ভারতের মূল্যবান ঐতিহ্য এবং হাজার হাজার বছরের জীবনযাত্রা যা আমাদের জাতীয় ঐক্য গড়তে সাহায্য করেছে এবং ঐক্যবদ্ধ থাকার জন্য আমাদের সঙ্কল্পের প্রশংসা করেছেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী।
আজ কেওয়াড়িয়াতে সর্দার বল্লবভাই প্যাটেলের জন্মবার্ষিকী উপলক্ষে রাষ্ট্রীয় একতা দিবসের অনুষ্ঠানে তিনি ভাষণ দিচ্ছিলেন।
তিনি বলেন, “আমরা আমাদের বৈচিত্র্যের মধ্যে ঐক্য নিয়ে গর্বিত। আমরা এখান থেকেই আমাদের শ্রদ্ধা এবং আত্মপরিচয় পাই।”
“আমরা বৈচিত্র্যের মধ্যে ঐক্যকে উদযাপন করি। আমরা আমাদের বৈচিত্র্যের মধ্যে কোনরকম স্ববিরোধ খুঁজে পাই না, বরং ঐক্যের এক শক্তিশালী সূত্র খুঁজে পাই।”
“বৈচিত্র্যের উদযাপন, বৈচিত্র্যের উৎসব প্রকৃতপক্ষে আমাদের হৃদয়ের ঐক্যের তারটি স্পর্শ করে।” বলেছেন তিনি।
“যখন আমরা আমাদের বিভিন্ন ধরনের জীবনধারা ও ঐতিহ্যকে সম্মান করি তখন একতা এবং ভ্রাতৃত্ববোধের ভাবনা আরও বৃদ্ধি পায় এবং সেজন্যই প্রতিটি মুহূর্তে আমাদের বৈচিত্র্য উদযাপন করতে হবে। এটাই রাষ্ট্র গঠন।”
তিনি বলেন, “এই বৈচিত্র্য ভারতের এমন একটি শক্তি যেটা সারা বিশ্বে কোথাও খুঁজে পাওয়া যাবে না। দক্ষিণ থেকে আসা শঙ্কর উত্তরে মঠ গড়েছিলেন এবং বাংলার স্বামী বিবেকানন্দ দক্ষিণের কন্যাকুমারীতে তাঁর জ্ঞান লাভ করেছিলেন।”
“এখানে গুরু গোবিন্দ সিং পাটনায় জন্মে পাঞ্জাবে খালসা পন্থ প্রতিষ্ঠা করেছিলেন এবং এপিজে আব্দুল কালাম যিনি রামেশ্বরমে জন্মেছিলেন তিনি দিল্লিতে দেশের সর্বোচ্চ পদে অধিষ্ঠিত হয়েছিলেন।”
ভারতের সংবিধানের প্রস্তাবনায় ‘উই দি পিপ্ল অফ ইন্ডিয়া’র উল্লেখ করে তিনি বলেন, “এটি সংবিধানের শুরুতে হওয়া শুধুমাত্র একটি শব্দবন্ধই নয়, বরং ভারতের হাজার হাজার বছরের জীবনযাত্রার প্রতিফলন।”
“যখন সর্দার প্যাটেল ৫০০-র বেশি রাজ্যকে ভারতে অন্তর্ভুক্ত করার বিশাল কাজটি সম্পন্ন করছিলেন, তখন এই চুম্বকের মতো শক্তিটি বেশিরভাগ রাজ্যগুলিকে এ দেশে অন্তর্ভুক্ত হতে আকর্ষণ করেছিল।”
তিনি বলেন, আজ ভারতের ভাবমূর্তি এবং প্রভাব বিশ্বে ক্রমশ বাড়ছে এবং সেটা শুধুমাত্র আমাদের এই একতার জন্যই।
তিনি বলেন, “বর্তমানে গোটা বিশ্ব ভারতকে গুরুত্ব দিচ্ছে। সেটা শুধুমাত্র আমাদের জাতীয় ঐক্যের জন্য। যদি ভারত বিশ্বের সেরা অর্থনীতি হয়ে ওঠে, তাহলে সেও হবে আমাদের জাতীয় ঐক্যের জন্য।”
প্রধানমন্ত্রী বলেন, “যারা আমাদের বিরুদ্ধে যুদ্ধে জিততে পারে না, তারা আমাদের একতাকে চ্যালেঞ্জ জানাচ্ছে। কিন্তু তারা ভুলে গেছে যুগ যুগ ধরে চেষ্টা করা সত্ত্বেও কেউ আমাদের মধ্যে একতার মনোভাবকে পরাজিত করতে পারেনি।”
তিনি বলেন, “সর্দার প্যাটেলের আশীর্বাদে দেশ কয়েক সপ্তাহ আগে একটি গুরুত্বপূর্ণ সিদ্ধান্ত নিয়েছে ঐসব বিচ্ছিন্নতাবাদী শক্তিকে পরাজিত করার, সেটা হল ৩৭০ অনুচ্ছেদের বিলুপ্তি।”
প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী বলেছেন ভারতীয় সংবিধানের ৩৭০ অনুচ্ছেদ জম্মু-কাশ্মীরকে দিয়েছে শুধু বিচ্ছিন্নতাবাদ এবং সন্ত্রাসবাদ।
তিনি বলেছেন, দশকের পর দশক ধরে এই অনুচ্ছেদের উপস্থিতি শুধুমাত্র দেশের মানুষের মধ্যে একটি কৃত্রিম প্রাচীর গড়ে তুলেছিল।
প্রধানমন্ত্রী আজ কেওয়াড়িয়াতে সর্দার বল্লবভাই প্যাটেলের জন্মবার্ষিকী উপলক্ষে রাষ্ট্রীয় একতা দিবস অনুষ্ঠানে ভাষণ দিচ্ছিলেন।
তিনি বলেন, ৩৭০ অনুচ্ছেদ বিচ্ছিন্নতাবাদী মনোভাব এবং সন্ত্রাসবাদ ব্যতীত আর কিছু দেয়নি। আমাদের ভাই ও বোনেরা যাঁরা এই কৃত্রিম প্রাচীরের ওধারে, তাঁরা শুধুই বিভ্রান্ত হয়েছেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, সেই দেওয়াল এখন ভেঙে দেওয়া হয়েছে।
তিনি বলেন, “সমগ্র দেশে জম্মু-কাশ্মীরই একমাত্র জায়গা যেখানে ৩৭০ অনুচ্ছেদ বলবৎ ছিল।”
তিনি বলেন, “গত তিন দশকে ৪০ হাজারেরও বেশি মানুষ সন্ত্রাসবাদী কার্যকলাপের ফলে প্রাণ হারিয়েছেন, অনেক মা তাঁদের সন্তান হারিয়েছেন, বোনেরা ভাইকে হারিয়েছেন এবং শিশুরা হারিয়েছে তাদের বাবা-মা-কে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, “একদা সর্দার প্যাটেল বলেছিলেন, যদি জম্মু-কাশ্মীরের বিষয়টি আমাকে ছেড়ে দেওয়া হত তাহলে এত দীর্ঘ সময় লাগত না এই বিষয়টির সমাধান করতে।”
তিনি বলেন, “আমি সর্দার বল্লবভাই প্যাটেলের এই জন্মবার্ষিকীতে ৩৭০ অনুচ্ছেদ বিলোপের সিদ্ধান্ত উৎসর্গ করছি।”
“আমি খুশি যে আমাদের এই সিদ্ধান্ত এবার জম্মু ও কাশ্মীর এবং লাদাখকে উজ্জ্বল ভবিষ্যতের দিকে এবং উন্নয়নের পথে নিয়ে যাবে।”
জম্মু-কাশ্মীরে সম্প্রতি ব্লক ডেভেলপমেন্ট কাউন্সিলের নির্বাচনের উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, “ভোটদানের হার ৯৮ শতাংশের বেশি ছিল। যাঁরা পঞ্চ বা সরপঞ্চ তাঁরা বিশাল সংখ্যায় এসে ভোট দিয়েছেন এবং সেটাই একটি বড় বার্তা।”
প্রধানমন্ত্রী বলেন, “এবার রাজনৈতিক স্থায়িত্বের যুগ শুরু হবে জম্মু ও কাশ্মীরে। আপন স্বার্থের কারণে সরকার গড়ার খেলা এবার শেষ হবে এবং আঞ্চলিকতার ভিত্তিতে যে বৈষম্যের ধারণা তাও বিনষ্ট হবে।”
“এই অঞ্চলে সহযোগিতামূলক যুক্তরাষ্ট্রীয় কাঠামোয় সত্যিকারের অংশগ্রহণের যুগ শুরু হবে। নতুন মহাসড়ক, নতুন রেলপথ, নতুন স্কুল, নতুন কলেজ, নতুন হাসপাতাল জম্মু-কাশ্মীরকে নতুন উন্নয়নের শীর্ষে নিয়ে যাবে।”
উত্তর-পূর্বাঞ্চলের উন্নয়নের উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, “বর্তমানে উত্তর-পূর্বে বিচ্ছিন্নতাবাদী প্রবণতা ক্রমশ বিলীয়মান এবং উন্নতির দিকে এগোচ্ছে। বহু যুগের পুরনো সমস্যাগুলি এখন সমাধান খুঁজে পাচ্ছে। গোটা উত্তর-পূর্বাঞ্চল এখন বহু যুগের পুরনো হিংসা অবরোধের থেকে নিজেকে মুক্ত মনে করছে।”
তিনি বলেন, “সর্দার প্যাটেলের কাছ থেকে অনুপ্রেরণা নিয়ে আমরা দেশকে সম্পূর্ণ ভাবগত অর্থনৈতিক এবং সাংবিধানিক সংহতি দিচ্ছি। এটা এমনই একটি প্রচেষ্টা যেটা ব্যতীত একবিংশ শতাব্দীতে আমরা শক্তিশালী ভারতের কল্পনা করতে পারব না।”
সর্দার প্যাটেলের আদর্শের উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, “উদ্দেশ্যের একতা, উদ্যোগের একতা, এবং লক্ষ্যের একতা দেশের স্থায়িত্বের পক্ষে প্রয়োজনীয় এবং এটাই ছিল সর্দার প্যাটেলের আদর্শ যে আমাদের উদ্দেশ্য, লক্ষ্য এবং গন্তব্যের দিকে একমনা হতে হবে।”
প্রধানমন্ত্রী বলেন, যখন আমরা জাতীয় ঐক্যের এই পথে এগোব, তখনই শুধু আমরা ‘এক ভারত শ্রেষ্ঠ ভারত’-এর লক্ষ্য অর্জন করতে পারব।”
তিনি বলেন, “সর্দার প্যাটেলের কাছ থেকে অনুপ্রেরণা নিয়ে আমরা দেশকে সম্পূর্ণ ভাবগত অর্থনৈতিক এবং সাংবিধানিক সংহতি দিচ্ছি। এটা এমনই একটি প্রচেষ্টা যেটা ব্যতীত একবিংশ শতাব্দীতে আমরা শক্তিশালী ভারতের কল্পনা করতে পারব না।”
সর্দার প্যাটেলের আদর্শের উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, “উদ্দেশ্যের একতা, উদ্যোগের একতা, এবং লক্ষ্যের একতা দেশের স্থায়িত্বের পক্ষে প্রয়োজনীয় এবং এটাই ছিল সর্দার প্যাটেলের আদর্শ যে আমাদের উদ্দেশ্য, লক্ষ্য এবং গন্তব্যের দিকে একমনা হতে হবে।”
প্রধানমন্ত্রী বলেন, যখন আমরা জাতীয় ঐক্যের এই পথে এগোব, তখনই শুধু আমরা ‘এক ভারত শ্রেষ্ঠ ভারত’-এর লক্ষ্য অর্জন করতে পারব।”
PM: अब से कुछ देर पहले ही राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ संपन्न हुई है।देश के अलग-अलग शहरों में, गावों में, अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है। pic.twitter.com/J1qMwsSItX
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PM: यहां राष्ट्रीय एकता परेड का भी आयोजन किया गया है।इन भव्य आयोजनों में हिस्सा लेने वाले हर देशवासी का मैं अभिनंदन करता हूं। pic.twitter.com/h3QsMQJ0wR
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PM: पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने।एकरूपता, उन देशों की विशेषता रही, पहचान रही।
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लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता। pic.twitter.com/HFu5yYVkYQ
PM: विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, हमारी पहचान है।
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हमारे यहाँ विविधता को, diversity को सेलिब्रेट किया जाता है।हमें विविधता में विरोधाभास नहीं दिखता बल्कि उसमें अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है। pic.twitter.com/j8s8rdsXck
PM: विविधता का सेलिब्रेशन, विविधता का उत्सव उसमें छुपी एकता का स्पर्श कराता है, उसे बाहर ला देता है।
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जब हम देश की अलग - अलग भाषाओं और सैकड़ों बोलियों पर गर्व करते हैं तो भाव का बंधन बन जाता है। pic.twitter.com/V9pdRkhsl9
PM: जब हम विभिन्न पंथों-संप्रदायों की परंपराओं, आस्थाओं का सम्मान करते हैं तो सदभाव-स्नेहभाव में और वृद्धि हो जाती है।इसलिये हमें हर पल, विविधता के हर अवसर को सेलिब्रेट करना है।
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और यही Nation Building है। pic.twitter.com/PkOI2ZTiMS
PM: ये वो ताकत है जो पूरी दुनिया में किसी और देश में नहीं मिलेगी।
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यहां दक्षिण से निकले आदि शंकराचार्य, उत्तर में मठों की स्थापना करते हैं।
यहां बंगाल से निकले स्वामी विवेकानंद को देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में नया ज्ञान प्राप्त होता है।
PM: यहां पटना में प्रकट हुए गुरू गोबिंद सिंह, पंजाब में जाकर, देश की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना करते हैं
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यहां रामेश्वरम में पैदा हुए एपीजे अब्दुल कलाम, दिल्ली में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होते हैं।
PM: मैं मानता हूं कि अपनी एकता की इस ताकत का पर्व निरंतर मनाना बहुत आवश्यक है।एकता की ये ताकत ही है जिससे भारतीयता का प्रवाह है।
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PM: We the People of India, हम भारत के लोग, ये तीन-चार शब्द नहीं हैं, सिर्फ हमारे संविधान की शुरुआत नहीं हैं।
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ये हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयों की एकता का प्रतिबिंब है।
PM: जब विदेशी धरती पर मेडल जीतने के बाद तिरंगा लहराता है, तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, महाराष्ट्र से लेकर मणिपुर तक, एक साथ रोमांचित हो उठता है, सबकी भवनाएं उभार पर आ जाती हैं। pic.twitter.com/vvpHfnvRty
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PM: जब सरदार पटेल, पाँच सौ से ज्यादा रिसायतों के एकीकरण के भगीरथ कार्य के लिए निकले थे, तो यही वो चुंबकीय शक्ति थी, जिसमें ज्यादातर राजे-रजवाड़े खिंचे चले आए थे।
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PM: सरदार पटेल जब एकता का मंत्र लेकर निकले, तो सभी उसकी छत्रछाया में खड़े हो गए। pic.twitter.com/lgNPBvGw8e
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PM: हमेशा याद रखना होगा कि शताब्दियों पहले, तमाम रियासतों को साथ लेकर, एक भारत का सपना लेकर, राष्ट्र के पुनुरुद्धार का सफल प्रयास चाणक्य ने किया था।चाणक्य के बाद अगर ये काम कोई कर पाया तो वो सरदार पटेल ही थे।
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PM: आज विश्व मंच पर हमारा प्रभाव और सदभाव, दोनों बढ़ रहा है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज पूरी दुनिया, भारत की बात गंभीरता से सुनती है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है, तो उसका कारण, हमारी एकता है।
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PM: 21वीं सदी में भारत की यही एकता, भारतीयों की यही एकता, भारत के विरोधियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
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PM: मैं आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर, प्रत्येक देशवासी को देश के समक्ष मौजूद ये चुनौती याद दिला रहा हूं।जो हमसे युद्ध में नहीं जीत सकते, वो हमारी इसी एकता को चुनौती दे रहे हैं।
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PM: लेकिन वो भूल जाते हैं कि सदियों की ऐसी ही कोशिशों के बावजूद, हमें कोई मिटा नहीं सका, हमारी एकता को परास्त नहीं कर सका।
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PM: जब हमारी विविधताओं के बीच, एकता पर बल देने वाली बातें होती हैं, तो इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलता है।
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जब हमारी विविधताओं के बीच, हम एकता के मार्ग पर चलते हैं, तो इन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब मिलता है।
PM: सरदार साहेब के आशीर्वाद से, इन ताकतों को परास्त करने का एक बहुत बड़ा फैसला देश ने कुछ हफ्ते पहले ही लिया है। आर्टिकल 370 ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद और आतंकवाद के सिवाय कुछ नहीं दिया।
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PM: पूरे देश में जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र स्थान था जहां आर्टिकल 370 था और पूरे देश में जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र स्थान था जहां तीन दशकों में आतंकवाद ने करीब-करीब 40 हजार लोगों की जान ले ली।
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PM: दशकों तक हम भारतीयों के बीच इस आर्टिकल 370 ने एक अस्थाई दीवार बना रखी थी।हमारे जो भाई-बहन इस अस्थाई दीवार के उस पार थे, वो भी असमंजस में रहते थे।जो दीवार कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद बढ़ा रही थी, अब वो दीवार गिरा दी गई है।
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PM: कभी सरदार पटेल ने कहा था कि अगर कश्मीर का मसला उनके पास रहा होता, तो उसे सुलझने में इतनी देर नहीं होती।आज उनकी जन्म जयंती पर, मैं आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला, सरदार साहेब को समर्पित करता हूं। pic.twitter.com/ss1cGc57y2
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PM: हमें इस बात की भी खुशी है कि आज से ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, एक नए भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।हाल ही में वहां, ब्लॉक डवलपमेंट काउंसिल के चुनाव में 98 प्रतिशत पंचों-सरपंचों की भागीदारी एक बड़ा संदेश है।
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PM: अब जम्मू कश्मीर में एक राजनीतिक स्थिरता आएगी।
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अब निजी स्वार्थ के लिए सरकारें बनाने और गिराने का खेल बंद होगा।
अब क्षेत्र के आधार पर भेदभाव के शिकवे और शिकायतें भी दूर होंगी।
PM: अब Co-Operative Federalism की असली भागीदारी देखने को मिलेगी।नए हाईवे, नई रेलवे लाइनें, नए स्कूल, नए कॉलेज, नए अस्पताल, जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास को नई ऊँचाई पर ले जाएंगे।
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PM: मुझे खुशी है कि आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग द्वारा स्वीकृत भत्तों का लाभ मिलना भी शुरू हो जाएगा।
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PM: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नई व्यवस्थाएं ज़मीन पर लकीरें खींचने के लिए नहीं है, बल्कि विश्वास की एक मज़बूत कड़ी बनाने के लिए है।यही विश्वास है जिसकी कामना सरदार पटेल ने भी जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए की थी।
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PM: सरदार साहेब की प्रेरणा से ही हम संपूर्ण भारत के Emotional, Economic और Constitutional Integration पर बल दे रहे हैं।ये वो प्रयास हैं जिसके बगैर 21वीं सदी के विश्व में भारत की मज़बूती की कल्पना हम नहीं कर सकते।
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PM: एक समय था जब नॉर्थ ईस्ट और शेष भारत के बीच की अविश्वास की खाई कितनी गहरी होती जा रही थी।
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वहां की फिजिकल कनेक्टिविटी और इमोशनल कनेक्टिविटी, दोनों को लेकर गंभीर सवाल थे।लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं।
PM: आज नॉर्थ ईस्ट का अलगाव, लगाव में बदल रहा है।दशकों पुरानी समस्याएं अब समाधान की तरफ बढ़ रही हैं, हिंसा और ब्लॉकेड के एक लंबे दौर से पूरे नॉर्थ ईस्ट को मुक्ति मिल रही है।
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PM: सरदार साहब कहते थे, भारत में स्थायित्व के लिए बहुत आवश्यक है- Unity of Pupose, Unity of Aims और Unity of Endeavour. हमारे उद्देश्यों में समानता हो, हमारे लक्ष्यों में समानता हो और हमारे प्रयासों में समानता हो। pic.twitter.com/H0w42sbRCP
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PM: मैं संपूर्ण देश का आह्वान करता हूं, कि आइए हम उस पुरातन उद्घोष को याद करते हुए आगे बढ़ें, जिसने हमें हमेशा प्रेरित किया है।सं गच्छ-ध्वं, सं वद-ध्वं, सं वो मनांसि जानताम् यानि, हम सभी साथ मिलकर चलें, एक स्वर में बात करें, एक मन के साथ आगे बढ़ें।
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PM: एकता का यही वो मार्ग है जिस पर चलते हुए, एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संकल्प पूरा होगा, नए भारत का निर्माण होगा। pic.twitter.com/OAtIqPdWvx
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