প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আজ ২০২০ সালের ‘প্রগতি’র প্রথম বৈঠকে পৌরহিত্য করেন। কেন্দ্র ও রাজ্য সরকারগুলির সক্রিয় প্রশাসন এবং বিভিন্ন প্রকল্প নির্দিষ্ট সময়ে রূপায়ণের লক্ষ্যে তথ্য ও যোগাযোগ প্রযুক্তি নির্ভর বহুস্তরীয় প্ল্যাটফর্ম ‘প্রগতি’র এটি ছিল ৩২তম মতবিনিময় কর্মসূচি।
‘প্রগতি’র আজকের বৈঠকে প্রধানমন্ত্রী মোট ১১টি বিষয় নিয়ে আলোচনা করেন। এর মধ্যে নয়টি বকেয়া প্রকল্প। তিনটি কেন্দ্রীয় মন্ত্রকের সঙ্গে সংশ্লিষ্ট ২৪ হাজার কোটি টাকার এই নয়টি প্রকল্প ওড়িশা, তেলেঙ্গানা, মহারাষ্ট্র, ঝাড়খণ্ড, বিহার, কর্ণাটক, অন্ধ্রপ্রদেশ, কেরল ও উত্তরপ্রদেশ – এই নয়টি রাজ্যে ছড়িয়ে রয়েছে। এই প্রকল্পগুলির মধ্যে তিনটি রেল মন্ত্রকের, পাঁচটি সড়ক পরিবহণ ও মহাসড়ক মন্ত্রকের এবং একটি পেট্রোলিয়াম ও প্রাকৃতিক গ্যাস মন্ত্রকের।
পিএমজেজেবিওয়াই এবং পিএমএসবিওয়াই বিমা প্রকল্পগুলির অগ্রগতির পর্যালোচনা
‘প্রগতি’ বৈঠকে প্রধানমন্ত্রী অর্থ দপ্তরের ‘প্রধানমন্ত্রী জীবন জ্যোতি বিমা যোজনা’ (পিএমজেজেবিওয়াই) এবং ‘প্রধানমন্ত্রী সুরক্ষা বিমা যোজনা’ (পিএমএসবিওয়াই) দুটির বিভিন্ন অভিযোগের বিষয়গুলি খতিয়ে দেখেন।
তিনি অপরাধ এবং অপরাধী অনুসন্ধান পরিকাঠামো ও ব্যবস্থাপনা (সিসিটিএনএস) প্রকল্পটির অগ্রগতি খতিয়ে দেখেন। এই প্রকল্পটি ই-গভর্ন্যান্সের মাধ্যমে সমন্বিত ও সুসংহত পুলিশি ব্যবস্থা।
এর আগে ৩১তম ‘প্রগতি’ বৈঠকে প্রধানমন্ত্রী ১২ লক্ষ ৩০ হাজার কোটি টাকার মোট ২৬৯টি প্রকল্পের অগ্রগতি পর্যালোচনা করেছিলেন। তিনি ১৭টি বিভিন্ন ক্ষেত্রের আওতাধীন ৪৭টি সরকারি প্রকল্প এবং যোজনার বিভিন্ন অভিযোগের বিষয়গুলিও খতিয়ে দেখেন।
Text of PM’s interaction with students on the occasion of Jayanti of Netaji Subhas Chandra Bose
January 23, 2025
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प्रधानमंत्री : 2047 तक का क्या लक्ष्य है देश का?
विद्यार्थी: विकसित बनाना है अपने देश को।
प्रधानमंत्री: पक्का?
विद्यार्थी: यस सर।
प्रधानमंत्री: 2047 क्यों तय किया?
विद्यार्थी: तब तक हमारी जो पीढ़ी है वह तैयार हो जाएगी।
प्रधानमंत्री: एक, दूसरा?
विद्यार्थी: आजादी को 100 साल हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री: शाबाश!
प्रधानमंत्री: नॉर्मली कितने बजे घर से निकलते हैं?
विद्यार्थी: 7:00 बजे।
प्रधानमंत्री: तो क्या खाने का डब्बा साथ रखते हैं?
विद्यार्थी: नहीं सर, नहीं सर।
प्रधानमंत्री: अरे मैं खाऊंगा नहीं, बताओ तो सही।
विद्यार्थी: सर खाकर कर आए हैं।
प्रधानमंत्री: खाकर आ गए, लेकर नहीं आए? अच्छा आपको लगा होगा प्रधानमंत्री वो ही खा लेंगे।
विद्यार्थी: नहीं सर।
प्रधानमंत्री: अच्छा आज का क्या दिवस है?
विद्यार्थी: सर आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म दिन है।
प्रधानमंत्री : हां।
प्रधानमंत्री: उनका जन्म कहां हुआ था?
विद्यार्थी: ओडिशा।
प्रधानमंत्री: ओडिशा में कहां?
विद्यार्थी: कटक।
प्रधानमंत्री: तो आज कटक में बहुत बड़ा समारोह है।
प्रधानमंत्री: नेताजी का वो कौन सा नारा है, जो आपको मोटिवेट करता है?
विद्यार्थी: मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
प्रधानमंत्री: देखो आजादी मिल गई अब तो खून देना नहीं, तो क्या देंगे?
विद्यार्थी: सर फिर भी वह दिखाता है कैसे वो लीडर थे, और कैसे वो अपने देश को अपने ऊपर सबसे उनकी प्रायोरिटी थी, तो उससे बहुत प्रेरणा मिलती है हमें।
प्रधानमंत्री: प्रेरणा मिलती है लेकिन क्या-क्या?
विद्यार्थी: सर हम SDG कोर्स जो हैं हमारे, हम उनके माध्यम से जो कार्बन फुटप्रिंट है हम उसे रिड्यूस करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री: अच्छा क्या-क्या, भारत में क्या-क्या होता है.......कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए क्या-क्या होता है?
विद्यार्थी: सर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तो आ ही गए हैं।
प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, शाबाश! फिर?
विद्यार्थी: सर buses भी अब इलेक्ट्रिक ही है।
प्रधानमंत्री: इलेक्ट्रिक बस आ गई है फिर?
विद्यार्थी: हां जी सर और अब...
प्रधानमंत्री: आपको मालूम है दिल्ली में भारत सरकार ने कितनी इलेक्ट्रिक बसे दी हैं?
विद्यार्थी: सर है बहुत।
प्रधानमंत्री: 1200, और भी देने वाले हैं। देश भर में करीब 10 हजार बसें, अलग-अलग शहरों में।
प्रधानमंत्री: अच्छा पीएम सूर्यघर योजना मालूम है? कार्बन फुटप्रिंट कम करने की दिशा में। आप सबको बताएंगे, मैं बताऊ आपको?
विद्यार्थी: हां जी, आराम से।
प्रधानमंत्री: देखिए पीएम सूर्यघर योजना ऐसी है कि ये क्लाइमेट चेंज के खिलाफ जो लड़ाई है, उसका एक हिस्सा है, तो हर घर पर सोलर पैनल है।
विद्यार्थी: यस सर, यस सर।
प्रधानमंत्री: और सूर्य की ताकत से जो बिजली मिलती है घर पर, उसके कारण क्या होगा? परिवार में बिजली बिल जीरो आएगा। अगर आपने चार्जर लगा दिया है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा, चार्जिंग वहीं से हो जाएगा सोलर से, तो वो इलेक्ट्रिक व्हीकल का खर्चा भी, पेट्रोल-डीजल का जो खर्चा होता है वह नहीं होगा, पॉल्यूशन नहीं होगा।
विद्यार्थी: यस सर, यस सर।
प्रधानमंत्री: और अगर उपयोग करने के बाद भी बिजली बची, तो सरकार खरीद करके आपको पैसे देगी। मतलब आप घर में बिजली बना करके अपनी कमाई भी कर सकते हैं।