প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আজ (২৫ ফেব্রুয়ারি, ২০১৯) নতুন দিল্লিতে নেটওয়ার্ক-১৮ ‘উদীয়মান ভারত’ শিখর সম্মেলনে ভাষণ দেন।
জাতির উদ্দেশে রাষ্ট্রীয় সমর স্মারক অথবা ‘ন্যাশনাল ওয়ার মেমোরিয়াল’ উৎসর্গ করার কিছুক্ষণ পর ‘উদীয়মান ভারত’ বিষয়ে বলার সুযোগ পেয়ে সন্তোষ প্রকাশ করেন তিনি। তিনি বলেন, শিখর সম্মেলনের মূল আলোচ্য বিষয় – ‘রাজনীতি ছাড়িয়ে : জাতীয় অগ্রাধিকারের বিষয়গুলির সংজ্ঞা’ – যেটি একটি অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ বিষয়।
তিনি বলেন, জাতীয় স্বার্থকে অগ্রাধিকার দিতে হলে যে ধরণের ফলাফল কাম্য, তাকে বর্ণনা করতে অতীত এবং বর্তমানের মধ্যে পার্থক্য টেনে তারই ওপর তিনি বলবেন।
তিনি বলেন, ২০১৪-র আগে মুদ্রাস্ফীতি এবং আয়করের হার বেশি ছিল। অন্যদিকে, মোট অভ্যন্তরীণ উৎপাদন বৃদ্ধি ছিল নিম্ন। তিনি বলেন, এখন মোট অভ্যন্তরীণ উৎপাদন বৃদ্ধি ফিরে এসেছে ৭-৮ শতাংশের মধ্যে, যেখানে মুদ্রাস্ফীতি এবং আর্থিক ঘাটতি নিম্নমুখী। প্রধানমন্ত্রী বলেন, আয়কর বিষয়েও মানুষ সুরাহা পেয়েছে।
বিশ্ব ক্রমপর্যায়ে ভারতের কথা বলতে গিয়ে তিনি বলেন, একবিংশ শতাব্দীকে একদা মনে করা হয়েছিল ভারতের শতাব্দী। কিন্তু ২০১৩-র মধ্যে বিশ্বের পাঁচটি ভঙ্গুর অর্থনীতির মধ্যে একটি হয়ে দাঁড়ায় ভারত। কিন্তু আজ ভারত দ্রুততম বর্ধমান প্রধান অর্থনীতি। ‘সহজে ব্যবসা করার’ বিষয়ে বলতে গিয়ে তিনি বলেন, ২০১১-য় ভারত ছিল ১৩২তম স্থানে। ২০১৪-য় ১৪২-এ। এখন আমরা পৌঁছেছি ৭৭-এ।
শ্রী মোদী বলেন, ‘সহজে ব্যবসা করার’ বিষয়ে ক্রমপর্যায়ে এই নিম্নগামিতার একটি কারণ, দুর্নীতি। এই বিষয়ে তিনি কয়লা, কমনওয়েল্থ গেম্স, স্পেকট্রাম ইত্যাদি সহ সেই সময়ের শিরোনামপ্রাপ্ত বেশ কিছু দুর্নীতির উল্লেখ করেন।
তিনি ব্যাখ্যা করে বলেন, কেমনভাবে কেন্দ্রীয় সরকার জন ধন যোজনা দিয়ে শুরু করেছিল, যার অধীনে ৩৪ কোটি ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্ট খোলা হয়েছে। তিনি বলেন, এই অ্যাকাউন্টগুলি আধার নম্বর এবং মোবাইল ফোনের সঙ্গে যুক্ত করা হয়েছে। তিনি বলেন, আজ প্রায় ৪২৫টি কল্যাণমূলক কর্মসূচির অধীনে প্রাপ্য সুবিধা সরাসরি এইসব ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্টে পাঠিয়ে দেওয়া হচ্ছে। তিনি বলেন, ৬ লক্ষ কোটি টাকা সরাসরি পৌঁছে দেওয়া হয়েছে সুবিধাপ্রাপকদের কাছে। একইভাবে, ৮ কোটি জাল সুবিধাপ্রাপকের নাম বাদ দেওয়া হয়েছে, বেঁচেছে ১ লক্ষ ১০ হাজার কোটি টাকা।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, আয়ুষ্মান ভারত প্রকল্পেও অপচয়ের সুযোগ নেই কারণ হাসপাতালের অ্যাকাউন্টগুলিতে সরাসরি এই অর্থ জমা পড়ে যাচ্ছে। সুবিধাপ্রাপকদের আধার কার্ড আছে, ২০১৫-র আর্থ-সামাজিক সমীক্ষার ভিত্তিতে তাঁদের নির্বাচিত করা হয়েছে। তিনি বলেন, একইভাবে প্রধানমন্ত্রী কিষাণ সম্মান নিধি-তে অপচয় সম্ভব নয়, যেখানে প্রায় ১২ কোটি কৃষক সরাসরি তাঁদের অ্যাকাউন্টে ঐ সুবিধা পাবেন।
প্রধানমন্ত্রী আরও বলেন, উত্তরপ্রদেশের বানসাগর বাঁধ এবং ঝাড়খণ্ডের মণ্ডল বাঁধের মতো প্রকল্পগুলির ব্যয় বেড়েছে দেরির কারণে। এই দেরির জন্য গুণাগার দিচ্ছেন সৎ আয়করদাতারা। শ্রী মোদী বলেন, ‘প্রগতি’ উদ্যোগের মাধ্যমে ১২ লক্ষ কোটি টাকার বেশি মূল্যের প্রকল্পগুলির অগ্রগতি তিনি নিজে পর্যালোচনা করেছেন। তিনি বলেন, এর বেশির ভাগ প্রকল্পগুলিই উত্তর-পূর্বে। সরকারের মূল লক্ষ্য পূর্ব ভারতের উন্নতি।
কর্মসংস্থান বিষয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন, ভারত এখন দ্রুততম বর্ধনশীল প্রধান অর্থনীতি। প্রত্যক্ষ বিদেশি বিনিয়োগ সর্বকালীন উচ্চতায়, দারিদ্র্য কমছে দ্রুত, আন্তর্জাতিক প্রতিবেদন অনুসারে পরিকাঠামো ক্ষেত্রে বৃদ্ধি আগের থেকে দ্রুত হচ্ছে, বাড়ছে পর্যটন। তিনি বলেন, এগুলি সম্ভব হত না যদি না কর্মসংস্থানের সুযোগও বাড়ত।
তিনি, পেশাদারী ও বাণিজ্যিক গাড়ি বিক্রির সংখ্যা বৃদ্ধি নিয়েও বলেন। শ্রী মোদী বলেন, প্রধানমন্ত্রী মুদ্রা যোজনায় ১৫ কোটিরও বেশি উদ্যোগীকে ৭ লক্ষ কোটি টাকার বেশি ঋণ দেওয়া হয়েছে। তিনি বলেন, এটাও কর্মসংস্থান বৃদ্ধি করছে। ইপিএফও গ্রাহকদের সংখ্যা বৃদ্ধির উল্লেখ করেন প্রধানমন্ত্রী।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, নতুন ভারত এবং গঠনমূলক পরিবেশ তৈরি করতে সংবাদমাধ্যমের ভূমিকা গুরুত্বপূর্ণ।
अब जब मैं मीडिया के साथियों के बीच हूं तो इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए आपका पसंदीदा तरीका ही अपनाउंगा।
— PMO India (@PMOIndia) February 25, 2019
यानि पहले क्या था और अब क्या है।
इसी से ये भी पता चलेगा कि राजनीति से अलग हटकर जब राष्ट्रनीति को प्राथमिकता दी जाती है,
तो किस तरह के परिणाम निकलते हैं: PM
2014 के पहले देश में स्थिति ये थी कि जो बढ़ना चाहिए था वो घट रहा था और जो घटना चाहिए था, वो बढ़ रहा था।
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महंगाई का उदाहरण लीजिए।
पिछली सरकार में आप ने खूब रिपोर्ट किया था कि महंगाई दर 10% का आंकड़ा भी पार कर गई थी।
हमारी सरकार में महंगाई दर गिरकर 2-4% के आसपास रह गई है: PM
यही स्थिति इनकम टैक्स को लेकर थी।
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मिडिल क्लास छूट के लिए निरंतर आवाज़ देता रहता था लेकिन राहत के नाम पर कुछ नहीं मिलता था।
हमारी सरकार ने 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम को ही टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया है: PM
यही हाल भारत की Global Standing का रहा।
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हम पढ़ते आए थे कि इक्कीसवीं सदी भारत की सदी है।
भारत को 2013 में दुनिया के ‘Fragile Five’ देशों में पहुंचा दिया गया।
आज सरकार के दृढ़ निश्चय और 125 करोड़ देशवासियों के परिश्रम के बल पर भारत
‘Fastest Growing Large Economy’ बन गया है: PM
हमारी सरकार के दौरान करीब-करीब 6 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजे हैं।
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और मुझे ये कहते हुए गर्व है कि पहले की तरह 100 में से सिर्फ 15 पैसे नहीं, बल्कि पूरे पैसे लाभार्थियों को मिल रहे हैं: PM
जनधन अकाउंट, आधार और मोबाइल को जोड़ने का नतीजा ये हुआ कि एक के बाद एक करके कागजों में दबे हुए फर्जी नाम सामने आने लगे।
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आप सोचिए, अगर आपके ग्रुप में 50 लोग ऐसे हो जाएं जिनकी हर महीने सैलरी जा रही हो, लेकिन वो हकीकत में हो ही नहीं, तो क्या होगा: PM
पहले की सरकारों ने, देश में जो व्यवस्था बना रखी थी, उसमें एक-दो नहीं 8 करोड़ ऐसे फर्जी नाम थे,
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जिनके नाम पर सरकारी लाभ ट्रांसफर किया जा रहा था।
साथियों, सरकार के इस प्रयास से एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं: PM
हमारी सरकार ने #PMKisan की शुरुआत की है।
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12 करोड़ किसान परिवारों को उसकी जरूरत पूरा करने के लिए,
जैसे चारा खरीदने के लिए,
बीज खरीदने के लिए,
खाद खरीदने के लिए सरकार 75 हजार करोड़ रुपए,
सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर करने जा रही है। लीकेज संभव नहीं है: PM
अब सोचिए,
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किसी को चारा घोटाला करना हो तो कैसे करेगा ?
क्योंकि अब तो सीधे मोबाइल पर मैसेज आता है,
कच्ची-पक्की पर्ची का तो सारा इंतजाम ही मोदी ने खत्म कर दिया है।
इसलिए ही तो मुझे पानी पी-पी कर गाली दी जाती है: PM
हमारे यहां किस तरह जनता के पैसे को जनता का न समझने की परंपरा अरसे तक हावी रही है,
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आप भी जानते हैं।
अगर ऐसा न होता तो सैकड़ों योजनाएं दशकों तक अधूरी न रहतीं, अटकती-भटकती न रहतीं।
इसलिए ही हमारी सरकार, योजनाओं में देरी को आपराधिक लापरवाही से कम नहीं मानती: PM
जरा सोचिए भारत जब सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है तो क्या ये संभव है कि बिना नौकरी को सृजित किए ये हो जाए ?
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जब देश में एफडीआई All-Time High है तो क्या ये संभव है कि नौकरियां पैदा
नहीं हो रही हों?: PM
जब कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट कह रही हैं कि भारत सबसे तेजी से गरीबी हटा रहा है तो क्या ये संभव है कि बिना नौकरी के लोग गरीबी से बाहर आ रहे हों?: PM
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जब देश में पहले की तुलना में कई गुना रफ्तार से सड़क बनाने का काम चल रहा है,
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रेल मार्गों के विस्तार का काम हो रहा है।
गरीबों के लिए लाखों मकान बनाने से लेकर नए पुल, नए बांध, नए हवाई अड्डे रिकॉर्ड कार्य हो रहा है।
तो क्या ये संभव है कि रोजगार पैदा नहीं हुए हों?: PM
बीते 4 वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में क़रीब 45% की वृद्धि हुई है।
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पर्यटन से होने वाली विदेशी मुद्रा की कमाई भी बीते 4 वर्षों में 50% बढ़ गई है।
भारत के एविएशन सेक्टर में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है।
क्या इन सबसे रोजगार के अवसर सृजित नहीं हुए हैं?: PM