग आचरण को नियंत्रित किया जा सकेगा। जब संप्रभुता केंद्र सरकार में केंद्रित होगा , तभी खालिस्तान, नागालैंड , आजाद काश्मीर जैसी मांगें बंद होंगी। और तभी तमिलनाडु जैसे राज्य , खुद को द्रविड़ देश समझना बंद करेगा और केंद्र सरकार को संघ सरकार कहने का साहस नहीं कर पायेगा। और तभी ममता बनर्जी जैसी अधिनायकवादी राजनीतिज्ञ, केंद्रीय जांच एजेंसी को अपने प्रांत में प्रवेश करने से रोक नहीं पायेगा। 4. कानून बनाने का अधिकार तब केवल भारत राज्य को होगा। कोई भी प्रांत, जैसे बंगाल प्रांत, बिहार प्रांत, कानून नहीं बना सकेगा। क्योंकि प्रांत कोई संप्रभु ईकाई नहीं है। प्रांत भारत राज्य से कानून बनाने का आग्रह कर सकता है, सलाह दे सकता है। भारत राज्य का कानून ही अंतिम और सर्वमान्य होगा। केवल लोकसभा में ही बहुमत से कानून बनाया जायेगा। 5. राज्यसभा का अर्थ होता है, संप्रभुता प्राप्त राज्यों का सभा। इसीलिए राज्य सभा का नाम बदल कर प्रांत सभा कर दिया जाए। लोकसभा को उच्च सदन और प्रांत सभा को निम्न सदन घोषित किया जाए। प्रांत सभा केवल कानून बनाने का प्रस्ताव बनाकर लोकसभा को भेज सकता है। प्रांत सभा किसी कानून के बनते समय केवल सुझाव दे सकता है। प्रांत सभा को किसी भी स्थिति में मतदान द्वारा कानून बनाने में भागीदारी करने का अधिकार नहीं दिया जाए। तभी जाकर केंद्र सरकार वास्तव में प्रभुत्व संपन्न बनेगा। तभी जाकर केंद्र सरकार संप्रभुता को प्राप्त करेगा। तभी जाकर राष्ट्र के विभाजन कारी तत्व की मंशा खत्म होगी। तभी जाकर भारत एक शक्तिशाली राज्य बनकर उभरेगा। 6. अभी भारत का कोई भी राज्य, कोई भी कानून बना सकता है। अभी राज्यसभा किसी भी कानून को पारित होने से रोक सकता है। अभी राज्य सभा उच्च सदन बनकर बैठा है। सोचिए राज्यों ने कितना संप्रभुता हासिल करके रखा है। वह केंद्र सरकार से आजाद होने का सपना देखे, तब इसमें आश्चर्य की क्या बात है। केंद्र सरकार का लोकसभा निम्न सदन बनकर, यह चाहत रखता है की सभी राज्य उसकी बात माने। यह कैसे संभव है। लोकसभा के कानून को राज्यसभा निरस्त करके खुशी मनाता है। कांग्रेस पार्टी कहती है, लोकसभा में बीजेपी बहुमत में है, सभी विपक्षी पार्टी राज्यसभा में बीजेपी के खिलाफ काम करेंगे। और बीजेपी के बनाए कानून को रोक राज्यसभा में रोक देंगे। ऐसे में केंद्र सरकार के पास संप्रभुता कहां है। दरअसल जिस तरह यूरोपीय संघ से ज्यादा यूरोप के राज्यों के पास संप्रभुता है। उसी तरह भारत संघ से ज्यादा भारत के राज्यो के पास संप्रभुता ज्यादा है। 7. अतः भारत को संघ की जगह राज्य बना और राज्यों को प्रांत बना दीजिए। 8. भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक में संशोधन करना चाहिए। वर्तमान में, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।" इसे संशोधित करते हुए, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा जाए, " जम्बूद्वीप, जो की भारत है, प्रांतों का एक राज्य होगा।" 9. दूसरा संशोधन यह करना चाहिए की, "भारतीय संविधान में जहां - जहां पर राज्य शब्द का प्रयोग हुआ है, उन्हें संशोधन के उपरांत प्रांत समझा जाए। क्योंकि भारत संघ की जगह राज्य का स्थान ले चुका है। 10. भारत राजनीतिक रूप से राज्य है और भौगोलिक रूप से देश है। भारत राज्य में से किसी भी प्रांत को स्वतंत्र होकर राज्य बनाने की स्वीकार्यता नहीं दी जायेगी। अर्थात अब कोई खालिस्तान , कोई नागालैंड, कोई आजाद काश्मीर या कोई द्रविड़ प्रदेश बनाने की मांग नहीं कर सकेगा। भारत सरकार वास्तव में तभी एक संप्रभु राज्य, संप्रभु शासक होगा। अभी भारत सरकार, एक तरह से, बहुत सारे संप्रभु राज्यों के समूह का संघ बनाकर शासन चला रहा है। जिस संघ (Group) से सभी राज्य अलग होने की धमकी देते रहता है। यदि भारतवर्ष को विश्वगुरु बनाना है तो भारत में एक शक्तिशाली केंद्र सरकार होना चाहिए। न की एक कमजोर संघीय सरकार। अब संविधान के संघीय ढांचे का विदाई कर देना चाहिए और उपरोक्त दोनों संविधान संशोधन शीघ्र ही कर देना चाहिए।
  • Bharathi L September 21, 2023

    jai hind jai karnataka mate
  • geetheswar September 21, 2023

    namaste sir
  • pramod bhardwaj दक्षिणी दिल्ली जिला मंत्री September 21, 2023

    jaihind
  • VEERAIAH BOPPARAJU September 21, 2023

    modi sir jindabad🙏🙏🇮🇳💐💐👏🏽
  • Jigish Arvind Mehta September 21, 2023

    Hoysalas and Vijaynagar empire were very powerful Hindu empires in the southern part of Bharat.
  • रमा राव September 21, 2023

    महिलाओं ने तब भी साथ दिया था,और आज भी साथ दे रहे हैं पर उस समय मोदी जी जैसा सुनने वाला कांग्रेस का कोई प्रधानमंत्री नहीं था इसलिए महिला बिल कचरें के ढेर में खो गया था
  • Babaji Namdeo Palve September 20, 2023

    Jai Hind Jai Bharat Bharat Mata Kee Jai
  • Atul Kumar Mishra September 20, 2023

    नमो नमो
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