প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী বৃহস্পতিবার (দোসরা আগস্ট, ২০১৮) রেল, সড়ক, বিমানবন্দর, নৌ-বন্দর, গ্রামীণ আবাসন, শহরাঞ্চলের আবাসন কর্মসূচি এবং প্রধানমন্ত্রী গ্রামীণ সড়ক যোজনার মতো প্রধান প্রধান পরিকাঠামো ক্ষেত্রগুলির অগ্রগতির বিষয়টি পর্যালোচনা করেন। প্রায় দু’ঘন্টার এই বৈঠকে উপস্থিত ছিলেন প্রধানমন্ত্রীর দপ্তর, নীতি আয়োগ এবং পরিকাঠামো সম্পর্কিত মন্ত্রকগুলির শীর্ষ আধিকারিকরা।
নীতি আয়োগের সিইও শ্রী অমিতাভ কান্ত-এর উপস্থাপনায় প্রকাশ যে সড়ক নির্মাণের কাজে বর্তমানে উল্লেখযোগ্যভাবে বৃদ্ধি পেয়েছে। ২০১৩-১৪ অর্থ বছরে দৈনিক গড়ে সড়ক নির্মাণের মাত্রা ছিল ১১.৬৭ কিলোমিটার। তুলনায়, ২০১৭-১৮ অর্থ বছরে তা বৃদ্ধি পেয়ে হয়েছে ২৬.৯৩ কিলোমিটারে।
পরিবহণ ক্ষেত্রে ডিজিটাল ব্যবস্থার প্রয়োগ ও ব্যবহারের ক্ষেত্রে অগ্রগতির বিষয়গুলি সম্পর্কেও বৈঠকে অবহিত করা হয় প্রধানমন্ত্রীকে। সড়ক পরিবহণের ক্ষেত্রে ২৪ লক্ষেরও বেশি বেতার সংযোগ ও সঙ্কেত ব্যবস্থা যুক্ত করা হয়েছে। সড়ক পরিবহণে বৈদ্যুতিন পদ্ধতিতে টোল রাজস্ব সংগৃহীত হয়েছে ২২ শতাংশেরও বেশি। “সুখদ যাত্রা” অ্যাপটি এ পর্যন্ত ডাউনলোড করা হয়েছে ১ লক্ষেরও বেশি। এই অ্যাপটিতে সড়ক পরিস্থিতি সহ প্রয়োজনে অভিযোগ দায়ের করার পন্থাপদ্ধতি সম্পর্কেও খোঁজখবর পাওয়া যায়। বৈদ্যুতিন ব্যবস্থায় দ্রুততার সঙ্গে টোল সংগ্রহের কাজকে আরও এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার আহ্বান জানান প্রধানমন্ত্রী।
প্রধানমন্ত্রী গ্রাম সড়ক যোজনার আওতায় গ্রামীণ সড়কগুলির মাধ্যমে যুক্ত করা হয়েছে ৮০ শতাংশ গ্রামকে। ২০১৪-১৮ – এই সময়কালে এই ব্যবস্থায় যুক্ত হয়েছে ৪৪ হাজারেরও বেশি গ্রাম। তুলনায়, পূর্ববর্তী চার বছরে ৩৫ হাজারের মতো গ্রামকে এই ব্যবস্থার আওতায় নিয়ে আসা সম্ভব হয়েছিল। পর্যালোচনাকালে জানা যায় যে ‘মেরি সড়ক’ অ্যাপটি চালু করা হয়েছে ১০টি আঞ্চলিক ভাষায় এবং এ পর্যন্ত তা ডাউনলোডের সংখ্যা দাঁড়িয়েছে ৯ লক্ষ ৭৬ হাজার। সড়কগুলির জিআইএস ব্যবস্থায় মানচিত্র তৈরির কাজ বর্তমানে চলছে এবং ২০টি রাজ্যকে নিয়ে আসা হয়েছে জিআরআরএস পদ্ধতির আওতায়। বর্জ্য প্লাস্টিক এবং ফ্লাই অ্যাশের মতো সচরাচর অব্যবহৃত পদার্থকে ব্যবহার করা হচ্ছে গ্রামীণ সড়ক নির্মাণের কাজে।
রেল চলাচলের ক্ষেত্রেও উল্লেখযোগ্য উন্নতি লক্ষ্য করা গেছে। রেলের বহন ক্ষমতা এবং সেইসঙ্গে চলাচলকারী ট্রেনের সংখ্যাও বিশেষভাবে বৃদ্ধি পেয়েছে। অন্যদিকে, ২০১৪-১৮ সময়কালে নতুন নতুন রেললাইন তৈরি, সিঙ্গল লাইনকে ডবল লাইনে রূপান্তর এবং গেজ পরিবর্তনের কাজ হয়েছে ৯,৫২৮ কিলোমিটার বরাবর। এর পূর্ববর্তী চার বছরের তুলনায় এক্ষেত্রে সাফল্যের হার ৫৬ শতাংশের মতো।
অনুরূপভাবে, বিমান পরিবহণ ক্ষেত্রেও ২০১৪-১৮ – এই চার বছরে বিমান চলাচল এবং যাত্রী সংখ্যা সার্বিকভাবে বৃদ্ধি পেয়েছে ৬২ শতাংশেরও বেশি। এর পূর্ববর্তী চার বছরে বৃদ্ধির হার ছিল ১৮ শতাংশ মাত্র। ‘উড়ান’ কর্মসূচির আওতায় টায়ার-২ এবং টায়ার-৩ শহরগুলিতে ২৭টি বিমানবন্দর বর্তমানে চালু রয়েছে।
ঐ একই সময়কালে অর্থাৎ, ২০১৪-১৮ – এই চার বছরে দেশের প্রধান প্রধান বন্দরগুলিতে পরিবহণ ক্ষমতা বৃদ্ধি পেয়েছে প্রায় ১৭ শতাংশ।
গ্রামীণ আবাসন ক্ষেত্রের কাজকর্ম সম্পর্কে প্রধানমন্ত্রীকে জানানো হয় যে ২০১৪-১৮ সময়কালে বাসস্থান নির্মিত হয়েছে ১ কোটিরও বেশি। তুলনায়, এর পূর্ববর্তী চার বছরে নির্মিত বাসস্থানের সংখ্যা ছিল মাত্র ২৫ লক্ষ। গ্রামীণ আবাসন ক্ষেত্রে কাজকর্ম বৃদ্ধি পাওয়ার ফলে কর্মসংস্থানের সুযোগ সৃষ্টির ক্ষেত্রেও তা বিশেষ সহায়ক হয়ে উঠেছে। বাসস্থান নির্মাণের কাজ এবং সংশ্লিষ্ট নির্মাণ শিল্পে কর্মসংস্থানের প্রসার ঘটেছে উল্লেখযোগ্যভাবে। নিরপেক্ষ এক সমীক্ষায় প্রকাশ যে বাসস্থান তৈরির কাজে মোট সময়কালের গড় ২০১৫-১৬-র ৩১৪ দিন থেকে ২০১৭-১৮-তে নেমে এসেছে ১১৪-তে। বাড়িগুলিকে তৈরি করে তোলা হচ্ছে বিপর্যয় রোধের উপযোগী করে। গৃহ নির্মাণের ক্ষেত্রে স্বল্প ব্যয়ের নকশা উদ্ভাবন ও ব্যবহারের ওপরও বিশেষ জোর দেওয়া হচ্ছে।
অন্যদিকে, শহরাঞ্চলের বাসস্থান নির্মাণের ক্ষেত্রে গুরুত্ব দেওয়া হচ্ছে নতুন নতুন নির্মাণ প্রযুক্তির ওপর। প্রধানমন্ত্রী আবাস যোজনা (শহরাঞ্চল)-র সূচনাকাল থেকে এ পর্যন্ত ৫৪ লক্ষ বাসস্থান নির্মাণের কাজে মঞ্জুরি দেওয়া হয়েছে।
Reviewed the progress of key infrastructure sectors including roads, housing, railways, aviation and ports. https://t.co/1nRdaj2xrM
Pace of road construction has increased significantly in the last four years. At the same time, more green technology is being used in building roads especially in rural areas.
It is equally gladdening to see a remarkable rise in the digitisation of the transport sector.
You would be happy to know that in the railways sector there is significant addition in capacity and rolling stock. Impetus has been given to adding new lines, doubling and gauge conversion.
In aviation, passenger traffic has grown by over 62% in four years.
In line with our commitment to ensure every Indian has a home, over a crore houses have been constructed from 2014 to 2018 in rural areas. This has boosted employment opportunities and given wings to people’s aspirations. The average time of construction has also dropped sharply.
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024
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Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी, Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी, Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी, Hon’ble Leader of the Opposition, Hon’ble Ministers, Members of the Parliament, Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,
गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।
साथियों,
भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,
साथियों,
आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,
साथियों,
बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।
साथियों,
डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।
साथियों,
हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।
साथियों,
हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,
साथियों,
"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।
साथियों,
भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।
साथियों,
आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।
साथियों,
भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।
साथियों,
यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है। लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।
साथियों,
भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।
साथियों,
गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
साथियों,
गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।
साथियों,
डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
साथियों,
आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।
साथियों,
गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।