প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আজ নতুন দিল্লির পুসা ক্যাম্পাসে আইএআরআইমেলার ময়দানে আয়োজিত কৃষি উন্নতি মেলা পরিদর্শন করেছেন। তিনি এই মেলার থিমপ্যাভেলিয়ন এবং জৈবিক মেলা কুম্ভ-ও ঘুরে দেখেন। প্রধানমন্ত্রী এদিন দেশের ২৫টিকৃষি বিজ্ঞান কেন্দ্রের ভিত্তি প্রস্তর স্থাপন করেন। এছাড়া, জৈব কৃষি পণ্যেরবিপণনের জন্য তিনি একটি ই-মার্কেটিং পোর্টালেরও উদ্বোধন করেন। তিনি এই অনুষ্ঠানেকৃষি কর্মন পুরস্কার এবং পণ্ডিত দীনদয়াল উপাধ্যায় কৃষি প্রোৎসাহন পুরস্কার প্রদানকরেন।
এই উপলক্ষে আয়োজিত অনুষ্ঠানে বক্তব্য রাখতে গিয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন, এইধরনের কৃষি উন্নতি মেলা নতুন ভারত গড়ে তোলার পথ সুগম করার ক্ষেত্রে গুরুত্বপূর্ণভূমিকা নেয়। তিনি বলেন, আজ নতুন ভারতের দুই অগ্রদূত কৃষক এবং বিজ্ঞানীদের সমাবেশেযুগপৎ কথা বলার সুযোগ হয়েছে। প্রধানমন্ত্রী বলেন, কৃষক ও বিজ্ঞানীদের দেশে কৃষিরূপান্তরের লক্ষ্যে একযোগে কাজ করে যেতে হবে।
প্রধানমন্ত্রী কৃষি ক্ষেত্রে কাজের অগ্রগতির স্বীকৃতিতে পুরস্কার প্রাপকরাজ্য মেঘালয়ের নাম বিশেষভাবে উল্লেখ করেন।
প্রধানমন্ত্রী স্বাধীনতার পর থেকে কৃষি ক্ষেত্রে অগ্রগতির জন্য কৃষকদেরকঠোর পরিশ্রম ও দৃঢ় মানসিকতার প্রশংসা করেন। তিনি বলেন যে, আজ আমাদের দেশেখাদ্যশস্য, ডালশস্য, ফল, সব্জি এবং দুধের রেকর্ড উৎপাদন হচ্ছে। কিন্তু তবুও আজকেরদিনেও কৃষি ক্ষেত্রে গুরুত্বপূর্ণ চ্যালেঞ্জ রয়েছে বলে তিনি উল্লেখ করেন। যেসবকারণে কৃষকদের আয় কমে এবং তাঁদের ক্ষতি এবং ব্যয়ের পরিমাণ বাড়ে, সেগুলি মোকাবিলায়বর্তমান চ্যালেঞ্জ। প্রধানমন্ত্রী বলেন, এইসব চ্যালেঞ্জের মোকাবিলায় সরকার একসার্বিক দৃষ্টিভঙ্গীতে কাজ করে যাচ্ছে। কৃষকদের আয় দ্বিগুণ করা এবং তাঁদের জীবনসহজতর করে তোলাই এই কাজের লক্ষ্য।
এই লক্ষ্যে কাজের অগ্রগতি প্রসঙ্গে প্রধানমন্ত্রী বলেন, সারা দেশে ১১ কোটিসয়েল হেলথ্ কার্ড কৃষকদের দেওয়া হয়েছে। কৃষি ক্ষেত্রে ব্যবহৃত ইউরিয়ার ওপর নিমেরপ্রলেপ লাগানোর ফলে সার বাবদ কৃষকদের ব্যয় কমেছে এবং ফসলের উৎপাদন বেড়েছে।
শ্রী মোদী বলেন, প্রধানমন্ত্রী ফসল বিমা যোজনার মাধ্যমে কৃষি বিমারপ্রিমিয়াম হ্রাস করা হয়েছে, বিমার ঊর্দ্ধ সীমা তুলে দেওয়া হয়েছে এবং বিমা বাবদকৃষকদের দাবি মতো অর্থ প্রদানের পরিমাণ অনেকটাই বেড়েছে। প্রধানমন্ত্রী কৃষি সিঁচাইযোজনার মাধ্যমে দেশের সব জমিতে সেচের কথা ভাবা হয়েছে বলে তিনি জানান। দেশের বকেয়াসেচ প্রকল্পগুলি সম্পূর্ণ করার জন্য ইতিমধ্যেই ৮০,০০০ কোটি টাকা ব্যয় করা হচ্ছে।
কিষাণ সম্পদ যোজনা নামে এক কর্মসূচির মাধ্যমে কৃষকদের জন্য ক্ষেত থেকেবাজার পর্যন্ত সরবরাহ শৃঙ্খল জোরদার করা এবং আধুনিক কৃষি পরিকাঠামো সৃষ্টি করারউদ্যোগ নেওয়া হয়েছে। তিনি বলেন, সাম্প্রতিক বাজেটে ঘোষিত ‘অপারেশন গ্রিনস্’প্রকল্পের মাধ্যমে সব্জি, ফল বিশেষ করে টমেটো, পেঁয়াজ ও আলু চাষিরা উপকৃত হবেন।
কৃষক কল্যাণের লক্ষ্যে বেশ কয়েকটি আদর্শ আইন প্রণয়ন করা হয়েছে। রাজ্যগুলিকেএই আইনগুলি রূপায়ণের জন্য বলা হয়েছে।
প্রধানমন্ত্রী জানান যে, কৃষকদের জন্য আধুনিক বীজ, পর্যাপ্ত বিদ্যুৎ সরবরাহএবং সহজে বিপণনের ব্যবস্থা সুনিশ্চিত করতে সরকার কাজ করে চলেছে।
তিনি বলেন যে, কেন্দ্রীয় সরকার সমস্ত বিজ্ঞাপিত ফসলের ন্যূনতম সমর্থন মূল্যসংশ্লিষ্ট ফসলগুলির উৎপাদন ব্যয়ের কমপক্ষে দেড় গুণ করার সিদ্ধান্ত নিয়েছে। উৎপাদনব্যয়ের হিসাবের জন্য শ্রম, কৃষি যন্ত্রপাতি ভাড়া, বীজ ও সারের মূল্য, রাজ্যসরকারকে প্রদেয় রাজস্ব, কার্যকর পুঁজির ওপর সুদ এবং লিজ প্রাপ্ত জমির ভাড়ার মতোবিষয়গুলিকে বিবেচনা করা হয়েছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, কৃষি বিপণনের ক্ষেত্রে সংস্কারের লক্ষ্যে সার্বিকপদক্ষেপ গ্রহণ করা হয়েছে। গ্রামীণ খুচরো বাজারগুলিকে পাইকারি এবং বিশ্ব বাজারেরসঙ্গে যুক্ত করা বিশেষভাবে গুরুত্বপূর্ণ বলে তিনি মন্তব্য করেন। সাম্প্রতিককেন্দ্রীয় বাজেটে গ্রামীণ খুচরো কৃষি বাজারের কথা অনুমোদন করা হয়েছে। ২২,০০০গ্রামীণ হাটকে প্রয়োজনীয় পরিকাঠামো সহ উন্নীত করা হবে এবং কৃষি পণ্য বিপণন কমিটি ওই-ন্যাম মঞ্চের সঙ্গে সংযুক্ত করা হবে।
প্রধানমন্ত্রী কৃষক উৎপাদক সংগঠন গড়ে তোলার গুরুত্বের ওপরও জোর দেন। তিনিবলেন, কৃষক উৎপাদক সংগঠনগুলিকে সমবায় সমিতির ধরণে আয়করের ক্ষেত্রে ছাড় দেওয়া হবে।এই কর্মসূচির মাধ্যমে কৃষি বিপণন সংস্কারের ক্ষেত্রে এক নতুন অধ্যায় সংযুক্ত হবে।কারণ, জৈব কৃষি পণ্যের জন্য এর সঙ্গে একটি ই-মার্কেটিং পোর্টালের ব্যবস্থা করাহবে।
শ্রী মোদী বলেন, সবুজ বিপ্লব ও শ্বেত বিপ্লবের পাশাপাশি আমাদের জৈব বিপ্লব,জল বিপ্লব, নীল বিপ্লব এবং মিষ্টি বিপ্লবের ওপর জোর দিতে হবে। কৃষি বিজ্ঞানকেন্দ্রগুলি এক্ষেত্রে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা নেবে বলে তিনি মন্তব্য করেন।
মৌমাছি পালন কিভাবে কৃষকদের জন্য অতিরিক্ত আয়ের গুরুত্বপূর্ণ উৎস হতে পারে,প্রধানমন্ত্রী তার কথাও উল্লেখ করেন। অনুরূপভাবে, তিনি সৌরকৃষির সুবিধার কথাওবলেন। গত তিন বছরে দেশের কৃষকদের মধ্যে ২.৭৫ লক্ষ সৌর পাম্প বিতরণ করা হয়েছে বলেতিনি জানান। প্রধানমন্ত্রী বলেন কম্পোস্ট এবং পশু মল থেকে জৈব গ্যাস উৎপাদনেরলক্ষ্যে গোবর ধন যোজনা প্রসঙ্গেও উল্লেখ করেন।
শস্যের অবশিষ্টাংশ পোড়ানো ক্ষতিকারক প্রভাবের প্রসঙ্গ উত্থাপন করেপ্রধানমন্ত্রী বলেন, এগুলিকে না পুড়িয়ে তার পরিবর্তে যন্ত্রের মাধ্যমে মাটিতেমিশিয়ে দেওয়া হলে, তা মাটির উর্বরতার পক্ষে উপকারি ভূমিকা নিতে পারে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, সরকার পর্যাপ্ত পরিমাণে কৃষি ঋণ দেওয়ার ব্যবস্থারলক্ষ্যে কাজ করছে।
কৃষি উন্নতি মেলার মতো এ ধরনের অনুষ্ঠান দেশের দূরদূরান্তে আয়োজন করার ওপরপ্রধানম্নত্রী জোর দেন। তিনি এই ধরনের অনুষ্ঠানের প্রভাব বিশ্লেষণের কথাও বলেন।
राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेले में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। इस तरह के उन्नति मेलों की न्यू इंडिया की राह को सशक्त करने में बड़ी भूमिका है: PM @narendramodi
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इस मेले के माध्यम से मुझे न्यू इंडिया के दो प्रहरियों से एक साथ, एक समय पर बात करने का असवर मिल रहा है। न्यू इंडिया के एक प्रहरी हमारे किसान, हमारे अन्नदाता हैं जो देश का भरण पोषण करने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कर रहे हैं: PM @narendramodi
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दूसरे प्रहरी हमारे वैज्ञानिक बंधु हैं जो नई-नई तकनीक विकसित कर किसान का जीवन आसान कर रहे हैं: PM @narendramodi
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आज मुझे यहां खेती के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले किसान भाई-बहनों को सम्मानित करने का भी अवसर मिला है। कृषि कर्मण और पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित सभी राज्यों और लोगों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं: PM @narendramodi #KrishiUnnati
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मैं विशेष रूप से यहां मेघालय की बात करना चाहूंगा जिसे अलग से पुरस्कार दिया गया है। साथियों, क्षेत्रफल में छोटे इस राज्य ने बड़ा काम करके दिखाया है। मेघालय के किसानों ने वर्ष 2015-16 के दौरान पैदावार का पाँच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है: PM @narendramodi #KrishiUnnati
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आज मेरा ये विश्वास और सुदृढ़ हो गया है कि जब लक्ष्य स्पष्ट हो, लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खुद को दिन-रात खपाने का इरादा हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है। हमारे देश के किसान में वो हौसला है कि वो मुश्किल लगने वाले लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है: PM @narendramodi
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हमें नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में अनाज उत्पादन की क्या स्थिति थी। संकट भरे उस दौर से हमारा अन्नदाता हमें बाहर निकालकर लाया है। आज देश में रिकॉर्ड अनाज उत्पादन, रिकॉर्ड दाल उत्पादन, रिकॉर्ड फल – सब्जियों का उत्पादन, रिकॉर्ड दुग्ध उद्पादन हो रहा है: PM
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इसलिए मैं देश के हर किसान को, कृषि उन्नति में लगी हर माता-बहन-बेटी को शत-शत नमन करता हूं: PM @narendramodi
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हमारे देश में कृषि सेक्टर ने अनेक मामलों में पूरी दुनिया को राह दिखाई है। लेकिन समय के साथ जो चुनौतियां खेती से जुड़ती चली गईं, वो आज के इस दौर में बहुत अहम हैं: PM @narendramodi
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चुनौतियों को पूरी समग्रता के साथ, Holistic अप्रोच के साथ निपटने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इन अलग-अलग कार्यों की दिशा एक है- किसान की आय दोगुनी करना, लक्ष्य एक है- किसानों का जीवन आसान बनाना। हम इस संकल्प पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं: PM @narendramodi
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आज देश में 11 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं। सॉयल हेल्थ कार्ड से मिल रही जानकारी के आधार पर, जो किसान खेती कर रहे हैं, उनकी पैदावार बढ़ने के साथ-साथ खाद पर खर्च भी कम हो रहा है: PM @narendramodi
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प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी के विजन के साथ कार्य किया जा रहा है। जो सिंचाई परियोजनाएं दशकों से अधूरी पड़ी थी, उन्हें 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके पूरा किया जा रहा है: PM @narendramodi
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प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के जरिए, हमारी सरकार खेत से लेकर बाजार तक, पूरी सप्लाई चेन को मजबूत कर रही है, आधुनिक एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है: PM @narendramodi
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इस बजट में जिस Operation Greens का ऐलान किया है, वो भी नई सप्लाई चेन व्यवस्था से जुड़ा है। ये फल और सब्जियां पैदा करने वाले और खासतौर पर Top यानि Tomato, Onion और Potato उगाने वाले किसानों के लिए लाभकारी रहेगा: PM @narendramodi
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किसान हित से जुड़े कई Model Act बनाकर राज्य सरकारों से उन्हें लागू करने का भी आग्रह किया गया है। ये कानून राज्यों में लागू होने के बाद किसानों को सशक्त करने का काम करेंगे: PM @narendramodi
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किसानों को आधुनिक बीज मिले, आवश्यक बिजली मिले, बाजार तक कोई परेशानी न हो, उन्हें फसल की उचित कीमत मिले, इसके लिए हमारी सरकार दिन-रात एक कर रही है: PM @narendramodi #KrishiUnnati
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देश के परिश्रमी किसानों की आय से जुड़ा ये बहुत महत्वपूर्ण कदम है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऐलान का पूरा लाभ किसानों को मिले, इसके लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं: PM @narendramodi
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सरकार ने तय किया है कि अधिसूचित फसलों के लिए, न्यूनतम समर्थन मूल्य – यानि की MSP, उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना घोषित किया जाएगा: PM @narendramodi
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MSP के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी, उसमें दूसरे श्रमिक के परिश्रम का मूल्य, अपने मवेशी-मशीन या किराए पर लिए गए मवेशी या मशीन का खर्च, बीज का मूल्य, सभी तरह की खाद का मूल्य, सिंचाई के ऊपर किया गया खर्च, राज्य सरकार को दिया गया लैंड रेवेन्यू (Cont)
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वर्किंग कैपिटल के ऊपर दिया गया ब्याज, Lease ली गई जमीन के लिए दिया गया किराया, और अन्य खर्च शामिल हैं।
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इतना ही नहीं किसान के द्वारा खुद और अपने परिवार के सदस्यों द्वारा दिए गए श्रम के योगदान का भी मूल्य, उत्पादन लागत में जोड़ा जाएगा: PM @narendramodi
किसानों को फसल की उचित कीमत के लिए देश में Agriculture Marketing Reform पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। गांव की स्थानीय मंडियों का Wholesale Market और फिर ग्लोबल Market तक तालमेल बिठाना बहुत आवश्यक है: PM @narendramodi
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सरकार का प्रयास है कि किसानो को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़े। इस बजट में ग्रामीण रीटेल एग्रीकल्चर मार्केट- यानि Gram की अवधारणा इसी का परिणाम है: PM @narendramodi
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इसके तहत देश के 22 हजार ग्रामीण हाटों को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया जाएगा और फिर इन्हें APMC और e-Nam प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेड कर दिया जाएगा: PM @narendramodi
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यानि एक तरह से अपने खेत के 5-6 किलोमीटर के दायरे में किसान के पास ऐसी व्यवस्था होगी, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से कनेक्ट कर देगी: PM @narendramodi
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किसान इन ग्रामीण हाटों पर ही अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकेगा। आने वाले दिनों में ये केंद्र, किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार और कृषि आधारित ग्रामीण एवं कृषि अर्थव्यवस्था के नए केंद्र बनेंगे: PM @narendramodi
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सरकार Farmer Producer Organization- FPO को बढ़ावा दे रही है। किसान अपने क्षेत्र में, अपने स्तर पर छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी ग्रामीण हाटों और बड़ी मंडियों से जुड़ सकते हैं: PM @narendramodi
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इस बजट में सरकार ने ये भी ऐलान किया है कि ‘Farmer Producer Organizations’ को कॉपरेटिव सोसायटियों की तरह ही इनकम टैक्स में छूट दी जाएगी: PM @narendramodi
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महिला सेल्फ हेल्प ग्रुपों को इन ‘फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन’ की मदद के साथ ऑर्गैनिक, एरोमैटिक और हर्बल खेती के साथ जोड़ने की योजना भी किसानों की आय बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी: PM @narendramodi
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पिछले महीने नेशनल एग्रीकल्चर कॉन्फ्रेंस में मैंने Organic Products की मार्केटिंग के लिए E-Marketing Portal का विचार रखा था। इतने कम समय में आज उसका शुभारंभ होते देखना मेरे लिए बहुत सुखद अनुभव है: PM @narendramodi
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E-Marketing Portal, जैविक या Organic उत्पादों को खेत से बाजार तक और बाजार से उपभोक्ता के द्वार तक पहुंचाने में बड़ा रोल निभाएगा। Products की जानकारी, उसके मार्केट और सप्लाई चेन की जानकारी अब किसानों को और उपभोक्ताओं को, आसानी से उपलब्ध होगी: PM @narendramodi
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Organic Products पर मेरा जोर इसलिए है, क्योंकि ये जितने पुरातन हैं, उतने ही आधुनिक भी हैं। सच्चाई यही है कि हम दुनिया के सबसे पुराने Organic Farming करने वाले देशों में से एक हैं। आज देश में 22 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर Organic Farming होती है: PM @narendramodi
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लेकिन दूसरी सच्चाई ये भी है कि Organic Farming के बाद जो अगला Step है, Value Addition का, मार्केटिंग का, उसमें हम पीछे रह गए। इस कमी को दूर करने में E-Marketing Portal से काफी मदद मिलेगी: PM @narendramodi
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सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत Organic Farming को पूरे देश में प्रोत्साहित करने में जुटी है। विशेष रूप से उत्तर पूर्व को ऑर्गेनिक खेती के Hub के तौर पर विकसित किया जा रहा है: PM @narendramodi #KrishiUnnati
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एग्रीकल्चर में भविष्य इसी तरह के नए सेक्टर्स की उन्नति, किसानों की उन्नति में सहायक होगी। Green और White Revolution के साथ ही जितना ज्यादा हम Organic Revolution, Water Revolution, Blue Revolution, Sweet Revolution पर बल देंगे, उतना ही किसानों की आय बढ़ेगी: PM @narendramodi
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आज यहां 25 नए कृषि विज्ञान केंद्रों का शुभारंभ किया गया है और इन्हें मिलाकर हमारे देश में इनकी संख्या लगभग 700 हो गई है: PM @narendramodi
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मैं इन कृषि विज्ञान केंद्रों को आधुनिक कृषि के नए Lighthouse के तौर पर देखता हूं। इन केंद्रों से निकला प्रकाश, देश के कृषि जगत को प्रकाशवान बनाएगा: PM @narendramodi
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विशेषकर कृषि विज्ञान केंद्र का सबसे महत्वपूर्ण काम है- किसान तक नई तकनीक, नई जानकारी को पहुंचाना: PM @narendramodi
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आज यहां जिन कृषि विज्ञान केंद्रों को पुरस्कार दिया गया है, उनमें से कई मधुमक्खी पालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मधुमक्खी पालन सिर्फ कमाई ही नहीं, पूरी मानवता के साथ जुड़ा हुआ है: PM @narendramodi #KrishiUnnati
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अतिरिक्त आय का एक और माध्यम है सोलर फार्मिंग। ये खेती की वो तकनीक है जो ना सिर्फ सिंचाई की जरूरत को पूरा कर रही है बल्कि पर्यावरण की भी मदद कर रही है: PM @narendramodi
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खेत के किनारे पर सोलर पैनल से किसान पानी की पंपिंग के लिए जरूरी बिजली तो लेता ही है साथ में अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकता है: PM @narendramodi
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बीते तीन साल में सरकार ने लगभग पौने 3 लाख सोलर पंपों को किसानों तक पहुंचाया है और इसके लिए लगभग ढाई हजार करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है: PM @narendramodi
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हमारी सरकार Waste To Wealth की दिशा में भी सार्थक प्रयास कर रही है: PM @narendramodi
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फसल के जिस अवशेष को किसान सबसे बड़ी आफत मानते हैं उससे पैसा भी बनाया जा सकता है। Coir Waste हो, Coconut Shells हों, Bamboo Waste हो, फसल कटने के बाद खेत में बचा Residue हो, इन सभी को किसानों की आय से जोड़ने का काम किया जा रहा है: PM @narendramodi
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हमारे यहां कुछ क्षेत्रों में एक गलत परंपरा पड़ गई है Crop Residue जलाने की। इसे कुछ लोग पराली जलाना भी कहते हैं: PM @narendramodi
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मिट्टी से लिए गए पोषक तत्व, हवा, पानी, सूरज की रोशनी, और बीज की ताकत। जब हम Crop Residue को जला देते हैं तो ये सारे अहम तत्व जलकर हवा में चले जाते हैं। इससे प्रदूषण तो होता ही है, किसान की मिट्टी को भी नुकसान होता है: PM @narendramodi
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आज इस मंच से मैं फिर आग्रह करूंगा कि किसान भाई पराली जलाना छोड़ें: PM @narendramodi
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अब तो सरकार किसानों को मशीन खरीदने के लिए ज्यादा आर्थिक सहायता भी दे रही है। जब स्वस्थ धरा होगी, तो खेत भी हरा होगा: PM @narendramodi
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सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि आय बढ़ाने के लिए किसान जो भी नए विकल्प अपना रहे हैं, उसके लिए उन्हें पैसे की कमी न आए। हमारा निरंतर प्रयास है कि किसानों को लोन लेने में परेशानी न हो: PM @narendramodi
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इस वर्ष के बजट में पशुपालन के लिए, मछलीपालन के लिए जो Infrastructure Development Fund बनाया गया है, उसके लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सरकार ने National Bamboo Mission के लिए भी लगभग 1300 करोड़ रुपए दिए हैं: PM @narendramodi
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एक और प्रयास हम कर रहे हैं उन किसानों के लिए जो जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं। जिसे कुछ जगहों पर बंटाई पर खेती करना कहा जाता है। ऐसे किसानों को और आसानी से कर्ज मिल सके सके, इसके लिए भी केंद्र सरकार, राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है: PM @narendramodi
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अकसर देखा गया है कि छोटे किसानों को कॉपरेटिव सोसायटियों से कर्ज लेने में दिक्कत आती है। इसके लिए देश की सारी प्राइमरी एग्रीकल्चर कॉपरेटिव सोसायटियों के कंप्यूटरीकरण का काम तेजी से किया जा रहा है: PM @narendramodi
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आइए, हम सभी मिलकर भारतीय खेती की और उन्नति का संकल्प लें: PM @narendramodi
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